You dont have javascript enabled! Please enable it! कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश - Update 20 - KamKatha
कर्ज और फर्ज एक कश्मकश - Erotic Family Sex Story

कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश – Update 20

—————– शरारत ———————–

कुसुम को अपनी सगी बेटी रिंकी जिसे उसने अपनी कोख से पैदा किया है उससे जलन सी महसूस होने लगी,

रिंकी ने जब कुसुम को इतने गुस्से में देखा तो वो थोड़ा डर गई, वो उसके गुस्से से भली भांति परिचित थी, इसलिए उसने नीचे उतरना में ही अपनी भलाई समझी, ऊपर से वो नही चाहती थी कि उसकी गीली पैंटी का आभास मुझ को हो जाये ,इसलिए वो बेमन से मेरी ( अपने पापा) की गोद से नीचे उतरी और साइड में जाकर बैठ गई, पर वो अभी भी हैरानी से कुसुम को देख रही थी

इधर रिंकी के गोद से उतरने पर मेरे पैंट में बना उभर पूरी तरह से देखा जा सकता था, इसलिए मैने तुरंत अपने एक पैर पर दूसरे पैर को रख लिया, पर इससे पहले की मै ये सब कर पाता रिंकी ने कनखियों से मेरे लंड के उभार को देख लिया , उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान आ गई थी,

ओह माई गॉड, पापा का डिक कितना बड़ा है……. कितना बड़ा उभर बना हुआ था …….इसस्ससस ये मैं क्या सोच रही हूं……ये गलत है……पर….पर वो उत्तेजित क्यों हो गए……कहीं वो मुझे……नहीं नहीं ….ये मेरी गलती है……मुझे ऐसे उनकी गोद मे नहीं बैठना चाहिए था……पर हाय्य कितना मज़ा आ रहा था…….उनका बड़ा सा डिक कैसे मेरी पुसी को टच कर रहा था……उम्ह्ह्ह्ह्ह पापाऽऽऽऽऽऽऽ………..मुझे इतना अच्छा क्यों लग रहा है……..हाय्य काश थोड़ी देर बैठ जाती ……अम्मममम कितना मज़ा आ रहा था……उम्ह्ह्ह्ह्ह मेरी चुत से पानी भी निकलने लगा है…..हाय ये मैं क्या सोच रही हूं……पर मुझे पापा की गोद में बैठकर इतना अच्छा क्यों लग रहा था….काश मैं उनकी गोद मे हमेशा बैठी रहूं….

पर ….मम्मी ने आकर सारा काम बिगड़ दिया……” रिंकी अपने मन मे मची उथल पुथल से परेशान थी

“अरे महारानी अब इतनी चुप क्यों हो गयी” कुसुम ने रिंकी को चुप देखकर पूछा

“वो…..वो…कुछ नहीं मम्मी ….वो तो मैं ऐसे ही एग्जाम के बारे में सोच रही थी….10 से हमारे एग्जाम शुरू हैं ना” रिंकी ने सफाई से अपना बचाव करते हुए कहा

“अरे वाह, तू कब से पढ़ाई की चिंता करने लगी” कुसुम ने मजाक करते हुए कहा

कुसुम की बात सुनकर मै और कुसुम हंस पड़े और रिंकी के होठों पर भी हल्की से मुस्कान आ गयी।

हे भगवान, बाल बाल बच गया, अगर किसी ने मेरा पैंट का उभार देख लिया होता तो बवाल मच जाता, ये लंड भी ना…पहले से ही जूली के चक्कर मे ज़िन्दगी झंड हुई पड़ी है और अब ये रिंकी को देखकर लार टपक रहा है,

अगर कुसुम को थोड़ा सा भी आभास हो जाता तो न जाने क्या हो जाता”
इधर मेरे मन मे मचा तूफान थमने का नाम ही नही ले रहा था।

