अध्याय — 4 — हमारा हनीमून ——
मै उनकी ख़ुशी के लिए कुछ भी करूँगा। मै अपना दामाद का फर्ज निभाऊँगा। कुसुम ने मेरे कंधे पर सर रख लिया। मैंने कुसुम से धीरे से पूछा रिंकी बेटी अभी हमारे साथ क्यो नही आई। कुसुम हस्ते हुए बोली आप पूरे बुधु हो आज हमारी शादी की first nighit है और रिंकी आज की रात हमारे बीच में कबाब की हड्डी नही बनना चाहती थी। मैंने कहा ऐसा रिंकी ने तुमसे बोला। कुसुम बोली हा। मैंने कहा आज कल के बच्चे इतनी छोटी उम्र में बड़े ही समझदार हो जाते है। ऐसे ही बातें करते हुए हम घर पहुँच गए।
मम्मी ने हम दोनों को घर के दरवाजे पर आरती उतारकर अंदर ले आई। मम्मी ने कुसुम को पति व्रत पूजा की किताब देते हुए कहा बेटी इसकी रोज पूजा करना जिससे तुम दोनों पति पत्नी का रिश्ता मजबूत और प्यार से भरा रहेगा। पापा ने कुसुम को आशीर्वाद देते हुए कहा जल्दी से इस घर को बच्चो की किलकारियों से रोशन करो। मै और कुसुम एक दूसरे को देखकर मुस्करा रहे थे। फिर मै नहा धोकर खा पीकर हॉल में सो गया। दोपहर के चार बजे मम्मी ने उठाया और मुझसे बोलि बेटा जा अब थोड़ा बाहर घूम आओ औरते आने वाली है बहू की मुह दिखाई होनी है।
मै अपने दोस्तो को फोन किया और उनके पास चला गया। मेरे दो ही दोस्त है, हम लोग चाय की दुकान पर बैठ कर बातें करने लगे। मेरा एक दोस्त बोला अरुण रात की तैयारी हो गयी मैंने कहा इस बार कोई तैयारी नही सीधा फाइनल होगा। सब हसने लगे। तो दूसरा बोला हनीमून के लिए कहा जा रहे हो। मैंने कहा यार मै मिडिल क्लास फैमिली वाला हू। वैसे भी शादी में बहुत पैसें खर्चा हो गए। इसलिए जो होगा घर में ही होगा। थोड़ी देर बाद मेरा एक दोस्त बोला एक आईडिया है तुम्हारे हनीमून की जुगाड़ हो सकती है। मैंने पूछा क्या। वो बोला तुमे स्टेज पर जो रुपयो के लिफ़ाफ़े मिले थे वो काम आ सकते है और भाभी को अभी मुह दिखाई में रुपए के लिफ़ाफ़े मिलेंगे उन सबको मिलाकर गोवा में दो तीन दिन का हनीमून पैकेज की जुगाड़ आराम से हो जायेगी। मुझे उसका आईडिया ठीक लगा। और एक घंटे गप्पे लगाने के बाद सात बजे घर आ गया।
आप लोगों को याद दिला दू ये मेरी और मेरी पत्नी कुसुम दोनो की ही दूसरी शादी थी और शादी भी सादा सिंपल तरह से हुयी थी और किसी को बुलाया भी नही था क्योकि आप तो जानते ही है रिश्तेदार ताना देते विधवा लड़की और एक बेटी की माँ से शादी कर ली। और हमारे खास रिश्तेदार भी नही आये थे और मैंने बेड रूम को सुहागरात की सेज का तामझाम भी नही किया था। सब औरते जा चुकी थी, मम्मी पापा और कुसुम हॉल में थे।
मै भी हॉल में बैठ गया मम्मी से कहा मुझे स्टेज पर जो लिफ़ाफ़े मिले थे वो कहा है मम्मी बोली क्यो क्या करेगा मैंने कहा उन पैसों से घूमने जाने की सोच रहा हू। तो पापा बोल पड़े बीच में अरुण बेटा तुम्हे जहा जाना हो जाओ पैसे मुझसे ले लो। और वो पैसे से अपनी बहू के लिए मै और तेरी मम्मी कान के लिये सोने की टोक्स बनवाने की सोच रहे है। मै खुश हो गया और पापा से बोला ok sir. फिर हम सब खाना खा पीकर अपने कमरे में चले गए।
मै बेड पर कुसुम का इंतजार कर रहा था, वो मम्मी के कमरे में थी। थोड़ी देर बाद वो आ गयी। कुसुम को देखकर मै मेरी आँखे खुली रह गयी।
कुसुम के आँखों में काजल, होंठो पर डार्क लिपिस्टिक, चेहरे की चमक देखकर कोई ये नही कह सकता की वो एक 18 साल की लड़की की माँ है।
कुसुम को मेरी मम्मी ने एक दुल्हन की तरह सजा दिया था। मै फुर्ती में उठा और कुसुम को पकड़कर बेड पर बिठा दिया और कमरे के बाहर झाँका पापा हॉल में सो रहे थे और मम्मी अपने कमरे शायद सो रही थी। मैंने अपने रूम के दरवाजे बंद किये। और बेड पर कुसुम के पास बैठ गया। और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर बोला थैंक्स। मुझे आज अपने आप पर घमंड हो रहा था मैं सोच रहा था मैंने सपने में भी नही सोचा था कि मुझे इतनी खूबसूरत बीवी मिलेगी।
कुसुम बोली क्या हुआ ऐसे क्या सोच रहे हो मुझे चिढ़ाते हुए बोली अगर आपका मन नही हो तो मै सासु मम्मी के साथ सो जाती हू। मैंने कहा अरे मेरी मा ये सासु मम्मी के साथ सोने की रात नही है। और कुसुम को पकड़कर बिस्तर पर लिटा लिया और उसके गालो पर kiss करता हुआ बोला “कल तक जिसके सपने देखें आज वो मेरे साथ है आज मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत रात है।” कुसुम बोली वाह शायरी भी कर लेते है जनाब। मैंने कहा अब आप इजाजत दे तो और बहुत कुछ कर के दिखाऊ। कुसुम बोली मैं तो आपकी हू और अपने आप से क्या इजाजत लेना। मै कुसुम का इशारा समझ गया।
