यही सब सोचते हुए दिमाग़ की बॅंड बज गयी…समझ मे नही आ रहा था कि, अब क्या करूँ….दोपहर का वक़्त हो चला था…सॅटार्ड का दिन था…इस लिए स्कूल मे 12 बजे ही छुट्टी हो गयी थी….करीब 1 बजे जब मे रूम से बाहर आया तो देखा वीना अपनी बड़ी बेहन के साथ ऊपर छत पर चटाई बिछा कर बैठी हुई थी….दोनो आपस मे मगन थी….मे रूम मे गया और अंदर से चटाई लाकर दीवार के साथ बिछा कर नीचे बैठ गया….
दीवार की एंटों के बीच मे एक सुराख था…जिसका मुझे पहले से ही पता था….मे उसमे आँख लगा कर दोनो को देखने लगा..दोनो सीडीयों की मॉंटी के दीवार के पास चटाई पर बैठी हुई थी….और तभी मेरी नज़र सीडीयों के दूर पर बैठी हुई अनु पर पड़ी…वो वहाँ ऐसे बैठी हुई थी….जैसे छुप कर उनकी बातें सुनने की कॉसिश कर रही हो….अब जो उनके बीच बातें हो रही थी…वो आप को बता देता हूँ कि क्यों अनु उनकी बातों को छुप कर सुन रही थी…
पूजा: (वीना की बहन) वीना अब तो कमलेश जी दिन को घर पर होते है…तो कुछ करते है क्या…..
वीना: कहाँ दीदी काम से आकर नाश्ता करते ही सो जाते है…दोपहर को बच्चे घर आ जाते है….और रात को तो आपको पता ही है…वैसे आप सूनाओ…अब तो बड़ी बिटिया की शादी भी हो गयी है….अब तो आप दोनो को कुछ वक़्त मिल जाता होगा…
पूजा: हां मिल जाता है वीना पर सच कहूँ तो अब वो पहले जैसी बात नही रही….
वीना: क्यों ?
पूजा: अब उम्र हो चली है बेहन तेरे जीजा जी की अब उनके उसमे पहले जैसा तनाव नही आता….
वीना: तो क्या हुआ दीदी उम्र का असर तो होता ही है….
पूजा: सच कहूँ तो जिंदगी तो वही थी…जो बच्चे पैदा होने से पहले हम ने जी ली…या फिर जब बच्चे छोटे थे…श्िीिइ हाई वीना क्यों याद दिला रही है पुरानी बातों को…..
वीना: क्यों क्या हुआ दीदी पनिया गयी है क्या आपकी पुराने बातें याद करके….
पूजा: (अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए) हां वीना सच कहती हूँ…जब नयी-2 शादी हुई थी ना…तब दिन मे मोका देख कर कई बार पेल देते थे…..ना टाइम देखते थे और ना ही जगह…..पर अब तो ऐसा लगता है. जैसे वो सब सपना हो…
वीना: दीदी वैसे आज आप बहुत मूड मे लग रही हो…क्या बात है….
पूजा: अब तुम्हे कैसे बताऊ वीना मुझे तो कहते हुए भी शरम आती है….
वीना: दीदी बताओ ना मुझसे क्या शरमाना….
पूजा: कल रात को मुझे बहुत तेज पेशाब लगी थी…मे उठ कर ऊपर आई बाथरूम मे तो पास वाले घर के ऊपर वाले रूम की लाइट जल रही थी…हाए वीना क्या बताऊ तुझे जब मे दीवार के पास गयी…..आवाज़ सुन कर तो मेरी कच्छी गीली हो गयी…अंदर से थप-2 आहह ओह्ह्ह ओह्ह्ह…थप-2 इतनी तेज आवाज़ आ रही थी….पता नही यहाँ के लोग क्या खाते है….तुम मनोगे नही….20-25 मिनिट तक लगतार थप-2 की आवाज़ आती रही.. हाए वीना तेरे जीजा जी ने जवानी मे भी इतने पटाके नही फोड़े होंगे….
वीना: क्या नयी -2 शादी हुई है आपके पड़ोस मे….(वीना ने भी अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए कहा….)
पूजा: कहाँ नयी शादी हुई है….2 बेटे है स्कूल जाते है….पर सोते नीचे है…
वीना: चलो दीदी दिल छोटा ना करो…वैसे भी अब बच्चों की देख रेख मे टाइम ही नही मिलता…..
