You dont have javascript enabled! Please enable it! मां के हाथ के छाले – Update 15 | Incest Sex Story - KamKatha
मां के हाथ के छाले - Seductive Incest Sex story

मां के हाथ के छाले – Update 15 | Incest Sex Story

फिर मैं अपना ऑफिस का काम करने लग जाता हूं और बीच बीच में सोचता रहता हूं के क्या खपाक से मेरा लन्ड मां की चूत में घुस गया था और वो एहसास तो मानों जन्नत की सैर करने जैसा था। मुझमें अभी इतनी हिम्मत नहीं थी के डायरेक्ट मां के पास जाऊं और उन्हें घोड़ी बनाकर चोदना चालू कर दूं। मां भी गर्म हो रही थी ये तो मुझे पता था पर मैं श्योर नहीं था के वो मुझसे चूदवा भी लेंगी। मैंने सोचा अभी जैसे चल रहा है चलने देता हूं और सही मौका मिलने पर चूत का बंदोबस्त भी हो जाएगा। फिर यूंही काम में गुम हो गया और जब 4 बजे मेरा टी ब्रेक हुआ तो मैं अपने कमरे से निकल चाय बनाने के लिए किचन की ओर बढ़ा तो सोचा एक बार मां से भी चाय का पूछ लूं।
जैसे ही मैं मां के कमरे के पास गया और अंदर देखा तो मां मेरा उतारा हुआ अंडरवियर जो मैं जल्दबाजी में उनके बिस्तर पर छोड़ आया था उसे लेकर आखें बंद कर सूंघ रही थी और सिसकियां ले रही थी। ये देखकर तो मैं हैरान ही हो गया और वहा उन्हें ऐसा करते देख अपना लन्ड निकाल कर हिलाने लगा। इधर मेरी लोडू किस्मत ने फिर साथ ना दिया और मां का फोन बज उठा। मां फोन उठा कर बाते करने लगी और उनकी बातों से पता चल गया के ये फोन पापा का था। मैं सीधा किचन में गया, चाय बनाई और चाय लेकर सीधा अपने रूम में जाकर काम पर लग गया। जब शाम के 6 बजे तो मैनें डेली की तरह लैपटॉप बंद किया और थोड़ा स्ट्रैच करता हुआ कमरे से बाहर निकला। मुझे देख मां बोली : हो गया काम खत्म बेटा?
मैं: हां मां
मां : बेटा तेरे पापा का दोबारा कॉल आया था, कपड़े के लिए बोल रहे थे के अगर नए लेने हों तो ले आना कल शादी के लिए।
मां : मेरे पास तो है मां, चल जाएगा मेरा तो
मां : पर मेरे पास तो नहीं है ना बेटा कोई नई साड़ी।
मैं: तो लेलो मां, इसमें क्या प्रोब्लम है।
मां : हां, तु चलेगा क्या मेरे साथ शॉपिंग पर अभी?
मैं: वो सब तो ठीक है मां पर पहले आप ये बताओ के आपके छाले कैसे हैं ? शादी पर जा भी पाओगी आप इसके साथ या नहीं?
मां अपना हाथ आगे बढ़ाकर : नहीं बेटा, अब तो ठीक हो चुके हैं, देख तो। मैनें खुद दोपहर में ट्यूब भी लगाई थी इसपर।
मैं: चलो अच्छा है मां।
मां के छाले अब काफी हद तक ठीक हो गए थे।
फिर मां बोली : चले अब?
मैं: ठीक है मां, मै चेंज करलू फिर चलते हैं।
मां : हां करले, और मुझे भी करवा देना फिर
मैं: मां, अभी तो आपने कहा के छाले ठीक हो गए हैं, फिर चेंज मैं करवाऊ मतलब?
मां : अरे बेटा ठीक तो हो गए हैं काफी हद तक पर अगर अभी इनपर ज्यादा दबाव डालूंगी तो ये निशान छोड़ देंगे मेरे हाथों पर। इसलिए कह रही हूं। बस आज आज मदद करदे फिर कल से तो मैं खुद ही कर लूंगी सब।
मैं: ऐसी बात नहीं है मां, मैं तो बस वैसे ही पूछ रहा था आपसे। आपका बेटा हूं, आप भले जब मर्जी किसी भी चीज में मुझे मदद के लिए कह सकती हैं, मैं कभी मना थोड़ी ना करूंगा आपको।
मां : थैंक्यू बेटा।
मैं: ठीक है मां, मै आया चेंज करके तब तक आप अपने कमरे में चलिए फिर आपके भी कपड़े चेंज करवा देता हूं।
मां : ठीक है बेटा।
मैं अपने कमरे में चेंज कर के मां के कमरे में गया और फिर उनके कहने पर अलमारी खोली और एक लाइट कलर की साड़ी निकली और एक रैड कलर का ब्लाउज। फिर मैंने मां से कहा : मां, साड़ी क्यूं डाल रही हो आज?…सलवार या पजामी क्यूं नहीं?
मां : बेटा बस अभी डाल दे, बाद में तुझे बताऊंगी।
मैं: ठीक है मां।
मैनें फिर उनकी पुरानी सलवार कमीज उतार कर पहले ब्लाउज डाला फिर उनके कहने पर साड़ी डालने लगा। साड़ी डालना मुश्किल होता है सूट के मुकाबले क्युकी उसमे चुन्नटे टाइप बनानी पड़ती है ये मुझे उन्हें डालते डालते समझ आया। फिर जैसे तैसे करके उन्हें
साड़ी पहना दी और फिर हम दोनो कार में बैठ गए।
मां थोड़ा चुपचाप अपने ख्यालों में खोई थी फिर बोली : बेटा, वो मैं कपड़े लूंगी तो दुकान वाला तुझे ट्रायल रूम में मेरे साथ जाने तो नही देगा ना?
मैं: क्या? आप मुझे ट्रायल रूम में लेकर जाना चाहती हैं?
मां : अरे ट्राई तो करने पड़ेंगे ना, और मैं खुद अभी ना डाल पाई इन छालों की वजह से तो?
मैं: ठीक है मां, मैं चल पडूंगा आपके साथ
मां : हां तु तो चलेगा ही बेटा पर वो दुकान वाले को केसे समझाऊंगी? ये सोच रही हूं मैं

