—————– शराब या श्राप —————–
मै और कुसुम इंजेक्शन लगने के थोड़ी देर बाद अपने घर की ओर चल दिये। और जाते समय अपने दोस्त को बोला आज शाम को घर आ कर अपनी भाभीजी के इंजेक्शन लगाने आ जाना।
शाम के चार बज गये थे।
मैंने घर आते ही अपनी बीवी कुसुम को बेड पर लेटाने के बाद बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर वापस हाल में आकर अपनी मम्मी पापा को कुसुम की प्रेग्नेसी की बात बताई जिसे सुनकर वो दोनों बड़े खुश हुए और फिर मैने कुसुम की माहवारी के pad से infection से बने चकते और vigina infection भी बता दिया ।
मेरी मम्मी बोली कोई प्रॉब्लम नही है ये अक्सर हो जाता है इंजेक्शन और दवाई से ठीक हो जायेगा।
मुझे रिंकी दिख नही रही थी तो मैने मम्मी से पूछा तो वो बोली अपनी फ्रेंड के साथ गयी है अभी आती होगी।
मेरी मम्मी कुसुम के पास बेडरूम में जाकर उससे बातें करने लगी और मै भी घर से बाहर मूड फ्रेश करने अपने दोस्त की दुकान पर चला गया।
मैने आज फिर जूली को चार पांच बार फोन लगाया पर उसका फोन busy. ही आता रहा। मै समझ गया जूली अपने होने वाले पति के साथ फोन पर लगी हुई है और अब इसकी मुझे मिलना मुश्किल है। जूली को मेरा लंड दर्शन करवा कर मैने गलती कर दी। उसे शायद मेरा लंड पसंद नही आया।
खैर जो हुआ सो हुआ।
रात के आठ बजने वाले थे, कुसुम की योनि के infection. And pregency के कारण अब मेरा संभोग होना मुश्किल था और dr. जुबेदा ने मुझे अब कंट्रोल करने के लिए advise दी थी। जिससे मैने अपने दोस्त के साथ दो पेग लगा लिए।
तभी मेरे फोन पर रिंग बजी मैने देखा तो मेरी बेटी रिंकी का फोन था। मैने मन में सोचा
“अब इसकी सेज्वानी में क्या परेशानी है। “”
मै फोन उठाया तो रिंकी प्यार से बोली कहाँ है आप, मैने कहा क्यो क्या हुआ??
रिंकी— घर पर आ जाइये मैने आपके लिए खाना बनाया है वो आपकी पसंद का।
मै— बस पांच मिनिट में आता हू।
मुझे रिंकी की style बेटी की जगह पत्नी जैसी लग रही थी।
मै ठीक पांच मिनिट में घर पहुँच गया सब लोग dining tabale पर मेरा ही इंतजार कर रहे थे,
“अरे वाह, क्या बात है, आज तो आप बिल्कुल सही टाइम पर घर आये हो, हम बुलाते है तो कभी नही आते , आज रिंकी ने बुलाया तो झट से दौड़े चले आये हम्म्म्म” कुसुम ने मेरी ओर देखकर कहा
“वो….मैं…..वो” मै कुसुम की बात से थोड़ा घबरा गया
” अरे मम्मी, मैं पापा की सबसे प्यारी बेटी हूँ, इसीलिए तो एक बार बोलने पर भी टाइम पर आ गए” रिंकी ने मेरे बोलने से पहले ही जवाब दे दिया
“हां, ये तो है, आप सबसे ज्यादा रिंकी को ही प्यार करते है” कुसुम ने कहा
कुसुम की बात सुनकर रिंकी को बड़ा अच्छा लगा पर मेरे तो गले का निवाला वहीं का वहीं रह गया,अब वो क्या बोलता, कि अपनी इस सबसे प्यारी बेटी की आज सुबह ही उसके चूत की आकृति मेरे लंड ने महसूस की थी।
हमारी बातचीत का सिलसिला जारी था, तभी मेरी मम्मी मुझसे बोली अरुण बेटा अब तुझे अपनी पत्नी कुसुम की care बड़ी ही जिम्मेदारी और संयम के साथ करनी है, कुसुम को जरा सा भी परेशान नही करना है, और उसको खुश रखना है।
” मै मम्मी का इशारा समझ रहा था वो भी सयम शब्द का मतलब सभोग् से था जो मुझे वो indirectly नही करने को बोल रही थी “”
