You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Uodate 2 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 2

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सुबह जब साक्षी की नींद खुली तो वो स्माइल करते हुए उठी और उसे फिर कल की बात याद आई तो खुद से बोल उठी

कभी मैंने ऐसी लाइफ जीने की तमन्ना की थी ऐसा पति चाहा था लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है लेकिन इस बात की खुशी है की मैने कभी अपने पति को धोका नी दिया लेकिन sid के जाने के बाद अब जीने की इच्छा भी चली गई है वैसे भी ये कोनसा मेरे से प्यार करने लगेंगे इनका प्यार तो वो

वैसे ये हरकते ऐसी कर रहे है जैसे नई नई शादी हुई है हमारी

इतने में उसको वीर की आवाज आती है जो उसको नींद मैं बड़बड़ाता हुआ दिखा

उम्म तुम्हारा पेटू बहुत सॉफ्ट है मुलायम सा वाइफ मेरी

वही ये सुन कर साक्षी को हसी आ जाती है और हस्ते हुए वीर को देखती है जल्दी से उठ जाऊ वर्ना ऐसी हालत में देख कर पागल हो जाएंगे पहले ही अजीब अजीब हरकते कर रहा है।

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और कहती है अब देर हो चुकी है कुछ दिन ऐसे रहोगे फिर वापिस वैसे हो जाओगे पहले जैसे फिर मेरी परछाई से भी नफरत होगी तुमको इसलिए अच्छा है मैं तुमसे दूर रहो तुम कुछ भी कर लो मेरा दिल में तुम्हारे लिया अब कोई सॉफ्ट फीलिंग नी है।

फिर साक्षी उठ कर अपने काम करने लगती है और तभी उसको सोफे पर एक पॉलिथीन दिखता है जब वो ओपन कर के देखती है तो उसमें एक जींस और ब्लू टॉप था

साक्षी – मैने कहा था ना वापिस उसी तरह हो जाएंगे फिर मुझे मरेंगे

साक्षी वापिस पॉलिथीन को वही रख देती है और तभी उसको कॉल आती है

साक्षी – हेलो

सामने कॉल पर – हां मेरी बेटी कैसी है

साक्षी – क्या जिंदा हूं ये काफी नी है

सामने कॉल पर – ऐसा मत बोल बेटी तू मेरी जान है हम जल्द ही आ रहा है फिर तेरा और उसका मामला सभल लेंगे

साक्षी – अब फोन रखूं मैं

सामने कॉल पर – खुशी की कोई वजह धुड़ बेटी हजारों वजह मिल जाएगी

टू टू

साक्षी ने फोन काट कर दिया अब साक्षी को किसी से भी मतलब नी था वो बस अपने मैं खोई रहती थी उसके साथ 17 साल से ऐसा व्यवहार किया जा रहा था इतना मारा जा रहा था की वो अब जीना बात करना सब भूल चुकी थी

उधर साक्षी की मां – हमने अपनी बेटी को खो दिया क्या जवाब दूंगी मैं भगवान को

तभी एक कड़क आवाज आती है कुछ दिन मैं छोटी बेटी की शादी है तब उसको यहां बुला लेंगे और समझ लेंगे।

इधर साक्षी खाना बनाने लगती है और टी बना कर वीर को उठाने जाती है और वही बैठ कर अपनी साडी सही करने लगती है

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वीर – उठ कर उसको ही देखने लगते है

साक्षी- क्या है सुबह सुबह

वीर – अच्छी लग रही हो बहुत

साक्षी उठ कर चली जाती है

वीर – में तुमको जीना सिखा दूंगा देखना

इधर वीर ब्रश कर के आता है और साक्षी जो सोफे पर बैठ कर टी पी रही थी उसको फिर से देखने लगता है

तभी वीर कुछ ढूढने लगता हैं और साक्षी उसको कहती है वो रूम में है तुम्हारा पॉलिथीन

वीर जल्दी से भागता हुआ पॉलिथीन उठा कर आता है और साक्षी के पास आता है और साक्षी डर जाती है और उसकी चाय गिर पड़ती है उसके पैर पर

