You dont have javascript enabled! Please enable it! कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश - Update 27 - KamKatha
कर्ज और फर्ज एक कश्मकश - Erotic Family Sex Story

कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश – Update 27

मै, मम्मी और कुसुम बस में से उतरकर नीचे आ गये।

रात के 11 बज चुके थे, बरसात का मौसम था, अभी अभी बारिश हो कर बंद हुई थी, ठंडी हवा चल रही थी। चारो तरफ गीला कीचड़ और उड़ते हुए हरे रंग वाले टिड्डे, और झींगुर दिख रहे थे। बस में से आधी साँवरिया ही उतरी थी ज्यादातर आदमी और दो तीन लेडी नजर आ रही थी। अधिकांश आदमी मेरी मम्मी और कुसुम को ही घूर रहे थे।

कुसुम और मम्मी साथ साथ चल रही थी, और मै उन दोनों के पीछे चल रहा था, दोनों ने ही सलवार कुर्ता पहना हुआ था। बस में पैर सिकोड़ कर बैठे रहने से मम्मी और कुसुम के कपड़े अस्त व्यस्त हो गये थे। मेरी पत्नी कुसुम तो avrege बदन की है और लंबी है लेकिन मेरी मम्मी की थोड़ी हाइट कम है और वो भारी बदन वाली एक bbw. लेडी है। जिससे मम्मी के नितम्बो का साइज मेरी वाइफ कुसुम के नितंबो से बड़ा है और यही वजह से मेरी मम्मी के नितंबो के दरार में उनकी सलवार का कपड़ा घुस गया था और उनके बड़े बड़े मटके जैसे नितंब चलने पर उछलते हुए नजर आ रहे थे।

और ज्यादातर लोग उनके नितंबो को ही घूर रहे थे। मेरी मम्मी की उम्र 50+ होगी पर वो फैशनेबल है जिससे 44-45 की लगती है। इस अंधेरी रात में वो दोनों सास बहू कम बहने लग रही थी। तभी मैने कहा मम्मी उधर कहा जा रही हो, वो बोली पेशाब करने।

मै बोला उधर ढाबे के बाथरूम में चलते हैं, तो वो बोली पहले नही बता सकता, मै बोला आप पहले नही पूछ सकती थी। मेरी और मम्मी की बहस सुनकर कुसुम हँसने लगी, हाहाहा हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मैने कुसुम से चिढ़ते हुए कहा why you are laugh ऐसी कोनसी बात बोल दी मम्मी ने जो खिल खिल कर रही हो।

कुसुम अभी भी हस्ती हुई बोली मै तो बस यूही……….. हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मै बोला अब चलो भी।

फिर हम तीनो ढाबे के बाथरूम की ओर जाने लगे, मम्मी और कुसुम लेडी बाथरूम में घुस गयी, मै गेट से थोड़ी दूर खड़ा हो गया। लेकिन जिस स्पीड से वो दोनों बाथरूम में घुसी थी, उससे दुगुनी स्पीड से वापस आ गयी। मम्मी सीधी मेरे पास आकर मुझ पर भड़क उठी। अरुण तुझे कुछ पता नही रहता है क्या ढाबे के बाथरूम कितनी गंदी है, वास आ रही है, और सबसे बड़ी समस्या पूरे बाथरूम में टिड्डे और झींगुर भरे हुए है। तो भी हम दोनों को अंदर भेज दिया।

मम्मी के मुह से लगे लगे मुझे दूसरी बार डाँट मिल गयी। और मेरी धर्म पत्नी कुसुम देवी मुझे चीढाते हुई दांत दिखाते हुए फिर हँस रही थी। हाहाहा हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मुझे इस बार कुसुम की हंसी सुनकर कुछ ज्यादा ही गुस्सा आ गया और मै मम्मी से बोल पड़ा मम्मी आप तो ऐसे चिल्ला रही हो जैसे आपकी dress में टिड्डे और झींगुर घुस गया हो। मम्मी बोली चुप कर बेशर्म और उधर रोड की दूसरी साइड चल मुझे जोर से पेशाब आ रही है। और हम रोड की दूसरी साइड चले गए।

