Update 23 B.
माॅम की पीठ मेरी तरफ थी । वो किचन स्लैब के सामने खड़ी खाना बना रही थी । मैं उनके वस्त्र को देखकर बुरी तरह चौंक गया । उन्होंने वो नाइटी पहन रखी थी जो मैंने श्वेता दी के लिए लाया था । वो नाइटी उनके भरे बदन पर घुटने से थोड़ी ही उपर थी । पीछे से उनकी पीठ का साठ प्रतिशत हिस्सा खुला हुआ था । मैं उनकी गोरी अधनंगी पीठ और घुटने से नीचे नंगी पिंडलियों को देखकर भौंचक्का रह गया । इस रूप में मैंने उन्हें पहले कभी देखा नहीं था । लगता था कि जैसे कोई सेक्स की देवी खड़ी हो कर अपने जलवे बिखेर रही हो ।
वो पलटी और मुझे देखकर मुस्कराई । सामने का सीन देखकर तो मेरा कलेजा हलक तक आ पहुंचा । मेरे मुंह के साथ साथ लिंग में भी पानी आ गया ।
उनके दोनों कन्धों पर एक बारिकी सा स्ट्रिप था जो उनके दोनों बड़े बड़े सीना ताने वक्ष को बड़ी मुश्किल से सम्हाले हुए रखा था । सीने का लगभग पचास प्रतिशत उपरी हिस्सा नंगा था । मेरी आंखें जड़ हो गई । मेरी नजरें उनकी छाती से चुम्बक की तरह चिपक गई । और मेरा लन्ड खड़ा हो गया जबकि में चाची को तीन तीन बार चोद कर आया था । मैंने अपनी जिंदगी में इतनी खूबसूरत और सेक्सी गोलाईयां नहीं देखी थी ।
मैं मंत्र मुग्ध हो कर उनकी सेक्सी काया को निहारते जा रहा था ।
” खाना निकालूं ?”
उनकी आवाज सुनकर मेरी तन्द्रा भंग हुई ।
मैं उनकी आंखों में देखते हुए कहा -” वाओ ! क्या लग रही हो माॅम ।’
उन्होंने शरमाते हुए कहा -” खराब लग रही हूं ना ?”
” अरे नहीं माॅम बहुत बहुत अच्छी लग रही हो । एकदम हाॅट । क्या बोलूं , निशब्द ।”
” मजाक मत कर । एक दम गन्दी लग रही हूं , मुझे पता है ।”
” मजाक नहीं कर रहा हूं । सच बोल रहा हूं । अगर इस रूप में आपको मूवी वाले देख लें तो हिरोइन का आफर कर दें । डैड तो पागल हो जायेंगे ।”
” बकवास बंद कर । मैं खाना निकालती हूं । चल , बाहर हाॅल में बैठ । मैं खाना लेकर आ रही हूं ।”
” हाॅल में छोड़ो । यहीं नीचे बैठ कर खा लेता हूं ।”
मैं दरवाजे से अन्दर गया । हमारा किचन काफी बड़ा था । नीचे जमीन पर दो लकड़ी के छोटे छोटे तख्त थे । उनमें से एक लेकर दरवाजे के दाहिने तरफ दिवाल से सट कर बैठ गया ।
माॅम ने खाना निकाल कर मेरे आगे रख दिया और खुद भी मेरे अपोजिट एक तख्त लेकर अपना खाना लेकर नीचे बैठ गई । मेरा चेहरा किचन के अन्दर की तरफ था जबकि माॅम का चेहरा मेरी और किचन के दरवाजे की तरफ था । वो पालथी मारे बैठी थी जबकि मैं अपने दोनों घुटने खोले बैठा था ।
खाना खाते हुए ही हम बातें भी करते जा रहे थे । मैंने रीतु वाली बात बताई और ये भी बताया कि उसके साथ राहुल भी जयपुर जायेगा । वो ये खबर सुनकर खुश और निश्चित हो गई कि राहुल भी साथ में जा रहा है ।
खाना खाते समय मैं उनके खुले अंगों को चुपके चुपके निहार भी रहा था । खाने के उपरांत जब मैं हाथ धोने के लिए खड़ा होने लगा तभी मेरी नजर अपने पहने हुए तौलिए पर पड़ी । दोनों घुटने अलग करके बैठने के कारण तौलिया में एक छोटा सा गैप हो गया था । जिससे तौलिया के अन्दर मेरा लन्ड ओपन हो गया था ।
मैं हड़बड़ा कर उठा और तौलिया को एडजस्ट करते हुए वाश बेसिन भागा और जल्दी से हाथ मूंह धोकर अपने कमरे चला गया ।
मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था । माॅम ने तौलिया के अन्दर से मेरे झांकते हुए लन्ड को जरूर देखा होगा । भले ही मेरा लन्ड पुरी तरह से खड़ा नहीं हुआ हो लेकिन माॅम के सेक्सी अवतार को देखकर थोड़ा कठोर तो हो ही गया था ।
उन्होंने शर्तिया मेरा लन्ड देखा था । भले ही मैंने जानबूझ कर नहीं देखाया हो । लेकिन उन्होंने देख तो लिया ही , फिर भी उन्होंने मुझे टोका क्यों नहीं ? और यदि टोकती भी तो क्या टोकती ? कि मेरा लन्ड तौलिया के गैप से दिख रहा है । ऐसा तो वह कह ही नहीं सकती ।
और उन्होंने आज ये रिविलिंग नाइटी क्यों पहन रखी है ? उन्होंने कहा था कि मुझे ये वाहियात नाइटी पसन्द ही नहीं है । ऐसी नाइटी तो औरतें सिर्फ अपने पति या ब्वायफ़्रेंड के समक्ष पहनती हैं । फिर मेरे सामने क्यों पहनी ?