साक्षी – मां मां माफ कर दो मुझे अब कभी आपके समान को हाथ नी लगाउंगी मुझे मत मारना

साक्षी की आंखों से आसू आने लगता है और वो मुस्किल से ये कहती हैं

इधर वीर भी उदास हो गया और मन में सोचता है मेरी साक्षी इस कदर टूट चुकी है डर गई है वो भी वीर की वजह से अच्छा हुआ जो मर गया

तभी वीर की नजर उसके पैर पर जाती है जो बुरी तरह से जल गया था चाय की वजह से

वीर पॉलिथीन को उसके बगल रख देता है और जमीन पर बैठ जाता है

साक्षी अपनी आंखो को बंद कर देती है और कांपने लगती है और वीर जमीन पर बैठ पर अपने हाथों मैं उसके पैर ले कर सहलाता है और ठंडा पानी डाल कर साफ कर करता है

और अपने घुटनो पर रख लेता है

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साक्षी अब अजीब नज़रों से देखती है तो वो वीर को उसके पैर पर देखती है और

साक्षी – क्या कर रहा हो आप मेरा पांव ठीक है

वीर – क्या ठीक है चाय गिर गई दिमाग कहा था तुम्हारा तुम मेरी वाइफ हो मेरी जान निकल जाती है तुमको दर्द मैं देख कर वैसे तुम्हारे कलर बिलकुल दूध जैसा

साक्षी को ये सब अजीब लग रहा था आज उसका ही पति उसको छेड़ रहा था उसकी केयर कर रहा था और फिर साक्षी कहती है इतना ही केयर है तो

वीर – तो क्या आगे
साक्षी –

वीर – फिर साइलेंट मोड अच्छा ठीक है मत बोलो वो ना मेरी ऑफिस में एक सेक्रेट्री है मेरी वो मुझे बता रही थी की वाइफ को मानने के लिया गिफ्ट दिया जाता है ड्रेस दी जाती है इसलिए मैंने ये ड्रेस लिया आपके लिया तुमको अच्छा नी लगा क्या साइज सही नी है क्या

साक्षी की तो चहरे की हवाइयां उड़ गई और वो खुद मैं सोचती है पहले मैं इनसे डरती थी अब ये मुझसे डरते है और जब देखो घूरते रहते है

साक्षी – नी ठीक है खाना खाओ लेट हो रहा है ऐसा कह कर वो साइड हो कर चली गई

वीर उदास हो कर बैठ जाता है और साक्षी खाने ले कर आती है

वीर – मुझे भूख नी है

साक्षी – क्या हुआ अब चोट मुझे लगी खाना तुम नी खा रहा हो

वीर – तुम मुझे डॉटती रहती हो

इतना सुन कर साक्षी को हसी तो बड़ी आती है लेकिन वो रुक कर कहती हैं मैने कब डाटा

वीर – तुमने कल कहा था तुम मुझे खाना खिलाओगे

साक्षी वीर को देख कर एक कोर खिला देती है और फिर वहा से चली जाती है

इधर साक्षी चुप चाप बनकनी मैं खड़ी थी और सोच रही थी वीर का उसको यू देखना रात को सोने बाद उसको छूने की कोशिश करना बात करना के लिया तड़पना अब उसको यू सब अच्छा सा लग रहा था

तभी वीर फिर उसके पास आता है और कहता है साक्षी सुनिए

साक्षी पता नी क्या सोचती है और बहुत जोर से चिल्ला देती है क्या है साक्षी साक्षी साक्षी साक्षी करते रहते हो हवासी कही के दिन भर मुझे घुरोगे क्यों पास आना है तुमको मेरे जब मुझसे प्यार नी है तो

