अध्याय — 6—-
——+-+—— नया रिश्ता ——————-
सुबह हम उठे हम दोनों बहुत ही खुश थे, रोज की तरह रिंकी स्कूल गयी थी, मै और कुसुम तैयार होकर अपनी ड्यूटी पर चल दिये। कुसुम मुझसे बोली मुझे भी आगंबड़ि केंद्र पर छोड़ देना, हम साथ निकल पड़े।
रास्ते में कुसुम मुझसे बोली कल रिंकी का नीट का test है। आज रात को आप उसके साथ दिमापुर चले जाना। मैने कहा कुसुम तुम मुझे ये बात अभी बता रही हो, तुमने समझ क्या रखा है मुझे। अभी दो दिन हॉस्पिटल में रहा, अब आज रात को दिमापुर चले जाओ। मैं इंसान हू कोई मशीन नही, तुम मुझे पहले क्यो नही बता सकती थी।
कॉलेज के dirctor पापा के दोस्त है इसलिए कुछ नही बोलते, नही तो कभी का सस्पेंड हो गया होता अब फिर छुट्टी लेनी पड़ेगी।
सबसे बड़ी बात ये है की रिंकी भी मुझसे बोल सकती है कि मुझे पापा नीट का test देने जाना है। वो तो मुझसे बात ही नही करती है, अभी तक हमारे बीच अगर कुछ बात भी होती है तो उसने हा और ना में ही जबाब दिया है।
कुसुम हमारी शादी को पंदरह दिन से ज्यादा हो गये पर अभी तक मेरा और रिंकी के बीच कभी कोई बात तो दूर हमने एक दूसरे को ठीक से देखा तक नही है। मै सोकर उठता हू रिंकी स्कूल में होती है। मै शाम को आता हू रिंकी टूशन चली जाती है, रात को वो मेरी मम्मी के कमरे और मै उसकी मम्मी के कमरे में चले जाते है। ऐसा ही चल रहा है क्यो।
I think हमारे बीच बाप बेटी का नया रिश्ता नही बना है।
एक कहावत सच है
“शादी करके फस गया यार अच्छा खासा था कुँवारा”
मै शांत हो गया, कुसुम मेरे गाल दबाते हुए एक प्यारी सी मुस्कान देते हुए बोली मेरे प्यारे अरुण सर जी अगर आपके मन में कुछ और भी हो तो वो भी बाहर निकाल दीजिये।
मैने कहा दूर हटाओ अपना हाथ गाड़ी चलाने दो।
कुसुम मुझसे बोली ऐसा मिस्टर अरुण जी मुझसे शादी करके ही आपका चेहरा पर चमक बढ़ गयी है, और वो हॉस्पिटल वाली भाभी और नर्स आपको लाइन मार रही थी। अगर विश्वास नही हो तो शादी से पहले वाली अपनी फोटो देख लीजिये।
मैने कहा मै शुरू से ही हैंडसम हू, कुसुम बोली ओहो इतने हैंडसम थे तो कोई लड़की 35 साल तक क्यो नही मिली शादी के लिये।
मुझसे शादी करके आपकी जिंदगी में खुशिया आ गयी है, फंसे नही है आप।
कुसुम ये बात तो सच कह रही थी, मैने कहा सॉर्री बस खुश।
कुसुम जोर से हस्ती हुई बोली आप कॉलेज के प्रोफ़ेसर है मै आपको आपकी तरह ही समझाती हू, अभी आप मेरे स्टूडेंट है।
सुनिये आप जो हॉस्पिटल में जो परेशानी हुयी वो आपकी दीवानी साली जूली देवी की मेहरबानी और आपकी जिद की वजह से हुई थी। आपने मुझे छोड़कर अपने पापा को फोन किया और आपके पापा ने मुझे रात को बताया की अरुण नही आयेगा वो हॉस्पिटल में है। मुझे फोन किया होता तो मै तुरंत आ जाती और मै रात भर हॉस्पिटल में रुकती आपको परेशान नही होने देती।
अब रही बात रिंकी और आपके बीच नये रिश्ते की तो सुनिये रिंकी ने तो आपको अपना पापा तभी मान लिया था जब आप मुझे देखने आये थे, और आपने उसकी आँखों में देखकर कहा था रिंकी मुझे पापा बोलेगी मै उसके पापा होने का फर्ज निभाऊँगा।
रिंकी तो आपको मुझसे ज्यादा प्यार करती है, हमेशा आपके बारे में ही बात करती है, अगर विश्वास ना हो तो अपने मम्मी पापा से पूछ लीजिये वो तो आपकी ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकती है। जब आपके और मेरे बीच दो दिन पहले जो अनबन हुयी थी तो उसने मुझसे बात तक नही की थी, और तो और खाना तक नही खाया मुझे ही बुरा भला कहती रही।
आपने उसकी instagram प्रॉफ़िल् देखी है गाड़ी रोको मै दिखाती हू। कुसुम ने मुझे रिंकी की इंस्टा प्रॉफ़िल् दिखाई।
