साक्षी – वो तो हैं साथ रहेंगे अब ये इसकी प्रोब्लम है कब जीत पाए हमारा दिल लेकिन हमारा साथ चाहता है हमारे साथ रहना चाहता है तो कल साबित करे
इधर एक रूम में उदय भान सूर्य भान अजय और रोहित बैठे थे
अजय – ही ही ही ही ही कल वो आ रहीं है अब तो वीर चला जाएगा और नही जाएगा तो उसको जाना पड़ेगा जबरदस्ती ही ही ही
रोहित – अब तो भाभी तेरी हो जाएंगी
अब आगे
अजय – चल ना ऊपर चल के देखते है क्या कर रही है दोनो
रोहित – नही मुझे मार नही खाना समझा तू । तू अकेला जा कल वो आएगी और वीर को ले कर चली जाएगी फिर तुझ जो करना होगा वो तू करना अभी कुछ भी मत कर…
इधर साक्षी सो चुकी थी लेकिन तनु जागी हुई कुछ पुरानी याद मैं खोई हुई थी
तनु – ही ही ही ही मम्मी तुम टेंशन क्यो लेती हो मेरा पति शादी बाद मुझे यहां से ले जाएगा और बहुत अच्छी जगह रानी की तरह रखेगा देखना फिर तू तेरी बेटी खुश रहेगी रानी की तरह
राखी – बेटा तू रानी की तरह रहे या ना रहे लेकिन तेरे चहरे का जो ये नूर है और हसी है ये बनी रहे
तनु – ही ही ही ही हमेशा मम्मी
राखी – बाकी तू जो ये नाक पर गुस्सा ले कर बैठी रहती है वो छोड़ दे समझी
तनु – खाना दो ना मम्मी भूख लगी है
राखी जा कर छत पर कोने से किचन में देखती है वहा खाने को कुछ नही था
तनु – मुझे भूख नी है मां तू परेशान मत हो
राखी – माफ करना बेटी
लेकिन तब तक राखी जा चुकी थी
सूर्यभान – अरे साक्षी कहा हो बेटा
मधु – गई है बाग अनु के साथ
उदय भान – ये लड़की शहर से आती है तो जमीन पर पाव तो टिकते ही नहीं
साक्षी – रुक अनु की बच्ची तुझे तो मैं बताती हूं
अनु – अरे नही रुको तो
साक्षी – रुक कामिनी
अनु – ही ही ही ही दीदी सुनो तो
तभी एक उड़ता हुआ चप्पल उसने अनु की ओर फेक दिया जो सीधा जा कर तनु को लग जाता है
तनु – कामिनी देख कर नी फेक सकती
साक्षी – ऐसे ही फेक ती हूं मैं तुमको दिक्कत है क्या
तनु – कर्म जली तेरा मुंह ना तोड़ दूं
साक्षी – मैं तेरी गांड़ ना तोड़ दूं वैसे भी फुली हुई है
तनु – हद मैं रहो कुटिया
साक्षी – अरे जा ना बंदरिया
तभी वहा पर एक बाल आ कर लग जाती है साक्षी को
और फिर एक लड़का आता है बाल दे मेरी साक सब्जी
तनु – बाल इधर कैसे आई
लडका – क्या मतलब
तनु – *चाटाआक*
साक्षी जल्दी से तनु के पीछे आ जाती हैं
लडका – बहुत महंगा पड़ेगा मुझे मारना
तनु – रुक तेरी मां की बताती हूं
इतने में वो लड़का भागा गया
2 लडका – क्या है बे बाल क्यो नी लाया
वो लड़का बोलता है – अबे मदर चोद वहा तनु खड़ी थी
2 लड़का – तूने अदब से बात की होगी तनु से
लडका – हा
2 लड़का – अबे वो तनु दी है जितनी प्यारी और सुंदर है उतनी गुस्सैल अगर उनको गुस्सा आ गया तो मतलब फिर दूर रहना का रुक तू मैं बाल ले कर आता हूं
फिर ये लड़का भी डरते डरते आता है
तनु – तुझे क्या चाहिए
लडका – दीदी बाल दे दो ना
तनु – आ पास देती हूं
लडका – नही आप मरोगी दे दो ना दीदी
तनु – ले कर जा बाल अपनी
जैसे ही वो लड़का गया साक्षी बोलती है ” डरती क्यो है तू इतना तनु मैं हूं ना डर जाती है बार बार
