Chapter 56A: Sumathi’s Patel Milan
दृश्य ३ में अब तक:
रूचि ने चंद्रू और प्रकाश के उपक्रम हेतु धन की व्यवस्था कर दी. अब प्रकाश का यहाँ रहना निश्चित हो चुका था. वहीँ दोनों परिवारों की महिलाओं के षड्यंत्र के कारण सुमति और प्रकाश को दोनों के परिवारों में व्यभिचार का रहस्य खुल गया. सुमति के व्यसन से प्रकाश अति प्रसन्न हुआ. सुमति और प्रकाश चार दिन के लिए ऊटी के लिए निकले पर अंततः दो सप्ताह बाद लौटे.
पार्थ ने शोनाली को सबीना, अमीना और निगार के विषय में और राशि को क्लब में ही रहने के लिए भी सूचित किया. उसने कुछ कार्यों में अपना योगदान करने के विषय में भी चिंतन किया. राशि क्लब में रहने के लिए चली गई. राशि के क्लब में रहने के अधिकाधिक लाभ मिले.
इस माह की पार्टी संचालन हेतु एक मंत्रणा की गई. सचिन ने ऐसे आयोजनों के लिए अस्थाई रोमियो का प्रबंध करने का सुझाव दिया. सभी सदस्याओं और रोमियो से इस विषय में संदेश दिया गया. इस बार पार्टी की थीम थी “परिवार”. इनका एक विशेष शो होना था. उसके बाद दो दिनों तक व्यभिचार की अनूठी कथा लिखी जानी थी. राशि ने अस्थाई रोमियो का इंटरव्यू लेने का दायित्व ले लिया. सबीना, उसकी माँ और भाभी के साक्षात्कार कल से निर्धारित थे. वहीँ राशि अस्थाई रोमियो का परीक्षण करने वाली थी.
चटर्जी और पटेल परिवारों में इतनी रात होने के बाद भी ऐसा वातावरण था मानो सब अभी उठे हों. शोनाली ने सुमति को पार्थ और जॉय के हाथ सौंपा.
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अध्याय ४४ से आगे:
दिंची के अस्थाई रोमियो:
दो दिन भी समाप्त नहीं हुए थे कि अस्थाई रोमियो के लिए पर्याप्त नाम आ गए. सचिन ने नूर, समीर, दर्शन और हितेश के नाम सुझाए। मेहुल ने असीम, कुमार और सिद्धार्थ के नाम आगे बढ़ाये. पार्थ ने नितिन और मार्क के नाम का सुझाव दिया, डेविड उसके अनुसार मापदंड पर पूरा नहीं उतरता था. मार्क के पक्ष में एक और गुण था, वो अश्वेत था और पहली बार किसी पार्टी में पाँच अफ़्रीकी रोमियो उपस्थित रहने वाले थे. कुछ अन्य स्त्रोतों से और भी नाम आ गए. कुल सत्रह नामों का सुझाव आया था.
अब उनका क्लब के मापदंडो पर परीक्षण होना था. राशि ये देखकर मन ही मन उत्तेजित हो रही थी. पर उसके पहले उनके विषय में और गहराई से छानबीन करनी थी और ये पुष्टि भी करनी थी कि वे इसे पूर्ण रूप से गुप्त रखने के योग्य हैं. उसके बाद उनका राशि द्वारा परीक्षण करने में पूरा समय उपयोग हो जाए वाला था. राशि ने विश्वास दिलाया कि वो एक दिन में दो परीक्षाएँ ले लेगी. फिर भी समय कम था.
पटेल परिवार का प्रकाश:
उधर पटेलों ने कल रात अपनी बैठक में ही कामक्रीड़ा करने का निर्णय लिया था. आज सुमति भी आने वाली थी और यही उपक्रम दोहराया जाना था. दर्शन कुछ ही समय में आने ही वाले था तो कल से भी अधिक बड़ा समारोह होना था.
