You dont have javascript enabled! Please enable it! कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश - Update 11 - KamKatha
कर्ज और फर्ज एक कश्मकश - Erotic Family Sex Story

कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश – Update 11

उधर बाकी लोगों ने भी खाना खा लिया था और अपने अपने रूम में चले गए, कुसुम ने बर्तन साफ किये और बाकी छोटा मोटा काम खत्म करके रूम में आ गयी,

कुसुम कमरे के अंदर दाखिल हुई तो कमरे में कुछ अजीब सी स्मेल फ़ैल गयी।

आज मेरी दो तीन दिनों से दबी वासना बाहर निकल चुकी थी और मै जनता था कि अगर ये वासना शांत न कि तो दोबारा कहीं मै कुछ गलत न कर दू,

कुसुम ने कमरे के अंदर आकर अपनी साड़ी उतारी और नाइटी पहनने लगी, वो अक्सर सोते समय अपनी ब्रा उतार देती है सो उसने अपनी ब्रा भी निकाल दी

रात के ग्यारह बज चुके थे, मै बेड पर लेटा हुआ कुसुम का ही इंतजार कर रहा था। जैसे ही कुसुम बेड पर आई मैने पीछे से अपनी बीवी को कस कर पकड़ लिया ।

कुसुम – हटिये जी, आप क्या हरकत कर रहे है।

मै उठा और मैने दरवाजे पे कुंडी लगा दी और फिर कुसुम को गले लगाकर उसे वो ही नाइटी दी जो मैने मॉल में उसके लिए खरीदी थी। कुसुम नाइटी देख कर बेहद खुश हो गयी।

कुसुम – वाओ इतनी अच्छी नाइटी, ये तो बहुत मंहगी होगी।

मै कुसुम की चूचियों को सहलाते हुए) हाँ मंहगी है लेकिन तुम्हारे लिए इसकी कीमत कुछ नहीं है। दीमापुर से तुम्हारे लिए कुछ न लाऊँ ऐसा हो सकता है?

और उसे बिस्तर पे पटक कर उसे चूमने लगता है।

कुसुम – क्या कर रहे हो जी छोडो न।। आप इतने जल्दी शुरू हो जाते हो।
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मै कुसुम की चूचि ब्लाउज से बाहर निकाल कर चुसने लगा।

मैने कहा कुसुम तुमने रिंकी के कपड़े देखे – उसके टॉप पसंद आये?

कुसुम – हाँ टॉप तो पसंद आए, लेकिन रिंकी का टॉप ज्यादा टाइट हो रही है। अब तो उसे वापस भी नहीं कर सकते। मुझे पता था, आपकी गलती नहीं है उसने वही पहनकर चेक किया नही होगा इसलिए उसे तो टाइट होगी ही। मै उसको सिलाई करके थोड़ा ढीला कर दूँगी।

मैने कहा – ठीक है। चलो अच्छा हुआ अगर जीन्स टाइट हो जाती तो उसका कुछ नहीं किया जा सकता था।

कुसुम मुझसे बोली
अरे लड़कियों के जीन्स में – अगर जीन्स का साइज पता भी होता तब भी मुश्किल होती। जीन्स तो हमेशा वही पहनकर चेक करना जरूरी है वैसे भी रिंकी ने अपनी जीन्स मुझे पहनकर नही दिखाई है और अगर जीन्स भी छोटी हुई तो उसके जांघो के ऊपर जाएंगी ही नही। उसकी जाँघें बहुत मोटी और कमर पतली है। 36 के कमर वाली जीन्स में उसके हिप्स नहीं आ पाता। हिप्स के लिए अलग से ४० साइज देखना पड़ती है।

कुसुम मुझसे बोली आपने एक काम अच्छा किया कि रिंकी को अंडर गारमेंट दिलवा दिये।
मैने थोड़ा जिजहकते हुए कहा कुसुम तुम्हे कैसे पता कि रिंकी ने अपने लिए अंडर गारमेंट भी खरीदे हैं।

रिंकी के अंडर गारमेंट ढीले हो गये थे और बहुत दिनों से मुझसे कह रही थी, तो मैने ही उससे कहा था अगर दिमापुर में समय मिले तो शॉपिंग कर लेना पापा के साथ। तो मैने अभि पूछा तो रिंकी ने ही बताया।

मैने कहा तुमने देखे उसके अंडर गारमेंट। कुसुम बोली आप भी क्या पागलपंती वाला सवाल पूछने लगते है अरुण आप जब अपनी नयी चड्डी बनियान लाते है तो क्या सब को दिखाते फिरते है। वैसे भी अंडर गार्मेंट देखने दिखाने की चीज होती है क्या।

मै मन ही मन सोचने लगा कुसुम देवी अगर तुमने अपनी बिटिया की पैंटी देख ली होती तो तुम जरूर पगला जाती है।

कुसुम बोली अब क्या हुआ। क्या सोच मे पड़ गये।

मै कुसुम को अपनी सफाई देते हुए बोला

मैने रिंकी को बोला भी था अपनी मम्मी के साथ खरीद लेना पर वो एक ना मानी।

कुसुम बोली इसमें बुराई क्या है वैसे भी उसके अन्डर्गर्मेन्ट्स भी सारे पुराने हो गये थे और कुछ की इलास्टिक भी ढीली हो गयी है। मैने कुछ फेंक भी दिये।

मैने हल्का सख्ती से कहा – फेंक दिया क्यों?

