दृश्य १: रूचि का घर:
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गौरव, फिलिप और मेहुल ने राशि को भिन्न भिन्न आसनों में चोदा था और अब झड़ रहे थे. एक एक करके वो रणभूमि से हटते गए और राशि संतुष्टि के साथ पलंग पर ही ढेर हो गई. उसके मुँह, चूत और गाँड से रस भी जा रहा था. पर वो अचेत सी पड़ी हुई थी. उसके चेहरे की मुस्कान और संतुष्टि के भाव ही उसके सुख का प्रमाण थे. चुदाई के इस संग्राम में अब एक विश्राम का समय था. सो व्हिस्की के पेग बने और सब पीने में व्यस्त हो गए.
रूचि अपनी माँ की एक ओर ले गई और उन्हें क्लब में रहने के विषय में पूछा. राशि सहर्ष ही मान गई. रूचि के मन से एक बोझ उतर गया. उसने पार्थ को संकेत दिया कि सब ठीक है.
शिखा आज रात्रि यहीं रुकने वाली थी. रोमियो में से तीन अपने घरों को जाने वाले थे. पार्थ ने रूचि के ही साथ रुकने का निर्णय लिया। अब शिखा और राशि की रात भर चुदाई होने वाली थी.
अब आगे:
पार्थ और रूचि जाकर रूचि के कमरे में लेट गए. कुछ ही समय में दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. शिखा की गाँड मारने के बाद भी पार्थ का लंड फिर उठ खड़ा हुआ था. उधर सचिन दो अन्य रोमियो के साथ जा चुका था. सचिन सबीना के घर जा रहा था. वो उसे क्लब में होने वाली कुछ चुदाई के प्रकरण दिखाना चाहता था. इस उद्देश्य से पहले वो नूतन के घर गया जहाँ से नीलम ने उसे कुछ हार्ड डिस्क दे दीं. पार्थ ने उसे बता ही दिया था कि किन दृश्यों और क्रीड़ाओं के डिस्क देनी थीं. नूतन सचिन को देकर मुस्कुराई और सचिन चला गया.
राशि के कमरे में अब तीन अफ़्रीकी रोमियो जिन्हें प्रेम से डॉग पुकारा जाता था उपस्थित थे. उनके साथ मेहुल और दो अन्य रोमियो भी थे. मेहुल रुकने के लिए इस वचन पर माना था कि अगले चार दिनों तक उसे किसी और की सेवा के लिए नहीं बुलाया जायेगा. उसे अपने परिवार में कुछ लंबित कार्यों को पूर्ण करना था.
राशि ये नहीं जानती थी कि ये सम्भवतः उसके घर में होने वाली अंतिम सामूहिक चुदाई होने वाली थी. शिखा के तन में एक नया उन्माद था. वो एक चुड़क्कड़ स्त्री थी और कई बार इस प्रकार के सम्मेलनों में भाग ले चुकी थी. पर न जाने क्यों आज उसे एक भिन्नता का अनुभव हो रहा था. अब तक उसकी चूत और गाँड की चुदाई हो चुकी थी और दोनों की चुदाई के लिए वो रात्रि भर के व्यभिचार के लिए उत्सुक थी. उसके सुरक्षा कर्मियों ने उससे पूछने के बाद बंगले में ही अपनी व्यवस्था कर ली थी. ये सब उनके लिए नया नहीं था.
राशि ने सबको एक ड्रिंक लेने के लिए कहा. “इसके बाद बहुत देर तक तुम सबको पानी भी नहीं मिलने वाला.”
सबने अपनी रूचि का ड्रिंक लिया और पीने लगे.
मेहुल को देखकर राशि बोली, “वैसे तुम नए आये हो, पर अगर अन्य किसी को आपत्ति न हो तो मैं चाहूँगी कि आज तुम इनके मुखिया की भूमिका निभाओ.”
