You dont have javascript enabled! Please enable it! कामिनी - गहरी चाल | Update 12 | Erotic Adult Sex Story - KamKatha
कामिनी – गहरी चाल Suspense Thrill Story with Erotic Sex Tadka

कामिनी – गहरी चाल | Update 12 | Erotic Adult Sex Story

जब ठुकराल & शॅरन की बात हो रही थी,उस वक़्त टोनी हवालात मे था.जिस दिन वो च्छुटा ठुकराल की कार उसके पीछे लग गयी.ठुकराल & माधो ने पहले ही सारी प्लॅनिंग कर ली थी.माधो ने कुच्छ गुणडो को टोनी पे हमला करने को कह रखा था.1 सुनसान से रास्ते के किनारे जब वो गुंडे टोनी को पीट रहे थे उसी वक़्त ठुकराल की कार वाहा पहुँच गयी & माधो उन गुणडो से जा भिड़ा & उन्हे भगा दिया.ठुकराल ने टोनी को कार मे बिठा लिया,”भाई,वो लोग तुम्हे क्यू मार रहे थे?”

जवाब मे टोनी खामोश राह मगर ठुकराल ने बार-2 पुच्छ कर उसका मुँह खुलवा ही लिया,”जी..वो कह रहे थे की मैं उनके इलाक़े मे अपना धंधा ना करू.”

“कैसा धंधा है तुम्हारा?”,टोनी फिर चुप हो गया.

“लगता है कोई ग़ैरक़ानूनी धंधा है तुम्हारा…तुम्हारी खामोशी तो यही कहती है,भाई.अच्छा बताओ की रहते कहा हो?वाहा तुम्हे छ्चोड़ देते हैं …वैसे चाहो तो तुम्हारी मदद कर सकता हू मैं.”,टोनी के घर तक के सफ़र मे ठुकराल ने उसकी पूरी कहानी सुन ली.

“मेरा घर आ गया.”,टोनी कार से उतरा.

“थोड़ा पानी नही पिलाओगे,टोनी.”

“ज़रूर,आइए.”,दोनो उसके घर मे दाखिल हो गये जहा टोनी ने ठुकराल का परिचय शॅरन & अपने बेटे से करवाया.दोनो ऐसे मिले जैसे पहले कभी 1 दूसरे को देखा भी ना हो.

“टोनी..मेरा 1 काम है जिसके लिए शायद तुम्ही सबसे काबिल हो.आख़िर तुम 1 आक्टर हो.”,ठुकराल उसके साथ पानी पीके उसके घर से बाहर निकला,”..और फिर शायद इस से तुम्हारे परिवार की भी ज़िंदगी सुधार जाए.”

“कैसा काम सर?”

“1 आदमी का विश्वास जीत के उसकी हर बात की खबर मुझे देनी है.”,टोनी उसकी पूरी बात सुनने के बाद उसके काम के लिए राज़ी हो गया & फिर ठुकराल ने प्लान का वास्ता देके उसे शॅरन & बच्चे के साथ पंचमहल बुला लिया.

इस वक़्त तीनो टोनी के बेटे को बोरडिंग स्कूल मे छ्चोड़ के वापस पंचमहल जा रहे थे,ठुकराल ने उसे भरोसा दिलाया था की शॅरन उसके घर मे महफूज़ रहेगी.बेचारे टोनी को क्या पता था की वो खुद अपने हाथो से अपनी बीवी को उसके आशिक़ के हाथो मे सौंप के आ रहा था.उस बेचारे को क्या पता था की जब वो ठुकराल के काम की तैय्यारि के लिए पंचमहल आने से पहले 2 दीनो के लिए बॉमबे से बाहर गया था उसी समय ठुकराल ने अपने मन की मुराद पूरी कर ली थी.

उस रात ठुकराल शॅरन के पास उसके बेटे के दाखिले के काग़ज़ & उसके अकाउंट मे जमा कराए पैसो के डीटेल्स लेकर पहुँचा,”ये लो,मैने अपना वादा पूरा किया.अब तुम्हारी बारी है.”

मैं तैय्यार हू मगर मेरा बेटा..”,शॅरोन ने काग़ज़ अपने हाथ मे ले लिए.

“उसकी फ़िक्र मत करो.दोनो तैय्यार हो & चलो.”

ठुकराल ने उस 11 साल के बच्चे को आगे की सीट पे बिठाया तो माधो ने उसकी सीट बेल्ट लगा दी.ठुकराल शॅरन के साथ पीछे बैठ गया.शॅरन ने 1 टी-शर्ट & घुटनो तक की स्कर्ट पहनी थी.शॅरन की उम्र 31 बरस थी मगर वो अभी भी 25 से ज़्यादा की नही लगती थी.कसी टी-शर्ट मे उसकी 36 साइज़ की छातिया & उभर आई थी & लग रहा था मानो शर्ट को फाड़ कर बाहर आना चाहती हैं.

ठुकराल उसके दाई तरफ बैठा उसके हुस्न को घूर रहा था.उसने अपना बाया हाथ उसकी कमर मे डाल दिया तो शॅरन चौंक के बेटे की ओर इशारा करते हुए अलग होने की कोशिश करने लगी.मगर ठुकराल ने उसे इशारे से समझाया की वो घबराए नही,वैसे भी वो बेटे के ठीक पीछे बैठी थी & वैसे भी बच्चा सामने कार की छत से लटक रहे छ्होटे से टीवी स्क्रीन पे प्रोग्राम देखने मे मशगूल था.

जगबीर ठुकराल शॅरन की शर्ट मे हाथ घुसा के उसकी पतली,कोमल कमर को सहला रहा था.उसने उसकी कमर को दबाते हुए उसे खींच कर खुद से सता लिया.अब शॅरन थोड़ा उसकी तरफ घूम कर बैठी थी,उसकी आँखो मे बेटे के देख लेने का डर झलक रहा था.

ठुकराल ने बहुत हल्के से उसके दाए गाल को चूम लिया,शर्म की लाली उसके चेहरे पे फैल गयी.ठुकराल हौले-2 उसके चेहरे को चूम रहा था & धीरे-2 वो भी मस्त हो रही थी.ठुकराल ने उसके सुर्ख होंठो को अपनी उंगलियो से च्छुआ तो वो सिहर उठी,उसके भरे-2 होंठ थारतारने लगे.ठुकराल ने उसी वक़्त अपने होंठ उनपे रख दिए.

