नीरा–आइ लव यू भैया आप दुनिया के सब से अच्छे भाई हो…और रूही दीदी दुनिया की सब से अच्छी बहन….में आज बेहद खुश हूँ भैया थॅंक यू वेरी मच.
और फिर वो मुझ से लिपटकर मेरे पूरे मुँह पर किस करने लग जाती है तभी अचानक वो मेरे होंठो पर भी किस कर देती है….
मुझे एक ज़ोर दार झटका लगता है उसके किस करने से , नीरा भी ये बात समझ चुकी थी कि उस से ग़लती हो गयी है.
वो मुझ से अलग होजाति है और तभी रूही बोल पड़ती है.
रूही–नीरा तो बिल्कुल गधि है कोई ऐसे किस करता है क्या देख तो सही क्या हाल किया है इसके चेहरे का पूरे चेहरे पर तूने अपनी लिपस्टिक चिपका दी है…
में बताती हूँ किस कैसे करते है फिर रूही भी मेरे पूरे चेहरे पर अपनी लिपस्टिक चिपका देती है और हँसने लग जाती है जबकि में ये समझ नही पा रहा था कि ये अचानक हो क्या रहा था.
में–तुम दोनो मुझे समझ क्या रखा है….जब मन करा मेरे चेहरे पर अपनी लिपस्टिक से पुताई कर देती हो.
मेरा ये कहता हुआ और दोनो जंगली बिल्लियो की तरह मुझ पर टूट पड़ती है मेरा पूरा चेहरा उन लोगो ने अपनी लिपस्टिक से रंग दिया था.
में–खीजते हुए ये क्या पागल पन है तुम दोनो मेरा सेक्षुयली हरासमेंट कर रही हो थाने में जा कर तुम दोनो के खिलाफ एफआइआर कर्वाउन्गा में.
तभी नीरा बोलती है.
नीरा–भैया ज़्यादा मत बोलो अभी तो बस सेक्षुयल हारेसमेंट किया है ज़्यादा बोलोगे तो हम दोनो मिलकर आपका रेप भी कर सकते है
में-इधर आ रेप की बच्ची .
फिर में भाग कर उसे पकड़ लेता हूँ और उसको अपनी गोद में उठा कर नदी में फेक देता हूँ….
फिर रूही की तरफ़ बढ़ता हूँ और उस से कहता हूँ तुझे भी करना है मेरा रेप ….वो बचकर भागने लगती है और में उसके पीछे भागने लग जाता हू और जैसे ही में रूही को पकड़ता हूँ मेरा हाथ सीधा रूही के बूब्स पर पड़ जाता है एक तरह से अंजाने में रूही का पूरा बूब पकड़ लेता हूँ और…उसको भी गोद में उठाकर नदी में फेक देता हूँ.
में–गर्मी निकली या दुबारा से पानी में गिरने का इरादा है.
तभी मुझे कोई धक्का दे देता है और में भी पानी में गोते लगाने लग जाता हूँ जब बाहर देखता हूँ तो मम्मी और भाभी दोनो खिल खिला कर हंस रही होती है. मम्मी इस समय किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी उन्होने एक स्किन टाइट जीन्स और एक शानदार एमब्राय्डरी करी हुई शॉर्ट कुरती पहन रखी थी और ये कपड़े भाभी के थे जो उन्होने कॅंप में जाकर चेंज कर लिए थे मम्मी किसी भी सूरत में भाभी से कम नही लग रही थी….
भाभी ने आज एक ग्रीन साड़ी और बॅक लेस ब्लाउस डाला था.
तभी मम्मी भाभी को भी धक्का दे देती है भाभी सीधा मेरे उपर आकर गिरती है.,
पानी में गिरने की वजह से उनकी साड़ी पानी के उपर ही रह जाती है और पानी के अंदर वो सिर्फ़ पैंटी में ही होती है उनको संभालने के चक्कर में मेरा हाथ पानी के अंदर उनकी जाँघो से होता हुआ उनकी चूत तक पहुँच जाता है …और में घबरा कर अपना हाथ हटा लेता हूँ और भाभी अपनी साड़ी पानी के अंदर ठीक करने लगती है.