मेहुल ने कुछ न कहा, और अन्य सब जानते ही थे कि जो भी क्लब की सदस्या कहती हैं उसका पालन करना ही उनका धर्म और कर्तव्य है.
“गुड, तो अब मैं ये बताना चाहती हूँ कि मेरी चुदाई तो जिस सब अब तक करते रहे हो वैसी ही होगी, परन्तु शिखा कैसी चुदाई चाहती है ये वो बताएगी. शिखा ने उसे ओर देखा जहाँ पर कैमरे के माध्यम से उसके पति बॉबी ये सब देख रहे थे.
“मैं भी वैसी ही चुदाई चाहती हूँ. मेरा रोम रोम कराह उठे. शरीर में उठने की शक्ति न रहे. और मेरा हर छेद इतना संवेदनशील हो जाये कि अगर फूँक भी मारे तो सरसरी हो जाये. क्या ऐसा हो सकता है?”
“बिलकुल,” मेहुल के तो मन की बात हो गई, “परन्तु मैं चाहूँगा कि आप एक सुरक्षा शब्द और एक सुरक्षा संकेत निर्धारित लें ताकि अगर आपको अधिक कठिनाई हो तो हमें पता चल सके.”
शिखा सोच में पड़ गई. फिर उसने बॉबी की पुत्री मनीषा का नाम लेना ही सही समझा.
“मनु”
“और संकेत?” मेहुल ने पूछा.
ये प्रश्न कठिन था. फिर राशि ने सुझाव दिया.
“अगर एक एक करके दोनों हाथ उठाये तो रुक जाना.”
मेहुल ने सोचा फिर कहा कि एक हाथ ही ठीक है. बस मुट्ठी बंद करके हाथ उठाये. जब सब इसे समझ गए तो मेहुल ने शिखा के सिर पर हाथ रखा.
“आप जानती हैं न कि हम आपके साथ अपने ढंग से चुदाई करने वाले हैं. आपके पास सुरक्षा शब्द और संकेत के सिवाय कोई और ढाल नहीं है.”
“हाँ. और मैं इस प्रकार से पहले भी कई बार चुद चुकी हूँ. अंतर ये है कि उनके लंड तुम सबकी तुलना में छोटे थे. अधिक या कम ये मैं नहीं बताऊँगी।”
“तो फिर हम सब एक एक करके आपकी चुदाई करेंगे. पहले चरण में केवल चूत और मुँह का प्रयोग किया जायेगा. दूसरे में गाँड और मुँह और फिर चूत और गाँड। उसके बाद जो भी होगा, होगा. और मैडम भी इस में सम्मिलित हैं और उन्हें भी इसी प्रकार से चोदा जायेगा.”
“ठीक है.”
इसके बाद मेहुल ने अन्य रोमियो को निर्देश दिया कि उन्हें किस प्रकार से घूमना है. पहला रस चेहरे पर छोड़ना होगा, दूसरा स्तनों पर, तीसरा गाँड पर, चौथा मुँह में उसके बाद जहाँ इच्छा हो. फिर मेहुल ने रोमियो बंधुओं को बताया कि हर आसन में केवल पाँच मिनट ही चोदना है. उसके बाद दूसरी महिला को चोदना होगा परन्तु दूसरे छेद में. अगर अब तक मुँह चोदा तो अगली बार मुंह नहीं चोदना है. इस प्रकार उन्हें परिवर्तन के कारण विराम मिल जायेगा और अधिक देर तक चुदाई कर सकेंगे. उसने ये स्पष्ट किया कि पूरी रात राशि और शिखा के किसी ने किसी स्थान में लौड़ा होना ही चाहिए. सभी रोमियो ने अँगूठा दिखाकर मेहुल की योजना का अनुमोदन किया.
उसने फिर राशि और शिखा को देखा जो उसके इस संचालन की क्षमता से प्रभावित हो रही थीं. उसके इतनी बार पानी के छोड़ने के अंक से ही उन्हें पता चल गया कि आज की पूरी रात चुदाई का संग्राम होना है.
