You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Uodate 4 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 4

Update 4

जैसे ही वीर ताबेले मैं आया वैसे ही उसको आवाज आती है।

“मर गया क्या अरे घर का काम भी करना है और साक्षी के कपड़े निकाल कर कोन लाएगा तेरा बाप” ये आवाज थी साक्षी के बाप उदय भान की

वीर ये सुन कर चुप चाप बाहर आता है और सीधा बाहर जा कर कार में से कपड़े निकला कर सीधा घर में चला जाता है और उसको देख कर अनु कहती है पापी की कही का।

वीर उसको कुछ भी नही कहता और सीधा कपड़े रखने के लिए अंदर जाने लगता है तभी राज उसको टोकता है और कहता है नौकरों को घर में आने की परमिशन कब से होने लगी और उसको धक्का दे देता है जिससे वीर थोड़ा पीछे गिर जाता है

फिर वीर शांति से वहा से उठ कर चला जाता है और बाहर आते ही सूर्य भान साक्षी के चाचा उसको कहते है चल मेरे साथ थोड़ा आटा की दुकान दिखा दूं वहा से आटा ले आ कर रसोई में रख दो

फिर चाचा उसको 2 km दूर पैदल ले गया और वीर से 15 राउंड लगवाया और वीर जब ये काम कर के घर आया तो उसकी हालत खराब हो चुकी थी।

वही ये सब दूर बैठी साक्षी देख रही थी और वो और कुछ रिएक्ट कर पाती तभी अनु उसके पास आ कर कहती है

क्या दीदी मेरी शादी है और आप मेरा साथ के बजाए अकेले बैठे हो चलो आपको भाभी से मिलवाती हूं राज की होने वाली वाइफ

साक्षी – आज नी मैं थक गई हूं कल चलेंगे सुबह से

तभी उसको उसकी चाची की आवाज आती है अरे मेरी बेटी जब से आई है तब से कुछ खाई भी नही कम से कम उसको कुछ खिला तो दे।

अनु – मैं भी कितनी बेवकूफ हूं रुको अभी लाती हूं

इधर अनु खाना ले कर आती है लेकिन साक्षी खाना का बहाना बना कर मना कर देती है और घर के कामों में लग जाती है और अनु उसके पीछे पीछे लगी हुई थी

इधर वीर के कपड़े पूरा गंदे हो गया और तभी राज के दोस्त घर में आते है और वीर से टकरा जाते है और उनमें से एक कहता है गुस्सा कर ” क्या बे दिखता नी क्या चल है साइड और जा कर चाय ला”

तभी एक लडका कहता है पागल है क्या तू ऐसे बात नी करते।

लड़का कहता है अबे रोहित ये वीर है राज ने बताया था ना घर में काम करने के लिया नौकर आएगा आज वही होगा ये अब जा

और वीर चुप चाप वहा से चला गया सुनता हुआ

वही सुबह से वीर ने कुछ खाया नहीं था उसको प्यास बहुत जोर की लगी थी वो डरते हुआ कहता है क्या पानी देंगी चाची बहुत प्यास लगी है

चाची – तूने काम तो कुछ किया नी बड़ा आया प्यास लगी है निकमा कही का

लड़का – अबे चाय ला रहा है या मुरा गया बे

राज ,- क्या यार तुम लोग भी ना

वीर – चाय ले आ कर देता है

यही सब हो रहा था ऐसे ही जिल्लत सहते सहते रात हो गई और वीर चुपके से बाहर आ कर साक्षी को देख ने लगता है लेकिन वो उसको नी दिख रही थी

तभी उदयभान उसको बाहर से लकड़ी लाने को बोलता है और कहता है जा कर लकड़ी ला और पानी भर कर छत पर दावार दो वही पर राज के दोस्त सोएंगे

तभी वीर वहा से चला जाता है और शांति से लकड़ी उठाने लगता है तभी उसको आवाज सुनाई पड़ती है