शॅरन थोड़ी देर को सब कुच्छ भूल गयी & खुद को ठुकराल की बाहो मे ढीला छ्चोड़ दिया & बस किस का मज़ा लेने लगी.थोड़ी ही देर मे दोनो 1 दूसरे को बाहो मे कसे हुए मस्ती मे चूमे जा रहे थे.ठुकराल के दोनो हाथ उसकी शर्ट मे घुसे उसकी मखमली पीठ & कमर पे घूम रहे थे.

अचानक ठुकराल ने उसकी टी-शर्ट को उपर उठा दिया,”हाअ…!”,शॅरन ने उसका हाथ पकड़ लिया.

“क्या हुआ मम्मी?”,उसका बेटा मुड़ने को हुआ.

“कुच्छ नही बेटा…1 कीड़ा कपड़ो मे घुस गया था,निकाल दिया.तुम टीवी देखो.”,उसने ठुकराल का हाथ अपनी शर्ट से अलग करने की कोशिश की तो ठुकराल ने उसकी ना सुनते हुए शर्ट को उपर कर उसके बदन से अलग कर दिया.अब शॅरन का हल्के नीले रंग का ब्रा नज़र आ रहा था & उसके गले मे से झँकता उसके धड़कते दिल की वजह से उपर-नीचे होता हुआ उसका बड़ा सा क्लीवेज.

ठुकराल ने 1 नज़र उसके घबराहट भरे चेहरे पे डाली & फिर हाथ उसकी पीठ पे ले जाके उसके ब्रा को खोल दिया.उसके सामने शॅरन की बड़ी,कसी हुई गोरी चूचिया चमक उठी.उसने ब्रा को किनारे किया & उसकी शर्ट वापस उसे पहना दी,फिर शर्ट को उसकी गर्दन तक उपर कर दिया.

इसके बाद उसने उसे फिर अपनी बाई बाँह के घेरे मे ले लिया & अपने होंठ उसके सीने पे रख दिए,”..आहह..!”,शॅरन ने अपनी आह को अपने हलक मे ही दफ़्न करना चाहा मगर फिर भी 1 हल्की से आवाज़ निकल ही गयी.उसने बेटे की ओर देखा,वो टीवी मे मगन था.

उसकी कमर को दबाते हुए ठुकराल ने उसकी दाई बाई चूची को अपने दाए हाथ से पकड़ लिया & दबा दिया.शॅरन की हालत खराब हो गयी.उसका दिल तो कर रहा था की सब कुच्छ भूल कर इस पल का लुत्फ़ उठाए मगर यहा ये मुमकिन नही था.ठुकराल उसके हल्के भूरे निपल को उंगलियो से मसल रहा था.

जैसे ही निपल कड़ा हुआ उसने वैसे ही चूची को पकड़े हुए अपनी जीभ उस पे चलानी शुरू कर दी.शॅरन के बदन मे तो जैसे बिजली का झटका लग गया.वो ठुकराल के सर के बाल भींचती हुई बेचैनी से अपना बदन हिलाने लगी.ठुकराल ने निपल से खेलने के बाद अपने मुँह मे उसकी बाई चूची भर ली & उसे चूसने लगा.

थोड़ी देर तक वो वैसे ही उसकी कमर थामे हुए कभी उसकी 1 तो कभी दूसरी चूची से खेलता रहा.शॅरन बेसब्री सी हो अपनी जंघे रगड़ रही थी.ठुकराल ने अपना बाए हाथ से उसकी कमर को वैसे ही जकड़े रखा & दाए को सामने से उसकी स्कर्ट मे घुसा दिया.जाँघो के बीच उसका हाथ महसूस करते ही शॅरन ने अपनी जंघे भींच कर उसके हाथ को दबा लिया.

ठुकराल धीरे-2 उसकी रेशमी जंघे सहलाता हुआ आगे बढ़ने लगा.चूचियो को चूमते हुए उसने नज़र नीची की,जैसे-2 उसका हाथ आगे बढ़ रहा था,शॅरन की स्कर्ट भी उपर हो रही थी & उसकी गोरी भारी-2 जंघे नुमाया हो रही थी.आख़िरकार ठुकराल का हाथ उसकी पॅंटी तक पहुँच गया,”…ना..ही..प्लीज़…यह नही..”,शॅरन ने उसके सर को अपनी बाहो मे भर अपने सीने पे दबा दिया & उसके कान मे फुसफुसा.

पर ठुकराल ने उसकी नही सुनी.उसने बिजली की तेज़ी से शॅरन की पॅंटी को खींच कर उसके पैरो से निकाल दिया.हल्के नीले रंग की पॅंटी पे 1 धब्बा सा पड़ा हुआ था.ये शॅरन की चूत के उस पानी का दाग था जोकि उसने ठुकराल की हर्कतो से मस्त होकर छ्चोड़ा था.ठुकराल ने पॅंटी को सूँघा & फिर मुस्कुराते हुए उसे किनारे कर शॅरन को चूमने लगा.

उसका दाया हाथ 1 बार फिर उसकी जाँघो के बीच घुस के उसकी चूत तक पहुँच चुका था.ठुकराल का दिल तो कर रहा था की स्कर्ट निकाल के अभी इस हसीना की चूत के दीदार करे मगर उसके बेटे की मौजूदगी मे ऐसा ख़तरे से खाली नही था,फिर थोड़ी ही देर मे वो उसके पूरे नंगे जिस्म का दीदार तो करेगा ही.उसने अपने दिल पे काबू रखा & उसकी स्कर्ट से ढँकी चूत मे अपनी उंगली घुसा दी.

शॅरन की आहें दोनो की किस मे कही खो गयी.ठुकराल बाए हाथ से उसे मज़बूती से थामे उसके होंठ चूमते हुए अपनी उंगली उसकी चूत मे अंदर-बाहर कर रहा था.शॅरन की चूत बड़ी कसी हुई थी & उसने ठुकराल की उंगली को जैसे जाकड़ सा लिया था.तभी शॅरन की चूत की दीवारे उसकी उंगली पे और कस गयी & उसका बदन जैसे अकड़ गया.ठुकराल समझ गया की वो झाड़ चुकी है.

