गांव में ऐसा शायद पहली बार हो रहा था कि, एक लड़का खुद अपनी शादी की बात करने अपने ससुराल गया था,,,, जबकि ऐसा बिल्कुल भी होता नहीं था गांव में बड़े बुजुर्ग मां-बाप अपने लड़के लड़की का रिश्ता तय करते थे अपने हिसाब से,,, ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता था कि जवान लड़का अपना रिश्ता लेकर अपने ससुराल जाए और लड़की का हाथ मांगे,,,, लेकिन राजू के मामले में कुछ और था,,, वह अपने घर पर किसी को भी नहीं बताया था कि वह गांव की लड़की झुमरी से बेहद प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है उसे पूरा विश्वास था कि उसकी बात झुमरी की मां जरूर मान जाएगी क्योंकि उससे शारीरिक रिश्ता जो था और वह झुमरी की मां की कमजोरी को अच्छी तरह से जानता था झुमरी की मां की कमजोरी थी उसका मोटा तगड़ा लंड,,, जिसके बलबूते वह अपने मन की बात झुमरी की मां से मंगवाना चाहता था और उसने वैसा ही किया झुमरी की मां राजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर में देने के लिए तड़प रही थी और राजू उसे तड़पा रहा था वैसे तो वह चाहे जिस हाल में उससे झुमरी का हाथ मांगता हुआ देने को तैयार हो जाती लेकिन राजू यह देखना चाहता था कि उसके बगैर झुमरी की मां कैसे तड़पती है इसीलिए तो वहां झुमरी की मां की बुर में लंड डालने से पहले अपने मन की बात उससे मनवा लिया था और उसका दामाद बनने के बाद फायदा भी गिनवा दिया था कि उसकी लड़की के साथ शादी करने के बाद भी वह पूरी तरह से उसे खुश करता रहेगा और इसी लालच से झुमरी की मां तैयार भी हो गई थी और वैसे भी राजू गांव में धीरे-धीरे पूरी तरह से वर्चस्व कारी इंसान बनता जा रहा था लाला का एकदम खास होता जा रहा था आमदनी भी अच्छी होती जा रही थी इसलिए ऐसा कौन होगा जो ऐसे लड़के से अपनी लड़की का विवाह नहीं करना चाहेगा इसीलिए तो झुमरी की मा भी मान गई थी,,,
झुमरी की मां अब एक तरह से राजू की सास बन चुकी थी लेकिन फिर भी अपने ही दामाद से चुदवा रही थी,,, उसके मोटे तगड़े लंबे दमदार लंड की रगड़ को वह अपनी बुर में अच्छी तरह से महसूस कर रही थी,,,,,,,,
राजू ने अपनी ही शादी की बात करके अपने जीवन में पहला सबसे बड़ा काम कर चुका था वैसे तो उसने इस उमर में ना जाने कैसे कैसे अद्भुत कार्य कर चुके थे लेकिन यह कार्य उसके लिए बेहद संतोष कारी था क्योंकि यह कार्य करके वह खूबसूरत लड़की के साथ अपना जीवन गुजारना चाहता था अपने माता-पिता को तो वह कभी भी इस विवाह के लिए मना सकता था क्योंकि उसे पूरा विश्वास था कि उसके माता-पिता इस रिश्ते के लिए कभी भी इनकार नहीं करेंगे आखिरकार वह परिवार का कमाऊ पूत जो बन चुका था,,,,,,
ऐसे ही एक दिन खेतों में पानी देना था मधु परेशान थी क्योंकि अकेले यह काम उससे होने वाला नहीं था,,,, लेकिन राजू का कहीं अता पता नहीं था,,, उसे वाकई में राजू के मदद की जरूरत है खेत पर चलने के लिए इस समय परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था वैसे तो गुलाबी घर पर ही थी लेकिन घर में काम बहुत था इसलिए वह गुलाबी को घर का काम करने के लिए कही थी और जाते-जाते हिदायत दी थी कि राजू जैसे ही आया उसे खेत पर भेज देना इस बात पर उसकी ननद चुटकी लेते हुए बोली थी,,,
क्यों भाभी बुर में खुजली हो रही है क्या,,,?
