You dont have javascript enabled! Please enable it! कामिनी - गहरी चाल | Update 20 | Erotic Adult Sex Story - KamKatha
कामिनी – गहरी चाल Suspense Thrill Story with Erotic Sex Tadka

कामिनी – गहरी चाल | Update 20 | Erotic Adult Sex Story

अदालत मे खामोशी च्छाई हुई थी,पाशा,शत्रुजीत,करण,शीना सभी सर झुकाए बैठे थे.शत्रुजीत & करण के चेहरे पे अपने माथे पे लगे इल्ज़ाम के मिटने की कोई खुशी नही झलक रही थी.काफ़ी देर तक सोचने के बाद जड्ज कवास ने फ़ैसला सुनाना शुरू किया,”..आज अदालत ने 1 ऐसा कदम उठाया था जोकि शायद ही पहले कभी उठाया गया हो-2 केसस की सुनवाई 1 साथ की गयी & मुझे खुशी है की 1 बार फिर इंसाफ़ की जीत हुई.डिफेन्स लॉयर ने काफ़ी पुख़्ता सबूत पेश किए हैं & फिर समीर अब्दुल पाशा के इक़बालिया बयान ने अदालत का काम और आसान कर दिया..”

“..टोनी भी इस साज़िश मे शामिल था मगर उसपे धोखाधड़ी मे साथ देने से ज़्यादा का जुर्म साबित नही होता.उसकी सज़ा है 1 साल की क़ैद..”

“..अदालत इस नतीजे पे पहुँची है की इस पूरी साज़िश के पीछे जगबीर ठुकराल का हाथ था जिसने बिना कारण 1 मासूम शहरी को बर्बाद करना चाहा & इस चक्कर मे 2 निर्दोष लोगो की जाने भी गयी.अदालत जगबीर ठुकराल को 14 साल की उम्र क़ैद की सज़ा सुनाती है..शीना ने अपने प्रेमी के बहकावे मे आके ना केवल 1 खून किया बल्कि 1 मासूम को भी उसमे फँसाने की कोशिश की..चूकि उसने ये जुर्म बहकावे मे किया था नकी खुद साज़िश रच कर अदालत उसे भी 14 साल की उम्र क़ैद की सज़ा सुनाती है..”

“..समीर अब्दुल पाशा ने जिस थाली मे खाया उसी मे छेद किया..अपने मुंहबोले भाई की बीवी से नाजायज़ ताल्लुक़ात बनाए & फिर मतलब के लिए उसका क़त्ल भी किया..इस घिनोने जुर्म के लिए उसे सज़ा-ए-मौत दी जाती है..टू बी हॅंग्ड टिल देअथ.”,जड्ज कवास ने कलाम की निब तोड़ दी.

जगबीर ठुकराल का खेल ख़त्म हो चुका था.वो सर झुकाए बैठा फ़ैसला सुन रहा था.आज तक उसने औरत को केवल 1 खिलोना समझा था & उनके जिस्मो से बस खेलता आया था मगर आज 1 खिलोने ने उसे ही खिलोना बना दिया था.उसने सर उठाया & नफ़रत से लोगो की बधाइया कबुलति कामिनी को देखा..इसी धोखेबाज़ ने उसे बर्बाद किया था..वो इसे नही छ्चोड़ेगा..उसने नज़र घुमाई & बगल मे खड़े इनस्पेक्टर की ओर देखा जोकि किसी से बाते करने मे मशगूल था,उस इनस्पेक्टर को ही उसे अरेस्ट करने का हुक्म मिला था.उसने उसकी कमर पे होल्सटर मे रखे रेवोल्वेर को देखा & 1 ही झटके मे उसे निकाल के खड़ा हो गया.

“आए…!”,इनस्पेक्टर चिल्लाया तो सभी की गर्दन उधर ही घूम गयी….कामिनी की भी जोकि शत्रुजीत के साथ खड़ी थी.

“हॅट..”,ठुकराल ने इनस्पेक्टर को धकेला & गन लहराई,”..कामिनी..हराम्जादि!मुझे बर्बाद करके खुद मज़े से रहेगी ….नही!”,उसने रेवोल्वेर तान के ट्रिग्गर दबा दिया.कामिनी ने डर से आँखे बंद कर ली & ज़ोर से चीखी मगर उसे गोली नही लगी क्यूकी उसके ठीक सामने ढाल बनके पाशा आ गया था.

“बेटा!”,शत्ृजीत ने गिरते हुए पाशा को पीछे से थाम लिया.ठीक उसी वक़्त 1 कॉन्स्टेबल ने अपनी राइफल से गोली चलाई जोकि सीधा ठुकराल की खोपड़ी मे लगी.शैतान & हवस के पुजारी जगबीर ठुकराल का खेल हमेशा-2 के लिए ख़त्म हो गया था.

“बेटा..ये क्या किया..?!”,शत्रुजीत की आँखो मे आँसू छलक आए & गला भर आया.

