मां और मेरी शुरुआत की वो ठंडी रात – Update 3
Part – 3
मां और मैं, हम दोनों करीब 1 मिनट तक यूंही चुप चाप खड़े रहे फिर मां बोली – हम्मम, ठीक ठीक, सॉरी बेटा वो मैं भी बस …..ये सब इतनी जल्दी में हो गया के बस वो..
मैं – हां मां , बस।
मां – हम्मम, चल छोड़ ये , देख अब खिड़की खुली है, लगा तो आंटी को आवाज जरा।
मैं – हां, लगाता हूं।
मैनें आंटी को आवाज लगाई, फिर पीछे पीछे मम्मी ने भी आवाज लगाई, पर कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।
मैं – कहीं सो तो नहीं गए वो।
मैं – हो सकता है।
मां – टाइम क्या हुआ होगा अभी?
मैनें अपनी घड़ी देखी तो 11 : 17 हो रहे थे। मैनें मां को टाइम बताया तो मां बोली – अरे अब तक तो वो भी सो गए होंगे। ठंडी में तो सब ही जल्दी सो जाते हैं, वो तो तेरे पापा ने जाना था इसलिए हमें लेट हो गया सोने में , नहीं तो अब तक तो हम भी सो गए होते।
मैं – हां मां, फिर अब?
मां – अब क्या, ना फोन है, ना घर पर तेरे पापा हैं, और अब तो लगता है जब तक आंटी नहीं जगती तब तक यहीं ना रहना पड़े हमें।
मैं – हां शायद।
मां – ऊपर से ये इतनी ठंड लग रही है, मेरे तो कपड़े भी बाहर बैड पर ही पड़े थे।
मैं – हां मां, ठंड तो अब रात के साथ साथ और भी बढ़ती जाएगी।
मां – यही तो डर है मुझे, कहीं सुबह तक हमारी कुल्फी ना जम जाए, एक ये पतला सा लोअर ही डाल रखा है मैनें और उपर तो कुछ डाला भी नहीं।
मैं हंसने लगा और बोला – हां वो तो दिखा।
मां – चुप बदमाश, हम यहां फसे हैं और तु हस रहा है।मुझे तो लगता है ये मेरी जिंदगी की आखरी रात है।
मैं हंसी रोक कर – अरे क्या मां, आप भी ना, आखरी रात होगी, ऐसा क्यूं बोल रहे हो, मैं हूं ना आपके साथ, करते हैं कुछ ना कुछ।
मां – हां तु साथ है इस बात का तो मुझे ज्यादा डर है, मैं अकेली होती तो भी चल जाता। पर मेरा बेटा मेरे साथ ठंड में परेशान होगा पूरी रात इसका मुझे ज्यादा दुख है।
मैं मां के होंठों पर उंगली रख के बोला – क्या मां आप कैसी कैसी बाते करने लग गई हो एकदम ही।
मां – कैसी कैसी क्या सही तो बोल रहीं हूं, अगर तुझे इतनी ठंड में कुछ हो गया तो।
मैं – अरे मेरी प्यारी मां, कुछ नहीं होगा मुझे, आप हैं ना मेरे साथ।
मां – हम्मम, काश मैं अपने कपड़े तो कम से कम अंदर ही टांग लेती। थोड़ी ठंडी से तो बचती।
मैंने मां के ये सुनते ही अपनी सफेद टी शर्ट उतार कर मां को दी और बोला – लो मां ये डाल लो , कुछ तो फरक पड़ेगा ही इस से।
मां – पागल है तु, क्या कर रहा है, वापस पहन इसे।
मैं – अरे मां, आपका ख्याल रखना तो मेरा फर्ज है, अब चुपचाप डालो इसे , आपको मेरी कसम।
मां ने कसम का सुनके मेरे हाथ से वो टी- शर्ट पकड़ ली और बोली – ये आजाएगी मुझे?