आज जो बातें चाची ने बताई थी उससे ये बात तो क्लियर हो गई थी कि मेरी गन्दी किताबें माॅम ही गायब करती थी । और गायब ही नहीं बल्कि पढ़ती भी थी । और पढ़ने के बाद उसे चाची को सौंप देती थी । चाची ने ये भी बताई थी कि उन्हीं की तरह माॅम का भी सेक्सुअल रिलेशनशिप दस सालों से नहीं हुआ है । डैड की सेक्सुअल क्षमता खत्म हो चुकी थी । उन्होंने माॅम के साथ दस सालों से सेक्स नहीं किया है ।
और जैसी किताबें वो पढ़ती थी उसमें तो वो कामाग्नि के ज्वाला से जल भुन जाती होंगी । अपनी सेक्सुअल भूख को कैसे शांत करती होंगी ? क्या हस्त मैथुन करती होंगी ? या गाजर , मूली , केले आदि का इस्तेमाल करती होंगी ।
सुन्दर और हसीं तो इतनी है कि उनके एक इशारे पर लाखों मर्द उनको पाने के लिए पागल तक हो जाएं ।
दुसरी कोई औरत होती तो मैं कब का ट्राई कर चुका होता । मगर वो मेरी माॅम है । माॅम को भले ही मैं लाख फैंटेसी करूं लेकिन हकीकत में सेक्सुअल रिलेशन बनाना आसान थोड़ी न था । माॅम के साथ सेक्स करना हवाई किले बनाने जैसा था ।
लेकिन आज जो कुछ भी हुआ था , उसमें मुझे आशा की एक किरण दिखाई देने लगी थी ।
फिर मैंने अपना दिमाग इन सब बातों से हटा कर रमणीक लाल की तरफ लगाया । मैंने उसे फ़ोन किया । उसने मुझे अभी तुरंत मिलने के लिए कहा ।
मैंने कमरे से बाहर देखा । बारिश अभी भी हो रही थी लेकिन उसकी रफ़्तार अब धिमी हो गई थी । मैंने उससे मिलने को सोचा । मगर मेरा जांघिया और गंजी दोनों अभी तक भींगा हुआ था ।
मैंने बिना जांघिया और गंजी के ही पैंट शर्ट पहन लिया और माॅम को बोलकर घर से बाहर निकल गया । बाइक तो खराब पड़ी थी और डैड अभी तक आये नहीं थे । इसलिए मैंने बस पकड़ी और रमणीक लाल से मिलने चला गया ।
रमणीक लाल से मिलने और बातें करने में काफी वक्त लग गया । जब मैं घर पहुंचा तब शाम के पांच बज गए थे । रीतु भी घर आ गई थी । माॅम ने अपनी नाइटी चेंज कर ली थी । अब वो पहली वाली पुरे शरीर को ढकने वाली नाइटी पहन रखी थी ।
बारिश बंद हो गई थी । मैं आज क्लब नहीं जाना चाहता था क्योंकि रीतु और राहुल को शोपिंग करवाना था । मैंने क्लब फोन करके आज नहीं आने की सूचना दे दी ।
छः बजे तक डैड आ गए । डैड के आने के बाद मैं रीतु और राहुल को लेकर कार से मार्केट चला गया ।
मार्केट में भी बहुत समय लग गया । नौ बजे हम लोग घर पहुंचे । फिर सभी ने खाना खाया पिया और रीतु माॅम को लेकर अपनी पैकिंग में लग गई । डैड अपने कमरे में चले गए । मैं भी ऊपर अपने कमरे में चला गया ।
मैंने अपने कपड़े चेंज किए।
एक सिगरेट सुलगाया और काजल को फोन लगाया । चार रिंग होने के बाद उसने फोन उठाया ।
” हैलो !” – काजल की आवाज आई ।
” हैलो । क्या कर रही है ?”
” खास कुछ नहीं । पैकिंग कर रही थी ।”
” हो गई पैकिंग ?”