फिर वो कुसुम से बोली–
कुसुम अब तुम आगणबादी की नौकरी से छुट्टी ले लो, और ज्यादा से ज्यादा आराम करो बेटी।
वैसे तो हमारे यहाँ बर्तन , कपड़े, और साफ सफाई के लिए बाई आती ही है, रही बात खाना बनाने की तो सुबह का खाना मै बना दूँगी और शाम का मेरी प्यारी रिंकी बिटिया बना देगी जैसे आज बनाया है।
फिर वो रिंकी से बोली–
रिंकी अब से तुम भी अब अपनी मम्मी की जगह अपने पापा के खाने पीने, उनकी जरूरतों का ख्याल रखना शुरु कर दो, क्योकि अब तुम छोटी नही हो, पापा को सुबह नास्ते में क्या चाहिए और रात को खाने में क्या चाहिये ये तुम अभी उनसे पूछ लो। तुम्हारे पापा ड्यूटी से थके हारे आयेंगे और उनकी जरूरत की चीज नही मिलेगी तो चिड़चिड़े हो जायेंगे, इससे तो बेस्ट ये है कि तुम अपने पापा को भी खुश रख सकती हो।
“”रिंकी बिटिया अब तुझे अपने पापा की एक अच्छी बेटी होने का फर्ज निभाना है””
तभी मेरे पापा मम्मी की चुटकी लेते हुए बोले मुझे क्या करना है मैडम””
सब हँसने लगे। हाहाहा हाहाहा हाहाहा
तभी रिंकी बोली
‘पनीर कोफ़्ता खाया आपने?’ रिंकी ने बड़े प्यार से मुझ से पूछा ।
‘नहीं खाया तो नहीं है.’ मैने कहा.
‘मैंने आपके लिए बनाया था पापा बट अब तक तो सब ठंडा हो चुका होगा.’ रिंकी ने खेद प्रकट किया.
‘कोई बात नहीं. मेरा पेट भर गया है वैसे भी अब पेट में जगह नहीं है…’ मै बोला।
‘क्यूँ नहीं है?’ रिंकी ने फिर सवाल किया. अभी-अभी दादी के समझाने के कारण वह मुझे थोड़ा ज्यादा ही प्यार दिखा रही थी.
‘मैने पूछा ‘क्या तुमने खाया पनीर कोफ़्ता?’
‘नहीं पापा मेरा भी पेट भर गया है.’ रिंकी ने मेरा ही जवाब देते हुए कहा.
‘क्यूँ?’ मैने भी सवाल कर दिया.
‘आपके care करने की ख़ुशी से ही पेट भर गया.’ उसने शरारत से कहा.
‘हम्म तो ये बात है…’ मैने उसके गाल पर अपना दूसरा हाथ रख उसका चेहरा अपनी तरफ मोड़ कर कहा.
‘हाँ पापा आई एम सो हैप्पी.’ रिंकी ने गहरी साँस भर के कहा था.
रिंकी स्ट्रॉबेरी-फ्लेवर की लिप-ग्लॉस (एक तरह की लिपस्टिक) लगा रखी थी और हमारे चेहरे इतने करीब थे की मुझे उसके होठों की खुशबू आ रही थी जिसपर मेरे लंड ने एक अंगड़ाई ली थी.
मेरे मम्मी पापा, कुसुम सभी लोगो का खाना हो चुका था, और सब उठ कर हाथ धो कर अपने कमरे में जाने लगे,
रिंकी खाना खाने के बाद बर्तन सब किचिन में रख देना, और कमरे में आने से पहले अपने पापा को दूध पिला देना। रिंकी की दादी रूम में घुसने से पहले बोली।
रिंकी मेरी तरफ देखते हुए बड़ी सेक्सी smile देती हुई बोली जी दादी।
तभी कुसुम बीच में बोल पड़ी मुझसे अरुण सुनो ना अपने दोस्त को फोन लगाकर पूछो कि कितनी देर से आयेगा इंजेक्शन लगाने, मुझे तो अब नींद आ रही है।
मै बोला ठीक है।
और वो बेडरूम में चली गई।
मुझे शराब के दो पेग का नशा चढ़ रहा था और मै तो बस बातें करते हुए एंजॉय करने के मूड में था।
अब खाने की टेबल पर मै और रिंकी थे।
‘पापा?’ रिंकी एक बार फिर सवाल करने से पहले बोली.
‘ह्म्म्म…’ मै उसके हिलते हुए गुलाबी होंठ देख मंत्रमुग्ध होकर बोला.
‘आपको नींद नहीं आ रही?’ उसने पूछा.
‘तुम्हें आ रही लगती है…है ना?’ मै रिंकी के सवाल का आशय समझ गया था।
‘हाँ…आपको कैसे पता?’ रिंकी ने मानते हुए कहा.