और अपने होंठों को कुसुम के होंठो पर रख दिया। हम एक दूसरे के होंठो को चूमने, चूसने, हल्के से काटने लगे। पांच मिनिट बाद मैंने अपने हाथ कुसुम के उरोजो पर रखकर दबाना शुरू कर दिया कुसुम सिसकिया ले रही थी।
मैंने कुसुम से पूछा तुम खुश हो, वो आँखों की पलके झपकाते हुए बोली हा और कुसुम मेरे सीने से चिपक गयी। मैंने कहा कुसुम एक बात पूछूँ वो एक मादक कामुक अंगड़ाई लेते हुए बोली नही आज आप सौ बात पूछो मैंने कहा तुम अभी भी वर्जिन हो और बेटी की मां भी हो ये बात समझ नही आई तो कुसुम बोली आप को मै सब बता चुकी हू फिर याद दिलाती हू मेरी बेटी की डिलिवरी ऑपरेशन से हुई थी ये देखो मेरे पेट पर निशान है। और वो मेरे गर्भ में मेरे पहले पति के साथ संभोग से नही आई वो उसकी वीर्य मेरी योनि के अंदर शायद चली गयी थी क्योकि हमारे बीच कभी भी संभोग ठीक से हुआ ही नही था। मुझे उसकी बातें आधी समझ आ रही थी आधी नही। हम दोनों एक दूसरे से चिपकर नंगे ही सो गए।
सुबह नौ बजे करीब मेरी आँख खुली कुसुम कमरे में नही थी। मेरे तकिया के नीचे मेरी चड्डी रखी थी, मैंने अपनी चड्डी उठाकर पहन ली। मेरे पूरे शरीर में आलस भरा हुआ था उठने का मन नही कर रहा था। मैंने फिर से आँख बंद कर ली और चादर से मुह ढक कर करवट बदलकर लेटा रहा। तभी कुसुम किसी से फोन पर बात करते हुए रूम में आ गयी। मैंने सोचा चुपचाप मै इसकी बात सुनता हू, सुबह सुबह ना जाने किस से हँसकर बात कर रही है। कुसुम फोन पर अपनी आगणबाड़ी वाली सहेली से कह रही थी कि मेरी छुट्टी दस दिनों की और बढ़ा देना मै और मेरे पति घूमने जा रहे है। मै ये सुनकर टेंशन फ्री हो गया की मेरी पत्नी अपने नौकरी की भी फिक्र करती है। कुसुम की फोन का वोल्यूम ज्यादा खुला हुआ था जिससे मुझे उसकी सहेली की आवाज भी सुनाई दे रही थी। और कोई ज्यादा उम्र वाली औरत की आवाज लग रही थी। कुसुम ने उससे कहा आगणबाड़ी केंद्र कब जाओगी तो उसकी सहेली बोली रास्ते में हू इसलिए तुझे फोन किया।
कुसुम की सहेली ने पूछा पतिदेव कहा है तो कुसुम बोली वो सो रहे है। तो सहेली ने कहा रात भर जागे जो होंगे। तो कुसुम बोली नही यार वो बारह बजे ही सो गए थे। सहेली ने अचंभित होकर पूछा अरे। तुमने उनको सोने क्यो दिया। कुसुम बोली मै क्या कर सकती थी। सहेली बोली कितने राउंड लगाए तुम दोनों ने। कुसुम बोली मतलब। तो सहेली बोली अरे पागल कितनी बार सेक्स किया। कुसुम बोली बस एक बार। सहेली की हसी की आवाज आ रही थी।
कुसुम बोली इसमें हसने की क्या बात है। तो सहेली बोली मै हस नही रही हू। मुझे पूरी रात की कहानी बताओ। कुसुम ने कहा तुझे बड़ा मजा आ रहा है मेरी रात कहानी जानने में। तो सहेली बोली क्यो अभी शादी से कुछ दिन पहले तो बड़ी उतावली होकर मुझसे मेरी शादी की फर्स्ट नाइट का experience पूछ रही थी अब अपनी बारी पर शर्म आ रही है। कुसुम ये सुनकर सहेली को रात की कहानी बताने लगी। उसकी सहेली हस हस कर सुन रही थी और मुझे भी मन ही मन हसी आ रही थी।
तभी कुसुम अपनी सहेली से बोली मैंने जब अपने husband का लंड हाथ में पकड़ा तो ज्यादा मोटा नही था और लंड की स्किन भी ज्यादा पीछे नही जा रही थी जिससे उनके लंड का सुपाडा पूरा नही खुल पा रहा था। और उनके टट्टे बड़े बड़े थे।
ये सुनकर सहेली जोर जोर से हसने लगी और बोली अरे मेरी भोली कुसुम देवी तुम एक जवान लड़की की अम्मा बन गयी और अभी तक मोटे पतले लंड और टट्टो बट्टो के पीछे पड़ी हो। तेरे husband कौनसे पहलवान है उनके शरीर के हिसाब से ही तो उनका लंड होगा। वो दुबले पतले शरीर के है। जिससे उनके अंग और लंड सभी पतले है। अब तुम अपने थनों से लगाकर उन्हे दूध पिलाना फिर वो भी मोटे हो जायेंगे और उनका सामान भी मोटा हो जायेगा। ये सुनकर मेरी तो चादर के अंदर ही हसी के कारण पेट में दर्द होने लगा।
