रिंकी exam center के अंदर चली गयी थी लेकिन मेरी निगाहें उसको गेट पर ढूढ़ रही थी। पता नही मुझे क्या हो रहा था एक अजीब सा attraction रिंकी से होने लगा था । रिंकी के शब्द “मेरा इंतजार करना” मेरे कानों में गूँज रहे थे।
और मै उसी पेड़ के नीचे बैठ कर उसका इंतजार करने लगा।
पेपर खतम हो गया था
थोड़ी देर बाद रिंकी बहार निकल आई
रिंकी मुझे देखकर ख़ुशी से झूम उठी.
‘पापाआआआ…..!’ उसने दौड़ते हुए मुझ को आवाज़ दी और खिलखिलाते हुए मेरी ओर बढ़ी.
मैने भी आगे बढ़ते हुए अपनी बाँहें खोल दीं रिंकी आ कर मेरे आगोश में समा गई, मैने रिंकी को अपनी छाती पर भींच लिया था. रिंकी का वक्ष अब मेरी छाती से लगा हुआ था और मेरे हाथ उसकी पीठ और कमर पर कसे हुए थे. मैने आज पहली बार उसे इस तरह गले लगाया था. मेरे बदन में जैसै करन्ट दौड़ने लगा और मैने अपनी बाँहें और ज्यादा कस लीं थी.
कुछ एक क्षण के उन्माद के बाद रिंकी को भी एक पुरुष के जिस्म की संरचना और ताकत का एहसास होने लगा, रिंकी अपने पापा की छाती पर उसके स्तनों का मर्दन कर रही थी, उसका बदन मेरी बाजूओं में इस तरह जकड़ा हुआ था कि वह चाहकर भी मुझसे अलग नहीं हो पा रही थी.
‘पापा…!’ ओह आह, मेरी कसती चली जा रही पकड़ से आजाद होने की कोशिश करते हुए रिंकी ने मुझसे कहा.
‘मैंने उसे अपनी गिरफ्त से थोड़ा आजाद करते हुए कहा.
पेपर कैसा गया वो बोली मस्त मजा आ गया।
‘हाँ पापा…ओह गॉड. आई एम् सो हैप्पी!’ रिंकी ने कहा.
वो बहुत खुश नजर आ रही थी।
दो बजे थे मैने रिंकी से कहा बेटी चल और मजा मस्ती करते है। वो बोली good idea पर कैसे. मैने कहा
आज संडे को फनडे बना कर। (Comptition exam हमेशा sunday को ही होते है)
वो मेरी ओर देखने लगी उसकी कुछ समझ में नहीं आया मैंने कहा आज तुम्हे dimapur घुमाते हैं… रिंकी खुशी से बोली सच हम घूमने जाएंगे मैंने कहा हां मेरी बेबी आज हम घूमने जाएंगे ।
रिंकी के गोरे मुखड़े की रौनक बढ़ गयी ये सुन कर मैने कहा चलें प्रिंसेस रिंकी जी….
मेरी बात सुन कर वो हल्का सा मुस्कुरा दी उसे मुस्कुराते देख मुझे भी राहत मिली फिर हम बाइक के पास आये और मैने गाड़ी स्टार्ट की, और कहा आइए मैडम प्लीज बैठये मेरी इस हरकत पर रिंकी खिलखिला कर हंस पड़ी और बैठ गईं मैंने style मारते हुए बाइक घुमाई।
पर इतने सब मे ही मुझे रिंकी की ओर एक खिंचाव सा होने लगा था और मन मे सोचने लगा कि रिंकी कितनी खूबसूरत और प्यारी हैं क्या incest sex कहानियों में बने हुए रिश्ते ऐसी ही स्थितियों में बनते होंगे ये सब सोचते हुए मैं बाइक चलाते हुए एक मॉल की पार्किंग में बाइक लगा कर के बाहर आया और प्लीज कम मैडम
रिंकी बोली इतना खुश मत करो मुझे पापा जब भी मै ज्यादा खुश होती हूँ भगवान कोई न कोई दुख डाल देता है मैंने कहा रिंकी अब ये सब बातें भूल भी जाओ जो होना था हुआ पर अब ऐसा कुछ नही होने वाला अब से तुम्हारी जिंदगी सिर्फ खुशियों से भरी होगी और मैं रिंकी का हाथ थामे हुए उसे ले कर मॉल के अंदर आ गया।
मैंने कहा सब से पहले आज मैं तुझे शॉपिंग करवाउँगा तो रिंकी बोली अच्छा ठीक है जैसी आपकी मर्ज़ी चलो…. फिर मैं रिंकी को ले कर लेडीज सेक्शन में आया और सब से पहले जीन्स और टॉप निकलवाये काउंटर पर मौजूद सेल्स गर्ल ने नए फैशन की ढेर सारी जीन्स और टॉप का ढेर लगा दिया मैंने कहा पसन्द कर लो…..