थोड़ी देर बाद मेरे मम्मी पापा आ गये, उन्होंने कुसुम और रिंकी की खितपिट सुन ली थी। मेरी मम्मी कुसुम से बोली बहू क्यो मेरी लाडली पोती पर सुबह सुबह गरम हो रही हो।

कुसुम– देखिये ना मम्मी रिंकी सुबह सुबह ही अपने पापा को परेशान करने लगी। उनकी गोद में बैठ गयी और नाश्ता भी नही करने दे रही है। रिंकी अब छोटी नही रही धीऱे धीऱे बढ़ी होती जाँ रही है। अब अकल नही सीखेगी तो फिर आगे इसको ही परेशान होना पड़ेगा।

दादी– अरे बहू तुम खाम खा इतना परेशान हो, पापा बेटी एक दूसरे को लाड़ कर रहे है, और बेटी कितनी भी बड़ी हो जाये पर पापा के लिए तो हमेशा परी ही रहती है। सबसे बड़ी बात यह है कि अरुण तुम्हारा पति होने के साथ साथ रिंकी का पापा भी है और जितना अधिकार तुम्हारा अरुण पर है उतना ही रिंकी का है।

रिंकी भी तुम्हारी तरह अपने पापा के गोद में बैठ सकती है, पापा के सीने से लग सकती है, पापा के कंधे पर सर रखकर सो और रो सकती है, बेटी का भी अपने पापा के जिस्म पर पूरा हक है, यही तो पापा बेटी का प्यार होता है।

“”मेरा बेटा अरुण अपना पति और पापा का फर्ज बहुत ही अच्छे से निभा रहा है””

तभी मेरी पापा बीच में मेरी मम्मी से बोल पड़े देवी जी अगर प्रवचन खतम हो गये हो तो अब हम भी कुछ खा ले। हमारी बहू क्या बनाया है खाने में?

फिर सब हँसने लगे।

थोड़ी देर ही हुई थी कि कुसुम ने किचन के अंदर से आवाज़ लगाई ” खाना बन गया है, सारे लोग टेबल पर बैठ जाओ”
कुसुम की आवाज़ सुनकर सभी टेबल पर आ बैठे, हेड चेयर पर मेरे पापा बैठे थे , और उनके एक तरफ उनकी खूबसूरत पत्नी मतलब मेरी मम्मी और दूसरी तरफ जवान नातिनि रिंकी थी।

मै सबसे लास्ट में बैठा था, तभी कुसुम अंदर से खाने के बर्तन वगरैह ले आयी और उसने सबकी प्लेट्स में खाना सर्व किया
और खुद भी मेरे पास बैठकर खाना शुरू कर दिया।

तभी खाना खाते हुए कुसुम को थोड़ा ठस्का लगा, मैने उसे पानी दिया और कहा क्यो क्या हुआ। वो कुछ नही बोलकर शांत हो गयी।

मेरी मम्मी— बहू खाना खाने के बाद तुम अरुण के साथ डॉक्टर के पास जरूर जाना है, सुबह भी

उल्टियां कर रही थी। एक बार chekup. करवा लो।

मै– अरे मम्मी कुसुम के गैस बन रही होगी अक्सर ऐसा हो जाता है।

मम्मी– गुस्से में मुझसे बोली तेरे मुह में गैस नही बन रही है, इतना बड़ा हो गया पर बचपन नही गया। तुझे शादी को तीन महीने होने को आये और अभी तक अपनी पत्नी को नही समझ पाया। पत्नी के साथ सोने से ही पति नही बन जाता कोई, तुम्हे अपनी पत्नी की तन और मन की बात भी समझना चाहिए।

मेरे पापा फिर मम्मी को चुप करते हुए बोले अब चुप हो जाओ। और मुझसे मुस्कुरा कर बोले बेटा अब तू भी बाप बनने वाला है, समझा।

