अपडेट – 1
सुबह का टाइम था और चिलाने कि आवाज़ से sid कि नींद खुलती है।
मादर चोद तुमको एक बार बोला है सुबह सुबह नाटक मत पेला करो लेकिन बिना मार खाए तो तेरा दिमाग नी चलता ना
साक्षी – मुझे माफ़ कर दीजिए मै अभी आपके लिया ठंडा पानी लाती हूं
*Chataaaak* *chataaaak”
वीर – बोला था तेरे बाप को डिवोर्स के लिए लेकिन नी तुझे तो मेरे साथ ही मा चुदानी है ना
साक्षी – मुझेसे ऐसा क्या हो गया जो इतनी नफरत करते हो मैंने तो कभी कुछ नी किया ना कुछ मागती हूं
वीर – जाबान ना लड़ा मुझसे समझी वरना यही ज़िंदा गाड़ दूंगा रास्ता छोड़ मेरे काम पर जाना है
वीर के जाते ही sid नीचे आता है और कहता है क्या हुआ मा आप रो रही हो मत रो ना सब ठीक हो जाएगा आप बात ही क्यों करती हो ऐसा गिरे हुआ इंसान से
• Chataaak*
थापड़ इतना जोरदार था कि पूरे हाल में आवाज गूंज गई
साक्षी – इसी दिन के लिए पैदा किया तुझे बाप है वो तेरा तेरा साथ तो हमशा अच्छा से रहता है ना तो याद रखना मेरे पति के बारे में मैं एक वर्ड भी बर्दास नी करूंगी अब जा और नहा कर आ।
Sid आंखों में आसूं लेकर नहाने निकल जाता है।
और जब वो नहा कर आता है तब उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है जो उसको दीवाल से टेक लगा कर देख रही थी
साक्षी – चल स्कूल जा अब और सॉरी में ज्यादा गुस्सा हो गई थी।
Sid – कोई बात नी कैसे मॉम आप बहुत सुंदर हो पापा तो बहुत लकी है आपको पा कर
साक्षी – मम्मी को ऐसा बोलता है बदमाश चल भाग
Sid – ही ही ही मम्मी बाय
Sid फिर स्कूल के लिए निकल गया रास्ते में उसको कुछ लोग की आवाज़ सुनाई पड़ी
अबे ये तो वहीं है वो साक्षी का बेटा साली की मा बहुत मस्त है
इसी तरह स्कूल आ गया और sid चुप चाप अपनी डेस्क पर आ गया
जहा पर उसके बगल एक लड़का आता है और कहता है क्यों बे गांड़ू हट साइड
Sid – मे क्यों जाउ मै पहले आया ये मेरी जगह है तुम जाओ
लडका sid को देखते हुए चला जाता है।
लड़का के दोस्त उसके पास आते है और उससे पुछते है क्या हुआ बे ऐसा क्या सकल बना रखी है
लड़का – अबे वो हड्डी साला sid उसने सब के सामने मेरी बेजाती की
दूसरा लड़का हस्ता है और कहता तू देख अब मैं क्या करता हुं ऐसा चीज मैं साले को फसुंगा की अब स्कूल ही नी आयेगा साला
तभी वो लड़का कहीं चला जाता है और दूसरा लड़का sid के पास जा कर कहता है
Sid तुमको science की मैम दिव्या बुला रही है।
Sid – कहा पर है मैम
लडका – लाईब्रेरी में
Sid वाहा से निकाल जाता है और जब वो पास ही होता है तभी उसको कोई धक्का देता है और वो सीधा रूम में गिर जाता है और फिर कोई गेट बंद कर देता है।
Sid देखता है वहा पर दिव्या पुरी नगी लेटी हुई होती है जो रो रही थी
Sid बिना कुछ सोचे अपनी शर्ट उतार कर उस पर डाल देता है तभी दिव्या रोने लगती है
बचा लो मुझे प्लीज़ कोई
और जोर जोर से चिलाने लगती है और रोने लगती है
Sid – डर जाता है और कहता है मैम प्लीज़ ऐसा मत करो मेरा कोई नी है मैं बर्बाद हो जाऊंगा मैंने तो आपका कुछ नी बिगाड़ा है
लेकीन तब तक गेट टूट जाता है गार्ड आ कर सिड को बहुत मरते है
और फिर वीर को कॉल कर के बुलाया जाता है और मामला को शान्त करने की कोशिश की जाती है
वीर आता है तो देखता है sid को बहुत बुरी तरह से मारा गया है