‘बस पता है…तुम्हारी जो बात है…’ मै वापस अपनी फॉर्म में आ चुका था.
‘हाहा…दो दिन से अच्छे से नींद ही नहीं आई पापा…’ रिंकी बोली.
‘क्यूँ?’ मैने फिर पूछा.
‘आपको पता तो है…’ रिंकी ने मेरी तरफ भोली सी निगाहों से देख कर कहा.
‘मुझे कैसे पता होगा?’ मैने अज्ञानता जाहिर की.
‘आपसे लड़ाई कर ली थी इसलिए ना…’ रिंकी ने नज़र झुका अपना अपराध-बोध जाहिर किया.
मैने भी उसे और नहीं सताया और कहा, ‘चलो फिर खाना खा लिया हैं. अब आराम से सो जाना’
रिंकी बोली, ‘ओके पापा’ और किचिन की तरफ चल दी.
किचिन में घुसने से पहले मुड़कर उसने देखा मै फोन पर दोस्त को इंजेक्शन के लिए call लगा रहा था.
‘पापा! आप क्या कर रहे हो?’ रिंकी ने बुरा सा मुहँ बनाते हुए कहा.
‘अरे बेटी अभी तुम्हारी मम्मी के इंजेक्शन लगना है।
‘पापा…यहाँ आ जाओ चुपचाप और मुझे बेटी मत बुलाया करो ना…’ रिंकी ने चिढ़ते हुए कहा.
‘ऐसे बुला रही हो या ऑर्डर दे रही हो?’ मैने टस से मस न होते हुए कहा ‘प्यार से बुलाओगी तो आऊँगा.’
‘जाओ मैं नहीं बुलाती.’ रिंकी ने भी नखरा दिखाया.
मैने कोई जवाब नहीं दिया और अपनी आँखें फेर ली. रिंकी कुछ पल मुझे देखती रही फिर नखरा छोड़ मुस्काते हुए कहा,
‘पापा?’
‘हाँ रिंकी?’ मैने झट से आँखें उसकी तरफ करते हुए कहा.
‘पापा मेरे प्यारे पापा यहाँ किचिन में मेरे पास आ जाओ ना?’ रिंकी ने आँखे टिमटिमा कर कहा.
मै मुस्कुराते हुए उठ खड़ा हुआ और जा कर रिंकी के साथ किचिन में घुस गया. रिंकी की आँखें खुलीं थी और उसके चेहरे पर भी मुस्कान तैर रही थी, किचिन की उस मद्धम रौशनी में हम दोनों एक-दूसरे को निहारते हुए खड़े थे. मैने अपना हाथ थोड़ा आगे किया जिसपर रिंकी ने भी अपना हाथ आगे बढ़ा मेरा हाथ थाम लिया और मै हौले-हौले उसकी हथेली सहलाने लगा.
कुछ देर बाद कुसुम की आवाज आ गई, हम दोनों अभी भी हाथ पकड़े हुए थे.।
मै कुसुम की आवाज सुनकर रिंकी से दूध का बर्तन लेकर बेडरूम में कुसुम के पास चला गया। और रिंकी से बोला बेटी अब तुम भी सो जाओ।
रिंकी अपनी कमर मटका कर अपने रूम में चली गई।
‘मैने ने समय देखा, रात के 10 बज रहे थे,
कुसुम ने पूछा क्या हुआ वो आ रहा है या नही, मेरे जांघो के चकते में जलन हो रही है दरअसल आज तेज ओमस् भरी गर्मी का मौसम था, मैंने सोचा आज दोस्त से इस बारे में पूछ लूँगा कि क्या लगाना है पर अभी तक वो आया ही नहीं, उसका फोन भी नहीं लग रहा था।
बीवी बोली- लगता है आज नहीं आएगा !
उसने नाइटी पहन ली और सोने की तैयारी कर ली।
तभी बेल बजी, बीवी बोली- ओह नो ! लगता है महाराज अब आये हैं !
और वाकई कंपाउंडर दोस्त ही था, आते ही बोला- सॉरी भाभी, आज एक मरीज में उलझ गया तो लेट हो गया।
फिर मेरी बीवी कुसुम को निहारते हुए बोला- वाह भाभी ! क्या लग रही हो, एकदम क़यामत ढा रही हो !
मेरी बीवी कुसुम चहकते हुए बोली- जनाब, हम तो ऐसे ही है, तुम बताओ कि पहले चाय पिओगे या सूई घुसाओगे?
