अध्याय ६४: दिंची क्लब के नए पंछी – ५
सोफे पर जब सबीना को बैठाया और चारों रोमियो ने अपने गाउन उतार दिए. उनके मोटे तगड़े लौड़े पूरे अकड़े हुए थे. सबीना के मुँह में पानी आ गया. एक रोमियो ने उसके मुँह की ओर अपना लंड किया तो सबीना ने गपाक से उसे निगल लिया. उसने अपने पैरों को फैलते हुए अनुभव किया तो नीचे देखा. एक अफ़्रीकी रोमियो उसकी चूत चाट रहा था. उसके मुँह से एक सीत्कार निकली.
“कम ऑन मामा, अपना पानी पिलाओ न!” उस रोमियो ने कहा तो मानो सबीना का बाँध टूट गया और उसकी चूत से मूत्र की एक धार निकल कर उस अफ़्रीकी रोमियो के मुँह में गिरने लगी. उस रोमियो ने पूरा मूत्र पीने में कोई संकोच नहीं किया और जब सबीना का पानी रुका तो उस रोमियो ने चटखारे लेते हुए कहा.
“मामा यू आर सो टेस्टी.” ये कहकर वो खड़ा हो गया और उसने उस रोमियो को हटाया जिसका लंड सबीना के मुँह में था.
“अब मेरी बारी, मामा!” ये कहते हुए उसने सबीना के मुँह की ओर लंड किया और उसके मुँह में मूत्र की धार छोड़ दी. सबीना इस अप्रत्याशित हमले पर कुछ कह न सकीय और गट गट करके उस रोमियो का मूत्र पीने लगी. उस रोमियो के हटते ही अन्य तीनो रोमियो ने भी सबीना के मुँह और चेहरे पर मूता और सबीना की आज की रात्रि का शुभारम्भ कर दिया.
राशि उठी और वो जाकर सबीना के सामने जा खड़ी हुई. फिर उसने अपना गाउन उतारा और सोफे पर चढ़कर उसने भी सबीना के मुँह और चेहरे को अपने मूत्र से भिगो दिया.
“ओके स्वीटहार्ट, अब तुम चुदाई कर सकती हो, पर पहले एक एक बियर हो जाये. तुम्हें बहुत पानी पिलाना है आज!”
उसकी बात समाप्त होने के पहले ही दो रोमियो छह बियर लेकर आ गए और सबने फटाफट अपनी बियर समाप्त कर दी. फिर एक रोमियो ने उसे सही स्थिति में बैठाया और अपना लौड़ा बिना किसी झिझक उसकी चूत में उतार दिया. दो तीन धक्कों में पूरे लौड़े ने सबीना की चूत की गहराई नाप ली. इसके बाद उसने पूरे सामर्थ्य के साथ सबीना की चुदाई आरम्भ कर दी. पाँच सात मिनट के बाद वो हटा तो राशि आ गई और उसने सबीना की चूत को चाटा और फिर अपने हाथों से अगले रोमियो के लौड़े को सबीना की चूत में डाल दिया.
यही क्रम दो बार और घटित हुआ कुछ देर की चुदाई के बाद रोमियो हटता और राशि सबीना की चूत चाटती और अगले रोमियो के लौड़े को अंदर डालने में सहायता करती. इस पूरे घटनाक्रम में आधा घंटा व्यतीत हो गया. सबीना की चूत को चाटने के बाद राशि ने दूसरे अफ़्रीकी रोमियो को आमंत्रित किया. उसने भी सबीना के मूत्र का भोग लगाया और फिर कुछ देर के लिए सब विश्राम करते हुए बियर पीने लगे.
“तो तुम्हें कैसी लगी अब तक की चुदाई, सबीना?” एक रोमियो ने पूछा तो सबीना ने राशि को देखा क्योंकि अब तक उसे मैडम कहकर पुकारा जाता रहा था.
“मैंने आज से सबको नाम से बुलाये जाने का नियम बनाया है. जब हम सब चुदाई कर सकते हैं तो ये औपचारिकता का कोई अर्थ नहीं है. कल तक ये नियम क्लब में स्थापित कर दिया जायेगा और सभी सदस्याओं और रोमियो को बता दिया जायेगा. परन्तु ये क्लब की सीमा के अंदर ही उपयुक्त है.”
“ये ठीक भी है. वैसे भी सचिन मुझे मेरे नाम से बुलाने लगा था.” सबीना ने बियर समाप्त करते हुए बताया.
राशि ने उसे एक बार देखा तो सबीना बोली, “नहीं, मैं समझती हूँ कि वो हमारा अतीत है. वैसे भी आज वो कुमुद के साथ है और मैं इन सबके साथ.”
“तो अब अगले चरण की ओर चलें? तुम्हारी गाँड अब कुलबुला रही होगी.”
“बिलकुल!” सबीना खिलखला कर बोली.
