UPDATE – 15
दीदी के मुह से ऐसी बाते सुन कर
मेरा तो लंड फटने लगा और
मैं अपना लंड मुठीयाने लगा.
आंटी दीदी को ऐसे रगड़ रही थी की
दीदी आह की आवाज़ करके झड गयी
और आँख बंद करके निढाल लेट गयी
पर आंटी का अभी नहीं हुआ था तो
वो अभी भी लगी हुई थी.
थोड़ी देर में आंटी की फूली हुई भुर ने भी पानी छोड दिया
और वो दीदी को दबोच कर उनके ऊपर गिर गयी.
पर मेरी बदकिस्मती की आंटी को सामने शीशे में मैं मुठ मरता दिख गया.
और मेरी नज़र भी आंटी की नज़र से शीशे में ही मिली.
दीदी का मुह अभी भी तकिये में दबा था
पर आंटी आंखे फाड़ के मुझे या मेरे लंड को देख रही थी.
तभी दीदी का बदन हल्का सा हिला
और आंटी ने मुझे इशारे से वहां से जाने के लिए कहा.
मैं फ़ौरन वहां से हट गया
पर लंड में हलचल अभी भी मौजूद थी
और एक्सईटमेंट से मैं पागल हो रहा था
तो मैं काम पूरा करने नीचे बाथरूम में घुस गया
और अपना पेंट और अंडरवियर उतर कर एक कोने में फ़ेंक दिया
और फिर से मुठ मारने में लग गया.
तभी मुझे पायल की छम छम सुनाइ दी और मैं कुछ समझ पता तब तक बाथरूम का दरवाजा खुल गया. अब सीन कुछ ऐसा था की मैं नंगा खड़ा था मेरे हाथ में मेरा मस्ती से फूला लंड था और बाथरूम के डोर पर कामिनी आंटी थी.