Update – 24 ruhi aur past …. Part 1
basically is update main aaap jaan jaoge….bahut si cheez ke ans mil jayge aapko jaise sakshi aur tanu normal life kyu jee rhe tha…. Lekin iska part 2 (update 25 bhi aaj hi aayga wo long rhega usmain aap past achi tarah samaj jayenge but anjali aur ruhi ki side se baaki ka past reason sab sakshi aur tanu ki story ke sath hi aage aaygii..
Ab story
रूही – दीदी मुझे बचा लो दीदी ये मुझे मार देंगे दीदी , मेरा बेटा को मार देंगे दीदी
इससे पहले कुछ और कहती रूही रचना ने बंदूक से हवा में फायर किया
ही ही ही ही ही ही
“गेम शुरू हो चुका है अंजली मेरे भाई को मार दिया कामिनी अब तेरी बारी”
अब आगे —
“दीदी दीदी उठो ना कितना सोती हो आप”, एक छोटी सी बच्ची तुतला कर बोलती है।
“छोटी सोने दे देख परेशान मत कर , वैसे ही पापा आज कल सोने नहीं देते, जब देखो पड़ो पड़ो पड़ो , मुझे पसन्द नहीं गांव का स्कूल” कुनुमुनाते हुए एक और बच्ची बोलती है।
“उहफो दीदी उठो तो तभी तो देख पाओगी सुन्दर सी दुनिया मुझे देखो मैं तो दिन भर घर रहती हूं, अगर मेरी मम्मी होती , मेरी बहन होती तो वो भी मुझे अपने साथ

स्कूल ले जाती ना दीदी”, नम आंखों से छोटी बच्ची बड़ी बच्ची को बोलती है।
इतना सुन कर सो रही लड़की एक जोरदार तमाचा देती है।
“तेरी हिम्मत कैसे हुईं, ये कहने की रूही क्या मैं तेरी बहन नहीं हा तूने मुझे अनाथ कर दिया”, अंजलि बोलती है।
“अरे मेरा कहने का वो मतलब नहीं था दीदी” रूही टूटी आवाज मैं कहती है।
तभी अंजली उसे गले लगा लेती है, और कहती है बहन नहीं पत्नी है तू मेरी समझी।
रूही – हट चलो वर्ना चाचा गुस्सा करेंगे।
अंजली – तू चल नीचे मैं आती हूं
रूही – दीदी मुझे अकेला मत छोड़ो, मुझे अकेला डर लगता है।
अंजली – aww मेरी पत्नी को डर लगता है, चलो चले दोनो साथ
दोनो जैसे ही नीचे आए नीचे अंजली के पापा जमींदार वही मौजूद थे जो इन दोनो को देख कर बोला।
“अरे रूही इतनी देर से उठाने गई थी, आई क्यो नहीं”, जमींदार की इतनी बोली सुन रूही कांप कर वही खड़ी हो गई।
“खबरदार मेरी पत्नी से केवल में ऊंची आवाज मैं बात कर सकती हूं, और कोई नही” अंजली की आवाज़ सुन कर जमींदार भी हसने लगता है , और हस्ते हुआ कहता है,”अच्छा अब खाना खा लो और पढ़ाई करने के लिए निकल जाओ”
“नही पापा मैं नहीं जाऊंगी, मैं एक ही शर्त पर पढ़ाई करूंगी जब रूही मेरे साथ रहेगी हमेशा और पढ़ाई करेगी” अंजली ने जमीदार को कहा।
और अंजली की बात सुन कर जमींदार हस्ते हुए कहता है,” अच्छा ठीक है मेरे बच्चियों अब खाना खाओ और निकल जाओ”
जमीदार की बात सुन कर अंजली खुशी से कुद पड़ती है और रूही का हाथ पकड़ के कहती है,” अब तू भी मेरे साथ चलेगी स्कूल”
फिर दोनो स्कूल के लिए निकल पड़ते है जो पास मैं पढ़ता था।
दोनो क्लास में चली जाती है तो सभी अंजली को बहुत इज्ज़त देते थे क्युकी वो जमींदार की बेटी थी।
जैसे ही अंजली क्लास मैं आई उसने अपने हाथ मैं रूही का हाथ पकड़ रखा था जिससे सब रूही को बस घूर रहा था।
रूही एक सीट मैं बैठी थी की वहा एक लड़की आ कर बैठ जाती है जिसे देख कर के अंजली कहती है ,”आप कही और बैठ जाओ ये हम दोनो की सीट है”
