अध्याय ६३: दिंची क्लब के नए पंछी – ४
सबीना अपने स्थान पर नहीं थी, वो तो रीटा की चूत के सामने मूत्रपान कर रही थी. सचिन मन ही मन में हँसा कि कितने कम दिनों में सबीना एक गाली वाली मैडम से शान्त प्रेमिका बन गई थी. उसकी चुदाई की भूख और मूत्र की प्यास इस सीमा तक आ चुकी थी कि उसे सामान्य चुदाई अब उसे संतुष्ट करने में सक्षम नहीं थी. सबीना का मन और स्वभाव शीतल थे, एकाकीपन ने उसे एक क्रुद्ध स्त्री बना दिया था. पर अब उसे प्रेम भी मिल रहा था और उसका एकांत भी अब कुछ सीमा तक घटने लगा था.
सचिन को एक बार समझ नहीं आ रही थी, क्लब के नियमों के अनुसार उसे सबीना से दूर रहना था, परन्तु राशि और पार्थ उन दोनों को साथ रखने में लगे हुए थे. उसे पार्थ से पूछना होगा कि क्या कारण है. सबीना अपनी प्यास बुझाकर उठी तो रीटा ने उसे रोका और सोफे पर बैठाया. अब रीटा ने उसकी चूत पर मुँह लगाया और पहली बार सबीना ने अपने मूत्र का विसर्जन किसी अन्य के मुँह में किया. समाप्ति के बाद सबीना और रीटा दोनों उठे और रीतने उसे चूमते हुए उसके मम्मे दबा दिए. फिर उसने सबीना से कुछ कहा जिसका उत्तर सबीना ने स्वीकृति में दिया.
सबीना फिर महकती हुई सचिन के पास बैठ गई. सचिन ने कुछ पूछा नहीं, पर सबीना स्वयं बोली, “वो कह रही हैं कि अगले स्नान में मैं उनके साथ जुड़ सकती हूँ.”
“और.”
“मैंने हाँ कह दी. ओह! सचिन मैं कितनी रोमांचित हूँ. उस शाम जब नीलम बँगले पर तुम सब ने मुझ पर मूता था मुझे पता न था कि मुझे वो इतना उत्तेजक लगेगा. और आज फिर मुझे वो अवसर मिल रहा है.”
“ओके, मुझे राशि मैडम और पार्थ ने एक बात करने के उद्देश्य से बुलाया था.” सचिन ने उसे बताया तो सबीना उसे चूमने को मुड़ी पर शर्माकर रुक गई.
“ये तो बहुत अच्छा होगा. आई लव यू, सचिन. तुम भी मेरे साथ जो होंगे. पर रीटा के समान मेरी भी चूत और गाँड को साफ रखने वाली कोई होती तो भला होता. परन्तु फिर भी मैं रोमांच से भर गई हूँ.”
सचिन ने जब कहा कि निगार के उद्घाटन के बाद सबीना के ही घर में शेष कार्यक्रम होगा तो वो और प्रसन्न हो गई. हालाँकि वो चाहती तो थी कि उसकी अम्मी की भी उद्घाटन के बाद की चुदाई उसके घर में ही हो, पर उसके लिए नितांत आवश्यक था कि उसकी अम्मी भी मूत्र क्रीड़ा में रूचि दिखाएँ. अन्यथा उन्हें मंजुल या नूतन के घर पर ही आगे के कार्यक्रम के लिए जाना होगा.
“क्या नूर और आमिर भी जुड़ सकते हैं?”
“पता नहीं, आप राशि मैडम से पूछ लेना.”
उधर रीटा अब अगले चरण के लिए उद्द्यत थी. पिछली बार के समान एक दूसरे अफ़्रीकी रोमियो ने रीटा की चूत पर मुँह रखा और रीटा ने शांति से बियर की चुस्कियाँ लेते हुए उसे अपना मूत्र पिलाया. और इसके समाप्त होते ही अपनी बियर की कैन एक ओर धकेल दी और उठ खड़ी हुई.
“ओके बॉयज. आर यू फुल फॉर मी?”