उसने अपनी उंगली निकाली & उसके होंठो को आज़ाद किया.शॅरन तक कर उसके कंधे पे सर रख के बैठ गयी.ठुकराल ने उसकी स्कर्ट & शर्ट को ठीक किया & उसके सर को सहलाने लगा,”मालिक,हम पहुँच गये.”,माधो ने कार रोक दी.

थोड़ी ही देर बाद दोनो 1 फ्लॅट के बेडरूम मे 1 दूसरे की बाहो मे खड़े 1 दूसरे को चूम रहे थे.बच्चा दूसरे कमरे मे गहरी नींद सो रहा था & अब दोनो बेफ़िक्र हो 1 दूसरे के जिस्मो का लुत्फ़ उठा रहा थे.ठुकराल ने अपना सूट उतार दिया था & 1 ड्रेसिंग गाउन पहन लिया था,शॅरन अभी भी अपने उसी लिबास मे थी बस उसकी ब्रा & पॅंटी वही ठुकराल की कार मे पड़े हुए थे.वो अपनी बाहे ठुकराल की गर्दन मे डाले उसके बालो को सहला रही थी & ठुकराल उसे चूमते हुए उसकी स्कर्ट उठा रहा था.

उसने अपने हाथ उसकी मुलायम जाँघो पे लगा दिए & सहलाने लगा.मस्त हो शॅरन थोड़ा आगे बढ़ उस से और सॅट गयी.शर्ट के कपड़े मे से उसके नुकीले निपल्स ठुकराल के सीने मे चुभ रहे थे.ठुकराल के हाथ थोड़ा और उपर हुए & उसकी चौड़ी मगर पुष्ट गंद को थाम लिया,”..उउउन्न्ं…!”,उसे चूमते हुए शॅरन ने आह भारी तो ठुकराल उसकी गंद को हौले-2 दबाने लगा.छ्होटे कद की शॅरन अपना सर उठा कर उसे चूम रही थी & ठुकराल का लंड उसके पेट पे दबा हुआ था.ठुकराल ने उसे चूमते हुए थोड़ा आगे हो लंड को उसके जिस्म से दबाने की कोशिश की तो वो लड़खड़ा गयी & पीछे बिस्तर पे गिर गयी.

गिरते ही उसकी स्कर्ट उठ गयी & ठुकराल ने पहली बार उसकी चूत का दीदार किया.उसकी नज़रे तो जैसे वही से चिपक के रह गयी.उसने उसे ठीक से लिटाया & झुक के उसकी चूत को निहारने लगा.उसने हल्के से 1 हाथ उसके उपर फिराया तो शॅरन के बदन मे मज़े की लहर दौड़ गयी,”ऊहह…जगबीर..”

ठुकराल उसकी टाँगो के बीच लेट गया & उसकी चूत को उंगली से कुरेदने लगा.मस्त हो शॅरन अपनी कमर हिलाते हुए उसके सर को पकड़ आहे भरने लगी.थोड़ी देर तक उंगली से उसकी चूत मारने के बाद वो उसके दाने पे बड़ी तेज़ी से गोल-2 उंगली घूमने लगा.शॅरन तो बस पागल ही हो गयी.टोनी ने उसे ऐसे प्यार करना छ्चोड़ दिया था,वो तो उसे बस 1 मशीन की तरह इस्तेमाल करने लगा था.जब उसका दिल करता उसके उपर चढ़ उसे चूमता,दबाता & फिर उसकी चूत को थोड़ी देर छेड़ने के बाद,बिना ये जाने की वो तैय्यार है या नही…उसे मज़ा आ रहा है या नही-अपना छ्होटा-सा लंड उसकी चूत मे घुसा कुच्छ धक्के लगा कर झाड़ जाता & फिर सो जाता.

उसने तो उम्मीद ही छ्चोड़ दी थी की फिर कभी उसके जिस्म को ऐसी खुशी मिलेगी मगर आज ये इंसान उसे फिर से जन्नत की सैर पे ले जा रहा था,उसे ठुकराल पे बहुत प्यार आया.ठुकराल ने देखा की वो झड़ने ही वाली है तो अपनी उंगली हटा के दाने पे अपनी जीभ लगा दी,”..आआहह….य्य्ाआ…हह…!”,शॅरन ने अपनी जाँघो मे उसके सर को भींच लिया & कमर उचकाते हुए ज़ोर-2 से आहे भरने लगी.उसकी चूत पानी पे पानी छ्चोड़े जा रही थी.पता नही कितनी देर तक ठुकराल उसकी चूत चाटता रहा & ना जाने वो कितनी बार झड़ी.आख़िरी बार झड़ने के बाद उस से और नही बर्दाश्त किया गया,उसने ठुकराल का सर अपनी चूत से हटाया & करवट ले कर लेट गयी.

ठुकराल ने उसकी स्कर्ट निकाल दी & उसकी चौड़ी गंद पे हाथ फेरने लगा.26 इंच की पतली कमर पे 36 इंच की गंद कुच्छ ज़्यादा ही चौड़ी लग रही थी.ठुकराल उसकी कसी हुई फांको को सहलाने & चूमने लगा.थोड़ी देर बाद शॅरन ने करवट ली तो ठुकराल ने उसे शर्ट उतारने का इशारा किया.शॅरन ने फ़ौरन शर्ट उतार दी & तकिये पे सर रख के लेट गयी.ठुकराल के सामने अब वो पूरी नंगी पड़ी हुई थी,जवाब नही तुम्हारा शॅरन!काश तुम मुझे पहले मिली होती…तो मुझे इतने दीनो तक यू तन्हा ना रहना पड़ता.”,शॅरन मुस्कुराते हुए उसके चेहरे को सहला रही थी.

ठुकारल उठा & उसने अपना गाउन खोल दिया,”..हा..!”,शॅरन ने चौंक के मुँह पे हाथ रख दिया.ठुकराल बिस्तर के पास ज़मीन पे नंगा खड़ा था & उसका 8 इंच लंबा & कुच्छ ज़्यादा ही मोटा लंड पूरा तना खड़ा था.शॅरन ने आज तक ऐसा तगड़ा लंड नही देखा था.ठुकराल उसके दिल की हालत समझ गया,वो बिस्तर पे चढ़ा & उसके सीने के दोनो तरफ घुटने रख के बैठ गया,”ज़रा इसे प्यार तो करो,मेरी रानी.”

