You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 22 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 22

Update 22 – sakshi real identity….

इधर तनु के जाते ही यशस्वी जल्दी से पानी पीने लगती है जिसका बदन अभी भी कांप रहा था और वो बोलती है बच गया आज शहर वर्ना तनु समसाम बना देती, वीर तुमको मैं क्या बोलूं तुमने तनु से प्यार किया , उसके जिस्म से नही नाग रानी का दिल जीत लिया आज तुम्हे उससे सब से ज्यादा प्यार है।

 अब आगे

इधर वीर चुप चाप कार घर में खड़ी कर देता है और ऊपर की तरफ निकल जाता है और उसने काव्या के लिया बहुत कुछ लिया था।

तभी वीर हस्ते हुआ ऊपर चला जाता है और ऊपर जाते ही सारा सामान साक्षी को पकड़ा देता है और काव्या जब उसकी देखती है तो वीर उसको इग्नोर कर के बाहर आ कर बैठ जाता है।

काव्या – पापा क्या हुआ, मुझसे क्यों बात नही कर रहे।

वीर – जाओ तुम टीवी देखो ना, सुबह से भी किस नहीं दी।

काव्या – उफ फो पापा आप भी टोरी ,

काव्या अपनी टूटी आवाज मैं टोरी बोल रही थी उसे ये देख कर बहुत अच्छा लगा।

वीर – नहीं चहिए आपका सॉरी जाओ।

काव्या – aw पापा गुस्सा फूक दो, देखो आपकी काव्या है ना आपके साथ, आपका हाथ पकड़ कर के वो मैं डोरमैन देख रही थी।

ये सुन कर वीर हसी आ जाती है और काव्या कूद कर उसकी गोद मैं बैठ जाती है।

और अपने हाथो से उसे समोशा खिलाने लगती है।

काव्या – यू आर बेस्ट पापा ।

तभी वहां पर तनु आ जाती है और वीर को देखती है तो उसकी आंखें भर आती है।

तभी साक्षी की नज़र तनु पर पड़ जाती है, और उसको देख कर साक्षी की आवाज़ भारी हो जाती है और वो उसके पास आ कर कहती हैं क्या हुआ।

तभी साक्षी की भारी आवाज़ सुन कर तनु की आंखे लाल हो जाती है।

तभी तनु चुप चाप उसके आगे जा कर उसे बाहों मैं भर लेती है और उसके होठ पर अपने होठ रख देती है।

Dreary-Imaginary-Catfish-max-1mb

साक्षी उसे हटाने लगती है और तनु उसके गाल पकड़ कर के वापिस पकड़ लेती है होठ चूमने लगती है।

lesbians-lesbian

अनु – तुम दोनो बेशरम की तरह ये क्या कर रही हो इसलिए बचपन से तुम दोनो को मेरी मां अलग कर दिया करती थी।

तभी साक्षी तनु आंख मैं देखती है और कहती हैं देख तू बता दे क्या हुआ वर्ना तू अच्छे से जानती है मैं क्या कर सकती हूं।

तभी अनु जो समोसा खा रही थी वो डर जाती है और कांपने लगती है, अपनी बहन की ऐसी डरवानी आवाज सुन कर वो कांप जाती है और तभी तनु उसे बाहर जाने का इशारा करती है।

अनु जाने लगती है लेकिन उसे आज भी बचपन की कुछ बातें याद आ गई और वो कांप जाती है।

तभी अनु बस वीर के बाजू में बैठ जाती है और उसका हाथ थाम लेती है।

तनु – क्या करेगी तू, हा मैं तुझे डरती हूं क्या।

साक्षी – डरती तो मैं भी किसी से नहीं, तू भी जानती है।

इतना कहते ही साक्षी की आवाज़ भारी हो जाती है बाल अपने आप खुल जाते है, उसके नाक में एक बड़ी सी बाली आ जाती है।

तनु – जिस चीज की डर था वही हुआ, वीर के प्यार ने इसे जगा ही दिया , साक्षी अपने असलियत में आ चुकी थी।

साक्षी – तू सच सच बता दे क्या छुपा रही है, वर्ना अच्छा नहीं होगा, तेरी आखों में आसू क्यों थे।

तभी वीर पता नहीं कहा से रूम में आ जाता है और पीछे से   साक्षी को जकड़ लेता है।

वीर – आप बहुत अच्छी लग रही हो ऐसे बड़ी बड़ी बाली में, क्या बात है कही जा रही हो क्या मुझे छोड़ कर।

वीर पीछे से उसकी कमर को जकड़ लेता है और साक्षी वीर की पकड़ मैं थी और उसके हाथ में अपने हाथ रख देती है और कहती है मैं कहा जाऊंगी आपको छोड़कर भला।

तभी तनु कहती है देखो ना वही तो।

साक्षी को वीर बहुत कस के जकड़ लेता है और साक्षी कहती है फिर से लड़ लिया तुम दोनो ने, अच्छा चलो तुम बाहर मैं आती हूं।

वीर फिर बाहर चला जाता है और साक्षी अब वापिस नॉर्मल आवाज मैं आ जाती है और कहती है तू कुछ तो छुपा रही है।

तनु – नहीं छुपा रही , वैसे भी तू जानती है मेरा गुस्सा जो भी था वो मैं सभाल ले रही।

साक्षी जाने लगती है और तभी तनु उसको मासूम नज़र से देखती है।

साक्षी – चल अच्छा सॉरी मुझे लगा , तुझे कोई दिक्कत है , वैसे भी मुझे कोई शौक नही है तेरे पीछे आने का हु।

