You dont have javascript enabled! Please enable it! कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश - Update 25 - KamKatha
कर्ज और फर्ज एक कश्मकश - Erotic Family Sex Story

कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश – Update 25

उनकी हँसी की आवाज सुनकर जूली और रिंकी भी हॉल में आ गये।

हाहाहा हाहाहा हाहाहा हाहाहा।

उन दोनों ने जब अपनी मम्मी और नानी को अर्ध नग्न रूप में देखा तो दोनों के होश उड़ गये।

रिंकी हस्ती हुई बोली ओहो मेरी सेक्सी नानी ये क्या मस्त फिगर है, पर थोड़ी सी लिमिट रखो आप , बांकी सब औरतो even अपनी मम्मी कुसुम और दादी से बोली आप लोग भी देख रहे है, और जोर शोर से हँस रहे है। अगर पापा हॉल में आ गये तो, और उन्होंने ऐसे देख लिया तो क्या सोचेंगे। गोस्सिप् करना है तो बिंदास होकर करिये मै भी आपको जॉइन करती हूँ।

रिंकी की बातें सुनकर मेरी सास ने चलो बहुत हुआ मजाक अब खतम करे। और उन्होंने अपने ब्लाउस पेहनने लगी। तभी रिंकी हस्ती हुई आँख मारते हुए बोलि my sexy naani one pics तो बनता है। और अपनी नानी का फोटो खीचने लगी।

तो मेरी मम्मी बोली मेरी प्यारी बिटिया यहाँ आ मेरे पास बैठ और फोटो भी खीच ले। रिंकी वही बैठ गयी और जूली किचिन में चली गई। शायद पानी पीने।

“” मैने मन ही मन कहा मेरी बेटी रिंकी मुझे पता है तुमने ऐसे क्यो बोला क्योकि तुम नही चाहती कि तेरे पापा तेरे जिस्म के अलावा किसी और का नग्न जिस्म ना देखे “”

जूली को अकेले किचिन में जाते देख मेरा मन हिचकोले खाने लगा . क्यों नही आख़िर मेरी सबसे सेक्सी साली जो थी .वैसे भी पिछले 15 दिन से मेरे लंड को चूत नही मिली थी और आठ दिन बाद उसकी शादी हो जायेगी। मुझे पूरा भरोसा था की इस बार जूली को पटा लिया तो मै उस की चूत चोद लूगा। मै जैसे ही किचिन मे घुसा तो जूली फीरिज में कुछ ढूढ़ रही थी। और हल्की झुकी हुई खड़ी थी। उसके बाहर की ओर निकले हुए बड़े बड़े नितंबो को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।

मै सीधा जूली के पीछे जाकर उसकी आंखों को अपने हाथों से बंद कर अपने से चिपका लिया ..ऐसे ही मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था और मैने जूली के नितंबो पर टिका दिया लोअर के अन्दर से..

जूली कहने लगी , “अरे क्या जिजू , बड़ी देर करदी आने मे .
आपको तो मालूम था की हम लोग अभी घर में ही है फिर भी छिपे हुए हो .”मैने पलटते हुए जबाब दिया , मैने कहा मुझे लगा शायद तुम मेरा चेहरा नही देखना चाहती हो, क्योकि मैने तुम्हे कितने फोन लगाए पर तुमने एक बार भी जबाब नही दिया। जूली बोली “सॉरी . चलो अब हमे माफ़ कर दो .” मैने अपने लंड को अभी भी उसके नितंबो से चिपकाये रखा.. जूली भी थोड़ा पीछे झुक कर उसे और दबा रही थी .लंड झटके मार रहा था.

“” मेरी साली जूली उन लड़कियों की तरह है जो फोन नही उठाती, पर अकेले में मिल जाओ तो लेहन्गा भी उठा देती है “”
हाहा हाहा हाहा

जूली ने मेरे हाथों को अपने हाथों मे लेते हुए कहा , “चलो जाओ माफ़ किया . लेकिन आपको भी हमारी जीजी का ध्यान रखना चाहिए . इस हाल मे ज्यादा अकेले नही छोड़ना चाहिए .”मैने जूली की तरफ़ आँख मरते हुए कहा , “अब तुम्हारी जीजी को तो क्या , तुम को भी अकेले नही छोडूंगा .”

