You dont have javascript enabled! Please enable it! बैलगाड़ी – Pariwar Me Sex Story | Update 102 - KamKatha
बैलगाड़ी - Pariwar Me Chudai Ki Kamuk Gatha

बैलगाड़ी – Pariwar Me Sex Story | Update 102

राजू बेल गाड़ी लेकर निकल तो गया था लेकिन,,,,, उसके मन में भी डर था कि कहीं अगर बारिश हो गई तो वह क्या करेगा काफी लंबा सफर तय करना था,,,,,

बैलगाड़ी अपने रास्ते पर चल पड़ी थी ,,, राजू का कुछ देर पहले का अनुभव ताकि जबरदस्त रहा था वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इस तरह से अनजान गांव में उसे एक खूबसूरत भाभी मिल जाएगी जो उसे अपनी जवानी से तृप्त करेगी,,,, राजू बैलगाड़ी को आगे बढ़ाते हुए अपने मन में ही सोच रहा था कि दो दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी उसकी बुर कितनी कसी हुई थी,,, अगर उसके पास समय होता तो जी भर कर उसकी जवानी से खेलता,,,, राजू समझ गया था कि उसने उस औरत को पूरी तरह से तृप्त कर दिया है तभी तो वह औरत उसे दोबारा कब आओगे इस तरह से सवाल कर रही थी,,,,,,,, दूसरी गांव में जाकर यह राजू का दूसरी बार का अनुभव था पहला अनुभव वह बगल वाले गांव में अशोक चाचा की बीवी के साथ रात भर जमकर चुदाई करके ले लिया था और यह दूसरा अनुभव गांव से काफी दूर आकर मिला था दोनों अनुभव जबरदस्त था,,,,,,,, लेकिन दोनों में से राजू को यह वाला अनुभव बेहद बेहतरीन लगा था क्योंकि इसमें पहले से कुछ तय नहीं था कि ऐसा कुछ हो जाएगा,,,,,,, राजू अपने मन में बेल गाड़ी चलाते समय कैसे-कैसे क्या हुआ उसके बारे में सोच रहा था उसका तालाब के किनारे आकर पत्थर पर बैठना और फिर उस औरत का झाड़ियों में से बाहर निकलना और वह भी अपनी साड़ी को कमर तक उठाए हुए इतने से ही राजू के तन बदन में उस औरत को देखकर काम भावना जागरूक हो गई,,, और फिर उसके पीछे पीछे उसके करीब जाना और पहले ही उत्तेजना से भरे हुए उसके ब्लाउज में से झांकती उसकी चुचियों को देखें ब्लाउज के थोड़े से फटे होने की वजह से सूचियों का छोटा सा खजूर नजर आना और फिर लकड़ी उठाने के बहाने उसकी मदद करते हुए उसके घर तक पहुंचना,,,,, और उसके पास जो कुछ भी हुआ वह राजू के लिए बेहद अद्भुत और उत्तेजना आत्मकथा राजू को अपनी मर्दाना ताकत पर पूरा विश्वास था कि एक बार उस औरत को अपनी गिरफ्त में लेने के बाद उसे पूरी तरह से संतुष्ट करने के बाद ही वह छोड़ेगा और ऐसा ही हुआ था,,, वह औरत भी राजू के मर्दाना ताकत के आगे विवश हो चुके थे वरना आज तक वह किसी गैर मर्द को अपने बदन को छूने भी नहीं दी थी और एक बार उस औरत के कदम डगमगाने के बाद राजू ने उसे अच्छी तरह से संभाल लिया था और उसकी जमकर चुदाई किया था उस चुदाई से वह औरत पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी,,,,।

यही सब सोचता हुआ राजू बेल गाड़ी लेकर आगे चला जा रहा था बादलों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा था,,, दोनों मां बेटों को पूरा यकीन हो गया था कि किसी भी वक्त बारिश पड़ सकती है इसलिए दोनों के मन में थोड़ी बहुत घबराहट थी क्योंकि सफर अभी काफी लंबा तय करना था,,,,,,। फिर भी राजू अपनी बातों से घबराहट को कम करने के लिए वह अपनी मां से बोला,,,।

क्या बोले वेद जी,,,

बोले कुछ नहीं बस दवाई दिए हैं और कहे हैं कि,,, दूध के साथ 3 बार लेना,,,,

बोले नहीं कब तक आराम हो जाएगा,,,,

दस 15 दिन लगेगा,,,, एकदम आराम हो जाएगा,,,

चलो तब तो परेशानी की कोई बात नहीं है,,,,

तुझे क्या परेशानी है,,, मेरी तबीयत को लेकर,,,

अरे कैसी बातें करते हो ना तुम्हारी तबीयत खराब हो गई तो क्या मुझे परेशानी नहीं होगी,,,,

वो कैसे,,,,?