रिंकी ने आपके मॉल में जो वीडियो बनाये थे और फोटो खींची थी उनको मिक्स करके एक वीडियो बनाया था।
वो मेरी तस्वीरों को देखकर गाना गा रही थी
“”खता तो जब हो जब हाल दिल किसी से कहे,
किसी को चाहते रहना कोई खता तो नही।
प्यार मुझसे करते है वो, मै जानती हू,
ये बात और मुझसे कभी कहा तो नही। “”
रिंकी ने ही मुझसे कहा की मुझे पापा के साथ दिमापुर नीट के test के लिए जाना है।
अब प्रॉब्लम आपके और रिंकी के बीच बातचीत की– शादी के अगले दिन पूजा करके हम पांच दिन के लिए हनीमून चले गए। फिर जब हम वापस आये तब रिंकी ने ही मुझसे आपके साथ मॉल में जाने लिए कहा था, आपने नोटिस किया हो वो आपके साथ ही पूरे मॉल में चिपकी रही। रिंकी के लिए स्कूल और टूशन जाना भी जरूरी है वो तो बोलती है मुझे पढ़ लिख कर पापा का नाम रोशन करना है और उनकी तरह ही बनना है।
अब मै आपकी परेशानी बताती हू
मै filoshpi के जरिये बताती हू।
दरसल नया रिश्ता जब बनता है तो उसमे ढलना आसान नही होता है, हमारे दिल और दिमाग हर पल कुछ कंफ्यूजन रहते है।
चूतिये लोग कहते है रिश्ता मन से बनता है।
अबे चूतियों मन से अगर रिश्ता बनता तो हर लड़की हर किसी की पत्नी होती। क्योकि मन से तो सब कहते ये मेरी पत्नी है इसे मैने मन से नया रिश्ता बना लिया है।
रिश्ता मन से नही तन से बनता है।
आपने रिंकी को मन से तो बेटी मानते है पर तन से बेटी मानने में आपको असमंजस होता है क्योकि अगर आपने रिंकी को अपनी गोद में खिलाया होता, उसको नहलाया होता, उसकी बालों की चोटी बनाई होती, उसे अपने सीने पर रखकर सुलाया होता, उसको बचपन से जवानी की देहलीज पर कदम रखते हुए देखा होता तो आपके अंदर बाप बेटी वाली फीलिंग्स होती।
लेकिन उसे आपने कमसिन जवान लड़की के रूप में देखा है, यही कारण है मै उसके साथ बाप बेटी का नया रिश्ता नही बना पा रहा हू। लेकिन जब आपने रिंकी को बेडरूम में कपड़े पहनते हुए उसकी गलती से ब्रा पैंटी में देखा तो एक बाप की तरह उसको दरवाजे बंद करके कपड़े पहनने को बोला।
अगर आपकी जगह मै होती और आपके जवान बेटा होता तो मुझे भी उससे मम्मी बेटे वाला नया रिश्ता बनाने में ऐसी झिझक होती।
मुझे कुसुम की कोई भी बात समझ नही आ रही थी।
मैने बाइक रोकी और कुसुम को बोला उतरना, और कुसुम के सामने हाथ जोड़कर
मैने कहा मैडम ओ मैडम कुसुम मैडम बस करो और मुझे माफ करो तुम्हारी रिश्तों वाली filoshpi मुझे समझ नही आ रही है।
मुझे रिंकी और मेरे बीच बाप बेटी के रिश्ते की शुरुआत कैसे हो ये बताओ देवीजी।
कुसुम हसने लगी बोली क्यो बोर हो गये अभी थोड़ा सा ज्ञान और बचा है वो और ले लो।
मैने कहा मैडम आपका आगणबादी केंद्र आ गया और जो बचा हुआ ज्ञान है वो आप अपनी सहेली को दे देना। मेरे कान में धुँआ निकल रहा है।
जाइये ज्ञान पांडे मैडम बाय।
मै कॉलेज चला गया, स्टूडेंट को पढ़ाने में मन नही लग रहा था, मै कैंटीन में खाना खा रहा था तभी मेरे साथ के एक टीचर आये और मेरे साथ बैठकर खाना खाते हुए बोले अरुण क्या हुआ कोई टेशन है तो बताओ वो साइक्लोजी की टीचर थे। मैने उन्हे अपनी रिंकी के साथ नये रिश्ते वाली बात बताई।
वो हस्ते हुये मुझे समझाने लगे।
जब बच्चे का जनम होता है तो वो नंगा होता है वो अपने माँ बाप के सामने नंगा ही आया है और जब माँ उस बच्चे को बिना लाज शर्म के परदा के अपने नंगे जिस्म से चिपकाकर बच्चे को अपने स्तनों से दूध पिलाती है तो जो नया रिश्ता बनता है उसे माँ, मम्मी कहते है। कुछ महीनों के बाद जब बाप उस बच्चे के नंगे बदन को बिना लाज शर्म के परदे के छूते है, उसे अपने सीने से लगाते है और वो बच्चा सुसु और पोट्टी कर देता है जो नया रिश्ता बनता उसे बाप, पापा कहते है।
