You dont have javascript enabled! Please enable it! बैलगाड़ी – Pariwar Me Sex Story | Update 106 - KamKatha
बैलगाड़ी - Pariwar Me Chudai Ki Kamuk Gatha

बैलगाड़ी – Pariwar Me Sex Story | Update 106

राजू की बैलगाड़ी घर की तरफ निकल पड़ी,,, राजू आज बहुत खुश था क्योंकि आज उसे वह मिल गया था जिसके बारे में सिर्फ कल्पना किया करता था ,,, राजू कैसा महसूस हो रहा था कि जैसे आज उसे दुनिया का सबसे बेशकीमती खजाना हाथ लग गया हो और अब वह उसका मालिक बन गया हो लेकिन मधु की हालत खराब थी रात भर की जमकर चुदाई करने के बाद उसे अपनी दोनों टांगों के बीच बुर में दर्द महसूस हो रहा था,,, ऐसा तो उसे अपनी सुहागरात पर भी दर्द नहीं हुआ था अपने बेटे की मर्दानगी को वहां रात भर में ही अच्छी तरह से देख चुकी थी और उसे अपने बेटे पर गर्व भी हो रहा था,,, जहां एक बार में ही उसका पति ध्वस्त हो जाता था वही उसका बेटा लगातार रात भर खुद भी जाता रहा और उसे भी जगह तरह ना खुद सोया ना उसे सोने दिया,,,,,,,, सुबह हो चुकी थी चारों तरफ सूर्य की रोशनी अपना उजाला फैला रही थी खेतों में पानी भरा हुआ था लेकिन कच्ची सड़क पर पानी नहीं था जिससे बेल गाड़ी आराम से आगे बढ़ रही थी ऐसी गजब की बारिश ना तो मधु ही देखी थी और ना ही राजू ही ऐसा लग रहा था कि यह बारिश शायद उन दोनों के मिलन के लिए ही बरस रही थी,,,, बेल गाड़ी चलाते समय भी रह-रहकर राजू अपनी मां की खूबसूरती में खो जाता था उसकी आंखों के सामने कभी उसकी मां का नंगा बदन उसकी नंगी चूचियां उसकी बड़ी बड़ी गांड तो उसकी बुर में घुसता हुआ अपना लैंड नजर आता था,,,, राजू इस बात से हैरान था कि दो दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी अभी भी उसकी मां की पूरे तुम कैसी हुई थी मानो कि जैसे जवान औरत इसीलिए तो वह रात भर अपनी मां को जमकर चोदे बिना नहीं रह पाया था और अपनी मां की मदमस्त जवानी देख कर बार-बार उसका लंड खड़ा भी हो जा रहा था,,,, अपनी मां के बारे में सोचते हुए अभी भी उसका लंड खड़ा हो गया था अगर उसकी मां इजाजत देती तो बैलगाड़ी में ही वह अपनी मां की अभी भी चुदाई कर देता क्योंकि राजू का मन अपनी मां के मादक सौंदर्य से भरा नहीं था और ना ही कभी भरने वाला था,,,, मधु के अंग अंग से मधुर रस टपकता था जिसका रस  वह रात भर कभी अपने होठों से तो कभी अपने लंड से पीता रहा,,,,,