पूजा: अच्छा अब मे भी चलती हूँ….
इधर मेरे कान तो उन दोनो की बातो को सुनने मे लगे हुए थे..पर नज़रें अनु पर टिकी हुई थी….जो अपनी जाँघो के बीच अपने एक हाथ को कस्के दबाए हुए बैठी उनकी बातें सुन रही थी….जब उसे पता चला कि, उसकी मौसी जाने वाली है, तो वो चुपके से नीचे उतर गयी….मे वही लेट कर सोचने लगा कि, अनु घर मे ही अगर इस तरह से चुदाई का खेल और चुदाई की बातें सुनती रहेगी तो वो जल्द ही लंड को चूत मे लेने के लिए चुदासी हो जाएगी…..
मे वहाँ लेटा-2 सो गया….दोपहर के 4 बजे चुके थे….अब धूप कुछ हलकी हो चुकी थी….इसीलिए बाहर लेटने मे ठंड लगने के कारण मे उठ गया था…पर मे सुस्ती के कारण वैसे ही कुछ देर ऐसे लेटा रहा…..फिर उठ कर जैसे ही रूम मे जाने लगा तो वीना छत पर आई…उसके हाथ मे चाइ का कप था…वो मेरे पास आई और चाइ का कप मुझे देते हुए बोली….”चाइ पी लीजिए….” मैने वीना के हाथ से चाइ ली ली..
मे: तो फिर आज रात का क्या प्लान है…
वीना: (मुस्कराते हुए) 9 बजे आ जाना…..
मे मूड कर नीचे जाने लगा तो, वीना ने मुझे रोक लिया….”तुषार आपसे एक सलाह लेनी थी….”
मैने वीना की तरफ देखते हुए कहा…”हां बोलो क्या बात है.”
वीना; वो आज अनु कह रही थी कि, स्कूल मे उसको कंप्यूटर भी सिखाया जाता है… बाकी के बच्चे तो पिछले दो साल से कंप्यूटर सीख रहे है…..इसलिए उसे दिक्कत हो रही है….आप कोई अच्छा सा कंप्यूटर कोचिंग सेंटर बता दो वहाँ पर इसको भेज दिया करूँगी….
वीना की ये बात सुन कर मेरे दिमाग़ की घंटी एक दम से बज उठी…”कंप्यूटर सेंटर भेज कर फ़िजूल के पैसे क्यों खरच करने….मेरे पास भेज दिया करो….घर पर कंप्यूटर है मे सिखा दूँगा…” मुझे ऐसा लग रहा था कि, वीना मेरी ये बात नही मानेगी….पर पता नही उसके दिमाग़ मे क्या था….
वीना: क्या आप…..? आप सिखा देंगे उसे….?
मे: हां क्यों नही…..
वीना: ठीक है मे उसकी बोल देती हूँ….
मे: ठीक है कल से उसे भेज देना…मे सिखा दूँगा…..
उसके बाद वीना नीचे चली गयी…रात को 8 बजे पता चला कि, कमलेश की तबीयत थोड़िए खराब है….इसलिए वो काम पर नही जा रहा…..उस रात कुछ खास नही हुआ.. मे खाने के बाद अपने कंप्यूटर पर बैठ गया….एक फोल्डर मे कुछ मूवीस क्लिप्स और कुछ वीडियो सॉंग्स आड किए…और उन फाइल्स मे एक 3 मिनिट की एक पॉर्न क्लिप भी रख दी…जिसमे सकिंग के साथ-2 सेक्स भी था….वैसे तो मेरे पीसी मे बहुत से पॉर्न वीडियोस थे….जो कैफ़ लेंग्टी भी थे…पर मैने उन्हे हिडन फोल्डर मे डाल दिया.
मैने अपने पीसी को ऐसी जगह सेट किया…जहाँ से मुझे कंप्यूटर की स्क्रीन किचन की दीवार मे बनी हुई छोटी सी विंडो से सॉफ नज़र आए…..जो रूम मे खुलती थी…
अगली सुबह उठा तो मेरे दिमाग़ में मेरा प्लान एक दम सॉफ था….सुबह वीना मुझे नाश्ता दे गयी….सनडे का दिन था इसलिए छुट्टी थी….11 बजे वीना ऊपर आ गयी.. और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी…..उसकी बातों से पता चला कि, कमलेश 1 घंटा पहले ही अपने दोस्त के पास चला गया था….सनडे का दिन था…इसलिए दारू पीना तो बनता था….