वीर साक्षी को सारी बात बताया और उसको भी आने को बोला वो भी वहीं आ जाती है और वीर ने वहीं सबके सामने सक्षी और sid को मारना शुरू कर दिया और फिर दोनों को ले कर घर ले कर निकाल पड़ता है।
Veer- कर दिया नाम रोशन क्यों तेरी जगह मैने काजल से शादी की होती तो आज ये मनहूस को ना देखना पड़ता साला हड्डी
साक्षी sid को नफ़रत भारी नज़रों से देखती है और कहती है काश तुझे पैदा होते ही मार देती
Sid- हा मार देती बचपन से ले कर आज तक यही सून रहा हा हूं पतला तो क्या करू क्या किसी ने मुझसे पूछा कि मैंने क्या किया
वीर – चुप हो जा क्या पूछ दुनिया पूछ रही है sid और किस किस को जवाब देगा अपनी बेगुनाही का
Sid- मॉम आपको भी यही लगता है
साक्षी कुछ और कह पाती तभी कार का blance बिगाड़ जाता है और कार सीधा पहाड़ी से लड़ जाती है और वीर बहुत जायदा जख्मी हो जाता है और sid भी किसी तरह लगड़ते हुआ बहार आता है वो देखता है कि उसकी मा और बाप बेहोशी की हालत में पड़े है
Sid – I am sorry mom dad मैं अच्छा बेटा नी बन पाया मैं कयार हूं नी रह सकता इस शरीर में आप दोनों खुश रहो ऐसा कह कर sid पहाड़ी से कूद जाता है।
Ider टाईम पर अस्पताल ले जाया जाता है लेकिन वाहा पर वीर का ब्लड बहुत जायदा जाने की wagah से वीर मार जाता है।
वहीं साक्षी पीछे होने की wagah से ठीक थी जो बस बेहोश हुई थी वो अब पूरी तरह से ठीक थी।
ईधर sid मर तो गया था लेकिन तभी एक साया उसके पास आता है और उससे कहता है बच्चे ये तूने क्या किया तेरी उमर तो पुरी नी हुई
Sid- में नी जी सकता ऐसा शरीर मैं नी देख सकता और दर्द नी है मुझमे और हिम्मत
साया – तुझे नया शरीर देता हूं और सब ठीक करना का एक मौका आज से तेरी sid वाली लाईफ ख़तम अब तुझे नया शरीर देता हूं अब तेरे ऊपर है तेरी किस्मत जा मै भी देखता हूं कैसी जिंदगी दे पता है साक्षी को तू
तभी sid जोर जोर से सांस लेना लगता है और फिर वो बेहोश हो जाता है और जब उसकी आंखे खुलती है तो वो अपना आप को बेड पर पाता
Sid – मैं कहा हूं
तभी उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है
जो डर से काप रही थी और कहती है आप अपने घर पर है 1 ऐक्सिडेंट के बाद अब होश में आया है आप प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिए ये मेरी Wagah से हुआ है सब आपकी हालात मुझे मत मरियगा
Sid- मॉम
साक्षी – क्या
Sid – कुछ नहीं ज़रा चाय मिलेगी
साक्षी – अजीब सी नज़रों से sid को देखती है और फिर चली जाती है।
फिर sid washroom की तरफ जाता है और जब वो सीशे में अपना चेहरा देखता है तो देखता रह जाता है
Sid का चहरा बहुत ज्यादा चमक रहा था बेशक उसका ये चेहरा वीर का था लेकिन sid की आत्मा की वज़ह से उसका चेहरा बहुत अच्छा लग रहा था उसको उम्मीद नी थी कि वो इतना सुंदर हो जाएगा
Sid- अब से मै वीर ही हूं मतलब अब से मै वीर बन कर रहुंगा लेकिन कैसे मुझे कुछ पता नी है अब मैं मॉम को बस खुश रकुंगा।
वीर फिर बाहर आता है और रसोई में काम कर रही साक्षी को देखने लग जाता है
तभी साक्षी की नज़र उस पर पड़ जाती है और वो फिर से डर जाती है
साक्षी – आ आ आपको कुछ चाहिए था क्या
वीर – ना नहीं तो मुझे कुछ नी चाहिए
साक्षी – बस 2 मिनट रुक जाइए मैं चाय लाती हुं
वीर आज पहली बार साक्षी के उभार को देख रहा था उसके ऊपर और नीचे हो रहा चूचे जो डर रही थी वीर से
फिर वीर तेजी से सास लेते हुए चला जाता है।
