You dont have javascript enabled! Please enable it! बैलगाड़ी – Pariwar Me Sex Story | Update 144 - KamKatha
बैलगाड़ी - Pariwar Me Chudai Ki Kamuk Gatha

बैलगाड़ी – Pariwar Me Sex Story | Update 144

जब से हरियाने अपनी बीवी को  अपने हीं बेटे के साथ रंगरेलियां मनाते हुए देखा हे तबसे हरिया का मन किसी काम में नहीं लगता था वह जल्द से जल्द अपनी छोटी बहन गुलाबी और अपने बेटे राजू का विवाह कर देना चाहता था ताकि दोनों अपने-अपने रास्ते लगे रहे,,,,,, हरिया अपनी बीवी मधु से बेहद प्यार करता था,,,, हरिया को अपनी बीवी पर बहुत भरोसा था लेकिन उसका भरोसा चकनाचूर हो चुका था,,,, जिसके पीछे वह अपने आप को ही इसका जिम्मेदार समझता था अगर वह अपनी छोटी बहन के साथ ऐसा ना करता है और राजू ने अपनी आंखों से सपना देखा होता तो शायद ऐसा कुछ भी नहीं होता लेकिन हरिया को अपने बेटे राजू पर उसकी हरकत पर हैरानी हो रही थी क्योंकि राजू इस तरह का लड़का बिल्कुल भी नहीं था हरिया अपने बेटे को बहुत ही सीधा समझता था ,,,, वो कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था कि उसका बेटा इस तरह की हरकत करेगा और वह भी अपनी ही मां के साथ और बाकी अपने ही बाप के साथ मिलकर अपने बाप को उसके किए के बदले में अपनी ही मां के साथ रंगरेलियां मनाने की शर्त रखेगा ,,,,लेकिन कुछ महीनों से राजू का ओहदा बढ़ चुका था जमीदार की संगत में उसका व्यक्तित्व बदलने लगा था उसका बड़े लोगों के साथ उठना बैठना हो गया था और इसी के चलते उसके अंदर इतना बड़ा बदलाव आ गया था,,,,,, लेकिन अब हरिया के पास सोचने के सिवा और कोई रास्ता नहीं था एक बार मर्यादा की दीवार गिर जाए तो फिर उसे खड़ी करने का कोई फायदा नहीं होता वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी पीठ पीछे अब राजू रोज उसकी मां की चुदाई करेगा और राजू के मोटे तगडे लंड को पाकर मधु भी पीछे हटने वाली नहीं थी,,,,,

यह सब सोचकर हरिया जल्द से जल्द दोनों के हाथ पीले कर देना चाहता था जोड़ों का विवाह कर देना चाहता था ताकि दोनों अपने अपने साथी के साथ व्यवस्त रहे,,, यही सब सोचता हुआ हरिया रेलवे स्टेशन के सामने बड़े पेड़ के नीचे अपनी बैलगाड़ी लेकर बैठ कर बीड़ी पी रहा था कि तभी पीछे से आवाज आई,,,,

अरे हरिया चाचा,,,,,,

(इतना सुन पीछे मुड़ कर देखने लगा तो उसे वह इंसान परिचित लगा )

अच्छा हुआ चाचा तुम नहीं मिल गए नहीं तो मैं तुम्हारे घर आने वाला था,,,

क्यों क्या हुआ,,,,?

अरे मैं तुम्हारे बेटी के ससुराल से ही आ रहा हूं,,,,

सब कुशल मंगल तो है ना,,,,,

अरे चाचा सब कुशल मंगल है ऐसी खबर लाया हूं कि सुनकर उछल पडोगे,,,,,,,

ऐसी कौन सी खबर लेकर आए हो,,,,

पहले समोसे और जलेबी खिलाओ तब बताऊंगा,,,,

अरे पहले बता तो सही,,,,

नहीं नहीं चाचा ऐसा बिल्कुल भी नहीं मैं जो खबर लाया हूं उसे सुनने के बाद तुम खुद ही मेरा मुंह मीठा करवा दोगे लेकिन मैं चाहता हूं कि जलेबी और समोसा खाते खाते तुम्हें यह  खबर बताऊं,,,,