कुसुम देवी तुम बड़ी किस्मत वाली हो जो तुम्हे पैंतीस साल का कुँवारा वर्जिन लड़के से शादी हुई है क्योकि तेरे हसबैंड के लंड का सुपाडा भी अभि ठीक से नही खुला है वरना आजकल के लड़के जिनकी मुच्छे तक नही आई वो अपना लंड हाथ से हिला हिला कर लंड का सुपाडा तो खोल लेते है पर उनका लंड आगे से सुपाडे के खुल जाने से मोटा दिखता है जबकि पीछे से या जड़ से पतला हो जाता है। तेरे हसबैंड का लंड उनके शरीर के हिसाब से ठीक है और लंड का सुपाडा जैसे जैसे सेक्स करेंगे तो अपने आप खुल जायेगा। पर अपने पति के साथ सेक्स करते समय उनके लंड पर ज्यादा सा तेल जरूर लगाया करो।
कुसुम ने ये सुनकर मेरे सोते हुए चेहरे पर एक kiss कर दी। फोन में से उसकी सहेली की आवाज आ रही थी हैलो कुसुम क्या हुआ। कुसुम बोली अरे मै यही हू बस तेरी बात सुनकर पति को चूमने का मन किया था। तो उसकी सहेली बोली रात को चूम चूम कर मन नही भरा क्या।
तो कुसुम बोली मन तो मेरा बहुत था कि उनको चूम कर दोबारा तैयार करू पर वो खारंटे लेने लगे थे। कुसुम की सहेली ने पूछा कितनी मिनिट तक सेक्स किया था। तो कुसुम बोली मिनिट का मत पूछो यार पति महाराज ने जोर जोर से 25-30 धक्के लगाए और जैसे ही मैंने अपनी कमर हिलानी शुरु की वो शांत हो गए। ये शब्द सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा, मैंने अपने मन में कहा कि मैंने इससे रात में पूछा था ये खुश है तो इसने झूठ बोला था।
कुसुम की सहेली बोली ये कोई बडी प्रॉब्लम नही है, ऐसा ज्यादा उत्तेजना की वजह से सभी लड़को में होता है, और तुम्हारे पति ने आज तक अपना लंड भी ठीक से नहीं हिलाया। उनके साथ तो ये होना ही था।over exitement की वजह से पहली बार सेक्स करने में ये हो जाता है। उनका वीर्य यां पानी कितना निकला कुसुम बोली बहुत सारा गाड़ा सा मेरे तो चूतर में भी भर गया था।
कुसुम मै तुम्हें समझाती हू लड़को और लड़की कि उत्तेजना में बहुत अंतर होता है। लड़की को उत्तेजना देर से होती है और लड़को की देखना तो दूर सोचने से ही शुरू हो जाती है जो जल्दी आती वो जल्दी खतम भी हो जाती है। उनका कंट्रोल करने की आदत धीरे धीरे आती है। जबकि लड़की को अपनी उत्तेजना दबानी भी आती है जैसी तुमने 18-19 साल से अपनी सेक्स इच्छा दबा के रखी थी।
कुसुम तुमे मैंने बताया था कि मेरे पति का तो कंडोम लंड पर चढ़ाते हुए ही पानी निकल गया था। तेरे पति ने 25-30 धक्के तो लगा दिये। कुसुम देवी मेरा मानना है कि सेक्स बिल्कुल गाड़ी चलाने की तरह किया जाता है इसमें भी कब ब्रेक लगाने है, कब स्पीड बढ़ानी है, कब हॉर्न दबाना है सब का ध्यान रखना पड़ता है। अपने पति को हनीमून में सब सिखा देना। मै तो अब आगणबाड़ी केंद्र पहुँच गयी हू बाद में बात करती हू। Best of luck. Bye
कुसुम ने एक बार फिर से मेरे माथे पर kiss किया तभी मेरी मम्मी पापा की आवाज आई। मेरे मम्मी पापा मंदिर से वापस आये थे। कुसुम उनकी आवाज सुनकर बेडरूम से बाहर निकल गयी।
मैं बेड से उठा और अपने कपड़े पहनकर हॉल में आ गया। मेरी मम्मी कुसुम से बोली बेटी पति व्रत पूजा का पाठ कर लिया तो कुसुम बोली sorry मम्मीजी भूल गयी थी। तो मम्मी उससे बोली बेटी ये पूजा ही तेरी जिंदगी में पति का प्यार बढायेगी।
मै भी जाकर हॉल में सोफे पर बैठ गया और कुसुम से बोला एक ग्लास पानी देना जरा। ये सुनकर पापा गुस्से में बोले अभी दस बजे उठने की क्या जरूरत थी और दो बजे तक सो लेते। रात भर जागकर तो बड़ी मेहनत की होगी। इतने में कुसुम बीच में हस्ती हुई बोल पड़ी पापा रात भर नही ये तो गयारह बजे ही सो गए थे। ये सुनकर मुझे थोड़ा बुरा लगा मैंने कुसुम से कहा तुम्हारे पेट में कोई बात पचती नही है,। (ये बात मैंने कुसुम और उसकी सहेली की सुबह फोन पर जो बातें हुई थी उसकी ओर इशारा करते हुए कही थी)तभी मम्मी बोली अब सब चुप हो जाओ। कुसुम बेटी इसे पानी दे दो। और वो पति व्रत की पूजा कर लो।
अरुण बेटा तू नहा धोकर कुसुम के घर जा और रिंकी बेटी को यहाँ अपने दादा दादी के घर लेकर आओ। आज हमको अपनी पूरी फैमिली के साथ कुल देवता की पूजा करने भी जाना है, और रिंकी अब तुम्हारी बेटी है और हमारे फैमिली की मेंबर है। मैंने कहा कुसुम को भी साथ ले जाता हू। तो मम्मी बोली बेटा घर में पूजा का अभी बहुत काम है कुसुम यहा मेरे साथ मदद करेगी, तुम अकेले ही चले जाओ बीस मिनिट का तो रास्ता है।
पापा ने कुसुम के पापा को फोन लगाते हुए