“यस मैम!” सबने उत्तर दिया.
“ओके, सबीना डार्लिंग, क्लीन मी अप फॉर फकिंग.”
सबीना गई और रीटा के सामने बैठकर उसकी चूत को चाटी और फिर जब रीटा मुड़ी तो उसकी गाँड को भी साफ कर दिया.
जिस अफ़्रीकी रोमियो ने रीटा का मूत्र पिया था वो उस सोफे पर बैठ गया. एक अन्य रोमियो ने उसके पैरों के नीचे एक मोटा गोल कुशन लगा दिया जो उस सोफे के ही समान था. रीटा ने अब उस रोमियो की ओर मुँह रखते हुए अपनी गाँड को उसके काले मोटे और लम्बे लौड़े पर रखा और उस पर बैठती चली गई. कुछ ही पलों में काले रंग का लंड उसकी श्वेत त्वचा को भेदते हुए गाँड में समा गया. रीटा कुछ देर तक उछली.
“अब देखना!” सचिन ने सबीना से कहा.
रीटा ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दिए थे. उसके पीछे से से एक रोमियो ने उसके हाथों को पकड़ा और उसे धीमे से पीछे की ओर झुकाने लगा. गाँड से लंड को निकाले बिना ही रीटा अब उलटी हो चुकी थी.
अब उस अफ़्रीकी रोमियो ने रीटा की गाँड मारने का कार्यक्रम आरम्भ किया. सबीना रीटा के शरीर की लचक की प्रशंसा करती इसके पहले ही रीटा की आनंद भरी चीखों ने उसका मन मोह लिया. कुछ पल इस प्रकार की चुदाई के पश्चात एक रोमियो आगे आया.
“ओके, मम्मा, मुँह खोलो!”
रीटा ने उसकी ओर देखा और मुस्कुराते हुए मुँह खोल दिया. वो रोमियो रीटा के चेहरे के दोनों ओर पैर करके झुक गया और उसने रीटा के मुँह में मूतना आरम्भ कर दिया. रीटा प्यासी मछली के समान गट गट करके उसे पीने लगी. सबीना की चूत ने पानी छोड़ने की इच्छा जताई, पर उसने संयम रखा. जब उस रोमियो का मूतना समाप्त हुआ तो उसने गाँड मारने वाले रोमियो को संकेत दिया। गाँड से लंड निकालने के बाद उस अफ़्रीकी रोमियो के सबीना की ओर देखा तो सबीना ने जाकर रीटा की गाँड का निरीक्षण किया. पूरी खुली गाँड के अंदर तक वो भली भांति देख सकती थी. उसने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए रीटा की गाँड को चाटा और हट गई. उसने रीटा को देखा जिसने अपनी जीभ को होठों पर घुमाया तो सबीना से रुका न गया. वो रीता के मुँह के पास जाकर उसके मुँह में मूतने लगी, आधा मूत्र मुँह में तो शेष रीटा के चेहरे, बालों इत्यादि पर गिरा. इसके बाद सबीना अपने स्थान पर चली गई.
“गुड शो!” सचिन ने उसकी सराहना की. सबीना बस मुस्कुरा दी.
उधर गाँड से निकले लौड़े को अफ़्रीकी रोमियो ने बियर से धोया और टब में डाल दिया. उसने फिर एक दूसरी बियर ली और अपने साथियों को आँख मारते हुए पीने लगा और रीटा की गाँड में दूसरे लौड़े से चुदाई आरम्भ हो गई. सबीना ने अफ़्रीकी रोमियो को लंड धोकर टब में डालते देखा तो सचिन से प्रश्न करना चाहा.
सचिन: “मैडम को पता है. उनकी ही आज्ञा के अनुसार है. क्लब में कोई भी क्रीड़ा न तो सदस्या की इच्छा के विरुद्ध की जाती है न ही उनसे छुपकर.”