मैं – हां ट्राई तो करो एक बार।
मां दूसरी तरफ घूमी और टॉवल उतार कर टी शर्ट डालने लगी। जैसे ही उन्होंने टॉवल उतारा उनकी पूरी नंगी पीठ मेरे सामने थी। हालांकि मैं उनके मोटे चूचों को तो एक पल के लिए पहले भी देख चुका था, पर ये उनकी गोरी पीठ के बीच से आती वो लकीर मुझे अपना दीवाना सा बना रही थी।
मां टी शर्ट डाल कर दूसरी तरफ मुंह कर कर ही बोली – ये टाइट है मुझे आगे से।
मैं – कोई नहीं मां, ठंड से तो बचाएगी ही।
मां – हा मुझे तो बचा लेगी, पर मेरे बच्चे को कौन बचाएगा।
मैं – आपको बचाया मुझे बचाया एक ही बात है मां।
मां ने टीशर्ट डाल कर फिर से ऊपर टॉवल ले लिया और मेरी ओर घूम कर बोली – इतनी समझदारी वाली बाते कब से करने लगा तू?
मैं – मैं समझदार ही हूं मां।
मां – हा हा, मेरे समझदार बेटे, अब तु ऐसे बनयान में रहेगा?
मैं – हां, फिर क्या हुआ, मुझे नहीं लगती ठंड इतनी जल्दी।
मैं – हु हु, मुझे तो ये डाल कर भी ठंड लगने लगी है और तु कह रहा है ठंड नहीं लगती।
मैं – हां मां।
मां – अब सुबह के 6-7 बजे तक ऐसे ही बाथरूम में रहना पड़ेगा लगता है, इतनी ठंडी में।
मैं – हां।
मां ने फिर साइड से वाइपर उठाया और नीचे फ्लोर को साफ करते हुए बोली – ये टाइल्स पर तो सोना भी मुश्किल है, इतनी ठंडी हैं ये।
मैं – हां , आप बैठ जाओ मां, अगर थक गई हो तो।
मां – नीचे कहां बैठूंगी बेटा अब?
मैं – अरे ये स्टूल है न छोटा सा नहाने वाला, इसपर ही बैठ जाओ।
मां – और तु?
मैं – मैं खड़ा हूं, कोई नहीं आप बैठो।
मां – नहीं नहीं, तु पागल है तूने पहले टी शर्ट भी मुझे उतार कर दे दी और अब बैठूं भी मैं, इतनी भी गंदी मां नहीं हूं मैं।
मैं – अरे क्या मां, कौन कहता है आप गंदी मां हो, आप तो दुनिया की सबसे अच्छी मां हो, चलो बैठ जाओ, थक जाओगे ऐसे तो पूरी रात।
मां – तु भी बैठ फिर।
मैं – चलो आप बैठो पहले, फिर मैं बैठता हूं।
मां स्टूल पर बैठ गई और मैं जैसे ही टाइल पर बैठा के एक सी की आवाज निकली मेरे मुंह से वो ठंडी की वजह से।
रजाई ओढ कर सोने वाली सर्दी में अगर आप कंबल ओढ कर सो जाओ तो भी ठंड से गांड फट जाती है वो भी कमरे में और यहां तो मां और मैं बाथरूम में वो भी बिना एक चद्दर के , सोचो हालत क्या हुई होगी हम दोनों की ठंड में।
अब मैं भी ठिठुरने सा लगा तो मां ने बोला – देखा कहा था ना ठंड लग जाएगी। इधर बैठ मेरी गोद में।
मैं – क्या गोद में?
मां – हां बैठ चुप चाप, पागल।
मैं मां की गोद में बैठा तो हल्का सा एक गर्माहट का एहसास सा हुआ मुझे। मां ने मेरे बैठते ही अपना टॉवल उतार कर मेरे शरीर पर लपेट दिया और बोली – ये डाल कर रख, ठंड कम लगेगी।