You dont have javascript enabled! Please enable it! कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश - Update 30 - KamKatha
कर्ज और फर्ज एक कश्मकश - Erotic Family Sex Story

कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश – Update 30

मेरी जीवनसंगिनी, मेरी पत्नी कुसुम जिसके साथ मुझे पूरी जिंदगी साथ निभाना है वो मुझसे दूर जा रही थी।

मैने अपने आँखों के आँसू पोंछे। नौकरी के पहले दिन ही इसे हवा लग गयी
मेरे अंदर गुस्से का उबाल भरा हुआ था मैने सोच लिया था आज मै अपनी पत्नी को अपना ओरिजिनल इंडियन हसबैंड वाला रूप दिखाऊँगा अब ये नौकरी जरूर करेगी लेकिन सिर्फ मेरी मै कुसुम की जितनी अकड़ गांड में भरी हुई है वो निकाल कर रहूँगा। मुझे सबके सामने डायलॉग चिपका कर गयी है। खुद को कलेक्टर समझ रही थी।

शाम साढ़े छे बजे मै घर पहुँचा।
कुसुम मेरी मम्मी के साथ खिल खिल करके हँस ते हुए भिंडी काट रही थी और उसने जैसे ही मुझे देखा तो बड़ी ही style में बोली आ गये महाराज
मुझे लगा था कि पानी में बह गये।
हाहाहा हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मै गुस्से में चुप कर खिलखिलाना बहुत हो गया।

कितने बजे घर आई ये बता मुझे???

मेरी मम्मी क्या हुआ बेटा ऐसे गुस्से में क्यो है।
मम्मी आप अपनी बहू से पूछो आज किसके साथ ऑफिस से छूटने के बाद मुह काला कर के आई है।

कुसुम पूरे गुस्से में मुझे भिंडी काटने वाला चाकू दिखाते हुए बोली एक मिनिट क्या कहा फिर से कहना. . . ..???
मै– कुसुम के हाथ में चाकू देखकर डर गया मै को लगा ये पागल कही मुझे मार ना दे। मै डरते हुए बोला जब सुना नही तो छोड़ो।

कुसुम — फिर से कहना

अरुण चुप कर क्या बोल रहा है बहू से कुछ पता है तुझे, मेरी मम्मी चिल्लाकर मुझसे बोली।
मम्मी — चुप करो तुम दोनों, कैसे कुत्ता बिल्ली की तरह लड़ रहे हो। अब मै जिससे जो पूछूँगी वो ही बोलेगा।

मै चुप हो गया।

अरुण तू बता बेटा क्या हुआ है??
मै– मम्मी मै इसे ऑफिस से वापस लाने के लिए जा रहा था तो रास्ते में गाड़ी बंद पड़ गयी। काफी कोशिश की पर स्टार्ट नही हुई सामने आपकी बहू अपने अफसर के साथ गाड़ी में बैठ कर आई और मुझे डाइलोग मारते हुई बोली यहाँ क्यो खड़े हो, जल्दी घर आ जाओ।

कुसुम– बीच में मेरी बात काट करती हुई बोली तो इसमें गलत क्या बोला मैने। तुम वहा सड़क पर भरे गंदे पानी में जो खड़े थे ।

मम्मी— बहू अभी तू नही बोल पहले अरुण की बात पूरी करने दो। वैसे बेटा बहू कह तो सही रही थी। इसमें इतनी गुस्सा वाली बात क्या है???

मै मम्मी की बात का क्या जबाब दू क्योकि मै मम्मी से ही व्हाट्स अप chat कर रहा था.

मै– इसने ये बात जिस अदा से कही थी वो मुझे अच्छा नही लगा।
कुसुम — मैने क्या गाली देकर कहा था??

मै— तुम्हारे कहने का तरीका भी गाली से कम नही था।
कुसुम– मुह टेढ़ा करके मुझे चिढ़ती हुई बोली ओह मेला बाबू शोना यहाँ क्यो थडा है ऐसे पूछती sdm sir के सामने।

ये सुनकर मेरी हँसी छूट गयी।
हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मेरा गुस्सा कम हो गया
खैर छोड़ो ये बात मुझे ये बताओ तुम अपने अफसर के साथ अकेली गाड़ी में क्यो आई?? मै तुम्हे लेने आ तो रहा था??