फिर रिंकी ने दो जीन्स और दो टॉप सेलेक्ट कर लिये।
फिर मैंने सेल्स गर्ल को कहा नाइटी दिखाओ । रिंकी ने मेरे हाथ पर चुटकी सी नोचि और शर्माती हुयी धीरेसे बोली पापा मै ये नही पहनती हू। मैने उसे कहा तेरी मम्मी के लिये है। सेल्स गर्ल ने कई सारी सिंपल सी नाइटी निकाल दी मैंने कहा कुछ स्पेशल दिखाओ तो उसने सिल्की कपड़े में कुछ खूबसूरत सी नाइटी दिखाई मैंने उनमें से एक ब्लैक और एक रेड कलर की पसन्द कर ली वो सब पैक करवा कर पेमेंट कर के आगे बढ़े।
रिंकी का चेहरा कुछ उतरा हुआ सा दिख रहा था। मैने उससे पूछा क्या हुआ बेटी वो मुह फुला कर बोली कुछ नही मै कोई teenager लड़का तो नही था जो उसके नखरे उठाता लेकिन मै इतना जरूर समझ गया था कि जो नाइटी मैने कुसुम अपनी पत्नी और उसकी मम्मी के लिये ली है वो उस बात से जल गयी है। और रिंकी को अपनी मम्मी से ही जलन होने लगी है।
मै बड़ी ही कश्मकश में पड़ गया था मेरी बेटी मेरी पत्नी से जलन महसूस करने लगी है। जैसे वो मम्मी बेटी नही सौतन हो।
“” शायद मेरी वजह से सगी माँ बेटी में ये कैसा नया रिश्ता बनना शुरू हो गया था””
मैने जब उसकी चेहरे की तरफ देखा तो वो मोबाइल में मेरे और उसके आज बने हुए वीडियो देख रही थी।
मैने रिंकी से कहा क्या हुआ बेटी और शॉपिंग करनी है, वो बोली हा पापा मुझे ब्रा पैंटी लेनी है। मै रिंकी के मुह से ब्रा पैंटी शब्द सुनकर सहम गया। मैने अटकते हुए कहा रिंकी बेटी बनियान अपनी मम्मी के साथ खरीद लेना। वो बोली पापा बनियान नही ब्रा होता और मुझे आज और अभी लेनी है। और वो लेडी अंडर गारमेंट शॉप में घुस गयी।
फिर मैं भी रिंकी के पीछे पीछे अंडर गारमेंट्स वाले सेक्शन में गया वहा सेल्स गर्ल एक की लेडी थी। उसने मुझसे पूछा may I help you sir मैंने कहा इसके लिए अंडर गारमेंट्स चाहिए तो उसने साइज पूछा रिंकी ने जानबूजकर मेरी तरफ मुह करके मेरे चेहरे की तरफ देखते हुए धीरे से बताया 34 साइज की ब्रा और 36 कि पैंटी।
मै ये समझ गया कि रिंकी जानबूजकर मुझे अपना फिगर का साइज बता रही है.
Sales girl ने नार्मल कॉटन की ब्रा पैंटी दिखाई तो रिंकी ने कहा कुछ और दिखाइए कॉस्टली तो उसने नेट की कुछ फैंसी ब्रा पैंटी दिखाई जिनमे सिर्फ नाम का कपड़ा था उसमें से एक रेड कलर का सेट मुझे बहोत अच्छा लगा मैं उसे उठा कर देखने लगा तो वो लेडी बोली sir ये ले लीजिए ये एकदम लेटेस्ट है और mam पर खूब जंचेगा…. वो हमें boyfreind, girlfriend समझ रही थी मैने हैरानी से रिंकी की ओर देखा और उसे टोकने के लिए मुह खोला ही था कि रिंकी ने उसे वो सब पैक करने को बोला और मुझ को चुप रहने का इशारा किया।
मैने धीरे से फुसफुसा कर रिंकी के कान में कहा कि ये क्यों ले रहे ही है तेरे किस काम की ये, रिंकी बड़ी नौटी style में मुस्कुराते हुए कहा पहनने की चीज है तो पहनने के काम ही आएगी । हम पेमेंट कर के आगे बढ़ गये, फिर वो कॉस्मेटिक काउंटर पर गयी और ढेर सारा मेकअप का सामान लैक्मे की लिपस्टिक नेल पॉलिश काजल etc खरीदा मैने एक दो बार उसे मना करने की कोशिश की पर रिंकी ने एक ना सुनी।
सारा सामान ले कर हम वापस मॉल के थियेटर सेक्शन में आ गए लगभग 8000 की शॉपिंग हो गयी थी….. रिंकी ने दो पल के लिए मेरी आंखों में देखा मेरे चेहरे पर थोड़ी सख्ती थी । रिंकी ज्यादा देर मुझसे नजर नही मिला पाई और नजरें झुका ली।
मैने सोचा हो सो गया मैंने दो टिकट फिल्म की ले ली उसी समय का शो था और ज्यादा भीड़ नही थी….. धाकड़ का शो था फिर मैंने पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक लिया और हम अंदर चले गए….. एक कार्नर सीट पर जा कर बैठे और थोड़ी देर में ही फ़िल्म शुरू हो गयी…. मैंने पॉपकॉर्न का बॉक्स रिंकी की गोद मे रख दिया और फ़िल्म देखने लगे…..
