Update 42
गौतम आदिल के फ़ोन से नीरज को फ़ोन करता है..
नीरज – हेलो..
गौतम भारी आवाज में – हेलो नीरज..
नीरज – ज़ी कौन बोल रहा है..
गौतम – मैं अजमेर का पुलिस कमिश्नर बोल रहा हूँ..
नीरज डरते हुए – कमीशनर साब?
आदिल फ़ोन म्यूट करके – कोनसे स्कूल गया था रंडी.. अजमेर में कोई कमिश्नर नहीं है..
गौतम फ़ोन unmute करके – हेलो..
नीरज डरते हुए – ज़ी..
गौतम – तुम्हारे घर को पुलिस ने चारो तरफ से घेर लिया है.. तुमने जिस लड़की को भगाया है उसे वापस कर दो.. अपने आप को पुलिस के हवाले..
नीरज – सररर.. हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है..
गौतम – कितना प्यार करते हो?
नीरज – बहुत ज्यादा..
गौतम – हम कैसे मान ले..
नीरज – आप चाहो तो शमा से पूछ लो सर.. मैं उसके लिए कुछ भी कर सकता हूँ..
गौतम – क्या तुम अपने घर के बाहर आ सकते हो? मगर नंगे होकर आना.. हमें तुम्हारे पास कोई हथियार नहीं दिखना चाहिए..
नीरज – सर.. चड्डी..
गौतम – वो पहन सकते हो..
नीरज – आता हूँ सर..
गौतम फ़ोन काटते हुए – तुम हमारे निशाने ओर हो.. होशियारी मत करना..
आदिल हसते हुए – अबे इसकी तो फटी पड़ी है..
गौतम नशे में – अभी औऱ फाड़ेंगे.. वीडियो ऑन रख..
नीरज चड्डी में बाहर आता है औऱ गौतम को देखकर कहता है – तुम?
गौतम पास जाके नीरज की चड्डी नीचे सरका देता औऱ कहता है – शादी मुबारक हो मेरे भाई..
नीरज जल्दी से चड्डी पहन कर – ये क्या मज़ाक़ है.. औऱ जल्दी से अंदर चला जाता है औऱ कपडे पहन कर बाहर आता है..
नीरज – तुम कौन हो..
गौतम मुस्कुराते हुए – भूल गए मुझे? हबीबगंज में शादी का घर.. घर के पास एक खाली मकान.. मकान में अंधेरा औऱ दो अनजान.. अनजानो ने देखा प्यार का मुकाम.. औऱ भगा दिया तुम दोनों को वहा से मेरी जान..
नीरज धीरे से – वो तुम थे.. औऱ ये कौन है..
गौतम – ये मेरा साला मैं इसका जीजा.. उस दिन इसीकी बहन थी मेरे साथ.. क्यों साले साब?
आदिल – रंडी ज्यादा बोल रहा है..
गौतम नशे में – अब्सोल्युटली राइट साले साब..
नीरज गौर से देखकर – पी रखी है क्या? अंदर आ जाओ..
गौतम औऱ आदिल नीरज के पीछे उसके घर में आ जाते गई औऱ छोटे से उस घर में ऊपर पहली मंज़िल पर आगे की तरफ बने कमरे में चले जाते है..
शमा मेहमान देखकर पानी का गिलास देते हुए – पानी
गौतम शमा को देखकर – घर आज कोई नहीं? औऱ तुम अभी तक सोइ नहीं?
शमा – ज़ी?
गौतम – ज़ी नहीं शमा बेगम… जीजाजी.. कॉल मी जीजाजी.. मैं रेशमा का होने वाला यार.. जानने आया तू आपका कितना गहरा है प्यार..
शमा गौतम की बात पर हसते हुए आदिल को देखकर – भाईजान.. पानी..
आदिल पानी लेते हुए – इसकी बातों का बुरा मत मानो… ये थोड़ा दारु पी रखा है…
गौतम आदिल को देखकर – तूने क्या मेरा मूत पिया है.. तूने भी दारु पी है साले..
शमा हसते हुए गौतम से – जीजाजी.. आप बैठिये मैं चाय बनाती हूँ..
नीरज – किसीको मालूम तो नहीं हुआ ना..
गौतम नीरज से – सात देशो की पुलिस पीछे पड़ी है तुम दोनों के.. मैंने रोका हुआ है उनको..