कुसुम— ओह तो ये असल बात है तुम्हें ये देखकर मिर्ची लग गयी कि मै sdm sir के साथ आई।

मै— हा।
कुसुम— मै अपनी मर्जी से नही आई gov ऑफिस है पूरा स्टाफ जल्दी घर जाने का बहाना ढुढ़ता है, जैसे मौसम खराब हुआ सब भग गये। मै अकेली रह गयी तुम्हारा इंतजार कर रही थी पर मौसम खराब के कारण मैने तुम्हे फोन नही किया क्योकि तुम्हें क्यो परेशान करू।

बारिश बंद हुई तो मै भी निकलने लगी तभी sdm sir भी निकल रहे थे उन्होंने फोर्स किया तो मै उनके साथ गाड़ी में बैठ गयी और mr अरुण मै अकेली नही थी मेरे साथ एक लड़की और थी हम दोनों बीच वाली सीट पर थे वो पिछले चौराहे पर उतर गयी थी उसका घर आ गया था समझे महाराज।

मै क्या बोलू मेरे पास अब कोई जबाब ही नही था। मै अटकते हुए वो वो वो

कुसुम — वो वो वो क्या कर रहे हो, अपनी गलती मानने की वजह मुझ पर भड़क रहे हो। शादी के तीन महीने हो गये पर अब तक तुम मुझे समझ नही पाये मुझे लगता है सारी जिंदगी लग जायेगी तुम्हे पर मुझे कभी समझ नही पाओगे। और जब गाड़ी खराब हो गयी थी तो उसे किसी mechnic के पास ले जाते तुम तो गंदे पानी में खड़े होकर मुस्की छोड़ रहे थे।

मम्मी– बस करो अब बहुत हो गया बहू पति है तेरा। चलो अब किचिन में खाना बनाना है वैसे भी सात बज गये।

कुसुम और मम्मी किचिन में चले गए।

“”मै सोच रहा था शायद कुसुम की गलती नही है मै बेवजह उस पर भड़क गया “”

(कुसुम और मम्मी किचिन में बातें कर रही थी। जिसकी आवाज मुझे साफ सुनाई दे रही थी।)

मम्मी— सच कहु बहू वैसे गलती तेरी है तुझे अरुण रास्ते में मिल गया था तो तुझे साहब की गाड़ी से उतर जाना था और अपने पति के साथ घर आना था। अगर तेरी जगह मै होती तो अपने पति के साथ ही आती।

कुसुम– आप मम्मी अब भी मेरी गलती मान रही हो, अब मै क्या बोलू आपको

मम्मी– बोल दे बहू सच बोल दे जो तेरे दिल, मन और दिमाग में सब आज बता ही दे तू क्या सोचती है मेरे बेटे के बारे में ।
मेरा बेटा तो तुझे कितना प्यार करता है। ख़ुशनसीब है जो इतना प्यार करने वाला पति मिला है।

कुसुम — वही तो सबसे बड़ी प्रॉब्लम है आपके बेटे को सिवाय प्यार करने के अलावा कुछ नही आता है, प्यार के अलावा उसे ना ही कुछ दिखता है, सूझता है, और ना ही सोचता है। उसके इसी प्यार से मुझे irritate होता है। हद से ज्यादा प्यार गुलाम बना देता है। उसके इसी प्यार की वजह से मै पेट से हो गयी। वो तो आजाद घूम रहे है, पर मै फँस गयी अब एक साल तक पेट फुला के घर में बैठो।

अरुण की filospi भी इतनी छोटी है कि मुझे सुनकर ही गुस्सा आता है, मुझे हमेशा एक ही बात बोलते है मै 15 हजार रुपये महिना कमा रहा हूँ, पापा की पेंशन आ रही है, खुद का घर है, एक मिडिल क्लास फैमिली को क्या चाइये। वो बस इसी में खुश है और इससे ज्यादा करने की ना सोचते है और ना करने की कोशिश करते हैं। मेरे सपने बड़े है मुझे clerk बने रह कर पूरी लाइफ बर्बाद नही करना है। मुझे senior officer बनना है, जल्दी से जल्दी प्रमोशन चाहिए, मेरे नीचे भी बत्ती वाली गाड़ी लगी हो, gun man, assitant, gov बंगला, एक vip की तरह रहना है, इसके लिए मुझे जो करना चाहिए वो मै करूँगी।

इस दुनिया में आप जैसी सासु माँ के लिए उसका बेटा कभी गलत हो नही सकता हमेशा बहू ही गलत होती है। तारीफ तो तब है जब आप जैसी मम्मी अपने बेटे की माँ की जगह एक दिन के लिए पत्नी बन कर देखो तब आप को पता चलेगा कैसा है आपका लाडला बेटा ।