रात को जो कुछ भी हुआ था उससे मधु एकदम शर्मिंदा हो चुकी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि रात को जो कुछ भी उन दोनों के बीच हुआ वह सही था या गलत इसका फैसला करने में वह बिल्कुल भी सक्षम नजर नहीं आ रही थी क्योंकि रात को जो कुछ भी हुआ था समाज की नजर में वह एक अपराध था रिश्तो को कलंकित कर देने वाला था लेकिन एक औरत के नजरिए से रात को जो कुछ भी हुआ था वह उन दोनों की अपनी अपनी जरूरत थी जिसमें दोनों अपनी जरूरत को पूरा करते हुए एक दूसरे को संपूर्ण संतुष्टि का अहसास दिला चुके थे और आज तक मधु ने इस तरह का सुख नहीं भोग पाई थी,,,, और इस अद्भुत सुख की प्राप्ति के एवज में उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अपने बेटे से घृणा करें या उसके इस उपकार के बदले अपना अस्तित्व पूरी तरह से उसके कदमों में रख दें ऐसे भी रात को वह अपने संपूर्ण अस्तित्व को अपनी जवानी को अपने बेटे के कदमों में निछावर कर चुकी थी जिसके बदले में उसके बेटे ने उसकी मादक अद्भुत खूबसूरती को अपनी बाहों में लेकर उसका रसपान किया था,,,,,,, मधु बीते हुए रात के बारे में सोच कर एक-एक पल के बारे में सोच कर पूरी तरह से फिर से मस्त हुए जा रही थी उसे सब कुछ सपना सा लग रहा था उसे लग रहा था कि वह एक बेहद खूबसूरत सपना देख रही थी लेकिन उसने सपने जैसी जिंदगी को जी चुकी थी अपने बेटे के लंड की लंबाई और मोटाई को अपनी बुर की गहराई में महसूस कर चुकी थी उसका हर एक धक्का वह अपने बच्चेदानी पर अच्छी तरह से महसूस कर चुकी थी,,,, अपने बेटे की मजबूत बाहों में आकर उसका संपूर्ण वजूद एक गुड़िया की तरह ही लग रहा था जिसे उसके बेटे ने जी भर कर प्यार किया था,,,। मधु कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने बेटे के साथ शारीरिक संबंध बनाएगी,,, लेकिन कभी-कभी सोच से विपरीत और भी ज्यादा खूबसूरत होता है जैसा कि उसके साथ हुआ था,,,,, रात को अपने बेटे की आंखों के सामने बैठकर पेशाब करना उसकी आंखों के सामने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाना यह सब मधु के लिए बिल्कुल नया था लेकिन बेहद अद्भुत सुख प्रदान करने वाला था किसी जवान लड़के के सामने कपड़े उतार कर देंगी होने में भी एक अपना मजा होता है जिसे वह अच्छी तरह से महसूस कर पाई थी वरना यह सुख उससे पूरी तरह से अधूरा ही था,,,,,, अपने बेटे की बाहों में नग्न अवस्था में सोना उसके बदन की गर्मी से वातावरण की ठंडक को दूर करना यह सब सोचकर मधु पूरी तरह से गर्म हुई जा रही थी,,,, रात भर चोदने के बाद जिस तरह से सुबह में दोनों खंडार के पीछे जाकर नहाए थे वह पल मधु के लिए बहुत खास था क्योंकि आज तक उसने खुले में कभी इस तरह से सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर नहीं आई थी और वह भी अपने बेटे के साथ मधु को अपनी खूबसूरत बदन पर अपनी जवानी पर गर्व होने लगा था कि इस उम्र के दौर में भी वह अपने जवान बेटे को अपनी तरफ आकर्षित करने में पूरी तरह से कामयाब हो चुकी थी और उसकी गर्म जवानी से उसके बेटे की प्यास बुझ ही नहीं रही थी जोकि रात भर उसे पेलता रहा,,, उस पल को याद करके मधु की आंखों में एक बार फिर से शर्म उतार आई जब वह खंडार के पीछे नंगी होकर नहा रही थी और उसका बेटा भी उसका साथ देने के लिए आ गया था अपने बेटे के खड़े लंड को अपनी गांड पर अपनी बुर पर महसूस करके वह खुद इतना ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाई थी और अपने बेटे के लंड को खुद ही पकड़ ली थी और घुटनों के बल बैठकर अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर उसे अद्भुत सुख प्रदान की थी,,, अपनी हरकत से अपने बेटे को एक बार फिर से गर्म करके वह अपने बेटे को खुद को चोदने पर मजबूर कर देते और उसका बेटा भी अपनी मर्दानगी की सारी ताकत दिखाता हुआ एक बार फिर से उसकी बुर में समा गया था,,,