हर नये रिश्ते की शुरुआत एक लड़की और लड़के से होती है।
जैसे जब एक लड़की शादी के बाद ससुराल जाती है और वो अपने सास, ससुर, ननद, देवर, जेठ जेठानी, और भी ससुराल मे बहुत से लोग होते है उनके साथ नया रिश्ता बनने में काफी समय लगता है इसका कारण एक दूसरे के बीच लाज, शर्म का परदा है। जैसे जैसे लाज शर्म कम होती है तो मानसिक रूप से रिश्ता बनना आसान होता जाता है।
सबसे पहले लड़की अपने पति के साथ शादी की पहली रात मतलब सुहागरात पर शारीरिक रूप से जुड़ती है। दोनों लड़की लड़का एक दूसरे के जिस्मों के साथ बिना लाज शर्म के जुड़कर पति पत्नी का नया रिश्ता बनाते है।
अगर लड़का लड़की शादी के बाद शारीरिक संभोग नही करे तो उनके बीच कभी भी पति पत्नी का रिश्ता नही होगा। और ऐसे रिश्ते को कानूनी मान्यता भी नही है। अगर पति पत्नी का रिश्ता बनाना है तो शारीरिक संबंध तो बनाना ही पड़ेगा।
“अगर बनना है खसम लुगाई तो करनी पड़ेगी चुदाई”
सबसे आसान लड़की के लिए पति पत्नी का नया रिश्ता बनाना होता है।
पति पत्नी के रिश्ते के बाद लड़की का जो नया रिश्ता बनता है उसमे संभोग (चुदाई) की जरूरत नहीं होती है लेकिन एक दूसरे के जिस्मो का बिना परदे, लाज शर्म के देखना जरूरी होता है। जितनी जिस्म से शर्म खुलेगी नया रिश्ता बनना आसान होता जायेगा।
पहले के जमाने लड़की अपनी ससुराल में पति को छोड़कर सबसे पर्दा करती थी नतीजा उसका ससुर कभी बहु से बाप बेटी वाला रिश्ता नही बन पाता था। सारी जिंदगी लड़की परदे की आड़ में निकाल देती।
अपनी सास से मम्मी का, ये रिश्ता शुरू शुरू में केवल formality के लिए ही होता है। लेकिन जब लड़की गर्भवती होती है और उसकी सास उसके नंगे बदन पर बिना लाज शर्म के परदा के तेल से मालिश करती हैं उसकी care करती है तो रिश्ता बहु से बेटी का बन जाता है। जिस्म से लाज शर्म के परदे हटे नये रिश्ते बने।
ननंद या देवरानी या जेठानी से सहेली का रिश्ता– जब नयी बहु ननंद या देवरानी या जेठानी अपनी जवानी की बाते share करने लगती है और एक दूसरे के सामने नंगी होकर कपड़े बदलना शुरू कर देती है और जब भैया ना हो तो कामुक बाते करके गर्म होने पर एक दूसरे के नंगे जिस्म को सेहलाने लगती है तो नया रिश्ता बनता है।
कुछ लोग कहते है
रिश्ता एक डोरी से बंधा होता है, जबकि सच्चाई ये है की नया रिश्ते में कोई भी लाज शर्म की दीवार नही होती है और जैसे जैसे लाज शर्म की दीवार बनती जाती है रिश्ते का रूप बदलता जाता है या कमजोर होता जाता है।
कहने का मतलब ये जब तक दो लोग एक दूसरे से लाज, शर्म का पर्दा करेंगे तब तक नये रिश्ते की शुरुआत नही हो सकती।
मेरा सर दर्द होने लगा आखिर में मैने मन में कहा मां चुदाये रिंकी और कुसुम मै जैसा हू वैसा ही रहूँगा।
लंच टाइम खतम हो गया था और मै और वो टीचर अपनी क्लास में चले गये।
मुझे बस वो टीचर की एक ही बात समझ आई और अपने मन में सोचने लगा
मुझे रिंकी और अपने बीच लाज शर्म का परदा हटाना होगा उसके साथ बातें करके, उसका दोस्त बनकर जैसे भी हो, तभी मेरा उसके साथ बाप बेटी का नया रिश्ता बनेगा।
मै अपने कॉलेज से जल्दी छुट्टी लेकर रेलवे एजेंट के पास चला गया और दो तत्काल सरकारी कोटा वाली दो ट्रेन टिकिट लेकर वापस अपने घर आ गया। कुसुम ने मेरे बैग तैयार कर दिया था। मै डैनिंग tabale पर बैठकर खाना खाने लगा।
हमने योजना बनाई रात को ट्रेन से निकलेंगे और सुबह परीक्षा देकर शाम को उसी ट्रेन से वापसी करेंगे।
कुसुम ने रिंकी को पुकारते हुए आवाज़ लगाई.