चल अच्छा तू ऐसे मारने वाला नहीं है,,,(इतना कहने के साथ ही हो अपनी बैलगाड़ी पर से नीचे उतर  गया और ठीक स्टेशन के सामने ही चाय और समोसे की दुकान पर लेकर गया और बाहर बड़े से पत्थर पर बैठ गया,,,,, हरिया कुछ कहता है इससे पहले ही वह खुद दो दो समोसे और थोड़ी सी जलेबी लेकर हरिया के पास बैठ गया और हरिया की तरफ समोसा बढ़ाते हुए बोला,,,)

अरे चाचा तुम तो नाना बन गए,,,,

क्या यह तु क्या कह रहा है,,,(एकदम से चौक ते हुए हरिया बोला)

हां चाचा मैं बिल्कुल सच कह रहा हूं,,,(समोसे को दांत से काटते हुए बोला)

तू मजाक तो नहीं कर रहा है ना,,,,

नहीं चाचा मैं भला कैसे मजाक कर सकता हूं मैं अपनी आंखों से देख कर आ रहा हूं,,,, दीदी दो बच्चों को एक साथ जन्मदिन है और दोनों लड़के ही हैं,,,,

(इतना सुनते ही हरिया अपनी जगह से एकदम से खड़ा हो गया और उसके कंधों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर एकदम खुश होते हुए बोला)

सच बता तू झूठ तो नहीं बोल रहा है ना,,,,

मां कसम चाचा दीदी के ससुराल वालों ने ही मुझे यह खबर तुम्हारी तक पहुंचाने के लिए कहे हैं और परसों पूजा-पाठ रखे हैं इतनी जल्दी वहां से कोई आ नहीं सकता था इसलिए,,,, मुझे यह संदेश पहुंचाने के लिए बोले हैं और खुद ना सकने के लिए माफी भी मांगे हैं,,,,

तू  नही जानता कि तूने कितनी  बड़ी खुशखबरी सुना दिया है,,,, तेरी चाची यह खबर सुनेगी तो खुशी से झूम उठेगी,,, मैं सबसे पहले खबर मधु को सुनाता हूं,,,,(हरिया इतना खुश हो गया था वह तुरंत अपनी बैलगाड़ी की तरफ भागा तो उसे पीछे से आवाज देता हुआ वह बोला)

अरे  चाचा पैसे तो चुकाते जाओ,,,,,

(इतना सुनते ही हरिया वापस आया और अपने धोती में से पैसे निकाल कर उसे दुकान वाले को जल्दी से देकर भागता हुआ बैलगाड़ी पर चढ़ गया और बैलगाड़ी को घर की ओर हांक  दिया,,,,, हरिया बहुत खुश था अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बेटी के पांव भारी नहीं हो रहे थे और आज यह खबर सुनकर उसके सीने से बहुत बड़ा बोझ उतर गया था वरना वह अपनी बेटी के बारे में बहुत चिंतित था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसके ससुराल वाले उसे छोड़ ना दे,,,,, लेकिन अब सब कुछ सही हो गया था हरिया के चेहरे पर मुस्कुराहट बनी हुई थी वह जल्द से जल्द घर पर पहुंचाना चाहता था और यह खबर अपनी बीवी को सुनाना चाहता था,,,,

गांव जब 1 किलोमीटर जितना रह गया तब से गांव का ही अकादमी गाय भैंस को घर की ओर ले जाता दिखाई दिया जिसके चलते हरिया को बैलगाड़ी धीमी करनी पड़ी और धीमी करते हुए हरिया उस आदमी से बोला जिसे वह अच्छी तरह से जानता था,,,)

अरे जल्दी से अपनी गाय भैंस हटाओ मुझे जल्दी से घर पहुंचना है,,,,

अरे हरिया कहां तुझे इतनी जल्दी बाजी हो गई अब तो तेरे ठाठ है अपना राजू तो दिन दुगुनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहा है,,,,,

