लुका छुपी
Update 17
इधर शहर में सपना और अखिलंद्र का जाने का दिन हो गया था । सुबह का वक्त था सपना एक गहरे नींद में सो रही थी और उसकी भाव भंगिमा कुछ ऐसा बता रही थी जैसे वह कोई बेहद कामुक स्वपन देख रही हो, और चेहरे का भाव ऐसा था जैसे किसी ने उसके अंदर अपना लिंग डाला हुआ था ।
और वाकई सपना का स्वप्न ऐसा ही कुछ था वो देख रही थी की कोई मजबूत बांह उसके गर्दन को जकड़ा हुआ है और पीछे के तरफ से अपने मूसल जैसे लंड को उसके भीतर डाल बेदर्दी से चोद रहा है। और सपने में वही व्यक्ति की छ्वी उभर रही थी जिसने रात में सपना के साथ गुदा मैथुन किया था। और उस ख्वाब के गहराई में भी सपना उस व्यक्ति के शरीर की तुलना रिमझिम के ससुर से कर रही थी तब उसे झटका लगा और फिर स्वप्न में जोर लगा कर बीते रात की सारी घटनाओं को ध्यान पूर्वक अवलोकन करने लगी , जैसे स्वप्न में दुबारा से सारा दृश्य एक दृष्टा की भांति देख रही हो।
( जी हां मित्रो, स्वप्न शास्त्र एक अबूझ पहेली है, इसके अनुसार हमे कई बातों का पूर्वानुमान या पिछली हुई घटनाओं की जानकारी मिल सकती है, हमारे अवचेतन मन की अथाह शक्ति से हम सब अवगत नहीं है अन्यथा आप सपना जैसी लड़की की us स्वपन का विश्लेषण सटीक कर पाते)
सपना ने जब ख्वाब के गहराइयों में उतर उस आदमी को जानना चाहती थी की आखिर वो कौन हसीन युवक था जिसने उसके जिंदगी में पहला कामुक सुख दिया जो अविस्मरणीय अप्रतिम था। और सहसा स्वप्न में चुदते हुए अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंची स्खलन को पहुंची ही थी तब तक उसे व्यक्ति का चेहरा सामने झलकने लगा और वो और कोई नहीं, खुद सपना अपने बाबूजी का चेहरा देख रही थी और स्वप्न में ही अपने चूत के अंदर रगड़ खाते हुए लंड का अनुभव भी ले रही थी और फिर अचानक उसकी नींद खुल जाती है सांसे ऊपर नीचे फूलने लगती है और वह आंखे खोल तुरंत करवट लेती हुई कुछ देर सोच में पड़ी रहती है।
तब तक रिमझिम फ्रेश वगैरा होकर चाय लेकर आई और उसके साथ बैठ के पीने लगी और फिर उसने कहा यार कल रात तो मुझे जल्दी नींद लग गई लेकिन ससुर जी भी तो कल जल्दी सो गए थे ” सॉरी यार, तुम्हारा बैचलर पार्टी नहीं करवा पाई मैने” तभी सपना को झटका लगता है और उठ के बैठ गई और आंखे चौड़ी कर सावलिया नजरो से रिमझिम को देखती है।
इस पर रिमझिम पूछती है क्या हुआ तभी सपना मन में सोचती है आखिर इसके ससुर नहीं थे तब कौन था ” हे भगवान कही ये सच में मेरे पापा तो नहीं थे । लेकिन रिमझिम तभी मुस्कराने लगती है और कहती है बुलाया तो पापा को ही था। और छिनारो की भांति हंसते हुए गांड़ मटकाती वहां से चले जाति है और सपना को सारा माजरा समझ में आ जाता है की रिमझिम ने यह गुनाह अपनी सोची समझी साजिश के साथ किया है और अनजाने में एक आगे बाप बेटी को संभोग क्रिया में उतारने का असीम गुनाह किया है। लेकिन साथ ही उसके शरीर में एक अलग तरह का रोमांच ने भी जन्म ले लिया था एक तो अपने ख्वाब में एक मजबूत लिंग से चूत में रगड़ का एक सुखद अनुभव का टीस और दूसरा incest जैसे लाइलाज नशा की खुमारी दोनो अहसास सपना को गुदगुदाने लगे और अपना चेहरा नीचे किए हल्का मुस्कराते हुए सोचती है की चलो मेरे बाबूजी को तो इस बात का पता नहीं है की रात को मैं ही थी।