शॅरन ने लंड को हाथो मे पकड़ा,उसके छ्होटे-2 हाथ उसकी पूरी मोटाई को अपनी मुट्ठी मे नही ले पा रहे थे.उसके दिल मे ख़याल आया की इतना बड़ा लंड वो कैसे अंदर लेगी & आज तो उसकी चूत की पूरी गहराई को ये राक्षस नापेगा.इस ख़याल ने उसकी चूत मे खलबली सी मचा दी.उसने लंड को हिलाते हुए उसके सूपदे को चूम लिया.थोड़ी देर तक वो लंड को हल्के-2 हाथो से हिलाते हुए बस उसकी लंबाई पे चूमती रही.जब उसने जीभ से लंड & अंदो के बीच की जगह पे जीभ से छेड़ा तो ठुकराल मज़े से करा ह उठा,”..आहह…अब मुँह मे लो इसे मेरी जान & चूसो.”

शॅरन ने उसके हुक्म की तामील की मगर लंड इतना मोटा & लूंबा था की उसके मुँह मे समा ही नही रहा था.आधा लंड मुँह मे लिए वो चूस्ते हुए उसके सूपदे पे अपनी जीभ चलाने लगी.ठुकराल मस्त होकर अपनी कमर हिलाने लगा,उसने उसके सर को पकड़ लिया & कमर हिलाकर उसके मुँह को चोदने लगा.शॅरन भी उसकी मज़बूत जंघे थामे उसके लंड पे मुँह चला रही थी.ठुकराल को याद नही था की आख़िरी बार कब किसी लड़की ने इस गर्मजोशी,इस मस्ती के साथ उसका लंड चूसा था.उसके लिए खुद पे काबू रखना मुश्किल हो गया तो उसने लंड खींच लिया.शॅरन ने उसकी ओर शिकायती नज़रो से देखा,”अब तुम्हे अपना बनाने का वक़्त आ गया है,मेरी जान.”

शॅरन ने अपनी टाँगे फैला दी & ठुकराल उनके बीच आ गया.उसने उसके घुटनो के नीचे अपने हाथ रख उसकी टाँगो को उठा के गीली चूत पे लंड टीका 1 धक्का दिया,”..आअन्न्न्नह…!”,लंड 3 इंच तक अंदर घुस गया.ठुकराल ने हाथ हटा कर झुकते हुए अपनी बाहे उसके घुटनो के नीचे उसकी टाँगो मे फँसा दी & झुकने लगा,”..आऐईयईईईययईई…..आआ…न्न्न…ह..!”,शॅरन के चेहरे पे जैसे दर्द की लकीरे खींच गयी.ठुकराल की इस हरकत से उसके घुटने उसकी चूचियो की बगल मे आ गये थे & झुकने से लंड चूत मे घुसता चला जा रहा था.

ठुकराल उसके उपर अब लेट गया था,लंड बस 1 इंच ही बाहर था.शॅरन की चूत बिल्कुल खुल कर उसके लंड को लिए हुए थी & उसकी जंघे बिल्कुल मूड के उसकी चूचियो के बगल मे थी & टाँगे हवा मे.ठुकराल उसे प्यार से चूमने लगा.जब लंड अंदर घुस रहा था तो शॅरन को दर्द महसूस होने लगा था,उसकी चूत को ऐसे बड़े लंड की आदत तो थी नही बल्कि उसके अंदर का हिस्सा तो अभी भी कुँवारा ही था.थोड़ी ही देर बाद उसे लंड की आदत पड़ गयी.ठुकराल ने 1 आख़िरी धक्का दिया & इस बार लंड जड़ तक चूत मे समा गया.उसकी झांते अब शॅरन की चूत के बाहर के हिस्से पे गुदगुदी कर रही थी.शॅरन ने बेचैन होकर ठुकराल के बदन को बाहो मे कस लिया.

ठुकराल थोड़ी देर तक तो उसके उपर लेटे हुए उसकी जंघे मोड,उसकी चूचियो को अपने बालो भरे सीने से पीसते हुए,उसकी चुदाई करता रहा मगर शॅरन की चूत ने उसे चौंका दिया था,10 साल की शादी & 1 बच्चे की मा होने के बावजूद किसी कुँवारी लड़की की तरह कसी हुई थी उसकी चूत.उसके लंड से तो वो ऐसे चिपकी थी जैसे की कॉंडम चिपकता है!ठुकराल अब जल्द से जल्द उस नाज़ुक चूत को अपने पानी से भरना चाहता था.उसने अपनी बाहे उसकी टाँगो से अलग की तो शॅरन ने झट से उन्हे उसकी कमर पे लगा दिया.ठुकराल अपने हाथो पे उचक सा गया & गहरे धक्के लगाने लगा.

शॅरन तो जैसे पागल हो गयी.वो सब भूल गयी-की वो 1 बच्चे की मा है जोकि दूसरे कमरे मे सो रहा है,उसका 1 पति भी है..उसे बस ये याद था की वो 1 औरत थी जिसके जिस्म की प्यास को ये मर्द अपने लंड से बुझा रहा था.उसे ठुकराल पे बहुत प्यार आया,जिस्मो के मिलन से ऐसी खुशी मिलती है,ये तो उसने कभी सोचा ही नही था.वो बेचैनी से उसके सीने के बालो मे हाथ फेरते हुए बहुत तेज़ आवाज़ मे आहे भारती हुई सर उठा के नीचे उसकी चूत मे घुसते-निकलते लंड को देख रही थी.ठुकराल बहुत गहरे &7 तेज़ धक्के लगा रहा था.

शॅरन को आज तक ऐसा एहसा नही हुआ था,उसकी चूत मे कुच्छ अजीब सा महसूस हो रहा था…जैसे बहुत तकलीफ़ हो मगर बहुत मज़ेदार..उसकी कुच्छ समझ मे नही आ रहा था..वो बस सारी ज़िंदगी ऐसे ही हवा मे उड़ते रहना चाहती थी…वो अजीब सा एहसास और तेज़ हो गया…,”..हहुउऊ…न्न्न…आननह….ज़ो..र से…चोदो…जाग..बीर…और…ज़ोर…से…हा..अन्न ..आइस..ए ..ऐसे…हाआंन्‍णणन्…!”,उसे कुच्छ होश नही था की वो क्या चिल्ला रही है,की उसके नाख़ून ठुकराल की पीठ छेद रहे थे…उसे बस ये होश था की उसके बदन के अंदर 1 जैसे कुच्छ बहुत मज़ेदार..कुच्छ बहुत ही खुशी देने वाला एहसास बस मिलने ही वाला है…बस थोड़ी देर और ये लंड इसी तरह उसकी चूत चोद्ता रहे…हान्णन्न्..!