फिर मम्मी भी पानी में कूद जाती है और हम सब घंटो उस शीतल नदी में मस्ती करते रहते है….
हम लोग अब पानी में से निकल गये… मेने देखा रूही की निपल उसके कपड़ो में से भी नज़र आ रही थीं. मेने अपना ध्यान वहाँ से हटाया और कॅंप की तरफ़ चलने लगा . कॅंप में पहुँचने के बाद हम सब ने अपने कपड़े बदल लिए …और हम लोग आपस में बाते करने लगे तभी रिजोर्ट की गाड़ी हमे आती हुई दिखाई दी …
उस में से 2 आदमी उतरे और एक टॅबेल वहाँ लगा दी फिर वो गाड़ी में से खाना उतारने लग गये थे.
उसके बाद उन में से एक आदमी वहाँ पड़ी लकड़ियाँ जलाने लग जाता है.
और पूरी तरह से कॅंप फाइयर का महॉल तैयार हो जाता है फिर एक आदमी मेरी तरफ़ बढ़ता है और कहता है.
आदमी–सर ये वाइयरलेस अपने पास रखिए आप लोगो को किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो आप हमे बता देना ,
और आपने नदी तो आज देख ही ली होगी आज…और कल आपको यहाँ से इस दिशा में 2 किमी जाना पड़ेगा वहाँ एक छोटा सा झरना है उसे देख कर आप लोगो को आनंद आज़ाएगा.
मैने उसे थॅंक्स कहा और 500 का एक कड़कता हुआ नोट उसे दे देता हूँ. वो खुशी खुशी वहाँ से चला जाता है.
उसके बाद में झरने वाली बात सब से छुपा कर रखना चाहता था क्योकि कल में सब को वो दिखा कर सर्प्राइज़ देना चाहता था.
हम सभी ने खाना खाया और आग के चारो तरफ़ पड़े कुछ पत्थरों पर बैठ गये.
मम्मी–वाह मज़ा आगया इस तरह से जीने का एक अलग ही मज़ा है.
नीरा–अब तो आप हमे कभी नही रोकोगि ना.
मम्मी–रोकने का सवाल ही पैदा नही होता में तो खुद तुम लोगो के साथ चलूंगी.
भाभी मेरे सामने की तरफ़ बैठी थी पानी के अंदर जब से वो घटना हुई उसके बाद से भाभी ने मुझ से बात नही करी थी.
रूही–भाभी क्या बात है आप इतना चुप चुप क्यों हो आपको ये जगह पसंद नही आई क्या.
भाभी–अरे नही रूही ऐसी कोई बात नही है यहाँ तो इतना सुकून है कि दिल करता है यहीं एक छोटा सा घर बना कर रहने लगूँ.
नीरा–तब तो हमे भी आपके घर में रहने दोगि ना भाभी…और हँसने लगती है.
भाभी–हाँ हाँ क्यो नही और वैसे भी तू तो पढ़ाई की चोर है तेरा तो पढ़ाई से पीछा ही छूट जाएगा.
नीरा–ऐसे बात नही है भाभी…में जब स्कूल में होती हूँ तो मेरा सारा ध्यान बस पढ़ाई में ही होता है…लेकिन जब में आप लोगो के साथ होती हूँ ख़ास कर मेरे स्वीट से भैया के साथ तब मुझे पढ़ाई वधाई कुछ याद नही रहता..
रूही–हँसते हुए ….चलो बहुत हो गयी बाते अब एक गेम खेलते है ट्रूथ आंड डेर.
फिर हम पाँचो उस टॅबेल को बीच में रख देते है और वहाँ पड़ी एक केचप की बॉट्टेल टॅबेल पर आधी रख देते है.
रूही–जिस किसी के भी सामने इस बॉट्टेल का मुँह होगा उसको एक टास्क दिया जाएगा ट्रूथ और डेर में से और टास्क देने वाला वो होगा जो बॉट्टेल के पीछे खड़ा होगा.