और फिर सबीना के पैरों के बीच एक अफ़्रीकी रोमियो आया और उसने सबीना को मूत्रपान कराया और सोफे पर बैठ गया. फिर सबीना को उसके मोटे काले लौड़े पर बैठाया गया. इस आसन में सबीना की गाँड में लौड़ा घुसने में कुछ देर लगी परन्तु अंततः उसकी गाँड में वो अफ़्रीकी लंड पूरा स्थापित हो गया. सामने फिर एक कुशन लगाया गया और उसके हाथों को उठाकर उसे भी पीछे की और झुकाया गया जैसे कि रीटा के साथ किया था. सबीना अब गाँड मरवाने के साथ मूत्रपान और स्नान भी कर सकती थी.
रोमियो ने उसकी गाँड मारना आरम्भ किया तो सबीना को आभास हुआ कि इस आसन में उसकी गाँड में लौड़ा अत्यधिक बड़ा अनुभव हो रहा है. उसने नूर और अपने परिवार के पुरुषों के साथ इस आसन का अभ्यास करने का निर्णय लिया और पहली बार उसे लगा कि वो भी अपनी अम्मी को कुछ सिखा सकती है. गाँड में मोटे लम्बे लौड़े का आनंद लेते हुए सबीना झड़ने लगी. राशि उसके चेहरे के दोनों ओर पैर करके खड़ी हुई और सबीना ने मुँह खोला और राशि की मूत्र की धार ने उसके मुँह और चेहरे को सुशोभित कर दिया.
कुछ देर गाँड मारने के बाद सबीना को उस रोमियो के लौड़े से उठाया गया और दूसरे रोमियो ने उसका स्थान ले लिया. राशि ने सबीना की गाँड को अच्छे से चाटा और उसकी गाँड में लंड डालने में सहायता की. फिर उसे पीछे झुकाया गया और वही क्रम फिर से दुहराया गया. जब चौथा रोमियो उसकी गाँड मार रहा था तो अन्य तीनों रोमियो सबीना के पास खड़े हो गए और उसपर मूत्र की वर्षा कर दी. सबीना इस सबसे इतनी आनंदित थी कि वो न जाने कितनी ही बार झड़ चुकी थी.
“वाह! क्या मनोहर दृश्य है!” ये सुनकर सब उस ओर देखने लगे जहाँ पार्थ, सचिन और कुमुद खड़े थे.
गाँड मारने वाला रोमियो बिना रुके अपने पराक्रम में लगा रहा.
“मैं कुमुद को दिखाने लाया हूँ कि सबीना को किस प्रकार से सुख मिलता है.” पार्थ ने कहा.
“क्या मैं भी?” कुमुद ने उत्सुकता से पूछा.
“ओके. जाइये.”
कुमुद सबीना के मुँह पर बैठ गई. सबीना ने उसकी चूत में जीभ डाली तो उसे वीर्य का स्वाद आया और गाढ़ा श्वेत पदार्थ उसके मुँह में चला गया.
“ये सचिन का रस था.” कुमुद ने बताया, “और ये मेरा है.” ये कहते ही कुमुद सबीना के मुँह में मूतने लगी. सबीना ने अपने पूर्व प्रेमी के रस के साथ उसकी आज रात की प्रेमिका के मूत्र को पीने में कोई झिझक दिखाई.
कुमुद खड़ी हुई और उसका कुछ मूत्र सबीना के पेट पर गिर गया.
“वाओ, दिस इस सो एक्साइटिंग!” कुमुद बोली और हट गई. उसके हटते ही पार्थ और सचिन ने सबीना को घेरा और उस पर मूतने लगे.
इसके बाद वो जाने लगे तो राशि ने उन्हें कुछ बोला जिस पर तीनों सहमत हो गए. अब तक चौथे रोमियो की चुदाई का समय समाप्त हो चुका था तो सबीना को उठाया गया. राशि ने उसकी गाँड साफ की और फिर सब बियर पीने लगे. एक बियर के बाद कुमुद, पार्थ और सचिन चले गए. सबीना को इतना अधिक उन्माद था कि वो शीघ्र अगले चरण में जाना चाहती थी. पर राशि ने उसे समझाया कि ऐसा करने से उसे अपेक्षा और व्यग्रता का आभास नहीं होगा. दस बजने में मात्र चालीस मिनट ही शेष थे, तो ये चुदाई का अंतिम चक्र था.
सबीना को इस बात का आभास था कि उसकी दुहरी चुदाई तो होगी, पर सम्भवतः सामान्य ढंग से ही होगी. एक लौड़ा चूत में और एक गाँड में. नीलम के बँगले के बाद इसका आनंद उसे केवल एक ही बार प्राप्त हुआ था तो इसके लिए वो उत्सुक थी. पर मन में वो चाहती थी कि चूत में या गाँड में दो लौड़े लेने का अनुभव भी मिल जाता तो अच्छा होता. परन्तु राशि की बातों से प्रतीत होता था कि ये आज की रात तो नहीं ही होगा.