और थोड़ी देर बाद साक्षी चाय ले कर आती है और वीर की तरफ कर के कहती है ये लीजिए
वीर चाय पकड़ लेता है
वीर – थैंक्यू
साक्षी – अजीब नज़रों से वीर को देखती है और जाने लगती है
वीर थोड़ी देर बाद फिर से उठ जाता है और साक्षी के पास जाने लगता है जो दूसरे रूम में थी
इधर साक्षी वीर को देख कर जल्दी से खड़ी हो जाती है और कापती हुई कहती है माफ़ कर दीजीए चाय अच्छी नी बनी क्या मैं दुबारा बना दूंगी प्लीज
साक्षी इसलिए इतना वीर से डरती है क्युकी वीर पहले उसको हर छोटी छोटी बात पर मारता था।
वीर जल्दी से डर कर पीछे हो जाता है और कहता है नी वो बात नी है मैं बस आपके साथ चाय पीना चाहता था।
साक्षी वीर को देखती है आज उसने पहली बार वीर के मुंह से कुछ ऐसा सुना
तो वो डरते हुए वीर के बाजू में बैठ गई वीर बहुत डर रहा था
लेकिन उसने धीरे से चाय पीना शुरू किया।
वहीं साक्षी की डर जाती है और उससे चाय गिर जाती है और वीर उसको अपनी चाय पीने के लिए देता है
साक्षी एक घुट पी कर चली जाती है खाना बनाने।
इधर वीर सोचने लगता है मॉम मेरे पास क्यों नी रुकती और वो रावासा हो जाता है।
तभी उसको वो सब याद आता है कि वीर कितनी बुरी तरह से मारता था साक्षी को ऊपर से रात को उसने हमेशा साक्षी की चीखें ही सुनी थी कभी सिगरेट से जलना तो कभी कुछ वीर ये सब करता था जिसकी वजह से आज साक्षी वीर के साथ तो है लेकिन बस फ़र्ज़ अदा कर रही थी उससे डरती है प्यार तो कब का मर गया था उसका।
तभी sid अपने कहता है ये नया वीर है मॉम मैं आपको हसना सीखा दूंगा
लेकिन पता नी जब भी मॉम को देखता हूं तो हार्ट बीट क्यों इतनी बढ़ जाती है।
फिर वीर खडा हो जाता है रसाई के पास और चुपके से साक्षी को काम करता हुआ देखता रहता है।
इधर साक्षी पता नी क्या हो गया है पीछे पीछे आए जा रहा है मेरे पहले ही मैं अपने बेटे को खो चुकी हो।
साक्षी की नज़र फिर से सामने लगे सीसे पर जाती है तो वो देखती है कि वीर उसको चुपके से देख रहा है
साक्षी – ये अब मुझे क्यों घुर रहे है तभी साक्षी देखती है कि वीर की नज़र उसकी उभरी हुई गान्ड पर थी जिससे वो शॉक हो जाती है और चुप चाप अपना काम करने लगती है
1 घंटे में सारा खाना रेडी हो जाता है और तब वो सोचती है वीर को बुला कर खाना को दे देती हूं
लेकिन जैसी ही वो पलट के देखती है वीर खडा उसको देख रहा था
साक्षी – हाए दैया रे ये 1 घंटे से मुझे घुर रहा है
साक्षी खाना लगाने के लिए टेबल की तरफ जाती है तो वीर उसके पीछे जाता है
साक्षी – कुछ चाहिए क्या
वीर – न न न नहीं तो
वीर को इतना घबराता देख वो डर जाती है कि कहीं वीर उसको पिटे ना
साक्षी – वो खाना खा लीजिए
वीर – आप नी खाओगे
साक्षी इतना सुनते ही डर कर कापने लगती है और फिर वो सोच में डूब जाती है
Past —–
वीर – खाना नी खाओगी तुम
साक्षी – खाऊंगी
वीर – खाऊंगी तो बैठ ना
साक्षी जैसे ही बैठती है वीर उसको एक जोर दार लात देता है और वो गिर पड़ती है
वीर – सून औक़त में रहा कर नीचे बैठने की औकात है तेरी अगली बार से बोलना ना पड़े और जा कोने बैठ जा
Present —–
साक्षी – नी खाना है अभी आप खा लो
वीर – मेरा भी मन नी है अभी बाद में खा लूंगा
साक्षी – आपको तो ऑफिस जाना है ना
वीर – बेमन से खाने लगता है तभी वो कहता है आज नी जाना रेस्ट करना है मुझे
