You dont have javascript enabled! Please enable it! मेरे गाँव की नदी - Update 41 | Incest Sex Story - KamKatha
मेरे गाँव की नदी – Incest Sex Story

मेरे गाँव की नदी – Update 41 | Incest Sex Story

चाची ने शरमाते हुए अपनी चोली खोलना शुरू की और जब उसने चोली उतार दी तब उसके मुझसे भी डबल मोटे मोटे रसीले आमो को देख कर कल्लु भैया की
आंख में जवानी के लाल डोरे तैरने लगे।

चाची : घाघरे का नाडा पकडे मुसकुराकर कहने लगी गुड़िया मुझे शर्म आ रही है, मै घाघरा पहने पहने ही तैरना सीख लेती हूँ।
गडिया : अरे चाची घाघरा बार बार पैर में फसेगा तो कैसे तैरोगी, चलो जल्दी से उतार दो, लो मै भी तुम्हारे साथ ही नंगी हो जाती हु तब तो तुम्हे शर्म नहीं लगेगी
ओर फिर मैंने अपने घाघरे का नाडा खींच दिया और मै पूरी मादरजात नंगी हो कर खड़ी हो गई।

कल्लु भैया मेरी नंगी रसीली जवानी को घुर रहे थे तभी मैंने चाची के नाडे को पकड़ कर खींच दिया और जब चाची पूरी नंगी हुई तो कल्लु भैया भी उसकी गुदाज भरी हुई जवानी उठा हुआ माँसल पेट और बड़े बड़े दूध और मस्त फुली हुई चुत को देख कर मस्त हो गये, अब कल्लु भैया को मैंने कहा भइया थोड़ा इधर आओ नहीं तो हम डूब जाएगे और फिर कल्लु भैया हमारी तरफ आने लगे और मैंने चाची का हाथ पकड़ कर उन्हें पानी में उतार दिया।

चाची का चेहरा पूरा लाल हो रहा था और रंडी के चूतड़ बहुत भरी भरकम और गोरे थे अभी कल्लु भैया को चाची के मतवाले चूतडो के दर्शन नहीं हुए थे।
कालू भैया एक दम आ गए और चाची का हाथ पकड़ कर गहराई की ओर जाने लगे चाची डर रही थी और धीरे धीरे आगे कदम बढा रही थी और मै चाची की
चीकनी कमर पकडे उसके पीछे पीछे पानी में जा रही थी।

तभी कोई मछली निचे आई और फिर क्या था चाची किसी लोंड़िया की तरह भैया के कमर के इर्द गिर्द अपनी मोटी जांघो को लपेट कर भैया के सिने से चिपक गई, हाय मेरे भइया को तो जैसे जन्नत का सुख मिल गया भैया का दोनों हाँथ सीधे चाची के भारी भरकम गोरे गोरे चूतडो पर चले गए और भैया ने चाची के चूतडो को ऐसे थम लिया जैसे चाची को अपने लंड पर चढा कर चोद रहे हो, उस समय चाची का भारी भरकम 70 किलो का जिस्म पानी के अंदर भैया को किसी फूल के सामान लग रहा था।

अब भैया और बीच में जाने लगे और मै भी भैया के पीछे से अपनी जांघो को खोल कर भैया की कमर में टांगे लपेट कर लिपट गई पीछे से मैं अपने मोटे मोटे रसीले आमो का दबाव भइया की पीठ पर दे रही थी और चाची भैया के सिने से अपने मोटे मोटे तन्दुरुस्त रसीले आमो को दबा रही थी, भैया पागलो की तरह चाची को अपने सिने से चिपकाये हुये उनके सुडौल बड़े बड़े चूतडो को अपने हांथो में भरे हुए दबा रहे थे।

कल्लु : गुड़िया और बीच में ले कर चलु।
गुडिया : हाँ भैया बहुत मजा आ रहा है लेकिन डूबा मत देना, चाची आपको डर तो नहीं लग रहा है।
चाची : गुड़िया इधर बहुत गहरा है कल्लु ज्यादा बीच में मत जा।

मै कुछ कहता इससे पहले गुड़िया ने पानी के अंदर हाथ डाल कर मेरी धोती खोल दी और मेरा फनफनाता काला और मोटा लंड सीधे चाची की मस्त फुली हुई भोस में रगड खाने लगा।
और फिर गुड़िया ने मेरे एक हाथ को पकड़ कर चाची की फुली चुत पर रख कर दबा दिया और पहली बार मैंने अपनी चाची की मस्त फुली हुई चूत को पकड़ कर सहलाया, तभी गुडिया न हाथ आगे ले जाकर मेरे लंड को पकड़ कर उसकी खाल पीछे की और आगे से चाची के हाथ को पकड़ कर मेरे लंड को चाची के हाथ में दे दिया।

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