रोहित – अबे तूने उसको देखा उस साड़ी वाली भाभी को क्या लग रही थी बे कसम से बड़ा कसा हुआ माल है यार अजय

वीर इसका नाम अजय है गमंडी साला

तभी अजय कहता है – ” हा यार बहुत कसा हुआ है अबे वो साक्षी है राज की बहन बहुत कसा हुआ माल है टाइट सी लोड़ा पूरा खड़ा कर देती है

इतना सुन कर वीर का खून खोल जाता है और उन दोनो की तरफ आगे बढ़ता है तभी उसको याद आता है

साक्षी ने उससे कहा था कुछ भी उल्टा सीधा मत करना

वीर लकड़ी ले कर रसोई में दे देता है और कहता है ये लीजिए

इतना सुन कर अनु कहती है ठीक है रखो और जाओ

वीर वहा से छत पर निकल जाता है और पानी डालने लगता है तभी वो देखता है साक्षी और अजय बात कर रहा थे।

अजय – आप ऐसे अकेला मत रहा करिए लड़कियां अकेला अच्छी नी लगती

साक्षी कोई रिस्पांस नी देती और चुप चाप वीर को देखती है जो सफाई करते हुए चुपके से साक्षी को देख रहा था तभी उसकी नज़र साक्षी पर पड़ जाती है और साक्षी उसको देख लेती है और वो समझ जाती है की वीर को जलन हो रही है तभी वो कहती है हा सही कहा इसलिए तो तुम्हारे पास बैठी हूं

इतना सुन कर वीर अपना उदास हो कर काम करने लगता है और वो दोनो बहुत बात करने लगता है और फिर वीर वहा से जाने लगता है।

तभी उसकी आंखो मैं आसू देख कर साक्षी भी उदास हो जाती है और साक्षी को उदास देख कर अजय बोलता है क्या हुआ सब ठीक है?

तब तक वीर चला गया था और साक्षी खड़ी हस रही थी बच्चू तड़पो जरा मेरे लिए

तभी साक्षी के पास अजय आ कर खड़ा हो जाता है

साक्षी कहती है अपनी हद क्रॉस करने की कोशिश करोगे तो हाल मौत से भी बुरा होगा समझे

इधर वीर को रात का खाना नसीब होता है तो वो खुशी से उछल पड़ता है कब से भूख लगी थी उसको और अब वो खाना मुंह में डाला तो तड़प उठा 2 रोटी और नमक और पानी लेकिन वीर के लिया इतना ही काफी था।

इसी तरफ कई दिन गुजर जाते है और वीर साक्षी और अजय को करीब आता और बात करता देखता और उन दोनो को बात करता देख सभी हस्ते खुश होते

एक दिन रात का टाइम था और वीर पूरे घर का काम कर के थक गया था तभी उसकी नज़र उसकी वाइफ पर पड़ती है साक्षी जो किनारे खड़ी हो कर हस रही थी और अनु से बात कर रही थी और आपने बाल को स्वार रही थी

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वीर जब नही रह पाया तो वो साक्षी को पीछे से उसकी पीठ को छू लेता है जो धूद जैसी गोरी थी और इतना देख कर अजय पूरा गुस्सा हो जाता है और वीर को दक्का दे कर मारने लगता है

अजय – मेडरचो द तूने उसको हाथ भी कैसे लगाया तेरी इतनी औकात हो गई मदर चोद

अजय वीर पर लात और गुस्सा बरसाए जा रहा था और वीर चुप चाप जमीन पर लेता मार खा रहा था

साक्षी ये देख कर अजीब नज़रों से सब देख रही थी तभी सब आ कर मेहमान और राज सब वीर को बचते है

रोहित – माफी मांग

वीर – माफ कर दीजिए गा मेम साब सर माफ कर दीजिए

अजय फिर आगे बड़ता है तभी साक्षी उसको पकड़ लेती है और कहती है बस करो अब

और वीर चुप चाप तबेला मैं जा कर लेट जाता है जमीन मैं

और वीर के पास आज अनु खाना ले कर आती है और कहती है क्यों ये सब कर रहे हो वापिस शहर चले जाओ