मैं बीच बीच मे रिंकी की गोद मे रखे हुए बॉक्स में से पॉपकॉर्न निकाल रहा था और ऐसे में ही बार बार मेरा हाथ अंधेरे में उसके कसे हुए बूब पर लग रहा था।
पॉपकॉर्न खत्म होने पर रिंकी ने मेरा हाथ अपने हाथ मे ले लिया और हम फ़िल्म देखने लगे फ़िल्म में दो तीन काफी गरम सीन थे ।
उधर पूरे थिएटर में ठहाके और गंदे कमेंट्स आने चालू हो गए. ‘चूस ले चूस ले…ओओओओ…मसल-मसल…हाहाहा हाहाहा’ ‘वाह सीरियल किसर…आहाहाहा…’ की आवाजें आने लगी, एक आदमी ने तो बेशर्मी की हद ही पार कर दी थी, ‘डाल दे साली के..डाल डाल…’रिंकी का सिर पास बैठे अपने पापा के सामने ऐसे कमेंट सुन शर्म से झुक गया था और उसका बदन गुस्से से तमतमा रहा था ‘कैसे जाहिल लोग हैं यहाँ पर…बेशर्म…हुह.’ बाकी की फिल्म कब ख़त्म हुई उसे आभास भी नहीं हुआ, उसका पूरा समय वहां आए मर्दों को कोसने में ही बीत गया था.
पर हमने उस पर कोई बात किये बिना चुपचाप पूरी फ़िल्म देखी और फिर जब फ़िल्म खत्म हुई तो हम बाहर आ गए….. पर मेरे सीट से खड़े होते ही रिंकी ने मेरा हाथ कस के अपने हाथ मे पकड़ लिया और वैसे ही हाथ पकड़े हुए बाहर आई हम पार्किंग तक ऐसे ही हाथों में हाथ डाल कर आये और मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ मूवी देख कर निकला हूँ…..…. वो काफी खुश थीं।
अरे रिंकी! बताया नहीं तुमने कि मूवी कैसी लगी तुम्हें? पिछली बार तो फिल्म की बातों का रट्टा लगा कर हॉल से बाहर निकली थी तुम…’
‘हेहे…ठीक थी पापा…’
‘हम्म…मतलब जंची नहीं फिल्म
‘हेह…नहीं पापा ऐसा नहीं है…बस वैसे ही, मूवी की कास्ट (हीरो-हीरोइन) कुछ खास नहीं थी…और क्राउड भी गंवार था एकदम…सो…आपको कैसी लगी?’ रिंकी ने धीरे-धीरे अपने मन की बात कही और पूछा.
‘…मुझे तो ठीक लगी…’ मैने कहा, ‘और क्राउड तो अब हमारे देश का जैसा है वैसा है.’
रिंकी ने नाखुशी जाहिर करते हुए कहा.
‘हुह…फिर भी बदतमीजी की कोई हद होती है. पब्लिक प्लेस का कुछ तो ख्याल होना चाहिए लोगों को…’
मैने रिंकी की पीठ थपथपाते हुए कहा.
‘हाहाहा…अरे तुम क्यूँ खून जला रही हो अपना?’
‘और क्या तो पापा…गुस्सा नहीं आएगा क्या आप ही बताओ?’ रिंकी का आशय थिएटर में हुए अश्लील कमेंट्स से था.
मैने हस्ते हुए कहा
‘अरे अब क्या बताऊँ…हाहाहा.’ ‘माना कि कुछ लोग ज्यादा ही एक्साइटेड हो जाते हैं…’
रिंकी ने मेरे ढुल-मुल जवाब को काटते हुए कहा.