और तभी सभी कामों से फारिग होकर तैयार हो दोनो बाप बेटी बिदा लेने लगते हैं, और रिमझिम ने दोनो को बारी बारी से मुस्कराते हुए आंख मार कर विदा कर दी।
दोनो बाप बेटी एक अनोखे अहसास लिए घर आते हैं। घर आने के उपरांत दो चार दिनों तक सभी मेल जोल प्यार और मुहब्बत के साथ हंसते मुस्कराते शादी की चर्चा करने लगे थे और सपना और अखिलेंद्र तो मानो पहले की तरह सामान्य सा व्ह्याहार करने लगे और बीती बातों को एक बुरे ख्वाब की तरह भुला देना चाहते थे।
कुछ दिनों में होली का त्योहार आने वाला था और वसंत का मौसम में क्या खुमारी और नशा होती है यह बात आपलोग अभी महसूस कर रहे होंगे ।
तभी एक दिन की बात है दोपहर का वक्त था घर में कोई नहीं था , सपना अपने बहन और मां के साथ बाजार गए हुए थे । शेखर स्कूल गया था और अखिलेंद्र अपने काम में गए थे । बुधवार का दिन था सोनू सिर्फ अकेला अपने घर में था । और अपने कमरे में बैठ कर मोबाइल में x forum की कहानियां पढ़ रहा था। वो सनात्क दूसरे वर्ष का छात्र था । और पढ़ाई की बजाय अक्सर मोबाइल में चूदाई की संसार में खोया रहता था ।
इस क्रम में वो अपना फेक अकाउंट बना कर ट्विटर, इंस्टा, मैसेंजर, फेसबुक , xforum आदि जगहों पर बना कर वहां अपने कामुक भावनाओं को हवा देते रहता था और दिन में एक समय रात को सोते समय किसी न किसी को सोच उसकी तस्वीर अपने मोबाइल में देख कर हत्समैथुन करता रहता था। उसकी रुचि महिला, आंटी , भाभी चर्बीदार लड़कियां में ज्यादा थी । और इन दिनों उसे एक नए वासना की लत लग चुकी थी जिसमे फेक अकाउंट बना कर देश विदेशो के दूसरे क्षेत्र के लोगो के साथ incest चैट और कभी कभी कॉल पर बाते कर एक दूसरे की घर की औरतों के बारे बाते कर अपनी हवस की आग को ठंडा करता था।
यह भी एक तरह का नेक्स्ट लेवल का मजा देता है और इसी मजे में वह रोज अपनी मर्यादा तोडा करता था और फिर पछतावे की अग्नि में जलता था ।
इन दिनों उसने एकाध incest दोस्त से दो महिलाओ की तस्वीर पर एक पे गिरिजा और दूसरे महिला की फोटो पर माला लिख कर के संयुक्त तस्वीर अटैच कर उसे दिखा कर पूछता था की दोनो में कौन ज्यादा मजा देगी चोदने में ।
कोई माला को कहता तो कोई गिरिजा को कहता , रियल तस्वीर भेजने और देख कर मुठ मारने की साहस अभी तक उसमे नहीं आई थी और इस मर्यादा को लांघ नहीं पाता था । जब तस्वीर में उसके incest दोस्त गिरिजा लिखे महिला पर आन्हें भर उसे चोदने की बात करते तो सोनू मानो एक उत्तेजना की लहर में खो जाता था और उस तस्वीर को देख मुठ मार के सो जाता था।