अंजली की बात सुन कर वो लड़की मासूम सी सकल बना कर जाने ही वाली होती है की तभी उसे एक और आवाज़ सुनाई पड़ती है,” क्यो ये सीट तेरे बाप की है, तू इसे घर से ले आई थी”
उस लड़की की आवाज़ सुन कर रूही डर जाती है, और रूही को डरता हुआ देख कर अंजली उसका हाथ थाम लेती है और उस लड़की के सामने खड़ी हो जाती है और कहती है ,” नही सीट मैं घर से तो नही लाई थी, लेकिन सीट तो तेरे घर से भी नही आई, और मेरी रूही से बात करते वक्त आवाज़ नीचे गर्म मुझे सिर्फ चाय पसंद है”।
इससे पहले की अंजली कुछ और कहती दूसरी लड़की जो चुप चाप खड़ी थी वो बोलती है,” चुप रहो तनु हर टाइम आवाज नही निकलते, और अंजली तुम हमे मां ने लड़ने से मना किया है, वर्ना हम क्या है ये तुम्हे जरूर बताते”
रूही – आप सब मत लड़ो, मेरी दीदी से
रूही की इस आवाज़ से तीनो लड़कियां का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया।
और इसी तरह अंजली और तनु की दुश्मनी शुरू हो गई, लेकिन दोनो मैं एक चीज नॉर्मल थी दोनो का चहरा बिलकुल एक जैसा था जिसकी वजह से बहुत बार तनु को लोग अंजली समझ लेते थे।
एक बार रूही अपनी सहेली के साथ खेलने के लिए चली गई थी।
अंजली – पापा मेरी दुल्हन कहा गई।
जमीनदार – तुम्हारी दुल्हन अपनी सहेली के साथ खेलने गई है।
अंजली – लेकिन क्यो मुझसे क्यों नहीं पूछा इसने
जमींदार – अरे तू भी चली जा बगीचा मैं।
अंजली भागते हुए बगीचा मैं पहुंच जाती है और चिल्लाती है ,” रूही “
“रूही “
तभी उसे एक तरफ रूही की चीख सुनाई पड़ती है उस चीख को सुन कर के अंजली जल्दी से भागते हुए उसी ओर आ जाती है, जब अंजली वहा आ कर देखती हैं, तो रूही एक तरफ बेहोश होती है, और उसके साथ अनु भी बेहोश पड़ी होती है।
ये देख कर के अंजली बहुत जोर से चीखतीं है,” तुम दोनो ने क्या किया मेरी बहन के साथ, मैं तुम दोनो की जान ले लुंगी।
तभी पेड़ के एकदम ऊपर वाली टहनी से कुद कर साक्षी नीचे आती है और कहती तुम्हे ऐसा लगता है की तुम मेरा कुछ कर पाओगी।
अंजली अब ध्यान से तनु और साक्षी को देखती है और कहती है त तुम दोनो चाहे जो भी कहो मैं अपनी बहन के लिए किसी से भी लड़ने के लिए तैयार हूं।
तभी रूही रोते हुए अंजली के गले लग जाती है जो अब होश में आ चुकी थी और कहती है,” दीदी ये दोनो

अगर नही आई होती तो ये कामिना हमारी इज्जत लूट लेता”
अंजली कुछ और कहती तभी वहा एक औरत आती है जिसके चहरे से ही नूर टपक रहा था वो आते ही तनु और साक्षी को एक बहुत जोर का थप्पड़ देती है और कहती हैं “मैने कहा था ना तुम दोनो को कुछ उल्टा पलटी हरकत मत करना मेरी बात तो तुम्हे सुननी नहीं है”
साक्षी – मां हमने कुछ नहीं किया , हम तो बस पेड़ से फल तोड़ रहा थे यही हमारे पास आया था और
तनु इशारे से अंजली की तरफ देखती है
तभी साक्षी की मां कहती है तुम जाओ बेटा रूही और अनु को ले कर तुम जमीदार की बेटी हो ना।
तनु – चलो जाओ , भागो बड़ी मां नहीं आई होती तो आज तुमको खा जाती मैं
अंजली – अरे चल चल
अंजली उन दोनो को लेकर चली जाती है और जाते हुए उसे बस इतना सुनाई पड़ा ” मम्मी ये सब वापिस हमारे लिए आए था, ये क्यो बार बार हमे मारने आ जाते है”
तभी उसे रूही कहती है “दीदी बड़ा अजीब चीज हुआ आपको पता है , वो मैं खेल रही थी ना तब एक अंकल आए और हमे और अनु को पकड़ लिया और हस्ते हुए बोले अब वो सिर्फ मेरा है सिर्फ मेरा हा हा हा हा हा”