नीरज गौतम की बात सुनकर – शमा.. चाय रहने दे.. नीबू पानी बना औऱ नीबू ज्यादा डालना..
आदिल नीरज से – इसका हर बार का ऐसा ही है.. संभाल नहीं पाता फिर भी पीता है.. बेवड़ा..
गौतम फ़ोन निकालकर रेशमा को फ़ोन करता है
रेशमा – हेलो…
गौतम रोते हुए – रेशु..
रेशमा फ़िक्र से – क्या हुआ गुगु .. तुम ठीक तो हो ना?
गौतम रोते हुए – रेशु.. रेशु…
रेशमा पूरी घबराहट से – क्या हुआ ग़ुगु.. कुछ बोलो ना.. मुझे डर लग रहा है.. मैं अभी तुम्हारे पास आ रही हूँ..
गौतम – रेशु.. तुम्हारे भाई ने मुझे बेवड़ा बोला.. ये बोलकर गौतम जोर से रोने लगता है..
रेशमा ये सुनकर अपना सर पकड़ कर बैठ जाती है औऱ कहती है – कहा था ना कुत्ते ज्यादा मत पीना.. मेरी जान निकाल के रख दी..
गौतम रोते हुए – तुम्हारी याद आ रही है रेशु..
रेशमा – फोन आदिल को दे.. मैं डाटती हूँ उसे..
गौतम आदिल को फ़ोन देते हुए – लो डांटो साले को.. जीजाजी को बेवड़ा बोलता है.. बहन का लंड..
आदिल – हलो आपा..
रेशमा – अरे किसने कहा इसे दारु पिलाने को.. नीबू चटा इसे.. और उतार इसकी शराब..
आदिल – ठीक है आपा..
शमा नीबू पानी लेकर आ जाती है..
आदिल – आपा शमा से बात करो.
शमा आदिल से फ़ोन लेकर बात करती हुई चली जाती है औऱ गौतम एक के बाद एक दोनों गिलास नीबू पानी पी जाता है..
आदिल नीरज से – सिर्फ तुम दोनों ही हो घर में? अंकल आंटी?
नीरज – वो बुआ ज़ी के गए है आज उनके कोई फंक्शन था.. शमा की तबियत खराब थी इसलिए मैं नहीं गया..
गौतम नशे से बाहर आता हुआ – अच्छा किया.. उसका बाप बन्दुक लेकर ढूंढ़ रहा है तुम दोनों को..
नीरज – तुम सच कह रहे हो?
गौतम – रेशमा ने बताया था.. शमा को घर से मत निकलने देना औऱ किसी खबर ना लगे वो यहां है.. अंकल आंटी को भी समझा देना..
नीरज – वो तो खुद नहीं चाहते किसी को पता लगे.. शमा जब से आई है घर से बाहर नहीं गई..
आदिल – अच्छा अब चलते है..
आदिल औऱ गौतम जैसे ही खड़े होते है नीचे का दरवाजा खुलता औऱ नीरज की माँ लीला घर आ जाती है आदिल औऱ गौतम को देखकर नीरज से पूछती है..
लीला – नीरज ये कौन?
नीरज – मेरे दोस्तों है माँ.
लीला – दोनों से नमस्ते बेटा..
आदिल औऱ गौतम – हलो आंटी..
गौतम लीला को देखकर मस्त हो गया औऱ बोला – आंटी आप किसी फंक्शन में गई थी?
लीला – हाँ बेटा.. नीरज ने बताया होगा ना..
गौतम – हाँ आंटी..
लीला नीरज से – बेटा तेरे पापा बुला रहे है एक बार बहु को लेजा मिल ले.. कोई वकील भी है उनके साथ..
नीरज – नहीं माँ इतना दूर नहीं जाऊ..
लीला – जरुरी काम है बेटा.. तब तक मैं खाना बना दूंगी..
गौतम – कोई बात नहीं नीरज तू मेरी बाइक ले जा..
लीला – गौतम को हैरानी से देखते हुए – नीरज..
गौतम – आंटी हमें सब पता है.. हमने ही नीरज की मदद की थी..
नीरज जाते हुए – माँ मैं जाता हूँ शमा को लेकर पापा के पास..
लीला सास में सांस लेते हुए मुस्कुरा कर – बेटा तुम भी खाना खाओगे ना..