धत्,, भोसड़ा चोदी,, तुझे हमेशा यही सुझता रहता है क्या,,,
नहीं ऐसा तो नहीं है लेकिन जिस तरह से तुम राजू को खेत पर भेजने की बात कर रही हो मुझे तो ऐसी लग रहा है कि जैसे तुम्हें आज कुछ ज्यादा ही खुजली मची हुई है,,,
अरे मेरी पुर में नहीं तेरी बुर में आग लगी हुई है अगर ऐसा है तो राजू घर पर आए ना तो पहले उसके सामने दोनों टांगे खोल देना और जब शांत हो जाना तब खेत पर भेज देना,,,
अच्छा मुझे शांत करने के बाद ताकि वह तुम्हें शांत कर सके,,,
हाय दैया यह कब सुधरेगी,,,, दीन रात इसकी बुर में आग लगी रहती है आने दे तेरे भैया को तेरी शादी की बात करती हु ताकि दिन-रात अपनी बुर में लेकर पड़ी रहना अपने आदमी का,,,,
ना मेरी प्यारी भाभी ऐसा बिल्कुल भी मत करना आदमी कैसा भी मिल जाए लेकिन उसका लैंड राजू की तरह बिल्कुल भी नहीं होगा इतना लंबा और मोटा तगड़ा लंड है राजू का की कसम से मैं तो सोच कर ही मायूस हो जाती हूं की शादी के बाद मेरा क्या होगा राजू के बिना तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा,,,
तू एक काम कर राजू से ही शादी कर ले फिर दिन रात उससे चुदवाते रहना,,,,
सच कह रही हो भाभी अगर समाज का डरना रहता तो मैं राजू से ही शादी कर लेते अगर मुझे मौका मिले राजू को लेकर कहीं और चले जाने को तो मैं चली जाऊं जहां हम दोनों को कोई ना पहचानता हो जानता हो ताकि हम दोनों पति पत्नी बन कर रह सके और जिंदगी का मजा लूट सके,,,
हाय दैया कितनी हारामी है रे तू चुदवाने के लिए अपने ही भतीजे से शादी करना चाहती है,,,,,
तू क्या हुआ भाभी जिंदगी का असली सुख तो चुदाई में ही है बाकी सब बेकार है अगर यह सुख ना मिले तो फिर जिंदगी किस काम की,,,
तेरे से तो बात करना ही बेकार है जैसा कहीं हूं वैसा ही करना राजू को जल्दी खेत पर भेज देना खेतों में पानी देना है वरना फसल नष्ट हो जाएगी,,,
ठीक है भाभी,,,(गुलाबी हंसते हुए बोली,,,, और मधु खेत के लिए चली गई,,,, गुलाबी घर में बर्तन मांजने लगी,,, और बर्तन साफ करते हुए वह अपने मन में यही सोच रही थी कि अगर सच में उसकी शादी ऐसे आदमी से हो गई जिसका लंड राजू की तरह नहीं हुआ तो उसका क्या होगा राजू के लंड को अपनी बुर मे लीए तो अब उसको मजा ही नहीं आता,,,, यह सोचकर वह अपने मन में ही बोली मैं तो शादी ही नहीं करूंगी ताकि राजू से मजा ले सकूं,,,, वह बर्तन मांज कर उठी ही थी कि राजू आ गया,,,, और आते ही हाथ मुंह धोने लगा और बोला,,,)
बुआ जल्दी से खाना निकालो मुझे बड़े जोरों की भूख लगी है,,,(यह सुनकर गुलाबी बोली)
तेरी भूख तो रोटी खाने से पूछे जाएगी लेकिन मेरी भूख का क्या मुझे तो तेरे लंड की भूख है जब तक तू इसे मेरी बुर में डालकर जो देगा नहीं तब तक मैं भूख से तड़पती रहूंगी,,,
हाय मेरी रानी बुआ तू तो एकदम छिनार हो गई है तेरी बातें सुनकर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है,,,(पजामा के ऊपर से अपने लंड को दबाते हुए)
तो देर किस बात की है मेरे राजा,,(इतना कहने के साथ ही उत्तेजित अवस्था में गुलाबी अपने सलवार की डोरी खोलने ही वाली थी कि उसे रोकते हुए राजू बोला,,)
