You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 21 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 21

अपडेट 21

तभी तनु की आंखें पूरी रेड हो जाती है और उसका चहरा नागिन जैसा होने लगता है।

फिर पूरे जंगल में बस चीख ही चीख फेल जाती है।

नहीं नही नही आआआआहहहहह

अब आगे ——

वीर – अरे बहन चोद गांड़ फट गई टायर चेंज करते करते उफ्फ मम्मी चलो घर चलते है अब, अब निकला हूं तो अनु और काव्या के लिया कुछ ले कर चलता हूं।

वीर अपनी कार की दिशा मिठाई की दुकान की तरफ़ कर देता है जिससे कार चल पड़ती है।

और फिर वीर खाने का सामान ले कर घर की ओर निकल पड़ता है।

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रचना एक कमरे में इधर से उधर घूम रही थी, “जाऊ या ना जाऊ , कही गुस्सा ना हो जाए वो, लेकिन गुस्सा क्यो होगी वो भला”

तभी रचना के कानो मैं आवाज जाती है

आआआहह मम्मी रे

इतना सुनते ही रचना तेजी से भागती हुए उसके रूम का दरवाजा खटखटा देती है।

थोड़ी देर बाद अंजली डोर ओपन कर देती है।

रचना अंजलि का  मासूम चहरा देखते ही देखते खो गई थी।

अंजलि उसे जगाती है “क्या है हा, क्यो आई हो मेरे पास जाओ ना”

तभी रचना होश में आती है और चिल्लाती है तुम्हारा दिमाग सही नही है क्या इतना लेट होता है डोर ओपन करने मैं और चिल्लाई क्यो थी।

अंजली उसका अचानक से बदला behaviour देख कर ही दंग रह गई।

तभी रचना उसे धकेल कर अंदर आती है और पूरे रूम को देख ताक रही थी और तभी उसकी नज़र अंजली के हाथ पर पड़ जाती है और जैसे ही वो देखती है तो वो देखती ही रह जाती है।

और फिर दौड़ कर जल्दी से उसका हाथ पकड़ लेती है, और चिल्लाती है, “दिखाई नहीं पड़ता क्या कैसे कट गया हाथ, ध्यान नहीं दिया जाता क्या तुम्हारा”

फिर रचना जल्दी से दौड़ कर क्रीम ले कर आती है और अंजली को बैठा कर लगाने लगती है, और ये देख कर के अंजली का दिल ही धड़कने लगा बेशक वो अपनी बहन और वीर से प्यार करती थी, लेकिन उसकी इतनी केयर आज तक किसी ने नहीं की थी।

रचना – अब घूर क्या रही हो, बताओ कैसे कट गया।

अंजलि – वो मैने कभी खाना नहीं बनाया, और इसीलिए मैं जब बन रही थी तो मेरा हाथ काट गया।

रचना – आज के बाद तुम कुछ नहीं बनाओगी, समझी मैं खुद बना दूंगी, बात इतनी बड़ी बड़ी करनी है इन्हे अब मुझे क्या देख रही हो।

अंजलि – तो मैं खाऊंगी क्या।

रचना – मैं बनाऊंगी तुम्हारे लिया और तुम वो खा लेना चुप चाप समझ में आया या नहीं।

अंजली बस चुप चाप उसे ही देखने लगती है अपनापन और प्यार क्या होता है उसे धीरे धीरे ही सही रचना से मिल रहा था।

रचना – गुस्सा मत लगवाया करो क्या है।

अंजली कुछ नही कहती उसकी तरफ बड़ कर उसे गले से लगा लेती है और उसे अपने सीने से लगा लेती है।

रचना एकाएक हुए इस हमले से कप जाती है और अंजली उसे अपने बदन से कस लेती है और कहती है थैंक्यू रचु।

रचना – ओ ओके, अब तुम हट सकती हो।

अंजलि – क्यों हट जाऊ अपनी जान के ऊपर से मेरी हो तो दिक्कत क्या है।

रचना – तुम कुछ भी नहीं जानती मेरे बारे में ये प्यार कहा से आ गया, तुम्हारी भलाई के लिए कह रही मेरी किस्मत में नही है कुछ भी।

अंजलि – मैं तुम्हारी किस्मत बदल दूंगी, वादा यहां से तुमको आजाद करा दूंगी।

रचना – देखते है,

अंजलि फिर से उसे पकड़ लेती है और रचना कांपने लगती है और अंजली कहती है क्यो सोते टाइम तो मुझे बहुत छेड़ रही थी और अब मैं खुद पास आ रही तो कप रही हो ।

