अपनी गाण्ड पे मेरे होंठों के स्पर्श को पा के बाजी तड़पती हुई सिसकियाँ लेती हुई थोड़ी सी ऊपर को हुई ((उसी तरह करवट लिए रखी)) और मेरे सिर के बालों से मुझे पकड़ते हुए पीछे करने की कोशिश की। मेरे बाल खींचने की वजह सेएक पल मेरा चेहरा पीछे को हुआ, उसी दौरान मेरी नज़र उनके चेहरे पे पड़ी तो उन के चेहरे पे मामूली परेशानी और मुँह से सिसकियाँ निकल रही थीं और नजरें मुझ पे ही जमी थीं। मैं अपने बाल खींचने की परवाह किए बिना, फिर से आगे हुआ और इस बार मैंने अपने होंठ उनकी गाण्ड की लाइन पे जा रखे और अपनी जीभ बाहर निकाललते हुए उनकी गाण्ड की लाइन में मे घुसाने लगा ।
जब मैंने बाजी की गान्ड की लाइन में अपनी ज़ुबान फेरी तो उस पल वह मुझे पीछे खींचने ही वाली थी कि ज़ुबान के फेरते ही जैसे बाजी कांप उठी और मचलते हुए पीछे की बजाय मेरे सिर को आगे की ओर यानी कि अपनी गाण्ड की ओर दबा दिया। मेरा मुंह जैसे बाजी की मोटी गाण्ड में घुसता ही चला गया और मैंने अपनी जीभ को उनकी गान्ड की लाइन में फेरना शुरू कर दिया। बाजी की गाण्ड की लाइन बहुत गहरी थी, मैं अपनी जीभ को उसकी गहराई में उतारता चला जा रहा था मेरी जीभ उनकी लाइन की गहराई में फिसलती चली जाती। फिर वैसे ही बाहर लाता अपनी जीभ और फिर अंदर तक ले जाता। अब एक प्रक्रिया सी बन चुकी थी कि जैसे ही मेरी जीभ उनकी लाइन की गहराई से वापस आती तो उनकी गाण्ड की साइड पे एक मामूली बाइट भी कर देता , जिससे बाजी अपने मुंह से निकलती आह न रोक पाती थी। कितनी ही देर में उनकी गाण्ड को चाटता और काटता रहा।
कितना ही समय बीत गया, हम दोनों बहके हुए डूबे रहे उन्ही मस्तियों में, कि अचानक मैं ऊपर हुआ और बाजी का हाथ अपने सिर से हटा दिया। मेरे हाथ हटाने और ऊपर होने से बाजी फिर से नीचे हुई और मुंह दूसरी तरफ कर लिया और अपने हाथ से सलवार पकड़ ऊपर को करने लगी कि मैंने फिर से उनके उस हाथ को पकड़ लिया। अब मैं ऊपर हुआ फिर से उनके बराबर आ के लेट गया था। मैंने थोड़ा ऊपर होते हुए दूसरे हाथ से अपनी सलवार घुटनों तक नीचे कर दी। मेरा मोटा लंबा लंड अभी सलवार की कैद से मुक्त हो चुका था। मैंने समय ज़ाया किए बिना अपने लंड को बाजी की गाण्ड पे रखा। मेरा लंड उसकी मोटी गाण्ड की लाइन में डूबता चला गया। ।
मेरे लंड को अपनी गाण्ड की लाइन में फील करते ही बाजी के शरीर को एक झटका लगा, वह पीछे मुड़ते हुए बोली: यह क्या कर रहे हो, पागल हो गए हो तुम, निकालो इसे बाहर आह सलमान इसकी एक सीमा है, तुम क्या चाहते हो, हाँ, निकालो ना इसे बाहर। । । बाजी की नशे और मस्ती में डूबी आवाज मुझे कहीं दूर से आती सुनाई दी और मैं नशे में चूर हवाओं में उड़ता बस अपने लंड को उनकी गाण्ड से रगड़ता रहा। ।