“आप दोनों के लिए भी कुछ नियम हैं.” राशि और शिखा ने सहमति में सिर हिलाया.
“आपको दूसरे के तन पर गिराए हुए रस को चाट कर पीना होगा. इसके लिए चुदाई कुछ क्षणों के लिए रोकी जा सकती है. परन्तु ये गति पर निर्भर है. अगर दूसरे की चुदाई नहीं रोकी जा सकती तो आपकी चुदाई सफाई होने तक स्थगित रह सकती है. ये हम रोमियो पर निर्भर है कि हम क्या चाहते हैं.”
“ओके.” राशि और शिखा ने एक दूसरे को देखते हुए एक स्वर में कहा.
“तो पहले आप दोनों हम सबके लौंड़ों को चाटकर खड़ा कीजिए.”
मेहुल ने अपने रोमियो को निर्देश दिया और वे राशि और शिखा के चारों ओर एक गोले में खड़े हो गए. राशि और शिखा घुटनों पर बैठीं और अपने सम्मुख वाले लौड़े को चूसने लगीं. घुटनों के बल घूम घूम कर वे सारे रोमियो को लंड चूस रही थीं. रोमियो इसका भरपूर आनंद उठा रहे थे और एक दूसरे को देखकर हाथ मिला रहे थे. रोमियो उस समय की प्रतीक्षा में थे जब उनके लौड़े चूत और गाँड में उत्पात मचाएँगे।
और मेहुल की योजना के अनुसार उन्हें अधिक देर तक रुकना भी नहीं पड़ा. मेहुल ने पहली चुदाई से दूर रहकर रोमियो की चुदाई को देखकर सीखने और समझने का मन बना लिया था. उसके विस्तृत अनुभव के बाद भी वो नया सीखने के लिए उत्सुक था. इसका लाभ उसे अपने परिवार, समुदाय और क्लब तीनों में मिलने वाला था. उसने लंड चूसना बंद करवाते हुए राशि और शिखा को पलंग पर लेटने के लिए कहा. उसने ओडुम्बे को रुकने का संकेत दिया और उसके साथ इस नए संयोजन को देखने लगा. वो इसे स्वाभाविक रूप से चलने देना चाहता था.
राशि और शिखा को एक ही ओर लिटाकर एक एक रोमियो ने अपने लंड उन्हें चूसने के लिए प्रस्तुत किये. दो अन्य रोमियो उनके पैरों के बीच स्थान बनाकर अपने लंड उनकी चूत पर घिसने लगे. और फिर एक सशक्त धक्के के साथ अपने लंड अंदर धकेल दिए. कुछ देर पहले हुई चुदाई के कारण चूतें सरलता से उनके आधे लंड निगल गयीं. अगले धक्के में दोनों चूतों में दस इंच से बड़े लौड़े पूर्ण रूप से समा गए. अगर उनके मुँह लंड से बंद न होते तो अवश्य कुछ चीखें सुनाई देतीं. उन्हें शांत रखने का ये सर्वोत्तम उपाय था.
चूँकि व्यवस्था ही ये थी कि चुदाई घनघोर की जाये तो चारों रोमियो अपने पूरे बल के साथ चुदाई में जुट गए. मुँह में लंड अवश्य कुछ ठहर कर जा रहे थे ताकि श्वास जाये, पर चूत में ऐसी कोई कोताही नहीं की जा रही थी और लम्बे तगड़े धक्कों के कारण शिखा और राशि की चूतें चरमराने लगीं. पाँच मिनट के अंतराल के बाद स्थान परिवर्तन का समय हो गया जिसकी घोषणा ओडुम्बो ने की. शिखा चूत से निकला लंड राशि के मुँह में चला गया और राशि के मुँह से निकले लंड ने शिखा की चूत में प्रवेश किया. इसी प्रकार से दूसरे लौड़े भी स्थान परिवर्तन कर लिए. चुदाई का दूसरा चरण आरम्भ हुआ और फिर पाँच मिनट तक चलने के बाद स्थान बदले गए. इस बार राशि की चूत से निकले लौड़े ने मुँह और मुँह से निकले लौड़े ने चूत का आनंद लेना आरम्भ किया और यही शिखा के साथ भी हुआ.