(अपनी मां की बात सुनकर राजू समझ गया कि उसकी मां फिर से मसालेदार बातों को सुनना चाहती है इसलिए राजू बोला,,,)

देखो बात साफ है तुम मुझे बहुत खूबसूरत लगती हो तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा अगर बीमार हो जाओगी तो,,,, जो तुम्हारा खूबसूरत बदन है ,,,अभी भी जो तुम्हारी जवानी बरकरार है धीरे-धीरे ढलने लगेगी,,(राजू जानबूझकर अपनी मां को उसकी जवानी की बात कर रहा था उसके सामने जवानी जैसे शब्दों का प्रयोग कर रहा था और यह सा सुनने में मधु को अच्छा भी लग रहा था,,,) तो तुम भी दूसरी औरतों की तरह हो जाओगी,,, तब तुम्हारे लोग वाकर से नहीं रह जाएगा जो इस समय है,,,

कैसा आकर्षण,,,?

अरे तुम्हारी जवानी का और कैसा आकर्षण,,,,

मैं कुछ समझी नहीं मैं भी तो दूसरी औरतों की तरह ही हूं फिर मेरे में ऐसा कौन सा आकर्षण है,,,(मधु को अपनी बेटी की बातें अच्छी लगने लगी थी इसलिए वह अपनी बेटी से और जानना चाहती थी अपने बारे में,,,,, वैसे भी औरतों को अपनी खूबसूरती के बारे में जितना पता होता है उससे ज्यादा मर्दों को उनकी खूबसूरती के बारे में ज्ञान होता है,,,,, राजू का दिल जोरो से उछल रहा था वह समझ गया था कि उसकी मां भी दूसरी औरतों की तरह अपनी खूबसूरती की तारीफ के साथ-साथ गंदी बातों को सुनना चाहती है और राजू को क्या चाहिए था अपनी मंजिल तक पहुंचने की यही सबसे अच्छा रास्ता भी था इसलिए वह अपनी बातों को नमक मिर्च लगाता हुआ बोला,,,)

क्या मा इतना भी नहीं समझती,,, आकर्षण का मतलब होता है तुम्हारी खूबसूरती तुम्हारी जवानी,,, तुम्हारी लाजवाब गोल गोल चूचियां जोकि ब्लाउज में कैद होने के बावजूद भी पके हुए पपाया की तरह बाहर आने के लिए मचलती रहती हैं,,,, पता है तुमको साड़ी से ढकने के बावजूद भी तुम्हारी चूची कितनी उभरकर साड़ी से बाहर आती है शायद यह तुमको पता नहीं होगा लेकिन देखने वालों के होश उड़ जाते हैं,,,(अपने बेटे की बातों को सुनकर एक बार फिर से मधु का दिल जोरो से धड़कने लगा था) तुम्हें तो शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि तुम्हारी चुचियों को देखकर कितने लोग तड़प जाते हैं और लोगों का मन करता है कि तुम्हारी चूची को जोर जोर से पकड़ कर दबाने उन्हें मुंह में लेकर पीएं,,,,

यह क्या कह रहा है राजू,,,,(धड़कते दिल के साथ मधु बोली,)

