लंच ऑवर में माँ का फ़ोन आया. वह मुझे पूछि की में मकान मालिक से मिलके आया की नही पर मैं बिलकुल भूल गया था एक्चुअली पिछले हप्ते में जो पर्दा ख़रीदा था , वह अभी तक लगा नहीं पाया. मैं जिस घर पे रहता हु, वह नया बना हुआ घर है. पार्टीशन करके दिवार वगेरा बनाया. पर विंडोज और दरवाजे पे पर्दा लगाने का बंदोबस्त नहीं किया. सो में जब दुकान से लोग बुलाये पर्दा लगाके फिट कर देणे के लिए तो वह लोग बताया की सारे खिड़की और डोर के ऊपर प्यानल बनाना पड़ेगा . फिर पाइप लगाके पर्दा फिट करना पडेगा. पर में मकान मालिक को बताया था जब घर लिया था की में उनका घर पर कोई कील या कुछ नहीं ठोकूंगा. या तो उनकी नयी पार्टीशन वाली दीवार ख़राब नहीं करुन्गा. सो मुझे उनके पास जाके उनको बताना है और परमिशन लेके आना है. फ़ोन पे कर सकता था पर एकबार सामने जाकर सब प्रॉब्लम सोल्व करना बेटर समझा. और इस बात को लेके काल रात माँ से बात हुआ था आज मुझे जाना था पर गया नही सो उन्होंने अभी फ़ोन पे याद दिलाया. मैं बोला की आज घर लौट ते वक़्त मिलके आउंगा.
ओर उस चक्कर मे मैं रात को लौटने में भी लेट हो गया. वह मकान मालिक आदमी अच्चा है. पर बोलता ज़ादा है. वह मुझे देख के ही बोलने लगा की मेरे नानाजी कैसे है, कब आएंगे यहां, वह कितने अच्छे इंसान है. उनसे दोबारा मिलना चाहते है वगेरा वग़ैरा. मैं यह भी बताया की में शादी करके बीवी को लेकर आ रहा हु, इस लिए घर का यह सब ठीक करना चाहता हु. मेरी शादी सुनके हज़ारों सवाल सुरु किये. मुझे किसी प्रकार से वहां से छुटकारा मिला. रात में डिनर के बाद फिर माँ को फ़ोन किया. मैं दिन भर माँ से उस रिसोर्ट के बारे में बात करना चाह रहा था पर सही तरह से मौका नहीं मिला. इसलिए अभी में उस बात को छोड़ दिया. रिसोर्ट वालो से क्या क्या बात हुआ सब बताया. वह सब सुन के चुप हो गई. उनकी सांस की आवाज़ मिल रही है. मैं थोडे टाइम बाद चुप्पी तोड़के पूछा की क्या वह उसदिन रात में वहां रहना पसंद करेगी? वह यह बात सुनके फ़ोन के उपर ही शर्मा गई. मैं मेहसुस कर पा रहा था वह कितनी शरमाई हुई है. यह सुनके भी जवाब नहीं दिया. मैं फिर पुछा. वह धीरे से, शर्म के साथ बोली की वहां उनके मम्मी पापा के सामने शर्म आयेगा. वह सीधा मेरे साथ हमारे नये घर पे आना चाहती है. मैं समझ गया की वहां नाना नानी के रह्ते हुए, मेरे साथ यानि की उनके खुद के बेटे के साथ सुहागरात मनाने में शर्म और लाज उनको घिरके रखेगी. इस लिए वह यहाँ आ जाना चाहती है. इसी घर पर, जो बस हम दोनों का घर बनेगा, वहां से हमारे नए रिश्ते में कदम रखना चाहती है. मैं उनकी हर खवाइश पूरा करना चाहता हु. वह ऐसे चुप होकर रह गई. मेरा मन ख़ुशी से काँप रहा है. मैं मन में कुछ शक्ति एकठ्ठा करके धीरे से पूछ
??ठीक है. हम मुंबई से दोनों यहाँ आजायेंगे??.