शिखा इस खेल में बहुत आनंद ले रही थी. उसे अब समझ में आया कि दिंची क्लब की विशेषता क्या है. न केवल उनके रोमियो मोटे और लम्बे लौंड़ों के स्वामी थे, बल्कि उनके इस प्रकार से नए नए आयोजन में चोदने से महिलाओं की संतुष्टि का स्तर ही भिन्न रहता है. कुछ देर के लिए जब लौड़े उनकी चूत खाली छोड़ते थे तो शीतल पवन के झोंकों से एक सिरहन का आभास होता था. और फिर नया लंड उसका स्थान ले लेता था. शिखा अब तक झड़कर शाँत हो जाती अगर ये पाँच मिनट के अल्पविराम न लगते. होता ये था कि जैसे ही वो झड़ने के निकट होती कि लंड चूत छोड़ देता और वो फिर लौट आती. यही स्थिति राशि और रोमियो की भी थी. इस प्रकार चुदाई को बहुत लम्बे समय तक खींचा जा सकता था.
चारों छेदों की चुदाई करने के पश्चात चारों रोमियो हट गए और अब ओडुम्बो और मेहुल को अवसर मिला. दोनों चूतें मोटे लौड़े खा कर फैली और फूली हुई थीं. सामूहिक चुदाई में ये सामान्य घटना होती है. दोनों ने अपने लौड़े चूत में स्थापित किया और फिर चुदाई आरम्भ हो गई. जहाँ मेहुल शिखा की आँखों में आँखें डालकर चोद रहा था वहीँ राशि की धाकड़ चुदाई के कारण आँखें बंद थीं. ओडुम्बो का ध्यान अपने लंड पर था जो राशि की चूत को मानो फाड़ देना चाहता था, हालाँकि इस राह से निकले हुए हर यात्री को इसमें असफलता ही प्राप्त हुई थी.
मेहुल ने निर्देश दिया कि इस बार लगातार चुदाई करते हुए राशि और शिखा मैडम को झड़ाना है और सम्भव हो तो एक दो रोमियो भी झड़ जाएँ, जिससे की निर्धारित कार्यक्रम को पूरा किया जा सके. अन्य सभी रोमियो मान गए. हालाँकि इसमें मेहुल की एक चाल भी थी. वो चाहता था कि अगले चरण में शिखा की गाँड सबसे पहले उसे मारने का अवसर मिले. उसकी गाँड मारने की कल्पना वो उसके आने के समय से कर रहा था. पार्थ उसका बॉस था तो पार्थ को तो वो पीछे धकेल नहीं पाया, पर अब वो ऐसा कर सकता था, पर इसकी भनक उसके अन्य रोमियो साथियों को नहीं लगनी चाहिए थे. जो झड़ जायेगा वो अगले चरण के लिए पीछे चला जायेगा.
इसी कारण ओडुम्बो और वो राशि और शिखा की बदल बदल कर चुदाई कर रहे थे. फिर उसने अपने पीछे संकेत किया और एक रोमियो उसके पीछे आ खड़ा हुआ. अपना लंड राशि की चूत से निकालकर उसने शिखा को चटाया और फिर हट गया. अपने लिए एक पेग बनाकर चुस्कियाँ लेने लगा. ओडुम्बो ने ये देखा तो उसने अपना स्थान गतिमु को थमा कर अपने लंड को राशि से चटवाया और मेहुल के पास चला गया. मेहुल के कहे अनुसार दोनों रोमियो राशि और शिखा की धुआँधार चुदाई कर रहे थे. राशि और शिखा अब झड़ने लगीं और जैसे ही वो चीखकर झड़ी दोनों रोमियो हट गए और उनके पीछे के रोमियो ने मोर्चा संभाल लिया. इन दोनों की झड़ने की इच्छा तीव्र थी और उन्होंने भी अपनी क्षमता का पूरा परिचय देते हुए शिखा और राशि को दो बार और झाड़ दिया.