वास्तविकता यह थी कि बाजी समय के साथ प्यार के नए नए मोड़ से परिचित होने के बाद, प्यार को स्वीकार तो कर बैठी थी, पर शायद एक डर अभी भी उनके अंदर कहीं मौजूद था, वह डर ज़माने का था या कुछ और इसका मुझे पता नहीं। वह अपने आप को मुझे सौंप देने के बाद भी एक तरह से जैसे नहीं सौंपी थीं। आज जो आग उनके और मेरे अंदर सुबह की घटना से बढ़की थी उस आग में जल के हम दोनों ही शायद कुंदन हो चुके थे। हां इसीलिए तो जिस मिलन की प्यास में अब तक तड़प रहा था, वह मिलन आज मुझे बहुत करीब लग रहा था, हाँ शायद वह भी तो मिलन की प्यास में तड़प रही थी, यह कैसे हो सकता था कि मेरा शरीर मेरी आत्मा तड़पे और वहीं दूसरी ओर बाजी को कुछ न हो। । । ।
“” सलमान मत करो ना आह आह कब समझोने तुम मम आह बोलो “”
मैं आराम से पीछे हो गया और घुटनों के बल बेड पे खड़ा हुआ और अपनाएक हाथ उनकी कमर पे तथा कंधे पे रखते हुए उन्हें सीधा करके बेड पे लिटाया इससे पहले वे कुछ कहती में उनकी नीचे वाली साइड पे खिसका और उनकी पहले से आधी उतरी सलवार को पूरा अपने पैर से अलग करता चला गया। । । ।
बाजी अपनी टांगों को एक दूसरे से मिलाकर फ़ोल्ड करती हुई बेड पे उठ बैठी। “” यह क्या पागलपन है
“मैंने दीदी के दोनों गालों को प्यार से थामे हुए कहा” मेरी आंखों में देखें जरा ”
उन्होंने अपनी बड़ी बड़ी खूबसूरत आँखों से मेरी आँखों में देखा तो कुछ ही पल लगे, इन दो पतंगों को एक दूजे में खोने में
“” किस बात की सजा दे रही हैं खुद को और मुझे? आज तक एक बार नहीं बोला, जो आपने कह दिया, उसी को हमेशा माना, जो अब बोल रहा हूँ जब पहली बार किया तो क्यों आगे बढ़ने दिया आपने मुझे, हाँ, मुझे रोकाक्यों नहीं आपने “” मैं जब पहली बार बोला तो फिर बोलता ही चला गया और रुका जब बाजी ने अपनाएक हाथ मेरे मुँह पे रख दिया, पर मेरी आँखों में उलझी अपनी आँखें हटाई नही
मैंने बाजी की शर्ट और ब्रा को हटाते हुए, उन्हें दोनों बाजुओं से पकड़ते हुए लेटा दिया और उनके पैरों को प्यार से आराम से खोल दिया। । उनके सुंदर गोरे पैर खोलते ही मेरी नज़र उनकी पिंक कलर की योनी पे पड़ी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह हाय कितनी प्यारी सी योनी थी, पिंक कलर के बंद हुए लिप्स आह बाजी वैसे ही मझेएक टक देखे जा रही थी। जाने कब से इंतजार कर रहे थे हम दोनों इस मिलन के लिए, इसलिए मैंने देर नहीं की और बाजी के पैरों के बीच में आ गया। पैरों के बीच में आते ही मैंने बाजी के दोनों पैरों के नीचे से हाथ किया और उनके दोनों पैर अपनेशोल्डरज़ पे रख लिए और अपना लंड उनकी योनी पे जाकर रख दिया
“आह” “आह” हम दोनों के मुंह सेएक ही समय में निकला । । । मैं अपने लंड हाथ में पकड़ते हुए अपनी टोपी बाजी की योनी पे आराम से रगड़ी। । योनी पे मेरी टोपी को फील कर बाजी मस्ती के समुद्र में फिर से डूबना शुरू हो गईं, मिलन के समय को इतने करीब पा के बाजी की आँखें अब बंद हो चुकी थीं। मैं वैसे ही अपनी टोपी को उनकी योनी पे रगड़ता जा रहा था। मस्ती और मजे के साथ एक अजीब सी संतुष्टि और आराम था इन पलों में .