कुसुम मेरे गाल दबाते हुए बोली रिंकी के अंडर्गारमेंट मै तो नहीं पहन सकती न। कहाँ रिंकी का ब्रा साइज ३४ है और मेरा ३६ ।

फिर कुसुम थोड़ी सीरियस होकर बताने लगी आपको तो पता है शादी से पहले हमारी पैसे कि कमी के कारण मै और जूली अपनी प्रीति दीदी के ब्रा पैंटी पहन लेते थे। प्रीति दीदी और जीजाजी जब भी घर आते तो प्रीति दीदी अपनी ब्रा पैंटी जानबूजकर छोड़ जाति थी। मै तो बस भगवान से ये दुआ करती थी कि मेरी रिंकी बेटी को use किये हुए ब्रा पैंटी ना पेहनने पड़े।

मै कुसुम की बातो को सुनकर थोड़ा सा बुरा फील कर रहा था, मुझे ऐसे कुसुम को नही बोलना चाहिए था।

मैने फिर से माहौल को रोमांटिक और गर्म करते हुए कुसुम से कहा तुम्हारी साइज क्या है (कुसुम के चूचि दबाते हुए)

कुसुम – आआह्ह्ह जोर से मत दबाओ।। मेरी साइज भी 36 है। हम तीनो में सबसे बड़ा साइज जूली का है। कुसुम मुस्कराते हुए बोली)

मेरा लंड सख्त होता जा रहा था और मै कुसुम के ऊपर चढ़ कर अपना लंड उसकी चुत पे दबाता रहा। मुझे जूली के बारे में बात करना अच्छा लग रहा था, ख़ास कर उसके बूब्स के साइज के बारे में। मैने हिम्मत करते हुए कुसुम से कहा)

– मेरे पास आओ २ दिन से मैंने तुम्हारी चूचि को हाथ नहीं लगाया। इधर आओ कुसुम मैं तुम्हारी चूचि मसल कर जूली के बराबर कर देता हूँ। (मैने डरते-डरते कुसुम से जूली के बूब्स के बारे में जिक्र किया। मै देखना चाहता था की कुसुम मेरी इस बात पे ग़ुस्सा करती है या नहीं)

कुसुम मेरी बात सुन कर जरा सा भी रियेक्ट नहीं कर रही थी जैसे कोई आम बात हो) वो मुझसे बोली नहीं मुझे इससे बड़ा नहीं चहिये। जूली मुझसे लम्बी है तो उसपे उसके बड़े बूब्स सूट करते है।

मैने जब कुसुम के मुह से जूली के बूब्स के बारे में सुनकर मुझे यकीन हो गया था की कुसुम मेरी बात पे कोई भी नेगेटिव रिएक्शन नहीं दे रही थी। मै पूरी तरह उत्तेजित हो कर कुसुम की पेटीकोट और पेंटी नीचे कर अपना लंड कुसुम की चुत पे रगडने लगा।

और अपना लंड कुसुम की चूत में पेल कर कस कर चोदने लगा। मेरे दिमाग में जूली की 36D साइज के बूब्स और रिंकी के ४० साइज के हिप्स घूम रही थी। मै पूरी तरह से एक्साईटेड होकर कस के धक्के मारने लगा।

कुसुम दर्द से कराहते हुए बोली – आह आज तो आप बहुत जोश में लग रहे हो।

मैने कुसुम की बात मज़ाक में उडा दी और कुसुम को जोर-जोर से चोदने लगा। कुसुम भी दो दिनों से प्यासी थी।वह भी गांड उठाके चुदवाने लगी। मेरी स्पीड बढ़ती जा रही थी।कुछ देर के बाद मैने कुसुम को घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी गीली चूत में अपना मूसल डाल के पेलने लगा।

लगभग 20 मिनट के घमासान के बाद मै और कुसुम साथ साथ झड़ गए, मेरे वीर्य का मिश्रण कुसुम की चुत से होता हुआ बेडशीट के ऊपर टपक रहा था, हम दोनों अभी भी बुरी तरह हांफ रहे थे, और मेरा लंड अभी भी कुसुम की चुत में ही घुस था, पर हम दोनो की वासना सन्तुष्ट हो चुकी थी, इसलिए हम दोनों नंगे ही चुत में लंड घुसे हुए एक दूर की बाहों में मजे से सो गए।

आज तीन दिन बाद कुसुम और मैने सम्भोग किया था, कुसुम तो इस असीम आंनद को पाकर गहरी नींद के आगोश में चली गई थी, पर मेरे मन मे अब भी उथल पुथल मची हुई थी, मैने सोचा था कि अपनी पत्नी कुसुम के साथ सम्भोग करने से मेरा मन और लोडा दोनों शांत हो जायेगे पर वो कहते है ना

“” सेक्स वो आग है जो एक बार करने से बुझती नही बल्कि भड़क जाती है,””

और यही मेरे साथ भी हो रहा था , मेरे दिमाग के घोड़े लगातार दौड़े जा रहे थे और हर बार उसे एक ही मंज़िल पर लेकर जाते – ” मेरी बेटी रिंकी “

मैने तुरंत अपने दिमाग को झटका दिया ताकि रिंकी का ख्याल मेरे दिमाग से निकल जाए पर हर बार मेरी आँखों के सामने ट्रेन की वो हसीन रात का नज़ारा घूम जाता, आखिर किसी तरह अपने मन को शांत करके मै नींद लेने की कोशिश करने लगा।

कुसुम को चोदने के बाद मै अपनी चादर ओढ़ने लगा। कुसुम भी मेरे सीने से चिपकर सो गयी।

जारी है…….

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