फिर में थोड़ा रुक के बोला
??मैं एक बात पुछ सकता हूँ?????
वह- धीरे से बोली
??पूछिए??
मैने प्यार से एकदम धीरेसे पुछा
??तुम हनीमून नहीं जाना चाहती हो???
मुझे लगा यह बात सुनके वह थोड़ा काँप उठि. शायद अंदर से वह हिल गई. क्यूँ की उन्होंने मुझे जिस तरह कंपकंपाती हुई आवाज़ से जवाब दिया, उसमे से मालूम करना कठिन नहीं की शायद एक दो आँसू भी गिर गया होगा. उन्होंने काँपती हुई आवाज़ से फुसफुसाकर बोली
??मैंने कभी सोचा नहीं था ??की मुझे ज़िन्दगी में दोबारा इतना सुख, इतनी ख़ुशी मिलने का सौभाग्य मिलेगी. मुझे इतना प्यार मिलेगा ??.??
बोलके माँ रुक गई. वह चुपके से रो रही है. मेरे छाती में एक कस्ट होने लगा. मैं उनको रोते हुए नहीं देख सकता. वह ख़ुशी के आँसू हो या दुःख के में उनकी आँखों से एक भी बून्द आँसू निकलने नहीं देना चाहता हु. वह फिर खुदको थोड़ा कण्ट्रोल करके बोली
??मैं जानती थी , कोई भी लड़की आप को पति के रूप में पाएगी तो वह दुनियाकी सबसे ज़ादा खुश नसीब होगी. आप का प्यार पाकर , मेरा यह जनम स्वार्थक हो गया. यह प्रार्थना करती हु, की में आप को हमेशा खुश रख पाऊँ . आप की ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी है. आप मुझे आप के साथ अगर पेड़ की छाओं में घर बसा ने के लिए भी कहेंगे तोह में वहां भी मेरा प्यार देके आप को सारी खुशियां देना चाहती हु. ज़िन्दगी की आखरि सांस में भी मैं आप की बाँहों में रहना चाहती हु. मैं आप का दिया हुआ सिन्दूर मांग मैं लेकर मरना चाहती हुं…..??
बोलकर माँ फिर रो पडी मैं बिचलित हो गया. मैं उनको कैसे सान्तवना दूंगा वह समझ नहीं पाया. मेरी सारी बातें, सारा कहना, सारा प्यार उठके आकर गले में अटका हुआ है. मैं भी भाबुक हो गया. मैं धीर से उनको बोला
?? अरे??.दुनियाकी सबसे ज़ादा खूबसूरत और प्यारी लड़की जब रोती है, तब मुझे सबसे ज़ादा कस्ट होता है और वह लड़की अगर मेरी बीवी है तोह उसी कस्ट से मेरा दिल टूट पडता है. फिर भी तुम रोओगी???
मेरी इन बातों से वह थोड़ा खुद को कण्ट्रोल करके बोली
मैं जानती थी , कोई भी लड़की आप को पति के रूप में पाएगी तो वह दुनियाकी सबसे ज़ादा खुश नसीब होगी. आप का प्यार पाकर , मेरा यह जनम सार्थक हो गया. यह प्रार्थना करती हु, की में आप को हमेशा खुश रख पाऊँ . आप की ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी है. आप मुझे आप के साथ अगर पेड़ की छाव में घर बसा ने के लिए भी कहेंगे तोह में वहां भी मेरा प्यार देके आप को सारी खुशियां देना चाहती हु. ज़िन्दगी की आखरि सांस में भी आप की बाँहों में रहना चाहती हु. मैं आप का दिया हुआ सिन्दूर मांग लेकर मरना चाहती हुं…..??