कल रात में दिया, सिया और नीलम के साथ कनिका की भी भरपूर चुदाई हुई थी. दर्शन के न होने से आकार, आकाश, चंद्रू, हितेश और प्रकाश पर ही सारा दायित्व था जिसे उन्होंने सहर्ष निभाया था. सुबह सब उठकर अपने कमरों में जा कर फिर से सो गए थे. सुमति को अपने बेटे और भाई से भी असीमित प्रेम मिला और दोनों ने उसके इतने दिनों न होने की भरपाई की. अंततः सब उसी बिस्तर पर सो गए थे. शोनाली पारुल के कमरे में चली गई थी.
देर सुबह लगभग एक ही समय दोनों घरों की घण्टी एक ही साथ बजी. दिया ने उठकर दर्शन का गले मिलकर स्वागत किया. दर्शन को दिया से कल की चुदाई की गंध से पता चल गया कि उसकी माँ कल अच्छे से चुदी है.
“हैलो मॉम, लगता है कल अच्छी चुदाई हुई है.”
“हाँ, और आज भी होगी. अब बात मत कर जाकर नहा ले. मैं जाकर सबको उठती हूँ. बहुत देर हो गई आज सोते सोते.”
सागरिका का स्वागत अपने घर में पारुल ने किया और दोनों बहनें पहले सागरिका की बातें करती रहीं. सागरिका सुप्रिया के घर से ही स्नान करके आई थी. तो वो रसोई में घुसकर चाय बनाने लगी. पारुल ने जाकर सबको उठाया और कुछ ही देर में सभी आँख मलते हुए बैठक में आ गए. सबने प्रेमपूर्वक चाय पी और फिर अपने नित्य कर्म में लग गए.
दो घंटे बाद पार्थ, शोनाली और जॉय कार्य के लिए निकले तो वहीँ उन्हें सामने से पटेल परिवार के चारों पुरुषों भी निकल रहे थे. हिलाकर उन्हें एक दूसरे का अभिवादन किया और निकल पड़े.
सुमति सुबह जब जॉय के कमरे से निकली तो खिली हुई थी. रात भर उसके भाई और बेटे ने उसे चोदा था. पार्थ ने तो इस बार कुछ अधिक ही उग्रता दिखाई थी. जॉय अपने पूर्व रूप में ही था और उसने अधिक प्रेम से चोदा। पार्थ ने लेकिन उसके सुबह उठने के बाद उससे क्षमा माँगी और कहा कि न जाने क्यों उसे इस बात का भी डर है कि सुमति उससे दूर चली जाएगी. सुमति ने विश्वास दिलाया कि वो किसी के भी लिए पार्थ से होगी, चाहे वो प्रकाश ही क्यों न हो.
शाम को सुमति के पटेल परिवार के यहाँ जाने से पहले शोनाली ने उसे अपने पास बैठाया.
“दी, सुनो. आप फूल इंजॉय करना. मेरी नीलम से बात हुई है. पहले आप उसके ही साथ रहना. वही पूरे कार्यक्रम का निर्देशन करने वाली है. उसे आपकी रूचि भी अच्छे से पता है और उसने विश्वास दिलाया है कि आज सबके रस पर आपका ही अधिकार होगा. आप सोचिये नीलम, दिया, सिया और कनिका सबकी गाँड से आपको उस घर के सभी पुरुषों का पानी पीने का अवसर मिलेगा. विशेषकर प्रकाश का. नीलम बता रही थी कि प्रकाश को आपका ये स्वभाव अत्यधिक रास आया है. और वो आपको सदा इसे पूरा करने की अनुमति देगा.”
फिर शोनाली ने सुमति को आँख मारी, “नीलम से कुछ राज भी उगलवाना. सुना है उसकी कोई किट्टी पार्टी है. हो सके तो उसमें भी सम्मिलित हो जाना. आपको भी अन्य महिलाओं से मिलकर अच्छा लगेगा.”
सुमति ने सहमति दी. फिर शोनाली ने गाँड बंद करने वाला प्लग अपने हाथ से निकाला और सुमति को दिया, “मेरी गाँड में तो इसने हर नए रोमियो के पानी को आपके लिए रोका है, पर आज आप इसके द्वारा अपनी गाँड से भी पानी पीने का प्रयास करना.”