ऐसी खुशी,ऐसा मज़ा उसे कभी नही हुआ था..इतनी खुशी की उसकी आँखो से आँसू निकल पड़े..ठीक उसी वक़्त उसे चूत मे कुच्छ गरम सा महसूस हुआ-ठुकराल भी झाड़ चुका था.वो अब उसके बदन पे लेट के उसके सीने पे सर रख के हाँफ रहा था.शॅरन ने प्यार से उसके सर को चूमा & बड़ी तसल्ली का भाव चेहरे पे लिए आँखे बंद कर ली.

उस रात शॅरन को एहसास हुआ कि वो आज तक कितनी बड़ी खुशी से महरूम थी.उस दिन से वो जगबीर ठुकराल की मुरीद बन गयी.उसे ठुकराल पे पूरा भरोसा था कि वो उसका काम हो जाने के बाद टोनी को रास्ते से हटा के उसे अपनी बीवी बनाएगा.बेचारी!

इस वक़्त माधो कार को ठुकराल के बंगल के अंदर दाखिल कर रहा था,”माधो.”,उसने शॅरन को कार मे बैठे रहने का इशारा किया.

“जी,हुज़ूर.”

“लगता है निचली मंज़िल पे कुच्छ लोग बैठे हैं.मैं उतरता हू,तुम मेमसाहब को लेकर बाहर जाओ,फिर उस दूसरी कार मे बिठा के बगल वाले मकान के रास्ते उपरी मंज़िल तक पहुँचा देना.”

थोड़ी ही देर बाद शॅरन ठुकराल की ऐषगाह मे अकेली खड़ी वाहा की सजावट देख रही थी,”कैसा लगा मेरी जाना हुमारा आशियाना?”,ठुकराल मुस्कुराता हुआ वाहा दाखिल हुआ.

“लगता है यहा हर रोज़ सुहाग रत मनाते थे तुम.”,शॅरन उसके करीब आ उसके कोट के बटन्स से खेलते हुए शोखी से मुस्कुराइ.

“मेरी जान!ये सारी सजावट तुम्हारे आने की खुशी मे कराई गयी है..”,ठुकराल संजीदा हो गया,”..ये सच है की अब तक मैं कोई संत नही था…ये जिस्म तो कभी-2 बेकरार हो उठता है ना!…तुमसे पहले भी मेरी ज़िंदगी मे लड़किया आई हैं मगर मेरा यकीन करो जब से तुम्हे देखा है बस तुम ही तुम इस दिल मे बस गयी हो.”,उसने शॅरन का हाथ कोट के बटन से हटा के अपने दिल पे रख दिया.

“ओह्ह…तुमने तो बात दिल पे ले ली,डार्लिंग!..मैं तो बस तुम्हे छेड़ रही थी.”,शॅरन ने उसके गाल पे चूम लिया,अपने प्रेमी को यू परेशान सा देख उसके चेहरे पे भी संजीदगी आ गयी थी.

“वादा करो,शॅरन..मुझे छ्चोड़ के कही नही जयोगी.”,ठुकराल ने उसके दोनो हाथ अपने हाथो मे ले लिए,उसकी आँखो मे वही डर था जो किसी नये आशिक़ की आँखो मे होता है क्यूकी उंहे हर वक़्त अपनी महबूबा के बिछड़ जाने का डर जो होता है.

“जगबीर…तू,म्हरी बाहो मे मैने जन्नत पाई है.मर भी गयी तो इतनी खुशी नसीब नही होगी.वादा करती हू अब तुम्हे छ्चोड़ना तो दूर..अब किसी और का ख़याल भी नही आएगा इस दिल मे.”

“श!शॅरन.”,ठुकारल ने उसे अपने सीने से लगा लिया & उसके होंठो पे वही जानी-पहचानी शैतानी मुस्कान फैल गयी.कितनी आसानी से ये चिड़िया उसके जाल मे फँस गयी थी!…ये सोचती है की वो उसे पाने के लिए टोनी को काम के बहाने रास्ते से हटाएगा,जबकि सच तो ये था की टोनी से सही ढंग से काम करने के लिए उसने इस हसीना को अपने घर मे रखा था क्यूकी वो जानता था की जब तक ये उसके पास है,टोनी भी उसकी नज़रो से ओझल नही होगा.

“डार्लिंग!तुम इतने बड़े मकान मे अकेले रहते हो?”,शॅरन ने उसके सीने पे सर रखे-2 अपनी नज़रे उपर की.

“हां,मेरी जान.बस मैं & माधो.”,ठुकराल ने अपनी रखैलो को कुच्छ दीनो के लिए बाहर भेज दिया था.अभी सबसे ज़रूरी बात थी षत्रुजीत सिंग की बर्बादी.अगर उसके लिए कुच्छ दीनो तक उसे अपनी अययाशी को कम भी करना पड़े तो उसे कोई शिकवा नही था…और फिर ऐसी मस्त,खूबसूरत बदन की मल्लिका तो थी ही उसका दिल बहलाने के लिए.

“मगर अब इस वीराने मे भी बहार आ जाएगी.”,ठुकराल ने उसे गोद मे उठा लिया & बिस्तर की ओर बढ़ गया.

पूरा लॉन किसी दुल्हन की तरह सज़ा हुआ था & बड़ी गहमा गहमी थी,होती भी क्यू ना आख़िर जायसवाल साहब की बेटी की शादी थी.कामिनी ने आज 1 काली सारी & स्लीव्ले ब्लाउस पहना था & अपने हुस्न की बिजली से उसने वाहा कयि मर्दो को अब तक घायल कर दिया था.

“हेलो,कामिनी..”,कामिनी घूमी तो देखा की षत्रुजीत सिंग नंदिता के साथ खड़ा था.