‘जी मम्मी?’ रिंकी ने चिल्ला कर सवाल किया. उसका कमरा फर्स्ट फ्लोर पर था.
‘तुम तैयार हुई कि नहीं? ट्रेन का टाइम हो गया है, जल्दी से नीचे आ कर खाना खा लो.’ कुसुम ने कहा.
‘हाँ-हाँ आ रही हूँ मम्मा.’
कुछ देर बाद रिंकी नीचे हॉल में आई तो मुझे देखकर बोली पापा. मम्मी कहाँ है?’
‘वो कपड़े बदल कर अ…आ रही है.’ मैने रिंकी की ओर देख कर जवाब दिया. लेकिन रिंकी के पहने कपड़ों को देख मै हकला गया।
आज उसने अपनी नई लाई पोशाकों में से एक चुन कर पहनी थी. उसने लेग्गिंग्स के साथ टी-शर्ट पहन रखी थी. लेग्गिंग्स एक प्रकार की पजामी होती है जो बदन से बिलकुल चिपकी रहती है सो लड़कियां उन्हें लम्बे कुर्तों या टॉप्स के साथ पहना करती हैं, लेकिन रिंकी ने उनके ऊपर एक छोटी सी टी-शर्ट पहन रखी थी जो मुश्किल से उसकी नाभी तक आ रही थी. लेग्गिंग्स में ढंके रिंकी के जवान बदन के उभार पूरी तरह से नज़र आ रहे थे. उसकी टी-शर्ट भी स्लीवेलेस और गहरे गले की थी. मै अपनी बेटी को इस रूप में देखकर झेंप गया और नज़रें झुका ली.
‘पापा कैसी लगी मेरी नई ड्रेस?’ रिंकी मेरे बगल वाली कुर्सी पर बैठते हुए बोली.
‘अ…अ…अच्छी है, बहुत अच्छी है.’ मैने सकपका कर कहा.
रिंकी बैठ कर खाना खाने लगी उतने में उसकी मम्मी कुसुम भी आ गई लेकिन उसके कुर्सी पर बैठे होने के कारण कुसुम को उसके पहने कपड़ों का पता न चला.
‘जल्दी से खाना खत्म कर लो, जाना भी है, मैं जरा किचिन का काम खतम कर लूँ तब तक…’ कह कुसुम किचिन में चली गई.
‘हर वक्त ज्ञान देती रहती है तुम्हारी मम्मी.’ मैने दबी आवाज़ में रिंकी से कहा.
हम हसी से खिलखिला दिए.
खाना खाने के बाद रिंकी उठ कर वाशबेसिन में हाथ धोने चल दी, मै भी रिंकी के पीछे-पीछे ही चल रहा था. आगे चल रही रिंकी की ठुमकती चाल पर न चाहते हुए भी मेरी नज़र चली गई. रिंकी ने ऊँचे हील वाली सैंडिल पहन रखी थी जिस से उसकी टांगें और ज्यादा तन गईं थी और उसके नितम्ब उभर आए थे. यह देख मेरा चेहरा गरम हो गया था.
उधर रिंकी वॉशबेसिन के पास पहुँच थोडा आगे झुकी और हाथ धोने लगी, रिंकी के हाथ धोने के साथ-साथ उसकी गोरी कमर और नितम्ब हौले-हौले डोल रहे थे. यह देख मुझे उत्तेजना का एहसास होने लगा था पर अगले ही पल मै ग्लानी और शर्म से भर उठा.
‘छि…यह मैं क्या करने लगा. हे भगवान् मुझे माफ़ करना.’ पछतावे से मैने प्रार्थना की.
मेरे मम्मी पापा बाजार से आ गए पापा ने मुझसे कहा बेटा अरुण ट्रेन का time हो गया है अब जल्दी करो। मै रिंकी को बोला चल।
मै और रिंकी ने रेल स्टेशन के लिए एक e रिक्शा में बैठ गये, उसमे पहले से दो लोग बैठे थे। कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक आदमी लगातार हमारी तरफ घूर रहा है, रिंकी दूसरी साइड बैठी बाहर देख रही थी,
जब मैंने गौर से देखा तो रिंकी की tshirt ढीला होने की वजह से उसके सीने के उभार का काफी हिस्सा दिख रहा था, मेरी समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूँ?
उस आदमी को टोकने से कोई फायदा नहीं था । कुछ देर सोचने के बाद मैंने धीरे से रिंकी के कान में कहा- अपना tshirt ठीक करो बेटी …
हम स्टेशन पहुँच गए हमारी ट्रेन प्लेटफार्म पर लग चुकी थी. मै ट्रेन के दरवाजे पर ही खड़े था, मैने रिंकी का हाथ थाम कर उसे अन्दर चढ़ा लिया. जब रिंकी मेरा हाथ थाम कर अन्दर चढ़ रही थी तो एक पल के लिए वह थोड़ा सा आगे झुक गई थी और मेरी नज़रें उसके गहरे गले वाली टी-शर्ट पर चली गई थी, रिंकी के झुकने से मुझे उसके वक्ष के उभार नज़र आ गए थे. जवानी की देहलीज पर बढ़ रही रिंकी के दूध से सफ़ेद उरोज देख मै फिर से विचलित हो उठा.