शोनाली और सुमति एक दूसरे से लिपट गयीं. दोनों के प्रेम को देखकर किसी की भी आँखों में आँसू आ जाते. छह बजे सुमति पटेल निवास पहुंची और नीलम ने उसका स्वागत किया. अन्य सभी उस समय कहाँ थे ये जानने का प्रयास भी नहीं किया गया. नीलम उसे अपने कमरे में ले गई.
पार्थ ने फोन करके ये बता दिया था कि वो क्लब सीधे रूचि के घर जायेगा. तो शोनाली, जॉय और उनकी बेटियाँ ही आज घर में बहुत समय बाद अकेले थे. शोनाली जानती थी कि उसका सदुपयोग कैसे करना है.
नीलम सुमति के विषय में अधिक जानना चाहती थी. चुदाई के अतिरिक्त भी व्यक्तित्व के विषय में समझना नितांत आवश्यक था. सुमति ने बताया कि वो अब समर्थ के व्यवसाय में उसका हाथ बटाती है, हालाँकि अभी उसे केवल दो घंटे ही जाना होता है. उसके विषय में जानकर नीलम को उसका स्वभाव बहुत भाया। उसने फिर पार्थ के विषय में पूछा. सुमति सोचने लगी कि क्या कहे? वो अपने इस नए संबंध को झूठ से नष्ट नहीं करना चाहती थी.
“पार्थ एक क्लब का स्वामी है, जिसमें शोनाली भी भागीदार है. उनके क्लब में ३५ वर्ष से अधिक आयु की स्त्रियों की सेक्स की इच्छा पूरी की जाती है. महिलाएं विवाहित या विधवा होती हैं. अब तक कोई अविवाहित सदस्य नहीं बनी है. विवाहिताओं के पतियों की सहमति आवश्यक है.”
“वाओ! ये तो बहुत अचंभित ही. कितनी आयु तक की महिलाएँ हैं?”
“मुझे अधिक तो पता नहीं पर ६५ या ७० की एक दो हैं. मैं केवल एक से ही मिली हूँ और वो ७० के निकट हैं.” सुमति ने ये नहीं बताया कि वो शीला सिंह की बात कर रही थी.
“ओह!” नीलम सोच में पड़ गई. “सदस्य बनने की पात्रता क्या है?”
“पैसा!” सुमति हँसी, फिर बोली, “पूर्ण गोपनीयता और एक इंटरव्यू. वैसे किसी की अनुशंसा के बिना किसी को भी नहीं लिया जाता. और सबसे विशेष बात ये है कि सारे लड़कों के लौड़े दस इंच से लम्बे और अच्छे मोटे हैं और चुदाई में पारंगत हैं. और सदस्या जितने चाहे उतने लड़कों से चुदवा सकती हैं.”
नीलम का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया.
फिर सुमति को शोनाली की बात याद आई, “तुम्हारी कोई किट्टी है न? क्या करती हो उसमें?”
नीलम हँस पड़ी, “वही हम महिलाओं की गपशप और क्या?”
सुमति, “क्या मैं भी आ सकती हूँ?”
नीलम सोचने लगी, “मुझे नहीं लगता इसमें कोई समस्या होगी. अगली किट्टी अगले सप्ताह ही है. मैं पूछकर तुमको अतिथि बनाकर ले चलूँगी। फिर सोचकर बताना.”
नीलम बोली, “सुमति एक बात पूछूँ?”
“क्या मैं किसी का नाम सुझा सकती हूँ?”
“हाँ, मुझे शोनाली को बताना होगा, उसके बाद वो ही आगे का कार्य संभालेगी. किसकी बात कर रही हो?”
“हैं मेरी किट्टी की एक सदस्या, विधवा हैं बेचारी. अभी अपने रसोइये और ड्राइवर से चुदवाती हैं. पर लगता नहीं कि वो इससे संतुष्ट हैं. धन की कोई कमी नहीं है. अपने पति के व्यवसाय को अच्छे से संभाल रही हैं. कोई संतान भी नहीं है. अगर उन्हें पूछूँगी तो वो अवश्य ही इच्छुक होंगी. वैसे कितनी फ़ीस है?”