तुम्हें झूठ लग रहा है ना मा लेकिन मैं जो कुछ भी कह रहा हूं सच कह रहा हूं बाजार में तुम शायद जवान लड़का और मर्दों की नजरों को नहीं देखी थी वरना तुम्हें खुद ही पता चल जाता कि वह लोग तुम्हारी चूची देखकर क्या सोच रहे होंगे और सबसे बड़ा आकर्षण तो तुम्हारी गांड का है बड़ी बड़ी गांड,,,,(ऐसा बोलते हुए खुद राजू का लंड टनटना गया,,, और मधु की तो हालत खराब होने लगी उसकी बुर फिर से गीली होने लगी,,,, उसका बेटा उसके अंगों के बारे में खुले शब्दों में बात कर रहा था जिसे सुनकर मधु के तन बदन में आग लग रही थी राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) जब तुम कमर से अपनी साड़ी को कस के बांधती  होना तब तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड और भी ज्यादा बड़ी लगने लगती है ऐसा लगता है कि जैसे साड़ी के अंदर बड़े-बड़े तरबूज भर के रखी हो,,, सच में मैं तुम्हारी गांड देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाता है,,, तुमने शायद इस बात पर भी बाजार में गौर नहीं की थी वरना तुम्हें तभी पता चल जाता कि तुम कितनी खूबसूरत हो तुम्हारे अंग तुम्हारी चूची तुम्हारी गांड कितनी आकर्षित करती है मर्दों को,,,।

बबब बाजार में क्या कह रहा था तु,,,

अरे मां यही कि बाजार में तुम्हें देखकर कितने मर्दों का लंड खड़ा हो गया था,,,।

ततत,, तुझे कैसे मालूम,,,(उत्तेजना में हक लाते हुए स्वर में बोली)

मैंने अपने कानों से सुना था तभी तो बता रहा हूं,,,

क्या सुना था तूने,,,,?(मधु धड़कते दिल के साथ आश्चर्य जताते हुए बोली,,, अपने बेटे के मुंह से अपने बारे में दूसरे मर्दों के मन में चल रही गंदी बातों को सुनने में मधु के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी उसे सब कुछ अच्छा लग रहा था,,,, आखिरकार उसे अपने बदन पर गर्व होने लगा था कि इस उम्र में भी उसके में अभी भी पूरी जवानी बरकरार है वह किसी भी मर्द को जवान लड़के को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती है जिसका जीता जागता सबूत उसका खुद का जवान बेटा था,,,,)

अरे मां मैंने जो अपने कानों से सुना था उसे सुनकर तो मैं भी दंग रह गया था तुम सुनोगी तो सही में मुझे तो लगता है कि तुम डर के मारे बाहर निकलना बंद कर दोगी,,,, या तो फिर अपनी बुर पर भी एक ताला लगा कर रखोगी,,,।

क्या,,,?(इस बार अपने बेटे के मुंह से ताला लगाने वाली बात पर मधु खिलखिला कर हंस दी)

हां मां में सच कह रहा हूं उन लोगों की बात ही कुछ ऐसी थी,,,

क्या कह रहे थे वह लोग,,,,

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अरे बहुत गंदा बोल रहे थे तभी तो मैं तुम्हें ढूंढ रहा था कि कहां चली गई मुझे डर था कि कहीं वह लोगों के हाथ तो नहीं लग गई,,,

धत्,,,,(मधु शरमाते हुए बोली)

हां मां मैं सच कह रहा हूं लोगों की बात सुनकर मैं घबरा गया था,,,

कह क्या रहे थे वह लोग,,,,

अरे जब तुम चूड़ी खरीदने के लिए दुकान के पास जा रही थी ना तो दो-तीन आदमी वहीं पास में बैठ कर बीड़ी पी रहे थे और उनमें से तो यह कह रहा था,,,।

बाप रे कितनी खूबसूरत औरत है कसम से इसकी गांड देखकर तो मेरा लंड खड़ा हो गया,,, और तभी दूसरा बोला

यार तू सच कह रहा है इससे पहले मैंने कभी इसे बाजार में नहीं देखा कौन है यह इतनी खूबसूरत एकदम गोरी चिट्टी ऐसा लगता है कि जैसे स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा है और गांड देखकर कैसे मटका कर चल रही है,,,

और तीसरा बोला,,,।

कसम से यार एक रात के लिए मिल जाए तो इसकी बुर में लंड डाल डाल कर इसकी बुर का भोसड़ा बना दु रात भर इसे सोने ना दु,,, शाली की बुर एकदम गुलाबी होगी,,,, तभी दूसरे ने बोला,,,

सच कह रहा है यार शादी की बुर के बारे में सोच कर ही मेरा लैंड खड़ा हो गया है इसकी चुची देखकर से खरबूजे जैसी है गोल गोल मन करता है कि मुंह में लेकर रात भर पीता रहुं,,,, तभी पहले वाले ने बोला