एक हलके से झटके के साथ ट्रेन चल पड़ी और हम भी अपने-आप को संभाल कर अपनी बर्थ की ओर चल दिए.
ओह पापा यू आर सो स्वीट!’ कहती हुयी रिंकी खड़ी हुई और मेरे बगल में आ कर बैठ गई.
रिंकी के परफ्यूम की भीनी-भीनी खुशबू ने मुझे और अधिक असहज कर दिया था. इस तरह हम दोनों ही बिना कुछ बोले बैठे रहे.
‘पता है पापा, मेरे सारी फ्रेंड्स आपसे जलती हैं?’ इससे पहले कि हमारे बीच की खामोशी और गहरी होती रिंकी ने चहक कर माहौल बदलते हुए कहा.
हाहाहा…अरे क्यूँ ?’ मैने भी थोड़े आश्चर्य और थोड़ी राहत की सांस लेते हुए हस्ते हुए पूछा.
‘कुछ नहीं पापा ऐसे ही फ्रेंड्स लोग मजाक करते रहते हैं.’ रिंकी ने टालने की कोशिश की.
‘अरे बताओ ना?’ मैने अपना हाथ रिंकी की पीठ पर ले जाते हुए कहा.
‘वो सब कहते हैं कि …कि तेरे पापा तो तेरे बॉयफ्रेंड जैसे हैं. पागल हैं मेरी फ्रेंड्स भी.’ रिंकी ने शर्माते हुए बताया.
मुझे बड़ी जोर से हसी आई
‘हाहाहा…क्या सच में?’
‘नहीं ना पापा वो सब मजाक में कहते हैं…और मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है ओके…’ रिंकी ने थोड़ा सीरियस होते हुए कहा।
मैने कहा इसमें सीरियस होने की क्या बात है लेकिन वो ऐसा क्यो बोलते है इसका कारण तो होगा।
रिंकी ने अपना मोबाइल निकाला और मुझे अपने instragram वीडियो दिखाने लगी।
वो मेरी तस्वीरों को देखकर गाना गा रही थी
“”खता तो जब हो जब हाल दिल किसी से कहे,
किसी को चाहते रहना कोई खता तो नही।
प्यार मुझसे करते है वो, मै जानती हू,
ये बात और मुझसे कभी कहा तो नही। “”
‘मैने अनजाने में अपना दूसरा हाथ रिंकी की जांघ पर रख लिया था.
रिंकी की जांघें लेग्गिंग्स में से उभर कर बेहद सुडौल और कसी हुई नज़र आ रही थी. रिंकी की जांघ एकदम कसी हुई और माँसल थी. मैने हलके से अपना हाथ उस पर फिराया, मेरा उसकी जांघ पर हाथ रखते ही रिंकी की नजर उस पर जा टिकी थी, लेकिन उसने अपनी बात जारी रखी और इस तरह मेरे छूने को नज़रन्दाज कर दिया,
‘चलो पापा अब आप आराम से बैठ जाओ. मैं अपनी बर्थ पे जाती हूँ.’ कह रिंकी उठने को हुई. मैने भी अपने हाथ उसकी पीठ और जांघ से हटा लिए थे. और आँखें बंद करके लेट गया। तभी मुझे पैरो की आहट सुनी आँखे खोली और उसी के साथ ही मुझ पर मानो बिजली गिर गई.
मैने जैसे ही आँखें खोली तो सामने का नज़ारा देख मेरा सिर चकरा गया था, रिंकी की पीठ मेरी तरफ थी और वह खड़ी-खड़ी ही कमर से झुकी हुई थी. उसके दोनों नितम्ब लेग्गिंग्स के कपड़े में से पूरी तरह उभर कर नज़र आ रहे थे वह उसकी पतली गोरी कमर केबिन में फैली रौशनी में चमक रही थी. मेरा चेहरा अपनी बेटी के अधो-भाग के बिलकुल सामने था. मैने गौर किया कि रिंकी असल में सामने वाली बर्थ के नीचे रखे बैग में कुछ टटोल रही थी. मुझसे रहा न गया.
‘क्या ढूँढ रही हो रिंकी?’ मैने पूछा.
‘कुछ नहीं पापा मेरे ईयरफोंस नहीं मिल रहे, डाले तो इसी बैग में थे.’ रिंकी ने झुके-झुके ही पीछे मुड़ कर कहा.
मैने ध्यान दिया की रिंकी के इस तरह झुके होने की वजह से उसकी लेग्गिंग्स का महीन कपड़ा खिंच कर थोड़ा पारदर्शी हो गया था और केबिन में इतनी रौशनी थी कि उन्हें उसकी सफ़ेद लेग्गिंग्स में से गुलाबी कलर का अंडरवियर नज़र आ रहा था. उन पर एक बार फिर जैसे बिजली गिर पड़ी.