सबीना के प्रश्न का उत्तर उसे मिल गया था और वो रीटा की इस आसन में चुदाई देखने लगी. पिछली बार के ही समान इस बार भी एक अन्य रोमियो रीटा के निकट आया और उस पर मूत्र त्याग करने लगा. इसके बाद गाँड मारने वाले रोमियो ने अपना लंड निकाला और सबीना को बुलाया. सबीना ने फिर जाकर रीटा की अब और अधिक खुली गाँड को साफ किया और हट गई. उसने गाँड मारने वाले रोमियो को भी अपने लंड को धोकर टब में डालते हुए देखा और सचिन के पास आ बैठी.
यही क्रम अन्य छह रोमियो के साथ भी चला. इस बीच सबीना ने भी रीटा के मुँह में अपना योगदान दिया और एक बार सचिन ने भी जाकर रीटा पर मूत कर अपना दबाव कम किया. इस चरण की समाप्ति होते होते अब लगभग दो घण्टे होने को थे. रीटा को फिर से सोफे पर विश्राम करने के लिया बैठा दिया गया और उसके गर्दन पर एक भीगा तौलिया लगा दिया जिससे कि इतनी देर से मुड़ी गर्दन सामान्य हो सके. रीटा पीछे सिर झुकाकर आँखें बंद किया हुए लेट गई. कमरे में पूर्ण शांति थी, कोई उनके विश्राम में विघ्न नहीं डालना चाहता था.
सभी रोमियो, सबीना और सचिन बियर पीते रहे क्योंकि उन्हें इस बात की कोई चिंता न थी कि उन्हें बाथरूम के चक्कर लगाने होंगे. बीस मिनट की इस शांति के बाद रीटा ने तौलिया हटाया और फिर आँखें खोलकर सबीना को बुलाया. अपनी चूत पर ऊँगली रखकर उसने चेता दिया कि सबीना से क्या अपेक्षा है. साथ ही उसने अपने लिए भी बियर लाने का संकेत दिया. सबीना जब रीटा के निकट पहुंची तो रीटा ने सचिन को संकेत दिया जिसे देखकर सचिन ने सिर हिला दिया. रीता मुस्कुराकर सोफे पर आगे की ओर आ गई जिससे सबीना उसकी चूत तक सरलता से पहुँच सके. जब सबीना ने रीटा की चूत पर मुँह लगाया तो रीटा ने उसे रोका.
“नो, माई डियर. नीचे लेटो. और आँखें बंद कर लो कहीं तुम्हारी आँखों में पानी न चला जाये.” ये कहकर रीटा और आगे सरक गई. “और अगर तुम्हरे पैर टब में चले भी जाएँ तो कोई समस्या नहीं है.”
गोल कुशन अभी भी यथास्थान ही था तो सबीना उस पर लेट गई और अपना मुँह खोला और आँखें मीच लीं.
“गुड़ गर्ल.” रीटा ने कहा और सबीना के मुँह में मूत्र की धार छोड़ दी. सबीना घूँट भर रही थी कि उसे अपने चेहरे और मम्मों पर गर्म धार गिरने का आभास हुआ. आँखें खोले बिना ही उसे समझ आ गया कि अब रोमियो उस पर मूत रहे हैं. और उसका अपना मूत भी छूट गया. टब का स्थान इस प्रकार से था कि ये सारा मलिन पदार्थ उसमें ही गिर रहा था. हाँ, कुछ अवश्य ही बाहर जा रहा था, पर अधिकतर सही लक्ष्य को पाने में सफल था. जब सबने अपना कार्य समाप्त किया तो रीटा ने सबीना से आँखें खोलने के लिए कहा.
सबीना ने आँखें खोलीं और स्वयं को लम्बे मोटे लौंड़ों से घिरा पाया. आज रात ये उसकी सेवा में होंगे, ये सोचकर उसने रीटा को देखा.
“यस डियर. ये तुम्हारी चुदाई भी ऐसे ही करेंगे. मुझे प्रसन्नता होती अगर मैं रुककर तुम्हारी चुदाई देख पाती, पर मुझे इस अंतिम चरण के बाद जाना होगा. अब जाओ और अपने स्थान पर बैठो.”
सबीना उठकर सचिन के पास बैठी और प्रश्न भरी आँखों से देखा. सचिन ने उसके होंठों को छूकर कहा, “मुँह में डाला मैंने. और किसी को नहीं डालने दिया. रात में तो तुम्हें उनका मूत्र पीना ही है.”