अपनी बियर समाप्त करने के बाद एक रोमियो राशि के पास गया और कुछ मंत्रणा की. उसके बाद वो लौटा और सोफे पर बैठ गया. उसने सबीना की ओर देखा और उसे अपने लंड पर चढ़ने का आमंत्रण दिया. सबीना उसकी ओर मुँह करके बैठे लगी तो रोमियो ने बताया की उसकी ओर पीठ करे और लौड़ा गाँड में ले.
सबीना उसकी बात मानते हुए उसकी ओर पीठ करके लंड को अपनी गाँड के छेद पर लगते हुए बैठने लगी. गाँड कुछ देर पहले ही चार लौड़े खा चुकी थी तो उसे पूरा लौड़ा अंदर लेने में अधिक समय नहीं लगा न ही कोई कठिनाई हुई. पर जब लंड पूरा अंदर चला गया तब अवश्य उसे अपनी गाँड पूरी भरी हुई अनुभव हुई. फिर लेटे हुए रोमियो ने सबीना को पीछे की ओर खीँचा.
पीछे झुकने से गाँड में लौड़ा और भी अधिक मोटा अनुभव हो रहा था. सबीना ने आँखें आनंद से बंद कर लीं. उसे अपनी चूत पर कुछ रेंगता हुआ लगा तो उसने आँखें फिर से खोलीं तो देखा कि राशि उसकी चूत को चाट रही थी. सबीना ने उसे देखते हुए लंड पर उछलने का प्रयास किया पर नीचे लेटे रोमियो ने उसकी कमर को जकड़ा हुआ था. राशि ने कुछ देर चूत चाटी फिर हट गई. फिर एक अफ़्रीकी रोमियो ने उसका स्थान ले लिया.
“ओके, मामा! गिव मी माई ड्रिंक!” ये कहते हुए उसने अपने होंठ सबीना की चूत पर रख दिए. सबीना की गाँड में डले लौड़े से कुछ किया भी नहीं था कि सबीना की चूत से एक धार निकलकर उस अफ़्रीकी रोमियो के मुँह में समा गई. जब सबीना बहाव थमा तो वो रोमियो खड़ा हुआ और नीचे लेटे रोमियो से बोला।
“ओके, ब्रदर! आई ऍम कमिंग इन हर पूसी.”
“ओके, मैन, कम आई ऍम वेटिंग!”
अफ़्रीकी रोमियो ने सबीना के होंठों को चूमा तो सबीना को अपने मूत्र का स्वाद मिला और फिर उस रोमियो ने सबीना की चूत में अपना अफ़्रीकी लौड़ा धकेलना आरम्भ कर दिया. अन्य दो रोमियो बियर लेकर राशि के पास गए और उसके पास खड़े होकर अपने क्रम की प्रतीक्षा करने लगे.
इस बार रोमियो सबीना को तब तक चोदते रहे जब तक कि दोनों झड़े नहीं. गाँड मारने वाला रोमियो झड़ने के बाद भी लेटा रहा जब तक कि ऊपर से चूत मारने वाले रोमियो ने अपना वीर्य भी सबीना की चूत में नहीं छोड़ दिया. इसके बाद ऊपर से रोमियो हटा और राशि ने अपना कार्य पूरा करते हुए सबीना की चूत से वीर्य सोख कर सबीना से होंठ मिलाकर साझा किया. फिर अफ़्रीकी रोमियो ने सबीना के पैरों को ऊपर उठाया और सबीना की गाँड को ही राशि ने सोख कर सबीना को आधा रस अर्पित किया.
फिर सबीना को उठाया गया और उन दोनों रोमियो ने फिर उसके ऊपर मूत्र की वृष्टि कर दी. राशि ने अपना योगदान सबीना के मुँह में किया। भीगी बैठी हुई सबीना के बालों से लेकर नीचे तक बहते हुए मूत्र से वो अत्यधिक कामुक दिख रही थी. इस बार प्रतीक्षारत रोमियो में से देसी रोमियो सोफे पर बैठा और सबीना को उसके लौड़े पर पिछली बार के समान बैठाया गया. दूसरे अफ़्रीकी रोमियो ने सबीना से उसके मूत्र का दान माँगा और फिर उसकी चूत में लंड पेल दिया.
इस बार की चुदाई के बाद फिर राशि ने अपना कार्य दुहराया। सबीना पर खड़े होकर उसके चोदने वाले रोमियो ने उस पर मूता। राशि ने भी चेष्टा की और कुछ बूँदे सबीना को भेंट कीं. कमरे में फिर से सचिन, पार्थ और कुमुद आये और आते ही अपने गाउन एक ओर कर दिया.
कुमुद राशि के पास आई और पूछा, “क्या सच में इसे हम?”
“हाँ.” ये कहते हुए राशि ने पार्थ को बुलाया, “तुम्हें कुमुद की गाँड में त्याग करना है.”