वीर बिना कुछ बोले चुप चाप वहा से चला जाता है

वीर के जाने के बाद साक्षी को रियलाइज हुआ की उसने क्या किया तो वो सिर पर हाथ रख कर बैठ गई और सोचने लगी ये क्या कर दिया मैंने और मैने उसको भागा दिया और वो चला गया क्या सच में इतना बदल गया

तभी साक्षी का ध्यान जमीन पर गया जो वो देखती है की जमीन पर खाना गिरा हुआ था वीर साक्षी को बस खाना देना के लिए लाया था

वीर इधर ऑफिस निकल गया जहा से सीधा उसको ऑफिस सेकेट्री मिलती है

काव्या – गुड मॉर्निंग सर

वीर – गुड मॉर्निंग

काव्या – सर क्या हुआ मूड सही नी है आपका

वीर – वाइफ गुस्सा है मेरी

काव्या – एक काम करिए ना सर उसको हग कर लीजिए और प्यार का इज़हार करिए

वीर – ओके

उसके बाद वीर काम पर लग जाता है और फिर रात को काव्या चली जाती है और स्वाति आती है

तो देखती है वीर कुछ सोच रहा है

स्वाति – क्या सोच रहा हो

वीर – प्यार इज़हार कैसे करते है

स्वाति – पकड़ कर किस करो एक दम जबरदस्त वाली और बोल दो i love you आसान है यार अब मैं जा रही

वीर वहा से निकल कर सीधा मेडिकल की दुकान पर जाता है और कहता है कोई ऐसी क्रीम है जिससे जले हुआ दाग चला जाए

और फिर वो क्रीम ले कर वापिस आ जाता है और जैसे ही घर में आता है डोर नोक करता है।

डोर ओपन करते ही 1 लड़के उसको दक्का दे देते है जिससे वो गिर जाता है और उसका सिर पर थोड़ी चोट आ जाती है

लड़का – ये मेरी बहन को मारने के लिया था

और वीर ने को जो क्रीम और दावा वैगारा लिया था सब गिर गया और ये शोर सुन कर साक्षी के मम्मी और पापा और बहन आ जाती है और वीर को ऐसा गिरा हुआ देख कर वो कुछ नी कहती और साक्षी आगे बढ़ती उसके पहले वीर लंगड़ाते हुए चला जाता है

साक्षी dad – चलो साक्षी हम तुम दोनो का तलाक करा देंगे

और वीर कमरे में उदास बैठा हुआ था

तभी रूम में साक्षी आती है और उसके पास आ कर बैठ जाती है और अपने हाथों से उसके क्रीम उसको पकड़ा देती है और कहती है ये क्या है और ये दवा

वीर रोने लगता है और कहता है मुझे मत छोड़ो मैं मर जाऊंगा तुम्हारे बिना मैं वो वीर नी हूं मैं दूसरा वीर हूं प्लीज मुझे एक मौका दो मुझे मार दिया करो डेली पीट लेना लेकिन मुझे तलाक मत दो मैं कभी तुमको ऊंची आवाज में बात नी करूंगा कभी घूर कर तुमको नी देखूंगा ये दावा मैने तुम्हारे जले हुए निशान के लिया लाया है

वीर को ऐसा रोता देख तड़पता देख साक्षी उसका पास बैठी हुई थी

वीर – मत छोड़ो मुझे मत दो ना तलाक मैं हर वो कोशिश करूंगा एक मौका दो बोलो चुप क्यों हो

साक्षी – रोना बंद करो

वीर – मुझे मत छोड़ो

साक्षी एक तप्पड़ देती है और वीर का रोना रुक जाता है और साक्षी कुछ नी कहती और उठ कर चली जाती है

(वीर की आत्मा तो शरीर से निकल चुकी थी ये sid की आत्मा थी जिसके वजह से वीर का चहरा अब सुंदर हो गया था और वो बचपन से साक्षी के बहुत क्लोज था।)