कुसुम से कहा बेटी तेरे पापा अभी घर भी होंगे तो मै उन्हें फोन कर के बोल देता हू कि रिंकी कि तैयारी कर दे उसकी भी विदा करनी है ये सुनकर हम सब हसने लगे।
मै बारह बजे करीब अपनी ससुराल पहुँच गया, मै आपको बता चुका हू मेरी ससुराल lower मिडिल क्लास फैमिली की है। मैंने मिठाई का डिब्बा और कुछ सामान अपनी सास को देते हुए उनके पैर छुये तो मेरी सास ने मुझे अपने सीने से लगा लिया। मेरी सास भी मेरी मम्मी की तरह भरे हुए बदन की है, मेरी सास ने एक बिना बाजू वाली ढीली मैक्सी पहनी हुई थी। जिससे उनके बगलो के बाल साफ दिख रहे थे। उनके सीने से लगकर मुझे ऐसा अहसास हुआ उनके छातिया अभी भी कसी हुई थी। शायद सास के दूधो को काफी सालों से मेरे ससुर ने मसला नही था। मै सास के सीने से चिपका हुआ था मेरे लंड ने इठलाना शुरू कर दिया था। मेरा लंड का उभार मेरी सास ने जांघों पर महसूस किया तो हल्के से पीछे हो गयी। और मै भी मुस्कुराता हुआ सास से अलग हो गया। सास मेरे पास कुर्सी पर बैठ गयी।और साली को आवाज दी। मेरी साली किचिन से लोंग स्कर्ट और शर्ट पहनकर अपने माथे का पसीना पोछते हुए निकलकर मेरे सामने खड़ी हो गयी। पसीने के कारण उसकी शर्ट भी उसके जिस्म से चिपक गयी थी जिससे उसके डार्क चोकलेटी रंग के निप्पल की चूची नजर आ रही थी। मुझे ये देखकर थोड़ा uncomfortable लगा। क्योकि में पहली बार अकेला ससुराल गया था। मेरी सास और साला भी मेरे बगल में बैठे थे। सास ने साली से कहा पानी ला और साली के साथ सास भी चली गयी।
मैंने अपने साले रिंकू से बातें करने लगा। मेरा साला इक्कीस साल का जरूर हो गया है पर अभी तक उसकी मूछें तक नही आई है, पूरा चिकना है। बदन से भी स्लिम है उसके नितंब जरूर बड़े और भरे हुए है। मैंने साले से कहा रिंकू तुम बहुत अच्छा डांस कर लेते हो। रिंकू ये सुनकर लड़कियों की तरह शर्मा गया, वो मुझसे बोला जीजाजी बस थोड़ा बहुत कमर हिला लेता हू। तो मैंने कहा रिंकू तुमने शादी में लड़कियों को फैल कर दिया बिल्कुल नोरा की की तरह कमर हिला हिला कर डांस किया। रिंकू ये सुनकर खुश होकर मुझे अपना फोन में शॉर्ट टिक टॉक वाले वीडियो दिखाने लगा।
“आजकल के जमाने में कोई कितना भी गरीब हो चाहे घर में आटा हो या ना हो पर हाथ में स्मार्ट फोन और फोन में डाटा जरूर होगा”
रिंकू के एक से एक लड़कियों के सेक्सी डांस वाले वीडियो मै लड़कियों की तरह डांस कर रहा था। कुछ में तो उसने मेरी साली की ड्रेस पहनी हुई थी, उसकी कमर देखकर बहुत से लड़के उसे लड़की समझकर अश्लील कॉमेंट कर रहे थे। मैंने रिंकू का फोन अपनी जांघ पर रखा हुआ था। रिंकू मुझे अपने वीडियो दिखाते हुए फोन की स्क्रीन पर उंगली फेर रहा था। वो मुझसे इस तरह से चिपक गया था की उसके गाल मेरे गालो से छू रहे थे। मुझे अंदर से अटपटा लगने लगा मेरे कामुक अंग मतलब लंड में तनाव आने लगा और लंड का उभार पैंट में दिखने लगा। मैंने रिंकू से अपने लंड के उभार को छिपाने के लिए उसके चेहरे की तरफ देखा तो मुझे ऐसा लगा की उसकी नजरे मेरे लंड के उभार पर टिकी थी और वो बस वीडियो खतम होते ही बिना फोन देखे उंगली फेर रहा था। मैंने ये देखकर तुरंत फोन को अपने हाथो में ले लिया और फोन वीडियो पर मै अपनी उंगली फेर कर ऊपर करने लगा। रिंकू ने अपना हाथ मेरे कंधे पर और एक जांघ पर रख लिया।
थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ की रिंकू की उंगली मेरे पैंट में लंड के उभार पर छूने लगी। मेरी रिंकू को रोकने की उसे टोकने का मन नही कर रहा था। ना जान मुझे बड़ा मजा आने लगा था। मेरे पैंट में लंड फूलकर तम्बू बन गया था । वो मेरे और नजदीक आ गया था। उसने अपनी टांगे मोड ली थी शायद उसका लंड भी खड़ा हो गया होगा। उसने मेरी पैंट की ज़िप को खोलने के लिए उंगली फसाई की सामने से मेरी सास प्लेट में मिठाई और पानी लेकर आई ।
हम दोनों चौन्क गये हमारे माथे पर पसीना बह रह था। मेरी सास रिंकू से बोली जीजा को अपने वीडियो दिखा रहा था। मैंने मन में कहा वीडियो दिखा नही रहा था बना रहा था।