“आई लव यू, सचिन. तुम मेरा बहुत ध्यान रखते हो.” ये कहकर उसने रीटा की ओर देखा और उसे फिर अपनी अम्मी उसमें दिखाई देने लगीं. क्या उसकी अम्मी रीटा के समान इस प्रकार की क्रीड़ा की इच्छुक होंगी?
सामने अब रीटा की चुदाई के अंतिम चरण के लिए आसन बनाये जा रहे थे.
सचिन: “ये इनकी सबसे विकृत चुदाई होगी. और समापन भी अत्यंत घ्रणित होगा. इसी कारण इन क्रीड़ाओं में क्लब के गिनती के ही रोमियो सम्मिलित होते हैं. वैसे अब आपका भी बुलावा आने ही वाला है.”
मानो ये बात रीटा को सुनाई दे गई हो, और एक रोमियो ने सबीना को बुलाया. रीटा पीठ के बल लेटी हुई थी. सबीना पहुँची तो वो रोमियो रीटा की गाँड में ऊँगली अंदर बाहर कर रहा था. उसने अपनी ऊँगली निकाली और सबीना के लिए स्थान छोड़ दिया. सबीना ने रीटा की गाँड चाटकर अपना कर्तव्य पूरा किया। एक रोमियो जो रीता के साथ बैठा था. जिस रोमियो ने सबीना को बुलाया था उसने रीटा की गाँड के नीचे दोनों हाथ रखते हुए उसे उठाकर बैठे रोमियो के ऊपर कर दिया. कुछ कठिनाई के बाद रीटा की गाँड उस लौड़े पर आ गई और बैठे रोमियो ने रीटा के कंधे पर हाथ रखे और बल प्रयोग करते हुए उसे नीचे दबा दिया. रोमियो का मोटा लम्बा लौड़ा रीटा की गाँड को चीरता हुआ अंदर समा गया.
रीता को अपने हाथ का सहारा देकर खड़े हुए रोमियो ने उसे कुछ समय उस लंड से परिचित होने दिया. फिर रीटा उसका हाथ पकड़कर गाँड में लंड पर उछलने लगी. ऐसा करते हुए उसने अपने सामने झूलते लंड को मुँह में ले लिया. कुछ ही पलों के बाद उसने लंड मुँह से निकाला और कूदना बंद कर दिया. सबीना वहीँ खड़ी हुई देख रही थी. अब खड़े हुए रोमियो ने रीटा को पीछे की ओर धकेला और लेटे रोमियो ने अपने बलिष्ठ हाथों से उसके वक्ष पर हाथ रखकर सहारा दिया. लेटे रोमियो ने रीटा को अपने ऊपर लगभग पूरा ही लिटा लिया जिससे कि अब रीटा की गाँड में उसका लंड दिखने लगा.
अब जो हुआ वो सचिन के द्वारा दिखाए वीडियो से मिलता हुआ था. खड़े रोमियो ने अपने लंड को भी गाँड पर रखा. पहले से ही उसमें एक मोटा लौड़ा उपस्थित था पर उसे इससे कोई अंतर नहीं पड़ा. उसने कुछ दबाव डाला और साथ ही लेटे रोमियो ने रीटा को उठाना आरम्भ किया. ये सब एक अत्यंत धीमी गति में हो रहा था. जब रीटा लगभग आधी बैठ गई तो खड़े रोमियो ने अपने लंड का दबाव बढ़ाया और उसका लंड भी अपने साथी के लंड के साथ अंदर प्रवेश कर गया.
इसी धीमी गति के साथ वो धीरे धीरे अपने लंड को अंदर डालता रहा. सबीना श्वास रोके ये आश्चर्यजनक कृत्य को अपने सामने घटित होते देख रही थी. लगभग आधे लंड के अंदर जाने पर लेटे रोमियो ने अपना लंड बाहर किया। सबीना को आभास हुआ कि ये सब रीटा के शरीर को भिन्न कोण में करते हुए किया जा रहा था. जब लेटे रोमियो का लंड आधे के लगभग बाहर आया तो दोनों लंड गाँड में आधे अंदर और आधे बाहर थे. रीटा के चेहरे पर परम सुख के भाव थे. उसने आँखें खोलीं और अपने सामने के रोमियो को देखा. उसे एक ओर खड़ी सबीना भी दिख गई.
