You dont have javascript enabled! Please enable it! मेरे गाँव की नदी - Update 27 | Incest Sex Story - KamKatha
मेरे गाँव की नदी – Incest Sex Story

मेरे गाँव की नदी – Update 27 | Incest Sex Story

गुड़िया: भैया मै मोबाइल से फोटो खींच कर आपको दिखा सकती हूँ।
कालू : ठीक है लेकिन कब दिखायेगी।
गुडिया : कल ही दिखा दूंगी लेकिन तुम्हे मेरी भी एक बात माननी होगी।
कालू : वह क्या।
गुडिया : मुझे रात को तुम्हारे साथ बाहर खटिया पर सोना है।
कालू : माँ नहीं मानेगी।
गुडिया : माँ को मै मना लुंगी।
कालू : ठीक है।
गुडिया : अब देखो मेरे दूध कितने लाल कर दिए आपने अब चलो मुझे अपनी पेट से चिपका कर अब मेरी कमर का मैल भी निकाल दो।

आगे कहानी गुड़िया के शब्दों में-

मै घुम कर अपन दोनों जांघो को फैला कर जैसे ही भैया के कमर पर चढ़ कर उनसे चिपकी भैया का मोटा लंड सीधे मेरे चुत के तने हुए दाने से भीड़ गया और मै सीसियते हुए अपने भैया की बांहो में चिपक गई, जाँघे फ़ैलाने से मेरी चूत की फाँके खुल गई थी और पेंटी के ऊपर से भैया का लंड मेरी चुत से भिड़ा हुआ था और अब भैया मेरी नंगी पीठ सहलाते हुए धीरे धीरे अपने हाथ को निचे ले गए और मेरी कमर को सहलाने लगे और जब उनका हाथ पेंटी के इलास्टिक पर पंहुचा तो उनका हाथ मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी गाण्ड को हलके हलके दबाने लगा।

गुडिया : भैया पेंटी में हाथ डाल कर कमर का मैल निकालो ना।
भैया ने पेंटी के अंदर हाथ डाल कर जैसे ही मेरे मोटे मोटे चूतडो को दबोचा मै अपनी चुत भैया के मोटे लंड से रगडने लगी, भैया ने अपने हाथ को मेरी पेंटी के अंदर तक डाल कर जैसे ही मेरी गाण्ड को थोड़ा फैला कर मेरी गाण्ड के मोटे छेद को अपनी उंगलियो से सहलाया तो मै तो पागलो की तरह भैया को चुमने लगी
भैया : के गालो और होठो को जब मै चुमने लगी तो भईया की बीच की मोटी वाली ऊँगली की पकड़ मेरी गाण्ड के छेद में और ज्यादा हो गई और भैया की ऊँगली मेरी गुदा के छेद में उतरने लगी, भैया को मै जितना चुमती वह मेरी गाण्ड में और ज्यादा अपनी ऊँगली पेलने लगते, मै आह सी ओह भाईया करते हुए उनके सिने से अपने दूध को खूब दबाते हुए उन्हें चुम रही थी और भैया अपनी ऊँगली को मेरी मस्त गुदा में ठुश ठुश कर दबा रहे थे। मेरी गाण्ड के सुराख़ में ऊँगली पेल पेल कर भैया ने मेरी गाण्ड खूब मारी और इस तरह आधा घण्टा बीत गया, अब मैं पानी में भैया के ऊपर चढ़े चढ़े खूब चुदासी हो गई थी।
मेरी मस्त बुर में अब अपने भैया का मोटा लंड चाहिए था लेकिन भैया को देख कर ऐसा नहीं लग रहा था की वह इस जनम में मुझे चोद पायेगे, मैंने सोचा मुझे ही कोई तरक़ीब भिड़ानी पड़ेगी और मेरे दिमाग मै एक ख़याल आया।

Please complete the required fields.




Leave a Comment

Scroll to Top