यह कहानी 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिये वर्जित है।
इस कहानी के सारे पात्र और घटनायें काल्पनिक हैं
जिनका यथार्थ से कोई सम्बंध नहीं है।
इस कहानी में सैक्स के अनेक दृश्यों का अत्यधिक स्पष्ट ब्यौरा है।
यदि आप संबन्धिकों के बीच सैक्स को घृणित मानते हैं तो कृपया इसे न पढ़ें
पात्र परिचय :-
1st- फैमिली
दीपक शर्मा ( पापा )
टीना शर्मा ( मम्मी )
जय शर्मा ( बेटा )
सोनिया शर्मा ( बेटी )
राजेश ( सोनिया का दोस्त )
आशीष ( सोनिया का दोस्त )
कमलाबाई ( काम वाली )
2nd- फैमिली
कुणाल ( पापा )
रजनी शर्मा ( मम्मी )
राज शर्मा ( बेटा )
डॉली शर्मा ( बेटी )
और भी किरदार है जो समय पर आते रहेंगे
कहानी की एक छोटी सी झलक
सोनिया के नारंगी जैसे गोल पुख्ता और रसीले मम्मे
राज के चेहरे के सामने ऊपर-नीचे झुलते हुए उसे ललचा रहे थे।
बहन की चूत में अपने लन्ड की दनादन रफ़्तार को कम किये बगैर,

राज आगे को झुका और सोनिया के एक सख्त,
गुलाबी निप्पल को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा।
सोनिया मस्ती से चीख पड़ी।
अब उसके जवाँ जिस्म को दो मुँह चाट – चाट कर मचला रहे थे।
ऐसी मस्ती उसके बर्दाश्त के बाहर थी!
“दोनों भाई-बहन कितने हरामी हैं!
ओहह ओहह! उंह हा! राज मैं झड़ रही हूं!
उंह आँह! डॉली चोचले को भी चूस! आँह आँम्ह आँह !” |
डॉली ने जब उसके धड़कते हुए चोंचले को अपने मुँह के अंदर लेकर
एक छोटे से कड़क लन्ड की तरह चूसना चालु किया और
अपने गाल पर सोनिया की जाँघों की माँसपेशियों को सिकुड़ते
और कसते हुए महसूस करने लगी।

साथ ही राज ने भी अपने हाथ को सोनिया के निप्पल से ऊपर सरका कर
पहले उसकी भींची हुई गर्दन पर सहलाया,
फिर उसके खुले मुँह की ओर बढ़ाने लगा।
सोनिया ने अपने मुँह को राज के मुँह पर झुकाया,
दोनों के मुँह एक दूसरे से चिपके और
दोनों जुबाने चूसने, टटोलने और आपस में रगड़ने लगीं।
सोनिया अपनी चूत को अपनी जाँघों के बीच चूसते मुंह और
मचलती जीभ पर दबाती हुई राज के कुचलते चुंबन में
जोर से कराहती हुई झड़ने लगी।
सोनिया की चूत ने डॉली के मुँह को गरम,
मलाईदार रिसाव से लबालब कर दिया,
जिसे डॉली ने भी बड़ी खुशी से चाट लिया और
उसकी चूत से आखिरी बूंद को भी निगल गयी।

जैसे सोनिया के जिस्म के धधकते शोले ठंडे पड़ने लगे,
उसने अपनी टपकती चूत को डॉली के रिसाव से लथे हुए मुँह से उठाया
और वहीं बिस्तर पर चकनाचूर हो कर पड़ गयी।
“लौन्डिया, कैसी रही चुदाई ?”, राज ने पूछा।
सोनिया ने मदहोश हो कर ऊपर देख और
गौर किया कि राज उसकी आनन- फानन फैली हुई चूत पर
और उसकी लाल – लाल गहराईयों में से चुहुते हुए गाढ़ेरिसाव पर नजरे गाड़े था।
ओह, बढ़िया थी! चुदाई में मजा आ गया !”,
लौन्डिया को चुदाई के बाद वाकई बड़ा इतमिनान मिला था।
मेरा लन्ड तो रॉकेट की तरह सर्र – सर्र झड़ रहा था!”,
राज ने सोनिया के बचकाने उतावलेपन पर मुस्कुराते हुए कहा।