तनु उसे जकड़ लेती है , और साक्षी कहती है हाए अब रात को लेस्बियन करेंगे ही ही ही ही।

तनु – हट छीनरी कही की।

साक्षी – ही ही ही ही अच्छा हट मैं जा रही मुझे अच्छा नहीं लग रहा ऐसा लग रहा जैसा मेरी जान कोई लेना चाहता है, कोई मेरे वीर को छीन लेने चाहता है।

तनु – धत ऐसा नहीं होगा, हमारा वीर तो बस हमारा है ना, मेरे होते हुए कुछ होगा भला, लेकिन तू देख मैने वीर को पा लिया उसका प्यार तू तो अभी भी नहीं पा पाई ।

साक्षी – ज्यादा मत बोलो समझी , मुझसे वो बहुत प्यार करता है।

तनु – डायन कही की।

साक्षी – तू डायन मत कहा कर अच्छा नहीं लगता।

तनु – ठीक है य

साक्षी – मैं जा रही तू गांड़ मारा वैसे भी वीर को मेरी जरुरत है।

तनु – आज बच गया सब वर्ना रायता फैल ही जाता, मुझे अपने जज़्बात संभालने पड़ेंगे, क्युकी साक्षी को रोक पाना किसी के बस की बात नही।

तनु – साक्षी को खतरा महसूस हुआ , इसीलिए आज वो अपने असली अवतार में आ गई थी, लेकिन वीर को साक्षी के इस रूप में भी अपनापन दिखा रहा था इसलिए उसने साक्षी को संभाल लिया।

तनु एक टक वीर को देख रही थी कैसे हम दोनो टूटे हुए थे और जी रहे थे फिर ये भाई साब आए।

तनु – इतने लात घुसा खा कर भी वो वीर को मुझ मैं प्यार दिखा और उसके प्यार ने मुझे वापिस पहले जैसा कर दिया, और ठीक यही साक्षी के साथ भी हुआ, उसे एहसाह दिला कर की वीर उसके बिना कुछ नहीं है, और ये सच भी है की वीर हमे बहुत चाहता है।

तनु – बड़ी मां आज आप होती तो हमे देख कर बहुत खुश होती, देखो हम पहले जैसे हो गए , आप जैसा चाहती थी वैसे हो गए हम साक्षी बिलकुल पहले जैसी हो गई नटखट , शैतान , प्यारी सी इमोशन से भरी और मैं भी वैसे हो गई।

तनु – आपके जाने के बाद हमने वादा किया था हम कभी अपनी असलियत नी अपनाएंगे, भूल जाएंगे ये दुनिया बस नफ़रत से भरी है हवस से भरी है इसी वजह से हमने सब छोड़ दिया था ,क्युकी ये दुनिया मैं हमरा कोई नहीं था लेकिन फिर वीर आया उसने हमे एहसाह दिलाया प्यार का सहारा दिया और उसने हमे पहला जैसा कर दिया।

तनु – आपकी मौत के वक्त हम कुछ नहीं कर सके छोटे था, लेकिन अब वीर ने हमे जीना सीखा दिया और अगर उस पर किसी ने आंख भी उठाई तो हर उस आंख को बंद होना पड़ेगा।

तनु – छोड़ो ये बात , पुरानी बात को छोड़ो वैसे भी हमे बस वीर से मतलब उसे कुछ नहीं होने देंगे, उसे गधे को ये बात पता चल भी गई तो भी उसे फरक नहीं लड़ेगा।

तभी वीर को देखती है तनु और वीर उसे देख कर दूसरी तरफ सर कर लेता है।

तनु को हसी आ जाती है और कहती है अच्छा बच्चू हमसे चालाकी मैं भी देखू कैसे रूठे रहोगे , ज्यादा ही गुस्सा हो गई।

तभी तनु बाहर आती है और वीर की तरफ आगे बड़ती है और वीर उसे इग्नोर कर देता है और चुप चाप उठ कर tv देखने जाने लगता है तभी तनु भी जाने लगती है और कुछ सोच कर रुक जाती है और देखती है साक्षी अनु को बाहों मैं भर कर फुसला रही थी।

अनु अपनी बाहों को फैला कर तनु को आने का इशारा करती है।

तनु उसकी बाहों मैं आ जाती है और गले लगा कर कहती है हम दोनो ने नाराज़ है तू।

अनु – नहीं गुस्सा करती हो, लेकिन प्यार भी तो करती है हमसे।

तनु – तू बेस्ट है मेरी बहन।

अनु – ही ही ही ही मैं तो हूं ही बेस्ट सबकी लाडली हूं मैं, वैसे आप दोनो के होते हुए , हम सब को कौन छू पाएगा।

साक्षी – ए तू जा पहले अपने गुबार को मना ले वर्ना मैं अन्दर चली जाऊंगी।

तनु – तूने तो इसे मना लिया , साक्षी।

साक्षी – 2 घंटे से मना रही तब मानी वर्ना ये भी गुबार बन कर बैठी थी।

तनु हस्ते हुआ अंदर चली जाती है,

********************

Well well well well……

Aap hamre villains ke baare jaan hi gya hai…. Toh herione ke baare main bhi thoda jaan lo….. Ye update bas sakshi ke liya tha….🤷 Sakshi ke paas bhi power hai…. And normal question tha abhi tak use kyu nhi ki power toh pad kar samaj gya honge….past se juda hai mom sakshi ki mom…. Aur next update bas romance par rhega aur shayad thoda bahut villains ke upar rhe…. Pad kar smaj jaoge….but sakshi kya hai jaan jaoge dhere dhere ….. Bye bye saionara ….. Revos jarur dena…..

Please complete the required fields.




Leave a Comment

Scroll to Top