कुसुम तो नवयोवना है इसलिए अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर फुर्ती में रोड से नीचे उतरकर पेशाब करने चली गयी पर मम्मी भारी शरीर, भरे हुए मांसल बदन, बड़े बड़े स्तनो और नितंबो वाली है और उनकी उम्र और बारिश की वजह से कीचड़ से बचते हुए रोड के किनारे से हल्के से दूर मेरी तरफ पीठ करके खड़ी थी। मै मम्मी से ज्यादा दूरी पर नही था, और ना चाहते हुए भी मेरी नजर मम्मी के नितंबो की दरार में फँसी हुई सलवार पर जा रही थी।

“मुझे नही पता क्या हो रहा था, मेरी मम्मी भी इस उम्र में बला की सुंदर है, मेरी उन पर से नजर नही हट रही थी, मै शादी शुदा होकर अपनी मम्मी से सुंदर लड़की का पति होने के बाबजूद अपनी मम्मी की सलवार में चमक रहे छोटी सी पैंटी में कसे हुए भारी भारी तरबूज जैसे गोरे गोरे, बड़े बड़े नितंबो को देखने के लिए लालयित हो रहा था।””

“”36 साल की उम्र में सुंदर बीवी, सेक्सी बेटी, प्यासी साली होने के बाबजूद मेरे अंदर अपनी मम्मी के लिए incest feelings हो रही थी “”

तभी मम्मी ने मेरी ओर देखा और बोली बेटा अरुण जरा अपना मोबाइल की टॉर्च जलाना मुझे तो कुछ दिखाई ही नही दे रहा है, तेरी बीवी कुसुम तो हिरनी की तरह उछल कूद करती हुई वहा झाड़ियों में छिप गयी है।

मैने मम्मी की बात सुनकर तुरंत अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई और मम्मी के तरफ रोशनी कर दी, मम्मी अब भी खड़ी थी मैने पूछा अब क्या हुआ मम्मी बोली बेटा तुझे बिल्कुल भी अकल नही है, इतनी दूर खड़ा हो कर मोबाइल की टॉर्च दिखा रहा है उसकी रोशनी बिल्कुल भी नही आ रही है, यहाँ मेरे पास में आकर रोशनी दिखा ना। वैसे भी मेरे पैर में कीचड़ लग गया ।

मै अपनी मम्मी के एकदम करीब खड़ा हो गया। मोबाइल की दूधिया रोशनी में मेरी मम्मी मुझे आज अपनी पत्नी कुसुम से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी मैं तो बस देखता ही रह गया। मेरी हालत खराब होने लगी मैं अपने आप को संभाल पाता इससे पहले ही मम्मी ने वह नजारा मुझे दिखा दिया कि मैं तो पागल होते होते बचा।

मम्मी ने अपना कुर्ता ऊंचा किया और मुह से दबा लिया मम्मी की नंगी गोरी पीठ जिस पर बड़े बड़े दो चोकलाटी रंग के तिल दिखने लगे। पीठ के नीचे की कमर में सलवार के नाड़े में चमक रही नीली रंग की पैंटी की इलास्टिक मुझे नजर आने लगी। और मम्मी अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी। मेरी तो सांसे ही अटक गई मुझे यकीन नहीं आ रहा था कि मैं या क्या देख रहा हूं मुझे लगने लगा था कि कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा लेकिन सपना नहीं वह हकीकत था।

मेरे फोन की टॉर्च की रोशनी मम्मी के ऊपर थी। मैंने जल्दी से वहाँ से टॉर्च की रोशनी हटा कर दूसरी तरफ कर दी।

मम्मी बोली अरुण बेटा.. टॉर्च जरा मेरी तरफ दिखाओ.. मुझे कुछ पता नहीं चल रहा है।

मैंने फिर से टॉर्च की रोशनी मम्मी की तरफ की।

मम्मी ने सलवार के नाड़े के साथ साथ पैंटी की इलास्टिक पकड़ कर अपनी जांघो तक नीचे कर ली और एक सफेद कपड़े (mc pad) जैसा अपनी पैंटी में से निकालकर साइड में फेंक दिया। मम्मी शायद mc से थी। ये देखकर मेरे दिमाग की घंटी बजने लगी। मै सोचने लगा मेरी मम्मी की उम्र 50+ की होगी पर अभी तक उनकी mc. बंद नही हुई है। जहा तक मैने पढ़ा और सुना है लेडीज की mc. 46-47 तक होना बंद हो जाती है। और mc बंद होने के साथ संभोग की इच्छा भी कम हो जाती है। फिर मेरी मम्मी की mc. अभी तक कैसे हो रही है। क्या मम्मी की उम्र कम है या मम्मी की शरीरिक रूप से अभी भी जवान है और वो बूढ़ी नहीं हुई है। क्या मेरी मम्मी की संभोग की इच्छा अभी तक पूरी नही हुई है, क्या मेरी मम्मी अभी संभोग करने के लिए उत्सुक रहती है।