मैने अपनी नज़रें अपनी बेटी रिंकी के नितम्बों पर पूरी शिद्दत से गड़ा लीं, मै सोच रहा था कि पहली बार में उसकी अंडरवियर क्यूँ नहीं दिखाई दी थी, और मुझे एहसास हुआ की रिंकी जो अंडरवियर पहने थी वह कोई सीधी-सिम्पल अंडरवियर नहीं थी बल्कि एक थोंग था, जो कि एक प्रकार का मादक (सेक्सी) अंडरवियर होता है जिससे पीछे का अधिकतर भाग ढंका नहीं जाता. ट्रेन के हिचकोलों से हिलते रिंकी के नितम्बों ने मेरी धज्जियाँ उड़ा दीं थी.
‘ये रिंकी कब इतनी जवान हो गई? पता ही नहीं चला, आज तक इसकी मम्मी ने भी कभी ऐसी पैंटी पहन कर नहीं दिखाई जैसी ये पहने घूम रही है…ओह्ह मेरे से पैसे ले जा कर ऐसी कच्छियाँ लाती है
अचानक मेरे अन्दर सोया हुआ मर्द फिर से जाग उठा था मेरी पेंट में लंड तन के खड़ा हो गया था. अब तक रिंकी को उसके ईयरफोंस मिल चुके थे और वह सामने की बर्थ पर लेटकर गाने सुन रही थी, उसने मुस्का कर मेरी ओर देखा, उसे नहीं पता था कि सामने लेटे उसके पापा किस कदर उस के जिस्म के दीवाने हुए जा रहे थे.
ट्रेन अपनी रफ्तार से चली जा रही थी, और हम लोग थोड़ी बहुत बातें करते हुए सो गये।
सुबह 6 बजे हम dimapur पहुचे। फ़िर हमने डिसाइड किया की रेलवे स्टेशन पर फ्रेश होकर परीक्षा सेटर निकलेंगे, पहले में फ्रेश होने गया। फ़िर रिंकी गई, फ्रेश होने के बाद वो मुझसे बोली पापा मेरा पेट खराब हो गया है। लगता बार बार जाना पडेगा कोई दवा लियाओ।
मेने कहा ठीक है लेकिन दवा देने के बाद भी उसे आराम नही मिला तो मैंने कहा एक काम करते हम कोई धर्मशाला में एक कमरा लेते है वहा तुम आराम कर लेना में जब तक अस्पताल ढुढ़ता हु वो बोली ठीक है।
फिर हम लोग धर्मशाला में एक कमरा लेकर आराम करने लगे परीक्षा पेपर 11 बजे था, थोड़ी देर लेटने के बाद उसे आराम मिल गया वो बोली पापा में ठीक हू।
मैने कहा तो फिर ड्रेस चेंज कर लो हम चलते हैं।
वो बोली ठीक और उसने बैग में से एक कुर्ती और चूड़ीदार तंग पजामी निकाली। मैने उससे कहा फॉर्मल ड्रेस पहनकर exam देने क्यो जा रही हो। वो बोली ये मेरी लकी ड्रेस है, और वॉशरूम में चली गई। धर्मशाला के बाथरूम छोटे होते है. और दरवाजे की कुंडी भी खराब थी। कफी देर होने के बाद जब रिंकी वापिस नही आई तो मेने उसे आवाज दी वो धीरे से बोली हा पापा।
मेने कहा अब चलो ना टाइम हो गया वो बोली पापा एक समस्या हो गई मेने पूछा क्या हुआ वो बोली मेरी पजामी में मेरी टांग में फस गयी है और अंदर पकडने और बैठने के लिए कुछ नही है।
मुजे हसी आई मन ही मन बोला चूड़ीदार तंग पाजामी पहनेगी ये तो होना ही था। फिर मेने कहा मैं मदद करू कुछ वो बोली ठिक है। फिर मेने उसे गेट खोलने को बोला उसने थोड़ा सा गेट खोल दिया मेने देखा की उसकी एक टांग पजामी के अंदर और एक बहार थी अब मैने उसे बोला थोड़ा गेट खोले और ज्यादा तो उसने गेट खोल दिया।
वाह क्या नजारा था में उसकी तरफ नीचे से देखा उसकी गोरी चिकनी भरी हुयी जांघे, मटकी की तरह उसके गोरे चिकने चुतड़, थे। उसने कुर्ती नही पेहनी थी जिससे उसकी ब्लू पैंटी उसके चुतडो पर जो कसी थी मुझे दिख रही थी। वो उलटी खड़ी हुई थी (मेने ये दृश्य पहली बार नही देखा था इससे पहले भी में ये सब अपनी पत्नी कुसुम का देख चुका था)
मेरे लंड में कुछ खास हलचल होने लगी। मेने रिंकी की जांघो को हाथ लगाया तो वो चोंक गई लेकिन मजबूरी थी शांत रही। फिर मैंने उसे बोला की मेरी तरफ घुमो। वो जब मेरी तरफ घूमी तो मैं उसके दूध देख कर भोचका रह गया क्या मस्त चूचे थे। उसके हल्की ग्रीन रंग की ब्रा में उसके दूध बहार निकलने की कोसिस कर रहे थे। वो अपनी आंखे बंद करे थी। मैंने अपनी उंगलीयो से उसकी पजामी को जोर से खीचा तो वो मुझसे चिपक गई। बाथरूम छोटा था।