वैसे जूली तुम फ्रिज में क्या देख रही थी, मैने अभि भी अपना लंड जूली के नितंबो मे चिपकते हुए पूछा।

जीजू प्यास लगी थी पानी पीने आई थी, जूली सीधी खड़ी हो कर बोली।

चलो जीजू हॉल में चलते हैं, और मै भी जूली के साथ हॉल में आ गया।

फिर मै कुसुम को थोड़ा खिसका कर वहीँ सोफे पर ही अपने लिए जगह बना कर बैठ गया, मेरे बैठते ही कुसुम उठ कर बेडरूम में चली गई शायद toilet करने। मेरी बेटी रिंकी नीचे बैठ कर साड़ी घरी कर रही थी और मैं सोफे पर बैठा था जिस कारण रिंकी की चुचिया थोड़ी थोड़ी दिख रही थी क्योकि सर्ट कि ऊपर कि बटन खुली थी बार बार मेरी नज़रे रिंकी कि चुचियो कि तरह चली जाती।

रिंकी की चुचुइयो को इंग्नोर करते हुए मै बोला , “क्या बात है ?

साड़ीयों ब्लाउस की प्रदर्शनी लगा रखी है .” सास ने एक ब्लाउस को उठाकर अपने बदन पर रखते हुए बोली ,” नही बेटा . हम सब तो यह देख रहे थे की इन ब्लाउस को पहनने के बाद बदन पर ब्लाउस दिखती है या हमारा बदन .”

मेरी सास सुनीता आंटी को आंख मारते हुए बोली , “सुनीता बड़ी सेक्सी ब्लाउस डिज़ाइन करती है . पुरा बदन उघाड़ कर रख देते है इसके हाथो से सिले ब्लाउस .”

मै भी हाजिर -जवाब था . तुरंत बोल पड़ा , मम्मीजी “जाओ इन्हे पहनकर आओ . हम भी जरा देखें की हमारी सुनीता आंटी की सिले हुए ब्लाउस ज्यादा सेक्सी है या आपका बदन .”इसी तरह हमारे बीच हँसी मज़ाक चल रहा था . मै भी उनके अश्लील मजाक के खेल में शामिल हो गया।

तभी सासु बोली घर के सामने ही रोड पर एक ठेले से तेरे लिए बड़े बड़े मोटे मोटे केले लेकर आई हू और मुझे केले की थैली देते हुए बोली ले केले खायेगा बहुत अच्छे है तो मैं एक केला उठाकर खाने लगा और बोला कि बहुत अच्छे केले है मम्मीजी ।

तभी सुनीता आंटी बीच में बेसर्मी से कहने लगी कि मोटे केले कि बात ही अलग है एक केला खा लो पेट भर जाता है तब मैं बोला कि केला तो केला है मोटा हो या पतला लंबा हो या छोटा तो सुनीता आंटी बोली कि नहीं रे मोटे और लम्बे केले कि बात ही अलग होती है बहुत मजा आता है

मोटा केला खाने में यह तो नसीब वाले को मिलता है तब मैंने बोला कि आंटीजी इसमें नसीब वाली बात कहा है जब मन पड़े खा लो बाजार से लाकर तो बोली कि बाजार में मिल जाते है पर जो केला मुझे चाहिए वो नहीं मिलता तो मैं बोला कि आपको कौन सा केला चाहिए, आपके घर में है तो सही।

तो उदास हो कर बोली कि उस केले में अब मजा नहीं रहा अब वो केला कमजोर पड़ गया तो मैं हसने लगा और बोला कि केला तो आपके सामने है पर आप उसे देख नहीं रही है और हसने लगा तो सुनीता आंटी भी हसने लेगी ‘

अंततः हमारी हँसी मजाक का end हो गया, क्योकि मेरे पापा घर में आ गये थे।

मेरे पापा और कुसुम की मम्मी ने नमस्ते किया और पापा हॉल में पड़े अपने बेड पर बैठ गये, अब थोड़ी देर में सब हॉल में से खिसकने लगे। पहले सुनीता आंटी, फिर मै, जूली और रिंकी भी अपने कमरे में चली गई। मेरे मम्मी पापा और सास फॉर्मल बातें करते हुए जूली की शादी की बात करते हुए चुप हो गये।

मै बेडरूम में गया तो कुसुम लेटी हुयी थी, कुसुम रिंकी, मुझे और जूली को देखकर उठ कर बैठ गयी। मै जाकर कुसुम के पास बैठ गया। वो तीनो इधर उधर की बातें करने लगे। मै अपने मोबाइल में fb पर लड़कियों के इंस्टा reel डांस वीडियो देखने लगा।