” हूं ।”
” तुमने तो अच्छा उल्लू बनाया मुझे ?”
” मैं क्या करती भैया , मेरा जाने का एक परसेंट भी मन नहीं था लेकिन मेरी कजिन ने इतना प्रेशर किया कि क्या बोलूं ।”
” कोई बात नहीं । कजन की शादी में तुम्हें जरूर जाना चाहिए था । तुमने अच्छा डिसिजन लिया ।”
” हम्म । लेकिन हमने इतने दिनों से ‘ वो ‘ प्लानिंग किया था , वो सब गुण गोबर हो गया न ।”
” अच्छा ! हमने ‘ वो ‘ प्लानिंग किया था । वैसे क्या ‘ वो ‘ प्लानिंग किया था ?” – मैंने उसे छेड़ते हुए कहा ।
” वही ” – वो खिलखिलाती हुई बोली ।
” क्या वही ? बोल न मेरी प्यारी चहेती बहन ?”
” मेरी मुनिया से तुम्हारे मुन्ने की दोस्ती ।”
” क्या बोल रही है ? ऐसे कोड भाषा में मुझे समझ नहीं आएगा ।”
वो फुसफुसा कर कामुक स्वर में बोली -” मेरी मुनिया मतलब तुम्हारी काजल की चूत और तुम्हारा मुन्ना मतलब तुम्हारा लन्ड । समझे मेरे चोदू भाई ।”
” समझ गया मेरी चुदक्कड़ बहन । जयपुर से लौट कर आ फिर तेरी चूत फाड़ता हूं ” – मैंने अपना लन्ड सहलाते हुए कहा ।
” जरूर मेरे चोदू भाई । तुम्हारी बहन की चूत चोदू भाई के लन्ड का इंतजार करेगी । ”
” मैं भी इन्तजार करूंगा । चल अब फोन रख , कल बस स्टैंड पर मुलाकात होगी ।”
” जानते हो आज रीतु ने एक जोक सुनाई थी ।”
” कैसा जोक ?”
” सुनाऊं ?”
” सुना ।”
” एक लड़का आगरा रेलवे स्टेशन से फरीदाबाद अपने घर आने के लिए दिल्ली तक आने वाली ट्रेन में बैठा । जब वह अपने रिजर्वेशन कोच में आया तो वहां उसने एक बहुत ही सुन्दर लड़की को खिड़की के पास बैठे हुए पाया । उसका सीट उस लड़की के ठीक अपोजिट था । वो लड़की भी उसी की तरह अकेले जर्नी कर रही थी । वहां कुछ और लोग भी बैठे हुए थे । लड़का उस हसीना की खुबसूरती देखकर सोचने लगा कि काश ये लड़की मेरी गर्लफ्रेंड होती । वो उस लड़की से बातें करना चाहता था लेकिन वहां और भी कई लोग थे इसलिए वो हिम्मत नहीं जुटा पाता था । जब ट्रेन में बैठे हुए बहुत समय हो गया तो उसने सोचा क्यों न थोड़ा रिस्क ले ही लूं । वो उस लड़की का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बहुत सारी हरकतें करने लगा लेकिन ऐसे जैसे सिर्फ लड़की ही देख पाए । लड़की भी उस की सारी हरकतें देख रही थी और मन ही मन कुढ़ रही थी । ऐसे करते करते फरीदाबाद स्टेशन आ गया । लेकिन बेचारा वो लड़की से बात नहीं ही कर पाया । उसे अब वहीं उतरना था । लेकिन लड़की को अभी आगे दिल्ली तक जाना था । लड़का मन मसोस कर ट्रेन से उतर गया । वो प्लेटफार्म पर आ गया । उसने देखा वो लड़की उसी की तरफ देख रही है । लड़के ने एक बार और हिम्मत की और उस लड़की के पास जो खिड़की से बाहर देख रही थी , गया । लड़की ने उसे खिड़की से घूर कर देखा । लड़का उसके खिड़की के पास गया और बोला – ” मैडम , क्या मैं आप का नाम जान सकता हूं ?” लड़की ने गुस्से से उस लड़के को देखा और बोली – ” मेरा नाम बहन जी है ।” लड़का बेचारा दुखी हो गया । तब तक ट्रेन भी खूल चुकी थी । लड़का ट्रेन के साथ साथ चलते हुए कहा -” मैडम , आपने मेरा नाम तो पुछा ही नहीं ।” लड़की क्रोधित होकर बोली -” क्या नाम है तुम्हारा ? तो लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा – ” मेरा नाम बहनचोद है ।” लड़की गुस्से में कुछ कहती इससे पहले ही ट्रेन की गति काफी तेज हो गई ।”
मैं सुनकर भौंचक्का रह गया । रीतु ने ऐसा जोक काजल को सुनाया था । अभी मैं उसे कुछ बोलता तभी ‘ मम्मी बुला रही है ‘ कहकर उसने फोन काट दिया ।