राशि ने सबीना की आँखों में झाँका, “अब तुम्हें एक नया अनुभव देने जा रहे हैं, ये रीटा का सुझाव है. और तुमने उसे ये करते हुए देखा है. पार्थ कुमुद की गाँड मारेगा और उसकी गाँड से तुम्हें मूत्र पीने का सौभाग्य मिलेगा. और फिर इनमें से एक रोमियो मेरी गाँड से तुम्हें अपना मूत्र पिलायेगा. फिर तुम जिस का भी चाहो, उसका भोग पी सकती हो, इसके लिए हमनें ये बाउल रखा है.”
सबीना अब एक ऐसे नशे में थी कि उसे ये स्मरण नहीं रहा कि सचिन के साथ उसे इस कार्य में अधिक रूचि नहीं थी. परन्तु आज वो मान गई.
“कम कुमुद एंड पार्थ.”
इसके बाद कुमुद सोफे पर झुक गई और पार्थ ने अपने तमतमाए लौड़े को उसकी गाँड में जड़ दिया. सबीना को उचित स्थान पर बैठाया गया जिससे कि वो धार की सीध में रहे. सचिन खड़ा हुआ सबीना को देख रहा था कि उसकी भूतपूर्व प्रेयसी वासना में कितनी चूर थी.
पार्थ का कुमुद की गाँड मारने का कोई आशय नहीं था, वो तो सबीना के लिए उसकी गाँड धो रहा था. जब पार्थ ने कुमुद की गाँड भर दी तो उसने बोला कि वो हटने वाला है. राशि ने सबीना के सिर पर हाथ रखकर उसे सीधा किया और पार्थ ने कुमुद की गाँड से लंड निकाला और एक और हो गया. कुमुद कठिनाई से दो सैकंड ही अपनी गाँड बंद रख पाई क्योंकि दबाव बहुत था. फिर उसकी गाँड खुली और धार सीधे सबीना की ओर बढ़ी.
सबीना की लालसा और राशि के हाथ का सहारा दोनों ने ये सुनिश्चित किया कि अधिकतर जल सबीना के मुँह में ही गिरे. पर बाहर गिरने में भी कोई हानि नहीं थी, क्योंकि वो भी टब में ही जाने वाला था. कुमुद ने गाँड खाली होने के बाद पलटकर सबीना की ओर देखा जिसकी आँखें चमक रही थीं.
कुमुद ने मुस्कुराकर कहा, “यू आर वंडरफुल. रीटा विल लव यू.”
फिर वो हट गई और राशि ने उसका स्थान लिया और एक अफ़्रीकी रोमियो को उसकी गाँड धोने का आमंत्रण दिया. राशि की गाँड से निकले बहाव को ग्रहण करने के बाद सबीना को एक विचित्र सी आत्म-संतुष्टि का अनुभव हुआ. राशि ने उससे पूछा कि वो अपनी गाँड से किसका मूत्र पीना चाहेगी तो इस बार सबीना ने दूसरे अफ़्रीकी रोमियो को चुना. बाउल में एकत्रित अपनी गाँड से निकले रज और मूत्र के मिश्रण को सबीना ने थोड़ा ही पिया और फिर उसे अपने चेहरे पर उढेल लिया.
सबीना के सत्र समाप्त हो चुका था. कुमुद पार्थ और सचिन के साथ कमरे से निकल गई.
बाहर आकर कुमुद बोली, “मुझे उस नए टब के लिए कुछ नया सोचना होगा। ये अंतिम चरण अभी की रचना में सही नहीं रहेगा.”
पार्थ ने चलते हुए उसकी गाँड को दबाया और बोला, “उसके लिए कल सोचेंगे. अभी के लिए हमारे पास आपकी सेवा करने की योजना है.”
“ओह! वो मैं जानती हूँ, और भरपूर सेवा करवाने वाली हूँ.”
तीनों यूँ ही बात करते हुए पार्थ के कमरे में प्रवेश कर गए और तुरंत ही अपने गाउन उतार फेंके.
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राशि ने चारों रोमियो की ओर देखा.
“तुम अब इन्हें स्नानादि करवाने के बाद कमरा साफ कर देना. उन चारों को भी मैं भेजूँगी। उसके बाद सबीना जिसे साथ ले जाना चाहे अपने साथ चले जाना.” फिर देसी रोमियो को देखकर बोली, “तुम चाहो तो मेरे पास आ जाना, अगर सबीना छोड़े तो.”
ये कहकर राशि चली गई. सबीना ने अपने सामने खड़े रोमियो को देखा.
“स्नानादि करवा दो!” वो खिलखिला कर बोली.
रोमियो उसके साथ हँसे और उसे खड़ा किया. सबीना के शरीर में सनसनी फैल गई. इतने में उसके पीछे खड़े एक रोमियो ने उसकी बाँहों के अंदर से उसे पकड़ा, या यूँ कहें जकड़ा और ऊपर उठा लिया. इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती उसके पैरों को पकड़ा जा चुका था.