मै ये सुनकर शोकड हो गया, और पापा से बोला कुछ भी मत बोलो।

कुसम् तुम्हारी तबियत ठीक नही है और तुमने मुझे बताया नही,

कुसुम– अरे कुछ ज्यादा परेशानी नही है बस पूरे शरीर में दर्द और उल्टी का मन कर रहा है।

मै— खाना finish करो और तैयार हो जाओ हम अभी डॉक्टर के पास चलते है।

हमारी बातें सुनकर रिंकी बोली पापा मै भी आपके और मम्मी के साथ चलु, पापा आपकी की care करने के लिए कोई तो चाहिए।

रिंकी की बात सुनकर कुसुम एक दम से बोली कोई जरूरत नही है, मै अपने पति और तेरे पापा की care. कर सकती हू। बड़ी आई care करने वाली।

“”माँ बेटी की बात सुनकर मै ये तो समझ गया अब मेरी जिंदगी झंड होने वाली है और मेरे लोंड़े लगने वाले है””

मेरी मम्मी— रिंकी बेटी तुम्हे ऐसा नहीं बोलना चाहिए और क्या बहू छोटी सी बात पर मेरी लाडली पर चिल्ला रही हो वो तुम्हारी care करनी है ये बोल रही थी।

मेरे पापा— चलो खाना हो गया, अरुण अब तुम और बहू जल्दी से डॉक्टर के पास जाओ।

मै— ठीक है और मै और कुसुम हॉस्पिटल के लिए निकल पड़े।

मै कुसुम को अपनी बाइक पर बैठा कर हॉस्पिटल के लिए चला जा रहा था, कुसुम शांत थी। शायद उसकी वजह हमारी बेटी रिंकी थी।

मै भी मन ही मन अपनी पत्नी कुसुम और बेटी रिंकी के बारे में गहरी सोच में था।

मैं खुद मानता हूँ कि ऐसी होनी नहीं होनी चाहिए। कोई अन्य सभ्य पुरुष यह बर्दाश्त नहीं कर सकता पर मैंने इसमें मज़ा लिया, यही तो चिंता की बात है।

शायद मैं विकृत मानसिकता का शिकार हो गया हूँ लेकिन इसमें अकेले मेरी गलती नहीं है, मुझे बीवी के साथ बेटी ही ऐसी मिली है।

थोड़ी देर पहले घर पर मेरी मम्मी ने कहा मुझे अपनी पत्नी कुसुम के तन मन में क्या ये समझना चाहिए।

तो अब मैं आपको खुल कर अपनी बीवी कुसुम के बारे में बताता हूँ, और अब तो मै अपने सगे बच्चे का बाप बनने वाला हू। और शायद हमारी लाइफ भी बदलने वाली है।

हमारी शादी के बाद से पिछले तीन महीनों में मेरी बीवी के साथ बिताया हुआ हर पल और जितना मैने उसे समझा है कम से कम मैं लिख तो सकता हूँ।

मेरी कुसुम का गुस्सा तेज है, उसके साथ कुछ किसी ने किया तो उसका तुरंत बदला जरूर निकलती है।

वो बहुत ही स्पष्टवादी भी है, मुझसे कुछ भी बात छुपाती नहीं है, अभी भी यौनपूर्व क्रीड़ा के दौरान उसे योनि की चुसाई सबसे ज्यादा पसंद है। सम्भोग में चरम की स्थिति कभी कभी बेधड़क गालियाँ बकती है, वो भी एकदम गन्दी-गन्दी !