“ओके, बॉयज़. टाइम टू फक मम्माज़ आस.” रीटा ने कहा. (ओके, लड़कों. मम्मी की गाँड मारने का समय आ गया है.”
सबीना ने अपने सामने दोनों विशाल लौडों को एक साथ रीटा की गाँड में जाने का अद्भुत दृश्य देखा. गति धीमी थी और दोनों रोमियो इसमें कुशल थे, एक दो बार एक साथ लंड अंदर बाहर करने के बाद उन्होंने एक ताल पकड़ी और कुछ गति भी.
“इसमें अधिक शक्ति और गति का प्रयोग नहीं किया जाता.” उसने अपने पीछे से सचिन को बोलते हुए सुना. “और इसके लिए अनुभव और असीमित संयम की आवश्यकता होती है. अन्यथा तीनों में से कोई भी चोटिल हो सकता है. पर इसका आनंद विलक्षण होता है.”
सबीना रीटा के चेहरे के भाव देखकर ये जान रही थी.
“ऊई ऊई ऊई” रीटा के मुँह से ये पहली ध्वनि थी.
सबीना को ये भी समझ आ चुका था कि रीटा की चुदाई एक बार में कोई भी पूरी नहीं करता. आठों रोमियो उसकी चुदाई करते हैं. और उन रोमियो के संयम की प्रशंसा करनी होगी क्योंकि वो अब तक झड़े नहीं थे पर युद्धक्षेत्र में खड़े हुए थे. क्लब का सिद्धांत कि सदस्या का सुख सर्वोपरि है इस कृत्य से चरितार्थ होता था. रीटा की उस जोड़ी ने कुछ देर और चुदाई की फिर खड़े रोमियो ने लंड बाहर निकाला और फिर रीटा को लंड पर से उठा दिया. नीचे वाला रोमियो वहीँ सोफे पर खड़ा हो गया. खड़े रोमियो ने सबीना की ओर देखा.
सबीना ने देखा कि इस बार रीटा की गाँड और भी अधिक खुली हुई थी. उसने कुछ संकोच किया परन्तु नीचे बैठकर उसे चाटकर साफ कर दिया. दो दो लौडों से चुदी गाँड में झाग रूपी बहुत पदार्थ जमा था. अपने कार्य को सम्पन्न करने के बाद वो उठ गई और खड़े रोमियो ने रीटा की गाँड में फिर से लंड पेल दिया और सोफे पर खड़े रोमियो को संकेत दिया. सोफे वाले रोमियो ने रीटा के चेहरे को ऊपर उठाया तो रीटा ने स्वतः मुँह खोल दिया और उस रोमियो के मूत्र की धार उसके मुँह और चेहरे पर गिरने लगी. सबीना ये देख रही थी पर उसे अचरज हुआ कि गाँड में लंड डालने वाले रोमियो ने धक्के नहीं लगाए थे.
सचिन ने उसके कंधे पर हाथ रखा और पीछे खींचा.
“ओके, मम्मा!” उस रोमियो ने कहा और धीरे से लंड बाहर निकाला और तेजी से एक और हट गया. सबीना को समझ आ गया कि क्या हुआ था जब रीटा की गाँड से मूत्र की धार निकल कर टब में गिरने लगी.
रीटा के मुँह में मूतने वाले रोमियो ने अपना कार्य पूरा किया और उतर गया. दोनों रोमियो अपने खड़े लौड़े सहलाते हुए हट गए और रीटा उसी मुद्रा में कुछ देर लेटी रही. फिर उसने एक बियर माँगी और बैठकर पीने लगी. सबीना ने जब देखा कि अब उसका कोई काम नहीं है तो पूर्वस्थान पर जाकर बैठ गई. सचिन उसके पास बैठ गया.
