You dont have javascript enabled! Please enable it! महिला कारावास – Update 12 - KamKatha
महिला कारावास - Adultery Story

महिला कारावास – Update 12

रोज की तरह दिन निपट गया। रात हुई। खाना खाकर सब अपने अपने बैरक में आ गए। किंजल को इस नए बैरक में बदबू से निजात मिल गई थी। उसे अभी भी पसलियों में दर्द था। पर उसकी कोई पसली टूटी नही थी। पर आने वाले वक्त को लेके उसे अभी भी घबराहट थी।
कुसुम आज बैरक में ही थी। पर शिफा नही आई थी।
“शिफा आंटी आज भी नही आयेगी क्या?” किंजल ने सुमन से पूछा।
” तुझे बड़ी फिकर है उसकी।” कुसुम ने तुनक के जवाब दिया।
“नही मैने तो ऐसे ही पूछा।” किंजल बोली।
“आजाएगी अभी। सबको अपना अपना काम दे रही है।” कुसुम बोली। सुमन उठी और टॉयलेट चली गई। सोनिया
भी किंजल के साथ बैठी थी। वो अपने पैसे गिन रही थी। उसने रुपए गोल करके अपनी ब्रा में डाल लिए। इतने में शिफा आई।
“कितना कलेक्शन है आज का?” सोनिया की तरफ देख के पूछा।
“6800” सोनिया ने पैसों का रोल ब्रा से निकल के शिफा की तरफ फेंका। शिफा ने रोल पकड़ा और अपनी पैंटी से रूपयो का एक बंडल निकाला। उसमे से कुछ रुपए निकाल के सोनिया के रोल में मिलाए और बंडल वापिस पैंटी में डाल निकल गई। सोनिया ने रोल वापिस ब्रा में रख लिया। सोनिया ने अपना फोन निकला छुपा के। किंजल को पूछा, “किसी से बात करनी है??”
किंजल ने ना में सर हिला लिया। वो बात करती भी किस से। इतने में कुसुम बाथरूम से बाहर निकली। उसे चलने में थोड़ी तकलीफ थी।
“सोनिया तेरे पास क्रीम है न। जरा मेरी पीठ पे लगाना।” कुसुम ने बोला ।
सोनिया ने खड़े होकर पास में दीवार पर टांगे एक थैले से क्रीम निकाली। कुसुम ने कुर्ती उतारी। और ब्रा का हुक खोल दिया। उसकी पीठ लाल निशानो से भरी हुई थी। दांत से काटने के, मसलने के। दोनो ने देखा निशान नीचे सलवार में चूतड़ों तक जा रहे थे।
“सी ई ई ई।।।।” कुसुम को दर्द हुआ।
“दीदी इस बार तो कुछ ज्यादा ही बुरा हाल करवा के आई हो।” सोनिया ने क्रीम लगाते हुए बोला।
“मादरचोड हरमी था साला” कुसुम के आंसू फट पड़े।
” ड्रग्स ले रखे थे कुत्ते ने।1 घंटा उतरा ही नही मेरे ऊपर से। पूरी पीठ पे नाखून और दांत मार मार के बुरा हाल कर दिया। हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाई मै। पर चीख भी नही सकती थी। पर नही माना। पूरा शरीर नोच दिया मेरा।” कुसुम सिसक सिसक कर आंसू बहा रही थी।
सोनिया उसके आगे की तरफ आई। और देखा चूचों का भी वही हाल था। चोदने वाले ने उसके गोरे रंग को अच्छे से निचोड़ा था। सोनिया ने क्रीम लगाई।
” दीदी सलवार खोलो। नीचे भी लगाती हूं।”
कुसुम ऐसे ही लेट गई। सोनिया ने उसका नाड़ा खोला और सलवार को नीचे कर दिया।
जांघो और टांगों पर काटने के साथ साथ मारने के भी निशान थे। सोनिया ने उसकी दोनो टांगो को फोल्ड करके खोल दिया। कुसुम की choot लाल हो रखी थी। छेद फैल गया था पूरा।
सोनिया ने जांघो पर क्रीम लगानी शुरू की। “दीदी ये एक आदमी का काम नही लग रहा।”
” जब बाहर निकल कर गाड़ी में बैठी तो गार्ड ने मुझे कपड़े खोलने को बोला। मैने माना किया तो गार्ड और ड्राइवर दोनो ने मुझे मारा। और फिर दोनो ने choot और गांड दोनो में चोदा।इतनी सी भी जान नही थी। सालों ने फिर भी तरस नही खाया मुझपे ।” कुसुम अब जोर जोर से सिसक रही थी। सोनिया ने उसकी टांगों को फैला कर गांड के छेद पे अच्छे से क्रीम लगाई। रोते रोते कुसुम नंगी ही नींद के आगोश में चली गई। सोनिया ने उसे चादर से ढक दिया। उसे भी कुसुम पे तरस आ रहा था। पर कर भी क्या सकती थी। जेल में कमजोर और गरीब के साथ यही होता है। उधर किंजल भी घबराहट से कांप रही थी। उसे अंदाजा भी नही था यह क्या क्या होता था।

Please complete the required fields.




Leave a Comment

Scroll to Top