तनु – हप्प बस मेरे से लड़ती है तू और किसी से मत लड़ियों तू डरपोक
साक्षी – में डरती नही गभरा जाती हूं
तनु – जा दोनो बहन यह से
साक्षी – ये ले केला खा डायन
तनु को भूख लगी थी वो भी खाने लगती है फिर तनु कहती है अब मैं शहर नी जाऊंगी पास मैं कॉलेज है यही बच्चो को पड़ा कर पैसे कमा लूंगी
अनु – दी दी दी आप दोनो के लिए रिश्ता आया है चलो घर जल्दी
इतने में दोनो घर चले जाते है…
और साक्षी और तनु घर आते है तो बहुत भीड़ लगी हुई थी।।
दोनो का रिश्ता तय हो चुका था वैसे तो दोनो छोटी थी लेकिन बाप पुराने खयाल का था ।
तनु – मेरी शादी किसने तय की और क्यो
उदय भान – देख तू शादी के लिए हा कर दे राखी का ध्यान और खाना पीना हम लोग देख लेंगे
तनु के पास फिर कोई ऑप्शन नहीं बचता तो वो हा कर देती है
इधर वीर एक घर में बैठा था
रमेश – क्या यार मां मुझे नी करनी शादी समझती क्यो नही तू
रमेश – कुछ कर ना वीर यार तू
वीर – अबे मैं क्या करू लोडू मैं जा रहा घूमने मेरी प्रेमिका ने बुलाया
रमेश – सही से जाना ये गांव है यहां लोग पीट देते है
वीर निकल पड़ता है बाग की तरह जहा पर पेड़ के नीचे वो लड़की बैठी इंतजार कर रही थी
वीर – सॉरी लेट हो गया मैं
अंजली – अरे लेट नही हुआ आप आ गए हम दासी के पास ये बहुत है ना
वीर – ही ही ही एक गुड न्यूज़ हम दोनो शादी करने जा रहे है
वीर कुछ और कहता तभी कुछ लोग आ गए वीर को ले कर चले गए
वीर – छोड़ दीजिए मुझे कहा ले कर जा रहे हो आप मुझे
तभी वीर देखता है ये कोई और नही सूर्य भान होता है
सूर्य भान – अरे लड़के तू रमेश का दोस्त हैं ना शहर का पड़ा लिखा
वीर – हा
सूर्य भान – अब तेरी शादी होगी साक्षी और तनु से क्योकी तेरे दोस्त रमेश और राजेश जिससे शादी होनी थी वो भाग गया
वीर – मुझे नी करनी शादी मेरी शादी मेरी प्रेमिका अंजली से करनी है समझे गवार
तभी वहा पर उदय भान आता है और कहता है “अंजली का बाप तो जमीदार है ना अरे सूर्य जरा बता उसको की उसकी बेटी क्या कर रही है ”
देखते ही देखते वीर की दुनिया बिगड़ गई और उसकी बचपन की दोस्त उसकी प्रेमिका अब जा चुकी थी उससे दूर
जमीदार ने बहुत मारा उसको और भेज दिया अमेरिका पढ़ाई करने ।
अंजली – आप बहुत गलत कर रहे है पापा उसका दुनिया में कोई नही है मेरे सिवा
जमीदार – ठीक है तुझे उसके साथ रहना हैं ना जा यह से उसके पास लेकिन याद रहे तुझे हमारे हिस्सा का एक नवा कुछ नही मिलेगा और बदले में तेरे इस आशिक को में बहुत बुरी मौत दूंगा
अंजली – आप मेरे किया का उसे क्यों दे रहे है
जमीदार – ठीक है फिर तुझे यह से जाना पड़ेगा मुझे माफ कर देना बच्ची मैं एक ऐसे दल दल में फस गया हूं जहा पर मैं लाचार हूं ! तनु तेरी बहन है सगी छोटी बहन
फिर अंजली ना चाहते हुआ भी अमेरिका के लिए निकल गई लेकिन उसको ये नही पता था की प्रोब्लम खुद उसके पीछे पीछे आएगी
इधर वीर ये सब बात सुन कर टूट गया उसके दिमाग में बस यही चल रहा था बहुत शौक है ना तुझे जबरदस्ती शादी करवाना का अगर तेरी बेटियों को मौत से भी ज्यादा दर्द ना दिया तो मेरा नाम भी वीर नही