“हाई!”,उसने दोनो से हाथ मिलाया,”आप कैसी हैं,नंदिता जी?”,कामिनी को खुद पे हैरत हुई,उसे लगा था की शत्रुजीत के साथ नाता जुड़ जाने पे वो शायद नंदिता का सामना नही कर पाएगी मगर ऐसा कुच्छ नही हुआ था.

“अच्छी हू,आप कैसी हैं?”,थोड़ी देर तक कुच्छ रस्मी बात चीत के बाद दोनो आगे किसी और से मिलने को बढ़ गये.

“नमस्ते,कामिनी जी.”,इस बार जगबीर ठुकराल खड़ा था.

“नमस्ते,ठुकराल साहब.”,कामिनी ने गौर किया की ठुकराल बड़ी सफाई से फिर से उसके बदन की गोलाईयो का जायज़ा ले रहा है,उसकी चूत मे 1 कसक सी उठी…इतना तो तय था की ये आदमी 1 नंबर का आय्याश है!

जायसवाल ने सारा इंतेज़ाम 1 खुले लॉन मे किया था.मौसम खुशनुमा था & ठंडी हवा के झोंके बह रहे थे.ऐसे ही 1 झोंके ने कामिनी की सारी के आँचल को ज़रा उड़ाया तो उसका गोरा पेट नुमाया हो गया & ठुकराल की आँखे उसकी चिकने पेट से जैसे चिपक गयी.ठुकराल के दिल मे भी उस खूबसूरती की मिसाल को अपने बिस्तर मे खींच लेने की तमन्ना जाग उठी थी मगर कामिनी शरण 1 मानी हुई वकील थी,उसके साथ अगर कोई ऐसी-वैसी हरकत की तो वो फँस सकता था.

दोनो ड्रिंक्स काउंटर के पास खड़े बातें कर रहे थे की तभी काउंटर के पीछे खड़े वेटर ने कामिनी को उसका ड्रिंक लेने को कहा.कामिनी जैसे ही घूमी वैसे ही चौंक पड़ी-ठुकराल ने उसकी कमर पे हाथ फिरा दिया था.वो फ़ौरन पलटी,”माफ़ कीजिएगा..मगर ये कीड़ा आपके बदन पे चल रहा था.”,ठुकराल ने घास पे पड़े 1 कीड़े की ओर इशारा किया.

“कोई बात नही.”,कामिनी ने उसकी ओर थोड़ी कड़ी नज़र से देखा & आगे बढ़ गयी.

कहा घूम रही हो!इधर आओ..”,शत्रुजीत ने उसकी बाँह पकड़ के खींच लिया.

“क्या करते हो!कोई देख लेगा.”,लॉन काफ़ी बड़ा था & 1 कोने मे पेड़ो के झुर्मुट के साथ 1 छ्होटा सा तालाब भी बना था.कपड़े के पारटिशन से उस हिस्से को पारट वाले हिस्से से अलग कर दिया गया था & वाहा अंधेरा भी था.पारटिशन के 1 किनारे से निकल के शत्रुजीत उसे वही पेड़ो के झुर्मुट मे ले गया & उसके गले लग गया.

“कही तुम्हारी बीवी ने देख लिया तो?”,कामिनी ने उसे बाहो मे भरते हुए उसके सीने मे चेहरा छुपा लिया.जवाब मे शत्रुजीत ने कुच्छ बोलने के बजाय उसके चेहरे को उठा उसके गुलाबी होंठ चूम लिए.कामिनी को भी तो इसी बात का इंतेज़ार था,वो भी बड़ी शिद्दत के साथ उसे वापस चूमने लगी.

“नही..जीत..प्लीज़……ऊहह..!”,शत्रुजीत ने उसे चूमते हुए उसकी सारी कमर तक उठा दी थी & पीछे से ही उसकी पॅंटी मे हाथ घुसा के उसकी गंद को मसलने लगा था.वो कामिनी की गर्दन चूम रहा था.कामिनी को मज़ा तो बहुत आ रहा था मगर साथ ही किसी के देख लेने का डर भी था,उसने 15-20 फ्ट की दूरी पे लगे कपड़े के पारटिशन के पार नंदिता का अक्स देखा तो जैसे उसकी चूत की कसक दोगुनी हो उठी…शत्रुजीत की बीवी बस कुच्छ ही दूरी पे खड़ी थी,इस बात से बेख़बर की कामिनी उसके पति की बाहो मे है.उसने नंदिता की ओर देखते हुए शत्रुजीत के दाए कान पे हौले से काट लिया.

“हाई..रा..आमम..पागल हो गये हो!…नही पॅंटी नही…!”,उसकी बातो को अनसुना करते हुए शत्रुजीत ने उसकी पॅंटी खींच के उतार दी & फिर बाए हाथ से उसकी सारी को वैसे ही कमर तक उठाए हुए दाए हाथ से अपनी पॅंट की ज़िप खोल अपने लंड को बाहर निकाल लिया.

“तुम सच मे पागल हो गये हो!यहा कैसे करेंगे?!”,कामिनी फुसफुसाई.शत्रुजीत ने मुस्कुराते हुए उसे पीछे के पेड़ से सटा दिया,फिर उसे सारी पकड़ने को कहा.कामिनी के दिल मे चाहे जितना भी डर हो,उसकी चूत तो बस लंड की आस मे गीली हुए जा रही थी.

कामिनी टाँगे फैला के पेड़ से सॅट के खड़ी हुई तो शत्रुजीत ने थोडा झुक के लंड को उसकी चूत मे दाखिल करा दिया,”..उउंम्म…!”,कामिनी ने सारी थामे हुए आँखे मूंद कर, सर पीछे कर लिया.ऐसा करने से उसकी गोरी,लंबी गर्दन शत्रुजीत के सामने उभर आई.उसने अपने हाथ उसकी जाँघो के भीतर से उसकी गंद की फांको के नीचे लगाके उसे उठा लिया & फिर गर्दन चूमते हुए 1-2 धक्को मे पूरा का पूरा लंड अपनी प्रेमिका की चूत मे घुसा दिया.

कामिनी ने अपनी सारी छ्चोड़ दी & बाहे उसके गले मे डाल दी & हवा मे उठी हुई उस से चुदने लगी.उसने अपनी बाहो मे शत्रुजीत की गर्दन को कस के उसके सर पे किस्सस की बौच्हर कर दी.इस तरह खुले मे नंदिता से कुच्छ ही दूरी पे चुदने मे उसे जैसा मज़ा महसूस हो रहा था ऐसा पहले कभी नही हुआ था.