“मुझे शोनाली से पूछना होगा. उससे ही बात कर लो न? लगाऊँ फोन?”
“ठीक है.”
सुमति ने शोनाली को कॉल किया तो उसने कहा कि वो आकर समझाती है. कुछ ही देर में वो भी आ गई और नीलम को सब समझाया. नीलम ने कल अपनी मित्र से बात करने के लिए कहा. फ़ीस उसे अधिक लगी थी पर ये उसका विषय नहीं था. शोनाली ने पूछा कि किसकी बात हो रही है.
“श्रीमती गुप्ता. राखी गुप्ता.” नीलम बोली.
“क्या वो पीयूष गुप्ता की पत्नी हैं जिनका देहांत कुछ वर्ष पहले ह्रदय आघात से हो गया था? गुप्ता इंडस्ट्री के स्वामी?”
“हाँ. वही. आप जानती हो उन्हें.”
“उन्हें तो नहीं पर उनके पति से मेरे पति के व्यवसायिक संबंध थे. हम उनका स्वागत करेंगे अगर वो आना चाहेंगी.”
“मैं पूछूँगी, पर अभी ये बात हम तीनों तक ही सीमित रहनी चाहिए.” नीलम ने कहा.
“मुझे पार्थ को बताना होगा, क्योंकि उसकी स्वीकृति भी आवश्यक है. पर हम चारों से बाहर ये बात नहीं जाएगी.”
ये कहकर शोनाली चली गई. एक नया संभावित सदस्या जो मिल गई थी. उसे राखी गुप्ता के विषय में पता था और विश्वास था कि वो अवश्य आ जाएगी. वो अभी गई ही थी कि पटेल परिवार के अन्य सदस्य भी घर लौटने लगे और सबने सुमति का स्वागत किया.
उधर जब शोनाली ने फोन पर पार्थ को राखी गुप्ता के विषय में बताया तो उसे अचरज अवश्य हुआ पर उसने इसे व्यवसायिक कोण से ही देखा. उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि इस एक सप्ताह में उसे चार नई सदस्याएं मिलने वाली थीं और अगर उनकी अस्थाई रोमियो की योजना सफल हुई और उनमें से कुछ स्थाई रोमियो बने तो क्लब की स्थिति में सुधार हो जायेगा. वैसे भी रूचि और मंत्रीजी के सहयोग के कारण अब क्लब लाभ की ओर बढ़ रहा था.
शोनाली: “सबीना के लिए क्या सोचा है?”
पार्थ: “परसों आएगी. आप जानती हो कि राशि ने उसे तीन दिन रहने का आमंत्रण दिया है. आखिर पाँच लाख जो दे रही है. आगे के लिए भी ये विकल्प दिया जायेगा. वैसे उसकी माँ और भाभी को भी ३ दिनों का ही आमंत्रण दिया जायेगा. और यही हमारे क्लब का नई सदस्याओं के लिए नया स्वरूप होगा. ”
“राशि के आने से बहुत कुछ सम्भल जायेगा. सच में उसका योगदान अभी ही दिखने लगा है.”
“हाँ, शी इज़ गुड़.”
“जो नए सुझाव उसने दिए हैं क्या उन पर क्लब में कार्य आरम्भ हो गया है?” शोनाली ने पूछा.
पार्थ: “हाँ, अपने देखा नहीं क्या पिछली बार? राशि का प्रयास है कि पार्टी से दो दिन पहले सब पूरा हो जाये. बाथरूम में कार्य चल रहे हैं. और भी सब हो जायेगा. नगर के सबसे बड़े आर्किटेक्ट की पत्नी का जो हाथ है.” कहते हुए वो हंस पड़ा. वो उनके क्लब की सदस्या जो थी और उनके क्लब के अधिकांश कार्य उनके ही द्वारा सम्पन्न किये जाते थे. इसके कारण पूर्ण गोपनीयता बनी रहती थी. इसके शुल्क के रूप में उन्हें एक पूरे दिन उनकी रूचि के अनुसार चुदाई का उपहार दिया जाता था. हालाँकि फ़ीस में कोई कमी नहीं होती थी, पर कार्य समय पर उच्च कोटि का होता था.