अंत में जब स्वयं झड़ने के निकट पहुंचे तो अपने लंड निकालकर शिखा और राशि के चेहरे के पास जाकर लंड की मुठ मारने लगे. उनका गाढ़ा श्वेत वीर्य उनके लौडों से पिचकारियां मारते हुए शिखा और राशि के चेहरे पर गिरने लगा. शिखा और राशि ने आंख और मुंह बंद किये हुए थे. चिपचिपा लेसदार वीर्य उनके चेहरे से चिपकते हुए नीचे बहने को हुआ तो उँगलियों से उसे रोक दिया गया. दोनों रोमियो झड़ने के बाद हट गए. शिखा और राशि कुछ समय तक यूँ ही लेती रहीं. फिर एक दूसरे को देखा. पर राशि ने पहल की और शिखा के चेहरे से वीर्य को चाटना आरम्भ किया. वो चाटती एक बार स्वयं पी लेती, और दूसरी बार शिखा में मुँह में डोल देती. अच्छे से चेहरे को चाटकर शिखा का चेहरा चमका कर वो लेट गई. फिर शिखा ने अपना कर्तव्य पूरा किया. फिर दोनों उठीं और विराम का लाभ उठाते हुए एक एक पेग पीने लगीं.
“तो आपका अनुभव कैसा रहा?” मेहुल ने शिखा से पूछा तो शिखा की आँखों में एक नशा सा दिखाई पड़ा.
“बहुत उत्कृष्ट. मुझे ये हर कुछ मिनटों में बदलने का प्लान अच्छा लगा. सम्भवतः इसी कारण मुझे इसमें अधिक आनंद मिला है. सामूहिक चुदाई तो मैंने पहले भी कई बार की है और उसका आनंद भी अनूठा है. परन्तु आज की चुदाई का स्तर उनसे भिन्न था. सम्भवतः तुम सबके लौड़े उन स्थानों छू पा रहे थे जहाँ पहले कोई नहीं पहुँचा था. तुम तीनों___” शिखा ने डॉग बन्धुओं को देखकर कहा, “अच्छी चुदाई भी करते हो और बिना किसी ताल के करते हो. इसका भी अपना सुख है. जब पता न हो कि अगला धक्का कैसा पड़ेगा, तब तन और मन दोनों एक उत्सुकता में रहते हैं.”
“आपने बहुत अच्छे से समझाया.” मेहुल ने कहा, “और अब आगे के लिए आपकी क्या विचार है?”
शिखा मुस्कुराई, “इस बार तो हमारी गाँड मारी जानी है, तो उसके लिए भी एक आतुरता है. पर उसके आगे सोचकर मन में अधिक कुतूहल है. तुम जब मेरी चूत और गाँड एक साथ मारोगे तब क्या होगा ये अभी सोचना भी कठिन है.”
“अरे, स्वर्ग दिखेगा तुझे, स्वर्ग.” राशि ने विश्वास दिलाया, “ये ऐसी चुदाई करेंगे कि तुझे स्वर्ग की झलकी दिखा देंगे. एक से बढ़कर एक हैं ये और इनका तालमेल तो क्या कहना. मैं तो इनकी इतनी बड़ी प्रशंसक हो गई हूँ कि क्या ही बताऊँ.”
शिखा, “मुझे भी ऐसा लगता है. जिस प्रकार से पार्थ ने गाँड मारी और इन्होनें चूत मारी है, मुझे विश्वास है कि उसमें परमानंद की प्राप्ति होगी.”
