तो वो मुस्कुरा कर बोली- काफी बदमाश लगते हैं? खैर, अभी आप और कुसुम यहाँ मत बैठो चलो मेरे साथ जूली से मिलवाती हू।
अब मुझे लगा कि मामला पट सकता है।
सगाई की रस्म खत्म होने के बाद लड़के को कपड़े बदल कर वापस दूसरी किसी रस्म के लिए तैयार होना था, तो वो अपने रूम में चला गया.
सगाई तो हो गई थी लेकिन आज जब से मैंने जूली को देखा था मेरा तो कही दिल भी नहीं लग रहा था हर वक़्त मेरी नज़र के सामने सिर्फ जूली का चेहरा ही दिखाई दे रहा था। मै भी जूली से अकेले में बात करने की सोच रहा था और जब प्रीति ने मुझे और कुसुम को साथ चलकर जूली से मिलवाने की बात कही तो मै तुरंत राजी हो गया।
पर मुझे डर भी था मुझे जूली देखकर पता नही कैसा react करेगी। मै
हिम्मत करके जूली जिस कमरे में थी वहा पहुँच गया। कमरे में जूली के साथ उसकी सहेली और मेरी सास भी थी। जूली का उदास चेहरा देखकर मै समझ गया वो इस सगाई या रिश्ते से खुश नही है।
हमें दरवाजे पर खड़ा देख मेरी सास ने हमें अंदर बुला लिया। जूली मुझे तिरछी नजरों से देख कर मुस्कुरा भी रही थी और शरमा भी रही थी। मेरा तो दिल बाग़ बाग़ हो गया।
मैने थोड़ी इधर उधर की बातें की और जूली को मोबाइल पर message भेजकर ऊपर छत पर आने का इशारा किया। और कमरे से निकलकर छत पर चला गया।
थोड़ी देर बाद जूली छत पर आ गयी।
मैने जूली को देखा और हस्ते हुए कहा जूली कैसी है। वो बोली अभी तक जिंदा हू,
मैने कहा ऐसा क्यो कह रही हो।
जूली मुझसे बोली अब क्यो मुझे बुलाया है
मैने जूली से कहा कुछ पूछना था, वो बोली इतना सब होने के बाद अब भी कुछ पूछना बांकी रह गया है।
उसके tone मे एक गुस्सा, बेबसी थी
मैने कहा तुम उस गंजे से शादी अपनी मर्जी से कर रही हो या जबरदस्ती से, वो बोली ये जानकर आप क्या करेंगे।
मैने कहा क्या मेरा ये अधिकार भी नही है तुमसे पूछने का।
जूली बोली मीठी मीठी बातें बनाना कोई आपसे सीखे। मुझे जूली के जवाब में एक ताना सा लगा। तो मैने पूछा अरे साली साहिबा कुछ भी मत बोलो
वो बोली आज आप बड़ा अपना अधिकार जता रहे हो। इतने दिन से एक बार भी फोन करके पूछा जूली मर गयी या जिंदा है।
हम तो यहाँ आपकी याद में अपने खून से ढेर सारी चिठ्ठिया लिखते रहे और सोचते रहे जब आप आएँगे तो दिखायेंगे।
मैने कहा तुम मुझे इतना बुरा भला क्यो कह रही हो। मै तो हमेशा से तुम्हे पसंद करता आया हू, तुम्हारे हर सुख दुख में मै तुम्हारे साथ हू, तुम मुझे ही इस तरह ताना मारोगी ये मैने कभी नही सोचा था।
मुझे बस ये जानना है कि तुम इस रिश्ते से खुश हो या नही
जूली मेरी बात सुनकर रोते हुए कहने लगी उस दिन मै होटल में क्या पकड़ी गयी तब से मम्मी, प्रीति दीदी, कुसुम दीदी, रिंकू मुझे बात बात पर ताना देकर बुरा भला कहते है जैसे मैने कोई बहुत बड़ा पाप या गुनाह किया था।