हां वह सब तो ठीक है लेकिन अभी रास्ते से हट जाओ मुझे जल्दी जाना है,,,,

अरे घर जाकर क्या करोगे, भाभी और राजू तो गोदाम की तरफ गए हैं,,,,,,

गोदाम की तरफ,,,,

हां और अपना राजू तो घुड़सवारी करने लगा है,,,,,

घुड़सवारी,,,,

हा हरिया,,,, राजू घोड़े पर बैठकर जा रहा था और भाभी पैदल जा रही थी,,,,,

(हरिया एकदम से सोच में पड़ गया इतनी दोपहर में आखिर राजू और उसकी मां गोदाम पर क्या करने जा रही हैं,,,,, पल भर में ही हरिया एकदम से क्रोधित हो गया वह अपने मन में सोचने लगा कि एक बार छूट मिल जाने की वजह से दोनों लाज शर्म छोड़कर बस चुदाई कर रहे हैं,,,,,,, हरिया का मन एकदम व्यथित हो गया था उसे अपने बीवी और बेटे से इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी उसका दिल टूट गया था वह अपनी बीवी को खुशखबरी सुनाना चाहता था लेकिन यह खबर सुनकर उसका होश एकदम से ठिकाने आ गया था,,,,, वह घर पर बेल गाड़ी ले जाने के बजाए गोदाम की तरफ बैलगाड़ी को घुमा लिया और उसी रास्ते से जाने लगा जिस रास्ते से उन दोनों के जाने की शंका थी वह देखना चाहता था कि आखिरकार इतनी दोपहर में वह दोनों कर क्या रहे हैं,,,,,,,, थोड़ी दूर पहुंचने पर हरिया अपनी बैलगाड़ी को सड़क के बीचो-बीच रोककर बेल गाड़ी के पहिए में से घुंगरू को निकालने लगा क्योंकि वह नहीं चाहता था कि उसके आने की भनक दोनों को हो,,,,,।

चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ घनी झाड़ियां फैली हुई थी ऐसा लग रहा था कि मानो किसी जंगल से गुजर रहा हो बेल गाड़ी के पहिए में से घुंगरू को निकाल देने के बाद अब दोनों भाइयों मैसेज और बिल्कुल भी नहीं हो रहा था और हरिया धीरे-धीरे बैलगाड़ी को आगे बढ़ा रहा था,,,,,

Jhadiyo me bhagti huyi

वह आगे बढ़ते हुए भी चारों तरफ नजर घुमाकर देख रहा था क्योंकि वह जानता था कि वह अपनी मां को अगर गलत इरादे से ले जा रहा है तो गोदाम पर बिल्कुल भी नहीं ले जाएगा क्योंकि गोदाम पर मजदूर लोग काम करते रहते हैं उसे इतनी तो आशंका थी कि राजू जरूर अपनी मां को घने जंगल जैसी जगह पर ही ले गया होगा इसलिए हरिया चारों तरफ नजर दौड़ा कर बैलगाड़ी को आगे बढ़ा रहा था कुछ दूर जाने के बाद उसे जैसे ही घोड़ों की टॉप सुनाई दी वह तुरंत बैलगाड़ी को एकदम से रोक दिया और बैलगाड़ी से धीरे से नीचे उतर गया और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा घनी झाड़ियों को अपने दोनों हाथों से हटाकर जब सामने खुले मैदान में देखा तो उसके होश उड़ गए,,,,, इस तरह के नजारे कि उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था उसने जो देखा उसे देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और उसकी खुद की धोती में सुरसुराहट होने लगी,,,,।

उसने देखा कि उसकी बीवी मधु अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी दौड़ रही थी और उसके पीछे पीछे राजू अपना घोड़ा दौड़ा रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे मधु उस घोड़े वाले से बचने की कोशिश कर रही हो लेकिन जिस तरह से दौड़ रही थी उसे दौड़ता हुआ देखकर पल भर में ही हरिया का लंड खड़ा हो गया था क्योंकि उसने आज तक अपनी बीवी को इस तरह से नगना वस्था में दौड़ते हुए नहीं देखा था,,,, जिस तरह से मधु दौड़ रही थी उसकी बड़ी बड़ी गांड की दोनों फांके पानी भरे गुब्बारों की तरह उछल रही थी,,,, हरिया अपने आपको घनी झाड़ियों के पीछे छुपा कर उस दृश्य को देखने लगा,,,,, जंगल जैसी जगह में घनी झाड़ियों के बीच छोटे से मैदान में जोकि हरी हरी घास से फैली हुई थी उस पर राजू गोल गोल घोड़ा दौड़ा रहा था और उसके आगे आगे मधु दौड़ रही थी अभी तक हरिया ने अपनी बीवी को पीछे से दौड़ता हुआ देखा था उसकी मदमस्त कर देने वाली गोल-गोल गांड को देखकर इस तरह के हालात में भी हरिया का मन उत्तेजना से भर गया था यह जानते हुए भी कि उसकी बीवी अपने ही बेटे के साथ गलत आचरण कर रही है उसका साथ दे रही है फिर भी ना जाने क्यों इस दृश्य में इतनी कामुकता भरी हुई थी कि हरिया सब कुछ भूल गया था,,,,, थोड़ी ही देर में हरिया को मधु आगे से दौड़ती भी नजर आने लगी आगे से देखने पर हरिया की नजर उसके दोनों दशहरी आम पर गए तो उसके होश उड़ गए उसकी बीवी की चूची एकदम कसी हुई थी जो कि तोड़ने की वजह से एकदम से फाट फाट कर रही थी ऐसा लग रहा था कि मानो किसी भी वक्त मधु की छातियों से उसकी दोनों चूचियां टूट कर नीचे जमीन पर पके हुए आम की तरह गिर जाएंगी,,,,,, और दोनों टांगों के बीच की जगह तो एकदम क़यामत लग रही थी जोकि दौड़ने की वजह से आपस में गुलाबी फांके रगड़ खा रही थी,,,,,, इस दृश्य को देखते-देखते थोड़ी ही देर में उसके कानों में उन दोनों की आवाज सुनाई देने लगी,,,