” मेरी बीवी कुसुम मेरे दोस्त को हमारी शादी के समय से जानती है और मेरे दोस्त का हमारे घर में पहले से ही आना जाना है जिससे कुसुम उससे काफी फ्रैंक हो कर हँसी मजाक कर लेती है “”
वो बोला- नहीं, भाभी में अपनी चाय साथ लाया हू , आप तो बस दो ग्लास और कुछ प्याज नमकीन ले आओ। और मुझे इशारा करते हुए बोला अरुण आ जा यार।
मुझे और कुसुम को उसकी शराब की ड्रिंक का अंदाज हो चुका था,
मै कुसुम को बोला तुम बैठो मैं ले आता हू। और किचिन से दो ग्लास और प्याज नमकीन ले आया, आते हुए मैने हाल की लाइट बंद कर दी। मेरे पापा सो रहे थे, रिंकी अपनी दादी के साथ कमरे मे थी और उनके दरवाजे लगे थे, शायद वो भी सो गये थे।
मै और मेरा दोस्त एक लार्ज पेग पीकर इधर उधर की बातें करने लगे।
“” दोस्त के साथ शराब पीना वो भी अपने बेडरूम में अपनी बीवी के सामने पति की सबसे बड़ी गलती होती हैं “”
आज ये फ्री की दारू मुझे कितनी भारी पड़ने वाली है इसका मैने अभी तक कोई अंदाजा नही लगाया है।
तभी कुसुम एक शरारती smile देते हुए बोली अगर दारू पार्टी हो गयी हो तो अब जो करने आये हो वो शुरु करो, मै तैयार हू।
मुझे कुसुम की बात में डबल मीनिंग जैसी महसूस हुई।मेरा दोस्त ये सुनकर तुरंत बोला।
आप तो फटाफट लेट जाओ। मेरा इंजेक्शन तैयार है।
मै कुसुम से बोला
अब आ जाओ मैडम !
वो उठी- ठीक है, मैं चेंज करके आती हूँ, सूट पहन कर !
मै शाम को भी दो पेग पीकर आया था, और अभी फिर से पी ली थी जिससे मुझे नशा ज्यादा होना शुरु हो गया था।
मैने कहा- काहे का चेंज? लेट जाओ चुपचाप।
वो भागी पर दोस्त ने कुसुम का रास्ता रोक लिया, बोला- तुम्हें क्या परेशानी है?
फिर मेरी तरफ देख कर बोला- यार अरुण समझाओ ना इसे !
मैंने समझाया- यार, लगवा लो ! यह कंपाउंडर है, अपना दोस्त है।
वो मान गई।
उसकी नाइटी शोल्डरलेस और फ्रंट-ओपन थी, मैंने उसकी बेल्ट खोल दी और जब वो लेट गई तो उसकी नाइटी पूरी की पूरी ऊपर सरका दी। मेरी बीवी कुसुम के स्तन बहुत ज्यादा ही उभरे हुए और भारी हैं इसलिए वो रात को सोते समय ब्रा नहीं पहनती है जिससे उसके बड़े बड़े निप्पल नाइटी में साफ साफ नजर आ रहे थे। और संयोग यह कि पेंटी भी उस दिन माइक्रो पहन रखी थी जिसमें पीछे तो सिर्फ डोरी ही होती है।
अब दोस्त भी दंग रह गया, बोला- वाह, क्या लग रही हो !
और पास बैठ कर उसके कूल्हे पर हाथ फिराने लगा, बोला- दर्द तो नहीं होता?
वो बोली- बहुत होता है और वो जगह सख्त भी हो रही है !
उसने उस जगह को दबा दबा कर देखा, फिर मुझसे बोला- अरुण, इस जगह दिन में दो बार बर्फ की मालिश किया करो, सब ठीक हो जाएगा।
और कोई परेशानी हो तो बता दिया करो।
कुसुम हम दोनों के बीच में लगभग अर्ध नग्नावस्था में आराम से पसरी हुई थी शराब के सरूर में मेरी तो शर्म जाती रही और मेरे ऊपर उत्तेजना हावी होती गई।
मैं बोला- यार, एक परेशानी और है !
मैंने कहा- कुसुम, तुम्हारी वो चकत्ते वाली जगह दिखा दो इसे !