साक्षी फिर एक कोने जा कर अपनी प्लेट ले कार खाने लगती है और फिर वीर उठ जाता है साक्षी को देखता है तो वो कोने मैं बैठी होती है और खा रही होती है नम आंखों से
वीर भी अपनी प्लेट ले कर कर उसके पास बैठ जाता है और जब देखता है तो साक्षी रों रही थी
वीर – प्लीज मत रोइए आप मैं पक्का ऑफिस जाऊंगा आप मत रो
साक्षी को तो जैसे अपने कानो पर भरोसा ही नी हुआ वो चुप चाप खाना लगती है
वीर भी चुप चाप खा लेता है और चुपके चुपके से साक्षी को देखता है और स्माइल कर के खाने लगता है
साक्षी कुछ भी कर के वीर से दूर होना चाहती थी उसको डर था कि कहीं वीर फिर से ना मारे पुरानी और गंदी याद आसानी से पीछे नी छोड़ती
इधर वीर का खाना ख़त्म हुआ तो वो रसाई मैं अपनी प्लेट ले जाने लगता है।
साक्षी को ये देख कर हिचकी आ जाती है और वीर उसके लिए पानी ले कर आता है और कहता है आराम से खाओ
साक्षी जल्दी से ख़तम कर के रसोई मैं आती है और देखती है वीर फिर उसके भरे हुए शरीर को देख रहा था
साक्षी – हम्म ठरकी कही का
वीर – फिर साक्षी के बगल में आता है और कहता है वैसे अगर मैं ऑफिस ना जाउ तो कुछ प्रॉबलम तो नी होगी
साक्षी कुछ नी कहती
वीर फिर उदास हो कर चला जाता है वो चाहता था साक्षी उससे बात करे
वीर फिर ऑफिस की ओर निकल जाता है उसको ये पता था कि उसके बाप का tour and travel का काम था वो मालिक थे।
वीर आफिस जाता है एक लड़की वहा पर मौजुद रहती है
लड़की वीर को देख कर बोली सर वेल्कम
लड़की – सर 2 स्कॉर्पियो ट्रिप पर जाने वाली है तो उसकी आप फोन कर दीजिए।
वीर ने ऐसा ही किया और तभी वीर की अकाउंटेंट स्वाति आ जाती है।
Swati- इस month का profit उतना नी है लेकिन हा बहुत है तो ठीक है ना
वीर – हा हा ठीक है
तभी वीर की नज़र बहार एक कपल मैं पड़ती है तो लड़की लड़के को अपने हाथों से खाना खिला रही थी।
वीर तभी लड़की से कहता है ये लड़की उसको खाना क्यों खिला रही है
लड़की – अरे वो पति है ना उसका
वीर – और पत्नी गुस्सा हो तो
लडकी – तब आपको गिफ्ट देना चाहिए मैम को वो मान जाएगी
दिन भर वीर ऑफिस मैं रहा और शाम को एक shop पर जाता है और जीन्स और टॉप ले लेता है और घर पर चल पड़ता है तभी उसकी नज़र एक कपल पर पड़ती है को खाना खा रहा थे और खाना खाते टाइम लड़का अपना पैर लड़की के पैर पर रख कर छेड़ता है
वीर – अच्छा तो वाइफ के साथ ऐसा करते है अब मैं समझ गया मैं भी ऐसा करूंगा
फिर वीर घर आता है और फिर उसको याद आता है कि उसने कपड़े तो लिए है लेकिन वो साइज सही है या नी उसको नी पता
एक काम करता हूं वो साक्षी अभी बाथरूम में है तब से में चेक कर लेता हूं ये सोच कर उसके गाल लाल हो जाते है
और फिर कहता है में कितना गन्दा इंसान हूं
वो अलमारी में जल्दी से धुड़ता है तभी उसके हाथ में साक्षी की ब्रा आ जाती है और वो हाथ मैं आते ही वीर डर जाता है और तभी साक्षी आ जाती है जो टॉवेल और ब्रा में थी

वीर – माफ़ कर दो आप मै बस बस बस आप गुस्सा मत होना माफ कर दो
लेकिन फिर वो चुपके से साक्षी को देखता है जो ब्रा मैं थी और आज पहली बार इसको ऐसा देख कर उसकी सास थम जाती है और उसके गोरे से बदन को देख रहा था साक्षी ने उसके फेस को देखा तो वो डर गया और मूड गया
फिर साक्षी ने साड़ी पहन ली और चली गई
साक्षी – बेशर्म पता नी क्या हो गया है सुबह से बदतमीजी करते है