जैसे ही साक्षी बाहर आती है सबने थप्पड़ की आवाज सुनी थी और सब गुस्सा था

अनु (साक्षी सिस्टर)- दीदी इसने आप को फिर मारा क्या

इतना मैं साक्षी उसको इग्नोर कर के चुप चाप अपने हाल से फास्ट एड का बॉक्स ले कर वीर की तरफ जाने लगती है और अपने भाई की तरफ देख कर इतना ही बोलती है मेरे पति को हाथ भी लगाया ना तो जिंदा मार दूंगी

फिर वो वीर के रूम मैं जाती है और वीर के पास बैठ कर उसके माथे पर रुई से ब्लड साफ करती है

साक्षी – रोना बंद करोगे या मैं जाऊ

वीर – नी नी

फिर वीर पूरा चुप हो जाता है और साक्षी कहती है क्या है हा

वीर – मुझे नी छोड़ोगि ना

साक्षी – नी छोड़ती बाबा अब रोना बंद करो ना

वीर – कुछ कहना था

साक्षी – हा

फिर वीर डरते हुआ कापते हाथों से उसको हग कर लेता है और उसकी कमर पर सिर रख कर जकड़ लेता है

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वीर – i love you साक्षी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं

साक्षी – हा ठीक है

वीर – सुनो

साक्षी – हा

वीर – हसबैंड और वाइफ वाला प्यार कैसे करते है

साक्षी – बेशर्म हटो

फिर साक्षी ने अपने घर वालो को भागा दिया और बोला कल वो आएगी गांव शादी तक रहेगी फिर चली आएगी और साथ में वीर को ले कर आएगी

साक्षी रसोई में खाना बना रही थी और वीर उसको घूर रहा था पीछे से तभी वो पलट कर कहती है क्या कर रहे हो हा घूरे जा रहे हो

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वीर – वो कुछ भी तो नी

साक्षी – ओके

वीर उसके पीछे खड़ा हो जाता है और कहता है मेरा साथ मूवी देखना चलोगे सब अपनी gf के साथ जाते है तुम चलोगी मेरे साथ

साक्षी – ठीक है मैं चलूंगी कल फिर शॉपिंग कर के गांव चलन है

वीर थोड़ा घबरा जाता है

साक्षी – मेरे होते हुए तुमको कोई कुछ नी करेगा समझे

वीर – ठीक है फिर

साक्षी फिर काम करने लगती है और वीर साक्षी का पल्लू गिरा देता है और उसकी पीट पर क्रीम लगाने लगता है

साक्षी – फायदा उठा रहा हो मेरा हा

वीर – ए ए ऐसा नी है

साक्षी फिर खिलखिला कर हस पड़ती है और कहती है चल झूठे

साक्षी मन में कहती है मैं 17 साल से तड़पी हूं दर्द झेली हूं तुम देखो तुमको कितना तड़पती हूं मेरा नए नए पति तुमको पुरानी बात नी याद तो ठीक है ये हमारी न्यू शुरुवात है जिस दिन तुम पुराने वाले वीर हुए उस दिन मैं आत्म हत्या कर लुंगी

वीर – मै भी खाना बनाने में मदद करू

साक्षी – नी रहने दो दूर हटो मुझसे

फिर खाना खा कर वीर सोने के लिया बेड पर आ जाता है और साक्षी को देख कर उसकी सास ही रुक गई

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साक्षी – लाइट ऑफ करो और सोते है बहुत नींद आ रही हैं

साक्षी पूरा सज कर बेड पर लेटी थी और मन में हस रही थी

इधर वीर धीरे से अपना हाथ साक्षी की कमर पर रख देता है

साक्षी – ओ मैने परमिशन दी क्या छूने की

वीर – प्लीज बस एक बार टच कर लेने दो

साक्षी – में चली जाऊंगी फिर

वीर – नी नी मैं नी टच करूंगा

साक्षी मन में कहती है कल से तुम देखो तुम्हारी ऐसी हालत कर दूंगी ना देखना

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