वो कुछ नहीं बोली, तकिये में मुँह छुपा लिया।
मैंने फिर पूछा, वो चुप रही।
दोस्त बोला- यार, क्या बात है? क्या छुपा रहे हो? याद रखना कि मै कंपाउंडर जरूर हू लेकिन डॉक्टर से कम नही हू और डॉक्टर से कोई बात नहीं छुपाते हैं।
मैं बोला- नहीं, वो असल में वो जगह ऐसी है न ! इसलिए इसे संकोच हो रहा होगा ! पर खैर कोई बात नहीं ! चल कुसुम सीधा हो कर लेट जा !
मैंने उससे कहा।
अब वो चित्त लेट गई, उसकी नाइटी लगभग हट चुकी थी उसने हाथों से अपने अध खुले वक्ष छुपा रखे थे, उसकी ऐसी नग्न अवस्था, रात का समय और शराब का नशा इस सबने माहौल को बहुत ही उत्तेजक बना दिया था।
मैं अब मूड में आ चुका था, मैंने उसके हाथ उसकी आधी नंगी छातियों से उठा कर ऊपर कर दिए।
मैं नशेड़ी और शराबी की तरह आवाज में बोला- यार, तू तो आज इसका पूरा ही चेकअप कर दे !
फिर कुसुम के अर्ध नग्न उभारों को मसलते हुए कहा- देख, ये ठीक हैं या नहीं ! इसमें बहुत दर्द की शिकायत करती है।
उसने कहा- अरुण तुम चुप रहो, भाभी खुद बोलेगी क्या प्रॉब्लम है।
फिर दोस्त ने कुसुम से पूछा- भाभी, आप बताओ और कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना इन दोनों में?
और मैं दंग रह गया जब कुसुम पहली बार बोली- कभी-कभी सांस लेने में दिक्कत आती है और कभी-कभी चुचूकों के आस पास बहुत खुजली सी मचती है।
वो बोला- ओ के ! अपनी ब्रा दिखाओ और एक टेप ले कर आओ।
मैंने दोनों चीजे लाकर उसे दी, कुसुम की ब्रा 36 नंबर की थी।
फिर उसने उसे बैठने के लिए कहा, जब वो बैठ गई तो उसने टेप से उसके स्तन का नाप लिया और बोला- भाभी, एक तो ब्रा थोड़े बड़े नंबर की पहना करो, मेरे ख्याल से बिना ब्रा के सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। लाओ ये भी देख लेते हैं।
और फिर मुझ से बोला- अरुण, इसकी पीठ के नीचे तीन तकिये लगा दो।
मैंने सोचा जाने क्या करेगा पर मैंने लगा दिए।
मैने बीवी कुसुम को उस पर लिटा दिया और बाप रे ! इस मुद्रा में लेटने से उसके गदराये स्तन और ज्यादा उभर गए और तन गए, गर्दन नीचे की तरफ हो गई।
अब उसने उसके हाथ भी ऊपर कर दिए मेरी बीवी को शायद होश ना हो लेकिन वो इस समय निहायत ही उत्तेजक स्थिति में आ गई थी और जब उसने उसे जोर जोर से सांस लेने को कहा तो जैसे क़यामत आ गई हो, गहरी गहरी साँसों के साथ फूल कर ऊपर उठते और गिरते उसके वक्ष गज़ब ढा रहे थे।
हम दोनों आँखे फाड़े इस उत्तेजक दृश्य को निहार रहे थे। मेरे दोस्त ने दोनों कानों में आला हाथ में लेकर कुसुम के उभार पर रख लिए और बोला- कहीं कोई दिक्कत नहीं है, एकदम सामान्य सांस आ रही है।
अच्छे से छातियाँ चेक करने के बाद उसने कहा- कोई प्रोब्लम नहीं है !
फ़िर मुस्कुरा कर बोला- बस बड़े ज्यादा हैं !
हाहाहा हाहाहा
मुझ से बोला- इन्हें खूब मसला करो तो आराम मिलेगा ! अब और बताओ ?
हाहाहा हाहाहा
फिर चश्मा लगा कर उसके नाइटी में झलक मारते दोनों चुचूकों का पास से घूरते हुए देखकर बोला- यहाँ थोड़ी खुश्की है, रोज क्रीम लगाने से फायदा होगा।
इस हद तक आकर दोस्त का भी हौंसला खूब खुल गया, मेरी बीवी की शर्मो-हया पर भी धीरे धीरे गुस्से की गर्मी चढ़ने लगी थी और दोनों के बीच में मैं मूकदर्शक सा बन गया था।
पर दोस्तो, मैं सच कह रहा हूँ कि मैं इस माहौल को रोकने के बजाये उसे और बढ़ावा दे रहा था। अब आप लोग इसे मेरी मानसिक विकृति, शराब का नशा समझें या कुछ और !
