UPDATE – 39
दीदी की गांड़ मारने की रिशू की बहुत इच्छा थी
लेकिन पहले वो उसे अपने मोटे लंड़ के लिये तैयार करना चाहता था.
कुछ देर तक उनकी गांड़ के छेद में अपनी उंगली
रगड़्ने के बाद वो हौले से अपनी पहली उंगली को थोड़ा सा
धक्का देते हुए दीदी की गांड़ मे घुसा देता है और
धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
गांड़ में रिशू की उंगली और चूत में उसका लंड़ अपने
दोनों छेदों की इस तरह से एक साथ हो रही चुदाई से
दीदी एकदम बदहवास हो गयी और
उन्होंने रिशू को जोर से भींच लिया.
दीदी उसे ताबड़ तोड़ चूम रही थी
उन्हें ऐसा लगा कि वो फिर से झड़ने वाली है…
रिशू अब तेजी से दीदी की गांड़ में उंगली से अंदर बाहर करने लगा.
थोडी देर तक इसी तरह अपनी उंगली अन्दर बाहर करने के बाद
उसने अपनी उंगली को थोडा और अंदर धक्का दिया और
अपनी आधी उंगली दीदी की गांड़ में घुसा दी और
गांड़ में ही उसे हिलाने लगता है.
कुछ देर तक अपनी आधी उंगली दीदी की गांड़ मे रखने के बाद
रिशू ने एक और धक्का देते हुए उसकी
पूरी उंगली ही दीदी की गांड़ मे घुसा दी.
पूरी ऊँगली गांड में घुसने से दीदी चिहुक उठी
पर रिशू ने इस पर ध्यान न दिया और
अपनी पूरी की पूरी उंगली गांड़ मे अंदर बाहर करने लगता है,
रश्मि दीदी जैसे अपना आपा खो बैठी और
अपनी कमर को जोर जोर से हिलाने लगी और
उन्होंने रिशू को बुरी तरह से अपनी बाहों में जकड़ लिया.
रिशू को लगा जैसे वो जन्नत की सैर कर रहा था.
उसने सोचा की रश्मि की चूत में उसका लन्ड़,
मुह में चूची और रश्मि की गांड़ मे उंगली.
उसकी तो जैसे पांचो उंगलियां घी में थी.
दस मिनट तक रश्मि दीदी को इसी तरह से चोदने के बाद
उसने फ़िर से उनको लिटा दिया और
खुद उनके नंगे जिस्म पर लुड़क गया.
रिशू अपने जिस्म की हवस तो दीदी के नंगे जिस्म से मिटा रहा था
लेकिन उसके दिमाग में भी वासना की हवस भरी हुई थी
और इसीलिये वो अब दीदी के साथ कामुक बातें करना चाहता था.
रश्मि दीदी की चूत में लंड़ डालने से
उसके शरीर को आराम मिल रहा था
और उसके लंड़ की प्यास बुझ रही थी
लेकिन कामुक बातें करने से उसके दिमाग को सुकुन मिलता.
रिशू रश्मि से बोला, बहुत खूबसूरत नंगी हो तुम रश्मि,
तेरा ऐसा नंगा जवान जिस्म पाकर तो मैं धन्य हो गया .
दीदी जवाब में कुछ नहीं कहती के हूं कह के रह जाती है
लेकिन रिशू अपनी बात कहना जारी रखता है:
रिशू : अब रोज ड़ालुंगा तेरे अंदर डार्लिग,
बोलो दोगी न रोज डालने के लिये?
रश्मि : ऊउउउउउउउउउउउउउउउउउउं
रिशू : क्या ऊउउउउं ? बोलो न कुछ अपने मुंह से
रश्मि : हां
रिशू : अरे ऐसे नही बोलो ” हां मै रोज डालने दूंगी” बोलो न ऐसा प्लीज.
रश्मि : मुझे शरम आती है मैं नही बोल सकती.
रिशू : अब क्या शरमाना? दो बार चुद चुकी है मुझसे,
मेंरा पूरा लंड़ आधे घंटे से अपनी चूत में घोंट रखा है
और कहती हो शर्म आती है.
फ़िर खाली मुझे ही तो कहना है और
कौन सुनेगा तेरी बात को?
(उसे पता था मैं दरवाजे के बाहर खड़ा सब सुन रहा हूँ और
शायद वो मुझे ही सुनवाना चाहता था)
अब बोल दो प्लीज. मेंरे कान तरस रहे है
ये सुनने के लिये तेरे मुंह से.
रश्मि दीदी थोड़ी ना नुकुर और शरमाने के बाद बोली,
हा मै रोज डालने दूंगी.
रिशू : कभी मना तो नहीं करेगी मेरी जान?
रश्मि : कभी मना नहीं करुंगी ,
तुम्हारी जब मरजी हो ड़ाल लेना?
रिशू : जब मर्जी हो तभी मतलब
रश्मि : जब मर्जी याने सुबह, शाम, दिन या रात
जब तुम कहोगे तुमको ड़ालने दूंगी कभी मना नहीं करुंगी.
रिशू : क्या ड़ालने देगी बोल न
रश्मि : जो तुम्हारी इच्छा हो.
रिशू : अरे अगर मेरी इच्छा लौकी डालने की हुई तो
रश्मि : उहू अरे जो अभी ड़ाल के रखा हुआ है.
रिशू : क्या ड़ाल के रखा हुआ है मेरी रंडी?
रश्मि : (उसकी पीठ पर चपत लगाती हुई तनिक जोर से कहती है)
ऊउउउउउउउउउउउउउउउउउउउं
रिशू : फ़िर वो ही बात, बोलो न क्या ड़ाल के रखा हुआ है कुतिया?
रश्मि : मुझे नहीं पता
रिशू : बोलो न मेरी रांड क्या ड़ाल के रखा हुआ है?
रश्मि : सच मुझे नहीं पता इसका नाम.
रिशू :अच्छा!!! मैं बताता हूं इसका नाम.
इसे लंड़ कहते है मेरी जान जो
अभी तेरे अंदर मैंने डाल रखा हुआ है. अब बोल.
रश्मि : नहीं नहीं मैं नही बोल सकती.
रिशू: (रश्मि की गांड़ में थप्पड़ लगाते हुए) बोओओओओल जल्दी.
रश्मि: (थोड़ा और शरमाते हुए) अआह मैं तुमको रोज
ल्ल्ल्ल्लंड़ ड़ालने दूंगी कभी मना नहीं करुंगी.
रिशू : कहां ड़ालने दोगी लंड़ को?
रश्मि : (गुस्से से) तुम भी न, मैं और नहीं बोलूंगी
रिशू : (प्यार से) बोल न प्लीज, अब ये मत बोलना
तुझे ये भी नहीं पता की मैंने कहां ड़ाल के रखा हुअ है?
ले मैं उसका भी नाम बता देता हुं
उसको चूत कहते हैं रश्मि रानी जहां मेंरा लंड़ घुसा हुआ है अभी.
रश्मि (फ़िर थोड़ा हिचकते हुए) मैं रोज तुमको ल्ल्ल्लंड़
च्च्च्च्च्चूत में ड़ालने दूंगी कभी मना नही करुंगी.
रिशू : और गांड में?
रश्मि : अब मैं और कुछ नहीं बोलुंगी जो बोलना था सो बोल दिया?