‘एक्साइटेड? बेशर्म हो जाते हैं पापा…और सब के सब आदमी ही थे…आपने देखा किसी लड़की या लेडी को एक्साइटेड होते हुए?’
मैने हस्ते हुए कहा
‘हाहाहा तुम तो मेरे ही पीछे पड़ गई…मैं कहाँ कह रहा हूँ के लडकियाँ एक्साइटेड हो रहीं थी.’ ‘अब हो जाते हैं बेचारे मर्द थोड़ा उत्साहित क्या करें…’
शाम के साढ़े सात बजे थे अंधेरा हो चुका था मैंने कहा अब चलते हैं भूख लगी है फिर मैंने गाड़ी स्टार्ट की और एक अच्छे से रेस्टोरेंट में लगाई रिंकी ने खाना आर्डर किया हमने खाना खाया और खा पी कर बाहर आये ।
बाइक पर बैठे रिंकी ने कहा और बताओ पापा…. अब कहाँ चले मै बोला अब बस सीधा धर्मशाला जायेंगे, ये बाइक भी पेट्रोल डावाकर उस दुकान वाले को देना है। और फिर मैने उस दुकान वाले को बाइक की चाभी दी, हम धर्मशाला आ गए….. हम ऊपर अपने कमरे में आ गए चाभी मेरी जेब मे थी और मेरे हाथों में सामान था मैंने कहा रिंकी बेटी मेरी जेब से चाभी निकालो तो।
रिंकी ने मेरे जेब मे हाथ डाला और संयोग से मेरा लंड जो रिंकी बाइक पर मुझसे चिपक कर आई थी और उसके स्तनों के स्पर्स के बाद से लगातार खड़ा ही था उसे मैंने घुमा कर उसी साइड में किया हुआ था जिस तरफ की जेब मे चाभी थी।
रिंकी ने तेजी में हाथ अंदर डाला और चाभी पकड़ने के लिए उंगलियां घुमाई जेब के अंदर और उनकी उंगलियां चाभी से पहले मेरे लंड पर टकराई….. और कुछ समझने से पहले रिंकी ने अच्छे से हाथ से टटोल कर लंड की सख्ती महसूस की ये इतनी जल्दी में हुआ कि रिंकी और मुझे कुछ समझ ही नही आया और जब उसे समझ आया कि वो क्या चीज है तो उसने जल्दी से हाथ बाहर निकाल लिया मुझे भी समझ नही आया क्या करूँ ।
तो मैं एकदम से बोला बेटी चाभी निकालो ना क्या कर रही हो रिंकी ने एक पल सोचा और फिर से हाथ मेरी जेब मे घुसाया रिंकी का हाथ मेरे सख्त हुए सुपाड़े को टच करता हुआ ही अंदर गया और उसने एक बार हाथ घुमा कर अच्छे से चाभी को टटोला पर वो रुमाल और फ़ोन के बीच मे उलझी पड़ी थी रिंकी ने चाभी पकड़ कर खींची और एक बार फिर से उसकी उंगलियां लंड की सख्ती को महसूस करती हुई बाहर आ गईं…..
रिंकी जल्दी से चाभी लगा कर दरवाजा खोला और अंदर चली गईं मुझे तो इस घटना से बड़ा मजा आया….. मैं भी अंदर आ कर सारा सामान टेबल पर रख कर बोला अब बताओ रिंकी बेटी कैसा रहा आज का दिन रिंकी मेरी ओर देख कर बोली मज़ा तो खूब आया । मैने कहा अबसे हम हर संडे को मूवी और डिनर के लिए जाया करेंगे। रिंकी एकदम खुश हो कर बोली कितना खयाल है मेरा….. मैंने थोड़ा शरारती लहजे में कहा अब मेरी नई गर्ल फ्रेंड है तो उसका ख्याल रखूंगा ही।
रात के नौ बज गये थे और हमारी ट्रेन साढ़े दस बजे की थी, मैने कहा चल रिंकी बेटी चल नीचे थोड़ी देर टहलेंगे और पास में जो पार्क है वही बैठेंगे, फिर वही से रेलवे स्टेशन पहुँच जाएंगे
फिर हम धर्मशाला से बाहर आ के पैदल ही टहलते हुए चल पड़े पार्क की ओर अभी हम कुछ कदम ही चले थे कि रिंकी ने मेरा हाथ अपने हाथों में पकड़ कर साथ चलने लगी…..
हम धर्मशाला से बाहर आ के पैदल ही टहलते हुए चल पड़े पार्क की ओर अभी हम कुछ कदम ही चले थे कि रिंकी ने मेरा हाथ अपने हाथों में पकड़ कर साथ चलने लगी…..