थोड़ा रुको मेरी रानी खाना तो खा लेने दो उसके बाद तुम्हारी जमकर चुदाई करूंगा,,,,
(इतना सुनकर गुलाबी खुश हो गई और वह राजू के लिए खाना परोसने लगी वह भी खाना नहीं खाई थी इसलिए वह भी अपने लिए थाली परोस ने लगी और थोड़ी ही देर में दोनों खाना खाने लगे लेकिन खाना खाते-खाते राजू बोला,,,)
क्या हुआ आज कैसा खाना बनाई हो दाल में तो नमक ही कम लग रहा है,,,
हाय राजा दाल का नमक तो तू चख रहा है लेकिन मेरी जवानी का नमक भी चख ले,,,
हाय मेरी रानी सच में अगर दाल में तेरी जवानी का नमक घुल जाए तो दाल और भी ज्यादा स्वादिष्ट हो जाएगी,,,,
रुक तुझे नमक कम है ना अभी तुझे नमक देती हुं,,,(इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी जगह पर खड़ी हो गई अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी और अगले ही पल वाली सलवार की डोरी खोलकर सलवार को अपने कदमों में गिरा दी और अपनी गुलाबी बुर को राजू के सामने परोस ते हुए बोली,,,)
मेरे राजा नमक लेने तेरी दाल में नमक कम है ना रोटी में डूबा डूबा कर खा ले,,,,
(अपनी बुआ के इस रंडी पन पर राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया वह जानता था कि उसे क्या करना है वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बुआ कौन से नंबर की बात कर रही है इसलिए वह अपने खाते में से रोटी लेकर उसे तोड़कर उस रोटी के टुकड़े को सीधा अपनी बुआ की बुर से लगा दिया जिसमें से उसका काम रस टपक रहा था और काम रस की वजह से उसकी पूरी बुर भीगी हुई थी और उसी रस में राजू पूरी तरह से अपनी रोटी के टुकड़े को डुबोकर उसे वापस दाल में डालकर खाने लगा,,,, यह देखकर गुलाबी एकदम से उत्तेजित हो गई और वह अपने हाथों से अपने कुर्ते के ऊपर से अपनी चूची को जोर जोर से दबाना शुरू कर दी यह देखकर राजू के तन बदन में भी आग लग गई और वह रोटी के टुकड़े को बार-बार तोड़कर उसकी बुर्के काम रस से लगा था और फिर दाल में डालकर उसे खाता इस तरह से हुआ है गुलाबी की बुर में अपनी रोटी को डुबोकर खा रहा था जिससे उसका स्वाद एकदम बढ जा रहा था,,,,)
वह बुआ कमाल का स्वाद है तुम्हारी बुर्का दाल तो एकदम स्वादिष्ट हो रही है तुम्हारी बुर्का नमक दाल में गिरते ही दाल और भी ज्यादा लजीज हो गई है अब तो मैं ऐसा ही करूंगा तुम्हारी बुर में रोटी डूबा डूबा कर खाऊंगा,,,,
ओहहहह राजू मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मेरी बुर में आग लगी हुई है तो जल्दी से इसमे अपना लंड डाल दे,,,,
(गुलाबी एकदम तड़प रही थी मचल रही थी राजू के लंड को अपनी बुर में लेने के लिए अपनी बुआ की तरफ को अच्छी तरह से समझ रहा था वाकई में उसे लंड की बहुत जरूरत थी राजू तब तक अपनी बुआ की बुर में डूबा डूबा कर खाते हुए अपनी रोटी को खत्म कर चुका था और जब उसने देखा कि उसकी बुआ की बुर से काम रस पानी की बूंद की तरह टपक रहा है तो वह खाली ऊपर की तरफ उठाया और अपनी बुआ की दोनों टांगों के बीच रख दिया ताकि बुर से गिरने वाला काम रस उसके दाल में गिर कर उसे और स्वादिष्ट कर दे और जब 10 12 बूंद टपक कर थाली में गिरा तो राजू बिना देर किए उसे मुंह से लगाकर पी