मेरी बीवी कुसुम बहुत ही ज्यादा बिंदास और दिलफ़ेंक किस्म की है और मैं उसके पराये मर्दों के साथ खुले और उन्मुक्त व्यवहार को देखकर उत्तेजित हो जाता हूँ यह मेरी कमजोरी है और यह बात वो भी अच्छी तरह से समझ गई है।

मुझे शादी के बाद उसकी इस प्रकृति का पता कैसे लगा, आज मैं आपको यही बात बताने जा रहा हूँ।

मै अपनी बीवी कुसुम के बारे सोचता हुआ हॉस्पिटल पहुँच गया और बाइक को पार्किंग में खड़ा करके हॉस्पिटल के अंदर चले गये।

Reception. पर मैने enqiry की तो एक नर्स ने हमें 3 फ्लोर पर रूम नम्बर 303 में एक लेडी डॉक्टर के पास भेज दिया।

उस लेडी डाक्टर का नाम ज़ुबैदा कादरी था। कुछ ही दिनों पहले उसने हॉस्पिटल में जोइनिंग ली थी। मैं उसे देखता ही रह गया था।

यही हालत कुसुम की थी।

बड़ी गज़ब की थी वो। उम्र यही कोई 37-38 साल। उसने अपने आपको खूब संभाल कर रखा हुआ था। रंग ऐसा जैसे दूध में किसी ने केसर मिला दिया हो। त्वचा बेदाग और बहुत ही स्मूथ। आँखें झील की तरह गहरी और बड़ी-बड़ी। स्लीवलेस कमीज़ के साथ चुड़ीदार सलवार और उँची ऐड़ी की सैंडल पहने थी, मगर उसके हुस्न का जलवा कुछ और ही था। किसी माहिर संग-तराश का शाहकार थी वो ।

उसके जिस्म का एक-एक अंग सलीके से तराशा हुआ था। उसके सीने का उभरा हुआ भाग फ़ख्र से हमेशा तना हुआ था। उसके चूतड़ इतने चुस्त और खूबसूरत आकार लिये हुए थे, मानो कुदरत ने उन्हें बनाने के बाद अपने औजार तोड़ दिये हों।

वो कुसुम को बड़ी गौर से देख रही थी, अचानक से वो चौकते हुए बोली,

हाय अल्लाह कुसुम धामी convent school की 12class की सबसे hot, bold, sexy, aatitude, ego, वाली लड़की जो अपने गुस्से, अकड़ और बदले में जो ठान ले उस काम को करके ही छोड़ती थी। जिसके नखरे और तेवर इतने की पूरे स्कूल का कोई भी लड़का उसको प्रपोज नही कर पाया। पैसे से गरीब पर दिल की अमीर।

इतने सालों के बाद अब मिली हो, अभी तक कहा थी, कैसी थी, क्या कर रही थी, घर में सब कैसे है, प्रीति दीदी कहा है, उसने एक सांस में बहुत से सवाल कर दिये कुसुम से।

कुसुम उसकी आवाज सुनकर बोली अरे कमीनी तू अभी तक जिंदा है।

कुसुम और वो कुंभ के मेले में बिछड़ी हुई बहनो की तरह गले मिलने लगी।

“” कुसुम के बारे में जो उस लेडी डॉक्टर ने बताया वो ही सारे गुण उसकी बेटी रिंकी में है और मजे की बात तो ये है कि रिंकी भी अभी 12 मे ही है “”

जैसी मम्मी वैसी बेटी

फिर कुसुम ने मेरा उस लेडी डॉक्टर से परिचय कराया।

वो मुझे देखकर बोली थैंक्स गॉड कम से आप तो मिले इसे मुझे तो लगता था कि ये virgin ही मरेगी। हाहाहा हाहाहा

“”कुसुम भी 12 में साइंस पढ़ी हुई है पर डॉक्टर नहीं बन पायी क्योकि हालात गरीबी, मजबूरी में उसकी शादी हो गयी थी जो आप लोगो को मै पहले भी बता चुका हूँ।

पर उसकी ये खास दोस्त डॉक्टर है और वो पहले से ही परिचित है, उसके परिवार का कुसुम के घर खूब आना जाना था।””

कुसुम और वो लेडी डॉक्टर आपस में बातें करने लगे और मै शांति से उनकी बातें सुनने लगा।

“” औरते जब बात करना शुरु कर दे तो कभी टोकना नही चाहिए “”