रचना – में कहा कप रही।

अंजली – अच्छा तो मेरी तरफ देखो।

रचना – मेरा मन मैं चाहे जहा देखू।

अंजली उसकी कुर्ती ऊपर करने लगती है और तभी रचना उसका हाथ थाम लेती है और कहती मेरे बारे मैं तुम्हे कुछ नहीं पता, मेरे बारे मैं जान लेना फिर तुम जो चाहोगी वो करना मैं कभी मना नहीं करूंगी।

अंजली – ठीक है तो बताओ।

रचना – अभी नहीं खाना खा लो रात को आराम से बात करेंगे, क्युकी उसके बाद तुम मुझे छोड़ दोगी और प्यार हवा हो जाएगा, तब तक एक साथ रह लूं , मेरा कोई नहीं है प्लीज़।

रचना जब ये बोल रही थी तो उसकी आंखो में आसू आ गए और ये देख कर अंजली का दिल दर्द करने लगा

अंजली मन मैं कहती है ये मुझे क्या हो रहा है मैं तो इसका इस्तेमाल करने आई थी,  फिर ये मुझे इसको रोता देख कर दर्द क्यों हो रहा है।

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शहर की सबसे बड़ी बिल्डिंग पर सबसे ऊंचे माले पर एक फ्लैट था जिसकी सुंदरता साफ साफ झलक रही थी।

तभी रोहित वहा पर पूल पर था।

रोहित – चूस मेडरचोद जल्दी जल्दी वर्ना

इधर रोहित प्यार से अपना लोड़ा चुसवाने मैं लगा था, उसका मूड बहुत अच्छा था।

तभी एक लड़की अंदर आती है, रोहित सब उल्टा हो गया, जिन लडको को तूने वीर को मारने भेजा था उन सब की लाश के टुकड़े टुकड़े भी नही मिले पास के जंगल में बस सर मिला और बाकी का बदन छोटे छोटे टुकड़ों मैं तोड़ कर फेका गया है डॉक्टर का कहना है बहुत बुरी तरह से मारे गया है और सबसे बड़ी बात यह भी जहर लेकिन मौत बहुत भयानक मिली है।

इतना सुन कर रोहित का दिमाग हिल जाता है और जोर जोर से लड़की का मुंह चोदने लगता है।

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लड़की – घुऊऊ गुऊऊ घूऊ उम्म्मम्मम्म्म अऊऊऊऊ

रोहित – ये मदरचोद हो क्या रहा है

लड़की – एक और बात रोहित

रोहित – क्या है,

लड़की – तुम्हारा एक लोटा बेटा आज तुम जिस कार से जाने वाले थे, उस कार से तुम्हारा बेटा जा रहा था और तुम्हारी कार बम ब्लास्ट हुआ और वो मारा गया।

इतना सुन कर रोहित उस लड़की को गोली मार देती है और चिल्लाता है।

किस मेडरचोड की गांड़ मैं इतना दम हुआ मेडरचोद, मैं पूरे शहर में आग लगा दूंगा , वीर तेरी मां नही चोद डाली मैने तो मेरा नाम रोहित नही , आज तेरी वजह से मेरा दूसरा बेटा मारा गया।

लड़की – ये वीर का काम नहीं है।

रोहित – बहन चोद पता करो सीसीटीवी कैमरा की फोटो निकालो और आस पास के एरिया की फोटो निकलवाओ, सीएम को फोन कर और पूरे एरिया की कमांड लो और मां चोद दूंगा मैं उस लड़के की और वीर तुझे तो हिसाब देना होगा मेरे बेटा का मेरी बेटी का मेरी पत्नी का।

तभी लड़की खड़ी रोहित को देख रही थी।

रोहित – मेडरचोद जितना बोला उतना कर वर्ना तेरी बहन चोद दूंगा और वीर के घर के बाहर गांव में बहन चोद अपने पूरे आदमी फैला दो पता करो किसने मां चोद दी उन लडको कि और सेफ्टी की जरुरत है वीर के पास जरूर कोई और है जो उसकी मदद कर रहा है।

लड़की मन मैं कहती है ये किसने रोहित के अंतिम बेटे को मरवा दिया , अब रोहित पुरे शहर भर में तहलका मचा देगा

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राजेश रमेश का जिगरी यार दोनो साथ बैठे था तभी रमेश कहता है “छोटा मोटा गेम नहीं खेलना का रोहित का काम तमाम ही ही ही ही।