गया,,,,, और जैसे ही थाली की दाल खत्म हुई थाली को एक तरफ रख कर राजू अपना दोनों हाथ अपनी बुआ की गोल-गोल गांड पर रखकर उसे जोर से दवाई और उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसकी बुर पर अपना मुंह रख दिया जैसे ही राजू के होंठ गुलाबी की बुर पर स्पर्श हुआ गुलाबी पूरी तरह से तड़प उठी और तुरंत अपना हाथ उसके सर पर रख कर उसके बाल को कसके अपनी मुट्ठी में भींच ली राजू जितना हो सकता था उतनी अपनी जीभ को अपनी बुआ की बुर में डालकर उसे चाट रहा था थोड़ी ही देर में राजू अपनी बुआ को चोदने के लिए तैयार हो चुका था और उसी अवस्था में ही वह खड़ा हुआ और अपने पहचाने को घुटने तक सरका कर अपनी बुआ की एक टांग को अपनी कमर पर लपेट लिया और उसके गुलाबी क्षेंद में अपना लंड डाल दिया,,, मोटा तगड़ा गरमा गरम लंड बुर में जाते ही गुलाब एकदम से तड़प उठी और कसकर राजू को पकड़ ले राजू मौका देखकर उसकी दूसरी टांग भी ऊपर उठाकर अपनी कमर से लपेट लिया और उसे गोद में उठा लिया राजू का मोटा और लंबा लंड गुलाबी की बुर में घुसा हुआ था और वह उसे गोद में उठाए हुए हैं उसकी गांड को पकड़कर ऊपर नीचे करके उसे चोदना शुरू कर दिया गुलाबी पूरी तरह से मस्त हो गई थी वह राजू की ताकत को अच्छी तरह से जानती थी इसलिए उसे गिरने का बिल्कुल भी डर नहीं था कि कि वह चाहती थी कि राजू उसे गिरने नहीं देगा,,, राजू से गोद में उठाए हुए हैं आगे बढ़ा और दीवार से सटा दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया गुलाबी पूरी तरह से मदहोश में जा रही थी घर में कोई भी नहीं था इसलिए बस जोर-जोर से सिसकारी ले रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,,, वह अपनी भाभी की कही बात को सच कर रही थी वह राजू के सामने अपनी दोनों टांगें खोल चुकी थी,,,,,,,
थोड़ी देर में सब कुछ शांत हो गया राजू अपने पजामे को कमर तक उठाकर उसे बांध लिया,,, और जैसे एकाएक गुलाबी को कुछ याद आया हो इस तरह से वह बोली,,,,।
अरे मैं एक बात तो भूल ही गई,,,
क्या,,,?
भाभी तुझे खेत पर बुलाई थी खेत में पानी देना है,,,,,, देखना खेत की जगह अपनी बुर में पानी ना डलवा ले,,,,
(अपनी बुआ की बात सुनकर राजू मुस्कुराने लगा और मुस्कुराते हुए घर से बाहर चला गया,,,, और थोड़ी ही देर में वहां खेत पर पहुंच गया जहां पर उसकी मां खेत में सूखी हुई लकड़ियों का घर बनाकर अपने कंधे पर उठाकर एक तरफ रख रही थी इस तरह से बहुत अपने कंधे पर उठाकर ले जाने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी गांड कुछ ज्यादा ही उभरी हुई नजर आ रही थी जिस पर नजर पड़ते ही राजू के लंड में सनसनाहट होने लगी,,,, और वह अपनी मां के पास गया और बोला,,,)
वाह तुम्हारी गांड तो कितनी बड़ी बड़ी लग रही है,,,,
(राजू पीछे से जाकर बोला था इसलिए मधु को इस बात का अहसास तक नहीं था कि उसका बेटा खेत पर आ चुका है इसलिए वह एकदम से चौक गई और उसकी कंधे पर बोझा उसके हाथ से छूटकर नीचे गिर गया और वह पीछे की तरफ देखी तो पीछे राजू खड़ा था और वह गहरी सांस लेते हुए अपनी कमर पर हाथ रख कर बोली,,,)