“ऐसे नहाने में क्या आनंद आएगा सबीना! कुछ खेला हो जाये.”
सबीना उनकी बलिष्ठ पकड़ से छूटने की कल्पना भी नहीं कर सकती थी. उसे ये समझ आ गया कि उसे अब मूत्र से भरे टब में उसे फेंका जाना है. परन्तु उसे धीरे से पलटाया गया जिससे कि उसका मुँह अब नीचे की ओर हो गया.
“आपको नहाने और पिलाने का एक ही बार में कार्य पूरा करेंगे!” ये कहकर चारों रोमियो हंसने लगे. सबीना को अब समझ आया कि उसे उस टब में डुबाया जायेगा जिससे कि उसे टब में भरे मूत्र को पीने का अवसर मिले. ये विकृत मानसिकता की पराकाष्ठा थी और उसके शरीर ने कँपकँपी सी होने लगी.
“ध्यान रखियेगा. गर्दन ऊपर रखना ताकि नाक में कुछ न जाये.” पीछे उसके पैर पकड़े रोमियो ने कहा. सबीना को धीरे से टब की ओर नीचे किया गया और उसका सर ऊपर रखते हुए उसके शरीर को टब में उतार दिया. सबीना ने सिर ऊपर रखा हुआ था. जब उसकी गर्दन डूबी तो रुक गए. सबीना ने मुँह नीचे किया और टब में भरे मूत्र को पीने लगी.
“गुड मामा!” सामने वाले रोमियो ने कहा. “अब अपना चेहरा टब के ऊपर कर लो.” ये कहकर उसने सबीना के दोनों हाथ टब के ऊपर रख दिया. सबीना ने ऐसा ही किया। तभी उसने टब में किसी को प्रवेश करने का अनुभव किया.
“अपनी गाँड उठाइये.” सबीना ने अपनी गाँड ऊपर की तो उसकी गाँड पर एक लंड आकर उसे छेड़ने लगा.
“मामा, अब आपकी गाँड मारने वाले हैं इस टब में. थोड़ा संयम रखना क्योंकि फिसलने का डर रहेगा. ओके?”
सबीना क्या ही बोलती. मूत्र से भरे टब में उसकी गाँड मारी जानी थी. उसकी गाँड में लंड धीरे से अंदर गया और चुदाई आरम्भ हो गई. सामने खड़े रोमियो ने सबीना के चेहरे को ऊपर किया और उसमें अपनी धार छोड़ दी. पर मुँह से हटाकर उसे उसके चेहरे और बालों पर केंद्रित किया. पहले से भीगी सबीना अब और गीली हो गई. उसे अपनी गाँड के लौड़े के फूलने का आभास हुआ और फिर गाँड के फूलने का. वो समझ गई कि उसकी गाँड में मूता जा रहा है. पर अब वो इस व्यसन में इतना रंग चुकी थी कि उसे इसमें अपार आनंद मिल रहा था. गंदी और विकृत चुदाई में उसे अत्यधिक सुख मिल रहा था.
उसकी गाँड से लंड बाहर निकला और लाख प्रयास के बाद भी वो अपनी गाँड बंद न रख पाई और उसमें से धार निकलकर टब में जुड़ गई. वो रोमियो बाहर निकल गया और फिर उसे अपनी गाँड पर फिर एक धार के गिरने का आभास हुआ, मानो उसकी गाँड को धोया जा रहा हो!
“अब आप पलट जाइये! और सिर टब के कोने पर ऊपर रखिये.”
सबीना स्वतः ही उचित स्थिति में आ गई. एक लंड उसके माथे पर रखा गया और उसमें से निकलती मूत्र ने उसके चेहरे, मुँह से यात्रा करते हुए टब में मिलन कर लिया. सबीना सोचने लगी कि अब और बचा ही क्या है? तभी कमरा खुला और अन्य चार रोमियो जिन्होंने रीटा को चोदा था वो कमरा धोने का सामान साथ लेकर अंदर आये.
“ओह! अभी तक आप व्यस्त हो!” उनमें से एक ने बोला।
“हाँ, और अभी कुछ और देर लगेगी. सबीना ने ठीक से नहाया नहीं है. तुम भी आकर सहायता करो.”
वो चारों रोमियो भी आ गए और सबीना के ऊपर अपने मूत्र का योगदान किया.
“ओके, मामा। अब आप टब में अकेले इंजॉय करो, हम कमरे की धुलाई सफाई करते हैं.”
आठों रोमियो दो दो के गुट में कमरे को धोने लगे. सोफे को अच्छे से धोया परन्तु किसी साबुन का प्रयोग नहीं किया. कोई सुगंधित पदार्थ था, जिसके कारण धीरे धीरे कमरे का वातावरण अत्यंत मनोरम हो गया. सबीना टब में लेटी अपनी हथेलियों से टब में भरे पानी को डालती रही. इस अवधि में उसने स्वयं भी दो बार टब में मूत्रत्याग किया.