आदिल – नहीं आंटी हम चलते है.. मुझे लेट हो रहा है
गौतम – आंटी आप बनाओगी तो मैं तो जरुर खाके जाऊंगा..
लीला – ठीक है बेटा तुम बैठो.. खाना खाके ही जाना..
लीला रसोई में चली जाती है और गौतम कुछ देर बाद रसोई के दरवाजे पर आ जाता है..
लीला गौतम को देखकर – अरे बेटा कुछ चाहिए था..
गौतम – हाँ आंटी.. थोड़ा पानी मिल जाता तो.
लीला पानी देती हुई – लो बेटा.. पिलो..
गौतम पानी पीता हुआ – आंटी वैसे आपको देखकर लगता नहीं है की आप नीरज की माँ हो.. आप तो बहुत यंग लगती हो..
लीला गौतम से गिलास वापस लेकर मुस्कुराते हुए – thanks बेटा.. कुछ औऱ चाहिए?
गौतम – नहीं आंटी बस.. मैं यही खड़ा रह सकता हूँ. अकेले बोर हो जाऊंगा..
लीला – अरे वहा क्यों खड़ा है बेटा.. रसोई के अंदर आजा..
गौतम अंदर आते हुए – thanks आंटी.. वैसे मुझे खाना बनाने का शोक है आंटी.. मैं तो घर पर बड़े चाव से खाना बनाता हूँ..
लीला – तू क्यों खाना बनाता है तेरी मम्मी नहीं बनाती?
गौतम लीला के बगल में खड़ा होकर – होगी तब बनाएगी ना आंटी.. वो तो अपने आशिक से साथ भाग गई.. जब मैं छोटा था..
लीला गौतम की शकल देखकर उसपर तरस खाते हुए गौतम को गले लगा कर – हाय.. इतने फूल से प्यारे बच्चों को छोड़ के चली गई.. कितनी पत्थर दिल होगी वो..
गौतम लीला को अपनी बाहों में जकड़के अपनी तरफ खींच लेता है औऱ उसकी गर्दन के पास होंठ से चूमते हुए इमोशनल ड्रामा करते हुए कहता है – माँ की बहुत याद आती है आंटी.. काश वो भी आपके जितनी ही अच्छी होती..
लीला गौतम के चेहरे को अपने दोनों हाथों की हथेलियों में लेकर गौतम के गाल चूमते हुए कहती है..
लीला – बेटा मैं तेरी माँ तो नहीं हूँ पर तू मुझे अपनी माँ की तरह ही समझ सकता है.. तेरी जब इच्छा हो तू यहां आकर मेरे हाथ का खाना खा सकता है. मुझसे बात कर सकता है..
गौतम मुस्कुराते हुए – शुक्रिया आंटी..
लीला – बता क्या खायेगा? क्या बनाऊ तेरे लिए?
गौतम – फिलहाल एक कप चाय से काम चल जाएगा..
लीला मुस्कुराते हुए – ठीक है बेटा..
गौतम – आपका नाम क्या है आंटी?
लीला चाय चढ़ाते हुए – लीला बेटा.. तेरा?
गौतम – गौतम आंटी..
दोनों में बातें शुरु हो जाती है औऱ जब चाय बनती है तो गौतम से रहा नहीं जाता औऱ वो लीला की गांड पर एक थप्पड़ मार देता है जिससे चाय छन्नी करती लीला का बैलेंस ख़राब हो जाता है औऱ चाय गौतम की जीन्स पर गिर जाती है..
लीला – ये क्या कर रहा है.
गौतम जीन्स पर से चाय साफ करता हुआ औऱ चाय की गर्माहट से झूझता हुआ – मच्छर था आंटी आपकी साडी पर उसे मार रहा था.. अह्ह्ह..
लीला गौतम को दर्द में देखकर – बेटा.. इधर दिखा.. बहुत जल रहा है? कहाँ जला.. दिखा जरा.
गौतम अपने लंड पर हाथ रखकर दर्द में होने का नाटक करते हुए – रहने दो आंटी आप मत देखो..
लीला गौतम का हाथ हटाते हुए – हाथ हटा ना.. दिखा तो एक बार..
गौतम औऱ नाटक करते हुए – नहीं आंटी आप मत देखो..