“ये सब उसे मम्मा क्यों पुकारते हैं?” सबीना ने पूछा.
सचिन ने रीटा की ओर देखा और धीमे स्वर में बोला: “क्योंकि ये निःसंतान हैं. जब समय था तब इन्होने अपने कार्य पर अधिक ध्यान दिया, हालाँकि उसमे अपेक्षित सफलता नहीं मिली. जब विवाह किया तो इन सब खेलों में इतना लिप्त हो गयीं कि मातृत्व का समय बीत गया. अब इसी प्रकार हम सबको उन्हें मम्मा कहने के लिए बोली हैं. परन्तु सम्भवतः ये स्वयं को प्रताड़ित करने के लिए करती हैं, कि जो सुख वो चाहती थीं उससे स्वयं ही वंचित रह गयीं.”
“उनके पति?”
सचिन के चेहरे पर घृणा के भाव आ गए, “उनके लिए ये मात्र व्यवसाय में उन्नति का साधन हैं. मुझे नहीं पता वो इनसे प्रेम भी करते हैं या नहीं. जिस प्रकार से उनकी पार्टियों में इनका उपयोग होता है वो निंदनीय है. पर अब लगता है कि इन्हें भी इन क्रीड़ाओं में अधिक आनंद आता है. क्लब में तो विशेषकर क्योंकि यहाँ केवल उनके सुख पर ध्यान रखा जाता है.”
“अपने पति को क्यों नहीं छोड़ देतीं?”
“आप क्यों नहीं छोड़ रही हैं?”
सबीना चुप हो गई. उसे उत्तर मिल गया था.
“मैं आपको दुःख नहीं देना चाहता था, सॉरी!” सचिन कहने लगा.
“नहीं, तुमने सही कहा. छोड़ना सरल नहीं होता. पति जैसा भी हो, हालाँकि नासिर बहुत ही भले हैं, पर इस व्यापार ने उन्हें मुझसे दूर कर दिया है.”
“सम्भव है इनका भी कोई कारण हो. हम इनके विषय में अधिक नहीं जानते. पर ये बहुत ही अच्छी महिला हैं. हालाँकि चुदाई में अत्यंत ही विकृत सेक्स चाहती हैं.”
सबीना ने सिर हिलाकर कहा, “जैसे मैं?”
“आप तो मेरी सर्वप्रिय हो. क्लब के नियम न होते तो मैं आपको अपना बना लेता.”
“और नासिर?”
“उनको मना लेता.” सचिन ने हंसकर कहा और दोनों हंस पड़े.
“वो न मानने वाले.”
रीटा के पास अब अन्य दो रोमियो आ चुके थे और सबीना को अपनी भूमिका निभानी थी. इसके बाद वही क्रम चला. रीटा की गाँड को सबीना चाटकर साफ करती, फिर दो रोमियो एक साथ उसकी गाँड मारते, फिर सबीना उनके लंड बाहर आने पर फिर से गाँड चाटती। फिर एक रोमियो मुँह में तो एक गाँड में मूत्र विसर्जन करता. और टब में गाँड से निकला मूत्र जुड़ जाता.
इसके बाद सब सुस्ताने लगे. समय समाप्त होने वाला था. कुछ ही देर में रीटा खड़ी हुई.
“ओके, बॉयज़. तुम सबने बहुत संयम दिखाया है. अब मुझे चोदकर अपना पानी मेरी चूत और गाँड में डालो. सबीना बेचारी बहुत देर से भूखी है.”
इस बार दूसरे सोफे पर एक रोमियो बैठा और रीटा उस के लंड पर चढ़ गई. दूसरे रोमियो ने उसकी गाँड मारना आरम्भ किया. पंद्रह मिनट में दोनों रोमियो झड़ गए और सबीना को उनके रस को रीटा की चूत और गाँड से चखने का अवसर मिला. इस प्रकार आठों रोमियो ने अपना पानी छोड़ा और सबीना का पेट भर गया. जब अंतिम रोमियो की जोड़ी ने अपना काम पूरा किया तो रीटा ने सबीना को उनके वीर्य के साथ अपने मूत्र का भी सेवन करवाया. फिर उसने सचिन को पुकारा.