जब रोमियो शेष कमरे को धो चुके तो उसके पास आये.
“अब आपको निकलना होगा. हमें टब को भी धोना है, और कमरे को साबुन से धोना है. इसीलिए प्लीज़ अब आप बाहर आ जाइये और उधर जाकर स्नान कर लीजिये. उसके बाद आपको आपके कमरे में छोड़ देंगे.”
सबीना का मन और पेट अब भर चुके थे. उसने अपना हाथ ऊपर किया और खड़ी हो गई. एक बार टब के स्नेह से देखकर वो स्नान करने चली गई. उसने अच्छे से स्वयं को धोया और फिर बाहर आई. आठों रोमियो पूरी कर्मठता से सफाई में लगे थे. उसे देख एक रोमियो आगे बढ़ा और उसे लेकर उसके लिए निर्धारित कक्ष में ले गया. वहाँ राशि बैठी हुई थी. उसके हाथ में व्हिस्की का ग्लास था. रोमियो सबीना को छोड़कर चला गया. राशि ने कुछ न कहकर सबीना को पेग बनाने का संकेत दिया. पेग लेकर सबीना राशि के सामने बैठ गई. कुछ पलों तक कोई कुछ न बोला। फिर सबीना ने ही चुप्पी तोड़ी.
“आप सबका बहुत धन्यवाद, मैंने जीवन का अभूतपूर्व अनुभव प्राप्त किया है.” उसने अपने ग्लास से व्हिस्की पीते हुए कहा, “और सबसे अधिक अचरज की बात ये है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या गाली के बिना सब कुछ हुआ, जबकि इस प्रकार के खेल में ऐसा होने ही अत्यधिक संभावना रहती है.”
“हाँ, ये सच है. पर यही हमारे क्लब की विशेषता भी है. चाहे चुदाई कितनी भी भीषण और निर्मम हो, किसी भी सदस्या को अपशब्द नहीं कहे जाते. पहले सबको मैडम कहकर सम्बोधित किया जाता था, पर अब मैंने नाम से सम्बोधित करने का आदेश दिया है. इससे कुछ आत्मीयता का अनुभव होगा.”
“ये सच है. सचिन जब मुझे नाम से पुकारता था तब मुझे बहुत अच्छा लगता था.” फिर वो कुछ सोचने लगी. “क्या ये सब लड़के मेरे विषय में घृणित धारणा बनाएँगे? उनके मूत्र को पिया, चाटा और उसमें नहाई हूँ. क्या उन्हें मुझसे घृणा नहीं होगी?”
“नहीं, ऐसा कुछ नहीं होगा. उन्हें इस बात की समझ है, यूँ ही नहीं उन्हें हम इतना अच्छा वेतन देते हैं. जब तक वो क्लब छोड़ेंगे, उनके पास आगे के जीवन के लिए पर्याप्त धनराशि होगी.” राशि ने समझाया.
“वैसे हमारे दोनों नए अफ़्रीकी रोमियो ने इस खेल में नई ऊर्जा भर दी है. उन्हें विश्वास है कि उनके अन्य दो मित्र भी इस क्रीड़ा में सम्मिलित हो जायेंगे. उनकी संस्कृति में इसमें कोई हीनता नहीं मानी जाती. सम्भव है कि उन्हें आज ही इसका अनुभव भी हो जाये.” राशि ने अर्थपूर्ण ढँग से आँखें नचाते हुए कहा.
“क्या?”
“हाँ, आज वो चारों तुम्हारे साथ रहेंगे, कल दोपहर के भोजन तक. वैसे कल नाश्ते के बाद पार्थ और सचिन का एक सत्र रहेगा. वो तुम्हें एक नए सम्मिश्रण से अवगत कराएँगे. अन्य सभी अनुभव तुम्हें इन चारों के ही साथ मिलेगा.”
“पर अपने तो कहा था कि सचिन अब नहीं आएगा.”
“हाँ, पर मैंने ये सोचा कि इस आसन के लिए सचिन के होने से तुम्हें सरलता होगी. इसीलिए, मैंने ये निर्णय लिया है. हालाँकि पार्थ बहुत न नुकुर कर रहा था.”
सबीना सोचने लगी कि ऐसा कौन सा आसन है जिसके लिए राशि ने सचिन को फिर उसके साथ संलग्न किया है. उसके मन में एक ही उत्तर आया पर उसने इसके विषय में अधिक नहीं सोचा. कल की कल देखेंगे. आज की रात तो उसकी चुदाई चार चार अफ़्रीकी लौंड़ों होने वाली थी. यही सोचकर उसकी चूत पनिया गई. राशि उसे देखकर मुस्कुराई.