“””मुझे अपनी मम्मी के संभोग क्रिया से जुड़े बहुत सारे सवाल मेरे मन में उठने लगे।””

अब मम्मी अपनी सलवार को उतार चुकी थीं और मूतने के लिए नीचे बैठ रही थीं। मैंने नीचे की तरफ रोशनी की.. तो देखा कि मम्मी नीचे बैठ चुकी थीं और नीचे बैठते ही मम्मी ने अपने एक हाथ से मेरी टाँग को पकड़ लिया, ताकि वो बैठे हुए अपना संतुलन बना सकें। मेरी मम्मी भारी बदन वाली मोटी bbw महिला है और जमीन पर बैठकर पेशाब करने से उनका गिरने का डर रहता है।

“” मेरे घर में मम्मी के बाथरूम में commod वाली सीट western style वाली है, और वो उस पर ही बैठकर टॉयलेट वगेरा करती है “”

मुझे मम्मी की टाँगों में उनकी खिसकी हुई सलवार दिखाई दे रही थी। मैं कोशिश कर रहा था कि किसी तरह मम्मी यौनांग दिखाई ना दे पाये.. पर मैं खड़ा था और मम्मी बैठी थीं। तो मम्मी की गुप्तांगो का दिखने का कोई चान्स नहीं था।

फिर मम्मी पूरी नीचे बैठ गई, और पेशाब करने लगी। जैसे ही मम्मी ने बैठकर मूतना शुरु किया ना जाने कहां से सीटी की आवाज मेरे कानों में गूंजने लगी मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि आवाज कहां से आ रही है बस इतना पता था कि मम्मी पेशाब कर रही है ।

मम्मी ने अभी भी मेरी टाँग अपने हाथ से पकड़ी हुई थी। उनके हाथों का स्पर्श मेरे लंड को धीरे-धीरे जगा रहा था। कुछ देर बाद मुझे उनके मूतने की आवाज़ आने लगी- शस्स्श.. स्स्स्शह..’ शी शी शी शू शू

टॉर्च की रोशनी में मम्मी की पीली-पीली पेशाब की धार दिखाई देने लगी। मूतने की इतनी मधुर आवाज़ के साथ सीधी धार को देख कर मेरा लंड कुछ अकड़ने लगा, मैंने आज तक किसी औरत को यहाँ तक कि अपनी पत्नी कुसुम को भी इतने करीब से पेशाब करते हुए नहीं देखा था।

मेरी नजरें तो मम्मी के ऊपर ही टिकी थी, यह नज़ारा देख कर तो मेरा मन और बहक गया, दिल में आ रहा था कि जल्दी से जल्दी कुसुम आ जाये और मुझसे मम्मी के उन अंगो को देखने का पाप होने से बच जाये जो एक माँ बेटे के रिश्ते को कलंकित करता है।

मम्मी नीचे की तरफ देख रही थीं। अचानक उन्होंने अपना सर उठाया और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई- ऐसे क्या देख रहा है? कभी किसी औरत को पेशाब करते हुए नहीं देखा क्या? मैंने शरमाते हुए कहा- नहीं.. इतने करीब से कभी नहीं देखा।

मैं मम्मी का इशारा कुछ समझा नहीं.. मुझे तो अपनी पत्नी कुसुम और अपने मम्मी बेटे की रिश्ते की मर्यादा का डर था। पर पता नहीं मम्मी को मेरी पत्नी कुसुम और अपने मम्मी बेटे की रिश्ते की मर्यादा का डर था या नहीं।

मम्मी अभी भी बैठ कर पेशाब कर रही थीं और मैंने अपने फोन की टॉर्च उनके ऊपर की हुई थी। अभी भी मम्मी की चूत से मूत की धार निकलने की धीमी-धीमी आवाज़ आ रही थी।

मेरा लंड तो मम्मी की चूत की मूत की धार की आवाज को सुन कर गरम हो गया था। मम्मी ने अभी भी सहारा लेने के लिए मेरा पैर पकड़ा हुआ था।

मम्मी बोली – मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी हुई थी.