कुसुम यार अब तो तुम पूरी बदल गयी हो।
तु इस समय 36 साल की भरी-पूरी अम्मा दिख रही है। दिखने में नयन-नक्ष कद तो पहले जैसा ही है। पर स्कूल के समय दुबली थी पर अब डर्टी पिक्चर की विद्या बालन जैसी हो गई है,

और उसने कुसुम के एक हाथ से स्तनों को दबाया और दूसरे से कुसुम के नितंबो को बजाते हुए हस्ती हुई बोली ये जरूर भारी हो गये है।

कुसुम भी हस्ती हुई अपनी हामी दे रही थी।

कुसुम तेरा स्वाभाव अब भी बेबाक है, या कुछ अंतर आया।

क्या अब भी पहले की तरह डबल मीनिंग बातचीत, रोमांटिक नोवेल-फिल्मों की शौकीन है।

और सबसे खास और अजीब बात तेरी कि जिन मर्दों को जानती है उनसे फ्लर्ट करना, धोल धप्पे से बातें करना अन्तरंग बातों को लेकर चुहल करना तेरी आदत बदली की नही।

मै कुसुम की काले कारनामे की कहानी सुनकर दंग था और मै उस लेडी डॉक्टर की तरफ ही देख रहा था।

तभी वो मुझसे बोलि भाई जान आप बताओ कुसुम का गुस्सा अब भी पहले की तरह तेज है, या कुछ कम हुआ। क्योकि पहले इसके साथ कुछ किसी ने किया तो उसका तुरंत बदला जरूर निकलती थी।

मै एक बार होली की बात बताती हूँ आपको. . …

होली का नाम सुनकर कुसुम उससे बोली चुप कर कमीनी। दोनों हसने लगी।

ठीक है नही बताती वो fine art potrate वाली तो मै पूरी लाइफ नही भूल सकती।

मुझे अब कुसुम के राज जानने की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।

तो मैने उस डॉक्टर से कहा बताओ ना कोई नहीं मुझे कोई प्रॉब्लम नही है इन fact मुझे और अच्छा लगेगा आप दोनों के स्कूल के दिनो की शरारत जानकर। We are friends

कुसुम उसको ना ना ना करके मना करती रही पर वो लेडी डॉक्टर नही मानी और सब बताने लगी।

होली वाले दिन जब हम दोनों के एक दोस्त ने कुसुम के ड्रेस के अंदर स्तनों में हाथ डालकर रंग क्या डाला । तो कुसुम ने गुस्से में उसे लगभग नंगा कर दिया और बिफर गई। अपने हाथो से उसके लंड को रंग लगाकर रगड़ती रही और उसका लण्ड झाड़ कर ही मानी। कुसुम ने उसका लंड इतनी जोर से और गुस्से में पकड़ कर रगड़ रगड़ कर हिलाया था कि बेचारे का पानी के साथ साथ खून भी निकल आया था।

“”मेरी बीवी कुसुम की होली वाली घटना जो उसके दोस्त और उसके बीच घटी थी वास्तव में बहुत ही ज्यादा सनसनीखेज और उत्तेजक थी, जिसने मुझे अंदर तक हिला दिया ।””

मै कुसुम की चेहरे की तरफ देख रहा था, कुसुम के चेहरे पर शर्म वाली हसी थी।

वो लेडी डॉक्टर मुझसे बोली मै अब आपको होली से भी ज्यादा एक रोचक किस्सा है जिसे आपको मै बताती हूँ।

और सबसे अजीब बात जिसे सुन कर शायद आप होली वाले वाकये को सही से समझ पायेंगे,

एक बार स्कूल के दिनों में सहेलियों के द्वारा कुसुम के साथ शर्त लग गयी फिर क्या कुसुम एक बार महज दो हजार रुपयों के लिये उसने फाईन आर्ट की लाइव पोट्रेट क्लास में सभी लड़के लडकियों और टीचर की मौजूदगी में नग्नावस्था में खुद की पेंटिंग बनाने के लिए एक घंटे तक बैठी रही, वो भी निहायत ही अश्लील मुद्रा में क्योंकि विषय के हिसाब से उसे अपनी गुच्छेदार झांटों को हाईलाइट करना था।