तू अभी आया है जब पूरा काम होने को आया है तब तू इधर आ रहा है,,,,(अपनी कमर पर दोनों हाथ रख कर गहरी सांस लेते हुए मधु गुस्से में बोल रही थी और ऐसा करने पर उसका रूप सौंदर्य और भी ज्यादा निखर गया था उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे हो रही थी,,, और गर्मी का महीना होने की वजह से वह पसीने से तरबतर हो चुकी थी और पसीने की बूंदे उसकी गोरी गोरी चूचियों पर फिसल कर उसकी चूचियों के बीच की गहराई में डूब रही थी यह देखकर राजू से रहा नहीं गया और बोला,,,)
वाह बनाने वाले ने भी क्या खूब चीज बनाया है मैंने आज तक इतनी खूबसूरत औरत नहीं देखा देखो तुम्हारी चूचियां कितनी चमक रही है धूप में और पसीने की बूंदे उसमें से फिसलती हुई किसी तुम्हारी चूची की गहराई में घाटी में गिर रही है,,,,,(यह सुनते ही मधु की नजराना ऐसी है अपनी छातियों पर गई और वह वाकई में पसीने को अपनी सूची की गहराई में जाता हुआ देखकर मुस्कुराने लगी और बोली,,,)
तू बहुत शैतान है तुझे जरा भी पता है कि मैं अकेले काम कर रही हूं और वह भी कड़ी धूप में,,,
क्या करूं मैं मैं जैसे घर पहुंचा बुआ ने जैसे ही मुझे बताई और मैं तुरंत यहां दौड़ता हुआ चला आया,,,, अब बोलो मुझे क्या करना है,,,,,
करना क्या है सब कुछ तो मैं कर चुकी हूं बस अब मशीन चालू करके पानी खेतों में देना है,,,, जो कि आप सिर्फ मशीन चालू करने का ही काम रह गया है खेत में पानी तो अपने आप ही चला जाएगा,,,,
तो रुको मैं मशीन चालू कर देता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही दोनों नीम के पेड़ के नीचे आ गए उसके घनी छांव में हवा लगने से मधु को थोड़ी राहत हो रही थी और वह अपने साड़ी के पल्लू से अपने माथे का पसीना पोंछतए हुए बोली,,,) अब जाकर थोड़ी राहत महसूस हो रही है वरना गर्मी से तो मेरी हालत ही खराब हो गई थी,,,,
थोड़ी देर यहीं बैठो सही हो जाएगा,,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू उसी पेड़ के नीचे बने छोटे से झुग्गी के अंदर गया और मशीन चालू करने लगा थोड़ी ही देर में मशीन चालू हो गई और उसमें से पानी निकलने लगा जो कि एक पाइप से निकलकर पहले टंकी में जाता था और फिर टंकी से होते हुए मिट्टी के नाली में से होकर खेतों में जा रहा था,,,,,,, राजू भी बाहर आ गया और खटिया गिरा दिया जिस पर मधु बैठ गई और वह भी बैठ गया,,,,,, कुछ देर तक दोनों इधर-उधर की बातें करते रहे और मधु उठकर झुग्गी के पीछे की तरफ जाने लगी तो राजू बोला,,,,।
कहां जा रही हो,,,
अभी आई,,,,
मुतने जा रही हो क्या,,,,
अरे बोली ना अभी आई,,,,,
(राजू मुस्कुराता हुआ वहीं बैठा रह गया जब थोड़ा देर हो गया तो राजू छुट्टी की तरफ जहां से ट्यूबवेल में से पानी गिर रहा था वहां देखा तो उसकी नजर नंगी चिकनी टांग पर पड़ी जो की टंकी के अंदर आधी डूबी हुई थी और बाकी टंकी के बाहर थी कितना देखकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा और वह तुरंत अपनी जगह से उठ कर ट्यूबेल की तरफ गया तो वहां का नजारा देखकर एकदम दंग रह गया उसके तन बदन में मदहोशी का नशा छाने लगा और उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,,,)