“”कुसुम को नही पता था इस बार उसने बिना कुछ सोचे समझे बहुत गंदी और गलत बात बोल दी थी “”

मम्मी– बहू बोलने से पहले कुछ सोच लिया तो कर।
कुसुम– इसमें सोचना क्या है मै सच बोल रही हूँ वैसे भी एक माँ और पत्नी के रिश्ते में कोई ज्यादा फर्क नही है दोनों एक जैसे है। सिवाय रात को मर्द के साथ बिस्तर गरम करने से ही पत्नी और माँ का रिश्ता बदल जाता है, बस यही से सोच, और फीलिंग्स बदल जाती है। मै आपसे शर्त लगाती हूँ कि आप उसे एक दिन केवल पत्नी की तराह ट्रीट कर के देखो एक दिन में ही दूध का दूध और पानी का पानी सब समझ आ जायेगा। और आप की अकल ठिकाने ना आये तो कहना।

मम्मी– बहू इतना घमंड अच्छा नही है, क्यो अपने ego की वजह से अपनी खुशयो में आग लगा रही है।

कुसुम बड़ी जोर से हँस पड़ी हाहाहा हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मेरी प्यारी मम्मी आप तो serious हो गयी मै मजाक कर रही हूँ। आपका लाडला बेटा और मेरा पति थोड़ा टेढ़ा है पर सिर्फ मेरा है, मम्मी के गाल नोचते हुए कुसुम बोली

“”मै कुसुम और मम्मी के एक दिन की पति बनने की शर्त को सुनकर शॉकड हो गया था।””

मम्मी चल अब बहुत हो गया हँसी मजाक रोटी बना जल्दी।

खाना बनने के बाद हम तीनो खाने बैठ गये। कुसुम मुझसे बोली अब आप वापस कब जा रहे है आपकी अब यहाँ कोई जरूरत नही है मै और मम्मी अब आराम से सेट हो गये है, आप क्यो अपनी छुटिया बढा रहे हो।

मम्मी — तुझे अरुण को वापस भेजने की बड़ी जल्दी है। दो चार दिन रह लेगा तो तुझे क्या परेशानी है।

कुसुम— मुझे कोई परेशानी नही है आपका बेटा ही बोल रहा था मै नही रूकूँगा वापस जाना है कॉलेज की छुट्टी ज्यादा हो गयी है। मै तो चाहती हूँ वो खुश रहे यहाँ रहे या वहा रहे।

कुसुम– मुझे शांत हो के क्यो बैठे हो कुछ बाते करो मुझसे।

मैने कुसुम से पूछा कैसा रहा आज gov office का पहला दिन???

कुसुम बोली मस्त, साहब बोले कभी कभी ऑफिस जाना और कमरे पर आराम करना छुट्टी पर जाना तो पहले 15 दिन बता देना और वापसी तारीख पर present होना है। साहब ने कह दिया तनखाह बन्ने में समय लगेगा पेसे चाहो तो कैशियर बाबू से ले लेना । पहले मुझे साहब से थोड़ा डर लग रहा था। लेकिन Sdm साहब सिर्फ फोन से ही बात करते है मीटिंग में कभी कभी सामने आते है तो मेरी तरफ देखते ही नहीं फिर मेरा डर दूर हो गया।

खाना खा कर कपड़े चेंज करके कुसुम मम्मी सोने लगी तो मैंने कहा- मम्मी मै आज भी होटल चला जाता हूँ सोने ।

तो मम्मी बोली क्यों न बेटा आज हम एक ही कमरे में सो जाये।

मैने ने कहा- सो सकते हैं, आइडिया बुरा नहीं है. पर

मेरा होटल बेडरूम बेहतर है ac भी लगा है। यहाँ मच्छर भी ज्यादा है इसलिए मै जाता हूँ. वैसे भी एक रात की बात है कल मै टिकिट करा कर चला जाऊंगा।

मम्मी बोली कल कही मत जा और एक दो दिन रुक ले। मै बोला ठीक है सोच कर बताता हूँ।

मै जैसे ही जाने को हुआ तो कुसुम पीछे से बोली आपको सुबह जल्दी आने की जरूरत नही है मै ऑफिस अकेले आ जा सकती हू। वैसे भी वो ऑफिस है कोई स्कूल नही कि बच्चे को छोड़ने जाओ और लेने आओ। आप आराम से आइयेगा।