कुसुम sorry यार मै ही तेरी वो अन्तरंग सहेली हू जिसने सर को बता दिया था कि तेरी झांटें घनघोर हैं।

पर बाद में पूरी क्लास और सर ने तेरे फिगर की खूब तारीफ़ की, इससे तू फूल गई और मारे खुशी तूने मुझे सबके सामने चूमा था।

तुझे याद है कुसुम जब ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन कर चलती थी तो हवाओं की साँसें रुक जाती थीं। जब तू बोलती थी तो चिड़ियाँ चहचहाना भूल जाती थीं और जब तू नज़र भर कर किसी की तरफ देखती थी तो वक्त थम जाता था।

इतना सब सुनने के बाद मै तो पूरा हिल गया और सोचने लगा ये मैने कैसी लड़की से शादी कर ली।

उधर कुसुम भी अपनी स्कूल के दिनों में की गयी गलतियों या शरारतो को सुनकर शर्म से पानी पानी हो रही थी।

कुसुम का सब्र का बांध टूट गया और वो बोली कादरी की बच्ची अब बस बहुत हो गया। मै यहाँ chekup कराने आई हू ना कि तेरी बकवास सुनने।

वो लेडी डॉक्टर हस्ती हुयी बोली sorry sorry कुसुम acchullay हम बचपन के सहेली है इसलिए कंट्रोल नही कर पायी मै तुझसे मिलने को कितने सालों से तड़प रही थी।
I really sorry.

अब बता क्या प्रॉब्लम है,

कुसुम ने उसे बताना शुरु किया। कि उसके सीने और पेट में दर्द है, और उल्टी भी हुई थी, मन कचचा सा हो रहा है।

उसकी माहवारी बंद हो चुकी है लगातार पैड लगाने से उसकी चूत और दोनों जाँघों के बीच के जगह चकत्ते पड़ कर छिल गई थी, वो इस वजह से बहुत परेशानी में है,

फिर डॉक्टर ने उससे पूछा- महीना कब से नही हुआ है?
वो बोली- दो महीने से,

डॉक्टर— छाती, पेट में दर्द है।
कुसुम– हा

डॉक्टर— स्तनों में भारीपन या दर्द है।
कुसुम— हा

डॉक्टर— टट्टी पेशाब में जलन है
कुसुम– नही पर सेक्स करते समय नीचे जलन होती है.

डॉक्टर ने मुस्कुरा कर कहा- नीचे कहां?
मेरी पत्नी ने शर्मा कर कहा- उधर चूत में.

डॉक्टर ने चुत शब्द सुना तो एकदम से बोली- ये गड़बड़ बात है … उधर तो जलन नहीं होनी चाहिए. इसे तुरंत जांचना होगा.

मेरी पत्नी कुसुम की पूरी बात सुनने के बाद डॉक्टर ने उससे अपने मम्मे दिखाने को कहा.

मेरी बीवी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने आंख के इशारे से उसे हामी भर दी.

फिर डॉक्टर और मेरी पत्नी साईड में पर्दा लगे एक केबिन में गए.

डॉक्टर ने उससे ब्लाउज खोलने को कहा. मैं भी वहीं पर्दा के पास खड़ा था. मेरी पत्नी ने साड़ी को हटाया, जिससे ब्लाउज के ऊपर से उसके दोनों बूब्स दिखने लगे.

डॉक्टर मेरी बीवी के तने हुए मम्मे देखने लगी.
फिर उसने मेरी बीवी से कहा कि अपने हाथ से बताओ कि किधर दर्द है.
मेरी बीवी ने अपने एक चुचे को एक जगह से दबाकर उसे बताया कि इधर दर्द है.