रिंकू बोला हा। सास ने रिंकू से कहा पापा को फोन लगाओ और पूछो घर कितनी देर से आयेंगे। मेरी सास ने प्लेट मुझे देते हुए बोली लो बेटा मैंने देखा ये तो वो ही मिठाई थी जिसका डिब्बा मैंने अभी सास को दिया था। पीछे से साली प्लेट में नमकीन और चाय लेकर आ गयी। मैंने साली से कहा बैठो तुम लोग भी प्लेट में से लो। साली अपनी स्कर्ट उचकाते हुए टांगे ऊपर कर के जमीन पर बैठ गयी। मुझे मेरी साली की मासंल पिंडलिया दिख रही थी। और उसने भी एक मिठाई का टुकडा ले लिया। हस्ती हुयी बोली जीजाजी इंतने प्यार से दे रहे तो मना नही करूँगी। मेरी साली की शर्ट का एक बीच वाला बटन उसके हाथ उठाने से खुल गया जिससे मुझे उसकी उरोजो के बीच की गली दिखने लगी। मै बड़ी असमंजस में था उसे बटन लगाने को बोलू या उसके स्तनों की गली को देखता रहू।
साली मुझसे बोली क्या सोच रहे है जीजाजी खाइये ना। मैंने कहा वो रिंकी नही दिख रही तो साली बोली पापा के साथ बाजार गयी है। आने वाली होगी।
साली बोली कुसुम दीदी और आप कहा घूमने जा रहे है। मैंने कहा अभी dicide नही किया। तो साली बोली आप लोग गोवा जाओ अच्छी जगह है, मुझे गोवा बहुत पसंद है। मैंने मजाक में कहा तो तुम भी चलो। साली हस्ते हुए बोली पहले दीदी से तो आप पूछ लो। मैंने कहा वो कुछ नही बोलेगी तो साली बोली सच्ची। मैंने कहा हा। मेरी साली ने अपने पैर सीधे कर लिए और पीछे की तरफ तन कर बैठ गयी जिससे उसके दूधो का कुछ हिस्सा शर्ट के बटन में से निकलने लगा। मुझे फिर से अंदर से कामवासना जागृत होने लगी। मेरी सास ने मेरी नजरो को भांप लिया और वो साली से बोली जा चाय बना दे। तो साली हसी और बोली जीजाजी आप तो दूध पीते होंगे तभी तो इंतने गोरे है। मैंने भी मजाक में कहा दूध या चाय जो भी मिल जाए बस पी लेता हू। साली उठने लगी तो उसकी शर्ट के खुले बटन में से उसका एक बूब्स आधा बाहर आ गया। मेरा ये दृश्य देखकर हल्की सी खाँसी आ गयी। सास समझ गयी और मुझे बोली बेटा कुसुम तुम्हे खुश तो रखती है। मैंने कहा हा मै खुश हू।
तभी मेरे ससुर और रिंकी आ गए। ससुर ने मुझे देखा और हाथ जोड़कर मेरा स्वागत किया। मैंने ससुर के पैर छूने लगा उन्होंने मुझे रोकते हुए बैठने को बोला हम साथ बैठकर बात करने लगे। मेरी नजर रिंकी पर थी। रिंकी ने जीन्स और सूती कपड़े की tshirt पहना हुआ था, पसीने से उसकी tshirt जिस्म से चिपकी हुई थी और उसके उभार साफ दिखाई दे रहे थे। मुझे रिंकी में बेटी की जगह एक खुबसूरत लड़की दिख रही थी। वो मेरी सास के पास जाकर बैठ गयी और सामान दिखाने लगी। मेरी साली चाय लेकर आ गयी, मेरे ससुर ने मुझसे कहा बेटा खाना बन गया है खाकर ही जाना। मैंने मना किया लेट हो गया हू और पूजा का समय हो गया खाना अगली बार खाऊंगा। मैंने कहा रिंकी चलो। रिंकी ने अपना बैग उठाया और हम घर के बाहर आ गए। रिंकी रोने लगी तो मेरी साली बोली रिंकी तुम तो ऐसे रो रही हो जैसे तुम्हारी विदा हो रही हो और तुम ससुराल जा रही हो। ये सुनकर सब हसने लगे। मेरे सास ससुर ने मुझे सौ सौ रुपए और मिठाई का डिब्बा दिया। मैंने bike स्टार्ट की और रिंकी को बैठने के लिए इशारा किया। रिंकी ने बैग मेरी पीठ के पीछे रखकर बैठ गयी और हम अपने घर की ओर चल दिये।
मै अपने ससुर से बातें करने के बाद
मै रास्ते में सोचने लगा कि आज मुझसे बहुत बड़ी गलतिया हो गयी है, मुझे अपनी सास, साली, के बारे कामुक ख्याल नही लाना थे। और तो और मै अपने साले जो की लड़का है उसकी हरकत पर टोकने की वजह उत्तेजित हो रहा था। शायद गुरु माता ने मेरी कुंडली में, 6 घर में शुक्र, बुध, राहु देखकर जो कहा था वो सच था। पर मुझे अपनी कुंडली और किस्मत का लिखा बदलना होगा। मुझे बहुत guilty feel हो रही थी।
पूरे रास्ते मैंने और रिंकी ने भी कोई बात नही की।
मै अपने घर पहुँच गया मेरी मम्मी ने मेरी और रिंकी की आरती उतारी तब अंदर आने को कहा। ये देखकर मेरे पापा हस्ते हुए मेरी मम्मी से बोले तुम्हारा बेटा नई बहू लेकर आया है जो आरती उतार रही हो। तो मम्मी ने कहा आप चुप होकर अपना काम करो।
थोड़ी देर बाद हम सब तैयार होकर पूजा करने चले गए।
थोड़ी देर बाद हम सब तैयार होकर पूजा करने चले दिये मैंने एक स्कोर्पियो गाड़ी किराये पर मंगा ली। आगे की सीट पर मै और बीच में पापा मम्मी, और पीछे कुसुम रिंकी बैठ गए। कुसुम और रिंकी ने सफेद चूड़ीदार पजामी और कुर्ता पहना हुआ था। मैंने अपनी शादी वाली शेजवानी और मम्मी पापा ने भी साड़ी और कुर्ता पजामा पहना हुआ था। कुसुम और रिंकी माँ बेटी कम बहने लग रही थी। दोनों के जिस्म सफेद ड्रेस में मादक और कामुक दिख रहे थे। कुसुम के दूधो का साइज रिंकी के दूधो से बड़ा था। दोनों ने अपने उरोजो को दुपट्टा से ढँक रखा था। सड़क पर गड्ढे ज्यादा होने की वजह से गाड़ी ज्यादा हिल रही थी। मैंने साइड ग्लास में कुसुम और रिंकी को देखा तो ऐसा लग रहा था दोनों ने अपने आँचल में सफेद कबूतर छिपा रखे है जो बाहर निकलने के लिए फड़फड़ा रहे है।