मै होटल के लिए निकल गया।

मैं रात भर बिस्तर पर करवट बदलते रहा पर नींद आँखों से दूर थी, आज कुसुम और मेरी मम्मी के बीच किचिन में जो बातें हुयी उन्हे याद कर के मेरा दिल बैठा जा रहा था,
एक ही सवाल मेरे दिमाग में बार बार आ रहा था।

क्या मै एक अच्छा पति नही हू????
पर इसका जबाब मेरे पास नही था तो मैने सोचा क्यो ना जैसे कुसुम ने कहा कि एक दिन के लिए मै अपनी मम्मी का बेटे का रिश्ता भूल कर अगर पति बन जाऊ तो शायद मुझे अपने अंदर चल रहे सवाल का जवाब मिल सकता है कि एक अच्छा पति हू या नही??

इधर मेरी मम्मी का भी यही हाल था वो भी अपनी बहू को झूठा साबित करना चाहती थी कि उनका लाडला बेटा एक अच्छा पति भी है।

मै और मम्मी इसी कश्मकश में finaly इस dicision पर पहुँचे कि कल का दिन हम दोनों एक पति पत्नी के तरह ही रहेंगे।

अगली सुबह

मै मम्मी के मैसेज का इंतजार कर रहा था कि शायद वो आज के दिन एक नये रिश्ते की शुरुआत करे।

इधर कुसुम ऑफिस के लिए चली जाती है, घर का काम ख़तम करने के बाद, मम्मी थोड़ा आराम करती है, उसके बाद मुझे मैसेज.. . ..

मम्मी : कहा हो।

मै: होटल में।

मम्मी: तो घर आ जाओ।

मै: कहीं जाना है।

मम्मी: तू अपनी पत्नी कुसुम से भी इस तरह पूछ सकता है क्या…??

मै: नहीं

मम्मी: तो फटाफट आ जाओ

मै: ओके मम्मी।

१ घंटे में मै घर आ गया।

मम्मी: अरुन बेटा कहाँ घुमाने ले जा रहे हो मुझे।

मै: कब

मम्मी; आज और अभी ।

मै; कहाँ जाना है आप बताओ।

मम्मी: मूवी चले।

मै: ओके चले
मम्मी: क्या पहनु।
मै: आप की मर्ज़ि।
मम्मी:बताओ ना
मै: क्या बोलू
मम्मी: हा।
मै: कोई सूट पहन लो।
मम्मी; मेरे पास अच्छे नहीं है।
मै: कुसुम का कोई सूट डाल लो।
मम्मी: पर वो मेरे को नहीं आयेंगे।
मै:क्यु
मम्मी: उसके साइज में और मेरे साइज में फर्क है।
मै: आप का क्या साइज है
मम्मी: 40-36-40
मै; कुछ नहीं बोला।
मम्मी: क्या हुआ ज्यादा मोटी हूँ।
मै: नहीं कुछ सोचते हुए।
मम्मी: बोल न क्या हुआ।
मै:क्या मस्त फिगर है।
मम्मी: क्या बोला।
मै: कुछ नही।

मम्मी: बोल न क्या बोला।
मै :कुछ नहीं चलो आज मूवी नहीं चलते आप के लिए कुछ सूट खरीदते है।

मम्मी: ओके अब क्या पहनू।
मै: ब्लू वाली साडी पहन लो और
मम्मी: और
मै: कुछ नही
मम्मी: बोल न और।
मै: पेटीकोट और ब्लाउज और
मम्मी: और
मै: और
मम्मी: है बोल ना
मै: और कुछ नहीं बोल के मै कमरे से बाहर निकल आया।

मम्मी कुछ तो समझ जाती है पर कन्फर्म करना चाहती है इसलिए मैसेज करती है
” और क्या पहनु बेटा””

मै थोड़ी देर ख़ामोश रहता हू।
और मम्मी को मैसेज भेज कर बता दिया।

“” ब्लू पेंटी और ब्रा”” सब मैचिंग मैचिंग
मम्मी मेसेज पढ कर हस देती है ।
उनके पति ने कभी नहीं कहा क्या पहनना है, और बेटा ब्रा और पेंटी का कलर बता रहा है।
हाहा हाहा हाहा हाहा

मम्मी का कुछ reply नहीं आया और शायद वही पहनती है जो मैने बोला था ।
और मेकअप के बाद
रूम से बाहर आती है ।

मम्मी: चल

मै: हाँ चलो।

बाहर बाइक के पास आते आते मम्मी मुझसे बोली आज तो ब्लू कलर बोल दिया कल वाइट या पिंक मत बोल देना मेरे पास वो कलर नहीं है, और मुस्करा देती है ।