डॉक्टर ने अपने हाथ से मेरी बीवी के मम्मे की दर्द वाली जगह पर उंगली से दबाकर देखा तो मेरी बीवी की हल्की सी आह निकल गई.

मैं अपनी आंखों से एक औरत के हाथ से अपनी बीवी के दूध दबाकर देखते हुए मस्त होने लगा.

फिर डॉक्टर ने उससे ब्लाउज खोलने के लिए कहा तो मेरी पैंट में सनसनी होने लगी.

मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था.

मेरी बीवी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने सर हिलाकर उससे ब्लाउज खोलने का इशारा कर दिया.
वो अपने ब्लाउज के एक एक करके हुक खोलने लगी.
अब वो ऊपर से सिर्फ ब्रा में थी.

डॉक्टर ने उससे ब्रा भी खोलने को कहा.
मेरी पत्नी कुछ शर्मा रही थी क्योंकि वो पहली बार किसी अन्य महिला के साथ और अपनी पति के सामने वो इस प्रकार से थी.

मैंने उससे कहा- अरे शर्माओ मत, जब तक डॉक्टर को दिखाओगी नहीं, तब तक इलाज कैसे होगा.

ये सुनकर उसने अपनी ब्रा खोलकर एक तरफ रख दी और दोनों हाथों से अपनी चूचियों को छुपाने लगी.

मैं उससे कहा- डॉक्टर से शर्म कैसी, दिखा दो न!
डॉक्टर भी बोलने लगी – हां दिखाओ, नहीं तो इलाज कैसे होगा?

फिर मेरी पत्नी ने दोनों हाथ हटा लिए जिससे उसके दोनों बूब्स उछल कर डॉक्टर के सामने आ गए.

डॉक्टर सामने से मेरी पत्नी क़े दूध छूकर चैक करने लगी।
वो एक मम्मे की दर्द वाली जगह दबा दबा देखने लगी.
फिर उसने दूसरे मम्मे को भी उसी जगह दबा कर चैक किया.

इतनी देर में मेरी बीवी भी अपनी शर्म छोड़ चुकी थी.
मुझे भी ये देखकर मजा आने लगा था.

डॉक्टर ने दोनों हाथों से मेरी बीवी के दूध को दाब दाब कर दर्द देखना शुरू कर दिया था.
मेरी बीवी भी उसे बता रही थी कि इसमें इधर दर्द होता है, इधर नहीं होता है.

डॉक्टर बारी बारी से दोनों मम्मे दबाते हुए देख रही थी.

मैंने भी महसूस किया कि इस सीन से मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

डॉक्टर ने बहुत देर तक मेरी बीवी के मम्मों को हर तरह से दबा कर जांचा.
फ़िर वो ऐसे ही बात करने लगी कि ये ठीक हो जाएगा.

मेरी बीवी अभी भी ऊपर से पूरी नंगी थी.

मेरी पत्नी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने भी उसे दो उंगलियों से छेद बनाकर इशारा कर दिया कि चुत भी दिखा दो.
उसने मेरी तरफ गुस्सा से देखा.
मगर उसके पास कोई चारा नहीं था.

मुझे हसी आ रही थी हाहाहा हाहाहा हाहाहा

वो बगल में रखी टेबल पर बैठ गई.
डॉक्टर ने साड़ी और पेटीकोट हटाने को कहा.

मेरी पत्नी शर्माती हुई अपनी साड़ी और पेटीकोट खोलने लगी.
डॉक्टर भी उसे ही देख रही थी.

मेरी बीवी ऊपर से तो नंगी थी ही अब नीचे से भी नंगी होने जा रही थी.

इधर लंड मेरी पैंट फाड़ कर जैसे बाहर आने को बेताब हो गया था.

मैंने ध्यान दिया कि डॉक्टर ने भी अपनी चूत एक दो बार मसल दि थी जो मेरी बीवी ने भी नोटिस किया था.