साक्षी के जाने के बाद वीर देखता है तो उसका लौड़ा खड़ा हो कर सालामी दे रहा था वीर शरमा जाता है और चुप चाप bathroom में जाता है और सूसू कर के आ जाता है
फिर साक्षी खाना ले कर टेबल पर लगा देती है और वीर भी आता है
साक्षी – बैठिए खाना लगा दिया है
वीर – आप भी बैठो और खाना खाओ साथ मैं ।
साक्षी डर जाती है और खाने लगती है और साक्षी जब खा रही होती है तभी वीर अपना पैर साक्षी के पैर पर प्यार से रख़ देता है
साक्षी को खासी आ जाती है और वीर डर कर खड़ा हो जाता है
साक्षी – क्या कर रहा है आप
वीर – वो मुझे अपने हाथो से खाना खिलाओ
साक्षी जो अब खाना खा चुकी थी वो जाने लगती है और मूड कर वीर को देखती है
साक्षी – मारना है तो मार दे मैं नी खिला रही हू
ऐसा ही रात हो जाती है और वीर कमरे में लेट हुआ था फिर वो सोचता है कि साक्षी सो गई होगी
वीर जैसे ही कमरे में जाता है तो देखता है साक्षी सो रही थी जिसकी साड़ी का पल्लू गिर हुआ था और उसका पुरी कमर दिख रही थी
साक्षी की ऐसी हालत देख कर वीर का रोम रोम खुश हो गया लेकिन साक्षी जाग रही होती तो वीर उससे नज़रे भी ना मिला पता
वीर चुपके से साक्षी के बगल लेट जाता है और उसकी कमर पर हाथ रखा देता है तभी साक्षी अपनी नज़रे खोल देती है और वीर डर जाता है जमीन पर गिर जाता है
साक्षी मन में सोचती है ये कैसी हरकते कर रहा है सुबह से वो मन ही मन हसी भी आ रही थी उसको
वीर – में तो बस तुम्हरे साथ सोने आया था
साक्षी कुछ नी बोलती वो चुप चाप सो जाती है और रात को उसने अपनी कमर पर वीर का हाथ महसूस किया
वीर को लगा साक्षी सो रही है और वो चुपके से उसकी पीठ पर किस करने जा रहा था तभी उसकी नज़र साक्षी की पीठ पर पड़ी जो पुरी तरह से जली हुई थी जगह जगह सिगरेट से जले हुआ निशान था
और वीर फिर किस नी करता बस रोने लगता है और साक्षी को फील हुआ कि वीर रों रहा है तो वो उठ गई
साक्षी – क्या है आप क्यों रों रहा है हुआ क्या है आपको बहेंकी बहकी बात कर रहा है
वीर – तुम सुबह से मुझसे बात नी कर रही हो तुम्हारी पीठ भी जली हुई है दर्द हो रहा है ना
साक्षी को अब हसी आ रही थी वो किसी तरह कंट्रोल करती है और कहती है नी दर्द नी हो रहा रात हो गई है जाइए सो जाइए
साक्षी कुछ और कहती लेकिन वीर फिर रोना लगता है
साक्षी – क्या हुआ अब
वीर – तुमने मुझे खाना भी नी खिलाया बात क्यों नी करती वाइफ हो मेरी तो ऐसे इग्नोर क्यू करती हो हा वाइफ अपने hubby को खाना खिलाती है तुम मुझे क्यों नी खिलाती
साक्षी अब पागलों कि तरह हसे जा रही थी आज वीर को बचाओ की तरह सिकायत करता देख उसको अच्छा लग रहा था वो यही लाइफ तो जीना चाहती थी
साक्षी – अच्छा सॉरी अब सो जाओ सुबह में अपने हाथों से खिला दूंगी प्रोमिस
वीर चुप चाप सो जाता है और साक्षी बस मन में हसी जा रही थी और कहती है मुझे नी पता तुम्हारे साथ क्या हुआ लेकिन ऐसे person के साथ में लाइफ स्पेंट कर सकती हूं।
साक्षी की हसी नी रुक रही थीं वो पागलों की तरह हस रही थी तभी वीर को लगा कि वो सो गई फिर वीर ने अपना हाथ उसकी कमर पर रख तभी साक्षी ने नींद का नाटक करते हुए करवट ली
वीर हड़बड़ी मैं दूर हुआ और जल्दी से आंखो को बंद कर लिया और साक्षी फिर मन में हसने लगी और वीर को ऐसा तड़पता देख उसको अच्छा लग रहा था
उसका पति आज उसको सुबह से घुर रहा है उसके करीब आने की कोशिश कर रहा है
साक्षी हस्ते हुए कब सो गई उसको पाता नी चला।