यह सब ख्याल मधु को एक बार फिर से गर्म कर दिया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध के इस रिश्ते को आगे बढ़ाए यहीं खत्म कर दे क्योंकि यह बात वह भी अच्छी तरह से जानती थी कि जिस तरह का सुख उसके बेटे ने उसे दिया था उस तरह का सुख उसे अब कभी नहीं मिलने वाला है बिना उसके बेटे का क्योंकि वह अपने पति की ताकत को अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि बरसो उन्हीं से चुदवाती आ रही थी,,,, समाज का डर उसके मन में भी था उसे भी इस बात का डर था कि अगर घर में किसी को इस बात की भनक लग गई तो क्या होगा उसकी इज्जत का क्या होगा उसके सम्मान का क्या होगा और अगर गांव में किसी को पता चल गया तब क्या होगा वह तो गांव में किसी को मुंह दिखाने के काबिल ही नहीं रह जाएगी यही सब सोचकर व थोड़ा परेशान भी हो रही थी कि तभी राजू बोला,.

रात को कैसा लगा मां,,,

(अपने बेटे के सवाल का जवाब देने के लिए वह तैयार नहीं थी आखिर वह अपने बेटे से क्या कहती कि उसे मजा आया उसके लंड से चोदने में उसे बहुत आनंद मिला ऐसा कहने में उसे शर्म भी महसूस हो रही थी इसीलिए वह खामोश रही उसकी ख़ामोशी को देखकर राजू फिर बोला)

बोलो ना बा कैसा लगा,,,, मुझे तो बहुत मजा आया क्योंकि दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत की चुदाई जो मैंने किया है सच कहूं तो तुम्हें चोदने की सिर्फ कल्पना ही कर सकता था मुझे नहीं मालूम था कि यह हकीकत में हो जाएगा अच्छा हुआ कि पिताजी ने दवा दिलाने के लिए तुम्हें मेरे साथ भेज दिए और यह तूफानी बारिश का तुम्हें अपने दिल से लाख-लाख बार शुक्रिया अदा करूंगा क्योंकि यह बारिश ना होती तो शायद हम दोनों एक ना होते,,,

बस राजू जो हो गया सो हो गया अब आगे बिल्कुल भी नहीं होगा,,,

ऐसे कैसे नहीं होगा मेरा लंड तो तुम्हारी एक बुर में जाने के लिए अभी भी तड़प रहा है तुम्हारी खूबसूरत जवानी का रस रात भर पीता रहा हूं लेकिन यह प्यास है कि बुझने का नाम नहीं ले रही है,,, कसम से मां इस उम्र में भी तुम्हारी बुर एकदम कसी हुई है मेरा तो लंड दर्द करने लगा,,,

तू भी तो तू कहां मान रहा था जब मन कर रहा था तब डाल दे रहा था यह भी नहीं सोचता था कि मुझे कैसा लग रहा है,,,

क्यों तुम्हें मजा नहीं आया क्या कसम से बताओ तुम्हें मेरी कसम,,,

अब क्या बताऊं,,,, मुझे भी बहुत मजा आया लेकिन डर लगता है कि किसी को यह बात पता चल गई तो क्या होगा,,,

क्या मां तुम भी पागलों जैसी बात करती हो हम दोनों के बीच की इस बात को भला कैसे लोगों को पता चलेगा यह तो तुम जानती हो और मैं जानता हूं और इस रात को घने जंगल में इस खंडार में अपने इस बेल के सिवा और कोई नहीं जानता और यह बेल है कि बोल नहीं पाएगा और ना जरूरी अपने मालिक को बता देता कि मालिक मालिक रात भर तुम्हारी बीवी की चुदाई तुम्हारा बेटा किया है,,,,।

(इतना सुनते ही मधु की हंसी छूट गई और वह खिलखिला कर हंसने लगी अपनी मां को इस तरह से हंसता हुआ देखकर राजू बोला)

देखना मां हंसते हुए तुम और ज्यादा खूबसूरत लगती हो,, तुम्हें हंसता हुआ देखकर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया है,,, अगर इजाजत हो तो इसी समय बैलगाड़ी में तुम्हारी बुर में डाल दुं,,,,

चल चल रहने दे अब तेरा मुझे नहीं डलवाना है रात भर डाल डाल कर पूरा सुजा दिया है,,,,

क्या सुजा दिया है,,,,?(राजू सब कुछ जानते हुए भी जानबूझकर बोला क्योंकि वह अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था)