शाली जिस से भी चुदवाती होगी कितना किस्मत वाला होगा,,, यार अगर यह मेरे सामने कपड़े उतार कर खड़ी हो जाए तो इसको नंगी देखकर मुझे तो लगता है कि मेरा लंड ऐसे ही पानी फेंक देगा,,,,।

बाप रे मेरे बारे में इतनी गंदी गंदी बातें ‌वह लोग कर रहे थे और तो कुछ बोल नहीं पा रहा था,,,

मेरा तो मन कर रहा था कि उन लोगों की टांग तोड़ दूं दांत तोड़ दूं लेकिन क्या करूं अगर सब लोग इकट्ठा हो जाते और पूछते तो क्या हुआ था तो मैं क्या कहता तुमको जो कुछ भी वह लोग कह रहे थे मुझे बताने में शर्म आती है और तुम्हारे बारे में इस तरह की बातें करने में मुझे बहुत गंदा लगता और सच कहूं तो अगर ऐसा कुछ हुआ होता तो दूसरे जो इकट्ठा होते वहां लोग भी तुम्हें उसी नजर से देखते जैसा कि वह तीनों देख रहे थे,,,।

थे कहां पर तीनो,,,

वहीं पर चूड़ी की दुकान के बगल में बैठे हुए थे,,,,,,

(अपने बेटे के मुंह से उन लोगों की इतनी गंदी गंदी बातें सुनकर मधु को गुस्सा भी लग रहा था और वह उत्तेजित भी हो चुकी थी उसकी बुर पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वह बार-बार साड़ी के ऊपर से ही अपने बुर के चिप चिपेपन  को टटोल रही थी,,,, जो कुछ भी राजू ने बताया था ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था लेकिन अपनी मां के सामने स्तर की गंदी गंदी बातें करने में उसे एक अजीब सा सुख मिल रहा था वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था उसका लंड औकात से बाहर एकदम टनटनाकर खड़ा था,,,, कुछ देर शांत रहने के बाद मधु बोली,,)

बाप रे तब तो मेरा इस तरह से बाजार में घूमना ठीक नहीं है,,,

ठीक नहीं है अरे बिल्कुल भी ठीक नहीं है अगर सोचो बाजार में घूमते हुए अगर थोड़ा बहुत अंधेरा हो जाए तो समझ लो कि वह लोग तो तुम्हें उठा कर ले जाए खेत में और फिर तुम्हारे सारे कपड़े उतार कर तुम्हें नंगी करके तुम्हारी बुर में बारी-बारी से अपना लंड डालकर चोदे,,, तब तुम लोगों का कुछ कर भी नहीं पाओगी और वह लोग अपनी मनमानी कर के चले जाएंगे तुम्हारी जवानी का रस पीकर,,,,।

(राजू एकदम तमतमा कर उत्तेजित हो गया था अपनी मां के सामने इस तरह की से गंदी से गंदी बातें करने में उसे बहुत मजा आ रहा था और इस तरह की बातें सुनने में मधु को भी अच्छा लग रहा था वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह अपने बेटे से इस तरह की बातें करेगी उसके मुंह से अपने बारे में इतनी गंदी-गंदी बातें सुन पाएगी लेकिन आज सब कुछ सोचने के विपरीत ही हो रहा,,, था,,, अपने बेटे की बात सुनकर वह अपने मन में कल्पना करने लगे कि अगर वाकई में उसके बेटे के कहे अनुसार ऐसा हो जाए तो वह तीनों उठाकर उसे ही सच में खेत में ले जाएंगे और बारी-बारी से उसके नंगे बदन को नोचेंगे और बारी बारी से उसकी बुर में अपना लंड डालकर उसे छोड़ देंगे जो कि आज तक किसी को भी अपने बदन को छूने नहीं देती अपने पति के सिवा,,,,, पल भर में उस तरह की कल्पना करके वह अपने बदन में झुरझुरी से महसूस करने लगी थी,,, जब जोर से बादल के गरजने की आवाज आई तब जाकर उसकी तंद्रा भंग हुई तब जाकर उसे होश आया कि वह तो बैलगाड़ी में सफर में है,,, अपने बेटे की बातों में इस कदर खो गई थी कि उसे पता ही नहीं चला था कि वह कहां पर है कहां जा रही है क्या समय हो रहा है बादलों की गर्जना की आवाज सुनते ही उसका ध्यान बैलगाड़ी से बाहर गया तो उसके होश उड़ गए चारों तरफ बादल ही बादल उमड़ रहे थे और अंधेरा छा गया था जबकि अभी शाम ढली भी नहीं थी लेकिन ऐसा लग रहा था कि जैसे रात हो रही है और बरसात पढ़ना शुरू हो गई थी वह घबराते हुए राजू से बोली,,,,,।)

