Update 8 C
मुझे जोरों से भुख लगी थी । मैं भोजन वाले काउंटर गया और नान वेज दबा कर खाया । खाने के बाद सिगरेट सुलगाई तभी संजय जी वहां आ गए और मुझसे वाइन लेने के बारे में पुछा तो मैंने पोलिटली ये कहकर मना कर दिया कि मैं वाइन पीता तो हूं लेकिन बहुत कम और वो भी दिन में नहीं सिर्फ रातों में ।
मैं उनसे बिदा लेकर होटल के लिफ्ट से थर्ड फ्लोर पहुंचा । वहां काफी लम्बी गैलरी थी जिसके दोनों तरफ लक्जरियस रूम बनें थे ।
मैं रूम नं ३०३ पहुंचा । दरवाजे को पूस करते ही खुल गया । श्वेता दी दरवाजे को बंद नहीं की थी ।
मैं कमरे में प्रवेश किया । श्वेता दी कमरे के बीचों-बीच रखे हुए पलंग पर लेटी हुई थी । पलंग डबल बेड का बना हुआ था जो काफी बढ़िया और गद्देदार था । कमरे के अंदर कवर्ड , ड्रेसिंग टेबल , सोफा , टेबल सब कुछ हाई क्वालिटी का था । कमरे से लगा हुआ बालकनी था जहां से होटल का फ्रंट और रोड दिखता था ।
मैं पलंग के पास गया । श्वेता दी साड़ी पहने हुए ही सो गयी थी । शायद कुछ ज्यादा ही टायर्ड थी । मैंने दरवाजा बंद किया और अपने कपड़े उतार कर शोर्ट और बनियान पहन कर बाथरूम में चला गया । बाथरूम भी काफी बड़ा और बढ़िया बना हुआ था ।
मैं फ्रेश होकर पलंग पर श्वेता दी के बगल में लेट गया । लेटे लेटे ही मैं नींद के आगोश में समा गया ।