अरे वही जिसमें तू डाल रहा था,,,(मधु शर्माते हुए पूरी उसे मालूम था कि उसका बेटा उसके साथ शरारत कर रहा है और उसके शरारत में उसे भी मजा आ रहा था)

क्या मां ठीक ठीक से बोलो ना क्या सूज गया और मैं क्या डाल रहा था,,,

चल तुझे सब कुछ मालूम है,,,

हां वह तो है मुझे सब कुछ मालूम है लेकिन तुम्हारे मुंह से सुनने में मुझे बहुत मजा आएगा,,,

क्यों रात भर जो मजा लिया वह कम था क्या,,,

अरे पूछो मत वह मजा तो मेरी जिंदगी का सबसे अनमोल तोहफा था तुम्हारी तरफ से लेकिन अपने मुंह से अगर साफ साफ शब्दों में कहोगी तो मुझे और मजा आएगा,,,

क्या,,,?

वही कि क्या सोच गया और मैं क्या डाल रहा था,,,

(अपनी बेटे की बात सुनकर मधु को शर्म महसूस हो रही थी उसे शर्म भी आ रही थी और मजा भी आ रहा था वह भी अपने बेटे के सामने खुले शब्दों में बोलने में लाल आई तो थी और वैसे भी रात भर में उसके बेटे ने उसे खुद अपने हाथों से नंगी करके उसकी चुदाई भी किया था और उसे मजा भी दिया था तो ऐसे में अपने बेटे से शर्म करने का कोई मतलब नहीं था इसलिए वह शरमाते हुए बोली)

तू अपना लंड मेरी बुर में डाल डाल कर सुजा दिया है,,,

आहहह आहहरह‌ क्या बात है कितनी मधुर आवाज है देखी तुम्हारे मुंह से यह शब्द कितने अच्छे लगते हैं बुर और लंड,,,

तुम मुझे सच में बेशर्म बनाता जा रहा है,,,

लेकिन बेशर्म बनने में कितना मजा है ना मां अगर तुम बेशर्म ना बनती तो मेरी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी ना होती मेरे सामने बैठकर पेशाब ना करती मेरे लंड को अपने मुंह में ले लेती और ना ही मुझे अपनी चूची पीने देती ना अपनी बुर का रस पिलाती और ना ही मेरे लंड को अपनी बुर में लेकर चुदवाने का अद्भुत सुख प्राप्त कर पाती,,,

(अपने बेटे की इन बातों को सुनकर मधु के तन बदन में फिर से आग लगने लगी थी अपने बेटे के लैंड की रबड़ को अभी भी अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों में महसूस कर पा रही थी)

बहुत बेशर्म हो चुका है तू,,,

क्या मा फिर से अभी-अभी तो तुम्हें बेशर्म होने का फायदा बताया हूं कहो तो थोड़ी और बेशर्मी दिखा दु,,,।

अब इससे ज्यादा बेशर्मी तू और क्या दिखाएगा,,,

अरे पूछो मत इससे भी ज्यादा बेशर्म बन्ना मुझे आता है अगर इससे भी ज्यादा बेशर्म बन गया ना तो कसम से यह सड़क पर इसी बैलगाड़ी में तुम्हें नंगी करके चोदना शुरू कर दूंगा,,,

हाय दैया,,, इतना हरामि हो गया है तू तेरे में जरा भी शर्म नहीं रह गई है,,,

तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत हो वीरान सड़क हो तो ऐसे में कोई भी मेरी तरह बेशर्म बन जाएगा कसम से तुम्हारे बदन की खुशबू मुझे और ज्यादा मस्त कर देती है,,,

चल अब रहने दे बैलगाड़ी को जल्दी आगे बढ़ा,,,,

देखो ना मां ,,,दूर दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा है और अभी भी गांव बहुत दूर है कहो तो यहीं पर एक बार और तुम्हारी चुदाई कर दुंं मेरा लंड पूरी तरह से तैयार है,,,,

लेकिन मेरी बुर बिल्कुल भी तैयार नहीं है,,,,(मधु हल्की सी मुस्कुराहट के साथ शरमाते हुए बोली)

ऐसा हो ही नहीं सकता तुम्हारी बुर भी एकदम तैयार है मुझे मालूम है तुम्हारी बुर पानी छोड़ रही होगी यकीन ना आए तो हाथ लगा कर देख लो,,,