तो जूली बोली , “क्या जीजू ऐसा डान्स देख रहे हो . इससे अच्छा तो मे नाच सकती हूँ .” मैने पहले सोचा की सायद जलन होने की वजह से वोह बोल रही होगी . लेकिन दूसरी बार कहने पर मैने फोन बंद कर दिया और बोला , “तो दिखाओ मेरी प्यारी साली साहिबा . हम भी देखें तुम कितना अच्छा नाच सकती हो .”चल्लेंज मान कर जूली ने एक ऑडियो लगा कर नाचना चालू कर दिया . ऑडियो रीमिक्स सोंग्स की थी . और पहला गाना ही

“तुम तो धोके बाज हो वादा करके भूल जाते हो ” था . जूली गाने की धुन पर नाचने लगी .

इसी बीच रिंकी भी मुझे पकड़कर घसीट कर अपने साथ जूली के साथ नाचने लगी। कुसुम हम तीनो का वीडियो बनाने लगी।

गाने की लाइन — हम तीनो बारी बारी से गाते हुए नाच रहे थे।

जूली— छोड़ो गिले शिकवे हमसे प्यार करो जी
मै– आया अभी आया इंतजार करो जी

रिंकी— आओ आकर चूम लो, प्यास बढाकर छोड़ जाते हो।

रिंकी शर्ट पहने हुए थी उसने बटन खोलकर मेरी ओर उछाल फेंका . और अब अंदर झीना समीज पहने हुए थी जिसमें उसके nipple साफ साफ दिख रहे थे। मेरी साँसे ये सब देख कर भारी हो उठी .

मेरे पुरे शरीर मे वासना की लहरे हिलोरे मार रही थी . लंड उत्तेजना से पागल हो रहा था . पुरे बदन मे लहू सन -सन -सन करके दौड़ रहा था . अपने लंड को किसी तरह से मैने दबा रखा था.. जूली और रिंकी का बदन कहीँ से भी स्थिर नही था . दोनों का जलवा अपने पुरे उफान पर था .

कभी नजदीक आकर तो कभी दूर से ही मुझ को अपने बदन की नुमाइश कर के उकसा रही थी . दोनों की जवानी और शबाब अपने पुरी रवानी पर था . पूरे बेडरूम मे जोर जोर से उठ बैठ रही सांसे म्यूजिक से ताल से ताल मिला रही थी .

मेरी बेटी और साली दोनों ही धून के साथ अपनी ताल मेल बैठा कर मुझ को बेकाबू करने मे लगी थी . मै भी बेकाबू हो कर अपने सूख रहे होंठों पर जीभ बार बार सहला रहा था .

जूली की भरी भरी छातियां उछल उछल कर मुझ को आमंत्रण दे रही थी की आओ मुझे दबोच लो . उसकी मस्त जंघे हाथी की सूंड की तरह झूम रही थी . कभी फैला कर तो कभी सिकोड़ कर अपनी सलवार में चमक रही चूत को दिखा और छुपा रही थी . पीछे घूम कर अपने चूतड मटका मटका कर नाच कर मेरे लंड को उसने शायद एक इंच ज्यादा लंबा कर दिया ।

और रिंकी की तो बात ही क्या थी.वह बेकाबू हो चुका थी .. मैने कुसुम की ओर देखा वो वीडियो कम बना रही थी बस मुझे घूर रही थी। तभी मै वापस से कुसुम के पास जा ही रहा था की दोनों ने मुझे वापस धकेल कर बेड पर बैठा दिया और अपने अपने चूतड को मेरी गोद पर रख कर मेरे लंड को रगड़ने लगी .लंड की इस रगड़ाई से एकदम बौखला गया .

मेरे बदन का सारा लहू मनो इस वक्त मेरे लौडे मे समाया हुआ था . मैने अपने दोनों हाथों से दोनों के एक एक स्तन को जकड लिया . जूली के भारी -भारी उरोज मेरे हाथों मे भी नही समां रहे थे . चिकनी ड्रेस की वजह से जूली के चूतरो पर से मेरे हाथ फिसल रहे थे .