और वीर ने ऐसा किया भी उसने साक्षी को सोसाइड करने तक की नौबत लाई और तनु को गरीबी भरा जीवन जीने पर मजबूर किया
वही ये सब तनु लेट लेट सोच रही थी तभी उसने वीर की तरफ देखा जो उसकी बेटी को जकड़ कर सोया हुआ था
तभी उसको याद आता है इसके शादी के बाद की बात
तनु और साक्षी की शादी के बाद दोनो रूम में बैठे थे तभी वीर भी आता है।
फिर वीर ने साक्षी के साथ जो सुलूह किया उस रात की तनु दंग रह गई
और साक्षी रोते हुए बस इतना पूछ रही थी आप मेरे साथ ऐसा क्यू कर रहे है मैना क्या बिगाड़ा है आप का
वीर – तू मेरी कुछ नही है याद रखना
वीर ने उसके साथ ऐसा ऐसा सुलुह किया की अब साक्षी हंसना मस्ती करना भूल गई।
लेकिन वीर तनु के साथ ऐसा कुछ नही कर सकता था लेकिन तनु के साथ उसने बदला 5 साल पहले लिया तनु को नींद की होली मिला कर जिसके रूप में उसे काव्या मिली।
तभी साक्षी नींद में कांपने लगती है और तनु का ध्यान साक्षी पर आता है और वो भी फिर सो जाती है
तभी वीर की नजर खुलती है तो वो देखता है की साक्षी कपकपा रही थी क्यो छत पर ठंड लगती है तो वो काव्या को साक्षी को दे देता है
और साक्षी काव्या को अपने सीने से लगा लेती है जिससे उसका कापना बंद हो गया लेकिन अब वीर को नींद नही आ रही थी एक तो उसके बगल साक्षी और तनु लेती थी एक से बढ़कर एक कसा हुआ माल
तभी वीर चुप चाप सो जाता है लेकिन उसको उलझन हो रही थी वो थोड़ा घूमने का फैसला करता है।
जैसे ही वीर उठने की कोशिश करता है वो देखता है तनु उसको घूर रही होती हैं
वीर तुरंत लेट जाता है और सो जाता है
वीर – हद है मैं अब उठ भी नी सकता
वीर भी चुप चाप सो जाता है और जब सुबह होती है तो वीर सो रहा होता है
तनु और साक्षी उठ जाती है
इधर नीचे भी सभी उठ गया था
अनु – भाभी अच्छा हुआ ना दीदी आ गई अब शादी अटैंड कर के जाएंगी
निधि – बनो अच्छा तो शादी बाद होगा
अनु – क्यो
निधि – पागल शादी बाद ही तो होगा आआअह आह धीरे दर्द हो रहा आह ओह येसस्सस फक्ककक
अनु – मुझे नी बात करनी आप से हटिए
तभी उनकी बात के बीच उनको आवाज आती है
कामिनी ये तेरी करतूत है
तनु – मेरी करतूत है मैं तो गई बर्तन धोने सुबह सुबह तूने किच किच की
साक्षी – बड़ी आई तू तो धुद की धुली है ना जैसे मैं टी बनूंगी तू खाना
तनु – फिर रात को तू बनाएगी खाना
अनु – भाभी सुबह हो गई
निधि – ये दोनो जितनी सुंदर उतनी बवाल दोनो हंसना भूल गई लेकिन लड़ना नही भूली
वही ये सुबह की लड़ाई सुन कर जब वीर उठता है तो वो देखता है सामने तनु बैठी थीं
तनु उसको तिरछी नजर से देखती है
तभी वीर की बिल्ली उठ जाती है और वो कहती गुड मॉर्निंग पपाआ
उसकी बात सुन कर साक्षी को चाय बना रही थी वो हस देती है
वीर – गुड मॉर्निंग बिल्ली
काव्या – ही ही ही ही फिर वो वीर के गले लग कर तनु की ओर भाग जाती है
तनु – मेरी बच्ची गुड मॉर्निंग umaaah
फिर काव्या साक्षी के पास चली जाती है और काव्या के जाते ही वीर तनु के पास जाता है