मेरे और रिंकी के बीच अब काफी नजदीकी बढ़ चुकी थी. चौबीस घंटे एक-दूसरे के साथ रहने और बातें करने से बातों-बातों में रिंकी अब मेरे साथ फ्रैंक हो गयी , वह मुझसे अपनी फ्रेंड्स और उनके कारनामों का भी जिक्र कर रही थी, कि फलां का चक्कर उस लड़के से चल रहा है और फलां लड़की को उसके बॉयफ्रेंड ने क्या गिफ्ट दिया था वगैरह-वगैरह. मै भी उसकी बातों में पूरा इंटरेस्ट लेकर सुन रहा था । जिस से रिंकी और ज्यादा खुल कर बतिया रही थी. जाने-अनजाने ही मै और रिंकी (पापा बेटी) एक नये incest sex वाले रिश्ते के चक्रव्यूह में फंसते चले जा रहे थे.
रिंकी ने चलते चलते कहा आज मौल में जब अंडरगार्मेंट्स खरीद रहे थे वो सलेस girl हमें boyfreind, girlfriend समझ रही थी….. मैंने रिंकी को छेड़ते हुए कहा ऐसा लगता है क्या रिंकी बोली मैं क्या जानू…..
फिर हम ऐसे ही बातें करते हुए पार्क में आ गए ये काफी बड़ा पार्क था ….. अंदर एक पक्की सड़क पार्क के पिछले हिस्से तक गयी थी और दोनों ओर पेड़ लगे हुए थे कही कही सड़क के किनारे पत्थर के बेंच लगी हुई थी और थोड़ी थोड़ी दूर पर लाइट्स भी लगी हुई थी….. कुछ लोग नजर आ रहे थे ज्यादातर कपल्स ही थे जो एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर बैठे हुए थे कुछ पेड़ों के नीचे कुछ बेंच पर।
मैं और रिंकी पहली बार आये थे इस पार्क में तो मैंने सोचा पीछे तक घूम के पूरा पार्क देखते हैं तो हम चलते चले गए काफी आगे जाने पर पार्क एकदम सुनसान था और हम चुपचाप चले जा रहे थे तभी मेरे कान में कोई आवाज़ आयी मैंने उधर देखा तो एक लड़की जो दिखने में रिंकी की उम्र की थी और एक 25-26 साल का लड़का सड़क से थोड़ा हट के एक पेड़ के नीचे आपस मे लिपटे हुए खड़े थे…. लड़की की सलवार नीचे सरकी हुई थी और लड़का शायद उसे खड़े खड़े चोद रहा था वो सीन देख के मैं एक पल के ठिठक से गया।
रिंकी की नजर उस ओर गयी कुछ सेकेंड्स तक वो भी उन्हें देखती रही तभी उस लड़के का ध्यान हमारी ओर गया तो उसने थोड़ा सा शर्मा कर कहा भाई और आगे चले जाओ वहां एकदम खाली है कोई नही होगा….. रिंकी ने फौरन मुझे हाथ से खींचते हुए आगे चलना शुरू किया मैं भी उसके साथ चल दिया….. पर चार पांच कदम चलने के बाद मैंने फिर से उस ओर मुड़ कर देखा और मेरे साथ ही रिंकी ने भी देखा वो लड़का अब तेज तेज कमर हिलाते हुए लड़की को चोद रहा था… हम अब आगे आ चुके थे और पेड़ो की वजह से वो लोग हमें दिखने बन्द हो गए थोड़ा और आगे पहुंचे तो देखा वहां पार्क की पिछली बाउंडरी थी फिर हम वही एक बेंच पर बैठ गए एकदम शान्त वातावरण था हल्की हवा चल रही थी…. मैं और रिंकी एकदम पास बैठे थे….. हमारे हाथ अब भी एक दूसरे को पकड़े हुए थे मैंने कहा शहर के लोग कही भी शुरू रहते हैं…. कोई शर्म नहीं इन्हें रिंकी ने कोई जवाब नही दिया वो नीचे देख रही थीं…. मैंने कहा सॉरी रिंकी मुझे नही मालूम था यहां ये सब देखने को मिलेगा रिंकी ने कहा उसमे आपकी क्या गलती है और मेरी ओर बड़े प्यार से देखने लगी ।
फिर रिंकी ने अपना मोबाइल निकाल लिया और मुझसे बोली
‘क्या पापा…यहाँ तो कोई है ही नहीं जो अपना साथ में फोटो ले दे. कितनी ब्यूटीफुल जगह है ये…और डरावनी भी.’
मैने कहा
‘अरे तो तुम फ्रंट-कैमरा ऑन कर लो न.’