चल अब रहने दे बदतमीज इस तरह की बातें करेगा तो किसी की भी बुर पानी छोड़ने लगेगी,,,, तू बकवास बंद कर और जल्दी जल्दी चल,,,,,

सोच लो मां यहां पर जिस तरह का मौका मिल रहा है घर पर पता नहीं मौका मिलेगा कि नहीं वहां मेरे लंड के लिए तरस जाओगी अपनी बुर में लेने के लिए क्योंकि मुझे पूरा यकीन है कि अब तुम्हें पिताजी के लंड से बिल्कुल भी मजा नहीं आएगा,,,,

कोई बात नहीं तू अब अपना मुंह बंद रख,,,,,

(मधु फिर से शरमाते हुए बोली दोनों मां बेटे पूरी तरह से आपस में खुल चुके थे मधु बहुत खुश नजर आ रही थी बस उसे इस बात का डर था कि दोनों के बीच के संबंध के बारे में किसी को भनक ना लग जाए,,,, और राजू के इस बात पर भी वह गौर कर रही थी कि वास्तव में घर पर इधर की तरह उसे मौका नहीं मिल पाएगा अगर उसका मन बहक गया और उसे अपने बेटे का लैंड लेने की तड़प जाग गई तो वह क्या करेगी,,,, किसी तरह से वह अपने मन को समझा रही थी,,,,,,, घर पर पहुंचते-पहुंचते दोपहर हो चुकी थी रात को जिस तरह की तूफानी बारिश हो रही थी उसे देखते हुए मधु को ऐसा ही लग रहा था कि आज भी बारिश होगी लेकिन आसमान पूरी तरह से साफ हो चुका था धूप पूरी तरह से गर्मी भी खेल रही थी घर पर पहुंचकर राजू बैलगाड़ी को घर के सामने खड़ी कर दिया और वहीं पेड़ के सहारे बेल को बांध दिया,,,, राजू तुरंत बेल गाड़ी के पीछे आकर अपनी मां को उतरने में मदद किया और दोनों दरवाजे पर पहुंचे तो दरवाजा बंद था,,,,)

लगता है कोई घर पर नहीं है,,,,( मधु चारों तरफ नजर दौड़ा कर देखते हुए बोली)

लगता है खेत में गए होंगे,,,,,

(घर पर कोई नहीं है इस बात का ख्याल आते ही राजू का शैतानी दिमाग फिर से दौड़ना शुरू कर दिया राजू के पजामे में हरकत होना शुरू हो गया मधु दरवाजा खोल कर घर में प्रवेश की और पीछे पीछे राजू भी आ गया जिस तरह से हाथ में आई मौके का फायदा राजू और मधु पूरी तरह से उठाकर रात भर मस्ती किए थे उसी तरह से उन दोनों के घर से जाते ही हरिया और उसकी छोटी बहन आपस में जुदाई का अद्भुत खेल खेल रहे थे और वह खेल लगातार जारी था रात भर और दिनभर की चुदाई के बाद हरिया और गुलाबी दोनों खेत में थोड़ा काम करने के लिए चले गए थे और घर पर कोई नहीं था घर में प्रवेश करते ही राजू ने तुरंत दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दिया था और अपनी मां को तुरंत वह कुछ समझ पाती उससे पहले अपनी गोद में उठा लिया था और गोद में उठाए हुए ही वह उसे उसके कमरे की तरफ ले जा रहा था,,,,)

अरे अरे राजू यह क्या कर रहा है छोड़ मुझे मैं गिर जाऊंगी नीचे उतार,,, अरे पागल हो गया क्या कोई देख लिया तो,,,

अरे यहां कोई देखने वाला नहीं है ना पिताजी और बुआ दोनों खेत पर काम करने गए हैं क्यों ना इस मौके का फायदा उठा लिया जाए,,,।

(अपने बेटे की बात सुनकर मधु का दिल जोरो से धड़कने लगा उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल होने लगी उसे समझते देर नहीं लगी कि राजू फिर से उसके साथ मनमानी करने पर उतारू हो चुका है लेकिन मधु उसे ऐसा करने से रोकती नहीं लेकिन वह माना नहीं हो अपनी गोद में उठाए हुए राजू अपनी मां को उसके ही कमरे में ले गया और खटिया पर ले जाकर पटक दिया,,,,)