मै मम्मी की ओर देखते हुए नये खरीद लेते है।
मम्मी: क्या।
मै: वही पिंक या वहाइट।
मम्मी: वो अपनी बीवी को दिलाना ।
मै: उसके पास है अब आप भी खरीद लो हस्ते हुए।

मम्मी मेरे पीठ में कोहनी मारती है और बाइक पर बैठ जाती है।

ऐसे ही बैठे हुए हम दोनों मॉल पहुच गये।

और शॉप देखते हुए दोने गारमेंट्स की दुकान पर गये
और मम्मी के साइज के सुट देखने लगे।

कफी देर देखने के बाद ३ सूट पसंद आये जो पैक करा लिए २ चूडीदार और १ पटिआला सुट।
एक पिंक कलर ,बलैक ,एण्ड ग्रीन।
खरीदने के बाद शॉप से बाहर आते हुए।
मम्मी:कर ली अपने मन की।
मै: अभी कहा।
मम्मी: अब क्या बाकि है।
मै: इनके मैचिंग की अंदर पहनने के लिये।
मम्मी: समझ तो गयी पर मेरे मुह से सुनना चाहती थी।क्या
मै: बोलू ।
मम्मी: हा
मै: ब्रा पैंटी

मम्मी जा अपनी बीवी को दिलाना इस सुट्स की मैचिंग ब्रा और पैंटी।

तू बहुत बेशरम हो गया है अपनी मम्मी को कोई बेटा ब्रा पेंटी दिलाता है ।

मै: हां वो तो है कोई बेटा अपनी मम्मी की ब्रा पेंटी धोके भी नहीं डालता।
हाहाहा हाहाहा हाहाहा हाहाहा

हस्ते हुए हम दोनों घर की और चल देते है।

घर पहुच कर

दोनो थोड़ी देर आराम करते है

डोरबेल बाजति है।

मम्मी घडी देख कर लगता है बेटा तेरी बीवी आ गयी है ।

“”मेरी मम्मी और मेरे बीच बन रहे नजाजज् रिश्ते का सच हमारी आँखों में एक डर के साथ साफ साफ दिख रहा था “”

कुसुम क्या हुआ । मम्मी बेटा एक साथ क्यो खड़े हुए है।

मम्मी: कुछ नहीं बहू बेडशीट गन्दी थी उसे चेंज कर रही थी।

कुसुम मुझसे बोली सुनिये आप फटाफट तैयार हो जाये हम दोनों को साहब ने खाने पर बुलाया है। नीचे साहब की गाड़ी खड़ी है खास हम दोनों को ले जाने के लिए।

मै वाह वाह कमाल है मैडम आपको जॉइन किये हुए आज दूसरा दिन है और आपके साहब ने अपने घर आने का न्यौता कर दिया।

कुसुम– ओहो तुमसे तो बात करना ही बेकार है,

मै– तो अच्छा है ना तुम्हे जिसके साथ बातें करना अच्छा लगता है उस के साथ ही जाओ।

कुसुम– मम्मी मै आपको बताती हूँ साहब के यहाँ एक छोटी सी पार्टी है ऑफिस के सब लोग आ रहे है, अरुण को साहब मिल चुके है इसलिए अरुण को भी साथ लाने को बोला है। उन्हे ये नही पता है कि आप भी आई है otherwise आपको भी invite करते। मम्मी आप अपने बेटे को समझाओ ना प्लीज पार्टी में जायेंगे तो नये नये contact बनेंगे, जान पहचान होगी, इससे मुझे जल्दी प्रमोशन मिल सकता है।

मम्मी— बेटा अरुण तैयार हो जा चला जा बहु के साथ अपनी प्यारी मम्मी की बात मान ले। मम्मी ने कुसुम की बात का समर्थन करते हुए मुझसे कहा।

मम्मी आप कह रही हो तो मै चला जाता हूँ, वैसे आपको अकेला छोड़ कर जाने का मन नही कर रहा है।

कुसुम– हस्ती हुयी मुझसे बोलि अगर माँ बेटे का सोलो ड्रामा खतम हो गया हो तो अब चले।
हाहाहा हाहाहा हाहाहा

हम घर से निकल गये, रास्ते में कुसुम गुर्राते हुए बोली अब ऐसे मुह मत लटकाओ थोड़ा हँसो, मै तुम्हे कोई मरियत में नही ले जा रही हू, वापस आकर अपनी अम्मा का खूब मन भर कर दूध पी लेना। “हद है यार इन माँ बेटे की नौटंकी।”