वीना: आज तो सनडे है अगर आप कोई काम ना हो तो अनु को भेजू आपके पास…
मे: हां भेज दो वैसे भी सनडे है….थोड़ा टाइम ज़्यादा सिखा दूँगा….
वीना: ठीक है मे उसे भेजती हूँ….
वीना नीचे चली गयी…मे वहाँ खड़ा इंतजार करता रहा…थोड़ी देर बाद वीना अनु के साथ ऊपर आई…अनु ने स्काइ ब्लू कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था…उसके कमीज़ मे ऊपर नीचे हो रही उसकी जवानी को देखते ही मेरा लंड पेंट मे फूलने लगा था….दोनो दीवार के पास आकर खड़ी हो गयी…”अच्छा अब जा ध्यान से समझना…और अगर समझ मे ना आए तो दोबारा पूछा लेना…” अनु ने हां मे सर हिला दिया…मे रूम की तरफ चला गया…पीछे से अनु दीवार फाँद कर मेरे घर की छत पर आ गयी…और मेरे पीछे रूम मे आ गयी,…..
मे कंप्यूटर ऑन कर चुका था….मेने अनु की तरफ देखा जो मेरे पीछे खड़ी थी…”अर्रे खड़ी क्यों हो…बैठो ना….वो चेयर यहाँ खिसका लो…” मेरी बात सुन कर अनु ने चेयर खिसका ली और कंप्यूटर टेबल के सामने करके बैठ गयी…मैने उसको समझाना शुरू किया….कंप्यूटर कहाँ से स्टार्ट होता है….ऑफ कैसे किया जाता है..डेस्कटॉप पर बने हुए आइकॉन्स के बारे मे….हार्ड डिस्क और उसकी पार्टीशन्स के बारे मे….कहाँ से टाइम डेट सेट होते है…कैसे फाइल्स को फोल्डर मे रख कर सेव किया जाता है…कैसे फ्लॉडर्स को अपने हिसाब से नाम दिए जाते है…
फिर कुछ और बातें समझा कर…..उसे वल्क प्लेयर के बारे मे बताने लगा…एक दो वीडियो सॉंग प्ले करके दिखाए…जो शायद उसके लिए नयी बात थी…..कैसे क्लिप्स सेलेक्ट करते है…फिर मैने इमरान हाशमी का आशिक़ बनाया आप ने सॉंग सेलेक्ट कर दिया….दोस्तो आप तो जानते ही होंगे कि, उस सॉंग के स्टार्टिंग मे ही, जबरदस्त किसिंग सीन है….और जैसे ही वो किसिंग सीन स्टार्ट हुआ, तो अनु एक दम से सकपका गयी…उसने अपने सर को झुका लिया
…” ओह्ह्ह सॉरी….” मैने उस सॉंग को क्लोज़ करते हुए कहा……
मे उसकी तरफ देख रहा था…उसका दूध जैसे सफेद फेस एक दम से लाल हो चुका था…हालाकी वीना का रंग उसके मुकाबले सांवला था…इसलिए उसका लाल तमतमाता हुआ चेहरा देखते ही बनता था….
वो सब बता कर मैने वल्क प्लेयर क्लोज़ कर दिया….मे उसे ऐसे पेश आ रहा था….जैसे मे उसको सिर्फ़ कंप्यूटर ही सिखाना चाहता हूँ…और वो भी पूरे दिल के साथ सब समझने की कॉसिश कर रही थी….”अच्छा अनु अब तुम थोड़ी देर प्रेक्टिस करो…मे थोड़ी देर मे नहा कर आता हूँ….”