तनु इतनी ज्यादा सुंदर लग रही थी की उसको मन कर रहा था उसको जकड़ ले
तनु – क्या है
वीर उसकी बात सुन कर भाग जाता है किचन मैं
वीर किचन में जाता है जहा साक्षी बैठी थी वो उसके पास आ कर उसको देखता है
साक्षी – गुड मॉर्निंग
वीर – गुड मॉर्निंग काव्या कहा पर है
साक्षी – गई है फ्रेश होने तुम भी फ्रेश हो लो
वीर – मैने कुछ गडबड नही किया ना देखो तुमने कहा था गांव में कुछ मत करना
साक्षी – हा तुमने कुछ नही किया , अच्छा किया अब मैं चाय बना रही हूं तुम जाओ ब्रश करो और जो तुम सोच रहे हो वो दिमाग से निकल दो ठरकी
वीर – तुम और तनु मुझे नी छोड़ोगी ना अब
तनु – आज पता चल जाएगा तुमको
तभी घर के बाहर एक ऑडी कार आ कर रुकती है जिसमें से एक लड़का और एक लड़की बाहर आते है
लडका – मेरे भाई वीर हम आ गए चल बाहर
वीर शोर सुन कर बाहर आता है और देखता है सामने एक लेडी और एक लड़का खड़ा था
वीर – कोन
लडकी – अपनी अंजली को भूल गए तुम तो हा
रमेश – भाई तू भी ना यार बहुत फनी है बदला नही जरा भी
रमेश – हमने तुझे जितना जलील करने को कहा उतना जलील किया आखिर तूने अपनी दोनो वाइफ को हा
अंजली – छोड़ो ये बात अब हम आ गए चलो अब चलते हैं यहां से दूर अपनी प्यार की दुनिया में
वीर – मेरी दुनिया ऊपर छत पर खेल रही है और बाकी दोनो खाना बना रही है तुम लौट जाओ अपनी दुनिया में
अंजली – तुम ये क्या कह रहे हो हा वीर होश में आओ तुम्हारे सामने मैं हूं अंजली तुमरी अंजली जिसने तुम्हरा हमेसा साथ दिया या है ना मेरे कहने पर तुम क्या क्या करता थे
वीर – निकल जाओ यहा से
तभी रमेश उसको पकड़ लेता है और कहता है भोसडी के लन्ड सी सकल के तेरा दिमाग काम नही कर रहा है क्या
अंजली – होश में रहो समझे रमेश
तभी वीर आगे आने लगता है तो अंजली उसको पकड़ लेती हैं कहती है क्या तुम मुझसे प्यार नी करते हा
इतना मैं रमेश उसको थप्पड़ मार देता है और कहता है तू अंदर जा अंजली इसे मैं समझा दूंगा
रमेश – साले जिस थाली में खायगा उसी मैं छेद करेगा हा तुझे याद है तूने क्या क्या किया अंजली के लिया हां
रमेश – साले तू गाटिया इंसान किसी भी लड़की के लायक नही है चुप चाप चलता है अंजली के साथ या दूसरा रास्ता अपना पड़ेगा हमे
वीर – गिरा हुआ तो तू है साले उससे भी गिरी हुई है ये लड़की अंजली मुझे केवल मेरी फैमिली से मतलब है बस
रमेश – तू किसी का नही हो सकता बे, चोट ने तुझे मर्द से छक्का बना दिया। आज तुझे वो मिल रही है तो इतनी सान पट्टी कर रहा है। अबे इतना ही प्यार था तो तूने तनु के साथ क्या किया पाता है ना नींद मैं, जिसका नतीजा है काव्या और उसको भीख मांगने पर मजबूर किया
रमेश – साक्षी के साथ याद है हर दिन उसको मारता पीट देते क्युकी वो सीधी थी तू प्यार के लायक नही है साले तुझे कदर नही है किसी इंसान की
रमेश – कहा है तेरी पत्नी जिसके लिए इतना बोल रहा है तू तुझे उनसे इतना ही प्यार हैं क्यों किया उनके साथ ऐसा सुलह
