You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Update 38 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Update 38

Update – 38

तनु के मन मैं बहुत से सवाल थे लेकिन इन सब से बडकर था जिसकी बाहों मैं वो थी उसका अपना सीड।

वही पहाड़ पर खड़ा एक लड़का ये सब देख रहा था और हस रहा था।

अब आगे—–

“मुझे बहुत से लोगो को बात पता चली सुनी , लेकिन जो नजारा यह आ कर देखा, वो सुनने में मजा नही है”

“हा हा हा हा हा हम मिलेंगे सीड लेकिन उसके पहले ज़रा कुछ काम निपटा लूं”

“लेकिन तुम्हारा राज बस मुझ तक रहेगा”

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तनु – ओहाफो सीड देखो कितनी चोट लग गई हैं , तुम्हे देखो मैं सेफ हूं जान अब जरा भी टेंशन मत लो मेरी समझें।

“हा हा बस समझ गया, एक बात याद रखना तुम मेरी हो बस और तुम्हारा आंसू मैं नही देख सकता”

सीड की ये बात सुन कर तनु की आंखे चोड़ी हो जाती है, और वो तिरछी नज़र से सीड को देखती है और उसके गाल लाल हो जाते है आज उसे पहली बार शर्म वाली फील आ रही थी जिसे वो समझ नी पा रही थी, आज उसे सीड ने एहसाह दिलाया था की वो उसकी पत्नी है।

तभी सीड जो उठ रहा था तनु उसे पकड़ लेती है और उसकी नाक खीच लेती है।

सीड – क्या हुआ -?

तनु – आज ये रूप भी देख लिया आपका?

तभी तनु देखती है की सीड उसकी साड़ी का पल्लू सही करने लगता है और सर पर तपली मार कर कहता है।

“उल्लू कहीं की पल्लू तो सही कर लो”

उसकी बात सुन कर तनु हसने लगती हैं , और कहती है अच्छा जी आप ने खुद मेरा पल्लू हटाया और मुझे ही कहते हो सही करने के लिए नही करती हटो जाओ, खुद करो।

उसकी बात सुन कर सीड झेप जाता है, और तनु का पल्लू सही करता है।

उसका पल्लू सही करने के बाद सीड कहता है ,”अब चले”

तनु – हा अब चलूंगी।

इधर तनु और सीड घर की चल पड़ते है जहा पहले से ही अंजली और बाकी सभी मौजुद थे।

इधर तनु रास्ते भर sid को निराहती रही और आज पहली बार उसे वो अहसास हुआ जिसे वो कब से जीना चाहती थी आज sid का ये रूप देख कर तनु के अंतरमन मैं जो तरंगे उठी उसे बता पाना किसी के लिए पॉसिबल नही था।

और तनु को ऐसा देखता देख sid उसेसे पूछता है,”क्या बात है”

तनु – तुम्हे बताना जरूरी है मेरा पति मेरा जो मन वो करू तुम्हे क्या।

सीड – मैं डर गया था।

तनु – awww आई लव यू मेरा बच्चा।

ऐसा कह कर तनु सीड की गोद मैं आ कर बैठ जाती है और सीड कार चलने लगता है।

तनु मन मैं सोचती हूं अपके होते मुझे कुछ नही होगा, आज आपने वो किया जो मैं कभी नही सोच सकती थी, कोई मुझे मुझसे भी ज्यादा चाहेगा।

तभी उन दोनो की डेस्टिनी आ जाती है और सीड कार खड़ी कर के अंदर जाने लगता है और अन्दर की ओर चला जाता है।

तनु उसे ऐसे जाते देखा हसने लगती है, अरे अंदर ही है तुम्हारी सारी टाइट मॉल आराम से जाओ।

तनु की ये आवाज़ सुन कर सीड झेप जाता है।

और सीड अंदर जाते ही देखता है पूरे हाल में हल्ला गुल्ला था और तभी सीड और तनु को ऐसे खड़े देख कर के कुछ लड़कियां आती है और तनु को ले कर भाग जाती है।

इधर सीड इतना हल्ला गुल्ला देख कर के उसे अच्छा नही लग रहा था आज पहली बार उसने जिंदगी में ऐसा फील किया था दर्द और खून तो बेशक तो रुक गया था , लेकिन वो दर्द जो उसके सीने मैं था, आज उसे अपनी पत्नियों को खोने का वो डर उसे विचलित कर रहा था।

इधर सीड को ऐसे उदास देख तनु उसकी ओर आना चाहती है लेकिन वो चाह कर भी नही आ पा रही थी।

इधर तभी सीड को छत की ओर जाने वाली सीडी दिखती है ।

“अगर मैं यह रुका तो मेरी पत्नियों का भी मूड खराब होगा”

तभी सीड ऊपर चला जाता है और अकेला छत पर चला जाता है , और कोने में बैठ जाता हैं।

तभी सीड वहा कुछ सोचता तभी उसके कन्धे पर एक हाथ आता है जो उसे पकड़ कर अपनी ओर खींच लेते है।

तभी सीड किसी को अहसाह होता है की वो किसी के गोद मैं सर रख कर लेटा है।

सीड ऊपर की ओर सर करता है तो देखता है अंजली थी।

अंजली – लेटो रहो ,

ये कह कर अंजली उसे माथा सहलाने लगती है, और उसके सीने मैं हाथ रख देती है।

“मुझे अपने सीने से लगा लो”

सीड को ऐसे कहता देख अंजली उसे उठा कर अपने सीने से लगा लेती है, बहुत कस कर के।

“सीड मैं हूं ना साथ , जरूर कुछ हुआ है ना, मुझे बताओ क्यो उदास है।”

“सीड”

“मुझ तुम्हारी लेनी है , लेकिन तुम देती ही नही हमेशा दुत्कार देती हो”

सीड की ये बात सुन कर अंजली sid के सर टपली मार देती है और कहती है “धत बेशर्म कही के और बताओं क्या बात है”

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इधर एक फ्लैट पर

Knock knock

“कौन है बे गोचू”, एक आदमी गन के साथ दरवाजा खोलता है।

तभी दूसरा आदमी पूछता है ,”कौन है”

“पता नही बस पार्सल है”

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“रोहित भाई पार्सल आया है एक आपका नाम लिखा है”

रोहित – मेरा नाम , वो भी इस एड्रेस पर ये तो किसी को नही पता।

“अरे जी खोलो ना “

रोहित जैसे ही पार्सल खोलता है तो उसमें रचना का कटा हुआ सर रखा था , जिसे देख कर रोहित की पत्नी की चीख निकल जाती है.

हर तरफ़ आदमी खड़े थे वो rohit एक दम चुप हो जाते है।

तभी रोहित की नज़र पास मैं पड़ी चिट पर पड़ती है।

“Love you rohit,,,, enjoy your day”

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