कुछ इस तरह फोटो एडिट कर incest चैट करता था
इसी तरह आज भी वह इसी तरह का कृत्य इंटरनेट पर करने में लगा था और तभी एकाकीपन की वजह से उसके दिमाग में शैतान का वास होने लगा और वह अनायास ही अपने घर में में गिरिजा के कमरे में जाने लगा और कमरे में पहुंच वह बस कुछ देर यूं ही खड़ा रहा फिर भी उस कमरे में वह एक गजब ठरक सा एक अजीब मदहोशी में जाने लगा, ताज्जुब की बात है उस घर में हमेसा अक्सर ही आते जाते रहता था।
पूरे घर के बंटवारे की वजह से दक्षिणी छोर के 4 कमरे और छत का एक कमरा गिरिजा के पति को मिला था जिसमें अब गिरिजा और उसका बेटा ही रहता था।
नीचे के दो कमरों में सिर्फ समान ही रखा होता था और बाकी के भीतर वाले एक कमरा गिरिजा का और उसके बगल में बैठकखाना था और अक्सर उसमे सोनू TV देखता वरना बैठ कर कुछ करते रहता या एक बेड भी था , कभी कभी वहां सो भी जाता था , कभी कभार गिरिजा भी उस कमरे में इस बिस्तर पर सोती थी।
वैसे सोनू का कमरा छत पर था ।
घर में किचन एक ही था जिसने माला और गिरिजा खाना बनाते हुए मिल जुल कर रहते थे और बाथरूम दो बना हुआ था एक नीचे और एक ऊपर छत पर।
अखिलेंद्र के हिस्से में भी ठीक उसी तरह चार कमरे नीचे और एक कमरा छत पर जिसमें शेखर रहता था ।
और छत पर बने बाथरूम में प्राय: घर के मर्द अन्यथा इमरजेंसी में घर की महिलाएं भी यूज कर लेती थी।
कहानी पर आते हैं अब ” सोनू जब उस भीतर वाले कमरे में पहुंचा तब उसे सामने अपनी मां गिरिजा के कपड़ो पर नजर गई वह अनायास यंत्रवत उस कपड़ो को अपने हाथ में साड़ी लेकर जो सिल्क की थी उसे मसलने लगा और फिर सूंघने लगा , उसमें से एक अजीब नशीली खुशबू आ रही थी जो सोनू को पागल बनाए जा रहा था और सोनू अपना एक हाथ से लंड मसलते हुए अपना लंड बाहर निकाल कर अपनी मां की साड़ी को अपने लंड पर लपेट लपाट कर वासना की समुंदर में गोता लगाने लगा ।
तभी उसे अहसास हुआ की कोई आया है और घड़ी देखा तो 2 बज चुके थे । उसे समझ आ गया की उसकी मां स्कूल से वापस आ गई । गांव के ही प्राइमरी कन्या विद्यालय में उसकी मां शिक्षिका थी।
तभी उसने झट पट सब चीज जैसे थी वैसे कर सामने वाले टीवी वाले कमरे में आकर TV देखने लगा ।
गिरिजा घर पहुंच कर सबसे पहले वाशरूम गई और कुछ 5 मिनटों तक मुतते रही। सोनू भले ही अपने कमरे में बैठा TV देख रहा था लेकिन आज पता न क्या हुआ था उसे आज उसे काफी ज्यादा उत्तेजना हो रही थी और बार बार अपना खड़ा लंड को मसल रहा था ।