आधे घँटे बाद हम पार्टी में पहुँच गए, कुसुम अपनी साथ काम करने वाली लड़कियों के पास चली गई, कुसुम को देखकर उसके सर उसके पास आ गये और कुसुम से बातें करने लगे।

और मै एक साइड खड़ा हो गया।

“ये साली कुसुम तो साड़ी में और भी कमाल लगती है ..पिछवाड़ा तो देख इसका ”
एक अजनबी आवाज को सुनकर मैं अचानक ही रुक गया,ये कुसुम की ऑफिस पार्टी थी और मैं उसके लिए सॉफ्ट ड्रिंक लेने गया हुआ था,

मैंने उन लड़को को घूरा जो कुसुम की ऐसी तारीफ कर रहे थे,कुछ लड़को का ग्रुप था जिनमे एक लड़का बहुत ही हैंडसम टाइप था,डोले शोले और अच्छी हाइट ने उसे और भी आकर्षक बना रखा था,लेकिन उसकी नजर अभी कुसुम के उन्नत पिछवाड़े पर ही टिकी थी साथ ही बाकी लोग भी उसे खा जाने वाली निगाह से देख रहे थे,कुसुम अभी अपने sdm. सर शर्मा जी से हँस हँस कर बाते कर रही थी इन सबसे अनजान की उसके ही ऑफिस के लड़के उसे ऐसी नजरो से घूर रहे है…….

लेकिन मेरे अंदर भी कुछ बदल रहा था,उन लोगो की बात का मुझपर दोहरा असर हो रहा था,एक तरफ ऐसा लगा की सालो के दांत तोड़ दु तो दूसरी तरफ मुझे एक उत्तेजना सी महसूस हुई ,मेरे साथ यही होता रहा है,जब भी मैं किसी को कुसुम को घूरते हुए देखता तो एक अजीब सी जलन और मजा मेरे अंदर घर कर जाता है,

मुझे पहले पहल तो लगा की ये कोई रोग है लेकिन जब मैं इसके बारे में पता किया तो पता चला की ये एक कामन सी चीज है जो हर मर्द में होती है,ज्यादा या कम मात्रा में,ये असल में जलन का ही एक रूप है जब आपकी कोई इन्फिरियरटी के कारण आप खुद को दुसरो से कम समझते है ,और जब कोई आपकी प्रोपर्टी की तरफ देखता है तो कुछ नही कर पाने का दुख उमड़ता है,लेकिन मन धीरे धीरे इसमें मजे लेने लगता है, मर्दानगी का ईगो आप मे जलन पैदा करता है और साथ ही अवचेतन में छुपी हुई कुछ कुंठाये आपके भीतर एक उत्तेजना का संचार भी करती है,ये जितना नार्मल है उतना ही एबनार्मल भी है……

मैं इन सब से पिछले दो महीनों से जूझ रहा हूँ और मुझे एक ही रास्ता दिखा की मैं कुसुम को ही ये फैसला करने दु की उसे क्या चाहिए,मैं किसी भी तरह से उसके ऊपर कोई भी फैसला थोपना नही चाहता ,अगर मैं ऐसा करता तो मेरे मन में ही अंतर्द्वंद की स्तिथि उमड़ जाती ……

मैं अपने ख्यालों से सम्हलता की वही हट्टा कट्टा लड़का बोल उठा,

“शर्मा इसकी लेता है क्या कैसे हँस हँस कर बात कर रही है..”

सभी लड़के मुस्कुरा उठे,

“नही यार साला बुड्डा ठरकी तो है लेकिन इसे नही पटा पायेगा, साली बड़ी नखरे वाली और तेज है लड़को को घुमा कर छोड़ दे “

उस लड़के की आंखों में एक अजीब सा नशा चढ़ गया

“तब तो ये मेरे लायक है ..”

वो बड़े ही शान से बोला ..

मैं चलता हुआ कुसुम तक पहुच गया मुझे देखकर शर्मा जो जोरो से हँस रहा था, उसकी हँसी थोड़ी कम हो गई जैसे झेंप गया हो या मेरा आना उसे पसंद नही आया हो …

“कैसे हो अरुण ..”

“अच्छा हु सर ,नाइस पार्टी भाभी जी नही दिख रही “

मेरी बात सुनकर उसका चहरा पूरी तरह से उतर गया..

“होंगी यही ओके तुम दोनो एन्जॉय करो मैं बाकी के गेस्ट से मिलता हु ..”