इतने में मैं सोच के बोला : मां, ऐसा करते हैं मॉल चलते हैं, वहा पर ट्रायल रूम में घुस जाएंगे, वहां कोई इतना ध्यान नहीं देता।
मां : हां ये ठीक रहेगा।
फिर हम एक मोल में पहुंचे और मैनें मां से कहा : मां, क्या क्या समान लेना है आपको?
मां : सबसे पहले तो एक साड़ी शादी के लिए।
मैं: ठीक है।
फिर हम एक साड़ियों वाली शॉप पर गए और वहां काफी साड़िया देखने के बाद मां को एक साड़ी पसंद आई जिसमे गोल्डन कलर का ब्लाउज और रैड कलर की सितारों से सजाई एक साड़ी और उन्होंने वो फाइनल कर दी। मैंने सोचा मां तो कह रही थी के ट्राई करेगी पर ये तो की ही नहीं और मैं अपनी किस्मत को कोसने लगा के मां बोली : चल बेटा अब, एक जरूरी सामान लेना है। फिर हम कुछ खाने का लेकर घर चलेंगे।
मैं: ठीक है मां।
मां मुझे एक अंडरगार्मेंट्स की शॉप पर ले गई और वहां से उन्होंने एक ब्लैक हल्के से प्रिंट वाली ब्रा और पैंटी का सैट चूज किया और बोली : कैसी लग रही है ये?
मैं: अच्छी है मां।
मैं: मां, आपने तो कहा था के ट्राई करोगी आप, पर आपने तो साड़ी ट्राई ही नहीं की।
मां : अरे बुद्धू वो ब्लाउज मेरे माप का ही था और नीचे से तो साड़ी ढीली टाइट अपने हिसाब से बांध ही सकते हैं इसलिए ट्राई करने की जरूरत ही नहीं पड़ी। और वो तो बस मैंने काफी वक्त से पैंटी नहीं ली ना कोई तो हिप्स का साइज मुझे कन्फर्म नहीं है के पहले वाला ही आ जाएगा या थोड़ा बड़ा लेना पड़ेगा। ब्रा तो मैंने लास्ट मंथ ही लिया था इसलिए उसके साइज का कोई दिक्कत नहीं है मुझे।
मैं: ठीक है मां।
मां ने वो सेट पे साइज देखा और बोली : देख बेटा ब्रा तो ये मुझे आ जाएगी बस इस पैंटी का कन्फर्म करलूं ट्राई करके।
फिर हम दोनो ट्रायल रूम की तरफ गए और वहा एक लड़की खड़ी थी स्टाफ में से, मां उसे देख मुझे बोली : अरे यार, ये अब सवाल करेगी अगर तू साथ गया तो।
मैनें कुछ सोचा और मां का हाथ पकड़ के उन्हें अंदर ट्रायल रूम में ले जाने लगा। मां शोक हो गई। और जैसे ही उस लड़की ने मुझे कहा : सर…
मैंने तुरंत बोला : Hi, She’s my girlfriend. If you don’t mind can we go together. Actually she has blisters in her hand & unable to try ..so We just want to confirm the size…
उसने मां के हाथ पर थोड़े से बचे हुए छाले देखे और बोली : ओके सर।
मां और मैं अंदर आए और मैंने जैसे ही कुंडी लगाई मां खुश होकर मुझे हग करते हुए बोली : वाह मेरे सोनू जी, छा गए आप तो।
मैं हसने लगा और मां फिर बोली : अच्छा जी, अब मुझे दूसरे के सामने भी गर्लफ्रेंड बना लिया गया है…
मैं: मां आप हो ही मेरी प्यारी सी गर्लफ्रेंड
मां : चुप बदमाश कहीं का।
फिर मां ने कहा : अच्छा सुन, ये पैंटी पकड़।
मुझे पैंटी पकड़ाकर मां ने हल्के हाथों से अपने गोरे बदन पर पहनी उस लाइट सी कलर की साड़ी को ऊपर उठाया और मेरी तरफ गांड़ करके बोली : बेटा, डालियो ये पैंटी, देखूं तो फिट आती है या गांड़ और मोटी हो गई है मेरी?