मैं- हाँ मम्मी .. मैंने देखा, आपकी मूतने की आवाज़ आ रही है।

मम्मी ने बहुत सारा पेशाब कर दिया था जिससे जमीन पर गड्डे में पूरा भर गया और पेशाब बहने लगा और बह कर मम्मी के पैर गीले होने लगे तो मम्मी ने अपना मूतना रोका और झुक कर खड़ी हो गईं और हल्की से नीचे अपनी चूत को झुकाया और सहारा लेने के लिए मेरे हाथ को पकड़ लिया।

मम्मी ने अपनी जांघें थोड़ी सी चौड़ी कर दी। अब तो मम्मी की चूत और गांड दोनों के छेद मेरी आँखों के सामने थे।

मम्मी की गाँड का छेद अब खुल चुका था। मम्मी पेशाब करने में थोड़ा जोर लगाती तो मम्मी की गाँड का छेद थोड़ा और बड़ा हो जाता। मुझे लगा शायद उनकी टट्टी बाहर आ रही है फिर मम्मी की गाँड से कुछ नहीं आया

गांड का बादामी रंग का छोटा सा छेद तो कभी खुलता कभी बंद होता ऐसे लग रहा था , जैसे मुंबई की मरीन ड्राइव पर कोई नियोन साइन रात की रोशनी में चमक रहा हो।

मम्मी के पेशाब करते हुए हिलने पर गांड का छल्ला तो इतना बड़ा हो गया था,
जैसे किसी छोटी बच्ची की कलाई में पहनी हुई कोई लाल रंग की चूड़ी हो।

मैंने टॉर्च मम्मी की चूत की तरफ की तो देखा उनकी चूत पर हल्की-हल्की भूरे रंग (तमिया) और सफेद झाँटें उगी थीं और उनकी गोरी-गोरी चूत की फाँकें निकली हुई थीं। उनकी गरम चूत से मूत की धार टिप-टिप करके निकल रही थी। उनकी चूत से निकलती हुई पीली पेशाब का नज़ारा देख कर मेरे लंड में एकदम से जान आ गई और मेरा लंड उनकी चूत को देख कर खड़ा होने लगा।

मम्मी की चूत की पेशाब अब खत्म होने लगी थी। उनकी गोरी चूत से अब सिर्फ़ बूँद-बूँद पेशाब निकल रही थी। मम्मी ने पेशाब कर लिया, फिर वो वैसे ही सलवार को पैंटी के साथ जांघो तक एक हाथ से उठाये हुए अपनी चूत पर हाथ चलाने लगी जैसे कि पेशाब पौंछ रही हो।

फिर मम्मी अपनी नीली पैंटी सलवार के साथ पकड़ कर ऊँची करने लगी और सलवार का नाडा बांधने लगी मै अब मम्मी से थोड़ा दूर खड़ा हो कर कुसुम का आते हुए देखने लगा …

तभी कुसुम भी हमारे पास आ गयी मेरी मम्मी कुसुम पर गुस्सा होते हुए बोली बहू मुझे एक बात बता तुझे बड़ी जल्दी थी जाने की तेरे साथ मै भी चल रही थी पेशाब करने के लिए लेकिन तुम अकेली चली गई। तुझे तो पता है मेरा फोन बस में बैग रखा हुआ है और यहाँ अंधेरा और कीचड़ फैला हुआ मुझे तो कुछ दिख भी नही रहा था।

अरुण से मोबाइल की टॉर्च जलवायी तब जाकर पेशाब करी।

कुसुम हस्ती हुई बोली कर ली ना अब चलो ढाबे पर चाय पीते है, वैसे भी ठंड सी लग रही है।

