अरुण: माँ
सरला: हाँ
अरुण: क्या पहनी हो।
सरला: वही जो तूने कहा था।
अरुण: पक्का।
सरला:हाँ और कुरते को कन्धा से सरकाकर ब्रा के स्ट्राप दिखा देति है।खुश
अरुण; ये तो एक है दुसरा।
सरला: उसके लिए इंतज़ार ।
अरुण:माँ नॉट फेयर।
सरला: माय जानू एवरी थिंग इस फेयर इन लव।
अरुण: ओके मैं ड्रेस चेंज कर लेता हू।
और अपने कपडे उतारने लगता है।
सरला: सब मत उतारना।
अरुण: नहीं तो ।
सरला:नहीं तो मैं डर जाऊँगी।
अरुण: हॅसने लगता है और बैग में से शॉर्ट्स निकलता है।
सरला; इसकी क्या ज़रूरत है सिर्फ बनियान और फ़्रांची में ओके है।
अरुण; सोच लो डर मत जाना।
सरला: है बड़ा आया डराने वाला।
अरुण: ठीक है।
आप भी चेंज कर लो।
सरला; मैं नाइटी नहीं लाई।
अरुण; मैं तो लाया हूँ अपनी बीवी के लिये।
सरला; कहाँ है।
अरुन बैग में से पैकेट निकालता है।
और उसके अंदर शार्ट नाइटी थी जो की सरला के घुटनो तक आती और सेमि ट्रांसपेरेंट थी।
सरला; ये कब लाया।
अरुण: दिन में जब आप सो रही थी।
सरला: अच्छा मतलब किसी भी तरह ब्रा पेंटी मैं देखना है अपनी माँ को।
अरुण; नहीं माँ मुझे पता है जब आप ने बोला है और टाइम माँगा है तो मैं वेट करुँगा पर नाईट के हिसाब से और मुझे अपनी बीवी को इसमें कम्फर्टेबले देखना है इसलिए लाया हू।
सरला: ला दे ।
अरुन पकड़ा देता है और अपनी टॉवल लपेट कर बाहर जाने लगता है।
सरला; कहा जा रहे हो माय डिअर हब्बी।
अरुण: वो आप चेंज कर रही हो न।
सरला: तो क्या हुआ तुम रुक सकते हो।
अरुण: पर आप ने वेट करने को कहा।
सरला: तो मैं कब कह रही हूँ देखने के लिये।
अरुण; फिर
सरला; तुम खिड़की से बाहर देखो मैं चेंज कर लेती हू।
अरून: ठीक है।
सरला:इधर मत देखना विंडो से जो दीखे वही देखना।
अरुण: ओके और सोचता है विंडो से क्या दिखेगा।
पर जब खिड़की में देखता है तो बाहर अंधेरा होने की बजह से अंदर के कूपे का प्रतिबिम्ब में सब दिख रहा था ।अरून समझ गया माँ ने ये क्यों कहा खिड़की से जो दीखे वो देख लेना।
तभी अरुन की आंखे फटी रह जाती है।
इतनी देर में सरला ने अपना कुर्ता उतार दिया था और फिर पजामी।
अब सरला सिर्फ पेंटी और ब्रा में थी और पेंटी का मतलब पेंटी का न होना सिर्फ चुत के मुह को ढकने वाली बाकि सब ओपन।
फिर सरला आराम से घुमति है ।
अरुन उसका पिछवाडा देख के पागल हो जाता है पर कुछ नहीं बोलता।
सरला फिर नाइटी उठाती है और पहन लेती है।
अरुन अब भी बाहर देख रहा है।
सरला: हो गया अब तुम मुह घुमा सकते हो।
अरूज़: उसे फटी २ निगाहों से देखता रहता है।
सरला; क्या हुआ अरुन कुछ डरावनी चीज़ देख ली क्य।
अरुण; नहीं माँ खूबसूरत जन्नत से भी ज़्यादा।
सरला; कहीं तूने मुड के तो नहीं देखा।
अरुण; नहीं मोम
सरला; तो ठीक है।
सरला मन ही मन बेटा जो तू चाहता था सब दिखा दिया मैं तुझे मना नहीं कर सकती पर कुछ दिवार तो है जिसे तोड़ने में कुछ टाइम लगेगा।।
सरला ; बाथरूम जाना है और पैड़ भी चेंज करना है।।
अरून: वही कूपे का गेट खोलता है जिस्मे अटैच्ड बाथरूम था।
सरला: वाओ मतलब कहीं बहार जाने की ज़रूरत नही
अरुण; और आप को क्या लगा इस ट्रांसपेरेंट नाइटी में आप को बाहर जाने दूँगा।
इस रूप में आप को सिर्फ मैं देख सकता हु पापा भी नही।
सरला; उसकी बॉहो में आते हुए ।
हा सिर्फ तू देख सकता और कोई नहीं तेरे पापा भी नही.