इस पर मां और मैं हसने लगे और मैनें मां को नीचे बैठकर वो पैंटी डाली और मां शीशे की तरफ घूम कर खुद को देखने लगी और फिर मेरी तरफ गांड़ कर बोली : कैसी लग रही है बेटा?
मैं गांड़ को उस नई पैंटी में देखकर : मस्त है मां, पैंटी भी और…
मां : और क्या?
मैं: कुछ नहीं
मां : अरे बोल ना
मैं: मेरी गर्लफ्रेंड की गांड़।
मां हंसते हुए : चुप कर बदमाश, वो बाहर खड़ी ने सुन लिया ना तो क्या सोचेगी मेरे बारे में।
मैं: यही सोचेगी के एक गर्लफ्रेंड और ब्वॉयफ्रेंड रोमांस कर रहे हैं अंदर।
मां : अच्छा जी, मेरे बेटे को रोमांस भी करना आता है।
मैं: और नहीं तो क्या मां।
मां फिर पैंटी देख कर बोली : उतार दे बेटा अब
मैं: मां इसे डाल कर ही चलो ना घर।
मां हंसते हुए गुदगुदाने लगी और बोली : अरे बुद्धू ये डाल के निकली ना तो बाहर गेट पर पकड़ लेंगे और फिर कहीं मेरी गांड़ में बीप बीप की आवाज ना आने लगे इसपर लगे टैग से।
इसपर हम दोनो हसे और मैंने उनकी वो पैंटी उतारी और साडी नीचे कर के हम बाहर आ गए और हमे मुस्कुराता देख वो स्टाफ गर्ल भी मुस्कुराने लगी और बोली : ठीक है सर ये?
मैं: हां, पैक कर दीजिए।
मां : नहीं नहीं सुनिए।
स्टाफ गर्ल : जी, क्या हुआ मैम?
मां : ये ना पीछे से थोड़ी बड़ी है, मतलब मुझे वो इस में थोड़े छोटे स्ट्रैप वाली चाहिए जो कम हिप्स कवर करे… सेम डिजाइन में।
स्टाफ गर्ल : ओके मैम, मैं चेक करती हूं।
जैसे ही स्टाफ गर्ल गई मैं मां से : वाह, मेरी गर्लफ्रेंड को कम हिप्स कवर करने वाली पैंटी चाइए और अभी भले बिना हिप्स कवर किए क्यूं ना घूम रही हो।
मां और मैं फिर मुस्कुराने लगे और फिर वो लड़की आई और बोली : मैम ये देखिए जरा, ये स्मॉल स्ट्रैप में है सेम साइज, कम हिप्स कवर करेगा..क्या ये चलेगी?
मां : इसपर डिजाइन नहीं है वो
स्टाफ गर्ल : जी मैम, एक्चुअली प्रिंट में फिलहाल ब्लैक का एक ही पीस पड़ा है, आप ये ले लीजिए ये भी अच्छी लगेगी, आप ट्राई कर सकती हैं दोबारा चाहो तो।
मां : नहीं नहीं ट्राई की कोई बात नहीं, आप ये स्मॉल स्ट्रैप वाला सैट पैक कर दीजिए।
मैं उस लड़की के सामने मां का ब्वॉयफ्रेंड बनने की एक्टिंग करते बोला : अरे कर लो बेबी ट्राई, इसी बहाने हमे थोड़ा और रोमांस करने का मोका मिल जाएगा
मां शर्मा गई और वो लड़की हसने लगी और फिर मां बोली : पैक कर तो आप, ये तो पागल है।
मैं: हां , बेबी आपके प्यार ने पागल कर दिया है मुझे।
स्टाफ गर्ल फिर हस्ती हुई चली गई ओके बोलकर
इधर मां मुझे नकली का गुस्सा दिखा कर : पागल है तु बिलकुल ही…ज्यादा मस्ती सूझे रही है तुझे बच्चू।
फिर हमने काउंटर पर बिल पे किया और बाहर से खाना पैक करवाकर घर आ गए।

Please complete the required fields.




Leave a Comment

Scroll to Top