“ध्यान रहे कुछ खेल बाथरूम में ही खेलना, कमरे में बिलकुल भी नहीं!”
“मैं समझती हूँ.”
“ठीक है, तो मैं चलती हूँ. रोमियो मेरे कमरे में आने वाले होंगे.”
सबीना ने उसे देखा, “अगर हम दोनों को रात भर चुदना ही है तो यहीं रहिये.”
राशि उसे कुछ देर तक देखती रही.
फिर बोली, “ठीक है. पर मेरे कमरे में चलते हैं.”
सबीना और राशि ने अपने ग्लास समाप्त किये और राशि के कमरे में चले गए.
सबीना राशि के कमरे को देखकर समझ गई कि उसे यहाँ क्यों लाया गया है. कमरा न केवल बड़ा और विस्तृत था, परन्तु उसमें एक और पलंग भी था. उसने राशि की ओर प्रशंसा से देखा.
“पार्थ और रूचि ने यही कमरा मुझे दिया है. उनका कहना था कि अगर कोई अतिथि आ गया तो उपयोग में आएगा.”
राशि ने ये बताना उचित न समझा कि वो अतिथि उसकी बेटियाँ हो सकती थीं. रूचि के तो इस कमरे में रुकने का कम ही संयोग बनेगा क्योंकि वो पार्थ के ही साथ रुकेगी. सबीना ने भी ये न पूछा कि रूचि कौन है.
“आओ तुम्हारी रूचि का भी कमरा देख लो.” वो सबीना को लेकर बाथरूम में गई, जिसे देखकर सबीना प्रफुल्लित हो गई. बहुत विशाल बाथरूम था, जिसमें एक टब भी था.
“टब तुम्हारे ‘उस’ उपयोग के लिए नहीं है.” राशि ने उसे छेड़ा.
“मैंने तो कुछ भी नहीं कहा!” सबीना शर्मा गई.
राशि ने उसके चेहरे को हाथ में लिया और उसके होंठ चूमकर कहा, “मैं यूँ ही कह रही थी. अगर तुम चाहोगी तो मैं रोकूँगी नहीं. पर इसे धोना तुम्हें ही पड़ेगा.”
सबीना ने सिर हिलाकर अपनी सहमति दे दी. वो ऐसे सुनहरे अवसर को जाने नहीं दे सकती थी.
“आओ एक ड्रिंक और लेते हैं, हमारी रात के साथी आने ही वाले होंगे.” राशि कमरे में लौट कर दो पेग बनाने लगी. दोनों एक दूसरे के सामने खड़ी होकर चुस्कियां लेती रहीं.
“जो भूमिका मैंने तुम्हारी चुदाई के समय निभाई थी वो क्या तुम मेरी चुदाई में निभाना चाहोगी?”
“हाँ, मैंने रीटा के भी साथ यही किया था. मुझे अच्छा लगा था.”
“चलो तो आज की रात बहुत संतुष्टि देने वाली है.” राशि ने अपना ग्लास समाप्त किया और अपना गाउन निकाल दिया. सबीना ने भी उसका अनुशरण किया. राशि सोफे पर बैठी और सबीना को चूत चाटने का निमंत्रण दिया.
सबीना निःसंकोच राशि के सामने बैठी और उसकी चूत को तत्परता से चाटने लगी. राशि को उस पर बहुत स्नेह आ रहा था. उसे ये विदित हुआ कि सबीना मन से निश्छल थी. राशि ने उसकी हर कल्पना को पूरा करने की प्रतिज्ञा की.
“अपनी अम्मी की भी चूत चाटी है कभी?” राशि ने पूछा तो सबीना ने सिर हिलाकर सहमति दी.
“हम्म्म, अभी क्या समय हुआ होगा दुबई में?”
“साढ़े नौ हुए होंगे.”
“क्या कर रही होंगी तुम्हारी अम्मी और निगार.”
सबीना ने सिर ऊपर किया. फिर मुस्कुराते हुए बोली.
“अगर खाना खा चुके होंगे तो चुदवा रही होंगी, और अगर अभी तक नहीं खाया तो भी चुदवा ही रही होंगी.”
इस बात पर दोनों हंसने लगीं.
“सबीना, मैं सोच रही थी कि रोमियो आने ही वाले हैं, क्यों न तुम्हारी अम्मी और निगार को ट्रेलर दिखाया जाये. पर केवल उन्हें. क्या सोचती हो?”
“ठीक है, पर मेरा फोन तो आपके ऑफिस में है.”
“मैं लाती हूँ. तुम एक पेग बनाओ.”
जब तक सबीना ने पेग बनाया राशि उसका आई-फोन ले आई. सबीना ने अमीना को फोन लगाया. अमीना ने फोन उठाया तो वो सामान्य दिख रही थी.
“कैसी है मेरी लाडो? अब ध्यान आया अपनी अम्मी का?”