इस पोज़िशन मे शत्रुजीत का लंड उसकी चूत की दीवारो के साथ-2 उसके दाने को भी रगड़ रहा था.शत्रुजीत ने अब तक उसे काई बार चोदा था मगर हर बार वो कामिनी की चूत के कसाव से चौंक जाता था.जब वो झड़ती थी तो चूत उसके लंड को और जाकड़ लेती थी & उस वक़्त जो एहसास उसे होता था,वैसा एहसास उसे किसी लड़की के साथ कभी नही हुआ.

इस वक़्त भी वो वही महसूस कर रहा था,कामिनी झाड़ गयी थी & अपनी आहे दबाने के लिए उसना अपना चेहरा उसकी गारदन मे दबा लिया था.शत्रुजीत का लंड भी उसकी चूत की सिकुड़न को और नही झेल पाया & उसने अपना पानी छ्चोड़ दिया.

जब कामिनी थोड़ा संभली तो शत्रुजीत ने उसे नीचे उतरा,फिर दोनो ने अपने कपड़े ठीक किए & वापस पार्टी मे चले गये.लोगो के बीच घुसते ही कामिनी को ध्यान आया की पॅंटी तो वही पेड़ो के पास रह गयी…अब दुबारा जाने पे भी अंधेरे मे वो उसे कहा ढूंडती फ़िरेगी.उसने बाथरूम जाने की सोची,लॉन के किनारे 1 बिल्डिंग बनी थी जिसमे कुच्छ कमरे & बाथरूमस बने थे.तभी किसी ने कहा की बारात आ गयी तो सारे लोग लॉन के गेट की ओर जाने लगे.उसी भीड़ मे किसी ने कामिनी की बाँह थामी,”अरे करण तुम कब आए?”

“थोड़ी देर पहले.आज तो कहर ढा रही हो.”,उसने उसे सर से पाँव तक निहारा.

“अच्छा.”,शोखी से मुस्कुराती हुई कामिनी बिल्डिंग की तरफ बढ़ गयी.

“उधर कहा जा रही हो?”

“फ्रेश होने.”

“चलो मैं भी चलता हू.”

“लॅडीस बाथरूम मे?”

“हां.”

“जूते पड़ेंगे!”

“तुम्हारे लिए वो भी खा लेंगे!”,दोनो हंसते हुए बिल्डिंग मे दाखिलहो गये.1 लंबे गलियारे के दोनो ओर कमरे बने हुए थे & गलियारे के अंत मे बाई तरफ लॅडीस & दाई तरफ जेंट्स बाथरूम था.कामिनी बाई तरफ घूमने ही वाली थी कि करण ने झटके से जेंट्स बाथरूम मे खींच लिया,”क्या कर रहे हो?”

“आज बड़ी खूबसूरत लग रही हो,जानेमन!ज़रा तुम्हे ढंग से देख तो लू.”

“यहा?”

“नही यहा.”,करण ने उसे 1 टाय्लेट मे खींच कर दरवाज़ा बंद कर लिया & फिर उसे बाँहो मे भर कर उसे पागलो की तरह चूमने लगा.

“प्लीज़,करण…बाहर चलो ना.”.1 बार फिर कामिनी मदहोश होने लगी थी.करण ने पॉट की लीड गिराई & उस पे बैठ गया & कामिनी के पेट को चूमने लगा.उसकी जीभ लपलपाति हुई कामिनी की नाभि को चाटने लगी तो कामिनी का बदन फिर से मस्ती से भर गया.वो झुक कर पेट चूमते हुए करण के सर को पकड़ कर उसके बॉल खींचते हुए उसे चूमने लगी,”..पागल….कही..न्के…च..लो…बह..आर..ऊओफफफ्फ़….!”

करण ने हाथ पीछे ले जाके उसके ब्लाउस के हुक्स खोले & तेज़ी से उसके ढीले ब्लाउस & ब्रा को उपर कर दिया & मज़बूती से उसकी कमर थामे उसकी छातिया चूमने लगा.अब कामिनी बिल्कुल मदहोश हो गयी.शत्रुजीत से चुद्ते वक़्त उसके निपल्स इतने कड़े हो गये थे की उनमे दर्द होने लगा था.करण की ज़ुबान अभी जैसे मरहम का काम कर रही थी.करण के हाथ उसकी कमर से नीचे आ उसकी सारी उठा रहे थे.कामिनी ने आँखे खोली तो देखा की करण की खुली पॅंट मे से उसका लंड झाँक रहा है.उसने कब पॅंट खोली मदहोशी की वजह से उसे पता भी ना चला.

करण ने सारी उठाई तो पाया की कामिनी ने पॅंटी ही नही पहनी है,”वेरी गुड!”,वो उसकी तरफ शरारत से मुस्कुराया & उसकी कोमल गंद को सहलाते हुए 1 उंगली उसकी चूत से लगा दी जहा की कामिनी & शत्रुजीत का मिला-जुला पानी अभी भी मौजूद था,”वाउ..तुम इतनी गीली हो.”,करण की उंगली भीग गयी थी.उसने फ़ौरन कामिनी की कमर को पकड़ कर अपने उपर आने का इशारा किया.कामिनी फ़ौरन उसकी गोद मे बैठने लगी,”..ऊवन्न्न्नह…”,जैसे-2 वो बैठ रही थी,वैसे-2 करण का लंड उसकी चूत मे घुस रहा था.जैसे ही लंड पूरा गया कामिनी ने उच्छल-2 कर चुदाई शुरू कर दी.करण उसकी कमर को थामे उसकी पीठ सहलाता हुआ उसकी चूचिया चूसने लगा.

कामिनी आहे भरते हुए उसके सर को अपने सीने से जकड़े बस उच्छले जा रही थी…ऐसे किसी पब्लिक प्लेस मे जहा की पकड़े जाने का डर हो,वाहा चुदाई करने मे इतना रोमांचित कर देने वाला मज़ा आएगा उसे तो अंदाज़ा ही नही था!करण भी अब नीचे से अपनी कमर हिला रहा था.कामिनी की चूत का तो हाल बुरा था,अचानक कामिनी ने करण को कस के जाकड़ लिया तो करण भी उसकी बाई चूची को मुँह मे भर कर लगातार चूसने लगा,उसकी कमर भी अपनेआप झटके खा रही थी.दोनो 1 साथ झाडे & कामिनी की चूत मे अब उसके पानी के साथ-2 शत्रुजीत & करण-दोनो का पानी मिल गया.