क्योंकि मैंने उसी समय दोस्त को बोरोप्लस लाकर दे दी ।
मेरी इस घटिया हरकत को देखकर कुसुम की हँसी छूट गयी और वो उठ कर बैठ गयी,
हाहाहा हाहाहा हाहाहा
मेरे दोस्त से बोली सुनिये भैया अब अरुण को नशा बहुत हो गया और पागलो की तरह हरकत कर रहे है, उन्हे अब ये भी नही पता बोरो प्लस कब और कहा लगाई जाती है।
प्लीज अब सुई मत लगाओ।
रात भी बहुत हो गयी है, आप जाये और हम सुबह इंजेक्शन लगवा लेंगे।
कुसुम की बात सुनकर मेरा दोस्त भी हँसने लगा।
हाहाहा हाहाहा हाहाहा
मुझे कुसुम और दोस्त की हँसी की आवाज सुनकर मुझे शराब के नशे के साथ साथ उत्तेजना भी होने लगी।
यह शराब के नशे में उत्तेजना भरा रोमांचक नज़ारा तब रुका जब मेरे दोस्त ने कहा- चलो भाभी, अब बताओ कि आप के चकत्ते कहाँ हो रहे हैं?
सबसे बड़ी बात यह कि वास्तव में जांघों के बीच में हो गए चकत्तों से कुसुम काफी तकलीफ में थी और वो गुप्तांगों में है, उसे अस्पताल में जाकर बार बार दिखाने से अच्छा था घर में ही इलाज़ हो जाए तो ठीक रहे। और वो अपने दोनों स्तन की जांच करवा चुकी थी इससे उसे सुकून मिला था।
कुसुम बोली- हाँ, ये बताएँगे, मैं तो ठीक से देख भी नहीं सकती पर इन्हें आज दिखाई थी वो जगह ! बहुत तकलीफ है,।
और अब मैंने अपने दोस्त का ध्यान बीवी के जांघों के बीच किया और उसने दोनों पैरों को आहिस्ता-आहिस्ता चौड़ा करना शुरू किया। उसे पैर चौड़े करने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी इस लिए मैंने एक पैर थाम लिया जिससे उसने पैर काफी चौड़े कर दिए, उसकी योनि के दोनों तरफ छिलने से घाव बन गए थे।
मैंने उसके कहे अनुसार किया, मेरी बीवी ने भी बिना किसी संकोच के दोनों पैर चौड़े हो जाने दिए लेकिन अब वो निहायत ही सेक्सी, उत्तेजक, अश्लील, भद्दी और वासनामयी मुद्रा में उसकी छोटी सी पैंटी में दिख रही आधी अधूरी चूत खोल कर पड़ी हुई थी।
फिर पहली बार मुझसे पूछते हुए दोस्त बोला- इफ यू डोंट माइंड अगर पैंटी हटा दो तो ज्यादा अच्छे से जांच हो पाएगी।
माहौल गर्म हो चुका था, हम दोनों ही उत्तेजित अवस्था में थे, ऐसा लग रहा था जैसे बचपन में डॉक्टर डॉक्टर का खेल खेलते समय किसी भी बहाने से लड़कियों के कपड़े उतार दिया करते थे और यहाँ भी मात्र बस एक महीन सी चड्डी जो ज्यादा कुछ छुपा नहीं रही थी, बस व्यवधान कर रही थी।
मैं बोला- कुसुम, थोड़ा सा को-ओपरेट करो !
वो बेचारी कुछ नहीं बोली, मैने इसे ही स्वीकृति मान लिया और यहाँ मैं स्वीकार करूँगा कि मुझ पर वासना इतनी हावी हो गई थी कि मै बहुत ही गंदे तरीके से उसकी चड्डी उतारने के लिए आगे बढ़ा।
तो कुसुम बोली नही तुम बस ऐसे ही देख लो।
उसकी साँसें अब रुक रुक कर चल रही थी, ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसे अब डर लग रहा था।
कुछ देर कुसुम के जिस्म को निहारने के बाद वो बोला- भाभी तो कमाल की सेक्सी है यार !
फिर कुसुम की पैंटी में दिख रही योनि पर छाये हुए झांटों के गुच्छे देखकर हम दोनों को डांटने लगा- यह क्या जंगल उगा रखा है? इन में पसीना आकर और इन बालों की रगड़ जांघों पर लगने से ही रेषेज़ हुए हैं, इन्हें गर्मियों के दिनों में, माहवारी के दिनों में सफाचट रखा करो ! समझे?