रिंकी बोली
‘हाँ पर पापा उसकी फोटो इतनी साफ़ नहीं आयेगी अंधेरा भी तो है .’ .
मैने अपना मोबाइल रिंकी को दे दिया और बोला इससे खीच लो।
‘रिंकी ने मेरी बाहँ थाम ली थी.
‘ और मेरे मोबाइल का फ्रंट-कैमरा ऑन कर मेरे साथ फोटो लेने लगी.
जब कुछ देर वह कशमकश में लगी रही तो मैने रिंकी से पूछा कि अब वह क्या करने की कोशिश कर रही है? तो उसने बताया कि कैमरे के फ्रेम में वे दोनों अच्छे से नहीं आ रहे है. मै और रिंकी कुछ देर तक अपनी पोजीशन अडजस्ट कर फोटो लेने का प्रयास करते रहे,, पर जब बात नहीं बनी तो मैने कहा,
‘ऐसे तो खिंच गई हम से तुम्हारी फोटो…व्हाए डोंट यू कम एंड सिट इन माय leg.’ ‘इस तरह कैमरा में हम दोनों फिट हो जाएंगे.’
रिंकी ख़ुशी से उछल पड़ी
‘ओह thats good idea पापा.’
रिंकी मेरी गोद में आ बैठी, मुझे अपनी बेटी की कच्ची सी योनि अपनी जांघ पर टिकती हुई महसूस हुई थी, मेरी रूह कांप गई थी.
मेरे मुह से निकल पड़ा
‘ओह रिंकी यू आर सो ब्यूटीफुल…’
‘इश्श पापा. यू आर मेकिंग मी शाय (शरम)…’रिंकी ने मुस्काते हुए जवाब दिया ‘इतनी भी सुन्दर नहीं हूँ मैं…मुझे बहलाओ मत…’
‘तुम्हें क्या पता?’ मैने उसकी पीठ सहलाते हुए कहा और अपना दूसरा हाथ उसकी जांघ पर रख लिया. रिंकी की योनि का आभास मुझे पागल किए जा रहा था.
‘आज तो कुछ गलत होगा मुझसे लग रहा है..!’ मै मन ही मन सोचने लगा.
मै उसकी जांघ सहलाना शुरू कर दिया.
मै रिंकी के जवान बदन को अपनी गोद में पा कर उत्तेजना और उत्साह से भर उठा मैने एक हाथ अपनी जांघ पर बैठी रिंकी के कंधे पर रख रखा था, उसके कसे हुए बदन को अपने इतने करीब पाकर मेरे लंड ने भी सिर उठाना शुरू कर दिया था.
मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना न रहा . मेरी कमसिन् जवान बेटी मेरी गोद में बैठी फोटो खींच रही थी. मै उसके बदन के कोमल स्पर्श से मंत्रमुग्ध हो उठा , उसके घने बाल मेरे चेहरे को छू रहे थे । रिंकी ने अपना एक हाथ मेरे गले में डाल मेरी तरफ मुहँ कर बैठी थी , मेरा एक हाथ उसके पीछे उसकी पीठ पर था जिसे मै थोड़ी-थोड़ी देर में ऊपर से नीचे तक फेर दे रहा था.
रिंकी अपना दूसरा हाथ अपनी जांघ पर रखे बैठी थी
फोटो बुरी नहीं आई थी, आउटडोर एनवायरमेंट होने की वजह से फ्रंट-कैमरे से भी फोटो साफ़ खिंच गई थी. उसके बाद तो जैसे मेरी लॉटरी निकल गई,
रिंकी ने फ़ोन से इंस्टा वीडियो बनाने लगी। वो मेरी गोद और जांघो पर बैठी हुयी अपनी कमर उठा उठा कर नाचती झूमती हुयी गाना गाने लगी…….
“” जुल्फे मेरी उलझा दे तू, काजल मेरा बिखरा दे तू
एक जवानी तेरी एक जवानी मेरी दोनों मिले बने प्रेमकहानी मेरी। “”
रिंकी के उछलने से वो मेरी जांघ से थोड़ा नीचे खिसक गयी।
मैने रिंकी को थोड़ा और करीब खींचा जिससे वह मेरी जाँघ पर खिसक कर मुझसे सट गई, ऐसा करते ही रिंकी की एक जाँघ मेरे खड़े लंड से जा टकराई. रिंकी को कुछ पल तो पता नहीं चला था, पर फिर उसे अपनी जाँघ के साथ लगे मेरे खड़े कड़क ठोस लंड का आभास होने लगा और उसने नज़र नीचे घुमा कर मेरी गोद में देखा रिंकी अब होश खोने के कागार पर आ खड़ी हुई थी.