बस कर  राजू मैं थक गई हूं मुझे मालूम होता कि तू यहां पर लाकर मेरे साथ यह सब करेगा तो मैं कभी नहीं आती,,,,,

Raju is tarah se apni man Ko uthakar ghode per bithata hua

क्या करूं मैं तुम्हें नंगी देखने का मन कर रहा था लेकिन तुम नंगी होने के बाद स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा दिखती हो एकदम खूबसूरत तुम्हारी गोल-गोल बड़ी बड़ी गांड देखकर तो देख रही हो मेरा,,,(पजामे के ऊपर से ही लंड को पकड़ते हुए) लंड खड़ा हो जा रहा है,,,

अरे लंड खड़ा हो जा रहा है तो मेरी बुर में डालकर शांत हो जा किस तरह से मुझे क्यों दौड़ा रहा है,,,,

तुम भागते हुए बहुत खूबसूरत लगती हो,

वह भी बिना कपड़ों के ना,

हां मैं सच में मैं कभी सोचा नहीं था कि तुम बिना कपड़ों के भागते हुए और भी ज्यादा खूबसूरत लगोगी यही देखना चाहता था इसलिए तो मैं तुम्हारे सारे कपड़े उतार कर तुम्हें नंगी कर दिया,,,,

चल चल अब बहुत हो गया अब मैं जा रही हूं अपने कपड़े पहनने मुझे नहीं लगता कि तू कुछ कर पाएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही मधु अपने उतारे हुए कपड़ों की और आगे बढ़ने लगी है या यह सब सुनकर और देखकर दम हैरान हुआ जा रहा था अपनी बीवी की बात सुनकर कि अब तो से कुछ होने वाला नहीं है हरी एकदम हैरान हो गया था वह समझ गया था यह तो सीधे-सीधे एक जवान लड़के को बहका ने वाली उसका जोश बढ़ाने वाली बात है इसका मतलब है कि मधु खुद चाहती है कि उसका बेटा अपना मोटा लंड उसकी बुर में डालकर उसे चोदे,,,,,, यह सब अपने मन में सोच कर  हरीया एकदम से हैरान हो गया,,,,,