शोनाली: “सचिन का भी योगदान अब क्लब में बढ़ गया है. उसे भी कोई पुरुस्कार देना चाहिए.”
पार्थ: “हाँ, मैं भी यही सोच रहा था. पर क्या दूँ? क्या आप रमोना से पूछोगी? मैंने कभी उससे इस विषय में बात नहीं की है. सम्भवतः रमोना उचित सुझाव दे.”
शोनाली अचानक गंभीर हो गई, “पार्थ तुम सुमति के लिए कोई संशय तो नहीं पाले हो? क्या तुम्हें इस पूरे प्रकरण में कोई दुविधा दिख रही है?”
“नहीं. आई एम हैप्पी फॉर हर. उन्हें अपने जीवन में सुख पाने का पूर्ण अधिकार है. उन्होंने अपना अधिकांश जीवन अकेले मुझे पालने में ही बिताया है. जब तक हम यहाँ नहीं आये थे, मैंने उन्हें संघर्ष करते हुए देखा है. आज उनके चेहरे पर जो एक शांति है, उसे देखे मुझे एक युग हो गया है. मैं उनके लिए बहुत प्रसन्न हूँ.”
“हम सबका भी यही विचार है.” शोनाली ने उसे फोन पर चुंबन दिया और कॉल काट दी.
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पार्थ दिन के समय क्लब जाकर चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने गया था. राशि ने उन कार्यों की प्रगति के विषय में उसे बताया और विश्वास जताया कि सब समय से पूर्व सम्पन्न हो जायेगा. राशि ने उसे समझाया कि क्लब में प्रवेश के उपरांत नई सदस्याओं को तीन दिन तक क्लब में रहने का अवसर दिया जाये. इससे एक लाभ तो ये था कि वो आरम्भ के शुल्क को बढ़ा सकते थे. नई सदस्याएँ भी उनके क्लब से प्राप्त अन्य सुविधाओं को भोग सकती थीं और आवश्यकता पड़ने पर अपने ढंग से सहायता भी कर सकती थीं. इसमें रिसेप्शन को संभालना और अन्य कार्य भी जोड़े जा सकते थे.
पार्थ उसके हर सुझाव से सहमत था. उसके मन में ये आया कि अगर उसकी माँ भी इससे जुड़ जाये तो उन्हें एक व्यवसाय चलाने का और अनुभव मिलेगा और वो समर्थ के कार्य को और अच्छे से पूरा कर सकेंगी. उसने इसका उल्लेख राशि से किया तो उसने भी सहमति जताई. शोनाली से बात करने का बीड़ा पार्थ ने उठाया तो रूचि को राशि ने. इसके बाद पार्थ सिमरन से जाकर उसके केटरिंग के काम को देखने गया जहाँ सिमरन ने उसे उन तीनो दिनों के विषय में बताया. इसके बाद वो रूचि से बात की और शाम को उसके घर आने के लिए कहा.
नीलम के घर में सभी लोग नहा धोकर बैठक में आ चुके थे. ये किसी भी परिवार की एक साधारण शाम के समान ही था. अपने दिन के कार्यकलापों के विषय में सबने बातें कीं. सबके हाथों में उनकी रूचि के अनुसार ड्रिंक भी थे. अंत में सबने प्रकाश और चंद्रू से उनके कार्य की स्थिति के विषय में पूछा.