तभी अंजलि उसे इग्नोर कर के अनु का हाथ पकड़ लेती है और कहती है बेटा आपका क्या नाम है
अनु – ही ही ही मेरा नाम अनु है आप बिल्कुल मेरी तनु दीदी की तरह हो वो गुस्सैल है, और आप नरम दिल
रूही – हमसे बात क्यो नहीं कर रही
अंजली कुछ नहीं कहती और चुप चाप अनु को घर छोड़ कर वापिस आ जाती है
और जब वो जा रही होती है तो उसे दो लड़के दिखते है जो बहुत तेजी से भागते हुए चले जा रहे थे।
तभी वो दोनो वापिस घर आ जाते है और अंजली को बहुत गंदी फील आ रही थी फिर भी छोटी सी अंजली ने हिम्मत कर के बाहर आई और और जंगल की ओर आने लगी , तभी उसे एक लड़का दिखता है बहुत सीधा स्कूल का अंजली उसे बुलाती है
लडका – हा
अंजाली – चलो मेरे साथ आम के बाग वहा मुझे बाहर छोड़ देना फिर वापिस आ जाना
लडका उसकी बात मान कर चल देता है और दोनो आम की बगिया में आ जाते है और लड़का वही बाहर खडा रहता है
जैसे ही अंजली बाग मैं आती है वो देखती है उसके सामने साक्षी और तनु जमीन पर खून से लतपथ पड़े है और उसकी मां रोशनी सामने खड़ी थी जो अपनी अंतिम सास ले रही थी।
रोशनी – कभी भी याद रखना अपनी शक्ति का इस्तेमाल मत करना साक्षी तुम क्या हो इसे राज रखना, और हमेशा अपनी बहन का साथ देना तनु, तुम्हारी शक्ति का इस्तेमाल मत करना एक आम सी ज़िंदगी जीना
रोशनी – मेरी मौत के साथ मेने तुम सभी के पीछे पड़े सभी लोगो को मार दिया , तुम सब आराम से जीना लेकिन उस चीज की हमेशा रक्षा करना।
तनु – आप ही नहीं रहेंगी तो फिर हमे क्यों जीने दे रही है ये दुनिया तो हमे कभी एक्सेप्ट नहीं करेगी मां।
रोशनी – इसलिए कह रही आम ज़िंदगी जियो और इस चीज की रक्षा करो और याद रहे कोई आएगा जो तुम्हे चाहेगा, तुम कैसी भी हो वो तुम्हे अपनाएगा तब तुम सब खुद ब खुद अपनी पूरी शक्ति पा लोगे।
ये सुन कर अंजली वहा से भागती हुई निकल जाती है, और उसे रास्ते में एक अंकल मिलते है जो लड़खड़ा रहे थे उसके शरीर पर तलवार घुसी हुई थी जो बहुत अजीब थी।
वो अंजली को देख कर के अपनी तलवार अंजली के पेट में घुसाने के लिए फेक देता है लेकिन वो तलवार अंजली को लगती उसके पहले रूही उसे ढकेल देती है और वो तलवार गिर जाती है।
रूही – दीदी भागो
लेकिन वो दोनो बच्चियां थी उनके पास साक्षी और तनु जैसी शक्ति नही थी वो कुछ कहती उसके पहले वो आदमी तलवार रूही की तरफ़ फेक देता है तभी अंजलि उसके सामने आ जाती है और अंजली के पेट में तलवार घुस जाती है।
रूही – क्यो किया अपने ऐसा
अंजली – अपनी वाइफ को केवल में छू सकती हूं बस बचपन से आज तक केवल तू ही मेरी अपनी है तुझे आंखो के सामने मारता नही देख सकती थी।
तभी वहा पर साक्षी आ जाती है और फिर जब अंजली की नींद खुलती हैं वो अपने आप को उसी जगह पाती है और उसकी चोट काफी भर चुकी थी।
तनु – क्यो आई थी यह
अंजली अपना सिर उठा कर देखती है तभी तनु कहती है बेहोश हैं वो
अंजली – पता नहीं तुम्हे दर्द मैं नहीं देखा गया पता नहीं क्यो, तुम्हारे साथ कोई रिश्ता है
तनु – हमारा केवल चहरा सेम है बस और कुछ नही आज के बाद ऐसा मत करना वर्ना मैं क्या कोई नहीं बचा पाएगा, अब तो बड़ी मां भी नहीं रोकेंगी
अंजली – बड़ी मां के जाने से उदास हो ना
तब तक तनु जा चुकी थी