अब हम दोनों उसकी छोटी सी पैंटी में दिख रही आधी अधूरी चूत के ठीक सामने आ गए, वो पैर चौड़े किये हुए निहायत ही अश्लील मुद्रा में पड़ी हुई थी।
इस घटना को लिखते लिखते मैं खुद इतना उत्तेजित हो गया हूँ कि बस बता नहीं सकता !
फिर मुझसे भी बोला- यार, साफ़ सफाई का ध्यान रखा करो ! और अगर चूत पर बाल अच्छे भी लगते हैं तो कम से कम गर्मियों में तो साफ़ कर ही दिया करो !
मैंने अपने एक हाथ से शराब का ग्लास पकड़े हुए उसे समझाया- तुम्हारी भाभी को हेयर-रिमूविंग क्रीम से एलर्जी है और इस नाजुक जगह की शेविंग करने में मुझे डर लगता है, बस कभी-कभी कैंची से हल्के कर देता हूँ।
यह भी तो को-ओपरेट नहीं करती !
वो बोला- नहीं, उमस वाली तेज गर्मी में पूरे साफ़ करना ही सही रहता है। और इसमें दिक्कत क्या है? मैं अपनी बीवी की शेव करता ही हूँ !
थोड़ी देर बैठने और एक लार्ज पैग पीने के बाद उसने कहा- अब भाभी अपने कुल्हे उलट के लेट जाओ।
वो ना-नुकर करने लगी पर वो उसे प्यार से पुचकारने लगा- प्यारी भाभी, अब लेट भी जाओ, देखो, बिल्कुल भी दर्द नहीं करता हूँ, अभी फ्री कर दूंगा।
भाभी कोर्स पूरा ही लगवाओ, और अब आखिरी ही तो बचा है।
रात काफी हो चुकी थी बाहर बारिश हो रही थी, हम दोनों ने ही नशा भी कर रखा था, कुसुम आज दिन में कूल्हे में सुई लगवा चुकी थी और उसके काफी फायदा हो गया था और उसका संकोच अब जा चुका था इसीलिए अब थोड़ी सी जबरदस्ती करने पर वो नाइटी पहने होने के बावजूद भी सुई लगवाने के लिए राजी हो ही गई और
मेरे पास आ कर बोली- आप साथ ही रहना !
मैंने उसके गालों को चूमते हुए कहा- डोंट वरी डार्लिंग ! मैं पास ही रहूँगा।
वो मेरी गोद में सर रख कर औंधी लेट गई। इस बार दोस्त ने बिना हिचक के उसकी नाइटी कमर तक ऊँचा उठा दिया और बिना समय गंवाए उसकी पेंटी भी सरका कर कूल्हे अनावृत कर दिए और सहलाते हुए दबा दबा कर चेक किए और बोला- दर्द में बर्फ की मालिश से आराम आयेगा।
वो बोली- हाँ । लेकिन जनाब मेरे जांघों के चकत्तों में बिल्कुल भी फायदा नहीं है !
वो इंजेक्शन लगाते हुए बोला- उसे भी ठीक कर देंगे। तुम्हारा इलाज करने तो मजा आ रहा है।
और उसे बातों में लगाते हुए सुई लगाई थी कि मेरी पत्नी की सिसकारी निकल गई, उसने मुझे जोर से भींच लिया।
वो बोला- लो हो गया !
फिर खुद ही स्प्रिट का फाहा मसलने लगा। यह दृश्य भी बहुत मनोहारी लग रहा था क्योंकि फाहा मसलने से उसके नग्न कूल्हे बहुत ही उत्तेजक तरीके से हिल रहे थे। थोड़ी देर स्प्रिट मसलने के बाद दूसरे कूल्हे पर एक जोरदार चपत लगाते हुए बोला- लो भाभी, अब सीधी हो जाओ।
चपत पड़ते ही वो जोर से चिहुंक उठी और आउच करके चिल्लाई, पर मैं समझ गया था कि उसे मजा आया होगा क्योंकि जैसा मैंने पहले भी बताया है कि उसे नंगे बदन होकर नितंबो पर पिटाई खाना अच्छा लगता है !
और हुआ भी वो ही !