उसके जाने के बाद कुसुम ने और मैंने एक दूसरे को घूरा और हँस पड़े ,

“साला ठरकी ,अच्छा हुआ की तुम जल्दी आ गए नही तो इसे सम्हालना बहुत मुश्किल हो जाता है ,साला चिपके ही जाता है “

कुसुम की चंचल हँसी को मैं बस देखता ही रह गया…

वो सच में कमाल की लग रही थी ,मादकता उसके जिस्म के हर हिस्से से फूटे जा रही थी , तीन महीने हो चुके है हमारी शादी को लेकिन जब भी उसे देखता हू पता नही साला मेरा बाबूराव ऐसे क्यो अकड़ जाता है, मेरी हवस भरी निगाहों को वो आसानी से पहचान गई ..

“यंहा तो सब्र करो,अपनी ही बीवी को ऐसे घूर रहे हो..”

उसके आवाज में थोड़ी मस्ती थी ,

“तुम हो ही ऐसी ,सोचो मेरा ये हाल हो रहा है तो दुसरो का क्या हो रहा होगा,उस बेचारे शर्मा का क्या दोष और उन लड़को का जो तुम्हे देखकर आहे भर रहे है ..”

उसने अपनी आंखे बड़ी कर ली

“कौन लड़के ??”

मैंने हल्के आंखों से उन लोगो की तरफ इशारा किया,वो भी बहाने से पलटी ..और फिर मेरी तरफ देखने लगी ,

“ये साले ऑफिस के ठरकी लोग है ,इनका काम ही यही है,हा लेकिन वो नया लड़का थोड़ा अलग है ,उसमे एक बात है..हैंडसम भी है ..”

कुसुम ने थोड़ी शरारत फिर से दिखाई, उसे भी मुझे थोड़ा जलाने में मजा आता है, मैंने आंखों में ही पूछ लिया की वो किसकी बात कर रही है,

“चलो मिलावाती हु ..”

वो मुड़ी और थोड़े ही देर में हम उन्ही लड़को के पास थे..

“हाय कैसी चल रही है तुम लोगो की पार्टी..शर्मा कभी कभी तो मेहरबान होता है,फोकट की दारू ज्यादा मत पी लेना ..”

कुसुम का अंदाज बहुत ही फ्रेंडली था,मैं भी थोड़े आश्चर्य में था की ये वही लड़के है जिन्हें ये अभी गालियां दे रही थी ..

“ओह इनसे मिलो मेरे पतिदेव अरुण ..”

कुसुम ने मेरा सभी से परिचय करवाया और सभी ने बड़े ही अच्छे ढंग से मुझसे हाथ मिलाया ,लेकिन आखिर में ..

“और ये है हमारे ऑफिस के सीनियर मेंबर राज , अभी ही आया है..”

ये वही लड़का था जिसके बारे में कुसुम ने मुझसे कहा था,और साथ ही वो जो कुसुम को पटाने की बात कर रहा था,

साला था तो दिखने में बेहद हैंडसम ,लेकिन उसकी बात सच हो पाएगी या नही ये मैं नही कह सकता क्योकि मैं कुसुम को जानते हुए भी नही जानता हू, उसका अंदाज जितना बिंदास ,अदाएं उतनी ही कातिलाना लेकिन दिमाग उससे भी ज्यादा तेज ,किसी लड़के की वो फेंटेसी हो सकती है लेकिन उसे पाना कोई आसान काम तो नही लगता….

पार्टी अपने सबाब पर पहुच चुकी थी और कुसुम के साथ साथ मैं भी कुछ ड्रिंक्स अंदर कर चुके था, कुसुम पीने के बाद और भी मतवाली हो जाती है,वो दुनिया की फिक्र भूल कर मेरे साथ डांस करने लगी,लगभग सभी डांस फ्लोर में आ चुके थे…..

मैंने कुसुम को कस रखा था और कभी कभी उसके जिस्म को मसल भी देता था,उसकी आंखों में भी वासना की लहरे नाचने लगी थी,लेकिन अभी हम इसे कम नही करना चाहते थे,आज तो बिस्तर में भूचाल आना तय था लेकिन अभी उसे आग और भड़काने का दिल था……..

“मुझे एक और ड्रिंक चाहिए “ कुसुम मेरे कानो में चिल्लाई

“कितना पीयेगी बेवड़ी “

मैं उसके कानो में चिल्लाया और वो खिलखिला के हँस पड़ी ..