मै बोला तुम दोनों चलो मै भी अब पेशाब कर लूँ। कुसुम और मम्मी ढाबे पर चले गए।

मैने पेशाब करने के लिए अपना लंड पैंट में से जैसे बाहर निकाला तो वो फुस्कार मारते हुए सांप की तरह मम्मी की मोटी गांड को ढूढ़ ने लगा।

मेरी आँखों के सामने सिर्फ मम्मी की गांड का वो सीन ही बार बार नजर आ रहा था, उत्तेजना की वजह से मेरे लंड में से पेशाब बाहर नही आ रहा था।

मेरी नजर गड्डे में भरी मम्मी की पेशाब पर पड़ी तो मेरे अंदर incest sex से भरा हुआ जानवर जाग गया और मुझे कसम से नही पता मेरे पैर मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे की ओर चल पड़े। मम्मी की पेशाब देखकर मेरा लंड जो मेरे पेंट से बाहर निकला हुआ था और जोर से फनफना उठा।

मुझे ये लिखते हुए आज सच में बड़ी ही शर्म और गिल्टी शर्मिंदगी फील हो रही है कि मम्मी की पेशाब देखकर मेरे अंदर सच में जो जानवर जागा था उसने मुझे अपने वश में कर लिया था।

मै मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे के पास बैठ गया और मैंने जल्दी से अपनी एक हाथ की उंगली मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे में डाल दी। मैंने जैसे ही मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे में उंगली लगाई.. मम्मी की पेशाब मुझे बहुत गरम लगी।

अपनी उंगली को मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे से गीला करने के बाद मैंने अपनी नाक में ले जाकर सूँघा। मम्मी की पेशाब की खुशबू बहुत ही लाजवाब थी। मैंने जल्दी से अपने मुँह में डाल कर अपनी उंगली को चूस लिया। मम्मी की पेशाब का स्वाद बहुत ही मस्त था। मुझे खुद को मेरी इस हरकत को देख के हंसी आ गयी – और अपने आप से बड़बड़ाते हुए बोला

हाए रे.. मैने तो सच्ची में मम्मी की पेशाब पी ली.. मुझे मम्मी की पेशाब बहुत ही स्वादिष्ट लगी।

मेरे से मम्मी की पेशाब को चखने के बाद रुका नहीं गया। मैं झट से अपना मुँह मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे के पास ले गया और मैं कुत्ते की तरह मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे के पास सूघने लगा..

दस मिनिट तक मै मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे के पास अपने नथुनों को लगाकर सूघता रहा और एक हाथ से उंगली में लेकर मम्मी की पेशाब को अपने लंड पर मलने लगा, मम्मी की पेशाब को मलते मलते मेरा लंड इतना ज्यादा erect हो गया कि उसमे से वीर्य का फब्बारा निकल कर सीधा मम्मी की पेशाब से भरे हुए गड्डे में जा गिरा। मेरे लंड से निकला वीर्य और मेरी मम्मी की चूत से निकली पेशाब का मिलन हो गया।

ये वाक्या मेरी जिंदगी का बहुत ही खास पल था जिसे लिखते हुए आज मेरे मन में सवाल है जिसके जवाब आप लोग दे सकते है।
१. इस पूरे वाक्या की गलती मेरी पत्नी कुसुम की थी, अगर वो जॉब की जिद ना करती तो मै यहाँ नही आता, और मेरी मम्मी को छोड़ कर पेशाब करने अकेली क्यो गयी???
२. इस पूरे वाक्या की गलती मेरी मम्मी की है जो अपने जवान 36 साल के शादी शुदा बेटे के सामने इस तरह पेशाब करने लगी। या उनकी mc पीरियड होने की वजह से सेक्स उत्तेजना जो अक्सर इस दोरान बढ़ जाती है, को कंट्रोल नही कर पायी और मजबूरी बस अपने बेटे के सामने नग्न हो गयी।

३. इस पूरे वाक्या की गलती मेरी कुंडली में लिखी मेरी किस्मत की थी या आज दोपहर में मेरे द्वारा किये गये सुनीता आंटी से केला वाले मजाक में कहे गये शब्द कि मेरे पास बहुत मोटा, बड़ा, और लंबा केला है।
या मेरे हाथ में पकड़े हुए मोबाइल फोन की थी जिसकी रोशनी के लालच में मेरी मम्मी ने मुझे पास बुलाया।

जारी है…..

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