You dont have javascript enabled! Please enable it! पहलवान नाजिम - Update 3 | Incest Story - KamKatha
पहलवान नाजिम - An Incest Story Written by Unique star

पहलवान नाजिम – Update 3 | Incest Story

एक सप्ताह ऐसे ही निकल गया और एक दिन जब नजमा अपने कॉलेज के लिए तैयार हो रही थी तो सलमा बोली:”

” नजमा एक काम करना तुम मुझे भी आज अपनी खाला के यहां छोड़ देना और आते हुए वापिस ले आना। काफी दिन से वो बोला रही हैं मुझे।

नजमा:” ठीक है लेकिन आप जल्दी से तैयार हो जाओ नही तो मैं लेट हो जाऊंगी।

सलमा ने जल्दी से काम खत्म किया लेकीज फिर भी 9 बज गए थे और नजमा लेट हो रही थी तो उसने कार को तेज से सड़क पर दौड़ा दिया। सलमा इतनी ज्यादा स्पीड देखकर बोली

” अरे इतनी ज्यादा तेज मन चलाओ। आराम से चलो, थोड़ी देर होगी तो कोई बात नहीं।

लेकिन नजमा उसकी सुन ही नहीं रही थी और गांव के बाहर की सड़क पर ही उसकी कार 100 की स्पीड से चल रही थी। तभी मोड़ पर सामने से एक आदमी बाइक से आया और नजमा कुछ नही कर पाई और सीधी टक्कर हुई और नजमा का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ गया और कार सामने एक पेड़ से टकरा गई।

बाइक सवार उड़ता हुआ सड़क पर गिरा और उसका सिर फट गया जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। नजमा बेहोश हो गई और जब उसकी आंखे खुली तो देखा कि लोगो की भीड़ जमा हो गई थी और जैसे ही उसकी नजर सलमा पर पड़ी तो उसके मुंह से एक चींख निकल गया क्योंकि सलमा नही बल्कि उसकी लाश पड़ी हुई थी। नजमा का रो रोकर बुरा हाल था और नाजिम भी आ गया था। सलमा को काफी चोट आई थी और गमगीन माहौल में सलमा को दफना दिया गया और नजमा को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

करीब तीन दिन के बाद जैसे ही नजमा की छूटी हुई तो पुलिस अस्पताल में ही आ धमकी और नजमा को हथकड़ी लगाई गई तो नजमा रोकर बोली

” ये सब क्यों कर रहे हो तुम? पापा  आप कुछ बोलते क्यों नही हो !!

नाजिम:” बेटी वो बाइक वाला मर गया था तो उसके घर वालों ने तुम्हारे खिलाफ केस किया है।

नजमा उसकी बात सुनकर रो पड़ी और बोली:”

” मुझे बचा लो पापा। मैने वो सब जान बूझकर नही किया। मैं जेल नही जाना चाहती हू।

लेकिन नाजिम कुछ नही कर पाया और नजमा को पुलिस आपने साथ ले गई। नाजिम बुरी तरह से टूट गया था क्योंकि उसका हंसता खेलता परिवार एक झटके में बिखर गया था। नाजिम ने मरे हुए आदमी के बारे में पता किया तो पता चला कि वो नवाब असगर का आदमी था और नाजिम को इस पूरे हादसे के पीछे साजिश का अंदाजा हुआ और उसके कदम खुद ब खुद ही नवाब साहब के घर की तरफ चल पड़े।

नाजिम को अपने घर देख कर नवाब साहब की आंखे खुशी से चमक उठी और बोले:”

” कहो नाजिम कैसे आना हुआ ?

नाजिम ने पूरी बात बताई और हाथ जोड़ते हुए बोला:”

” मेरी बेटी को बचा लीजिए नवाब साहब। आप अपने नौकर के परिवार को समझा कर ये केस वापिस करा सकते है।

नवाब साहब ने कोने में बैठी एक औरत की तरफ इशारा किया गोद में एक छोटा बच्चा था और बोले:”

” तुम्हारी बेटी की गलती की वजह से इसका पूरा परिवार बर्बाद हो गया। घर का एकमात्र कमाने वाला चला गया और तुम उसे बचाने की बात कर रहे हो।

नाजिम ने उस औरत के हाथ पैर पकड़ लिए और बोला:”