गिरिजा वाशरूम से निकल रसोई गई और सोनू को खाने के लिए आवाज लगाई , वह एक काफी सख्त किस्म की महिला थी और जब अपने गुस्से में आ जाती तो सोनू की खटिया खड़ी कर देती थी। सोनू की अपनी मां से काफी गांड़ फटती थी क्योंकि उसकी मां शुरू से ही एक सख्त अनुशासन में पालन पोषण की थी। यह भी एक कारण था की सोनू के मन में अपने मां के प्रति प्रेम से ज्यादा हवस ने जन्म लिया था क्योंकि मनुष्यो में किसी भी दबाव और बंदिश ने रहने की वजह से एक भीतरी कुंठा का जन्म हो जाता है और भीतर ही भीतर वह एक बागी होता जाता है। सोनू का भी इसी तरह की मनोविज्ञान था।
और गिरिजा ने फिर से सोनू को खाने के लिए आवाज लगाई लेकिन सोनू को खाने की इच्छा नहीं हो रही थी और होता भी कैसे जिसे लंड और चूत का नशा लगा होता है उसकी भूख मरने लगती है क्योंकि उसे सिर्फ हवस की भूख होती है। उसने अपनी मां को आवाज लगाया की मेरा मन नहीं है खाना खाने का , यह सुनने के बाद गिरिजा ने उसे दो चार लाइन प्रवचन देकर उसे खरी खोटी सुनने लगी, सोनू के इसका कोई प्रभाव नही पड़ा , उसके लिए यह रोज का था और परंतु उस वक्त गिरिजा जितना ज्यादा डांट रही थी उतना ही उसके मन में उसके प्रति गुस्से में एक काम भाव पैदा कर रहा था और तभी उसके एक पसंदीदा incest दोस्त का मैसेज आया , सोनू उसके ऑनलाइन आने का इंतजार बेशर्बी से करता रहता था क्योंकि वह दोस्त एक पाकिस्तान का था और वह भी अपने अम्मी को चोदने की बाते करता था और दोनों मिलाकर फोन पर एक दूसरे की मां के बारे में अनाचार करते थे।
उसने मैसेज में कहा “HI
Sonu – ” Hello”
Incest फ्रेंड” क्या कर रहे हो”
Sonu – कुछ नहीं यार, तू बता क्या कर रहा है।
Incest फ्रेंड – लंड खड़ा है यार और इतना कह कर अपने लंड की एक बेहद आकर्षक फोटो उसे भेज दिया , वाकई में उसका लन्ड काफी मस्त था
सोनू – wow !! यार किसे देख के खड़ा कर लिया यार।
Incest फ्रेंड – आज मैने अपनी मां को नंगी कपड़े बदलते देख ली है यार तब से साली को चोदने को लेकर प्लान बना रहा हूं। तू बता मेरी रण्डी गिरिजा क्या कर रही है।
सोनू को अपनी मां के बारे ने किसी और से गंदी बाते सुनकर काफी ज्यादा उत्तेजना होती थी और वह भी ऐसी बातों में आकर खूब सारी दिल खोल कर गंदी बाते करता था। और पता न उसे क्या हुआ तुरंत अपनी मां की एक तस्वीर तुरंत चोरी से क्लिक कर चेहरा काट (crop kar) अपने दोस्त को भेज दिया, जिसमे गिरिजा अभी अभी खाना खत्म कर के नल के पास से हाथ मूंह धोकर आ रही थी
Incest फ्रेंड – ऊ ऊफएफएफ हाय मेरी रांड मेरी लंड पर आ के बैठ जा । और अपना एक तना हुआ लंड की तस्वीर भेज दिया और लिखा की ये लंड कैसी रहेगी तुम्हारी मां के लिए
सोनू उसका लंड देख अपने मां के बारे में उससे चुदाने की परिकल्पना करने लगा और उसका मुंह सूखने लगा और चेहरा एकदम लाल हो उठा था और बेकाबू होने की स्थिति में आने लगा लेकिन खुद को संभाल के अपने दोस्त को bye बोल कर मोबाइल रख दिया और वही सोफे पर बैठ कर टीवी के तरफ ध्यान कर कुछ नई योजना सोचने लगा जिससे उसके मजा में चार चांद लगे।