फिर रूही ने वो केचप की बोटल घुमाई तो उसका मुँह रूही और भाभी के बीच में हो गया
इस लिए बोटल को रूही ने फिर से घुमाया इस बार बोटल का मुँह मेरी तरफ़ था और बोटल के पिछे रूही खड़ी थी.
रूही—ज़ोर ज़ोर से हँसते हुए…..में काफ़ी दिनो से इसी दिन की तलाश में थी आज में वो पता लगा कर रहूंगी जो किसी ने आपसे नही पूछा, अगर पूछा भी होगा तो आप हमेशा टाल जाते हो. आपका टास्क है ट्रूथ और सवाल भी में ही पूछूंगी. आप हम सब में से किस को अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करते हो …याद रखना सवाल का जवाब आपको पूरी ईमानदारी से देना होगा और अगर आप जवाब ना देना चाहो तब भी हम ये गेम जारी रख सकते है लेकिन फिर इसको खेलने का कोई मतलब नही निकलेगा.
में– कुछ सोचते हुए…मेरे लिए तो सभी लोग मेरी जान से भी अज़ीज है लेकिन एक सच्चाई एक और भी है….में नीरा और आपके लिए किसी की जान ले भी सकता हूँ.
उसके बाद सब मुझे देखने लग जाते है .
महॉल सीरीयस होता देख भाभी बोलती है इस बार में बोतल घुमाती हूँ और सब अपनी अपनी जगह बदल लेते है..बोतल रुकते ही बोतल का मुँह नीरा की तरफ़ था और सवाल पुछ्ने वाली भाभी थी….
भाभी–तो मेडम नीरा जी आपसे सवाल ये है कि वैसे तो हम सब जानते है कि आप सब से ज़्यादा प्यार किस को करती हो..लेकिन में तुम्हे डेर का टास्क दूँगी ताकि तुम मुझे खुद अपने बारे में बताओ.
नीरा–ये क्या है भाभी ऐसा भी कोई करता है क्या फिर भी में खुद ही सच बता देती हूँ.
सच ये है कि में कभी चाहती ही नही हूँ कि में कभी भी मेरे परिवार को एक मिच्योर्ड लड़की के रूप में दिखूं..में हमेशा अपने परिवार के लिए अपने भाई के लिए एक मासूम बच्ची बनी रहना चाहती हूँ..में कभी नही चाहती कि इनका ध्यान मेरी तरफ़ से कभी हटे …जैसे एक छोटे बच्चे का ध्यान पूरा परिवार रखता है में चाहती हूँ वैसे ही पूरा पटिवार मेरा ध्यान रखता रहे और मुझे प्यार करता रहे.
मम्मी–घर जाने के बाद मेरे साथ किचन में हाथ बटाना चालू कर देना अब से बहुत हो गया लाड प्यार…
और हम सब ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते है और मम्मी नीरा को प्यार से गले लगा कर उसके माथे को चूम लेती है.
अब हम लोगो ने फिर से अपनी अपनी जगह चेंज कर ली थी. इस बार मैने बोतल घुमाई और बोतल का मुँह भाभी की तरफ था और बोतल के पीछे मम्मी खड़ी थी.
मम्मी–नेहा तू मेरी बहू है और में चाहती हूँ तू खुद ही अपना टास्क चुन ले.
भाभी–मम्मी में डेर चुनना चाहूँगी.
मम्मी आपको पता है ही कि शादी से पहले में एक डॉक्टर थी खूबसूरत होने के साथ साथ में अपने हुनर में भी माहिर थी इस वजह से जब मेरी शादी हो गयी और मैने मेकप करना शुरू कर दिया तो लोगो की गंदी नज़रे मुझ पर पड़ने लग गयी थी (ये बात उन्होने मेरी तरफ़ देख कर कही थी) और इसीलिए मैने वहाँ से रीजाइन कर दिया था क्योकि में राज और मेरे बीच किसी को भी आते बर्दाश्त नही कर सकती थी.