अरे नहीं राजू पागल हो गया क्या तू तेरे पिताजी आ गए तो गजब हो जाएगा,,,

अरे जब तक वो लोग आएंगे तब तक अपना काम पूरा हो जाएगा और वैसे भी दरवाजा बंद है आने से पहले हमें भी पता चल जाएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां के साथ मनमानी करते हैं उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा मधु से रोकने की पूरी कोशिश करती रही लेकिन राजू नहीं माना और देखते ही देखते अपनी मां के ब्लाउज का सारा बटन खोल कर उसकी नंगी चूची को आजाद कर दिया,,,,)

नहीं पागल ऐसा मत कर अगर किसी ने देख लिया तो हम दोनों बदनाम हो जाएंगे,,,

कोई नहीं देखने वाला है मां,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की दोनों चूची को अपने हाथ में लेकर जोर-जोर से दबाता हुआ अपने प्यासे होठों को अपनी मां के लाल लाल होठों पर रखकर चुंबन करने लगा आखिरकार रात भर की जबरदस्त चुदाई के बाद एक बार फिर से मधु की बुर पानी छोड़ना शुरू कर दी थी,,, उसे अपनी बुर में दर्द महसूस हो रहा था लेकिन फिर भी राजू की हरकत ने उसे फिर से उत्तेजित कर दिया था देखते ही देखते राजू पूरी तरह से अपनी मां के होठों को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दिया था और मधु  की भी हालत खराब हो रही थी,,, राजू अपने मुंह को तुरंत अपनी मां के होठों से हटाकर उसकी चूची पर रख दिया और उसे पीना शुरू कर दिया राजू की हरकतें मधु के तन बदन में जवानी का जोश भर रही थी,,, राजू पर पूरी तरह से वासना का भूत सवार हो चुका था घर में किसी की मौजूदगी ना होने पर हुआ इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था और वह अपनी मां की नंगी जवानी पर पूरी तरह से टूट चुका था उसकी दोनों चूचियों को पकड़ पकड़ कर दबाते हुए उसे मुंह में लेकर पी रहा था आखिरकार मधु कब तक अपने सब्र को काबू में कर पाती वह भी अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से मदहोश होने लगी,,, उससे भी रहा नहीं गया और वह अपना हाथ आगे बढ़ाकर पजामे के ऊपर से यह अपने बेटे के खड़े लंड को टटोलने लगी वाकई में राजू का लैंड पूरी तरह से लोहे की छड़ की तरह हो गया था,,, जिसे अपनी हथेली में महसूस करके उसकी गुरबाणी फेंक रही थी,,,, पजामे के ऊपर से ही अपने बेटे के लंड को पकड़कर जोर-जोर से दबाते हुए मधु बोली,,)

हाय दैया तेरा तो पूरा खड़ा हो गया है,,,

तुम्हारी बुर में जाने के लिए मचल रहा है,,,(इतना कहते ही राजू अपनी मां की साड़ी की गिठान को खोलने लगा उसकी साड़ी उतारने लगा तो उसे रोकते हुए मधु बोली)

