You dont have javascript enabled! Please enable it! कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश - Update 1 - KamKatha
कर्ज और फर्ज एक कश्मकश - Erotic Family Sex Story

कर्ज और फर्ज | एक कश्मकश – Update 1

अध्याय —–1—– मेरी शादी

मुझे पढाई का शौक शुरु से था, जिससे मुझे एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर की जॉब मिल गयी, मेरे दादाजी अकेले थे, और मेरे पिताजी भी अकेले है, अभी परिवार में मेरे मम्मी पापा और मै ही था। मै दिखने काफी स्मार्ट और हैंडसम हू।

मेरी शुरु से ही लव मैरिज करने की इच्छा थी, एक लड़की पसंद थी पर मै शर्मिला होने के कारण कुछ बोल ही नही पाया। एक दो लड़को के अलावा मेरे कोई खास दोस्त नही है, मेरी उम्र, 32 की हो गयी थी और मेरे दोस्तो की भी शदी हो गयी थी, मेरे रिश्ते तो आते पर कुंडली मिलाने पर बात नही बनती थी। मै मंगली था मतलब कुंडली में दोष था। उम्र बढ़ती जा रही थी मेरे स्टूडेंट की भी शादी हो चुकी थी, मेरे साथ के टीचर मेरा मजाक उड़ाते थे। तभी मेरी एक रिश्तेदार ने एक रिश्ता बताया लड़की वाले गरीब थे पर मम्मी ने हामी भर दी मैने लड़की की बस तस्वीर देखी मुझे पसंद थी। लड़की की उम्र 25 थी मेरी 34 तो मम्मी ने कुंडली नही मिलाई बोल दिया खो गयी है और हमारी शादी आठ में दिन करवा दी। मै बहुत खुश था क्योकि मेरी सुहागरात थी।

आजकल के लड़की लड़को की तो शादी के पहले ही सेक्स हो जाता है इसलिए वो सुहागरात के imprtance को नही समझ सकते। ये वो रात थी जिसका इंतजार मुझे सालों से था मै बहुत ही अंदर से उत्तेजित था बहुत कुछ सोचा था की पत्नी के साथ पहले बातें करूँगा उससे पूछुंगा कि हनीमून पर कहा जाना है, वगैरा वगैरा, फिर सेक्स करूँगा। मै बेडरूम के अंदर गया मेरी पत्नी बेड पर बैठी थी मै गेट बंद करके बेड पर बैठ गया और पत्नी की उँगली को छुआ।
मेरी पत्नी से अपना घूघट हटाते हुए मुझसे रोते हुए बोली अगर आपने मुझे छुआ तो मै जहर खा कर जान दे दूँगी। मैने मन में कहा भोसड़ी का ये क्या फिल्मी ड्रामा है, मैने उसके हाथों की तरफ देखा उसके हाथ में कुछ था। मैने कहा अरे सुनो तो मै कुछ नही करूँगा पर प्रॉब्लम तो बताओ वो बोली मै किसी और की हू और मेरे जिस्म पर उसी का अधिकार है। मैने कहा तो पहले ये बात क्यो नही बताई तो वो बोली मेरे घरवाले ने जबरदस्ती शादी कर दी। मैने कहा अब मै क्या करू वो बोली मुझे उसके पास भेज दो। मैने फिर मन में कहा मादरचोद मेरे इतने पैसें खर्च हो गए शादी पर इसको प्रेमी की पड़ी है।

मैने कहा कौन है तुम्हारा प्रेमी वो बोली मेरे मामा का लड़का है घरवाले बोलते है कि वो मेरा भाई है जबकि मै उसे पति मान चुकी हू। मै सोच में पड़ गया मैने कहा इसको मै घर में नही रख सकता क्योकि ये मुझे सेक्स तो करने नही देगी, और एक दिन ये मेरे पैसें लेकर भागेगी जरूर, और तलाक दिया तो मुझे और परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सुबह इसके घरवालो से बात करता हू। पर ये पक्का है कि मेरे पापा के पैसें बर्बाद हो गए। सुबह सब मीटिंग हुई और डिसीजन हुआ कि और हमारा पति पत्नी का रिश्ता खतम हो गया पर हमारे शादी पर जो खर्चा हुआ वो नही मिला। मे और मेरे फैमिली वाले मन मारकर राजी हो गए। इस घटना के बाद मै टूट सा गया और मेरे साथ काम करने वाले और मेरे दोस्त मजाक भी उड़ा दिया करते थे।