लीला जबरदस्ती गौतम का हाथ हटाकर जीन्स खोल देती है.. गौतम ने चड्डी पहनी नहीं थी सो गौतम का लम्बा मोटा लोडा उसके सामने आ कर लहरा जाता है जो सीधा शीला के होंठों पर टकर मारता है.
लीला लंड को देखकर सन्न रह जाती है औऱ लंड को ही देखती रह जाती है एक बार के लिए उसकी काम भावना बाहर आने लगती है जिसे वो अंदर ही दफ़न करके रह जाती है..
गौतम कुछ देर बाद वापस दर्द में होने का नाटक करते हुए – आंटी बहुत जल रहा है..
लीला लंड पकड़ कर – कहा हो रहा है बेटा.
गौतम लड के टोपे पर हाथ लगा कर – यहाँ आंटी बहुत जल रहा है..
लीला लंड के टोपे पर हाथ लगाती है तो गौतम सिसकते हुए कहता है – हाथ मत लगाओ आंटी..
लीला – बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है बेटा?
गौतम – बहुत आंटी.
लीला लंड देखकर काम के सानिध्य में आ चुकी थी और गौतम का धागा लाल हो चूका था. उसने लंड पर अपनी जीभ फिरा दी और चूमते हुए कहा – अब ठीक लगा बेटा..
गौतम – हाँ आंटी.. थोड़ा सा दर्द कम हुआ..
शीला लंड मुंह लेकर टोपा चूती हुई – दर्द कम हुआ बेटा?
गौतम लीला को देखकर – हाँ आंटी.. हो रहा है..
इतना कहकर गौतम ने लीला के सर पर हाथ रखकर उसके मुंह में लंड औऱ घुसा दिया फिर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा..

लीला बिना कुछ बोले गौतम का साथ देने लगी औऱ उसका लंड चूसने लगी…
गौतम ने कुछ ही पलों में लीला के मुंह में वीर्य की धार छोड़ दी..
लीला गौतम का मुठ पीकर खड़ी होती हुई – तू ठीक है ना बेटा अब..
गौतम – हाँ आंटी अब बहुत आराम है
लीला भी काम भावना से गौतम को देख रही थी जिसे गौतम समझ रहा था..
गौतम – ठीक है आंटी अब मैं चलता हूँ खाना फिर कभी खा लूंगा..
लीला गौतम का हाथ पकड़कर – बेटा.. तेरी बाइक नीरज लेकर गया है तू उसे वापस लेकर ही जाना.. तब तक मैं तेरा दर्द औऱ ठीक कर देती हूँ..
गौतम भोलेपन का नाटक करते हुए – वो कैसे आंटी?
लीला गौतम को अंदर कमरे में लेजाती हुई – बताती हूँ बेटा.. चल..
गौतम मासूमियत का नाटक करते हुए – यहां क्यों लाई हो आंटी?
लीला – बेटा तूने कभी गाडी चलाई है?
गौतम – हाँ आंटी रोज़ चलाता हूँ..
लीला – वो गाडी नहीं बेटा.. जो औरत के ऊपर चढ़कर चलाते है..
गौतम जान कर भी अनजान बनता हुआ – नहीं आंटी.. मैं तो कभी किसी औरत के ऊपर चढ़ा ही नहीं..
लीला – कितना भोला है तू.. चल आज मैं तुझे गाडी चलाना सिखाती हूँ तेरा दर्द बिलकुल ख़त्म हो जाएगा.. आ लेट जा बेड पर..
गौतम पिठ के बल लेटते हुए – पर आंटी?
लीला गौतम की जीन्स नीचे करके लंड हिलती हुई – बेटा कभी मम्मी ने दूदू भी नहीं पिलाया होगा तुझे? आ मैं पीलाती हूँ..
गौतम लीला के बूब्स पकड़ कर चूसता हुआ – आपके तो बहुत बड़े बड़े है आंटी..

लीला – अहह.. बेटा ये निप्पल्स चूस.. हाँ.. ऐसे.. आह्ह.. अच्छा लगा?
गौतम बूब्स चूसते हुए – हाँ आंटी बहुत अच्छा..
लीला – ये वाला भी चूस ले बेटा..
गौतम दूसरा बूब्स चूसते हुए – आपके दूदू आता ही नहीं है आंटी..
लीला – कैसे आएगा बेटा.. तूने दही जो नहीं डाला मेरे अंदर..