ये सच है मुझसे गलती हुयी थी और उसके लिए मैने सबसे माफी भी मांग ली। फिर भी सब मुझे मेरे charecter को लेकर कुछ ना कुछ कहते है।
पर मै ये सब सहन करती रही, बस आपके लिए, आपके मुझ पर किये गये भरोसे और विश्वास के लिए लेकिन जीजू आप तो बड़े छिपे रुस्तम निकले मै तो बस आपके साथ रोमांटिक सपने देखती रही
पर आपने तो हकीकत मे पूरा गाना ही गा लिया और वो भी अपनी बेटी रिंकी के साथ।
मै जूली के मुह से रिंकी का नाम सुनकर shok हो गया और मैने जूली से हकलाते हुए कहा ज ज जूली क्या बक रही है कोनसा गाना तुम्हारा दिमाग खराब है। जूली बोली दिमाग और दिल तो उसी दिन से खराब है जब थाने में से निकलने के बाद मै तो सुसाइड करने वाली थी पर आपने सबके सामने अपने सीने से लगाया था और मेरा हाथ अपने हाथो में लेकर कहा था कि मै कभी तेरा साथ नही छोडुगा। और मुझे दोबारा से नयी जिंदगी दी, मैने उसी दिन से अपनी जिंदगी आपके के नाम कर दी है।
मैने तो आपके साथ कितने हसीन सपने देखने शुरू कर दिये थे पर आपने इस तरह मेरे सपने तोड़े तो रहा नही गया मुझसे।
बस अपना कसूर जानने के लिए आपसे मिलने यहाँ आई हू कि मुझमे ऐसी क्या कमी थी जो उस दिन आपने मेरे हाथ रोक दिये थे।
मैने अपना माथे का पसीना पोन्छा और बोला जूली तुम क्या कह रही हो मुझे कुछ समझ नही आ रहा है।
जूली ने मुझे रिंकी के साथ दिमापुर स्टेशन के पास वाले पार्क में रात में जो इंस्टा वीडियो बनाये थे वो दिखाने लगी, और बोली देखे इन वीडियो में कोनसी जवानी की कहानी लिखी गई है और दूसरे में होंठो को चूमने की हसरत पूरी हो रही है।
मैने हस्ते हुए कहा क्या जूली तुम भी ये वीडियो वो रिंकी जिद कर रही थी तो मै मना नही कर पाया। रिंकी वैसे भी छोटी बच्ची है।
जूली बोली रिंकी बच्ची है की चची ये आपसे से बेहतर मै जानती हू, मै रिंकी की मौसी हू उसकी बचपन से लेकर जवानी तक का रूप देखा है मैने।
जब मैने आपके वीडियो देखे।और उसी रात को प्रीति दीदी ने पापा को उस गंजे का फोटो भेजा तो मै समझ गयी जिससे मैने प्यार किया वो दिल में है, किस्मत में नही है
और उस गंजे से शादी करने के लिए हा कर दी।
जूली बात करते हुए रोने लगी।
मैने उसके करीब जाकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- जूली, हुआ क्या?
‘कुछ नहीं जीजाजी! होना क्या है, बस किस्मत में जो लिखा है वही होना है।
‘ऐसी बात नहीं है!’ मैं उसके कंधे से हाथ उसकी पीठ पर फेरते हुए बोला-
वो खड़ी हुई और मुझसे लिपट गई, उसकी छाती का दबाव जब मेरी छाती पर पड़ा, मैं तो पागल होने लगा।
अपनी बाँहों को पीछे ले जाकर उसकी पीठ पर कसते हुए मेरा हाथ जब उसके ब्लाऊज़ के ऊपर उसके जिस्म पर लगा, उसने खुद को और कस लिया, वो और रोने लगी।
मैंने अपने होंठ उसकी गर्दन पर टिका दिए- चुप हो जाओ जूली! मैं हूँ ना!
मेरे होंठों की छुअन से वो कसमसा सी गई, मानो करंट का झटका लगा हो!