मेरी मम्मी मुझ पर दबाब बनाने लगी और परिवार का वंश कैसे चलेगा बोल कर शादी के लिए मुझे फिर से सोचने पर विवश कर दिया करीब दो साल बाद मैने अपनी
जीवनसाथी पर प्रॉफ़िल् बनाकर सर्च किया और मुझे एक विधवा जिसकी उम्र मेरे से दो साल ज्यादा थी, पसंद आई। मैने अपनी मम्मी को बताया थोड़ा ना नुकूर करने के बाद वो मान गयी। मैने तुरंत फोन कर के उनसे बात की फोन किसी लेडी ने उठाया और मै अपनी फैमिली के साथ उनके घर चला गया वो मेरे शहर में ही रहते थे। मै रास्ते भर ये सोचता रहा कि इस बार मै सब सच लड़की से पहले पूछ लूंगा। मै उनके घर पहुँच गया मेरी सास ने दरवाजा खोला और हमें अंदर आने को कहा।

मेरी सास एकदम कसी हुयी गदराये गठीले बदन की है, उनके स्तनों का आकार देखकर मेरी नजर स्तनों से हट नही रही थी, सास के स्तन बड़े कसे हुए और निप्पल बड़े से काले अंगूर के साइज थे जो की उनके ब्लाउज में से नोंकदार चमक रहे थे, सास के स्तन ब्लाउज में समा नही रहे थे, पूरा क्लीवेज साफ दिख रहा था।

तभी मेरी मम्मी बोली अंदर चल बेटा। हम अंदर कुर्सियों पर बैठ गए मै पूरे घर को नजर घुमाकर देख रहा था तभी सामने से मेरे ससुर राजेंद्र धामी और साला रिंकू आकर बैठ गया मेरा साला रिंकू को देखकर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा उसकी आँखों में काजल और उसके होठों पर लिपिस्टिक जैसी लालिमा थी, उसका चेहरा लड़की की तरह और बदन चिकना था। वो मुझे बड़ी ही अजीब सी नजर से देख रहा था।

हम लोगों की फैमिली आपस में मिले और राजी थे। पर जिससे मेरी शादी होना थी उससे मेरा मिलना बांकी था। तो मेरी मम्मी बोली प्रेमा जी आप लड़की बुला ले, हालांकि घर छोटा ही था सामने वाले कमरे से दो लड़किया निकली दोनों के चेहरे सुंदर चमक रहे थे।
दो लड़कियों की उम्र बराबर लग रही थी

पर एक छोटी लड़की दरवाजे की पास खड़ी थी।

जिसका चेहरा और शकल बीच वाली से काफी मिल रही थी, मेरी नजर छोटी वाली पर थी, उसका बदन स्लिम और उसके उरोज छोटे टेनिस की बॉल की तरह टाइट थे, उसके नितंब ऊपर नीचे होकर हिल रहे थे। पर मै मन में सोचने लगा काश ये वो होती। तीनों मुझे ही देख रही थी, तभी मेरी सास प्रेमा बोली कुसुम इधर आ कर बैठ जा, ये सुनकर मै समझ गया की ये मेरी होने वाली पत्नी है। कुसुम चेहरे पर ख़ुशी और हंसी थी।

मेरी सास मेरी मम्मी को बताने लगी की कुसुम सब काम कर लेती है बहुत होशियार है वागिरा वगैरा। कुसुम थोड़ी शर्माते हुए मुस्करा रही थी। तभी मेरे ससुर बोले अरुण तुम लोगों को बात करनी हो तो कर लो।मैने तुरंत कहा ये सबसे जरूरी। फिर हम लोग घर के बाहर बरामदे में आ कर बैठ गये। मैने खुद ही शुरुआत कर दी और कुसुम को अपनी कॉलेज की वो लड़की जिससे मै कभी कुछ नही कह पाया से लेकर अपनी पहली शादी की सुहागरात की पूरी कहानी बता दी और आखिर में एक लाइन बोली की मै 38 साल का वर्जिन लड़का हू जिसने आज तक किसी को किस भी नही किया है। ये सुनकर कुसुम जोर से हँस पड़ी। मुझे भी हंसी आ गयी मैने कहा कुसुम अब तुम मुझे कुछ बताना चाहो तो बता सकती हो।
फिर कुसुम ने बोलना शुरू किया —-

जारी है…….

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