आधे घंटे बाद हम कुल देवता के मंदिर पहुँच गये।मंदिर पर और भी नये शादी शुदा जोड़े अपनी फैमिली के साथ पूजा करने आये थे।पूजा गुरु माता के द्वारा कराई जा रही थी। बीस मिनट बाद हमारा नंबर आ गया और मै अपनी फैमिली के साथ बैठ गया। गुरु माता ने पूजा शुरू कर दी। दस मिनट बाद गुरु माता ने मुझे रिंकी को गोदी में बैठाने को बोला। मैंने कहा माता ये तो बड़ी है मेरी गोदी में कैसे बैठेगी। तो गुरु माता हस्ते हुए बोली बेटा तुम अपने कॉलेज के प्रोफेसर की तरह मुझसे सवाल मत किया करो। और ख़ुद ही तुम पूजा के लिए बड़ी बेटी लाये हो, मै उसे जादू से छोटी तो कर नही सकती। गुरु माता की बात सुनकर हम सब हसने लगे।
गुरु माता बोली बेटा ये पूजा बच्चे को गोद में लेकर ही सम्पन होती है। और बच्चे कितने बड़े हो जाये बच्चे माँ बाप के लिए बच्चे ही रहते है। मैंने रिंकी की तरफ देखा तो वो हँस रही थी। कुसुम बोली रिंकी बेटी अब हँसना बंद करो और पापा की गोद में बैठ जाओ।
रिंकी मेरी गोदी में बैठ गयी, मुझे उसके बदन की महक आने लगी। उसके बाल मेरे चेहरे पर छू रहे थे। मेरी जांघे उसकी जांघो की छुअन से गर्म होने लगी। रिंकी की पतली सूती कपड़े की बनी कुर्ते में मुझे उसकी पीठ पर सफेद ब्रा की पट्टी दिख रही थी। मुझे अपने लंड में हलचल होने लगी मेरे लंड ने इठलाना शुरु कर दिया। मेरा लंड मेरे काबू से बाहर जाने लगा। मेरे लंड में मेरे सारे जिस्म का खून भरने लगा। मेरा लंड मेरी सुहागरात के समय कुसुम के साथ सेक्स करते वक्त भी इतना नही फूला था। जो अभी फूलने लगा था। मेरा लंड मेरी सेजवानी की पजामी फाड़कर बाहर निकलना चाह रहा था।
तभी गुरु माता की आवाज आई तुम दोनों इस हवन कुंड में मेरे साथ घी चमच से डालो। रिंकी ने चमच उठाने के लिए हल्के से अपनी कमर उठाई तो मेरा लंड एकदम सीधा किसी टॉवर की तरह मेरी पजामी में खड़ा हो गया। रिंकी ने चमच हाथ में ले ली और वापिस जैसे ही मेरी गोदी में बैठी तो मेरा लंड उसके मुलायम नितंबो का स्पर्श पाकर झनना गया। रिंकी चौकते हुए मेरी गोद में से उचक गयी। और कुसुम की तरफ देखने लगी। कुसुम ने इशारा करके उससे पूछा क्या हुआ, तो रिंकी ने कुछ नही कहा और वापस थोड़ा नीचे सरक कर मेरी जांघो पर बैठ गयी। मै रिंकी के हाथ में हाथ लगाकर घी डालने की क्रिया करने लगा।
मेरा लंड रिंकी की कमर के पीछे टेक लगाए चिपका हुआ खड़ा था। रिंकी और मै बार घी डालने के लिए हिल रहे थे जिससे मेरा लंड उसकी पीठ पर बार बार ऊपर नीचे हो रहा था। जिससे मेरे अंदर हवस भड़कने लगी।
“इंसान के अंदर जब हवस की ज्वाला जलने लगती है तो वो अच्छा बुरा, जगह, रिश्ता, सब भूल जाता है”
मेरी हालत भी ऐसी हो रही थी। जैसे ही रिंकी घी डालने के लिए उचकि तो मैंने उसके कुर्ते को भी थोड़ा ऊँचा कर दिया जिससे मेरा सीधा खड़ा लंड अब उसकी नंगी पीठ पर टिक गया। और रिंकी का कुर्ता से मेरा लंड ढक गया।
रिंकी मेरी गोद में अब थोड़ी आराम से पीछे खिसक कर बैठ गयी। और वो अपने आप ही खुद घी हवन में डालने के लिए झुकने लगी जिससे उसकी पैंटी की इलास्टिक उसके नितंबो से नीचे सरकने लगी और उसके कोमल, मुलायम नितंबो की बीच की गली या गेप में मेरे पजामे में कैद लंड को छूने लगी।
रिंकी ने मेरी तरफ देखा मै हवन की तरफ देखने लगा। मुझे नही पता रिंकी को कैसा लग रहा था पर मै वासना से भरा हुआ था। दो मिनिट बाद रिंकी गुरु माता से बोली कितनी देर और लगेगी तो गुरु माता बोली बेटी कुछ काम है तुम्हे, कही जाना है। रिंकी चुप हो गयी।
मुझे रिंकी के ये शब्द सुनकर बड़ी ही आत्म ग्लानि लगने लगी। मै समझ गया की अपनी कामुक वासना और अंधी हवस के कारण मै बहुत गलत कर रहा हू। और मैंने अपने लंड को कुर्ते में हाथ डालकर नीचे दबाने की कोशिश करने लगा पर खड़ा हुआ लंड इतनी आसानी से नही बैठता है। मै अपना ध्यान रिंकी के जिस्म से हटाने लगा। और कुसुम की तरफ देखने लगा।