लेकिन उसने मुझे और कस लिया मेरा हाथ पीठ से अब नीचे बढ़ने लगा, उसके पेट पर चला गया, साड़ी के ऊपर से उसकी गांड पर हाथ फेरा- बस चुप हो जाओ जूली! आओ बैठो!
बस चुप! रोना बंद करो!
बहुत दुखी हूँ मैं!
वो अपना चेहरा मेरे सीने में छुपाकर रोने लगी।
मैंने उसको बाँहों में कस लिया उसकी गर्दन पर चूम लिया, मैं बहक रहा था। वो इतने करीब आती जा रही थी,
उसने अपना हाथ मेरे सीने पर रख दिया, सहलाने लगी।
मैंने उसके गले में बाहें डाल दी उसके कान के नीचे अपने होंठ रख दिए, यह औरत का रिमोट कण्ट्रोल होता है, मैंने कुसुम और रिंकी पर ये रिमोट चला चुका हूँ।
उसके मुख से हल्की सी सिसकी निकली और आंखें बंद होने लगी।
मैं अब होंठ रगड़ने के साथ सांसें लेकर उसको मदहोश करने लगा।
उसने अब अपनी टांग मेरी जांघ पर टिका दी- क्या हुआ जीजू? रुक क्यूँ गए?
उसने अब हाथ टीशर्ट के नीचे से मेरी छाती पर रखा, वहाँ के बाल सहलाने लगी-
मैने पीछे से उसको बाँहों में भर लिया, उसकी पीठ पर चुंबन जड़ दिया, वो सिसक उठी।
मेरा हाथ उसके चिकने सपाट पेट पर रेंगने लगा। एक हाथ उसके ब्लाऊज़ के ऊपर से ही उसकी चूची को दबाने लगा।
मैंने उसका पल्लू पकड़ा, वो घूमने लगी। जूली साड़ी , पेटीकोट-ब्लाऊज़ में कयामत लग रही थी।
मैंने उसको अपनी और घुमाया उसके होंठ चूम लिए। मेरी बांह उसकी कमर पर चली गई, वहाँ से झटका देकर उसको अपने साथ चिपका लिया और बोला- जूली, तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो!
उसने मुझे दुबारा कस लिया-
इतने में जूली के मोबाइल पर उसके होने वाले पति का यानि मेरे साडू का फ़ोन आया। उसने उठा लिया और दोनों बातें करने लगे, आवाज़ साफ़ बाहर तक सुनाई दे रही थी- कहा हो? मैं लेने आता हूँ।
नही मै आती हू।
मुझे जूली का उसके होने वाले पति से बात करना अच्छा नही लग रहा था, मुझे जलन हो रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था मेरी सबसे कीमती चीज मुझसे छिनति जा रही है।
मेरी अपनी हालत को देखकर को देखकर पुराना गाना याद आने लगा।
“” भवरे ने खिलाया फूल,
फूल को ले गया राजकुमार “”
जूली अपने होने वाले पति से बात करती जा रही थी, और मेरे पिछवाडे में आग बढ़ती जा रही थी। मेरी बर्दाश्त की हद खतम हो गयी थी। मेरा खड़ा लंड भी मुरझा गया था और मेरी पूरी वासना अब गुस्से में बदलने लगी। अंततः मैने जूली के हाथ से फोन छिनकर काट दिया।
और आग उगलते हुए शब्दो में जूली से कहा कि तुम उस गंजे से शादी के लिए मना कर दो।
जूली ने पूछा ठीक है लेकिन सब लोग पूछेंगे कि मै मना क्यो कर रही हू तो क्या जबाब दूँगी।
सच तो ये था कि मेरे पास जूली के इस सवाल कोई जबाब नही था।
मैने अटकते हुए कहा कोई भी बहाना बना देना, कह देना कि मुझे लड़का पसंद नही है, वो गंजा है।