इसी बात पर हम सभी तालिया बजाने लगते है और रूही भाभी को गले लगा लेती है.
हम लोग फिर से अपनी अपनी जगह चेंज कर लेते है.
बोतल फिर से घूमने लगती है और जब रुकती है नीरा की खुशी का कोई ठिकाना नही होता.
बोटल का मुँह मम्मी की तरफ़ होता है और बोतल के पीछे खड़ी नीरा ज़ोर ज़ोर से उच्छल रही होती है.
नीरा–आप का टास्क है ट्रूथ…और मेरा सवाल है जब भी में आपको ये कहती हूँ के आप मुझे मंदिर के बाहर से उठा कर लाई हो तब आप गुस्सा क्यों हो जाती हो….क्या आप मुझे या हम तीनो में से किसी को बाहर से उठा के लाई हो……
मम्मी का चेहरा बिल्कुल उतर गया था.उनकी आँखो में भी आँसू भर गये थे फिर वो कुछ कहती है.
मम्मी–नीरा से….तू मेरे प्यार का इस तरह से फ़ायदा उठाएगी मुझे अंदाज़ा नाही था…मैने तुझे हज़ार बार कहा है तू मुझ से ऐसी बाते मत कर, लेकिन तू मानती नही है. शायद मेरी जान लेकर ही तुझे समझ में आएगा कि में तुम लोगो से कितना प्यार करती हूँ. अब काफ़ी हो गया तुम्हारा खेल में जाकर सो रही हूँ …तुम लोगो को जो करना है वो करो. और रोती हुई कॅंप के अंदर चली जाती है.
में नीरा को घूर कर देखता हूँ तो उसकी आँखो में से भी आँसू छलक जाते है. फिर में भागकर अंदर कॅंप में जाता हूँ मम्मी के पास जो अंदर बैठी बैठी सूबक रही थी.
में अंदर जाते ही उनको अपने गले से लगा लेता हूँ और मेरे गले से लगते ही वो फुट फुट कर रोने लगती है और कहने लगती है…तू मेरा बेटा है में कही से नही लाई तुझे तू मेरा बेटा है….
मुझे उनकी बात समझ में नही आरहि थी.. में उनके आँसू पोछते हुए कहता हूँ.
में–मम्मी आप रोना बंद करो मुझे बहुत ज़्यादा घबराहट हो रही है…उस का छोटा सा मज़ाक आप को इतना दुख देगा इसका मुझे अंदाज़ा नही था आप प्ल्ज़ रोना बंद करो.
अब में भी उनके साथ रोने लग गया था फिर में बोलता हूँ आपने मेरी कसम खाई थी आप कभी भी हमारे लिए खुद को तकलीफ़ नही दोगि. अगर ऐसे ही रोटी रहोगी तो मुझे मरा मान लेना.
मेरी ये बात सुनते ही मम्मी मेरे मुँह पर हाथ रख देती है और कहती है तुझे मेरी भी उमर लग जाए मेरे बच्चे …में कभी नही रोउंगी लेकिन तू नीरा को समझा दे मुझ से ऐसी बात ना करे.
में–में उसे अभी समझाता हूँ और डाट भी लगाता हूँ
तभी रूही भी अंदर आजाती है और मम्मी के पास जाकर बैठ जाती है. और में बाहर चला जाता हूँ मम्मी रूही से कुछ बोलती है.
मम्मी–रूही तू तो सब जानती है तू ही फ़ैसला कर तुम चारो में मैने कभी कोई अंतर रखा है…तुम सब को मैने बराबर प्यार दिया फिर नीरा को ऐसा क्यो महसूस होता है कि हम तुम मे से किसी को उठा कर लाए है .
रूही–मम्मी बीती हुई बातो को भूल जाओ उनको याद करने से सिर्फ़ तकलीफे ही मिलेंगी हमारी खुशहाल ज़िंदगी में ऐसा तूफान आएगा कि सब तहस नहस हो जाएगा.बस आप इन बातो को मत दोहराओ ये राज बस हम 4 लोगो को ही पता और ये हमारे दिलो में ही दफ़न रहना चाहिए.