” देखो होनी को कोई नही टाल सकता था लेकिन मेरी बेटी की आगे की पूरी जिदंगी खराब हो जायेगी जेल में। तुम्हारे पति के मारे जाने का मुझे बेहद अफसोस हैं लेकिन मेरी भी बीवी इस हादसे का शिकार हुई है। तुम्हारा और तुम्हारे बच्चो का सब खर्च मैं जिंदगी भर उठाने के लिए तैयार हु। बस किसी तरह मेरी बच्ची को बचा लीजिए।

औरत रो पड़ी और बोली:”

” मुझे बेहद अफसोस हैं लेकिन अब मैं कुछ नही कर सकती। सब कुछ नवाब साहब ही करेंगे क्योंकि यही मेरे लिए सब कुछ हैं अब उनके जाने के बाद।

नाजिम नवाब साहब के सामने आ गया और बोला:”

” नवाब साहब आप बचा लीजिए मेरी बेटी को।

नवाब अंदर ही अंदर हंस पड़ा लेकिन बाहर से दिखावा करते हुए बोला:”

” मैं बचा तो लूंगा लेकिन मेरी भी कुछ शर्ते होगी। मंजूर हो तो बोलो

नाजिम को उम्मीद की एक किरण नजर आई और बोला:”

” आप कहिए मैं आपकी हर एक शर्त मानने के लिए तैयार हु।

नवाब साहब:” देखो ऐसा मत समझना कि मैं तुम्हार मजबूरी का फायदा उठा रहा हु लेकिन इसके अलावा तुम्हारे पास कोई उपाय भी नहीं है। एक तो तुम्हे हर महीने 50000 हजार रुपए इस औरत को देने होंगे।

नाजिम जानता था कि ये रकम बहुत ज्यादा हैं लेकिन उसने फिर भी हां कर दिया और फिर आगे नवाब साहब बोले:”

” दूसरी शर्त तुझे पता है नाजिम, नजमा को मेरे साथ निकाह करना होगा।

नाजिम का चेहरा सफेद पड़ गया और बोला:”

” मुझे कोई दिक्कत नही होगी अपनी बेटी की जिंदगी बचाने के लिए मैं तैयार हु लेकिन नजमा कभी इसके लिए नही मानेगी।

नवाब साहब:” जेल की कैद बहुत बुरी चीज होती है। अब नजमा से बात करोगे तो वो खुद ही घुटने टेक देगी। जाओ पहले इससे बात करो फिर मेरे पास आना।

नाजिम बिना कुछ बोले निकल और नजमा से मुलाकात हुई तो पिछले एक सप्ताह में जेल में अपने ऊपर हुए जुल्म को नाजिम को बताते बताते उसकी रूह तक कि कांप पड़ी और जैसे ही नाजिम ने उसे बाहर निकालने के लिए नवाब की बात बताई तो नजमा के पास अब कोई रास्ता नही बचा था और उसने हां कर दी लेकिन बोली:”

” मेरी भी कुछ शर्ते होगी जो नवाब साहब को माननी पड़ेगी।

नाजिम ने ये बात नवाब साहब को बताई तो नवाब साहब ने खुशी खुशी हां कर दिया और अगले ही दिन नजमा से बाहर आ गई और आजाद हवा में सांस लेते ही उसे सुकून मिला लेकिन अब उसके सामने दूसरी समस्या खड़ी हो गई थी और वो थी नवाब से शादी जो वो किसी भी कीमत पर नहीं करना चाहती थी। नवाब साहब ने भी दिमाग लगाया था और अभी नजमा सिर्फ जमानत पर बाहर आई थी और केस खत्म नही हुआ था।

एक सप्ताह के अंदर ही नवाब साहब का नजमा से निकाह  हो गया और नजमा दुल्हन बनकर नवाब की हवेली पहुंच गई।

निकाह के बाद जैसे ही रात को नवाब साहब नजमा के कमरे में आए तो नजमा बोली

” नवाब साहब आपने मेरी कुछ शर्ते मानने का वादा किया था, मैंने सुना हैं कि आप अपनी जुबान के बेहद पक्के इंसान है।  उम्मीद हैं आप अपनी बात पर कायम रहेंगे।

नवाब:” तुम मिल गई तो मुझे हर खुशी मिल गई नजमा। बोलो क्या शर्त है तुम्हारी ?