टोपी रगड़ते रगड़ते बाजी की पहले से गीली योनी और ज़्यादा गीली हो चुकी थी कि मैंने लंड का एक हल्का सा धक्का उनकी योनी मे मारा, गीली हुई योनी में लंड का टोपा थोड़ा ज़्यादा अंदर चला गया और बाजी ने बिलबिला कर आँखें खोल दी और अपनी आँखें मेरी आँखों में डालते हुए कहा “प्लीज़ थोड़ा धीरे करो, दर्द हो रहा है”
मैंने कहा: आप अपनी टाँगें मेरी कमर पे दूसरी ओर कर लें। । बाजी ने संकट में डूबे, न समझ आने वाली शैली में मेरी ओर देखा तो मैंने उनकी टाँगों को अपनेशोल्डरज़ से उतारा और अपनी कमर के पास ले जाते हुए कहा कि: मेरी कमर एक पे ले जा केएक टांग दूसरे पैर पे रख लें। बाजी ने ऐसा ही किया। इतना सब करने में मेरा लंड फिर से बाहर आ चुका था, मैंने फिर से उसे योनी के ऊपर रखा तथा झटका मारा
“” आह आह हाय आराम से करो “” बाजी ने दर्द से चीखते हुए कहा
लंड पहले जितना फिर से अंदर जा चुका था। मैं अब बाजी पे झुक चुका था और उनके ऊपर झुक कर मैंने उनके मम्मों को बारी बारी साथ चूसना भी शुरू कर दिया। बाजी के मोटे मम्मे मेरे मुँह में जाते तो उन्हें चूसता और अपनी जीभ से चाटता उनके निपल्स पे भी अपनी ज़ुबान फेरता तो दर्द के साथ बाजी को राहत भी मिलना शुरू हो जाती। कुछ देर बीतने के बाद मैंने एक झटका और जोर से मारा, जिस से लंड और आगे बढ़ता चला गया
“” सलमान खुदा का वास्ता है तुम्हें आराम से करो मेरी सांस रुक रही है “” बाजी का चेहरा एक बार फिर से दर्द की तीव्रता से अजीब सा हो गया था। मैं बाजी के निपल्स मुंह में लेकर अपनी जीब फेरता रहा। । बाजी की योनी में लंड लगभग आधे से थोड़ा कम तक जा चुका था, ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरे लंड को सख्ती से पकड़ के दबा रखा है। जीवन में पहली बार मैं मज़े और मस्ती की ऐसी स्थिति से गुजर रहा था। एक अजीब सा नशा नस नस में मुझे महसूस हो रहा था। । ( हालाँकि इससे पहले मैं साना को चोद चुका था पर कहते हैं ना जब आप अपने प्यार के साथ जब पहला मिलन करते हैं तो उस आनंद के सामने बाकी दुनियाँ की सभी लज़्जतें फीकी पद जाती हैं ) बाजी के चेहरे पे थोड़े आराम के आसार नज़र आते ही मैंने एक झटका और मारा और जहां एक ओर बाजी की योनी में मेरा लंड और आगे बढ़ता चला गया वहीं दूसरी ओर बाजी के मुंह सेएक चीख निकल गई।
मैं अपनाएक हाथ उनके मुंह पे रख दिया ताकि वह और चीख न सकें। बाजी कितनी ही देर निश्चल अवस्था मे लेटी कभी अपनी आँखें बंद कर लेती तो कभी खोल लेती। मैंने अपना दूसरा हाथ बाजी के एक पैर पे फेरते हुए एक हाथ उनके मुंह पे रखे हुए और अपने मुँह में उन का एक मम्मा जितना भी आ सकता ठेलते हुए और उस पे अपनी जीब फेरते हुए एक झटका और मारा, मेरा लंड जड़ तक बाजी की योनी में चला गया। । । अबकी बार वह चीख न सकी पर अपना शरीर हिला हिलाकर तड़पी बहुत, हिली ज़रूर। । मैं बाजी के सामान्य होने तक उनके मम्मे को जी भर के चूसता रहा।
जब बाजी काफी देर बीतने के बाद बाजी का सामान्य होना शुरू हुआ तो मैंने अपना हाथ उनके मुंह से उठा दिया।
“सलमान बहुत दर्द हो रहा है, आह, मैं क्या करूँ, आह” बाजी ने दर्द से तड़पते हुए कहा
” बाजी बस हो गया थोड़ा सा धैर्य रखें अब आपको दर्द नही होगा मैने उन्हे समझाते हुए कहा
“मैंने धीरे धीरे अपने लंड को पीछे की ओर खींचना शुरू किया।। आनंद की एक साथ कितनी ही लहरें मेरे बदन में दौड़ गई”
“धीरे ओइईईईईईईईईईईईई धीरे आह आह अब आराम से करना प्लीज़ आराम से करना अब आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह “” बाजी ने दर्द से कराहते हुए कहा
मैंने बाजी के होठों को अपने होंठो में लिया और हम दोनों एक दूसरे को आराम से चूमने लगे। अब टोपी केवल योनी के अंदर रह गई थी बाकी लंड बाहर आ चुका था। मैंने एक बार फिर से बाजी की योनी में लंड डालना शुरू किया।
“” हाय सलमान आह आह उफ़ सलमान उफ़ ये कयाआह आह आह धीरे सलमान इतना दर्द क्यों होता है? “” अब की बार जैसे बाजी लंड के अंदर जाने से कहीं खो सी गई ।। लंड फिर से जड़ तक अंदर चुका था।।।