8 दो बातें
जय ने फूलती साँसों से बहन सोनिया को अपनी कमसिन चूत के
रोम रहित होंठों को उंगलियों से धीमे धीमे खोलते देखा।
एक पल मे वो उंगली अन्दर थी, दूसरे पल गुलाबी योनि के
ऊपर लगे चोचले को टटोलने लगीं।
चोचला सुपारी की तरह ही धमनियों से भरपूर और संवेदनशील होता है।
“बहनचोद ! आज दो जन्नत के नजारे हो गये !”
जय बुदबुदाया। * माल लग रही हो माल सोनिया !”
“ओह जय! सुबह से ही मेरे जिस्म में ये आग लगी हुयी है!” सोनिया कराही।
“मुझमें क्या कम है आग! देख बहन मेरा लौड़ा कैसा टनाटन हो गया है”
जय अपना लन्ड बहन की ओर फुदकाता हुआ बोला।
कितना बड़ब्बड़ा हो गया है! क्या मेरे कारण ?”
सोनिया ने बच्ची के स्वर मे नादानी का नाटक किया।
सोनिया बन मत ! तुझे हस्तमैथुन करते देख साले लन्ड
से तेल ही निकाल दिया! मेरे तो टट्टे उबल रहे हैं !”
वैसे सच कहूं तो डैडी जितना ही बड़ा होगा!” सोनिया बोली।
क्या बोल रही है? डैडी का कब देख लिया तूने ?
” जय ने शंकात्मक स्वर में पूछा।
कल रात ।
मम्मी और डैडी को अपने बेडरूम में मैने एकसाथ देख लिया।”
रन्डी की चूत ! अपने ही माँ-बाप पर जासूसी करती है!”
जय के होंठों पर साजिश भरी एक मुस्कान छा गयी।
“ठीक से दिखा सब ? मेरा मतलब :: मम्मी – डैडी एकसाथ कर क्या रहे थे ?”
“फिर बताउंगी। अभी हम दोनो अपना बाकी काम तो निपटा लें !”
“बिल्कुल बहना! हम साथ-साथ हैं!”
दोनों काम निपटाने का मतलब खूब जानते थे।
सोनिया ने एक टांग कुछ इस तरह ऊपर उठाई कि
उसकी चूत के पाट अब पूरी तरह खुले थे।
हल्के भूरे रंग की झान्टे उसकी जाँघों के बीच एक मखमली चादर सी बिछाये थी।
सोनिया जानती थी कि अंगारों जैसी लालम –
लाल चूत का ये नजारा उसके भाई को और भी सुलगाए देता है।
“अन्दर झाँक जरा !” सोनिया ने जय को पास आते देख बोला।
देख तेरी बहन कैसे करती है हस्तमैथुन
! तू भी मुठ मार। हम साथ-साथ हैं !”
जवान बहन सोनिया को उंगलियों से चूत के फूले नरम झोलों पर
ऊपर-नीचे मसलते देख रहा था जय।
कमसिन जवानी की गीली चिकनी चूत को उगलियों के बीच
मसलता देख जय सम्मोहित हो गया था।
बहन के कामुक जिस्म से रिसते मादा-द्रवों ने पूरी चूत को लबालब कर दिया था।
जय ने उसके चेहरे को देखा तो पाया कि
सोनिया की नजरें भी उसके तगड़े नरांग पर गड़ी हुई हैं।
“मम्मी को चोदते डैडी का लन्ड भी ऐस ही लगता होगा!”
अपनी हथेली में मोटे लन्ड को ले सोनिया की तरफ़ एक झटका देते हुए वो हुंकारा।
जैसे डैडी का ही लन्ड मम्मी की चूत में घुस रहा हो।
उसकी इस हरकत को देख सोनिया की चूत मे एक करन्ट दौड़ा ।
“बिल्कुल ऐसा ही !” अपने बाप के लन्ड का कल रात मम्मी की
चूत में घुसने की तस्वीर अब भी उसके जेहन में थी। ।
हस्तमैथुन के समय अपने ही माँ- बाप के सैक्स की बात ने जो
असर सोनिया पर दिखलाया था उससे जय ने भांप लिया कि
लड़की इस बात से बड़ी गरम हो जाती है।
“ डैडी अपने लन्ड को मम्मी की चूत में ठूसते हैं!”
सोनिया इस बात को सुन कर बेकाबू हो चुकी थी।
बेतहाशा अपनी चिकनी चूत को मसलने लगी।
भाई की बात ने उसके सपनों की कल्पना को उड़ान दे दी थी
और बड़ी तेजी से वो चरम आनंद के शिखर को चूमने वाली थी।