“आज सब आवेदन और अनुमति पत्र दे दिए गए हैं. पूरी आशा है कि एक ही सप्ताह में अनुमति मिल जाएँगी. क्योंकि ये मात्र सेवाओं का व्यवसाय है इसीलिए इतनी झंझट नहीं है. अपने उत्पाद बनाने के लिए हम छह महीने बाद आवेदन देंगे. तब तक मैं अपने यहाँ से आपूर्ति करता रहूँगा। अगर आवश्यकता पड़ी तो वहां विस्तार कर लेंगे जो अधिक सरल है. इससे प्रकाश को भी अन्य कार्यों पर ध्यान देने का समय मिलेगा.”
उसकी इस बात पर सब हंस पड़े और प्रकाश और सुमति शर्मा गए.
“हाँ उनको तो किसी और उत्पाद पर कार्य करने का अवसर मिलना चाहिए.” आकाश ने द्विअर्थी संवाद बोला जिसका अर्थ था कि प्रकाश को सुमति को माँ बनाने का प्रयास करना चाहिए। सुमति का चेहरा लाल हो गया और प्रकाश का सीना चौड़ा हो गया.
दो पेग के बाद भोजन करने की बात आई तो आकार ने सुझाया कि इस विश्राम के समय के लिए रहने दिया जाये। फिर नीलम ने सुमति को बताया.
“कल रात हम सबने इसी स्थान पर चुदाई की थी. और आज भी यही योजना है. अगर आपको इसमें कोई आपत्ति हो तो बता दीजिये. पर हम सब आपको देखने और चोदने के लिए लालायित हैं.” फिर उसने परिवार की अन्य महिलाओं से कहा, “मैंने शोनाली को वचन दिया है कि आज हर रस का सेवन सुमति को ही करने का अवसर मिलेगा. और उसे किस प्रकार का विशेष रस प्रिय है ये अब हमसे छुपा नहीं है. अगर किसी कारण हम में से किसी के मुँह में कोई झड़ भी जाये तो उसे सुमति से साझा करना होगा.”
कनिका बोली, “दैट इस सो कूल. सुमति मौसी के लिए हम सब सहमत हैं.”
सुमति अपने प्रति इतने प्रेम को देखकर भावुक हो गई.
“तो बच्चों चलो कमरे को सेट करो. और तब तक मैं सबके लिए एक और पेग बनाती हूँ.” नीलम ने आदेश दिया.
कुछ ही देर में हॉल एक बड़े शयनकक्ष में परिवर्तित हो गया. अपने ग्लास से चुस्कियाँ लेते हुए सबने नीलम को देखा.
नीलम ने कहा, “मैंने एक लॉटरी का प्रबंध किया है. इसमें सुमति का नाम नहीं है. हम महिलाओं की पर्ची लाल हैं और पुरुषों की नीली. सुमति एक महिला और एक पुरुष की पर्ची निकालेगी। उनकी जोड़ी बनेगी. हम पांच महिलाएं है तो पुरुषों की संख्या छह है. तो अंत के दोनों बचे हुए पुरुष सुमति के हिस्से में आएंगे. इसमें एक ही अंतर है. अगर उन दोनों में प्रकाश हुए तो उन्हें किसी और को अपना स्थान देना होगा. ये उनका चयन होगा और इसमें किसी का कोई वोट नहीं होगा. जिस महिला की अंतिम पर्ची निकलेगी, वो अगले राउंड में सुमति का स्थान लेगी. किसी को कोई आपत्ति या प्रश्न है?”
सबने सहमति दर्शाई और सुमति को बीच में बुलाया और दो कटोरियाँ सामने कीं। सुमति ने पर्चियां निकालीं और जोड़ियां बन गईं. प्रकाश को पहले ही साथी मिल गया तो कोई समस्या ही नहीं रही. जोड़ियां इस प्रकार से थीं.
१. सिया के साथ दर्शन
२. कनिका के साथ प्रकाश
३. नीलम के साथ चंद्रू और
४. दिया के साथ आकार
और सुमति के लिए हितेश और आकाश के नाम बचे. नीलम फिर से बोली.
“सब अपने साथियों के साथ आगे बढ़ो. अगले राउंड में दिया को सुमति का स्थान मिलेगा. और उसके साथ आकाश भाईसाहब नहीं रह सकते. कम ऑन लेट अस इंजॉय!”