बोलकर माँ फिर रो पडी मैं बिचलित हो गया. मैं उनको कैसे सान्तवना दूंगा वह समझ नहीं पाया. मेरी सारी बातें, सारा कहना, सारा प्यार उठके आकर गले में अटका हुआ है. मैं भी भाबुक हो गया. मैं धीर से उनको बोला
?? अरे??.दुनियाकी सबसे ज़ादा खूबसूरत और प्यारी लड़की जब रोती है, तब मुझे सबसे ज़ादा कस्ट होता है और वह लड़की अगर मेरी बीवी है तोह उसी कस्ट से मेरा दिल टूट पडता है. फिर भी तुम रोओगी???
मेरी इन बातों से वह थोड़ा खुद को कण्ट्रोल करवाया. और फिर सिसकि लेके थोड़ा हास्के सिचुएशन को हल्का करने लगी खुद ही. प्यार भरी आवाज़ में थोड़ा फेक गुस्सा दिखाके बोली
??बस ..हमेशा झुट बोलके मुझे खुश करने की जरुरत नही मैं जानती हु.. में इतनी खूबसूरत नहीं हु. और में अभी भी आप की बीवी नहीं बनी????
मैन समझ गया वह धीरे धीरे सहज हो रही है. हालां की अभी भी थोड़ा थोड़ा सिसकि की आवाज़ आ रही है , फिर भी खुद को संभाल रही है. मैं भी सिचुएशन को लाइट करने लगा. मेरे दिल की बात, मेरी अन्तरात्मा की बात आसान तरीके से बताने लगा, मैंने कहा
??मैं सच मुच लकी हु..ऐसी सुन्दर प्यारी लड़की को खुद के बीवी के रूप में पाकर. क्या तुम खुद की छाती पे हाथ रख के कह पाओगी की तुम मेरी बीवी नहीं हो????
इस बार वह थोड़ा ज़ादा हास् पडी. और शरमा भी गई. फिर एक सिसकि लेके रोना एकदम बंध करके धीरे से बोलि
?? अगर में आप की बीवी होती तो आप मुझे मेरे नाम से बुलाते??.
मै इस बात पर खुद ही हस पडा मैं माँ से बात करते वक़्त कुछ नहीं बुलाता हु. इस लिए कभी कभी एक अजीब सिचुएशन में पड़ जाता हु और वह लेकर माँ मुझे हमेशा बोलती है. वह नहीं चाहति की में उनका बेटा बनके रहू. वह चाहती है में उनका पति बनके खुद को उनके पति के रूप में स्वीकार कर लु. मैं उन्हें कहा
??मुझे नाना नानी के सामने नाम से बुलाने में शर्म आएगी??.
वह बोली
??तो ठीक है . मम्मी पापा के सामने न बोलिये, लेकिन जब वह लोग नहीं है, तब तोह कह सकते है.??
मैने थोड़ा रुक रुक कर कहा
??हाँ ??वह कह सकता हु??????
बोलके दोनों चुप हो गये, एक दूसरे को फ़ोन के उस तरफ रहके प्यार जताने लगे खामोश बनके. थोडे टाइम बाद में धैर्यपूर्वक बोला
??तो अब बताओ??.??
वह गले में एक मिठास और प्यार लेकर धीरे से कहि
??क्या??????
मै आँख बंध करके फुसफुसाकर बोला
??मेरी मंजु कहाँ जाना पसंद करेगी हमारे हनीमून पे???
उनको पहली बार नाम से बुलाके खुदको एक अलग नशे में डुबा हुआ मेहसुस कीया. वह भी मेरे जैसे प्यार के नशे में बंध होकर फुसफुसाकर बोली
??आप जहाँ लेकर जाएंगे, आप की मंजु आप के साथ जाने के लिए तैयार है????
ऐसे ही एक इमोशनल मोमेंट्स से में उनको नाम से बुलाना चालू किया. और पिछले दो दिन से ऐसे ही चल रहा है. और अब माँ खुद को ज़ादा मेरी पत्नी महसुस कर रही है, और में भी उनको ज़ादा मेरी पत्नी मेहसुस कर रहा हु.