………………………………..
उधर में नीरा के सामने कॅंप में खड़ा था और नीरा लगातार रोए जा रही थी.
में–नीरा ये क्या बदतमीज़ी है तूने क्यो मम्मी का दिल दुखाया.
नीरा–भैया में पहले ये बात उनसे मज़ाक में बोला करती थी लेकिन उनका रियेक्शन पहले भी ऐसा ही रहता था …में जब भी उन से ये सवाल करती थी वो बुरी तरह से भड़क जाती थी मुझे लगा आज सही मोका है ये जानने का वो ऐसा क्यो करती है.वो ये भी तो कह सकती थी कि तुम लोगो को कोई कही से नही लाया तुम सब मेरे ही बच्चे हो.
में–नीरा मुझे गुस्सा मत दिला मेरा दिमाग़ वैसे ही खराब हो रखा है और ये फालतू की बात को बंद कर , और जाकर मम्मी से सॉरी बोल.
और फिर में उठ कर बाहर निकल जाता हूँ.
नीरा भी मेरे जाते ही मम्मी के कॅंप में चली जाती है.
में चलते चलते नदी के किनारे आकर बैठ जाता हूँ…आज से पहले इतना दुख मैने कभी नही देखा था मेरी मम्मी मेरे सामने बेबस रो रही थी और में कुछ नही कर सकता था…..
में नदी किनारे बैठा अविरल बहती उस जल धारा को पूरे ध्यान से देखे जा रहा था नदी का कल…कल..बहता शीतल जल दिमाग़ के साथ मेरे दिल को भी सुकून पहुचा रहा था . लेकिन मेरी आँखो से भी एक धारा बहने लगी थी..ये आँसू उस दर्द के लिए थे जो मैने अपनी माँ के चेहरे पर देखा था.,,, कितना दर्द झलक रहा था उनके चेहरे से, आज कितना खुश थी वो हमारे साथ लेकिन ये खुशी भी ज़्यादा देर नाही ठहर सकी.
में इसी सोच में डूबा हुआ था तभी किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.
जब मैने पलट कर देखा तो वहाँ नेहा भाभी खड़ी थी और एक टक मुझे ही देखे जा रही थी उनको इस तरह देख के में फुट फुट कर रोने लगा.
भाभी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया और मेरे सिर में प्यार से हाथ फेरने लगी . मेरे आँसू लगातार बहे ही जा रहे थे….उन्होने मुझे खुद से अलग किया और मेरी आँखो में आए आँसू पोछने लगी.
भाभी—जय मत रो अगर तू ही रोने लग जाएगा तो हम सब को कौन संभालेगा , मम्मी को कौन संभालेगा मत रो…जय मत रो..
लेकिन मम्मी का नाम सुनते ही मेरा रोना और बढ़ गया और साथ में हिचकिया भी आने लगी थी…
भाभी मेरी हालत देख कर काफ़ी ज़्यादा परेशान हो गयी थी..
उन्होने मेरा चेहरा अपने उभारों में दबा लिया और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी लेकिन जब उन्हे लगा कि इस से भी मेरा रोना बंद नही हो रहा तो उन्होने वो कर दिया जो में सोच भी नही सकता था.
उन्होने मेरे सिर के बाल पकड़ कर एक नज़र मेरे चेहरे पर डाली
फिर मेरे होंठो पर किस करने लग गयी वो मेरे होंठो को चूसे जा रही थी उन्होने मेरा एक हाथ अपनी कमर पर रख दिया और जिस हाथ से उन्होने मेरे बाल पकड़ रखे थे…उस हाथ से मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर अपने उभारों पर रख दिया…
ये मेरे लिए काफ़ी ज़्यादा शॉकिंग था वो मेरे हाथ को पकड़ कर अपने बोबे मसलवा रही थी मुझ से और मेरे होंठो को लगातार चूसे जा रही थी …मेरा रोना अब रुक गया था…और में भी उनके साथ किस में साथ देने लग गया
जैसे ही उनको पता चला के मेरा रोना बंद हो गया है और में काफ़ी ज़ोर से उनके बोबे दबा रहा हूँ तो वो एक दम से मुझ से दूर हट जाती है और हाफने लगती है… में जैसे ही उनको बाहो में भरने के लिए आगे बढ़ता हूँ वो मेरे सीने पर अपनी हथेली रख कर मुझे वही रोक देती है और कहती है….