मेरी पत्नी आते समय शायद अपनी पैंटी पहनना भूल गई थी.
साड़ी पेटीकोट के हटते ही वो हम दोनों के सामने पूरी तरह नंगी हो गई थी.

उसे जैसे ही ख्याल आया कि उसने पैंटी नहीं पहनी है, वो झट से अपनी चूत को छुपाने लगी.

डॉक्टर ने उसे लेटने को कहा और पैरों को मोड़ कर फैलाने को कहा.

अब तक वो भी अपनी शर्म छोड़ चुकी थी.

मेरी पत्नी के चूत में छोटे छोटे बाल थे, कुछ दिन पहले मेरी पत्नी ने चूत के बाल साफ किए थे.

मेरी बीवी पूरी नंगी टेबल पर लेटी हुई थी.
अब डॉक्टर मेरी बीवी के पास जाकर पहले तो चूत देखती रही. मेरी बीवी की चूत बहुत गोरी है.

फिर वो मेरी बीवी की चूत की फांकों को अपने हाथ से फैला फैला कर देखने लगी.
वो कभी कभी चूत को मसल भी देती थी

जिससे मेरी पत्नी के मुँह से एक सेक्सी आवाज भी निकल जा रही थी.

कुछ देर बाद मेरी पत्नी ने अपने पैर पूरी तरह से अलग करके डॉक्टर के सामने चूत फैला दी थी.
वो चुत खोले हुए मेरी ओर देख रही थी.

मैंने भी आंख मारते हुए उसे एक मुस्कान दे दी. मैंने देखा कि उसके चेहरे पर भी एक हल्की सी मुस्कान आ गई थी.

“”मुझे ऐसा महसूस होने लगा था कि औरत को अपने पति की रजामंदी मिल जाए तो वो किसी के सामने भी अपनी चुत खोलने को राजी हो सकती है.””

डॉक्टर ने अब अपनी एक उंगली को मेरी पत्नी के चूत में घुसा दी और चुत चैक करने लगी .

इससे मेरी पत्नी को अब मजा आने लगा था और उसकी चुत ने हल्का हल्का सा रस छोड़ना शुरू कर दिया था.

“”चुत से रस रिसना किसी को भी ये बताने के लिए काफी होता है कि चुत गर्म होने लगी है और चुत वाली को मजा आ रहा है.””

डॉक्टर बहुत देर तक मेरी पत्नी की चूत को उंगली से ऐसे चैक करती रही, जैसे कि वो चुत चोद रही हो.
शायद डॉक्टर को अब चूत छोड़ने का मन ही नहीं था.

मैं तो ये देखकर दंग था कि मेरी पत्नी इस वक्त मुझे और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी.
वो अपनी आंखें बंद करके डॉक्टर की उंगली को अपनी चुत में लेकर मजा ले रही थी.

फिर डॉक्टर ने अपनी उंगली चुत से निकाली और मेरी बीवी से कपड़े पहन कर बाहर आने को कहा.

मैंने देखा कि डॉक्टर की सलवार भी गीली हो रही है.
इधर मेरा भी लंड पूरा खड़ा था.

लेडी डॉक्टर मुस्कुराते हुए अपने कुर्सी पर बैठ गयी.
मेरी पत्नी अपने कपड़े पहन कर वापस डॉक्टर के पास आ गई.

लेडी डॉक्टर ने मुझसे कहा कि संभोग करने से पहले अपनी पत्नी को पूरा गर्म किया करो, जिससे उसकी योनी पूरी गीली हो जाए, तभी अपना डिक योनी में डाला करो, इससे जलन नहीं होगी. तुम शायद सूखी योनी में डिक पेल देते हो, जिससे इसको जलन होती है.

उसने मेरी बीवी का सोनोग्राफि टेस्ट कमरा नंबर 306 में करवाने के लिए कहा फिर रिपोर्ट देखने के बाद दवाई लिखेगी।

जारी है…..

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