जूली के चूतर शिकारी को इतना नजदीक देख कर फड़फडाने लगे . वो अपने सीने को अपने कंधे पीछे की और करके आगे तान रही थी . जिससे उसके भरपूर मस्त उरोज और आगे आकर इस समा को और रंगीन बना रहे थे . मैने पागल होते हुए उसकी उरोजो के सामने से पकड़ कर और उसके चुंचियों को को अपने हाथो मे लेकर तौलने लगा . फिर उसके दोनों घुन्डियों को अंगुली के बीच मे लेकर जोर से मसल दिया .जिससे उसकी आग और बढ़ गई . गाने की मादक धुन के साथ नाच रही रिंकी और जूली को अपने बदन पर से बचे खुचे कपडे उतार कर फेंकते हुए देख मेरे दिल की धड़कन और बढ़ गई . रिंकी और जूली एक अच्छी डांसर तो वो थी ही .

तभी पीछे से आकर अपना चेहरा मेरे गाल से चिपका कर जूली बोली , “ जिजू
बोलो क्या बोल रहे थे .” जूली के मुँह से सिस्कारी निकल रही थी . “उई.ई.ई.ई.i माँ आ.अ.अ.आ….स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्. धीरे से .”

इधर रिंकी ने अपने चूतड की रगड़ाई चालू रखी थी . मेरे लंड को काफी दिनों बाद चूत की महक मिल रही थी . फिर यह तो मेरी बेटी और साली की चूत थी . नशा डांस के साथ शबाब का डबल हो रहा था . मै उन दोनों नशीले बदन को अपनी बाँहों मे समेट कर इस रगड़ाई को रोक कर अपनी
अनियंत्रित हो रही सांसों को समेटने मे लगा . और जूली के मुह से
आह्ह..ओह्ह..उफ़..स्.स्.स्.स्.स्…जिजू..आई..ल व ..यु…ओओओह..जैसी मादक सिस्कारी निकल रही थी.

“उई.ई.ई.ई.i माँ आ.अ.अ.आ….स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्. धीरे से .”

गाना एकदम से बंद हो गया और कुसुम की भारी आवाज हमारे कानों में सुनाई देने लगी।
Enough is enough. बहुत हो गया डांस जूली मेरी प्यारी बहन अब बचे हुए ठुमके आठ दिन बाद अपने होने वाले पति के साथ सुहाग रात के लिए बचा कर रख। और मेरे पति और अपने जीजू को बख़्श दे।

“” हम तीनो “दिल तो पागल है” फिल्म के होडिंग पर लगे रोमांटिक पोस्टर वाली अवस्था में थे “”

ये सुनकर मेरी हँसी छूट गयी।
हाहाहा हाहाहा

तभी मेरी मम्मी बेडरूम में आ गयी और बोली जूली चल बेटी तेरी मम्मी घर जा रही है। और हम सब उनको छोड़ने अपने घर के दरवाजे पर आ गये।

मेरे पापा बोले अरुण बेटा तुम इनको घर तक छोड़ आ, मै ये सुनकर बहुत खुश हुआ पर जाहिर नही होने दिया और कुसुम की तरफ देखने लगा तो कुसुम ने भी व्यंग भरा इशारा किया “जाइए छोड़ आइये”।

तो मैं तैयार हो गया और बोला ठीक है चलिए तो जूली और सासु दोनों तैयार हो गई

तब जूली और सासु दोनों को बिठा लिया जूली सलवार सूट में थी और सासु साड़ी में इस कारण जूली बीच में दोनों तरफ टाँगे फैला कर बैठ गई

और उसके पीछे सासु बैठ गई पूरे रास्ते में जूली कि चूचियाँ मेरे पीठ से टकराती रही जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने दोनों को एक होटल में नास्ता भी कराया, हम होटल से बाहर निकल रहे थे तभी जूली की सहेली अपनी मम्मी के साथ शॉपिंग करती हुई मिल गयी और जूली से बातें करने लगी। उसकी पांच दिन बाद शादी थी और उसने मुझे कुसुम के साथ आने का invitation दिया। मुझे कसम देते हुए बोलि आपको जरूर आना है और जूली को मुझे लाने की जिम्मेदारी सौंप दी।

शाम के करीब 6 बजे तक मैं अपनी सासु और साली जूली दोनों को मेरी बाइक पर घुमाता रहा जूली मुझसे फिर से पट गई थी और मेरे कंधे में हाथ रखकर बाइक पर बैठी थी और मै उन दोनों को उनके घर छोड़ कर फिर मै वापस अपने घर आ गया ।

जारी है

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