कुसुम ने मुझसे इशारे से पूछा क्या हुआ मैंने उसे अपनी गोद की तरफ इशारा कर दिया। वो हस्ती हुई इशारे में बोली बस दो मिनिट। मुझे नही पता कुसुम ने मेरी गोद में पजामे में मेरे खड़े लंड को देखा या नही।
तभी गुरु माता की आवाज आई पूजा संपन हुई।
पूजा के बाद हम सभी लोगो ने गुरु माता का आशीर्वाद लिया। गुरु माता ने मेरी मम्मी से कहा नाड़ी दोष पूजा के बाद शादी में कोई संकट तो नही आया, सब अच्छे से हो गया। मेरी मम्मी ने कहा हाँ माताजी।
गुरु माता ने कुसुम से पूछा बेटी वो पति व्रत पूजा रोज कर रही हो। कुसुम बोलने में हिचकिचाई तो गुरु माता ने कहा मै समझ गयी बेटी। गुरु माता ने रिंकी के सर पर हाथ फेरते हुए कहा बेटी तुम्हें अपनी मम्मी और पापा दोनो की खुशियों की जिम्मेदारी का फर्ज निभाना है।
हमने गुरु माता को फिर प्रणाम किया और घर की ओर चल दिये। मैंने पापा से कहा आप लोग गाड़ी में बैठो मै गुरु माता को एक बार और प्रणाम करके आता हू।
मै गुरु माता के पास हाथ जोड़कर बैठ गया वो अकेली थी। मैंने कहा माताजी आपने मेरी कुंडली के 6 घर में शुक्र, बुध, राहु के बारे जो बताया था वो सच हो रहा है। मुझे कुछ ऐसा उपाय बता दो जिससे मैं परस्त्री गमन और पुरुष, किन्नर के साथ शरीरिक संबध् बनाने से खुद को बचा सकूँ।
माताजी बोली मैंने तुम्हे बताया था की शुक्र सेक्स, बुद्ध बुद्धि, और राहु नीच ग्रह है जो तुम्हारे अंदर कभी भी किसी के साथ भी वासना जागृत कर देता है और राहु की वजह से तुम रिश्तों, और औरत यहा तक कि पुरुष की मर्यादाओं को भी भूल जाते हो। तुम्हारी बुद्धि तो काम करती है पर तब तक देर हो चुकी होती है। वासना के समय बुद्धि पर राहु अपना असर डाल देता है और तुम्हारी डिसीजन लेने की स्थिति नही रहती है। और तुम हर किसी को वासना भरी नजर से देखने लगते हो। चाहे वो मर्द, किन्नर ही क्यो ना हो।
माताजी बोली किस्मत का लेखा कोई नही बदल सकता है पर संकट को कम किया जा सकता है। जिसमे तुम्हारी पत्नी ही मदद करेगी। अभी तुम्हारे साथ क्या हुआ मुझे नही पता पर इतना जरूर बता सकती हू की तुम्हारी पत्नी को जो पति व्रत पूजा रोज करने को मैंने कहा था वो नही कर रही है। जिससे तुम दोनों के बीच की प्यार की डोरी कमजोर हो रही है और तुम दोनों को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
तुम तो बस अपनी कामवासना पर कंट्रोल करो और रिश्तों को समझो। तुम खुशनसीब हो जो तुम्हे इतनी प्यारी बेटी मिली है। मैंने तुम्हारी बेटी की माथे की लकीरे आज देखी वो तुम्हे कभी दुःख नही देगी और तुम्हे वो हर खुशी देगी जिसकी तुम्हे जरूरत होगी। तुम्हारी बेटी अपना पूरा फर्ज निभायेगी।
अब तुम जाओ और पत्नी के साथ अपना ख़ुशी से दाम्पत्य जीवन शुरु करो। बिना कोई टेंशन के। अपना एक अच्छे पति होने का फर्ज निभाओ।
मै माताजी की बात समझ गया और गाड़ी में बैठकर रास्ते भर अपनी अभी तक की गयी कामुक गलतियों को भूल कर अपनी पत्नी के साथ हनीमून ट्रिप टूर मोबाइल में खोजने लगा और मैंने दर्जिलिंग का एक सस्ता और अच्छा पांच दिन का पैकेज बुक कर दिया।
मै और मेरी पत्नी कुसुम ने आज रात को ही दार्जीलिंग की वादियों में जाने का निश्चय किया. अब हम nagaland से सिलीगुड़ी की ट्रेन में चढ़ चुके थे. हमें साइड वाली बर्थ मिली थी. कुसुम ने गहरे हरे रंग का सूट पहना था और सफ़ेद चुन्नी थी, मैंने नीली कमीज और जीन्स पहनी थी.
हम काफी खुश थे जैसे सारा जहाँ ही पा लिया हो और ट्रेन में बैठे बाकी मुसाफिर भी हमारी खुशियों का अंदाजा लगा रहे थे.
हम सवेरे सवेरे सिलीगुड़ी स्टेशन पहुंच गए, वहां से फिर एक कार में दार्जिलिंग की वादियों में जाने लगे, ठण्ड भी काफी हो रही थी, तभी पीछे की सीट पे मुझे मस्ती सी सूझी, मैंने कुसुम का सर अपने कंधे पे रख लिया उसने मुझे कुछ नहीं कहा और एक कातिल सी मुस्कान दी.
अब मेरा मन बेकाबू सा होने लगा, मेरा लिंग इन हिमालय की पहाड़ियों की तरह खड़ा और मदहोश होने लगा मैने अपने लिंग को मन ही मन खूब समझाया ‘बेटा, मान जा! अभी से मौका-मौका मत कर, तुझे तो पूरे पांच दिन इस पिच पर टिकना है और खूब धुआँधार और चोदम चुदाई वाली लम्बी पारी खेलनी हैं.’
क़रीब ढाई घंटे के सफर के बाद हम दार्जीलिंग में अपने पहले से बुक किये हुए रूम में प्रवेश कर चुके थे.