उसके दूध मेरे सीने से चिपक गए हम दोनो शांत वो आंख बंद करती और खोलने लगती । मैं उसकी कुर्ती को ऊपर करने में लगा था। मेरी उगलिया उसके पैंटी की लाइन पर गई उसकी चूत के बाल बहार निकल रहे थे, मुजे कंट्रोल नही हो रहा था, मेरा लंड टाइट हो गया था, वो जोर से कांप रही थी, मेने जोर लगाया तो उसकी पजामी छूट गई और इलास्टिक ऊपर हो गयी उसके चुतड मेरे हाथ में आ गए क्या मुलायम थे। उसके दूध ऊपर नीचे हो रहे थे,
तभी वो धीरे से बोली पापा पजामी उपर हो गई है, में ठीक से पहनकर के आती हूं। मैंने कहा ठीक और बहार आ गया,
मै बाहर खड़ा हुआ सोच रहा था मेरा और मेरी बेटी रिंकी के साथ कैसा नया रिश्ता बन रहा था।
जारी है
तभी वो धीरे से बोली पापा पजामी उपर हो गई है, में ठीक से पहनकर के आती हूं। मैंने कहा ठीक और बहार आ गया,
मै बाहर खड़ा हुआ सोच रहा था मेरा और मेरी बेटी रिंकी के साथ कैसा नया रिश्ता बन रहा था।
रिंकी बाथरूम से बाहर आई और तैयार थी मेरे साथ पेपर देने जाने के लिए रिंकी ने ऑरेंज कलर का चूड़ी दार सलवार सूट पेहेन रखा था मेरी बेटी रिंकी सेक्सी आइटम लग रही थी उसके बदन से चिपका हुआ कुरता जिसमे से उसके उरोज बाहर की तरफ निकल रहे थे जिनको उसने अपनी चुन्नी से ढक रखा था , उसकी जांघ और नितंबो से चिपकी हुई उसकी टाइट और चूड़ी दार सलवार जिसमे से उसकी सेक्सी पैरो और झांघो की सुन्दरता साफ़ नजर आ रही थी उसकी काजल लगी हुई आँखें नाक में छोटी सी नोज रिंग बाल ढीले clutcher से बंधे हुए बाल जिनमे से साइड से सामने के बालो की 2 लम्बी लटें जो बार बार आकर उसके गालों पे गिरती जिन्हें रिंकी बार बार अपनी उँगलियों से अपने कान के पीछे करती कुल मिलाके बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही थी रिंकी ,
जब भी रिंकी चलती मैं उसके कुर्ते के कट में से उसकी साइड की झांगो से लेके नितंबो तक का शेप देखता उसकी सलवार उसकी टांगो से इतनी चिपकी हुई थी की उसकी गांड तक का शेप साफ़साफ़ साफ नजर आ रहा था रिंकी मुझे देख कर मुस्करा रही थी।
“मैने मन में कहा ये लड़की तो आज जान लेकर रहेगी”
मैं भी ब्लू जीन्स व्हाइट शर्ट पहने हुए अपने बदन पर बॉडी स्प्रे डाल कर कपड़े पहने ब्लैक शूज और काला चश्मा…. मैं तैयार हो कर खड़ा था। वैसे तो मेरी उम्र 35 साल है पर मै अपने कसरति जिस्म की वजह से 25 साल का हैंडसम लड़का लगता हू।
शक्ल सूरत तो अच्छी थी ही कुल मिला कर मैं जँच रहा था
रिंकी मुझसे बोली पापा कैसी लग रही हूँ मैं इस ड्रेस मैने कहा its beautiful.रिंकी ने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और मेरे करीब आकर मेरे गाल से अपने गाल चिपका कर एक सेल्फी लेने लगी। मुझे रिंकी के बदन से आ रही खुशबू ने पागल कर दिया था. मै बड़ी मुश्किल से अपने ऊपर कंट्रोल करके उससे बोला रिंकी बेटी अब बस कर।
चल नौ बज चुके है पेपर के लिए देर हो जायेगी। हम धर्मशाला के रूम को ताला लगाकर नीचे आ गए, मैने रिंकी से कहा बेटी पहले कुछ खा लेते है फिर चलते है। वही पास में एक नास्ते की दुकान पर हम जाकर हम बैठ गये।
वो दुकान के पीछे ही दुकान वाले का मकान था। उसकी दुकान पर वो पति पत्नी मिलकर काम कर रहे थे। मैने रिंकी से पूछा क्या खायेगी वो बोली मेरा तो पेट सही नही है कुछ हल्का फुल्का ले लीजिये। मैने दुकान वाले से request की वो अपने घर में थोड़ी सी दाल खिचड़ी बना दे। तो उसकी पत्नी ने खिचड़ी बनाने लगी।