भाभी–जय बस अब रुक जाओ, मैने ये सब तुम्हें उस दौरे से बाहर निकालने के लिए किया था ….और कुछ नही.
हमारे बीच जो कुछ भी हुआ. वो बस तुम्हे उस दुख के पल से बाहर निकालने के लिए मैने किया था..
हमारे बीच अब भी वही पुराना मारियादा का रिश्ता है और कुछ. नही…में तुमहरे भैया से अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ ….इसलिए अपने मन में कोई ग़लत फ़हमी मत रखना. अब चलो यहाँ से और भूल जाना के कभी ऐसा कुछ हमारे बीच में हुआ था……
में और भाभी कॅंप के पास पहुँच गये…मम्मी वाले कॅंप में अभी भी रूही और नीरा बैठी थी.
मुझे देखते ही रूही खड़ी हो गयी और कहने लगी.
रूही–कहाँ चला गया था तू बिना बताए . हम लोगो को तेरी चिंता हो गयी थी…वो तो अच्छा हुआ जो भाभी ने तुझे नदी की तरफ़ जाते हुए देख लिया.
में–कुछ नही दीदी आज थोड़ा सा मन खराब हो गया था…आप अब कहाँ जा रही हो.
रूही–में और भाभी दूसरे वाले कॅंप में ही और तुम तीनो इस वाले कॅंप में रहोगे.
इतना बोलकर वो कॅंप से बाहर चली गयी.
मम्मी–में थोड़ी देर बाहर ही हूँ जब तक तुम दोनो सोने की तैयारी करो…
इतना कह कर मम्मी भी बाहर चली गयी.
अंदर में और नीरा थे नीरा बड़ी मासूमियत से मुझे देखे जा रही थी.
नीरा–भैया मुझे से आप नाराज़ हो.
में–क्यो में क्या किसी से नाराज़ नही हो सकता.
नीरा–भैया मुझे माफ़ कर दो में अब कभी भी मम्मी का दिल नही दुखाउंगी.
में–देख नीरा मेरा अभी मूड बिल्कुल खराब है और में नही चाहता में तुझसे कुछ भी ग़लत कह दूं.
नीरा–भैया आप कुछ भी कर सकते हो आप चाहो तो मुझे थप्पड़ भी मार सकते हो.
लेकिन प्ल्ज़ मुझ से नाराज़ मत होना.
मैने नीरा की इस बात का कोई जवाब नही दिया और अपनी टी शर्ट खोल कर बेग में से मेरा नाइट सूट निकालने लग जाता हूँ.
तभी अचानक तडाक एक ज़ोर दार आवाज़ मुझे सुनाई देती है और एक और तडाक की आवाज़ आती है.
वो आवाज़ नीरा की थी वो खुद के गालो पर बेरहमी से चाँटा मार रही थी .
मैने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और कहने लगा.
में—ये क्या कर रही है तू पागल तो नही होगयि है.
नीरा–हाँ में पागल हो गयी हूँ…आप सब के प्यार में पागल हो गयी हूँ…आप लोग मेरी ग़लती पर मुझे सज़ा भी नही देते….मुझे जो चाहे वो सज़ा दे दो बस मुझ से नाराज़ मत हुआ करो. मुझे माफ़ कर दो भैया मुझे माफ़ कर दो…और ये कह कर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है…
में तुरंत उसे अपने सीने से लगा लेता हूँ तब जाकर वो रोना थोड़ा कम करती है.