नजमा:” जब तक केस पूरी तरह से खत्म नही हो जाता आप मुझे छुएंगे भी नही क्योंकि मेरे दिमाग में एक बोझ रहेगा और मैं मुझे ये सब अच्छा नही लगेगा।

नवाब साहब के खड़े लंड पर नजमा ने पहला वार कर दिया था और नवाब उदास मन से बोला

” ठीक है नजमा, मुझे तुम्हारी ये शर्त भी कुबूल है। आगे बोलो

नजमा:” मैं चाहती हूं कि आप अगले कुछ दिनों के लिए मुझे मायके भेज दीजिए। जैसे ही केस खत्म होगा तो मैं वापिस आ जाऊंगी आपके पास।

नवाब साहब:” ठीक हैं लेकिन उसके लिए तुझे दो दिन यहीं रुकना पड़ेगा क्यूंकि नई नई दुल्हन का शादी के अगले ही दिन अपने मायके जाना हमारी नवाबी शान के खिलाफ होगा।

नजमा ने हां में अपनी गर्दन हिला दी और नवाब साहब बाहर चले गए। अगले दिन नजमा ने देखा कि एक वकील बैठा हुआ था और नवाब साहब उससे बाते कर रहे थे और बोले:”

”  एक काम करो आदिल तुम इस केस को जल्दी से जल्दी खत्म कर डालो और नजमा को इस मामले से पूरी तरह से आजाद कर दो।

आदिल:” कमाल हो गया नवाब साहब, आप तो बोल रहे थे कि केस दो साल से पहले खत्म नही होना चाहिए और एक ही रात में नजमा से ऐसा क्या जादू कर दिया कि आप बदल रहे है ?

नवाब साहब:” तुम अपने काम से मतलब रखो तुझे पैसे मिल रहे हैं इतना बहुत है।

आदिल:” आपकी बात ठीक है नवाब साहब लेकिन आपका वकील होने के नाते मैं आपको गलत सलाह कभी नही दूंगा। नजमा के चक्कर में आपका एक आदमी मारा गया और सलमा भी मारी गई। बड़ी मुश्किल से ये जाल बुना गया है और आप हो कि जाल में आई मछली को आजाद करना चाहते हों।

नवाब:”  मारा नही गया बल्कि हमने मरवाया हैं जान बूझकर, हम जानते थे कि नजमा कितनी रफ्तार से गाड़ी चलाती हैं और अपने आदमी को हम पूरे एक लाख रुपए और इलाज का खर्च देने का वायदा किए थे ताकि नजमा की गाड़ी की आगे आ सके , तुम हमे मत सिखाओ। हम जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत !! और आज के बाद ये बात कभी मत बोलना कि ये सब हमने एक साजिश के तहत किया हैं नही हो कयामत आ जायेगी।

आदिल:” ठीक हैं नवाब साहब। मैं चलता हूं और कोशिश करूंगा कि एक हफ्ते के अंदर केस को खत्म किया जा सके।

आदिल चला गया और ये सब सुनकर नजमा का खूबसूरत चेहरा गुस्से और नफरत से भर गया और उसने फोन करके ये सारी बातें नाजिम को बताई तो नाजिम का खून खौल उठा और बोला:”

” तुम फिक्र मत करो बेटी,इस नवाब का मैं वो हाल करूंगा कि उसकी रूह तक कांप उठेगी।

नजमा ने बड़ी मुश्किल से एक रात और गुजारी और अगले दिन अपने घर आ गई और अपने पापा के गले लगकर रोने लगी और बोली:”

” पापा मेरी पूरी जिंदगी इस आदमी ने खराब कर दी है।

नाजिम:” तुम चिंता मत करो बेटी, बस एक बार केस खत्म हो जाए फिर देखना मैं इसका क्या हाल करूंगा।

एक हफ्ते के अंदर केस खत्म हो गया और नवाब साहब ने साबित कर दिया कि दर असल गलती नजमा की नही बल्कि उनके आदमी की थी क्योंकि उसने शराब पी हुई थी।

जैसे ही केस खत्म हुआ तो नवाब साहब खुशी से झूम उठे और आज वो जानते थे कि आज नजमा का किला वो अपनी तोप से फतह कर लेंगे लेकिन उन्हे नही पता था कि उनके बुरे दिन शुरू हो गए थे।

नजमा ने सब सच्चाई नवाब के मरे हुए आदमी की बीवी को बताई तो उसने अपना सिर पकड़ लिया क्योंकि अब कानूनी रूप से उसका पति गलत साबित हुआ था और उसे कोई रकम आगे मिलने वाली नही थी।