“अच्छी हूँ. आप कैसी हो? कहाँ हो? क्या कर रही हो?” सबीना ने प्रश्नों की झड़ी लगा दी.
“अरे थोड़ा धीरे बोल. घर पर हूँ, सारे पुरुष एक मीटिंग में गए हैं. आएंगे लगभग एक घण्टे बाद. बस मैं और निगार बैठे हुए है उनके लिए. क्या कर रही हो?”
राशि मुस्कुराई, नियति ने कितना अच्छा अवसर बनाया है.
सबीना ने कहा: “अम्मी निगार को भी बुलाओ न, मुझे कुछ दिखाना है.”
अमीना ने निगार को बुला लिया और सबीना ने उसे चुम्मा दिया.
अमीना: “अब बोल क्या दिखाना है?”
सबीना: “अम्मी आपको पता है न मैं उस क्लब में आई हुई हूँ आज सुबह से. ओह! अम्मी! ओह! निगार! मैं बता नहीं सकती कि क्या क्या किया मैंने आज. बहुत आनंद लिया है. इतनी चुदाई की है और अभी और होनी शेष है. ये तीनों दिनों में मेरी इतनी चुदाई होगी जितनी एक महीने में भी नहीं होती है.”
अमीना का चेहरा खिल उठा. उसे अपने लिए भी भविष्य उज्ज्वल दिखने लगा. पर निगार ने अपना प्रश्न पूछा.
“अरे सबीना, जो तेरी नई रूचि बनी है, उसका भी कुछ हुआ? कुछ पिया?”
“अरे भाभी, पूछो मत, पाँच लीटर पी लिया होगा आज तो, और भाभी!”
निगार का खुला मुँह देखकर सबीना रुक गई.
“पाँच लीटर! क्या कह रही हो?”
“हाँ मेरी प्यारी भाभी. पाँच लीटर और तो और मैं उसमें नहाई भी और लोटी भी. बहुत मजा आया भाभी.”
निगार को तो सब समझ आ रहा था पर अमीना को समझ नहीं पड़ा.
“क्या पी लिया? किसमें नहाई हो?” अमीना ने पूछा.
निगार ने उनकी ओर देखा और बोली, “अम्मी सबीना ने पाँच लीटर मूत पिया है और उसमें ही नहाया भी.”
अमीना की आँखें और मुँह खुले रह गए. पर सबीना अब रुकने वाली कहाँ थी.
“अरे भाभी, एक मेरी गाँड मारता था तो दूसरा मेरे मुँह में मूतता था. क्या बताऊँ भाभी मेरी क्या स्थिति हो गई थी. दस इंच से बड़े लौड़े मेरी चूत, गाँड मारते फिर मुझे मूत्र पिलाते.”
“दस इंच से बड़े? इतने बड़े?”
“हाँ अम्मी और मोटे मोटे भी. आप सच में बहुत सुखी रहोगी इनसे चुदवा कर. आप भी भाभी. आप रुकना मैं आपको दिखाऊंगी। अभी आने वाले हैं वो मुझे और राशि को चोदने।”
“राशि कौन?”
सबीना ने राशि की ओर फोन किया, “मैं राशि हूँ क्लब की मैनेजर.”
अमीना: “आप तो मेरी ही आयु की लगती हो.”
राशि ये नहीं बताना चाहती थी कि वो अमीना से कुछ वर्ष छोटी थी.
“हाँ, पर हूँ आपके जितनी ही चुड़क्कड़. रात में जब तक गाँड न मरवा लूँ नींद नहीं आती है.”
“ओह!”
“आपके आने की राह देख रहे हैं. आपको भी सच में बहुत आनंद आएगा.”
तभी कमरे का द्वार खुला और आठों रोमियो अंदर आये.
राशि: “लो, हमारी सेवा के लिए हमारे रोमियो आ गए.” फिर उन रोमियो को संकेत दिया कि वो गाउन फेंक दें और उसके पीछे खड़े हो जाएँ. उसने सबीना को अपने पास बैठने का संकेत किया.
सबीना भी बैठ गई और अमीना और निगार ने उनके पीछे आठ रोमियो खड़े होते हुए देखे. पर उनके लौड़े सोफे से छुपे थे. राशि ने इसका समाधान किया और सबीना को बैठे रहने दिया और खड़ी हो गई और फोन को आठों रोमियो के खड़े तमतमाए लौंड़ों की ओर इंगित किया.
“हाय रे निगार, ये तो सच में मोटे और लम्बे हैं. चुदने में बहुत आनंद आएगा.”
राशि ने फोन अपनी ओर किया और बोली, “अब आप जब आएंगी तब देखेंगी. अभी हम दोनों को चुदने को मन है. बाय बाय!”
राशि ने फोन काटा और सबीना को उठाया.
“चलो, अब कुछ चुदाई हो जाये.” सबीना के साथ वो गाँड मटकाते हुए पलंग को ओर चल दी.
रात अभी शेष थी.
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क्रमशः
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