जाते ही बाथरूम में घुसे, शावर से गरमा गर्म पानी आ रहा था. हम दोनों एक साथ आलिंगन में नहाने लगे.
मुझे कुसुम का वो कोमल और मखमली जिस्म का अहसास मेरे रोम रोम को रोमांचित कर रहा था. मैंने उसके जिस्म के हर अंग को चूमना शुरू कर दिया, वो सिसकारी भरने लगी और कहने लगी ‘अभी नहीं! बाद में… पहले थोड़ा घूम फिर के आते हैं ना’
मैंने कहा- मुझसे काबू नहीं हो रहा, क्या करूँ… अच्छा! तुम मेरे लण्ड को हल्का सा चूस दो ना!
कुसुम धीरे से नीचे फर्श पे बैठ गई और मेरे लिंग को मुँह में लेकर चूसने लगी वो मुखमैथुन क्रिया में इतनी माहिर खिलाड़ी है कि क्या बताऊँ… उसके मुलायम रसीले होंठ मेरे लिंग पर ही नहीं मेरी अंतरात्मा तक को कामरस का सेवन कराते हैं.
5-7 मिनट चूसने के बाद हम दोनों तैयार होकर थोड़ा घूमने निकले, हमने हिमालयन ज़ू, दार्जीलिंग का चौरास्ता, रिंक मॉल, मॉल रोड घूम लिया था और दिन का लंच भी एक आलीशान रेस्तराँ में कर लिया था, शाम होने को आई तो हम अपने होटल पहुंच गए.
तभी मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों ना आज शानदार मस्ती की जाये, आखिर कुसुम को भी हक़ है ज़िंदगी की वो सारी मस्तियां मारने का।.
मैंने कुसुम को रूम में इस बहाने से छोड़ा कि मोबाइल में रिचार्ज करवाना है और सीधा नीचे एक वाइन शॉप पे गया. मैंने एक महंगी सी रम की बोतल खरीदी, कुछ कोल्ड ड्रिंक भी ली.
पाठकों से निवदेन है कि मद्यपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.
फिर हमने डिनर भी आर्डर कर लिया. टीवी ऑन करके एक रोमांटिक हॉलीवुड मूवी भी देखने लगे.
मैंने कुसुम को रम का एक पेग कोल्ड ड्रिंक मिला कर हाथ में दिया और कहा- इसको पीकर देखो, मज़ा आएगा, बहुत अच्छा ड्रिंक है.
कुसुम ने तिरछी नज़र से मुझे देखा- अच्छा जैसे मुझे पता नहीं क्या पिलाया जा रहा है!
और वो धीरे धीरे पीने लगी.
मैं भी पी रहा था.
वो खामोशी और सुरूर… दो जवान दिल आज एक जिस्म हो चाहते थे. हमने फिर खाना खाया और कुछ देर बाद हमबिस्तर हो गए.
मुझे लगा कि आग तो सिर्फ मुझे लगी है पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं था. कुसुम ने पहल की, उसने मेरे लोवर में हाथ डाला और एक निपुण महारथी की तरह मेरा लिंग पकड़ लिया. वो मेरे लिंग को हल्के हल्के सहलाने लगी, मैं भी कम नहीं हूँ, मैंने उसके स्तन दबाने शुरू कर कर दिए. अचानक से मैं उठा और फिर उसकी नीली नाइटी में अपना सर घुसा दिया. मैंने अपनी मोबाइल की टॉर्च ऑन की और अन्दर देखा तो कुसुम ने पेंटी पहनी ही नहीं थी, वो चुदवाने की पूरी तैयारी में थी.
मैं उसकी चूत को चूसने लगा और वो जोर जोर से सीत्कार भरने लगी- आई लव यू सो मच … खा जाओ मेरी जान… इस जिस्म और चुत पे लिखा है एक ही नाम !
काफी देर चूसने के बाद, हम दोनों सम्पूर्ण नंगे हो गए. अब मैंने कुसुम को इशारा किया, वो तुरंत मेरे ऊपर आ गई और लण्ड को अपनी चुत पर सेट करते हुए बैठ गई, मेरा लिंग उसकी चुत में पूरा घुस चुका था वो वो जोर जोर से मेरे लण्ड पर कूदने लगी. करीब 20 मिनट मेरे लण्ड पर सवारी करने के बाद वो उतरी और मैंने उसे प्रेम से नीचे लिटाया और फिर उसकी टांगों को फैला कर अपना लण्ड उसकी चुत में घुसा दिया, फिर जोर जोर से धक्के देने लगा.
वो जोर जोर से चिल्लाने लगी-
मेरा मन प्रफुलित हो रहा था कि मेरी बीवी तो बहुत ही मस्त और कामुक है, मेरी ज़िंदगी तो अब राजा महाराजा की तरह होने वाली है.
मेरे धक्कों की गति बहुत तेज़ और होने लगी थी, मैं पूरा लिंग बाहर निकलता और चुत में पूरा अंदर तक डालता.
हम दोनों इतनी ठण्ड में भी पसीने से तरबतर हो रहे थे और मेरे धक्के बढ़ते ही जा रहे थे, आज मैं रुकने वाला नहीं था.
फिर अचानक से मैंने एक जोरदार सा झटका मारा और लण्ड बच्चेदानी पे जा टकराया और मेरा वीर्य छूट गया. मेरी बीवी की पूरी चुत वीर्य से भर गई… मैं कुसुम के ऊपर गिर गया और फिर हम दोनों ने एक हल्का सा चुम्बन किया और सो गए.
अब अगले 4 दिनों तक मैंने कुसुम को पीछे से घोड़ी बना कर, नीचे से ऊपर से, साइड से शायद कामसूत्र में मौजूद काफी मुद्राओं में चोदा और उसे पूरे 4 दिन के हनीमून में उसे पेंटी तक पहने नहीं दी.
हम लोग खूब घूमे फिरे और इन यादगार पलों की स्मृति लिए नागालैंड रवाना हो गए.