नजमा:” देखो नवाब ने मेरे साथ साथ तुम्हारी और तुम्हारे बच्चो की भी जिंदगी खराब कर दी हैं। नवाब का प्लान था कि तुम्हारा पति जान बूझकर मेरी कार के आगे आयेगा और उसका ज्यादा से ज्यादा हाथ या पैर टूट जायेगा और बदले मे नवाब उसे 5 लाख रुपए देगा लेकिन हुआ उल्टा और उसकी मौत हो गई।

नजमा की बाते सुनकर वो औरत नसरीन भड़क उठी और बोली:”

” इस नवाब को मैं जिंदा नही छोड़ने वाली।

नजमा:” दिमाग से काम लो, उसे मारकर तुम्हे जेल हो जायेगी और बच्चे की जिंदगी खराब। मेरे पास एक दूसरा तरीका हैं अगर तुम मेरा साथ दो तो।

नसरीन ने तुरंत हां कर दी और नजमा ने उसे पूरा प्लान बताया तो नसरीन की आंखे चमक उठी।

 शाम को जैसे ही नवाब साहब आए तो नसरीन उनके पास गई और बोली:”

” नवाब साहब सुना है केस खत्म हो गया है आज।

नवाब साहब:” हान नसरीन, लेकिन तुझे हम कभी किसी चीज की कमी नही होने देंगे। तुम फिक्र मत करना।

नसरीन:” जी नवाब साहब, वो तो चले हो गए थे अब केस चलाकर फायदा भी क्या होता, उल्टी बेचारी नजमा बेगम परेशान ही रहती जिंदगी भर। आप तो कम से कम सुकून से तो जी सकेगी।

नवाब:” तुम तो सच में बहुत समझदार हो नसरीन।

नसरीन:” ये तो आपकी जरा नवाजी हैं नवाब साहब। वैसे एक मौके पर आपको एक सलाह दू नवाब साहब

नवाब:” हां हां बोलो ना नसरीन ?

नसरीन:” आपकी उम्र का तकाजा हैं और बेगम अभी जवान हैं तो आपको नीचा न देखना पड़े इसके लिए मेरे पास एक उपाय हैं। वैसे तो माशा अल्लाह आप अच्छे खासे ताकतवर मर्द  हैं लेकिन फिर भी आप चाहे तो मैं आपकी मदद कर सकती हूं।

नवाब साहब की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा क्योंकि वो समझ गए कि नजमा के बाद जल्दी ही नसरीन भी उनके नीचे होगी और बोले:”

” बोलो ना नसरीन।

नसरीन ने अपने सूट में हाथ डाला और ब्रा से एक गोली बाहर निकाल कर नवाब साहब की हथेली पर रख दी और बोली:”

” ये वो नुस्खा हैं जो बुड्ढे को रात भर मनचाही ताकत देता है। लेकिन इसका असर आधे घंटे के बाद शुरू होगा।

नवाब साहब ने खुशी खुशी वो गोली खाई और थोड़ी देर वही बैठ गए। आधे घण्टे के नवाब जाने उपर सीढ़ियां चढकर जाने लगे तो उनका दिमाग घूमता हुआ महसूस हुआ और जैसे ही अंतिम सीधी पर पहुंचे तो नसरीन खड़ी हुई थी और नवाब साहब उसे देखकर मुस्कुराए और आगे बढ़े तो नसरीन ने जोरदार लात नवाब साहब को मारी और किसी फुटबाल की तरह नवाब साहब उपर से लुढ़क पड़े और उनकी दर्द भरी आवाजे सुनकर सारे घर के नौकर दौड़ते हुए आए और नजमा भी आई और देखा कि नवाब साहब अल्लाह को प्यारे हो गए थे और नजमा के सुकून की सांस ली और रोने का दिखावा करने लगी।

बात फैल गई और पुलिस लाश को उठा कर ले गई और पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि सेक्सी दवा लेने के कारण नवाब साहब को नशा हुआ था और उनका पैर फिसल गया। शक की सुई नजमा पर टिकी थी क्योंकि वो ही अब नवाब साहब की सारी दौलत की मालिक थी लेकिन जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त एक मेक अप करने वाली उसके कमरे में मौजूद थी और नजमा साफ साफ बच गई।

दौलत की वारिस होने के बाद भी नजमा ने वादे के अनुसार आधी संपत्ति नसरीन के नाम कर दी और बाकी आधी घर के सभी दूसरे नौकरों के नाम और एक पैसा भी नहीं लिया खुद अपने।

करीब एक हफ्ते के बाद नजमा खुशी खुशी अपने घर की तरफ वापिस चल पड़ी लेकिन एक विधवा औरत होने का दाग उसके माथे पर लग गया था।

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