“सचिन स्वीटहार्ट. तुम समझ चुके हो कि अब मुझे क्या चाहिए है.”
“यस, मम्मा।”
रीटा उठी और टब में जाकर बैठ गई. सबीना को सचिन ने आगे झुकाया और उसकी गाँड में लंड पेलते हुए उसकी गाँड मारने लगा. सबीना का मुँह टब के दूसरी ओर था पर उसे टब में गिरते पानी की ध्वनि से समझ आ रहा था कि रोमियो सेना रीटा पर मूत्र छोड़ रही है. उसकी गाँड में सचिन का लौड़ा और पीछे से ये संगीत उसे उत्तेजना के परे ले गया. सचिन भी इतनी देर से भरा बैठा था और कुछ ही पलों में उसने सबीना की गाँड में अपना रस छोड़ दिया.
सबीना संतुष्ट नहीं थी, पर उसे गाँड मरवा कर कुछ शांति मिली थी. सचिन ने लंड बाहर नहीं निकाला और सबीना को अपनी गाँड फूलने का आभास हुआ. सचिन अब उसकी गाँड में मूत रहा था. जब सचिन ने उसकी गाँड भर दी, तो उसकी नितम्बों पर थपकी दी.
“गाँड पर कन्ट्रोल रखना. मैं लंड निकाल रहा हूँ.” उसने आगे झुकते हुए सबीना के कानों में कहा. फिर जोर से बोला, “ओके. मम्मा, आर यू रेडी?”
“यस माई सन.”
सचिन ने सबीना की गाँड से लंड निकाला और तीव्रता से हट गया. सबीना बस पल भर ही अपनी गाँड को रोक पाई और फिर उसकी गाँड ने सचिन के वीर्य और मूत्र का मिश्रण बाहर निकल पड़ा. रीटा नीचे टब में उसकी इस धार के लिए मुँह खोले बैठी थी. उसके मुँह, चेहरे और अन्य अंगों पर जब मूत्रपात समाप्त हुआ तो वो जोर से खिलखिला कर हँसने लगी.
“मम्मा, कैन वी गो नाउ? हम थोड़ी देर में सफाई के लिया आएंगे.” एक रोमियो ने पूछा.
“यस. यू कैन गो. एंड यू बॉयज़ वेयर वंडरफुल. आई ऍम वेरी हैप्पी एंड सैटिस्फाइड।”
“थैंक यू, मम्मा.” सारे रोमियो एक स्वर में बोले.
“सुनो!” सबीना ने उन्हें पुकारा.
“यस मैम.”
“ये कैसी सफाई की बात कर रहे हो?”
“मैम, टब सोफे और कमरे की.”
“ओह!, क्या इसे रात को मुझे चोदने के बाद नहीं कर सकते?”
“तब भी करेंगे, मैम.”
“मेरे विचार से तो तब ही करना, तब भी नहीं.”
“ओह!” “ओके, ओके. थैंक्यू मैडम.” उन रोमियो के चेहरे पर एक विकृत मुस्कान आ गई. सचिन सबीना के पीछे मुँह खोले खड़ा था. और रीटा तब में पानी से खेल रही थी.
“रीटा जी!” सबीना बोली, क्या मैं कुछ देर आपके साथ खेल सकती हूँ?”
“कम डियर!”
सचिन हतप्रभ सा अपने स्थान पर जाकर बैठ गया और रीटा और सबीना को एक दूसरे पर मूत्र से खेलते हुए देखता रहा. दस मिनट के बाद सबीना निकली और ये पूछकर कि बाथरूम कहाँ है, स्नान करने चली गई. बीस मिनट के लम्बे अंतराल के बाद निकली तो चमक रही थी. उसने सचिन का हाथ पकड़ा.
“मुझे बहुत भूख लगी है. कुछ खिला दो प्लीज़.”
उन्होंने कमरे से बाहर निकलने के पहले पीछे मुड़कर देखा तो रीटा अपने खेल में व्यस्त थी.
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क्रमशः
1449900