रिंकी ने वीडियो बनाना बंद कर दिया और एक मूर्ति की तरह मेरी गोद में बैठी हुयी कुछ सोचने लगी।
मेरा लंड जीन्स के अन्दर से तन कर मेरी गोद में किसी डंडे सी आकृति बना रहा था और रिंकी की जाँघ से सटा हुआ था.
मैने रिंकी को हिलाया तो वो चिहुँक कर थोड़ा पीछे हट गई. उसने अपनी जाँघ पर अपने पापा के लंड से हुए स्पर्श का पता चल चुका था और मै उसके चेहरे पर ही नज़र गड़ाए हुए था अब उसने मेरी गोद में झाँक कर अनायास ही अपने-आप को पीछे हटा ने लगी।
मैने भी झट नज़र उठा कर उस की तरफ देखा कि उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है पर मै खुद बिल्कुल सामान्य होने की एक्टिंग करते हुए, रिंकी का गाल फिर से थपथपाया और पूछा,
क्या हुआ रिंकी बेटी और वीडियो नही बनाना वो असहज होते हुए बोली नही। तो मैने कहा चल अब मेरी बारी मै एक वीडियो बनाता हू।
मैने old song
“” चूम लू होंठ तेरे दिल की ये हसरत है
कितनी लगती हो हसी मेरी नजर से देखो, “”
गाने पर एक्टिंग करते हुए हम दोनों अपनी सारी शर्म, हया भूल गये, हमारे होंठ एक दूसरे के होंठो को चूमने के लिए करीब आने लगे, हमारी साँसे, धड़कने, की रफ्तार बढ़ गयी. हमारी गरम साँसे एक दूसरे के चेहरे को स्पर्श कर रही थी। हमारी आँखे बंद होने लगी।
हम पापा बेटी की मर्यादा भूलकर आगे बढ़ने को बेताब हो रहे थे। रिंकी की जिंदगी का ये पहला चुंबन था जो वो हर हाल में लेना चाहती थी रिंकी और मेरे होंठो के बीच का फ़ासला खत्म होने वाला था कि अचानक
मेरे फ़ोन पर रिंग आने लगी,
मोबाइल की रिंग सुनकर हम वासना की नींद से जाग गये, ।
मेरा मोबाइल रिंकी के हाथो में था।
रिंकी ने झुंझला कर कहा.
‘ओहो आज तो कुछ ज्यादा ही याद आ रहीं है इनको आपकी ..!’
हैल्लो?’ रिंकी ने फोन उठाया.
‘हैल्लो रिंकी?’ उसकी मम्मी ने पूछा ‘कैसा रहा exam पेपर
‘रिंकी ..? ओह हाँ अच्छे हुए मम्मी…
‘पापा कहाँ है तुम्हारे?’ कुसुम ने पूछा.
‘यही है…’ रिंकी ने बता दिया.
मैने रिंकी के तेवर देख पूछा,
‘क्या हुआ रिंकी? किस से बात कर रहीं है,?’
‘आपकी बीवी से और किस से…?’ रिंकी ने गुस्से से तमतमाते हुए कहा.
रिंकी के अपनी मम्मी को थोड़ी गुस्सेs से जवाब देने के बाद उसकी मम्मी कुसुम भी चिड़ गईं थी.
पार्क के सूनसान जगह पर हम बैठे थे जिससे मोबाइल के speakar में से आवाज जोर से आ रही थी, जैसे फोन का लाउड speakar चालू हो।
कुसुम ने रिंकी से कहा अपने पापा को फोन देना। और मुझसे बोली रिंकी कैसे इतनी बद्तमीज़ गई है . और ना जाने क्या क्या बोलना शुरु कर दिया। कुसुम का भी tap recorder शुरु हो गया।
मै कुसुम की बातो को सुनकर सोचने लगा रिंकी के आज मेरे साथ आकर पंख निकल चुके थे अब वो रिंकी नहीं रही थी जो चुपचाप सुन लेती थी…उसने भी अपनी मम्मी के सामने बोलना शुरू कर दिया हैं
जैसे ही मेरे नाम की बात आने पर रिंकी ने मुझसे फोन अपने हाथ में ले लिया और अब मेरा पक्ष लेने लगी और आखिर गुस्से में आ फोन ही डिसकनेक्ट कर दिया उसने फोन रखने से पहले अपनी मम्मी से कहा ।
‘आपसे तो सौ गुना अच्छे हैं पापा…मेरा इतना ख्याल रखते हैं…बेचारे पता नहीं इतने दिन से आपको कैसे झेला है..?’ (मै उसके मुहँ से ऐसी बात सुन स्तब्द्ध रह गया)
फोन कट जाने के बाद रिंकी ने शिकायत पर शिकायत करते हुए मुझे बताना चालू किया कि कैसे उसको मम्मी डाटती है, ‘और बस एक बार जब वो शुरू हो जातीं है तो फिर पूरी दुनियां की कमियाँ मुझ में ही नज़र आने लगती है उनको…rinki ऐसी रिंकी वैसी…ढंग से बाहर निकलो, ढंग से कपड़े पहनो, ढंग से ये करना ढंग से वो करना… रिंकी का गुस्सा उसकी मम्मी की कही बातों को याद कर बार-बार फूट रहा था.