नहीं साड़ी मत उतार कोई आ गया तो पहनने में दिक्कत हो जाएगी,,,

कुछ नहीं होगा वैसे भी चोदने का मजा पूरी तरह से नंगी करने के बाद ही आता है,,,

(मधु अच्छी तरह से जानती थी कि उसके बेटे की आगे अब उसकी एक भी चलने वाली नहीं है और राजू देखते ही देखते अपनी मां की साड़ी उतार कर पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे नीचे की तरफ एक झटके में ही खींच दिया और मधु भी अपने बेटे का साथ देते हुए अपनी भारी-भरकम गांव को ऊपर की तरफ उठाती थी ताकि उसका बेटा आराम से उसके पेटीकोट को उतार सके देखते-देखते मधु खटिया में एकदम नंगी हो गई राजू अपनी मां की नंगी जवानी को दिन के उजाले में देखकर और भी ज्यादा मस्त हो गया और तुरंत अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया अपने बेटे के खड़े लंड पर नजर पड़ते ही मधु के होश उड़ गए वह भी अपने बेटे के लंड को दिन के उजाले में देख रही थी और अंदर ही अंदर मचल रही थी,,, राजू इस बार अपनी मां की दोनों टांगों को फैलाने की जगह एक साथ पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया और साथ में पकड़े हुए ही जाकर उसकी छाती से उसके घुटने लगा दिया जिससे कमर के नीचे मधु की गोल गोल गाना मटके की तरह नजर आने लगी और राजू तुरंत अपने लंड को उसके गुलाबी छेद में डालकर चोदना शुरू कर दिया,,,, मधु पूरी तरह से मदहोश में जा रही थी मस्ती उसकी आंखों में साफ झलक रही थी इस तरह से दोनों टांगों को सता कर चोदने में राजू को और भी ज्यादा मजा आ रहा था क्योंकि इस तरह करने से पहले से ही मधु की बुर कसी हुई थी लेकिन इस स्थिति में उसकी बुर और ज्यादा सख्त और कसी हुई नजर आ रही थी जिससे राजू का लंड उसकी मां की बुर में थोड़ी दिक्कत के साथ लेकिन पूरा आनंद देते हुए अंदर बाहर हो रहा था,,,,।

मधु कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसका बेटा उसके ही कमरे में उसके ही खटिया पर उसकी चुदाई करेगा दोनों पूरी तरह से नंगे थे दोनों के बदन की गर्मी दोनों के लावा को पिघलाने के लिए तैयार थी,,, तकरीबन इस अवस्था में 20-25 मिनट के घमासान चुदाई के बाद मधु की सांसें तेज चलने लगी और यही स्थिति राजू की भी थी राजू तुरंत अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर अपनी मां को अपनी बांहों में कस लिया और जोर जोर से धक्का लगाने लगा खटिया से चरर चरर की आवाज आ रही थी मधु को इस बात का डर था कि कहीं राजू के तेज झटकों की वजह से खटिया ना टूट जाए लेकिन राजू पूरी तरह से मस्ती में चूर था वह धक्के पर धक्के लगा रहा था देखते ही देखते दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और दोनों एक साथ झड़ गए एक बार फिर से राजू ने अपनी मां की मदमस्त जवानी पर काबू पा लिया था मधु भी अपने बेटे की इस अफरा तफरी भरी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी,,,

राजू तुरंत खटिया पर से उठा और अपने कपड़े पहन लिया मधु भी धीरे से खटिया पर से उठी और अपने कपड़ों को ढूंढने लगी उसे अपनी बुर में दर्द महसूस हो रहा था वह अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी बुर की स्थिति को देखी तो थोड़ा सा घबरा गई क्योंकि बुर सुजी हुई थी,,, जैसे तैसे करके वह अपने कपड़े पहन कर दुरुस्त हो गई थोड़ी ही देर में हरी और गुलाबी भी घर पर आ गए और उन दोनों को देखकर दोनों खुश हो गए हालांकि यह खुशी ऊपर से ही थी क्योंकि वह लोग और मजा करना चाहते थे वैसे तो गुलाबी को अपने भाई से ज्यादा राजू के साथ मजा आता था लेकिन क्या करें वह अपने भाई को भी पूरा मस्ती देना चाहती थी ताकि दोनों की चोरी पकडे जाने पर दोनों एक दूसरे पर उंगली ना उठा सके,,,,।

रात को सोते समय मधु हल्दी वाला दूध एक गिलास गट गटाकर पी गई क्योंकि वह जानती थी कि इससे उसके दर्द में राहत मिलेगी,,,, रात को जब हरिया ने मधु के कपड़े उतार कर लेंगी करने की कोशिश किया तो मधु ने उसे इंकार कर दी क्योंकि मैं तू जानती थी की सूजी हुई बुर अगर उसका पति देखेगा तो जरूर मन में शंका करेगा,,, थके होने और तबीयत खराब होने का बहाना करके मधु अपने पति को समझा कर सो गई और राजू भी पूरी तरह से थक चुका था इसलिए खटिया पर पडते ही सो गया,,,।

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