वो उसी तरह लेटी रही, मेरे दोस्त ने दो चार चपत और लगाई पर वो बेशरम की तरह कूल्हे पर चांटे खाए जा रही थी। माहौल फिर वासनामय हो गया था, दोस्त भी भरपूर उत्तेजित हो गया था, इसका पता उसकी अगली हरकत से जाहिर हो गया जब उसने मेरी बीवी के नंगे हो चुके चूतड़ों के बीच में से हाथ पूरा अन्दर डाल कर उसकी चूत में गुदगुदी करना शुरू कर दिया।
अब कुसुम चिल्ला कर सीधी हो गई और दोस्त पर घूंसे बरसाने लगी और उससे गुत्थम गुत्था हो गई बिना यह देखे कि वो अर्धनग्न अवस्था में है। दोस्त भी उसके साथ कुश्ती सी लड़ता रहा और अंततः कुसुम ने शराब की खाली हो चुकी बोतल दोस्त के सिर में दे मारी।
उसका सिर तो नही फटा पर उसका नशा जरूर उतर गया।
कुसुम गुस्से मे लाल पीली होती हुयी चिल्ला चिल्लाकर बोली ये क्या मजाक है, मै कुछ बोल नही रही हूँ तो तुम जहाँ मन करे हाथ लगाओगे। मजाक की भी कोई लिमिट होती है। मै कब से कंट्रोल कर रही हूँ,
बास्टर्ड,
मै तुम्हे भरोसा करके अरुण के एक दोस्त और डॉक्टर समझकर फ्रैंक होकर हँसी मजाक करते हुए अपनी बीमारी और तकलीफ बता रही हूँ । साले तुम मर्द लोगो की जात ही एक जैसी होती है, थोड़ा सा अगर कोई लेडी हँस कर खुल कर फ्रैंक होकर थोड़ा कूल mind. से बातें क्या करने लगे तुम तो साले उसके जिस्म को गिद्ध की तरह नोचने को आमादा हो जाते हो।
और तुनें क्या समझ रखा है मुझे।
अरुण को शराब पिला कर जो चाहे वो करोगे। मै इससे पहले सब लोगो को बुलाऊ
गेट lost, gate out.
तुरंत मेरे घर से निकल जाओ, और दोबारा अगर गलती से मुझे नजर भी आ गए तो समझ लेना।
मेरे हाथो में अभी भी आखिरी पेग से भरा हुआ शराब का ग्लास था। मै कुछ समझ या कह पाता इससे पहले गेट खोल कर मेरा दोस्त अपने हाथो से दोनों कान पकड़कर sorry कहते हुए फुर्ती में मेरे घर से निकलकर चला गया और जाते हुए उसकी नजरे झुकी हुई थी।
मुझे अपने दोस्त का यह बेकरारी और बिंदास स्वागत भूले नहीं भूलता।
हाहाहा हाहाहा हाहाहा
मेरे बेडरूम का तापमान फुल ac. में गर्म हो चुका था। कुसुम बेड पर उल्टी होकर तकिये में मुह
छिपाये आँख बंद कर लेटी थी।
कुसुम की नाइटी में चमक रही मोटी नंगी मांसल जांघों पर मैने हाथ फेरते हुए कहा क क क के कुसुम उसने खीच कर एक लात मारी मुझे, मैने कहा तुमने मुझे अभी लात क्यो मारी???
कुसुम— क्योकि मै तुम्हे तुम्हारे दोस्त के सामने बेजजात नही करना चाहती थी, मन तो कर रहा था की उसके सामने ही तुम्हे खीच कर लागाउं। साला शराबी
जब सुबह जुबेदा ने मेरे स्कूल की शरारत बताई तो मेरी तरफ घूर के देख रहा था, मेरे चरित्र पर शक कर रहा था।
खुद ने कैसे कैसे दोस्त बना रखे है जो तेरी बीवी को तेरी आँखों के सामने गंदी नजर से और अपने गंदे हाथो से छू रहा है और तुम शराब का ग्लास लेकर देख रहे हो।
“” मेरे लिए शराब एक श्राप बन गयी “”
मैंने कुसुम को काफी समझाया कि कुछ गलत नहीं हुआ क्योंकि इस सब में मेरी भी सहमति शामिल थी और फिर भगवान् ने तो सिर्फ नर और मादा ही बनाए है अन्य प्राणियों में फ्री सेक्स होता ही है, इंसान ने शादी का पवित्र बंधन बनाया है जो उचित भी है, जिसका सम्मान भी करना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि किसी दूसरे ने आपके नग्न शरीर को छू लिया तो कोई पाप हो गया। और यही काम छुप कर या किसी को धोखा देकर किया जाए तो गलत होता है।
अरुण अभी चुप चाप सो जाओ तुम अभी शराब के नशे में हो और मै गुस्से में हू, अभी हम बात करेंगे तो मेरे हाथो से अभी तुम्हारी हत्या हो जायेगी।
लाइट बंद।