थोड़ी देर तक दोनो वैसे ही बैठे 1 दूसरे को चूमते रहे,फिर उठ कर अपने कपड़े ठीक किए & करण ने सावधानी के साथ दोनो को वाहा से बाहर निकाला.ख़ैरियत थी की उनकी चुदाई के बीच किसी ने भी बाथरूम इस्तेमाल नही किया नही तो दोनो ज़रूर पकड़े जाते.बाहर से बंद का शोर आ रहा था,लग रहा था की बारात दरवाज़े पे आ गयी है.

दोनो बिल्डिंग से बाहर निकल ही रहे थे कि दोनो मिसेज़. & मिस्टर.चंद्रा से टकरा गये,”अरे कामिनी,कैसी हो?”

“ठीक हू आंटी.आप कैसी हैं?”,कामिनी ने दोनो को प्रणाम किया & फिर करण से मिलवाया.करण उनसे मिलकर पार्टी मे वापस चला गया,”अरे कामिनी बाथरूम किधर है?”,मिसेज़.चंद्रा ने पूचछा.

“आइए आंटी,मैं दिखाती हू.”

“अच्छा हुआ तुम मिल गयी.हम दोनो बाथरूम ही ढूंड रहे थे.”,चंद्रा साहब ने उसकी तरफ हसरत भारी निगाहो से देखा.मिसेज़.चंद्रा थोड़ा आयेज चल रही थी.इसी बात का फयडा उठा के चंद्रा साहब ने कामिनी की गंद को दबा दिया.कामिनी ने उन्हे बनावटी गुस्से से देखा & फिर मिसेज़.चंद्रा को लड़ीसे बाथरूम मे ले गयी.अंदर मिसेज़.चंद्रा जैसे ही 1 टाय्लेट मे घुसी रेस्टरूम का दरवाज़ा खुला & चंद्रा साहब अंदर घुस आए & कामिनी को बाहो मे भर लिया,”.प्लीज़..सर..यहा नही..कही आंटी ने देख लिया तो ग़ज़ब हो जाएगा!”

“उसे बहुत टाइम लगता है,मेरी जान!..और आज तुम इतनी कमाल लग रही हो..फिर इतने दीनो से अपने सर से मिलने भी नही आई इसकी सज़ा तो तुम्हे मिलनी ही चाहिए..”,वो फुसफुसते हुए उसके चेहरे,होंठो & गले को चूमते हुए उसकी गंद दबा रहे थे.

“..उउंम्म..क्या करती?आंटी के होते कैसे आऊँ!..आप ही आ जाते मेरे घर..मैं तो अकेली रहती हू..”,कामिनी की बात से चंद्रा साहब और जोश मे आ गये.उन्होने कामिनी को घुमाया & उसकी सारी उठाने लगे,”नही..सर…आंटी..”,वो इतना ही कह पाई क्यूकी उसकी सारी उठा के चंद्रा साहब ने जीभ उसकी चूत से लगा दी थी,”..तुम तो अभी से ही इतना पानी छ्चोड़ रही हो,कामिनी.”,वो उठ खड़े हुए-उस बेचारे को क्या पता था कि ये सिर्फ़ कामिनी का ही नही शत्रुजीत & करण का भी पानी था.

कामिनी वॉशबेसिन के दोनो तरफ हाथ रख के खड़ी थी..पहले शत्रुजीत,फिर करण..& अब चंद्रा साहब-उसका बदन तो आज जैसे मस्ती से बाहर ही नही आने वाला था.चंद्रा साहब ने उसकी सारी को उसकी कमर तक उठा के अटकाया & तुरंत अपना लंड निकाल कर कामिनी की चूत मे घुसा दिया.चूत इतनी गीली थी की लंड सरर से अंदर चला गया,”..ऊओवव..!”

“क्या हुआ कामिनी?”,टाय्लेट के अंदर से मिसेज़.चंद्रा की आवाज़ आई.चंद्रा साहब झुकी हुई कामिनी के उपर अपनी छाति उसकी पीठ से सताए झुक के बाए हाथ से उसकी कमर & दाए हाथ से उसकी चूचियो को पकड़ कर उसकी कनपटी चूमते हुए बड़ी तेज़ी से उसे चोद रहे थे.

“कुच्छ नही..आंटी.1 चूहा अचानक आ गया था..अब अपने बिल मे चला गया.”,उसने सामने लगे शीशे मे अपने गुरु को देख कर उन्हे चूमने का इशारा किया.कामिनी की नशीली आँखे,मस्ती भरे चेहरे के साथ ऐसी हरकत ने चंद्रा साहब को पागल कर दिया.उन्होने उसका चेहरा घुमा कर उसके होंठो को अपने होंठो की क़ैद मे ले लिया & ऐसे धक्के मारे की कामिनी को भी शक़ हो गया की ये बुद्धा आदमी सच मे बुद्धा है भी या नही!आज दूसरी बार कामिनी 1 मर्द से उसकी अंजान बीवी की मौजूदगी मे चुद रही थी.इस ख़याल ने उसकी मस्ती और बढ़ा दी.उसने 1 नज़र टाय्लेट के बंद दरवाज़े पे डाली & दूसरी शीशे मे दिख रहे अपने आशिक़ पे & उनके लंड का लुत्फ़ उठाने लगी.

उसकी चूत का हाल बाद से बदतर हो गया..वो ज़्यादा देर तक चंद्रा साहब के लंड को बर्दाश्त नही कर पाई & झाड़ गयी.चंद्रा साहब को भी जल्दी थी,उन्हे भी डर था की कही उनकी बीवी बाहर ना आ जाए.उन्होने जल्दी-2 कुच्छ तेज़,गहरे धक्के लगाके अपनी शिष्या की चूत को अपने पानी से भर दिया.

जब मिसेज़.चंद्रा बाहर आई तो कामिनी अकेली वाहा उनका इंतेज़ार कर रही थी & चंद्रा साहब वापस पार्टी मे जा चुके थे.

Please complete the required fields.




Leave a Comment

Scroll to Top