“प्लीज़ जान “ वो फिर से चिल्लाई और मैं मुस्कुराते हुए उसके लिए ड्रिंक लाने चला गया, डांस फ्लोर में अंधेरा था लेकिन डांस लाइट के कारण उजाला और अंधेरा बार बार हो रहा था,कभी जैसे आधे सेकंड के लिए रोशनी हो जाती फिर से आधे सेकंड का अंधेरा ..

मैं बार में खड़ा हुआ अपने पैक का इंतजार कर रहा था,और मेरी निगाहे अभी भी कुसुम पर थी जो अभी भी मस्त हुई नाच रही थी ,तभी किसी ने उसे पीछे से जकड़ लिया,वो कोई नही राज था,उसने कुसुम के कानो में कुछ कहा वो पलटी और उसे देखकर हँसने लगी,दोनो साथ डांस कर रहे थे …….

लेकिन अभी तक मुझे कुछ भी गलत नही लगा लेकिन राज ने अपने हाथ आगे बढ़ाये और कुसुम की कमर को सहलाने लगा, कुसुम नशे में थी या शायद उसे उसके ऐसा करने में कोई आपत्ति नही थी ,उसकी कोई प्रतिक्रिया नही आयी और राज ने उसे थोड़ा और अपने पास खिंचा,

मेरी मतवाली और मदहोश बीवी के साथ उस खूबसूरत मर्द को देखकर एक अजीब सा अहसास मेरे अंदर आ गया,मैं कोई प्रतिक्रिया नही कर रहा था लेकिन एक उत्तेजना मेरे अंदर बढ़ रही थी,मेरा लिंग अकड़न खा रहा था,तभी राज ने कुसुम को और जोरो से अपने करीब खिंच लिया ,और उसके कानो में कुछ कहने लगा,कुसुम हंसते हुए उसके सीने में एक मुक्का मार गई

,दोनो के चहरे बेहद करीब थे ,राज का हाथ कुसुम के कमर को जकड़े था जो उसकी साड़ी के कारण खुला हुआ था,सीधे चमड़ी का स्पर्श राज के अंदर क्या भावना जगा रहा होगा ये तो मुझे नही पता लेकिन मेरी हालत खराब थी ,मैं बेहद ही उत्तेजित महसूस कर रहा था,मैंने अपनी बीवी को किसी मर्द के इतने पास अपने कंपोंडर दोस्त के बाद आज देखा था…

मेरी ड्रिंक्स आ चुकी थी और मैं उसे लेकर फिर से कुसुम की तरफ बढ़ा,राज ने मुझे आते देख लिया और वो कुसुम से थोड़ा दूर हो गया,मैंने कुसुम को उसकी ड्रिंक दी और राज को एक हल्की स्माइल वो झेंपा लेकिन मुस्कुराता हुआ हमसे अलग हो गया…

ड्रिंक खत्म होने के बाद मैं कुसुम से चीपक चुका था,कुसुम मेरे सीने में अपना सर रखे हुए थी और मैं उसे अपनी बांहो में भरा हुआ था,गाना भी रोमांटिक चल रहा था

मिलाओ ना निगाह हमसे, करोगे कैसे निकाह हमसे
ए दिल ए दिल ए दिल

और कुसुम भी नशे में चूर हो चुकी थी……

“क्या हो रहा था उसके साथ “

मैंने हल्के से उसके कानो में कहा,वो मुझसे थोड़ी और चीपक गई

“बस थोड़ी मस्ती ,आपको कोई ऐतराज तो नही …”

मैं उसका चहरा देखने उससे थोड़ा अलग हुआ ,उसके होठो में एक नशीली सी मुस्कान थी जैसे कह रही हो की देखो
“मैं कितनी कमीनी हु…”

“फिलहाल तो आज तुम होटल मेरे साथ चलो तुम्हारी पूरी मस्ती निकलता हु “वो खिलखिलाई और “आप ठरकी हो ये तो पता था लेकिन इतने हो ये नही पता था,इन पोर्न वेबसाइट्स और कहानियों ने अपका दिमाग खराब कर रखा है..”वो गुस्से में थी लेकिन होठो में मुस्कान लेकर ..

पूरे रास्ते कुसुम बेहद ही उत्तेजित लग रही थी वही हाल मेरा भी था,मेरे सामने बार बार कुसुम और उसके चाहने वाले राज का चहरा घूम रहा था,जब राज ने कुसुम के कमर में हाथ डाला था वो सीन ही मुझे गुस्से के साथ साथ उत्तेजित कर दे रहा था….

जारी है…….

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