लीला गौतम के लंड को साडी उठाके अपनी फटी हुए भोसड़े में घुसाती हुई मीठे दर्द से – अहह.. बेटा..


लीला लंडपर धीरे धीरे उछल कर चुदवाते हुए मजे लेती हुई आँख बंद कर लेटी है औऱ गौतम मुस्कुराते हुए अब लीला का हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लेता है औऱ उसे पलटकर होने नीचे लेटा लेता है औऱ झटके मारने लगता है.. लीला कुछ ही झटको में झड़कर ढीली पड़ गई पर गौतम लगातर चोदता रहा..

लीला आहे भरते हुए – अहह.. बेटा आराम से गाडी चला..
गौतम – आंटी पीछे से गाडी चलानी है..
लीला घोड़ी बनती हुई – रुक बेटा.. ले चला पीछे से गाडी..


गौतम चुत में वापस लंड डालके चोदता हुआ – आंटी बहुत मस्त गाडी है आपकी..
लीला – तू नंबर लेजा बेटा.. जब भी गाडी चलाने का मन हो फ़ोन कर देना..
गौतम – ठीक है आंटी.. और नंबर लेने के बाद वापस तेज़ तेज़ झटके मारते हुए चोदने लगता है..
गौतम लीला की चुत में घुसा हुआ उसे चोद रहा था औऱ जब वो झड़ने वाला था तभी कमरे में नीरज अंदर आते हुए बोला – माँ पापा ने आपको भी बुलाया है.. औऱ ये कहने के बाद जैसे ही गौतम औऱ शीला को देखा उसका सर चकरा गया औऱ गौतम शीला की चुत में झड़कर ढीला पड़ गया..
नीरज गुस्से में गौतम की शर्ट का कॉलर पकड़कर से – अबे तूने मेरी माँ चोद दी? मैं तुझे जान से मार दूंगा..
लीला साडी नीचे करके – नीरज छोड़ उसे..
गौतम अपनी जीन्स ऊपर करके पहनते हुए – नाराज क्यों हो रहा है.. प्यार से बात करते है.. आंटी देखो ना…
लीला – छोड़ नीरज उसे..
नीरज गुस्से में – नहीं माँ मैं इसका खून कर दूंगा..
शीला नीरज को जमा के थप्पड़ मारती हुई – छोड़ इसे..
नीरज गौतम की गिरेबान छोड़ता हुआ – माँ इसने आपके साथ..
गौतम – आंटी मैं तो गाडी चला रहा था…
लीला – जो हुआ सो हुआ. तू किसीसे कुछ नहीं कहेगा नीरज समझा? चल तेरे पापा के पास चलते है..
गोतम नीरज से – भाई बाइक चाबी देदे मुझे भी जाना है.
लीला मुस्कुराते हुए – तू पहले नीरज औऱ मुझे छोड़ दे फिर जाना..
गौतम – है आंटी..
घर से बाहर आकर..
गौतम – नीरज तू ही चला बाइक.. चाय गिर गई थी मेरी ऊँगली में हल्का सा दर्द है..
नीरज बाइक स्टार्ट करता हुआ बैठ..
गौतम – आंटी बैठो..
लीला – मैं पीछे बैठ जाउंगी तू बैठा जा..
गौतम – गिर जाओगी आंटी आप बीच में बिठो..
लीला बीच में बैठ जाती है औऱ गौतम पीछे..
गौतम लीला के साथ छेड़खानी करने लगता है..
गौतम शीला का चुचा पकड़कर मसलता हुआ शीला के मुंह को अपनी तरफ घुमा के चूमने लगता है..
लीला भी मज़े लेती है औऱ नीरज मिरर से सब देखकर भी चुपचाप बाइक चलाता है और लीला से कुछ नहीं कहता…
गौतम नीरज और लीला को उनके कही जगह छोड़कर..
गौतम – चलता हूँ आंटी..
लीला नीरज के सामने ही गौतम का लंड दबाकर – वापस आएगा ना मिलने बेटा..
गौतम नीरज को देखकर लीला का बोबा दबाता हुआ – जल्दी आऊंगा आंटी… नीरज से शमा का ख्याल रखना..
नीरज गुस्से से लीला और गौतम को देखकर – जा यहां से..
गौतम मुस्कुटे हुए अपने घर चला जाता है..
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