You dont have javascript enabled! Please enable it! बहन के साथ यादगार यात्रा - Update 4 | Incest Sex Story - KamKatha
बहन के साथ यादगार यात्रा - Incest Sex Story

बहन के साथ यादगार यात्रा – Update 4 | Incest Sex Story

भाग 4

संगीता दी ने साड़ी बदल कर एक टाइट फिटिंग वाली सलवार कमीज पहन ली थी । यह सलवार कमीज शिफॉन की क्रीम रंग की थी और पारदर्शी भी थी | ऐसे लग रहा था मानो उसने साड़ी के साथ लाज और शर्म भी उतार दी हो | अब संगीता दी कोई भयंकर पटाखा लग रही थी | उसने अपने लंबे काले बाल खुले छोड़ दिए थे। मेकअप भी कर लिया था | होंठों पे गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रही थी । उसके लाल होंठ रस से भरी चेरी की तरह लग रहे थे । मैं उसके सामने हैरान खड़ा संगीता दीदी को लिपस्टिक लगाते देख रहा था ।

संगीता दी अब पहले की तरह पतली नहीं रही थी | उसके अंगों पर थोड़ी चर्बी चढ़ गयी थी, लेकिन सही जगह पर | सबसे ज़्यादा उसकी छाती पर। उसकी छाती अब बड़ी और भारी लग रही थी । उसके बोबे जो पहले सेब की तरह लगते थे अब बड़े होकर नारियल के आकार के हो गए थे | पारदर्शी ड्रेस से, उसकी ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी । ब्रा बहुत अच्छे इलास्टिक की बनी होगी, कोई लोकल ब्रा होती तो फट ही जाती | इतने बड़े-२ बोबों को संभालना कोई आसान काम थोड़ा न है | उसकी कमीज पूरी तरफ से स्ट्रेच हो रखी थी, एक-२ टांका खींचा हुआ था, जैसे अब फटा की तब | और तो और उसकी कमीज का गला इतना गहरा था की आधे से ज्यादा चूचे बाहर आने को थे, क्या मस्त क्लीवेज दिखाई दे रहा था |

मैं बेमन से अपनी नज़रें बोबों से हटा के निचे की तरफ देखने लगा | पारदर्शी शर्ट से उसका सपाट सफेद गोरा पेट और गहरी नाभि साफ़-२ दिखाई दे रही थे | नीचे उसने क्रीम कलर की ही सलवार पहनी हुई थी । और उसने जो ऊँची हील की सैंडल पहनी हुई थी, सेंडल पहन के तो वो मुझ से भी लम्बी लग रही थी | मुझे याद नहीं कि मैं अपनी बहन को कितनी देर तक कामुक नजर से घूरता रहा | हो सकता है की कुछ सेकंड ही देखा हो पर मेरे लिए तो जैसे समय रुक गया था | मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था। मेरा लंड इतना टाइट था कि जैसे अंडरवियर फाड़ से बाहर आ जायेगा | मेरी पैंट से लंड का बड़ा सा उभार दिखाई दे रहा था | मेरा लण्ड अब मेरे नियंत्रण में नहीं था । मैं कर भी क्या सकता था ? अपनी बहन की बेकाबू जवानी, जिसको मैं सपने में देखता था, उसका सेक्सी स्लिम शरीर, बड़े चूचे, विशाल चुस्त गांड , सामने पाकर मेरा लंड मेरे काबू में नहीं रहा था | मैं जल्दी से सीट पर बैठ गया ताकि मेरे लंड का उभार संगीता दीदी को दिखाई न दे जाये, लेकिन उसके चेहरे से पता लग रहा था की उसने देख लिया था |

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