तभी उनके पास एक लड़का आता है और कुछ कहता है जिसको सुन कर रमेश के चेहरे की हवाइयां उड़ जाती है।

रमेश – प्रोब्लम हो गई है भाई , रोहित की जगह उसका बेटा मारा गया।

इतना सुन कर राजेश उसको एक बहुत जोर दार थप्पड मारता है, मदरचोद तुझे बोला था ना, ध्यान दिया कर और अब रोहित मां चोद देगा हम सब की।

रमेश – इतनी जल्दी नहीं , अभी हमारे पास हमारा हुकुम का इक्का है।

राजेश और रमेश कामिनी हसी हसने लगते है।

तभी राजेश किसी को कॉल करता है ” हा रचना पर नज़र रख अच्छा से बाहर मत निकलने देना और  ध्यान रहे।

रमेश – ही ही ही ही रोहित तुम्हारी अमानत हमारे कब्जे में है, लेकिन वीर।

राजेश – मैं होम मिनिस्टर से बात करता हूं, तुम जरा भी टेंशन ना लो , कोई तो है जो उसे बचा रहा , तभी आज वो बच गया, हमारी भलाई इसी में है वीर से दूर रहे।

रमेश – लेकिन अनु और साक्षी

राजेश ,- जब तक रोहित वीर को खत्म नहीं कर देता तब तक हम दोनो कुछ नही करेंगे।

रमेश मन मैं सोचता है तू तनु के होते हुए, साक्षी तक क्या किसी तक नहीं पहुंच सकता जो अपनी मां का सगा न हुआ वो किसी और क्या होगा , मुझे उस रात वीर ने बताया था।

रमेश – कुछ तो राज है, जो छुपा है साक्षी तुम हो क्या , क्या होगा जब साक्षी को पता चलेगा की वो लोग वीर के पीछे पड़े है।

राजेश – आज हमारे पास पैसे है बस ऐसे ही मेहनत जारी रही, तो एक दिन साक्षी तुम यह होगी मेरे पास ,  तुमहरे हर सवाल का जवाब दूंगा मैं याद रखना , तेरी मां के जैसे ही ही

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तनु  अभी भी जंगल मैं बैठी थी और डरवानी मतवाली चाल चलती हुई चली जा रही थी।

तभी उसे पायलो की छन छन की आवाज़ आती है “कहा जा रही है तू”

तनु मेरे रास्ते से हट जा यशस्वी वर्ना अच्छा नहीं होगा।

यशस्वी- अरे आप तो बुरा मान गई , तनु वीर खुराना।

तनु अब होश में आई और बैठ गई और यशस्वी उससे फिर बोली ” अब जा घर अपने वीर को मनाना भी है”

तनु – उन सब को मरना पड़ेगा, जो मेरे वीर की तरफ देखेगा।

यशस्वी- हा तनु बस तेरा वीर , सिर्फ तुम्हरा उस पर बस तुम्हारा हक है

तनु – हा आज उसने मुझे इज़हार किया , और बहुत प्यार किया, अभी जा कर उसे मना लूं, गुबारे जैसा मुंह फूला कर बैठा होगा।

तनु घर की तरफ निकल पड़ती है वो निकलते टाइम सोचती है मैने सोचा भी नहीं था वीर तुम मुझसे इतना प्यार करते हो पक्का अब कभी तुम्हारे प्यार को बदनाम नही करूंगी हावस नही कहूंगी , मेरा भी कोई अपना है जो मेरी फिक्र करता है , जिसे मुझसे प्यार है जो मेरा गुस्सा उठाता है नखरे उठाता है, वादा तुम्हारी ये फेवरेट पत्नी हमेशा तुम्हारा ध्यान रखेगी और तुम्हारी दोनो पत्नियों का दिल जीताना भी सीखा देगी।

तनु – उस चौथी का भी हूं हरामजादी।

इधर तनु के जाते ही यशस्वी जल्दी से पानी पीने लगती है जिसका बदन अभी भी कांप रहा था और वो बोलती है बच गया आज शहर वर्ना तनु समसाम बना देती, वीर तुमको मैं क्या बोलूं तुमने तनु से प्यार किया , उसके जिस्म से नही नाग रानी का दिल जीत लिया आज तुम्हे उससे सब से ज्यादा प्यार है।

(ये बात तो वीर ही जनता था कितने पापड़ और झापड़ खाए है दिल जीतने के लिए).

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