‘मैं तो मर जाऊं तो ही चैन आएगा उनको…’ रिंकी रुआँसी हो बोली.
मैने उसके कंधे पर हाथ रख उसे सीने से चिपका लिया।
और रिंकी से कहा बेटी वो मम्मी है ऐसा नही बोलते मम्मी को बुरा लगा है।
‘हाँ पापा…बट मुझे बुरा नहीं लगता क्या…आप ही बताओ?’ रिंकी ने मेरा सपोर्ट पा कर कहा ‘मैंने भी कह दिया आज तो कि आपसे तो पापा अच्छे हैं और वो पता नहीं कैसे झेलते हैं आपको…’
मै अंदर से बड़ी हसी आ रही थी, क्योकि दोनों मम्मी बेटी बिल्कुल एक जैसी नहेले पर देहला थी। दोनों की टर टर बंद कराना बहुत मुश्किल काम था। दोनों ही कुसुम और रिंकी (मम्मी बेटी) ego, aattitude, और jiddi है। लेकिन रिंकी ये सच बोल रही थी उसकी मम्मी और मेरी पत्नी कुसुम को झेलना हर किसी के बस में नही है।
हमे यहां बैठे 45-50 मिनट हो गये थे मैंने हस्ते हुए कहा अब वापस चलें बेटी बहुत हो गया रिंकी बोली ठीक है और हम उठ कर वापस चल दिये….. रिंकी की भी हसने लगी और मेरी बाहों में बाहे डालकर चलने लगी।
पांच मिनट में हम फिर से उस जगह को क्रॉस कर रहे थे जहां वो जोड़ा लगा हुआ था और हम दोनों की नजर उधर ही थी पर अब वो वहां नही थे…. रिंकी ने कहा लगता है चले गए वो लोग तो मै हड़बड़ा कर सामने देखने लगा….. फिर हम पार्क से बाहर आये और रास्ते मे एक होटल से मैंने खाना पैक करवा लिया और हम रेल स्टेशन आ गए
ट्रेन आने में समय था हम दोनों ने खाना का पैकेट खोलकर खाते हुए बातें करने लगे।
रिंकी बोली पापा
‘मेरी लाइफ कितनी happy हो गई है …पूरी लाइफ में मैंने इतनी मस्ती नहीं की होगी जितनी यहाँ एक दिन में कर चुकी हूँ…और ये सब बस पापा आपकी वजह से ही पॉसिबल हो पाया है नहीं तो अभी घर पे बैठी वही बोरिंग लाइफ जी रही होती..
पता ही नहीं चला कब दिन निकल गया…और आप तो अब मेरे फ्रेंड जैसे हो गए हैं…इवन boy-फ्रेंड जैसे, कितना ख्याल रख रहे हैं मेरा. आई होप कि पापा आप वापस घर जाने के बाद भी ऐसे ही कूल बने रहें…कितना कुछ शेयर कर चुके हैं हम एक-दूसरे से…और मम्मी को खबर ही नहीं है कि हम यहाँ कितनी मस्ती कर रहे हैं…हेहे…
पर घर पे सच में मुझे केयरफुल रहना पड़ेगा कहीं भूले-भटके कुछ मुहँ से निकल गया तो मेरे पापा बेचारे फँस जाएँगे. .एंड फ़ोन से हमारी पिक्स भी निकाल कर रखनी होगी कहीं उन्होंने देख लीं तो और गड़बड़ हो सकती है.
मै बड़ी ही उलझन और कश्मकश में सोचने लगा,
“” खूबसूरत कमसिन् जवान लड़की का पापा होने में कुछ भी गलत नही है,
लेकिन सौतेली खूबसूरत कमसिन् जवान लड़की का पापा होना मेरे लिए एक अभिशाप बनना शुरु हो गया था,
ये हम दोनों पापा बेटी के बीच कैसे नये रिश्ते की शुरुआत हो गयी है।
और इसका क्या अंजाम होगा ये कोई बता सकता है क्या???
जारी है…….