“तो मेरे विचार से समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए.” मेहुल ने उठकर शिखा के हाथों से ग्लास लिया और ग्लास रखकर शिखा को बिस्तर की ओर ले गया. शिखा की थिरकती गाँड देखकर सबके मुँह में पानी आ गया. परन्तु पहले हाथ रखने के कारण उसे ही गाँड का आनंद सबसे पहले मिलने वाला था. वो ये सोच रहा था कि शिखा की गाँड उसकी अपनी माँ स्मिता के समान मारे, धीरे और प्रेम से या सुजाता के समान। इसका निर्णय शिखा को करना होगा. वो मंत्री से कोई पंगा नहीं लेना चाहता था.
राशि ने अपने ओडुम्बो का हाथ पकड़ा और चल दी. गौरव और डिग्बो अभी झड़े थे तो वो पीछे रुक गए, उन्हें बीस मिनट का विश्राम भी मिल गया. गातिमु शिखा की ओर चला तो फिलिप राशि की ओर चला गया.
पलंग के सामने मेहुल ने शिखा को देखा। शिखा मुस्कुराई और उसने मेहुल के लंड को थाम लिया.
“अगर मैं सही हूँ तो तुम मेरी गाँड मारने वाले हो. बस यही कहूँगी कि मिनट भर के लिए धीरे करना फिर चाहे जैसे मारना हो मार लेना. आगे जो होना है वो तुम ही जानो.”
मेहुल को ये खुला निमंत्रण था, अपने ढँग से शिखा की गाँड मारने का. और वो पहले मिनट के बाद अगले चार मिनट में अपनी पूरी शक्ति के साथ इस मंत्री की पत्नी की गाँड मारने के लिए प्रेरित हो गया था. शिखा भी उसके भाव देखकर समझ गई कि उसकी गाँड की माँ चुदने वाली है, पर बॉबी को अपनी ऐसी चुदाई दिखाना ही उसका लक्ष्य था. अगर उसका अनुमान ठीक था तो पारसजी की माँ कुछ दिनों के लिए रिसोर्ट में ही थीं और आज बॉबी भी वहीँ था. तो उसकी चुदाई अवश्य ही पारसजी की माँ की भी घनघोर चुदाई होना निश्चित था.
मेहुल ने धीमे से शिखा को घोड़ी के आसन में बिस्तर पर झुकाया. गातिमु शिखा के आगे जाकर खड़ा हो गया. शिखा की कसी गाँड के उभार देखकर मेहुल की लार टपक गई और शिखा की गाँड के छेद पर जा गिरी. शिखा सिहर गई और मेहुल ने उसकी गांड में ऊँगली डालकर थूक को अंदर धकेल दिया. शिखा ने गातिमु के लंड को चाटा और फिर मुँह में भर लिया. अपनी ऊँगली से शिखा की गाँड को खोलकर मेहुल ने उसके अंदर और थूक डाला और उँगलियों से फैला दिया. जैल का प्रयोग न करने का निर्णय शिखा द्वारा दी गई अनुमति पर आधारित था.
मेहुल को जब लगा कि गाँड लौड़ा खाने के लिए उपयुक्त हो गई है तो उसने अपने लंड को गाँड पर लगाया और धीरे से अंदर डाल दिया. इस कारण शिखा के मुँह से लंड बाहर निकला और उसने हल्की सी सिसकारी ली. चूँकि मेहुल ने लंड बहुत धीरे से अंदर डाला था तो शिखा ने फिर से गातिमु के लंड को चूसना आरम्भ कर दिया. मेहुल ने पूरे लौड़े को एक सधी गति के साथ पूरा अंदर डाला और फिर ओडुम्बे की ओर देखा.