वीर – तू कोन होता है पूछने वाला तेरा साथ क्यो आई अंजली! और मैं नही जानता निकालो यह से में किसी के लायक नही हूं तो निकालो इतने साल से नही आए तो अब भी मत आओ।
रमेश – इतना ही गमंड है अपनी सुन्दरता पर रुक इसको ही छीन लेता हु
इतने में रमेश गरम पानी उठा लेता है और कोई कुछ बोलता उसके पहले रमेश पानी वीर के ऊपर फेक देता है
वही ये सब ऊपर से साक्षी और तनु देख रही थी और पीछे से काव्या ये सब देख रही थी
काव्या – पापा
तभी तनु काव्या को अंदर भेज देती है और चुप चाप वो दोनो नीचे आने लगती है
जिनको देख कर रमेश कहता है तुम दोनो devoce के कागज साइन करो और जाओ
साक्षी – पानी क्यो फेका
रमेश – तुम मेरी पत्नी होने वाली थी याद है ना devoce दे दो फिर मैं तुमको अपना बना लूंगा तनु राण्ड
इतना मैं रमेश को अपने चहरे मैं गरम पानी फील हुआ रमेश – आह किसने किया ये मदर चोद
इतना मैं रमेश को एक बार और गर्म पानी फील हुआ जिसको किसी और ने नहीं अंजली ने फेका था
अंजली – वो रांड़ नही है समझे राड तेरी मां थी जो मेरे बाप के साथ सोने आई थी मेरी बहन के पाव के धूल जितनी भी नही है वो समझी
इतना कांड हो रहा था तभी वीर का दिमाग ब्लास्ट हो गया (बहन चोद हो क्या रहा है ये कोई कुछ बोल रहा कोई कुछ, मैं रीडर का दिमाग चोद के बराबर कर दूंगा )
वही ये सुन कर तनु राखी को देखती हैं
राखी मुंह छिपा कर चुप चाप बैठ गई
तनु – शर्म नही आई ना मेरी जिंदगी बर्बाद करने में
अंजली – नही आई। क्यो आएगी मेरा पास एक ही ऑप्शन थे तुम सब की शादी करा दूं और खुद चली जाऊ तो मैने ऐसा किया लेकिन फिर रमेश भी अमेरिका आया उसको वहा देख कर मैं शॉक्ड हो गई।
अंजली – फिर रमेश से मुझे पता चला की उसका मां। मेरे बाप की रखैल थी उसने मुझे धमकी दी और ये सब करवाना पर मजबूर किया तो मैने किया
तनु – कैसी धमकी
अंजली – तुम सब की जान की धमकी तो मैं भी लड़की थी क्या करती डर गई, तो को समझ आया वो किया। फिर मेरी इससे डील हुई की में सारी प्रॉपर्टी इसके नाम कर दूंगी बदले में ये तुम्हे आजाद कर दे।
अंजली – लेकिन आधी प्रॉपर्टी तो तुम्हारे नाम पर थी तो इसने वीर से कॉन्टेक्ट करवाया और मुझसे तुम सब को जलील करवाया लेकिन फिर अचानक से वीर का एक्सीडेंट हो गया और वीर ने इसका साथ छोड़ दिया और तुम सब के आगे पीछे घूमने लगा।
रमेश – ही ही ही ही सचाई जान गई लेकिन हमारे प्लान को सक्सेसफुल बनाने वाला तो साक्षी का बाप भी था उसी के वजह से ये सफल हो पाया आखिर इसने ही तो वीर से शादी करवाने का आइडिया दिया क्युकी इसको भी आधी प्रॉपर्टी चाहिए थी हवस में इसको भी घेर लिया था
अनु – भगवान कभी तुझे खुश नही रखेगा रमेश
रमेश – मेरी छोड़ बन्नो तू अपनी देख वीर तो हमारा साथी है उसको सारा प्लान पता था ही ही ही लेकिन तू अपनी देख तेरा बाप तो शादी भी राजेश से करा रहा था लेकिन अब बहुत इंतजार कर लिया
अंजलि – हम तुझे अपना हिस्सा नही देंगे
रमेश ने अपनी बंदूक वीर की तरफ कर दी और बोला मुझे नहीं पता तू कोन है लेकिन इतना जरूर जनता हूं तू वीर तो बिल्कुल नही है