“भ..ऐइ….यही मेरी..स..ज़ा…..है..”,गोली सीधा पाशा के दिल के पार हुई थी,खून बहुत तेज़ी से बह रहा था 7 उसकी साँसे उखड रही थी.

“समीर..”,बिलखती हुई शीना उसके पास घुटनो से बैठ गयी & शत्रुजीत की गोद मे रखे उसके सर को अपने सीने से लगा लिया.

“शीना…भाई…मुझे..मु..झे..मा..आफ..कर देना…..या अल्लाह….!”

“बेटा…सब ठीक हो जाएगा..बस हौसला रख..!”,शत्रुजीत ने इधर-उधर नज़रे दौड़ाई,”कोई डॉक्टर को बुलायो!”

“समीर…”,शीना उसके चेहरे को चूमे जा रही थी.कामिनी भाग कर कोर्ट के फर्स्ट एड रूम से कुच्छ लोगो को बुला लाई थी मगर तब तक समीर अब्दुल पाशा का दम निकल चुका था.उसे पकड़े शत्रुजीत & शीना रोए जा रहे थे.पंचमहल की अदालत के इतिहास मे शायद ही ऐसा कभी हुआ था.धीरे-2 पोलीस ने सारी कमान संभाल ली & वाहा से लोगो & दोनो लाशों को हटाने लगी.1 लेडी कॉन्स्टेबल ने शीना को उठाया & उसे बाहर ले जाने लगी.अदालत के हुक्म के मुताबिक उसे सीधा जैल जाना था.

कामिनी ने शत्रुजीत को संभाला & उसे उसकी कार तक पहुँचाया,ठीक उसी वक़्त किसी कार के तेज़ी से ब्रेक लगाने की आवाज़ & 1 चीख सुनाई दी.कामिनी शत्रुजीत को वाहा से विदा कर आवाज़ की तरफ गयी तो देखा की.शीना का कुचला बदन सड़क पे पड़ा है.

“ये कैसे हुआ?”,इनस्पेक्टर चीख रहा था,”..1 काम नही होता तुमसे ठीक से!”

“मैं क्या करती साहब..इसे इस वन मे बिठा के मैं बस 1 मिनिट के लिए ड्राइवर को आवाज़ देने के लिए घूमी तो ये यहा से उस आते हुए ट्रक के सामने कूद पड़ी.”

कामिनी वाहा से निकल आई..क्या होता अगर शीना के पिता उसके & पाशा के रिश्ते पे ऐतराज़ नही जताते तो..हो सकता है..पुराणिक,नंदिता आज ज़िंदा होते..ठुकराल बस अपने घर मे बैठा सपने देखता रहता..क्या अम्रा ही थी इन दोनो प्यार करने वालो की.

कामिनी ने सर उठाके आसमान की तरफ देखा..ये भगवान..उपरवाला..खुदा..गॉड..जो भी है…उसके लिए हम बस खिलोने हैं!

उसने 1 गहरी सांस ली,आज सवेरे तक उसके दिल मे केस जीतने पे मिलने वाली खुशी का इंतेज़ार था.केस तो उसने जीत लिया था मगर खुशी कही नही थी.

थोड़ा आगे बढ़ते ही उसे मीडीया वालो ने घेर लिया.आज जड्ज के हुक्म से किसी को ही कोर्टरूम के अंदर नही आने दिया गया था,फिर केस का इतना सनसनीखेज अंत हुआ था.सब उसे बधाई दे रहे थे & सवालो की बौछार कर रहे थे मगर वो जैसे कुच्छ सुन ही नही रही थी.

1 पोलीस वाले ने उसके बीच से निकाल कर उसकी कार मे बिठा दिया.कार आगे बढ़ी तो आगे ड्राइवर के साथ बैठे मुकुल ने सर घुमाया,”आप ठीक तो है ना,मॅ’म?”

“हां,मुकुल.”,कामिनी खिड़की के बाहर देखने लगी.1 सिग्नल पे कार रुकी तो बगल खड़ी 1 कार के शीशे मे उसे अपना चेहरा दिखाई दिया & दिखाई दी 2 हौसले & विश्वास से भरी आँखे.इन्ही खूबियो ने उसे इस मंज़िल तक पहुचाया था.

कार आगे बढ़ी,जैसे-2 कार अदालत से दूर जा रही था वैसे-2 उसके दिल पे च्छाई उदासी की बदली छट रही थी.उसके चेहरे का रंग भी लौट रहा था & दिल मे फिर से उमंग & काम करने का जोश भर रहा था.

हौसला,हिम्मत,समझदारी,आत्म-विश्वास-इन्ही खूबियो ने उसे इस मंज़िल तक पहुचेया था मगर अभी सफ़र ख़त्म कहा हुआ था..अभी तो उसे ना जाने & कितनी बुलंदियो को छुना था..ये तो बस शुरुआत थी…..आगे और मंज़िले उसका इंतेज़ार कर रही थी.

दोस्तो आप सब को ये कहानी कैसी लगी बताना ना भूले

THE END

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