मेने चेयर से उठते हुए कहा….और अपना टवल उठा कर रूम से बाहर चला गया… मेरे निकलते ही वो कंप्यूटर के आगे होकर बैठ गयी….मे जानता था कि, वो उस सॉंग को दोबारा से प्ले करके ज़रूर देखेगी…इसलिए उसके बाहर देखने से पहले ही मे किचन मे घुस गया…और डोर बंद करके रूम के अंदर खुलती विंडो के पास जाकर खड़ा होगया……
जो मैने पहले से ही थोड़ी से खोल रखी थी….मैने देखा कि, कुछ देर बाद अनु अपनी चेयर से उठी….और डोर की तरफ जाकर बाहर देखने लगी…जब उसे यकीन हो गया कि, मे बाथरूम मे घुस चुका हूँ…वो फिर से कंप्यूटर के सामने आकर बैठ गयी….ये सब करते हुए वो बहुत घबराई हुए लग रही थी…मैने वॉल्यूम पहले से बहुत लो सेट कर रखा था…उसने वल्क प्लेयर ऑन किया…और फिर से वो सॉंग लगा कर देखने लगी….अनु की पीठ मेरी तरफ थी….इसलिए मे उसके फेस के एक्सप्रेशन नही देख पा रहा था….
पर जवान लौंडिया जब ऐसे हॉट किसिंग सीन्स देखे गी तो उसकी चूत तो गीली होगी ही ना….वो बार-2 डोर से बाहर भी देख रही थी….जब वो फेस घुमा कर डोर की तरफ देखती तो उसके तमतमाता हुआ फेस मुझे दिखाई दे जाता….सॉंग पूरा देखने के बाद, उसने उत्सुकता वश दूसरी क्लिप्स को प्ले करके देखना शुरू कर दिया….उस फोल्डर मे 8-9 वीडियोस क्लिप्स ही थी…और उनमे से एक 3 मिनिट की पॉर्न वीडियो भी थी….
और जैसे ही उसने उस क्लिप को ओपन किया, उसमे एक औरत सोफे पर बैठी हुई, एक आदमी के लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी….ये देखते ही अनु एक दम से घबरा गयी. उसने वल्क प्लेयर क्लोज़ कर दिया….और फिर घबराते हुए डोर से बाहर की तरफ देखा.. वो कशमकश मे थी….थोड़ी देर बाद उसने फिर से वही क्लिप स्टार्ट की और उसे देखने लगी….आज वो पहली बार चुदाई के दृश्य को अपनी आँखो से देख रही थी….मे यकीन के साथ कह सकता हूँ….कि अनु उस क्लिप को देख कर एक दम गरम हो चुकी थी…मुझे पीछे से उसका हाथ उसकी जाँघो के बीच मे हिलता हुआ नज़र आ रहा था….ये सोच कर के अनु सलवार के ऊपर से अपनी चूत को मसल रही है….
मेरा लंड भी मेरे शॉर्ट्स मे एक दम अकड़ गया था…उसने वल्क प्लेयर बंद कर दिया….थोड़ी देर बाद मे बाथरूम मे गया…दो मिनिट शवर के नीचे खड़ा हुआ और फिर अंडरवेर पहन कर कमर पर टवल लपेट कर रूम मे आ गया.. कदमो की आहट सुन कर उसने अपना फेस घुमा कर डोर की तरफ देखा…जैसे ही उसकी नज़र मेरे ऊपर नंगे बदन पर पड़ी, उसने शरमाते हुए नज़रें झुका ली.
मे: तो अनु कैसा चल रहा है…कोई प्राब्लम तो नही है….
मेने अपने अलमारी से कपड़े निकालते हुए कहा…”ना ना नही सर….” उसने काँपती हुई आवाज़ मे कहा
…”सर….? मे कब से तुम्हारा सर बन गया…वो मेरे बात सुन कर चुप कर गयी….मेने अपने कपड़े पहने और उसके पास आकर बैठ गया….फिर उसको थोड़ी और प्रॅक्टीस करवाई…1 घंटा बीत चुका था….”आज के लिए इतना ही बहुत है….” मैने अनु की चुचियों को उसकी कमीज़ के ऊपर से घुरते हुए कहा…..
अनु: जी…..
मे: देखो अनु तुम्हारी मम्मी तुम्हारी कितनी फिकर करती है…जो भी मे सिखाऊ उसे ध्यान से सीखना….कहीं ये ना हो तुम्हारी मम्मी मुझे ताना दें, कि मेने उनके बेटी को अच्छे से सिखाया नही….
अनु: जी….
मे: हां वैसे अगर तुमने ध्यान से नही सीखा तो मे तुम्हे सज़ा भी दे सकता हूँ….(मेरी बात सुन कर अनु ने मेरी तरफ देखा….)
मे: स्कूल मे जब कोई ग़लती होती है….तो सज़ा मिलती है ना….?