वह अपनी बीवी और अपने बेटे की बेशर्मी देख रहा था वह कभी सोचा नहीं था कि दोनों इस कदर वासना के सागर में डूब जाएंगे कि उन्हें अपने बीच के रिश्ते के बारे में भी बिल्कुल भी ख्याल नहीं होगा,,,,, हरिया का मन कर रहा था कि उन दोनों के बीच जाकर उन दोनों की बेशर्मी पर उन दोनों को खूब गाली दे उन्हें भला-बुरा कह लेकिन ऐसा कर सकने की उसने हिम्मत बिल्कुल भी नहीं थी वह ना जाने क्यों इस दृश्य का आनंद लेते हुए घनी झाड़ियों के बीच छुपा रहा और अपने कपड़ों की ओर जा रही मधु मुस्कुराते हुए बड़े गौर से राजू देख रहा था और जैसे ही व कपड़ों के करीब पहुंचने वाली थी वह तुरंत अपने घोड़े को आगे बढ़ा दिया और जैसे ही वह कपड़ा उठाने के लिए झुकती राजू तुरंत उसके करीब पहुंच गया उसका एक हाथ पकड़ कर उसे जल्दी से उठाकर घोड़े पर बैठा दिया ऐसा करने में उसे पल भर की भी देरी नहीं लगी थी लेकिन अगले ही पल मधु एकदम से हैरान हो गई थी,,,, अपने बेटे की ताकत पर उसे गर्म होने लगा था राजू ने उसे घोड़े पर इस तरह से बैठाया था कि उन दोनों का मुंह आमने-सामने था दोनों एक दूसरे को देख रहे थे मधु एकदम नंगी थी और राजू अभी भी कपड़ों में था वह बड़े से पेड़ के नीचे घोड़े को रोक दिया था यह दृश्य झाड़ियों के पीछे छुप कर हरिया देख रहा था अपनी बीवी को अपने ही बेटे के साथ घोड़े पर नंगी देखकर एक तरफ हरिया का खून खोल रहा था लेकिन दूसरी तरफ ना जाने कैसी कशिश थी कि वह इस दृश्य को अपनी आंखों से देखने पर मजबूर हुआ जा रहा था,,,,,,

Ghode per bithakar apni man ke sath masti Karta hua Raju

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राजू अपनी मां के खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों की हथेली में लेकर उसके लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रख दिए और से चुंबन करने लगा घोड़ा धीरे-धीरे उधर उधर हो रहा था और इधर उधर होते होते वह धीरे-धीरे हरिया के ठीक सामने जाकर खड़ा हो गया था तकरीबन 1 मीटर की दूरी पर जहां पर हरिया को सब कुछ साफ नजर आ रहा था एकदम साफ,,,,, मां बेटे दोनों के चुंबन को देखकर हरिया का दिमाग काम करना बंद कर दिया था हरिया की एक गलती की सजा उसे बार-बार मिल रही थी,,,,,, थोड़ी ही देर में चुंबन खत्म करके अपनी मां की आंखों में देखते हुए राजू बोला,,,,

तुम दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत तुम्हें चोदना किस्मत की बात है और इस समय मेरी किस्मत मुझ पर मेहरबान है तभी तो तुम एकदम नंगी मेरी गोद में हो,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां के दोनों दशहरी आम पर रख दिया और उसे जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया ऐसा करने से मधु के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी वह तड़प रही थी अपने बेटे के लंड से मिलन के लिए इसलिए भाभी बेशर्मी दिखाते हो अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के लंड को उसके पजामे में से बाहर निकालने लगी,,, और देखते ही देखते हैं उसे अपने हाथों से बाहर निकाल ली,,,, और  उसे बड़े प्यार से मुठीयाने लगी,,,और मादकता भरे स्वर में बोली,,,,)

सहहहहह राजू तेरा तो एकदम तैयार हो गया है,,,,

तुम्हारी बुर भी तो पानी छोड़ रही है,,,,,

तो देर किस बात की है मेरे बेटे,,,,, डाल दे अपने लंड को मेरी बुर में,,,,,

ओहहहहह मां,,,,,,(इतना कहते ही अपनी मां की इजाजत पाते हैं राजू तुरंत अपने दोनों हाथों से अपनी मां की कमर को पकड़ा और उसे हल्के से उठाकर घोड़े के ऊपर ही अपनी खड़ी लेने पर उसे बिठाने लगा एक हाथ से अपने बेटे के कंधे का सहारा लेकर दूसरे हाथ को नीचे की तरफ ले जाकर मधु अपने बेटे के लंड को पकड़ ली और,, उसे अपनी बुर के मुहाने पर लगाने लगी और देखते ही देखते अपनी भारी-भरकम गांड का दबाव अपने बेटे के लंड पर बढ़ाते हुए उसका पूरा का पूरा लंड अपनी बुर के अंदर ले ली,,,, यह देखकर हरिया एकदम से आश्चर्यचकित रह गया क्योंकि वह अपनी आंखों के सामने अपनी बीवी का रंडी बन देख रहा था इतनी खुलकर तो वह कभी उसका साथ नहीं देती जितना कि अपने बेटे का दे रही थी और वह भी घोड़े के ऊपर बैठकर दोनों वासना में इतने अंधे हो गए थे के नीचे उतर कर काम क्रीड़ा करना उचित ना समझते हुए दोनों को इतनी जल्दबाजी हो रही थी कि दोनों घोड़े पर ही शुरू हो गए थे दोनों की बातें एकदम साफ सुनाई दे रही थी दोनों की गरमा गरम सांसे तक हरिया के कानों तक पहुंच रही थी इसलिए इस दृश्य को देखकर हरिया के तन बदन में भी उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी लेकिन वह कुछ भी कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था,,,