काव्या – पापा को मत मारो मारो पापा
रमेश – तू सब की जान एक ही तोते मैं बस्ती है ना अब तोता ही खतम होगा।
तनु – तुझे हिस्सा चाहिए ना
रमेश – हा
तनु – हम देने को तैयार है।
रमेश – पंडित को बुलाओ और शादी रचाओ तुम आज क्युकी तुमारे बाप ने मरते मरते वसीयत की मां चोद दी थी। तुम्हारे बाप ने वसीयत में लिखा की तुम्हारी प्रॉपर्टी शादी बाद ही तुम्हरे नाम पर होगी।
तभी रमेश बोलता है किस्से शादी करनी है जल्दी करो और तुम्हारी तो हो गई है। अंजली तुम दोनो भी करो और फिर वसीयत पर सिग्नेचर करो और अगर 10 मिनट मैं शादी शुरू नही हुई तो मैं ही ही ही
इधर वीर से मतलब ही नहीं था यह क्या हो रहा है क्या होगा
तभी सूर्यभान साक्षी और तनु के आगे आ कर हाथ फैला देता है और कहता है मुझे माफ कर दो।
पंडित – जल्दी बोलिए किसकी शादी करवानी है
वीर – मैयत करवानी है मेरी
तनु और साक्षी एक दूसरे की तरफ देखती है
साक्षी – डायन देख तूने क्या करवा दिया एक मौका देने की बात हुई थी एक और आ गई
तनु – मुझे तो जैसे सपना आया था ना अरे मुझे क्या पता था ये अलग ही कांड करेगा
तभी साक्षी कहती है तनु
तनु – जा
साक्षी – पल्लू सही करो
तनु आस पास देखती है तो पाती है वीर उसको ही घूर रहा है
तनु – मेरी आधी जिंदगी तो इसने झाट कर दी है इसको ऐसे टाइम पर भी सुकून नही है
तभी जब अंजली की शादी होने जा रही थी तभी अनु बोलती है ये तो गलत है ना सब बहन की शादी एक लड़के से हो रही है
साक्षी – बेटा हो नही रही करनी पड़ रही है सामने देख, अब होने दे वर्ना यही से जनाजा उठ जाएगा
अनु – जब सब बहन एक साथ रहेगी तो मैं अलग क्यो जाऊ। मुझे भी वीर से शादी करनी है वैसे भी पिता जी ने तो मुझे मारना का प्लान बना रखा है
फिर अंजली के बगल अनु भी आ जाती है
रमेश – अब शुरू करो शादी और मैं जायदाद लूं फिर मुझे नही मतलब किसी चीज से
पंडित – जजमान वीर आप आगे क्यो नही बड़ रहे
तभी वीर को याद आता है की उसकी शादी तो हुई ही नहीं है तनु और साक्षी से तो वो कहता है मैं शादी तभी करूंगा जब साक्षी और तनु दोनो शादी करेंगे साथ मैं
रमेश – बहन चोद ये क्या नाटक चला रहा है KBC चल रहा है क्या?
लेकिन फिर साक्षी और तनु आगे आ जाती है और शादी होती है और रमेश प्रॉपर्टी ले कर चला जाता है…..
तभी शादी होने के बाद वीर लंगड़ाते हुए ऊपर जाने लगता है उसका पूरा चहरा लाल हुआ पड़ा था पीट भी जल गई थी।
वीर ऊपर आ कर चुप चाप क्रीम लगाने लगता है तभी तनु और साक्षी आती है जिसको देख कर वीर डर जाता है
तनु – नही छोडूंगी तुमको डरो मत लेकिन मुझे तुमसे प्यार नहीं है जो है वो सिर्फ नफरत है पुराने पास्ट को ले कर तो और है अगर तुम मैं इतनी हिम्मत है तो हमे मना सको तो मना लो…
तभी तनु और साक्षी का ध्यान काव्या पर जाता है तो देखती है तो वो उन दोनो से बात नही कर रही थी उल्टा दूर जा रही थी वो बस वीर की गोद में बैठी क्रीम लगा रही थी।
तनु – क्या हुआ बेटा
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