You dont have javascript enabled! Please enable it! मैं बाजी और बहुत कुछ - Update 28 | Incest Sex Story - KamKatha
मैं बाजी और बहुत कुछ - Incest Sex Story

मैं बाजी और बहुत कुछ – Update 28 | Incest Sex Story

दोस्तो कुछ ही दिनों में बाजी की शादी धूम धाम से हो गई बाजी की जब विदाई हो रही थी तब मेरा रो रो कर बुरा हाल था मैने बाजी के बगैर कभी जीने का सोचा ही नही था . पर कहते हैं ना जब वक्त करवट लेता है तो इंसान की चाहतें इंसान के वादे सब बीते वक्त की निशानी बनकर रह जाते हैं
कहते हैं कि अतीत के पन्नों को कभी न खोलो, अपने आज पे फोकस करो और इसे बेहतर करो। कभी कभी अतीत के पन्ने खोल के भी वापस जाना पड़ता है, कुछ सवालों के जवाब पाने के लिए। अतीत की उन यादों से जब मैं वापस आया तो मेरी आंखों से निकलते आंसुओं ने मुझे भिगो रखा था। वह किसकी याद थी जिसने मुझे आज अतीत की उन यादों में धकेल दिया था? कहीं सेएक आवाज़ आई “साना” हाँ एक ही सार हो सकती है। । । जो मेरी तकदीर में लिखा था इस सब में उसका क्या दोष था? उसने तो मुझे शुद्ध मन से चाहा था। । ।

अतीत में जा के जिन सवालों के जवाब मुझे मिले, इन सवालों के जवाबों में सेएक जवाब भी था, अपने लिए तो हर कोई जीता है, पर किसी और के लिए कोई नहीं जीता, हाँ अब मुझे किसी और के लिए जीना था, हाँ साना के लिए, मैं अभी साना को अपनाना था। । । । ।

एक और बात जो उस दिन मैंने सीखी वह यह कि “” आत्मा कभी मरती नहीं, आत्मा की कभी हत्या नहीं होती, वो तो बस भटक जाती है, हाँ भटक ही जाती है किसी की याद में। । । । । । । । ।
दोस्तो इस तरह इस कहानी का सफ़र यहीं समाप्त होता है एक दो दिन में फिर चल पड़ेंगे किसी नये सफ़र पर तब तक के अलविदा दोस्तो

THE END
समाप्त

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