बातों ही बातों में उस दुकान वाले से हमारी पहचान निकल आई वो मेरी मम्मी की गाँव के थे। और वो मेरी मम्मी को भी जानते थे।
“आज के जमाने में भी अच्छे लोग मिल जाते है”
वो दुकान वाले को मैने पूरा exam center का पता बताया तो वो बोले ये जगह highway पर है और ऑटो बहुत पैसे लेगा आप मेरी बाइक ले जाए।
“वो मेरे पापा मम्मी के किये गए अहसानो का कर्ज उतारकर अपना फर्ज निभा रहा था”
मै उसको ना नुकर करते हुए मान गया।
मै और रिंकी बाइक पर बैठ कर सेंटर की ओर चल दिये।
हम बात करते हुए चल रहे थे, अब मेरा मन रिंकी को अपने जिस्म से सटा देख बिगड़ने लगा उसके चुंचे के पीठ में गड़ने से मेरा लंड खड़ा हो गया था।
उसने मोबाइल निकालकर इंस्टा वीडियो बनाने लगी।
रिंकी तो जैसे पागल सी हो गयी थी
वो मेरे गालो पर हाथ फेरेते हुए गाना गा रही थी।
“” बोल तेरे मीठे मीठे बात तेरी सच्ची लागे,
मुझे बड़ी ही रोमांटिक नजारे और हसीन फीलिंग्स हो रही थी, ऐसा लग रहा था आज कितने दिन बाद सूर्य की किरण जमीन पर पड़ रही थी।
हम exam center के नजदीक पहुँच गये।
और फिर center के पार्किंग स्थल में बाईक लगाकर दोनों अंदर घुस गए । Center के आखिरी हिस्से में सिर्फ पेड़ पौधे थे. हम लोग समय से आधे घंटे पहले आ गये थे, बहुत से लड़के लड़किया साथ साथ खड़े, बैठे , लेटे, एक दूसरे के गले में हाथ डाले हुए बात कर रहे थे। Exam center लवर्स प्वाइंट के रूप में नजर आ रहा था।
हम दोनों एक विशालकाय बृक्ष के नीचे बैठ गए। मै रिंकी की neet test की बुक खोलकर उसको पढ़ने लगा और रिंकी से बोला बेटी थोड़ा revision कर लो। वो अपना मोबाइल निकालकर इंस्टा वीडियो बानने लगी। मोबाइल में गाना बज रहा था
“” किताबे बहुत सी पढ़ी होगी तुमने,
कभी कोई चेहरा क्या तुमने पढ़ा है।
मै रिंकी की इस तरह वीडियो और गाना सुनकर खुद को रोक नहीं पाया और मै भी रिंकी के साथ गाना गाने को मजबूर हो गया।
“” पढ़ा है मेरी जान दिल से पढ़ा है,
रिंकी– बता मेरे चेहरे पर क्या क्या लिखा है।
हम दोनों हसने लगे।
थोड़ी देर बाद रिंकी इधर उधर देखने लगी और मेरी बाह में बाह डालकर मुझसे चिपक गई तो मेरा हाथ उसके पीछे था, तभी मुझे उसके कोमल, मुलायम, cup bra में कसे हुए दूधों का एहसास अपनी बाह पर मिलने लगा।
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था मै क्या करू, मेरी जवान लड़की मेरे साथ इस तरह चिपक कर बैठी थी जैसे मै उसका प्रेमी या पति हू।
रिंकी ने चुन्नी ओढ़ रखी थी।
मेरे हाथ की उंगलियाँ ना चाहते हुए भी उसकी चुन्नी के नीचे उसके सीने के उभारो पर पहुँच गयी थी।
मैने उसकी तरफ देखा तो उसने मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया अब वो बार बार मेरी गर्दन पे अपने होंठ फेर रही थी और मैं कुछ नहीं कर पा रहा था।
रिंकी कि आंखें बन्द हो चुकी थी, हम दोनों काम वासना की दुनिया में खो रहे थे
हमारी मर्यादा टूटने की कगार पर आने वाली थी।
“हमारे बीच कैसा नया रिश्ता बन रहा था”
मैंने सोचा enough is enough ये ऐसे नहीं मानेगी मुझे ही कुछ करना पड़ेगा।
मैने अपनी सांसों को नियंत्रित करते हुए उससे कहा रिंकी बेटी exam का समय हो गया है सभी लड़की लड़के अंदर चले जा रहे है। रिंकी ऐसे react करते हुए अपनी आँखों को खोलकर मुझे देख रही थी जैसे कोई हसीन ख्वाब से मैने उसे जगा दिया हो। वो मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखती हुई खड़ी हो गयी।
मै उसको center के गेट तक छोड़ने गया, उसने गेट के अंदर जाने से पहले मेरे सीने से लिपट गयी और बोली मेरा इंतजार करना।
और अंदर चली गयी।