अरे राजू अब क्या होगा यह तो बारिश होने लगी,,

हम यह तो बहुत तेज बारिश हो रही है और हमें तो अभी बहुत दूर जाना है पता नहीं अब क्या होगा,,,

जल्दी-जल्दी बैलगाड़ी आगे बढ़ा हो सकता है बरसात बंद हो जाए,,,

मैं भी यही सोच रहा था लेकिन बादलों को देखकर लग नहीं रहा है कि बरसात बंद होने वाली है देख नहीं रही हो कितनी तेज हवा चलने लगी है आंधी के साथ बरसात हो रही है,,,,

हाय दैया ऐसे में तो मुसीबत हो जाएगी,,,

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मा मैं जरूर कुछ ना कुछ करता हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही हो बैलगाड़ी को जोर से ले जाने लगा,,,,, बादलों की गड़गड़ाहट तेज हवा और तेज बारिश होना शुरू हो गई थी दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था हवा इतनी तेज थी कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था राजू को समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें फिर भी वह बैलगाड़ी को जल्द से जल्द जितना हो सकता था आगे बढ़ा लेना चाहता था वह जानता था कि तेज बारिश में बैल का आगे बढ़ना नामुमकिन है और अगर पानी भर गया तो बेल एक कदम भी नहीं चल पाएंगे इसलिए वह जल्द से जल्द आगे बढ़ रहा था मधु के चेहरे पर घबराहट नजर आ रही थी क्योंकि वह सोच रही थी कि अगर ऐसी तेज बारिश में रुकना पड़ गया तो कहां रुकेंगे,,,,

मन में यही सोचते सोचते राजू काफी दूर तक ऐसे ही बैलगाड़ी को लेकर आ गया था लेकिन अब धीरे-धीरे पानी भरना शुरू हो गया था तेज हवाएं अपना असर दिखा रही थी बेल गाड़ी में बैठे होने के बावजूद भी मधु पर पानी की बौछारें पड़ रही थी जिसकी वजह से उसके कपड़े गीले हो रहे थे राजू तो धीरे-धीरे गीला ही हो गया था,,, राजू समझ गया था कि बारिश इतनी जल्दी रुकने वाली नहीं है उन्हें कहीं ना कहीं रुकना ही होगा लेकिन कहां उसे समझ में नहीं आ रहा था,,,, दूसरी तरफ वातावरण भयानक होता जा रहा था जिसे देखकर मधु भी घबरा रही थी,,,, तभी राजू की नजर एक खंडहर नुमा बड़े घर पर पड़े वह पूरी तरह से खंडार हो चुका था लेकिन उसमें बारिश से बचने का जुगाड़ नजर आ रहा था और उसे देखकर राजू के चेहरे पर मुस्कान आ गए और वहां अपनी मां को बताई भी ना जल्दी-जल्दी वहां पर पहुंच जाना चाहता था क्योंकि पानी भरना शुरू हो गया था अगर घुटनों तक पानी आ जाता तो बेल शायद आगे बढ़ने से इंकार कर देता,,,।

और थोड़ी ही देर में बादलों की गड़गड़ाहट और तेज हवाओं के साथ साथ घमासान बारिश के बीच से वह बैलगाड़ी को आगे बढ़ाता हुआ उस खंडहर के सामने पहुंच गया और खुश होता हुआ अपनी मां से बोला,,,।

चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है बारिश से बचने का जुगाड़ हो गया है,,,

कहां,,,?(मधु आश्चर्य से इधर उधर देखते हुए बोली)

यह रहा,,,(खंडहर की तरफ हाथ दिखाते हुए राजू बोला तो उस खंडार की तरफ देखकर उस खंडार की हालत को देखकर मधु घबराते हुए बोली,,,)

इस खंडहर में बाप रे बाहर से इतना भयानक लग रहा है क्या इसमें जाना ठीक रहेगा मुझे तो भूत से बहुत डर लगता है,,,

क्या बात हम भी खामखा डरती हो मैं हूं ना तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है,,,,,,।

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