और चली जाती है और इधर सब अजय को समझा रहे थे और तभी साक्षी बिलकुल चुप चाप बस बैठी हुई थी और आज उसके सामने उसके प्यार को मारा गया और वो चुप चाप बस बेबस और लाचार हो कर देख रही थी

तभी राखी और तनु आती है नीचे उनको देख कर सब की आंख बड़ी हो जाती है और तनु सीधे भागते हुए वीर की तरफ चली जाती है

उदय भान – होश में हो तनु कहा जा रही हो

तनु – अपने पति के पास और अगर किसी मैं हिम्मत है तो रोक के दिखाओ

इतना कह कर तनु वीर के तबेले में झांकती है जो बहुत प्यार से देख रही थी उसकी आंखो मैं जो था वो बस दर्द था

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और वो देखती है की वीर दर्द से कहार रहा है

वीर देखता है की एक औरत उसको घूर रही है जो लगभग साक्षी के हम उमर ही थी वो वीर के पास आती है

और उसके हाथों को थाम कर चोट पर दवा लगाने लगती है

वीर – तुम कोन हो

तनु – तुम्हारी पत्नी जिसको तुमने कभी अपना नही समझा मैं बस तुम्हारी मदद करने आई हूं फिर चली जाऊंगी

वीर – तुम मेरी हो

तनु उसको घूर कर देखती है फिर इग्नोर कर के खाना ले कर चली जाती है

और तनु उसको गुस्सा मैं कहती है अपनी सकल भी मुझे मत दिखाना और गुस्सा मैं चली जाती है

और वो सीधा खाना साक्षी की तरफ फेक कर कहती है ये देख क्या खिलाया जा रहा अब तो कुछ शर्म कर ले उसकी गलती क्या थी की नही रह पाया तुम्हारे बिना

वही ये सब वीर देख रहा था

इतने में अजय कहता है तुम होती कोन हो ये बोलने वाली

इतना मैं तनु उसको इतना जोर से थापड़ मरती है की उसका मुंह हिल जाता है सुन बे लोडू चांद अगर साक्षी के पास भी दिखा ना तू अब तो जनाजा जवानी में उठा दूंगी समझा

अजय की गांड़ फट गई ये देख कर और वो साक्षी का हाथ पकड़ लिया

इतना मैं साक्षी उसको एक और जोरदार थप्पड़ दे देती है जो इस बात का सबूत था की साक्षी वीर की वाइफ है

तनु- डायन इतना ही है तो पहले स्टैंड लेती ना तब तो गांड़ में दम नहीं था तुम्हारे

साक्षी – तू क्यों नही आई फिर बचाने मैं तो डरती हूं तू बचा लेती ना तुझे तो सकल देखनी भी नी पसंद थी ना भोसड़ा चोदी

वही वीर इतनी सारी गालिया सुन कर डर रहा था बहुत ज्यादा उसकी गांड़ फटी पड़ी थी उसको ये तो कन्फर्म था की तनु के साथ भी कोई कांड उसके बाप ने किया है लेकीन तभी उसकी नज़र दोनो पत्नियों की गांड़ पर पड़ती है दोनो एकदम कसे हुए माल था ऊपर से भाभियों वाली उमर मैं थी दोनो

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तभी अनु ये देख लेती है और उसको लड़ाई चुप कराने का आइडिया दिमाग में आया और वो दोनो के बीच आती है और कहती है

“तनु दीदी और साक्षी दीदी आप दोनो लड़ाई छोड़ जरा कही और भी तो देखिए ”

जैसे ही तनु और साक्षी ने वीर की नजर का पीछा किया तो पाया वो उनकी गांड़ घूर रहा है

तो दोनो का खून जल जाता है

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