अनु: (हां मे सर हिलाते हुए) जी….
मे: तो फिर ध्यान से सीखना…कही मुझे अपना डंडा ना निकालना पड़े…
मैने अपने पेंट के ऊपर से अपने लंड को मसालते हुए कहा…..ये बात अनु ने भी नोटीस की, क्योंकि उसी पल अनु के चेहरे का रंग फिर से लाल हो गया था…”ठीक है समझ गयी ना…” मैने उसकी आँखो मे झाँकने की कॉसिश करते हुए कहा…
“जी…” उसने मेरी तरफ देखा और फिर से सर को झुका लिया…..
मे: अच्छा अब तुम जाओ…..कल स्कूल के बाद खाना खा कर आ जाना…..
उस दिन सनडे था…..इसलिए कमलेश की छुट्टी थी….इसलिए उस दिन भी कुछ नही हुआ…..अगले दिन अनु दोपहर को आ गयी….मैने उसको कुछ और प्रॅक्टीस करवाई…और फिर उसे खुद प्रॅक्टीस करने को कहा….”अच्छा अब तुम खुद करके देखो…मे ज़रा बाहर जा रहा हूँ…बाहर से गेट लॉक कर दूँगा…जब तुम्हारी प्रॅक्टीस ख़तम हो जाए तो पीसी ऑफ कर देना….और डोर बंद करके चली जाना…..”
अनु: जी…..
उसके बाद मे नीचे आया और फिर बाहर से गेट लॉक करके अपने दोस्त के पास चला गया….पर मैने अनु के आने से पहले ही अपने मोबाइल का कॅम ऑन करके कंप्यूटर के पीछे बनी सेल्फ़ पर ऐसे रख दिया था….कि उसको दिखाई ना दे…मैने उसमे से अपने सिम भी निकाल ली थी…और दूसरे फोन मे डाल ली थी…ताकि उस पर फोन ना आए….और मेरा सारा किया धरा मिट्टी मे मिल जाए….
मे दो घंटे बाद जब वापिस आया तो, देखा ऊपर के रूम का डोर बंद था…मैने डोर खोला और जल्दी से अपने छुपाए हुए मोबाइल को निकल कर वीडियो सेव की और फिर उसे लेकर बेड पर लेट कर देखने लगा…उस शूट हुई क्लिप्स मे मुझे अनु की फ्रंट साइड सॉफ नज़र आ रही थी….क्योंकि मोबाइल मैने पीसी के पीछे रखा था.. इसलिए वो पीसी मे क्या कर रही थी….वो मे देख नही पा रहा था…पर पीसी की ओर देखते हुए उसके चेहरे के हाव भाव लगतार बदल रहे थे….करीब 15 मिनिट बाद उसका हाथ उसकी जाँघो के बीच मे चला गया….
और वो पीसी की तरफ देखते हुए, धीरे-2 अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी…उसकी आँखे मदहोशी मे बंद होने लगी थी…धीरे-2 उसका हाथ सलवार के ऊपर से चूत पर और तेज़ी से चलने लगा था….और जब उससे बर्दास्त नही हुआ तो, उसने अपनी सलवार का नाडा खोल कर अपने हाथ को सलवार के अंदर डाल दिया और अपनी चूत को तेज़ी से सहलाने लगी….अनु ने अपनी सलवार का नाडा तो खोला था…पर उसने अपनी सलवार को नीचे नही सरकाया था…इसके कारण मे उसकी चूत तो नही देख पाया था….पर उसके हावभाव देख कर मेरा लंड पेंट फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था…
मैने अपने लंड को पेंट से निकाल लिया और उस क्लिप को देखते हुए तेज़ी से अपने लंड को हिलाने लगा….”आह उम्ह्ह्ह श्िीीई ओह…” वो सिसक रही थी.,…उसकी सिसकने की आवाज़ मे उस वीडियो मे सॉफ रेकॉर्ड हो चुकी थी….इधर मेरे लंड ने भी उसकी सिसकियाँ सुन कर वीर्य की पिचकारियाँ छोड़ना शुरू कर दिया था….उस रात को क्या करना था…मैने अपना प्लान तैयार कर लिया था….सिर्फ़ यही दुआ कर रहा था कि, आज कमलेश रात को ड्यूटी पर चला जाए….नही तो मेरा प्लान एक दिन और टल जाता….