वहाँ का दृश्य भी लगभग वैसा ही था. हालाँकि ओडुम्बे ने लौड़ा डालने में तेजी दिखाई थी और उसका लंड राशि की गाँड के अंदर बाहर हो रहा था. फिलिप का लंड राशि के मुँह में था और वो स्वयं ही अपने कूल्हे हिलाकर राशि का मुँह चोद रहा था. मेहुल मुस्कुराया. राशि की चुदाई से अभ्यस्त रोमियो उसे किस प्रकार से चोदना अच्छा लगता है जान चुके थे और उसके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करते थे. किसी भी संभ्रांत परिवार की प्रौढ़ महिला उसे देखकर अचम्भित हो जाती कि राशि कैसे ये सब सहन करती है.
ओडुम्बे की ताल में ताल मिलाते हुए मेहुल ने शिखा की गाँड मारना आरम्भ किया. उसने घड़ी देखी तो उसके पास अब केवल साढ़े तीन मिनट ही शेष थे. समय की कमी देखते हुए उसने गति बढ़ाई और पूरी शक्ति के साथ शिखा की गाँड मारने लगा. शिखा ने इतनी तीव्रता की कल्पना नहीं की थी और उसके मुँह में गातिमु का लंड ठहर नहीं पा रहा था. गातिमु ने फिलिप का ढंग अपनाया और शिखा के सिर को पीछे से पकड़कर उसके मुँह में लंड पेलने लगा. मेहुल के धक्कों से झूलती शिखा के मुँह में लंड डालने में उसे अधिक परिश्रम भी नहीं करना पड़ा.
पाँच मिनट की समाप्ति के बाद स्थान परिवर्तित हुए और फिलिप ने मेहुल का स्थान लिया. गाँड की स्थिति देखकर उसे दो पल के लिए दया आई, पर फिर ध्यान आया कि शिखा की यही इच्छा है और उसके पास भी पाँच ही मिनट का समय है इस गाँड को मारने के लिए. उसने आव देखा न ताव एक बार में लंड पेला और दे धकाधक चोदने लगा. ओडुम्बे के लंड को शिखा ने मुँह में लिया तब उसे ध्यान आया कि ये तो राशि की गाँड के रस से लथपथ है. पर अब तक देर हो चुकी थी. राशि को मेहुल के लंड को चूसने में कोई आपत्ति नहीं थी. वो अपनी दूसरी बेटी शुचि के साथ ये सब पहले भी कई बार कर चुकी थी. मेहुल ने उसके सिर को पकड़कर उसके मुँह में लंड डाला और पीछे से गातिमु का लंड राशि की गाँड में प्रवेश कर गया. चुदाई का एक नया संग्राम आरम्भ हुआ.
इस चक्र के अंत में गौरव और डिग्बो भी सम्मिलित हो गए और कुल लगभग तीस मिनट की धुँआधार चुदाई के बाद सब शांत हो गए. इस चक्र में गातिमु और मेहुल को बैठना पड़ा क्योंकि वो झड़ गए थे और जैसा निर्धारित था उन्होंने वीर्यपात के स्तनों पर किया था जिसे पूरी रूचि के साथ दोनों ने चाट लिया था. गाँड के छेद पूरे लाल थे और खुले हुए थे. एक बार फिर से मदिरा का सेवन किया गया. अगला चरण और उसके बाद की क्रीड़ा के विषय में सोचकर ही शिखा उत्तेजित हुए जा रही थी. उसने राशि को दो लौडों से चुदते देखा था और अब तक उसने भी उनका आनंद ले ही लिया था तो उसके मन में भी तो नहीं था.
सभी रोमियो अब शिखा को भोगने के ही पक्ष में थे. परन्तु अगला चरण दुहरी चुदाई का था. हुए इसमें उन्हें राशि की भी चुदाई करनी थी. राशि को चोदने में अब उनके लिए कोई नयापन नहीं था पर वो चुदवाती पूरे उत्साह से थी. राशि, शिखा, मेहुल सभी रोमियो आज की रात में होने वाली घटनाओं को सोचकर उत्तेजित हो रहे थे.
रात अभी शेष थी.