देखते ही देखते मधु अपने बेटे के लंड पर उछलना शुरू कर दी,,,,, राजू भी नीचे से ऊपर की तरफ धक्का लगा रहा था देखते ही देखते दोनों काम क्रीड़ा में पूरी तरह से मजबूर हो गए मधु अपने बेटे को अपनी बाहों में लेकर अपनी गांड पटक रही थी अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड़ कों वह सटासट अपनी चिकनी बुर में ले रही थी,,,,,, हरिया से ज्यादा वहां पर रुका नहीं जा रहा था क्योंकि उसके तन बदन में भी जोश भर गया था वह तुरंत धीरे से पीछे कदम हटाया और अपनी बैलगाड़ी को कुछ देर पैदल ही लेकर चलने लगा और फिर उस पर सवार होकर जैसे यह अपने घर पर पहुंचा वह अपने घर में दाखिल हुआ और घर का दरवाजा बंद करके तुरंत गुलाबी को अपनी गोद में उठाकर ले गया और उसे खटिया पर पटक दिया गुलाबी हैरान थी कि आज उसके भैया को क्या हो गया है लेकिन देखते ही देखते बिना कुछ बोले और ना ही गुलाबी की कुछ सुने हरिया ने पल भर में ही अपनी छोटी बहन को एकदम नंगी कर दिया और फिर उसकी बुर में अपना लंड डालकर जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर में शांत हो गया,,,,,।

गुलाबी को अपने भैया का व्यवहार कुछ अलग लग रहा था लेकिन वह कुछ बोल नहीं पाए हरिया अपनी बहन की लेने के बाद घर से बाहर निकल गया और फिर रात को ही घर पर वापस आया खाना खाने के समय,,,,,, खाना खाते समय उसने बताया कि,,,, मधु नानी बन गई है यह सुनकर मधुर एकदम से खुश हो गई लेकिन खुश होते हुए भी और राजू की तरफ देखने लगी क्योंकि मधु अच्छी तरह से जानती थी और यह बात को गुलाबी भी अच्छी तरह से जानती थी कि,,,, राजु की बड़ी बहन के पेट में किसका बच्चा पल रहा था और उसकी बड़ी बहन किसके बच्चे की मां बनी है ,,,,, यह जानकर सब लोग खुश हैं कि वह जुड़वा बच्चों की मां बनी थी और वह भी दोनों लड़के ही थे,,,,

परसों पूजा में जाना था इस बात को बताते हुए हरिया ने बोला कि पूजा में केवल मधु और वह खुद जाएगा,,,, और वहां से आते ही गुलाबी और राजू दोनों की सगाई कर देगा और सगाई के बाद तुरंत ही शादी,,,,,,,,

इस फैसले से मधु गुलाबी और राजू तीनों हैरान भी थे लेकिन इस फैसले से राजू खुश भी था,,, लेकिन गुलाबी खुश नहीं थी वह इस घर को नहीं बल्कि राजू को छोड़कर नहीं जाना चाहती थी क्योंकि उसे इतना तो एहसास है कि राजू जितना तगड़ा मर्द उसे मिलने वाला नहीं था इसीलिए वह इस फैसले से खुश नहीं थी लेकिन वह कर भी क्या सकती थी एक ना एक दिन तो उसे शादी करके जाना ही था इसलिए वह खामोश रही,,, अपनी बहन के वहां राजू को ना ले जाने वाली बात राजू भी अच्छी तरह से समझ रहा था और इस बात को गुलाबी के साथ-साथ मधु की समझ रही थी वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसका पति राजू से दूरी बनाना चाहता था वह नहीं चाहता था कि किसी भी हाल में अब मधु और राजू दोनों करीब रहे और इसी के चलते वह जल्दी से फैसला भी लिया था,,,,।

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