जूली बोली अरुण जीजू मेरे पापा ने मुझसे दस बार पूछकर लड़के के गंजा होने की बात बताकर मेरी हामी और मर्जी से ही मेरी सगाई हुई है।
मुझे जूली के इस बात का जवाब भी समझ नही आ रहा था।
जूली मेरे करीब आई और मेरे हाथो को अपने हाथ में थामकर बोली जीजू अब कुछ नही हो सकता है और जो हो रहा है उसको होने दो।
मेरी हालत हारे हुए जुआरी की तरह हो गयी थी।
लेकिन एक कहावत है ना
“” मरता क्या ना करता “”
तो मैने अपने शब्दो का आखिरी तीर जूली के ऊपर चलाया–
मै जूली से गुस्से में बोला ठीक है तुम मना नही कर सकती है तो मै ही उस गंजे को फोन करके बोल देता हूँ कि तुम जिस लड़की जूली से शादी कर रहे हो, वो होटल में अपने प्रेमी के साथ नंगी पकड़ी गयी थी।
ये सुनकर जूली की आँखों में आँसू रुक गये और वो ताली बजाकर जोर जोर से हसने लगी। उसकी तालियों की आवाज और हँसी में अजीब सी खिसियाहट थी।
वो बोली वाह अरुण वाह अब दिखा दिया अपना असली चेहरा, आ गये अपनी औकात पर, और कितना जहर भरा हुआ है वो भी बोल दो। तुम भी सबकी तरह ही निकले मै तो तुम्हे भगवान की तरह पूजती थी और तुम भी प्रीति, और कुसुम की जबान बोलने लगे।
“”हमने जरा सी बेवफायी क्या कर दी तो तुम बदचलनी और बेहयाई पर आ गये।””
मैने कहा ना जीजाजी, ना जीजू सीधा अरुण बोल रही है।
जूली– गाली तो तुम्हे दे नही सकती, प्यार जो करती हू।
मुझे लगा शायद मैने बहुत गलत बोल दिया।
मै उसके साथ अपनी आँखों में आँसू भर कर माफी मांगता हुआ।
मै बोला — जूली मेरा वो मतलब नही था, मै तो बस तुम्हारी शादी रोकना चाहता हूँ, इसलिए ऐसा बोला। जरा सोचो इसके अलावा कोई और रास्ता मुझे समझ नही आ रहा है।
मेरी आँखों के आँसू देखकर जूली थोड़ी देर शांत हो गयी।
और दो मिनिट बाद बोली चलो मै अपनी शादी रोक देती हू फिर क्या होगा। तुम मुझसे शादी करोगे, अपनाओगे मुझे,?
मै फिर फस गया, मेरे पास अब इस सवाल का भी जबाब नही था। मै शांत हो गया।
मेरी खामोशी देखकर जूली बोली अरुण तुम मेरे साथ कोनसा रिश्ता बनाना चाहते हो।
मै– क्या मतलब है तुम्हारा।
जूली– किस रिश्ते से मुझ पर तुम ये अपना हक जता रहे हो।
कौन बनना चाहते हो तुम मेरे
“”पति, प्यार, यार या दलाल “”
मै अटकते हुए वो ज ज जूली।
वो गुस्से वाली हसी हसने लगी और बोली Mr अरुण kind your information —
जिसके साथ मेरी सगाई हुयी है उसे मैने अपने बारे में सब सच बता दिया है, मै कब कैसे और कहा किसके साथ नंगी पकड़ी गयी थी।
मै चलती हू
अरुण जी गुड बाय,
खाना जरूर खा कर जाना
खाने का menu तुम्हारी पसंद का बनवाया है ।
मै शांत होकर उसे जाता हुआ देख रहा था।
तभी वो रुकी और बोली एक बात और मेरा होने वाला पति ये भी जानता है कि मै आपसे प्यार करती हूँ। हाय मेरी किस्मत!
पर आज कोसती हूँ उस दिन को जिस दिन से मुझे आपसे मोहब्बत शुरु हुयी थी।
मुझे समझ नही आ रहा था ये सब कैसे हो गया, मुझसे क्या गलत हो गया ???
जारी है……